सोमवार को खुला रहेगा उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन स्थल पर एग्जीबिशन एरिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में एफ.आर.आई स्थित “उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट” के आयोजन स्थल पर “एग्जीबिशन एरिया” रविवार को स्कूली छात्रों और आम जनता के लिए खुला रहा। यह स्थल सोमवार 11 दिसंबर को भी स्कूली छात्रों और आम जनता के लिए खुला रहेगा।

रविवार को बड़ी संख्या में एफ.आर.आई पहुँचे छात्र-छात्राओं और आम जनता को विभिन्न स्टाल्स का भ्रमण कर उत्तराखण्ड के दो दशक की विकास यात्रा को करीब से जानने का अवसर प्राप्त हुआ।

स्टाल्स पर जहां एक ओर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, एरोमा पार्क, प्लास्टिक पार्क, फूड पार्क, वेलनेस पार्क, टिहरी डैम समेत विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई है, वहीं उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों, हस्तकला, हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी लगाई गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में एमओयू के ग्राउंडिंग पर सरकार का फोकस

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन समापन के बाद मीडिया सेंटर में सचिव मुख्यमंत्री, डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम और सचिव उद्योग डॉ विनय शंकर पांडेय ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया तीन माह पूर्व शुरू हुए “डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड” अभियान में सरकार द्वारा देश के विभिन्न महानगरों समेत विदेश में भी चार रोड शो आयोजित किए गए। जिसमें आजतक 3 लाख 50 हज़ार करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त निवेशकों द्वारा दो दिन के समिट के दौरान बेहद उत्साह दिखाया गया। समिट में 20 से अधिक देशों के ब्रांड एंबेस्टर/ प्रतिनिधि/ उद्योगपति मौजूद रहे। सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम् ने बताया कि इस समिट के दौरान रू0 44 हज़ार करोड़ की ग्राउंडिंग अब तक हो चुकी है जो कि अब तक किसी भी वित्तीय वर्ष में सबसे बड़ा ग्राउंडिंग का आँकड़ा है। सचिव डॉ. सुंदरम् ने बताया कि जो प्रोजेक्ट ग्राउंड हुए हैं उनमें मैन्यूफ़ैक्चरिंग, ऊर्जा, हॉस्पिलिटी और रियल एस्टेट के सेक्टर प्रमुख रूप से हैं। उन्होंने बताया कि बताया मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में पहले दिन से ही सरकार का ग्राउंडिंग पर फोकस था। निवेशकों द्वारा दो दिन के समिट के दौरान बेहद उत्साह दिखाया गया।

सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सरकार का “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट” के आयोजन को लेकर जहां एक ओर निवेश पर फोकस था वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रोज़गार सृजन भी प्राथमिकता थी, प्रदेश सरकार इस दिशा में बहद सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इन एमओयू की ट्रैकिंग के लिए उद्योग मित्रों की भी नियुक्ति कर रही रही है। यह उद्योग मित्र बाक़ी एमओयू की ग्राउंडिंग में निवेशकों और सरकार के बीच सेतु के रूप में कार्य करेंगे।

सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने समस्त मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी 10 और 11 दिसंबर को भी थ्त्प् में स्कूली छात्रों और आम जानता के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का एक्सीबिशन एरिया खुला रहेगा। इस अवसर पर सूचना विभाग के विभिन्न अधिकारी मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे।

चेन्नई सुपरकिंग्स के होम ग्राउंड में मुख्यमंत्री धामी ने निवेश की पारी में जोड़े 10150 करोड़ के एमओयू आकड़ा, 64725 करोड़ के पार

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चेन्नई में रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई औद्योगिक संगठनों के साथ 10150 करोड़ के निवेश करार सफलतापूर्वक किए।जिसमें इन्फिनिटी ग्लोबल 4000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जुलाई वेंचर्स 1000 करोड़ रुपये का निवेश और क्षणा ग्रुप कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। सर्वाेदय ग्रुप ऑफ होटल्स भी अपनी विस्तार योजनाओं के लिए 1000 करोड़ का निवेश करेगा।

इसके अतिरिक्त, क्राफ्ट स्मिथ इंडिया 1000 करोड़ रुपये का निवेश, जबकि एसआरएम यूनिवर्सिटी ने 600 करोड़ का एमओयू किया। रेफेक्स ग्रुप ने 500 करोड़ रुपये के निवेश पर मोहर लगाई, और इन्फ्ला मोवी ग्रुप ने 250 करोड़ के निवेश की हामी भरी। इसके अलावा, अपोलो अस्पताल ने 500 करोड़ का निवेश करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। टीपीसीआइ के साथ 200 करोड़ व मिलटेक्स ग्रुप के साथ 100 करोड़ के एमओयू किए गए।अब तक कुल मिलाकर 64,725 करोड़ के एमओयू हो चुके हैं।

ये निवेश उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य, शिक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों विकास के अवसरों को जन्म देगा। अपोलो अस्पताल के साथ एमओयू होने पर विशेष रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं को आगे बढ़ाने में प्रदेश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस रोड शो ने व्यवसायों को जुड़ने और साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान किया जो उत्तराखंड को आर्थिक विकास में योगदान देगा।

’तमिलनाडु और उत्तराखंड का अनूठा संगम’

रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए तमिलनाडु और उत्तराखंड के बीच आध्यात्मिक संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के रामेश्वरम और उत्तराखंड के केदारनाथ में प्रतिष्ठित भगवान शिव के पवित्र प्रतीक ज्योतिर्लिंग की उपस्थिति दोनों राज्यों के निर्मल संगम को प्रदर्शित करती है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड और तमिल संगम के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर इस आध्यात्मिक संबंध को पोषित और मजबूत किया जाएगा। इस साझेदारी का उद्देश्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान, धार्मिक तीर्थयात्रा और अन्य संयुक्त पहल को सुविधाजनक बनाना होगा जो दोनों क्षेत्रों के बीच संबंधों को गहरा करेगा।

उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों के लोगों के बीच आपसी समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए, इन साझा आध्यात्मिक विरासतों को संरक्षित करने और मनाने के महत्व पर जोर दिया। मुख्यमंत्री धामी ने जोश और उत्साह के साथ दोनों राज्यों के लाभ के लिए तमिलनाडु और उत्तराखंड के बीच इस अनूठे संबंध को और विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।इस साझा विरासत से उत्साहित होकर, उन्होंने आध्यात्मिक रूप से जुड़े इन राज्यों के बीच अधिक एकता और समझ को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने का संकल्प लिया।

फार्मा हब के तौर पर विकसित हो रहा है उत्तराखंडः ताजबर सिंह

देहरादून। उत्तराखंड औषधि निर्माण में देश का प्रमुख हब बनने की दिशा में है। प्रदेश सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट के माध्यम से फार्मा सेक्टर को भी प्रोत्साहन दे रही है। नई औद्योगिक नीति के कारण मिले अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ा है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह के अनुसार फार्मा कंपनियों का कारोबार लगातार बढ़ रहा है। विभाग का प्रयास है कि इन कंपनियों में उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाएं निर्मित हों और साथ ही देश में कंपनियों की दवाओं का शेयर भी बढ़ें ताकि प्रदेश को अधिक राजस्व और रोजगार मिल सकें। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया प्रदेश में मुख्य तौर पर हरिद्वार, सेलाकुई और पंत नगर में ड्रग्स निर्माता फार्मा कंपनियां हैं। प्रदेश में कुल 249 फार्मा कंपनियां हैं। देश में निर्मित होने वाली कुल दवाओं के उत्पादन में उत्तराखंड का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है।

निवेश और रोजगार की असीम संभावनाए
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह के मुताबिक उत्तराखंड के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2022 के दौरान फार्मा सेक्टर में लगभग 15 हजार करोड़ का कारोबार किया। अहम बात यह है कि इसमें से 1150 करोड़ रुपये की दवाएं निर्यात की गयी। प्रदेश में फार्मा सेक्टर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोग जुड़े हैं। इस सेक्टर में निवेश और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।

एकल खिड़की योजना का मिल रहा फायदा
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया औद्योगिक नीति के चलते उत्तराखण्ड राज्य फार्मा हब के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य में औषधि निर्माता फर्मों के लिए सहज वातावरण है। औद्योगिक नीति के तहत एकल खिड़की योजना के अन्तर्गत उद्योगों की कंसेंट औश्र अनापत्ति प्रमाणपत्रों के आवेदन एवं निस्तारण किये जाते हैं। प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण, संसाधन, सुविधाएं और माहौल है। प्रदेश में मानकों के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण औषधियों का निर्माण हो, इसके लिए औषधि नियंत्रण विभाग सतर्क है और समय-समय पर दवाओं की गुणवत्ता और मानकों की जांच करता है।

सब जोन ऑफिस उत्तराखण्ड में स्थापित
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा सरकार के प्रयासों से निर्माता फर्मों के आवेदनों के निस्तारण हेतु केन्द्रीय औषधि मानक संगठन के सब जोन ऑफिस उत्तराखण्ड में स्थापित करवाया गया है। फार्मा कंपनियों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया होने के कारण आवेदन की जटिलता को समाप्त किया गया है तथा उच्च गुणवत्ता की दृष्टि से समस्त अनुज्ञप्तियां भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त निरीक्षण उपरान्त ही जारी किये जा रहे हैं, जिससे किसी प्रकार की अनियमिताएं न रहें।

शिकायत के लिए बना है टोल फ्री नंबर
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा दिसम्बर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट में फार्मा सेक्टर को बहुत सी उम्मीदें हैं। प्रदेश में औषधि विभाग से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त किये जाने एवं किसी प्रकार की शिकायत के लिए टॉल फ्री नं. 1800 180 4246 उपलब्ध है। औषधियों के निर्धारित मूल्य पर विक्रय किये जाने के लिए यूकेपीएमआरयू सोसायटी की स्थापना भारत सरकार के निर्देशों पर किया गया है। जिसका लाभ आम जनमानस को मिल रहा । इस सम्बन्ध में टॉल फ्री नं0 1800 180 4249 भी चालू कर दिया गया है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा सामान्यतः दुरूपयोग होने वाली मनःप्रभावी औषधियों पर नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा समस्त औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों पर एक समय पर भण्डारण किये जाने की मात्रा निर्धारित की गयी है।