38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में अगले वर्ष राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयोजन तिथियों, आयोजन स्थलों, खेल के आयोजनों के साथ ही राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में व्यापक विचार विमर्श हुआ।

बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्य, मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधु अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, एस. एन. पाण्डेय सहित खेल विभाग तथा भारतीय एवं उत्तराखण्ड ओलंपिक संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे। निदेशक खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आयोजन व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अगले वर्ष 2024 में अक्टूबर-नवंबर में 38वें राष्ट्रीय खेलों तथा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार हल्द्वानी, नैनीताल रुद्रपुर एवं गूलरभोज में निर्धारित आयोजन स्थलों पर खेलों के आयोजन पर सहमति व्यक्त करते हुए इस आयोजन को भव्यता एवं गरिमा के साथ आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इसके लिए उच्चाधिकार समिति (एच.पी.सी.) का भी गठन किया जाए जो आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं जरूरतों का ध्यान में रखते हुए त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन की भांति यह आयोजन भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हो इसका ध्यान रखा जाए इसमें राज्य की देश में बेहतर पहचान बनेगी तथा राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में राज्य के परम्परागत खेलों को भी शामिल करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए अभी से वातावरण के सृजन पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि गत वर्ष गुजरात एवं इस वर्ष गोवा में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों के आयोजन व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया जाए ताकि व्यवस्थायें और बेहतर हो सके पर्यटन के साथ राज्य की संस्कृति के प्रचार प्रसार का यह आयोजन माध्यम बने इस पर भी ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए राज्य स्तरीय खेलों का भी आयोजन राष्ट्रीय खेलों से पहले किया जाए। राज्य के जो खिलाड़ी दूसरे राज्यों की ओर से खेल रहे है उन्हें भी राज्य की ओर से खेलने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में तैयार की गई नई खेल नीति का भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यह नीति राज्य के युवा खिलाड़ियों के व्यापक हित में तैयार की गई है इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ हर संभव सुविधा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने खेल नीति से सम्बन्धित सभी सुविधाओं का लाभ खिलाड़ियों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

राज्य में जनसंवाद पर आधारित विकास मॉडल तैयार करने का हमारा प्रयासः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड / 25 बोधिसत्व विचार मंथन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने खिलाड़ियों एवं खेल से जुड़े लोगों से संवाद करने के साथ ही उनके विचार भी सुने तथा उन्हें सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जनसंवाद पर आधारित विकास का मॉडल तैयार करने का हमारा प्रयास है। इसी को ध्यान में रखते हुए बजट की रूप रेखा तैयार करने में जन सुझावों के साथ बोधिसत्व विचार श्रृंखला में प्राप्त सुझावों को भी इसमें शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य खेलों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाये, खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिले इसके लिये खेल नीति तैयार की गई है। हमरा प्रयास है कि खेलों का भी रोड मेप भी तैयार हो खेलों की बेहतरी तथा खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिये खेल नीति में और संशोधन किये जाने की जरूरत होगी तो की जायेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर खेलों के विकास के सम्बन्ध में हर तीन माह में समीक्षा की जायेगी तथा खिलाड़ियों से संवाद कर उनकी समस्याओं का निराकरण किये जाने के भी प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो लोग खेलों से जुड़े है वे अच्छा कार्य कर रहे हैं, 2025 में खेलों में भी उत्तराखण्ड आदर्श बने इसके लिये भी प्रयास किये जायेंगे। हमारे राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नही है, यहां का वातावरण लगभग सभी खेलों के लिये अनुकूल है। उन्होंने कहा कि सामान्य परिस्थिति में जीवन यापन करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की समस्याओं से वे अवगत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देवभूमि के निवासी है। धर्म अध्यात्म एवं योग की हमारी भूमि है। हम जहां भी है राज्य हित में अपना श्रेष्ठ देने का कार्य करें। सरकार साझीदार तथा सहयोगी के रूप में सबके साथ खड़ी है। सभी के सहयोग से हमें उत्तराखण्ड को आदर्श एवं विकसित राज्य बनाना है।

कार्यक्रम के संयोजक दुर्गेश पंत ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के उद्देश्य से 27 अक्टूबर 2021 से शुरू किये गये इस बोधिसत्व कार्यक्रम में सर्वप्रथम मा० प्रधानमंत्री जी व भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व समस्त सलाहकार तथा देश के वैज्ञानिक संस्थानों के प्रमुखों एवं शीर्षस्थ वैज्ञानिकों, योजनाकारों तथा विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस कार्यक्रम के तहत अभी तक 05 बड़े व 08 छोटे संगोष्ठियां सहित कुल 13 संगोष्ठियां की जा चुकी है।

इस अवसर पर जिन्होंने अपने विचार रखे उनमें शुटींग खिलाड़ी जसपाल राणा, बालीवाल खिलाड़ी अरूण कुमार सूद, एथलेटिक्स खिलाड़ी गुरूफूल सिंह, मनीष सिंह रावत, प्रो0 ए.एस.सजवाण, सुखबीर सिंह, गोल्फ खिलाड़ी डॉ. हाविश कुमार, यशौदा कर्णवाल, पर्वतारोही लवराज धर्मशक्तु, बास्केट बॉल खिलाड़ी शिवम आहुजा, तीरंदाजी से रामेश प्रसाद, बाक्सिंग खिलाड़ी नवीन चौहान, क्रिकेट खिलाड़ी प्रजींद्र सिंह एवं लियाकत अली खां तथा ऑनलाईन माध्यम से बैडमिंटन खिलाडी लक्ष्य सेन, चिराग सेन, डी.के.सेन, एसोसियेट प्रो0 डॉ. सीपी भाटी, सुखबीर सिंह, बीएचयु से प्रो. बी सी कापरी, कोच इंडियन वुमैन बॉक्सिंग भास्कर भट्ट, पर्वतारोही शीतल राज, ऑलमपियन मनीष रावत, मनोज सरकार, हॉकी खिलाड़ी राजेंद्र सिंह रावत, एथलेक्टिस सीएस नेगी आदि थे।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, निदेशक खेल जी.एस.रावत, पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल उपस्थित थे।

युवा मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं के लिए लागू की नई खेल नीति

उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए धामी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। बीते मंगलवार को उत्तराखंड कैबिनेट उत्तराखंड खेल नीति 2021 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नई खेल नीति में खेल एवं खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को तलाशने के साथ ही खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पूर्व मुख्यसेवक के रूप में ज़िम्मेदारी लेते ही खेल और खिलाड़ियों की सुविधाओं को प्राथमिकता से अपने एजेंडे में शामिल किया था।
मुख्यमंत्री ने कई बार सार्वजनिक सभाओं में कहा था कि खिलाड़ियों को जब तक सुविधाएँ नहीं मिलेंगी तब तक कैसे वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे? इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए नई खेल नीति को लागू करने की क़वायद शुरू की गई और महज चार महीने में नई खेल नीति तैयार कर लागू भी कर दी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई खेल नीति को लेकर कहा है कि ’नई खेल नीति आगामी ओलंम्पिक में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का गोल्ड मेडल का सफर तय करेगी।’ मुख्यमंत्री ने बताया कि नई खेल नीति में खिलाड़ियों की फ़िट्नेस, जनरल डाइट के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स, फूड डाइट की व्यवस्था भी रखी गई है। इतना ही नहीं प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए रोजगार के अवसर और इससे सम्बंधित सुविधाएं देने का प्रावधान इस नई नीति में किया गया है। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार, प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं में नेशनल-इंटरनेशनल लेवल की स्किल डेवलपमेंट करने हेतु आर्थिक प्रोत्साहन देने की भी व्यवस्था की गई है।
वहीं, खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय का कहना है कि उत्तराखंड खेल नीति 2021 प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास व उन्नयन हेतु उत्कृष्ट एवं प्रभावी है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक कल्चर से प्रभावित बच्चों और युवाओं को पुनः खेलों के प्रति प्रेरित कर प्ले फील्ड कल्चर की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि युवा मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटे हैं। इससे पूर्व खेल अवस्थापन सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रदेश में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, हर ज़िला मुख्यालय पर “खेलो इंडिया” स्तर की सुविधा और हर ग्राम पंचायत में ओपन जिम विकसित करने की ओर प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा अलिम्पियन वंदना कटारिया, पेरालम्पियन मनोज सरकार समेत कई खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।

धामी सरकार की खेल नीति और कैबिनेट के निर्णय

शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट निर्णयों की जानकारी दी।
उत्तराखण्ड खेल नीति को मंजूरी।
उत्तराखण्ड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन एवं पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लि. के अंतर्गत निर्मित होने वाले 66 के.वी. एवं इससे अधिक क्षमता वाले पारेषण लाईनों हेतु मुआवजे के लिये भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप मूल्य भूमि का 15 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के रूप में देने का निर्णय।
न्याय विभाग के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं इंटरनेट सुविधाओं से सुसज्जित विशेष मोटर वाहनों के माध्यम से सचल न्यायालय इकाइयों द्वारा उत्तराखण्ड के न्यायालयों में साक्ष्य इत्यादि अभिलिखित करने की योजना को मंजूरी।
राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत आवंटित खाद्यान्न पर राशन विक्रेताओं का लाभांश 18 रू. प्रति कुन्तल से बढ़ाकर 50 रू. प्रति कुंतल किया गया।
उत्तराखण्ड वन विकास निगम में स्केलर संवर्ग में 2 वर्ष का दैनिक श्रम की अवधि की सेवा को ए.सी.पी के अंतर्गत जोड़ने का निर्णय लिया गया।
वर्ग 3 भूमि के पट्टेदारों/कब्जेधारकों तथा वर्ग 4 भूमि के अवैध कब्जेधारकों में से अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं बीपीएल परिवारों को 3.125 एकड़ भूमि को निःशुल्क विनियमितीकरण को मंजूरी।
उत्तराखण्ड मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सोप स्टोन पाउडर पर लागू करने का निर्णय।
राज्य के पर्वतीय भागों में पर्याप्त पार्किंग स्थान उपलब्ध कराने के लिये टी.एच.डी.सी इण्डिया लि. को लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी सेवाओं के लिये प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के तहत मंजूरी।
श्री बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत प्रभावित होने वाली भूमि, भवन, लॉज आदि भूमि एवं भवन स्वामियों की सहमति के आधार पर प्रतिकर दिये जाने का निर्णय।
युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल राजपत्रित सेवा नियमावली संशोधन को मंजूरी।
सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 की धारा 5 क में संशोधन का निर्णय।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में नॉन बॉण्डेड छात्रों के लिये एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में
शुल्क निर्धारण वर्तमान वर्ष से मंजूरी।
उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विभाग टेक्नीशियन (लैब, ओटी, डेंटल इत्यादि) संवर्ग सेवा नियमावली संशोधन को मंजूरी।
उत्तराखण्ड अपर निजी सचिव चयन में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था/विश्वविद्यालय से एक वर्षीय कम्प्यूटर पाठ्यक्रम के प्रमाण पत्र की शर्त समाप्त।
उत्तराखण्ड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इनवेसमेंट नीति – 2021 को मंजूरी।
उत्तराखण्ड मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी 2014 संशोधन की मंजूरी।
प्रत्येक जनपद के न्याय पंचायत में मधुग्राम स्थापना के लिये एपिस सेरेना इण्डिका के 25 मौनपालकों को 20-20 तथा तराई/मैदानी न्याय पंचायतों में एपिस मैलीफेरा के 20 मौनपालकों को 25-25 मौनवंश एवं मौनगृह तथा प्रत्येक मधुग्राम में 500-500 मौनवंश एवं मौनगृह वितरित किये जायेंगे।
केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत प्रायोजित विभिन्न निर्माण कार्यों निविदा कार्यों में शिथिलीकरण को मंजूरी।
उत्तराखण्ड आबकारी प्रीमियम रिटेल वैण्डस शॉपिंग मॉल्स/डिपार्टमेंटल स्टोर/हवाई अड्डा में स्थित दुकान के अनुज्ञापन का व्यवस्थापन नियमावली 2021 को मंजूरी।
दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना में 33 प्रतिशत सब्सिडी एवं 10 लाख के मानक को बढ़ाकर 50 प्रतिशत सब्सिडी एवं 15 लाख जो कम हो को मंजूरी।
भोजन माता के वेतन मानदेय को 2 हजार रूपये बढ़ाकर 3 हजार रूपये करने का निर्णय।
पी.आर.डी. जवान के वेतन मानदेय में प्रतिदिन 70 रू. की दर से 2100 करने को मंजूरी।

क्या है खेल नीति 2021-
खेल नीति 2021 का उद्देश्य मुख्यतः दो विषयों को समावेशित करता है-
सभी के लिये खेल एवं खेलों में उत्कृष्टता 2 ई कल्चर (इलैक्ट्रनिक कल्चर) से पी कल्चर (प्ले फील्ड कल्चर) की ओर खेल नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु कार्ययोजना संबंधित प्रमुख बिन्दु-

प्रतिमा श्रृंखला विकास
खेल प्रतिभाओं को आरम्भिक आयु 8 वर्ष से ही पहचानने एवं उनको तराशने हेतु प्रतिभा श्रृंखला विकास योजना को लागू किया जायेगा। उच्च प्राथमिकता वाले खेलों हेतु स्थापित किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना ऽ
राज्य के उदीयमान खिलाडियों को प्रतिवर्ष आवश्यक बैड़ी टेस्ट एवं उसकी दक्षता की मैरिट के आधार पर 8 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 प्रति जनपद अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं कुल 3900 उदीयमान खिलाडियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अन्तर्गत धनराशि रू0 1500 प्रतिमाह उपलब्ध करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना
राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को उनकी खेल सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति से उन्हें खेलों में और अधिक मनोयोग से प्रतिभाग करने हेतु 14 वर्ष से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकसूट एवं खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 ( कुल 2600) प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को प्रति खिलाड़ी रू० 2000 प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जायेगी एवं खेल उपस्कर हेतु प्रतिवर्ष धनराशि रू0 10 हजार की सीमा तक मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

खिलाड़ियों को नियुक्ति
राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह ख एवं ग में चयनित विभागों के चयनित पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा।

मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना
राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने हेतु निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी।

खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की वृद्धि
प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी। खिलाड़ियों हेतु दुर्घटना बीमा एवं आर्थिक सहायता 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के समय होने वाली खेल दुर्घटनाओं/खेल इन्जरी

सीएम ने स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रावास और कैंटीन का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर, देहरादून में छात्रावासों में रह रहे छात्रों से मिले। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों की कैंटीन का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर सभी बच्चे उत्साहित थे। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को अपनी पढ़ाई एवं खेलों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पूरे जज्बे के साथ मेहनत करें। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन बच्चों को स्कूल जाने के लिए नई स्कूल बस के लिए जल्द प्रपोजल बनाकर भेंजे।
इस अवसर पर खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय एवं विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड में खेल तकनीक को बढ़ावा देने को खेल विज्ञान केंद्र की होगी स्थापना

खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।

ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति
मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।

खेल अवस्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।

खेल नीति में बालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।

खिलाड़ियों की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम
मुख्यमंत्री ने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।