उत्तरकाशी के साल्ड गांव में जगन्नाथ मंदिर का होगा पुनरुद्धार, धर्मेंद्र प्रधान ने बताया दिलचस्प किस्सा

सोशल मीडिया आजकल कई ऐसी धरोहर को हमारे सामने लाने का काम करता है, जिनके बारे में हमें अधिक पता नहीं होता. कुछ ऐसा ही उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में हुआ,यहाँ के साल्ड गांव में जगन्नाथ मंदिर में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर का अब विकास होगा. दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आज उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान इस मंदिर का जिक्र किया. उन्होंने बताया की कैसे उन्हें ओड़िशा की अभिनेत्री सब्यसाची और अर्चिता से इस मंदिर के बारे पता चला.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया दिलचस्प किस्सा-
दरअसल साल भर पहले उड़ीसा के एक व्यक्ति जनार्दन महापात्र देहरादून गए थे. अपनी बेटी की एडमिशन का वहां दाखिला कराना था. इस दौरान उन्हें जगन्नाथ मंदिर की तलाश थी. इसी क्रम में वह उत्तरकाशी के मान्यता
12 वी सदी के जगन्नाथ मंदिर में गए. इसके बाद उन्होंने सब्यसाची और अर्चिता को बताया. उन्होंने जब इसको लेकर ट्वीट किया तो इसपर मेरा धर्मेंद्र प्रधान का ध्यान गया. उन्होंने इस संदर्भ में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी से बात की. आज केंद्रीय मंत्री वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान सीएम पुष्कर धामी ने इस परिसर को विकसित करने की बात कही है ,यह एक भारत श्रेष्ठ भारत का बेहतर उदाहरण है !
प्रधानमंत्री मोदी अपने उत्तराखंड दौरे पर कह चुके हैं, ‘यह दशक उत्तराखंड का होगा !
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को परिवार सहित महाप्रभु जगन्नाथ पुरी ओड़िसा दर्शन के लिए आंमंत्रित किया’
प्रधानमंत्री मोदी अपने उत्तराखंड दौरे पर कह चुके हैं, ‘यह दशक उत्तराखंड का होगा।

श्री रीठा साहिब गुरूद्वारा दरबार में मात्था टेक सीएम ने की प्रदेश की खुशहाली की कामना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में जोड़ मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के श्री रीठा साहिब पहुचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने श्री रीठा साहिब गुरुद्वारा दरबार मे मत्था टेक कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री ने श्री रीठा साहिब में आयोजित जोड़ मेले की सभी को लख-लख बधाइयां देते हुए कहा की मेरी प्रार्थना है कि यह मेला सभी के जीवन में नव तरंग, नव उमंग और नवसृजन लेकर आए। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज मुख्य सेवक के रूप में रीठा साहिब जैसे पवित्र स्थल पर अरदास करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में कहा गया है कि जितने बैसन साध जन, सो थान सुहन्दा अर्थात जहाँ महापुरुषों के चरण पड़ते हैं वह स्थान तीर्थ बन जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, बताया जाता है कि वर्ष 1501 में श्री गुरु नानक देव जी अपने शिष्य मरदाना के साथ रीठा साहिब आए तो इस दौरान उनकी मुलाकात सिद्ध मंडली महंत गुरु गोरखनाथ के शिष्य ढेरनाथ से हुई। जब गुरु नानक महाराज और ढेरनाथ के बीच लंबा संवाद चल रहा था, तभी शिष्य मरदाना को भूख लगी। जब भोजन ना मिला तो फिर निराश होकर श्री गुरु नानक देव के पास पहुंचा। गुरु नानक देव ने शिष्य के सामने रीठे के पेड़ को छूकर खाने का आदेश दिया। रीठा कड़वा होता है, जानकर भी मरदाना ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए जैसे ही एक रीठे को खाया, रीठे के फल को मीठा पाया। तब से इस स्थान का नाम रीठा साहिब पड़ गया और तभी से यहां पर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भी मीठा रीठा बांटा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रीठा साहिब ऐसा दिव्य स्थान है जहां गुरुनानक देव ने सत्संग कर कड़वे रीठे में मिठास भर कर दुनिया को प्रेम, सेवा व समर्पण का संदेश दिया था। जैसी अनुभूति आप सभी को कार सेवा के समय होती है, वैसी ही अनुभूति आज मुझे ‘जोड़ मेले’ में आप सबके बीच उपस्थित होकर हो रही है। उन्होंने कहा कि आज इस पवित्र अवसर पर आप सभी लोगों के द्वारा मुझे दिया गया सम्मान मेरे लिए महज सम्मान नहीं, बल्कि हमारी सांझी संस्कृति के तेज, त्याग और तपस्या का प्रसाद है, यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि प्रदेश की समस्त जनता का सम्मान है। उन्होंने कहा कि मैं आज इस सम्मान को, इस गौरव को गुरु नानक देव जी के चरणों में समर्पित करता हूँ एवं गुरुनानक साहब जी के चरणों में नमन करते हुए नम्रतापूर्वक यही प्रार्थना करता हूँ कि मेरे भीतर का सेवाभाव दिनों दिन बढ़ता रहे और उनका आशीर्वाद ऐसे ही मुझ पर तथा प्रदेश की सवा करोड़ जनता पर बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के मेले हमारी लोक संस्कृति और लोक परंपराओं को बढ़ावा देने का काम करते हैं। पहले जब संचार और परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, तो इन मेलों और त्यौहारों के द्वारा ही मित्रों और सगे- संबंधियों से मुलाकात संभव हो पाती थी। गुरुनानक देव जी की शिक्षाओं में ‘इक ओंकार सत नाम’ का मूल मंत्र गहन प्रेरणा देने वाला है। भलाई के मार्ग पर चलने के साथ-साथ करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली उनकी शिक्षाएं सारी मानव जाति का मार्गदर्शन करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी के ‘नाम जपो, कीरत करो’ के संदेश में उनकी सभी शिक्षाओं का सार है। उनकी पवित्र शिक्षाएं समस्त मानवजाति के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं तथा समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि गुरु महाराज के पवित्र उपदेश बंधुता और सौहार्द की भावना के साथ ही हमें जीवन को सकारात्मक रूप से जीने की प्रेरणा भी देते हैं। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को आत्मसम्मान पर आधारित जीवन जीने का बोध कराया है तथा भारतीय समाज और संस्कृति को एक नयी ऊर्जा और चेतना दी। उनका आध्यात्मिक दर्शन व्यक्ति को सेवा भाव के लिए प्रेरित करने वाला है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की ऐसी पवित्र शिक्षाओं के प्रचार और प्रसार के लिए उत्तराखण्ड की धरती समर्पित है। देवभूमि उत्तराखण्ड की यह पवित्र धरती गुरु परम्परा की समृद्ध थाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी के इस चमत्कारिक शक्ति केन्द्र रीठा साहिब के अलावा गुरु गोविंद सिंह जी की दिव्य तपस्थली हेमकुंट साहिब, नानकमत्ता साहिब और गुरु परम्परा के अनेक पवित्र स्थल इस उत्तराखण्ड की धरती पर गुरु महाराज की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में स्थित इन पवित्र सिक्ख तीर्थ स्थानों पर मत्था टेकने की हर संगत की आस होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय में स्थित गुरुओं के पावन द्वार हेमकुंट साहिब की यात्रा का संकल्प लेकर भी अनेक स्थानों से हर साल बड़ी संख्या में संगत हेमकुंट साहिब की यात्रा पर उत्तराखण्ड आती है। उन्होंने कहा कि पहले हेमकुंट साहिब की यह यात्रा कठिन लगती थी पर अब पहाड़ों पर सड़कों के विस्तार हो जाने से सुविधाजनक हो गयी है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए प्रसन्न्ता का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हेमकुंट साहिब तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा हैं। अब दुनियाभर से सिक्ख श्रद्धालु हेमकुंट साहिब के दर्शन सुविधापूर्वक कर पायेंगे। यह प्रधानमंत्री जी के ही कुशल नेतृत्व का प्रतिफल है कि आज करतारपुर कॉरिडोर प्रारंभ करने जैसा कठिन कार्य पूर्ण हो पाया और सिख समाज की जो वर्षों पुरानी मुराद थी वो पूरी हो पाई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ओर जहां 26 दिसंबर को गुरू गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को याद करने के लिए पहली बार ‘वीर बाल दिवस’ मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। वहीं दूसरी ओर गुरू तेग बहादुर जी की जयंती पर सूर्यास्त के बाद लाल किले से जनता को संबोधित कर इतिहास रचने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि आज हम सब इस पावन पर्व पर गुरुओं की पवित्र शिक्षाओं पर अटूट श्रद्धा और दृढ़ विश्वास के साथ पवित्र परम्पराओं को आगे बढाने का संकल्प लें, साथ ही गुरु महाराज के बताये गये मार्ग पर न्यायपूर्ण, समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज के सपने को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित करने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को लेकर निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे इस संकल्प की पूर्ति में प्रदेश की जनता का सहयोग हमें इसी प्रकार मिलता रहेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रीठासाहिब में लधिया नदी में मोटर पुल के निर्माण की घोषणा की गई। गुरुद्वारा में मत्था टेकने के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने उससे लगे गुरु गोरखनाथ मन्दिर में भी दर्शन कर आशिर्वाद लिया तथा प्रदेश की सुख-शांति की कामना की।
इससे पूर्व जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गाज चन्योली पहुँचने पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान वहां आयोजित कार्यक्रम में नंदा कान्वेंट पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा स्वागत गीत गाकर मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, चाहे वह फलों के क्षेत्र में हो, साइंस सिटी के क्षेत्र में हो या शिक्षा आदि के क्षेत्र में हो। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जनपद का सुदूरवर्ती क्षेत्र भी हर क्षेत्र में विकास की धारा से जुड़े और पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुचें। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को रखा गया। मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं पर आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों एवं समस्याओं के समाधान के लिये शीध्र प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर कार सेवा प्रमुख बाबा बचन सिंह, बाबा सुरेन्द्र सिंह,बाबा तरसेम सिंह जी, गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह, बाबा जसविंदर सिंह, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, जिलाध्यक्ष भाजपा निर्मल महरा, देश विदेश से आए श्रद्धालु, विभिन्न जनप्रतिनिधि सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

श्री हेमकुंट साहिब तथा लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट खुले

प्रसिद्ध गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब की यात्रा आज से शुरू हो गयी है। आज प्रातरू दस बजे श्री ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के उदघोष के बीच गुरूद्वारा श्री हेमकुंट साहिब के द्वार खुल गये है। कपाट खुलने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने अरदास की तथा गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया।

इस अवसर पर गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब ट्रस्ट के पदाधिकारी गण तथा हजारों श्रद्धालुगण मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हेमकुंट साहिब के लिए भी श्रद्धालुओं हेतु पंजीकरण अनिवार्य है मार्ग में अभी भी बर्फ जमी है सेना ने बड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंट साहिब तक पहुंचने का मार्ग बनाया है।
17 मई बुधवार को हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरूमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंज प्यारों तथा निशान साहिब को रवाना किया था। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल गुरू द्वारा श्री हेमकुंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेन्द्र जीत सिंह बिंद्रा, सरदार सेवा सिंह आदि मौजूद रहे। बीते शुक्रवार को जत्था घांघरिया पहुंचा था तथा आज सुबह घांघरिया से कपाट खोलने हेतु हेमकुंट पहुंच गया।

हेमकुंट साहिब के निकट आज ही प्रसिद्ध श्री लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट भी खुल गये है।

आखिर पेटीएम से कौन करा रहा है डिजिटल दान, होगी एफआईआर

केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर में कई स्थानों पर दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड लगाने के मामले में बीकेटीसी ने पुलिस को तहरीर दी है। समिति का कहना है कि मंदिरों में दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड बीकेटीसी की ओर से नहीं लगाए गए थे।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ये बोर्ड लगाए गए थे। मामला बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर उसी दिन बोर्ड उतार दिए गए थे। बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से इस मामले की छानबीन की।

इसके बाद रविवार को केदारनाथ मंदिर अधिकारी ने केदारनाथ पुलिस चौकी और बदरीनाथ में प्रभारी अधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है। अजेंद्र ने यह भी बताया कि बीकेटीसी की ओर से वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है।

बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, पीएम मोदी के नाम हुई पहली पूजा

भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 7ः10 बजे शुभ मुहूर्त पर ब्रह्म बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है। इस मौके पर पहली पूजा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।

कपाटोद्घाटन के साक्षी बनने के लिए हजारों संख्या में श्रद्धालु धाम मौजूद थे। आज सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी, श्री उद्वव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हकह कुमारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वी.सी. ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन हेतु राज्य सरकार ने तमाम व्यवस्थाएं की हैं।

हल्की बर्फबारी व बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा से श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।

कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, एसडीएम कुमकुम जोशी, ईओ सुनील पुरोहित आदि सहित मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी, सदस्य, हक हकूकधारी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों में भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भू-बैकुण्ठ धाम के आसपास तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड, शेष नेत्र झील, नीलकण्ठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मन्दिर तथा देश के प्रथम गांव माणा, भीम पुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है।

कब कितने यात्री पहुंचे बद्रीनाथ
विगत वर्षों में लाखों श्रद्वालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके है। पिछले आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048051, वर्ष 2019 में 1244993 तथा वर्ष 2020 में 155055 श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुॅचे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 197997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ पहुॅचे। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 1763549 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। इस बार शुरुआत में ही रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ बडी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुँच रहे है।

राज्य के लिए उत्सव है चार धाम यात्राः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएसबीटी, ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित “ऋषिकेश से चारधाम यात्रा – 2023“ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने चार धाम जा रहे श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं यात्रा हेतु श्रद्धालुओं से भरी बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हंस फाउंडेशन द्वारा चालकों, परिचालकों एवं श्रद्धालुओं हेतु दी जा रही राहत किट का वितरण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा हेतु आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि बाबा केदार, बद्रीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री से प्रार्थना करता हूँ कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी चारधाम यात्रा हर्षाेल्लास एवं धूमधाम से सकुशल संपन्न हो। उन्होंने कहा हमें पूर्ण विश्वास है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी। राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। हमारा प्रयास रहेगा कि जो भी श्रद्धालु, यात्रा खत्म होने के उपरांत अपने घर लौटे वह देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों को साथ लेकर जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड राज्य के लिए एक उत्सव है। उन्होंने कहा देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इससे राज्य में रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं। इस वर्ष अभी तक 16 लाख लोगों द्वारा यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम, सुरक्षित शत प्रतिशत हो। 2022 में यात्रा खत्म होते ही सरकार 2023 की यात्रा की तैयारियों में जुट गई थी। चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान की विशेष कृपा होती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केदारनाथ का भव्य एवं दिव्य पुनर्निर्माण कार्य हुआ है साथ ही इस वर्ष से श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ धाम में भी मास्टर प्लान के कार्य दिखेंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने हेमकुंड साहिब एवं गौरीकुंड से केदारनाथ तक के रोप-वे का शिलान्यास कर दिया है इससे आने वाले समय में यात्रा और ज्यादा सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण से पहले के मुकाबले आज यात्री बेहद कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की चिंता करना सरकार का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति श्रद्धालुओं को यात्रा संपन्न कराने में अपना सहयोग प्रदान करती हैं। जो कि अत्यधिक सराहनीय है। उन्होंने कहा राज्य सरकार का प्रयास है कि जब श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आएं तो उन्हें हर सुख सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे भविष्य में बार – बार उत्तराखंड आने का मन बनाएं, जिससे हमारे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल सके। इस बार सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत में “हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा“ करने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा में लगे सफाई कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा में तैनात रहने वाले प्रत्येक पुलिस के जवान और प्रशासनिक अधिकारी से अपील करते हुए कहा कि हम सभी अपने स्तर में सर्वश्रेष्ठ कार्य करें। जिससे यात्रा में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का सामना न करना पड़े। आपसी सहयोग और भगवान के आशीर्वाद से हम सभी इस बार की यात्रा को भी सुरक्षित संपन्न कराने में सफल रहेंगे।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु हमारे परिवार समान हैं। आप सबकी सुगम यात्रा हो यह हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा प्रत्येक निकाय/ पालिका में रेन बसेरा एवं शौचालय में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वह जहां भी विश्राम करें एवं भोजन करें वहां से बिल अवश्य लें। साथ ही स्थानीय उत्पादों की अधिक से अधिक खरीदारी करें।
हंस फाउंडेशन की संरक्षक माता मंगला जी ने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार से समन्वय बनाकर हंस फाउंडेशन द्वारा चार धाम के प्रत्येक पड़ाव में विभिन्न प्रकार के सेवा कैंप लगाए गए हैं। चार धामों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार विभिन्न स्थानों पर हंस फाउंडेशन के सेवकों की तैनाती की गई है। उन्होंने श्रद्धालुओं से यात्रा के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह भी किया।
इस दौरान हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, संजय शास्त्री, मनोज ध्यानी, जितेंद्र सिंह, विभिन्न राज्यों से चार धाम हेतु आए श्रद्धालु एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी ने बदरीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान का निरीक्षण किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित बदरीनाथ दौरे को लेकर बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सभी कार्यक्रमों की तैयारियों को देखने के साथ ही सीएम ने बदरीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। बदरीनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ मास्टर प्लान का कार्य जोर शोर पर चल रहा है।

बदरीनाथ पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बहुआयामी निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। सीएम धामी ने प्रधानमंत्री के भ्रमण से पूर्व बुधवार को बदरीनाथ में संचालित मास्टर प्लान के विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बदरीनाथ पहुंचने पर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने स्वागत किया। आज सुबह बदरीनाथ दर्शनार्थ और यहां चल रहे बदरीनाथ मास्टर प्लान कार्यों का निरीक्षण करने आये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बीकेटीसी अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने स्वागत किया। समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार भी मौके पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी से भी भेंट की। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को बदरीनाथ केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं और इस यात्रा सीजन ने अब तक रिकार्ड संख्या में आते यात्रियों की संख्या और अन्य जानकारियां दीं।

केदारनाथ पहुंचे सीएम ने श्रद्धालुओं से की वार्ता, साधु संतों से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर बाबा केदार से प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ में पधारे साधु-संतों से भेंट भी की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत श्री केदारनाथ में हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा के अन्दर पूर्ण किये जाएं। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं से बातचीत भी की।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित को निर्देश दिये कि यह प्रयास किये जाएं कि श्री केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचने वाले 15 से 20 हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन ठहरने की उचित व्यवस्था रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालु देवभूमि का अच्छा संदेश लेकर देश-दुनिया में जाएं, इसके लिए श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास सरकार द्वारा किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य एवं दिव्य केदारपुरी का निर्माण हो रहा है। श्री केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ एवं गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर अध्यात्म एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत अनेक कार्य किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अजय सेमवाल, दिनेश उनियाल जिला अध्यक्ष भाजपा, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, विनोद राणा सदस्य जिला पंचायत कालीमठ, अध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी, विनोद शुक्ला, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा में अभी तक लगभग आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे

अभी तक आठ लाख लोग चार धाम के दर्शन कर चुके है। लाखों लोगों ने दर्शन हेतु चारधामों के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है अभी तक मई माह तक रजिस्ट्रेशन के स्लॉट पूरे हो गये है। 22 मई से श्री हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट खुल रहे है। सभी तीर्थों में व्यवस्थायें अनुकूल रहे इसके लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सरकार ने निर्धारित की हुई है।
विगत 19 मई को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचप्यारों के साथ श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को ऋषिकेश से श्री हेमकुंट साहिब के लिए रवाना कर दिया।
20 मई को पहला जत्था गुरूद्वारा गोविंद घाट पहुंचा। आज जत्था हेमकुंट के लिए प्रस्थान होकर घांघरिया पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी तीर्थ यात्री सकुशल तीर्थयात्रा करें यह उनकी प्राथमिकता में है। विगत दिनों कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को श्री केदारनाथ यात्रा तथा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम यात्रा हेतु यात्रा पर्यवेकक्षण का प्रभार दिया गया ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी स्तर पर दिक्कत न हो।
पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे है। सरकार का प्रयास है की श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा तीर्थयात्रियों को धामों में सरलता- सुगमता से दर्शन हो इसके लिए समिति ने अपने स्तर पर प्रयास किये है।
धर्मस्व- तीर्थाटन सचिव हरिचंद सेमवाल ने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण के आदेश दिये गये है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के निर्देशन में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा निरंतर आन लाईन एवं आफ लाईन रजिस्ट्रेशन/ काउंटरों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार के निर्दैश पर चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन ने ऋषिकेश बस अड्डे पर यात्री हेल्प डेस्क यात्रियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सभी जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, मंदिर समितियों द्वारा संबंधित धामों राज्य चिकित्सा विभाग सहित सभी विभागों के आपसी तालमेल से चारधाम यात्रा संचालित हो रही है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ सहित हेली एंबुलेंस की भी सुविधायें दी जा रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ द्वारा 20 मई रात्रि तक के चारधाम दर्शन हेतु पहुंचे यात्रियों के आंकड़े जारी किये हैं बताया कि अभी तक आठ लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। विस्तृत विवरण निम्नानुसार है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022
दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 20 मई शाम तक 240064
2- श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 20 मई शायं तक 269169
3-श्री गंगोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 149856
4-श्री यमुनोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 116753
20 मई तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 509233
मई तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 266609
20 मई रात्रि तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 775842 ( सात लाख पिचहत्तर हजार आठ सौ बयालीस ) इस तरह आज शाम तक चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या आठ लाख से अधिक हो जायेगी।
बताया गया है कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन के सहयोग से जारी किये जा गये है।