आर्थिक रूप से कमजोर मजदूर के आपरेशन में पैरा खिलाड़ी नीरजा ने की मदद

नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट ने सड़क दुर्घटना में चोटिल व्यक्ति के आॅपरेशन में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। अमित ग्राम निवासी संतोष कुमार पुत्र बांके बिहारी लाल मूल निवासी चंपारण, पटना बिहार का करीब एक माह पूर्व सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। राजकीय अस्पताल में उनका कच्चा प्लास्टर कराया गया, इसी बीच वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। कोरोना से उबरने के बाद घुटने का ऑपरेशन के लिए उनके पास रुपए नहीं थे। इसकी जानकारी नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक नीरजा गोयल को लगी। उन्होंने संतोष कुमार से संपर्क साधा और डॉक्टरों से बातचीत करने के बाद ऑपरेशन की तिथि तय की। नीरजा गोयल ने बताया कि गुरुवार को उनके घुटने का सफल ऑपरेशन कर प्लेट डाली गई है। जिसका खर्च 8500 रूपए आया है। नीरजा ने गुरुवार को चेक डॉक्टर को सौपा। बताया कि संतोष कुमार माह फरवरी से यहाँ रह रहा था। पेशे से वह मजदूरी का काम करता है। लॉक डाउन में काम न हो पाने के कारण आर्थिक समस्या से जूझ रहे थे।

अमेरिकन महिला से बनाए जबरन संबंध, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

टिहरी जिले के थाना मुनिकीरेती में एक अमेरिकन महिला ने सेवानिवृत कर्नल के बेटे पर धोखे से ड्रग्स का सेवन करवाकर जबरन संबंध बनाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला की तहरीर के आधार पर आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, पीड़िता के बयान न्यायालय के समक्ष कराए गए।

दरअसल 37 वर्षीय अमेरिकन महिला ने बताया कि तपोवन निवासी 27 वर्षीय अभिनव राय पुत्र अनिल कुमार राय, हाल निवासी बालक नाथ मंदिर रोड, मूल निवासी देवनगर, इलाहाबाद’ द्वारा उसके साथ बलात्कार मारपीट व जान से मारने की धमकी दी गई है। अमेरिका निवासी महिला द्वारा आरोप लगाया कि अभिनव ने उसे कई बार अपने फ्लैट पर बुलाकर धोखे से ड्रग्स का सेवन कराकर कई बार जबरन संबंध बनाए। इससे परेशान होकर जब महिला अपने फ्लैट में रहने लगी तो अभिनव ने उसका लगातार पीछा करना शुरू किया और रात वह छत के रास्ते उसकी बालकोनी में आया और शीशा तोड़कर अंदर घुस कर उसके साथ मारपीट की इस दौरान पीड़ित के पैर में चोट लगी। पीड़ित द्वारा आरोप लगाया गया है कि अनुभव के पिता लगातर उस पर समझौते का दबाव बना रहे है। पुलिस ने मामले पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने बताया कि आरोपी अनुभव के पिता सेना से सेवानिवृत्त कर्नल है। अभिनव तपोवन में तथाकथित रूप से टूर ट्रेवेल का काम करता है।

सीएम ने मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का किया शुभारंभ

सोलर फार्मिंग द्वारा स्वरोजगार के लिए उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार मे आयेजित कार्यक्रम में योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिलने वाले सभी लाभ इस योजना के विकासकर्ताओं को भी अनुमन्य होंगे।
बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका, जिलाधिकारी बैंकों से समन्वय बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी बैंकों से लगातार सम्पर्क और समन्वय बनाए रखें। स्वरोजगार योजनाओं को सकारात्मक तरीके से लिए जाने की जरूरत है। डीएलसीसी बैठकों में स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता से हो। हम सभी का दायित्व है कि युवा बिना किसी परेशानी के स्वरोजगार योजनाओं से लाभ उठा सकें।
भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक समय न लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के आवेदन की प्रक्रिया को सरलतम रखा जाए। भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक नहीं लगना चाहिए। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो टार्गेट तय किए जाते हैं, वे निर्धारित समयावधि में जरूर पूरे हो जाने चाहिए। संबंधित अधिकारी योजना के प्रति पूरी तरह से समर्पित होकर काम करें। कोविड के कारण व्यर्थ चले गए चार माह की भरपाई अगले आठ माह में करनी है। इसलिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
स्वरोजगार और हरित ऊर्जा का उत्पादन मुख्य उद्देश्य
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना, योजना का लक्ष्य है। इसमें 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर प्लांट अनुमन्य किए जाएंगे। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।
इटीग्रेटेड फार्मिंग से होगी आय
इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना में 10 हजार परियोजनाएं पात्र आवेदकों को आवंटित किए जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्षवार और जिलावार लक्ष्यां का निर्धारण एमएसएमई के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें एमएसएमई की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान और मार्जिन मनी व लाभ मिल सकेंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जाएगा।
परियोजना के तकनीकी मानक
तकनीकी मानकों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग 1.5 से 2 नाली भूमि की आवश्यकता होगी। 40 हजार रूपए प्रति किलोवाट की दर से कुल लागत लगभग 10 लाख रूपए सम्भावित है। राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 38 हजार यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत उत्पादन हो सकता है। इस योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मर्स से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। इन ट्रांसफार्मर्स की सूची आनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। इसके लिए संबंधित लाभार्थी के साथ बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) किया जाएगा।
यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध
लाभार्थी सहकारी या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ऋण ले सकता है। सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के लिए 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए ऋण दिया जाएगा। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना आवंटन पत्र मिलने के बाद लाभार्थी द्वारा यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। लाभार्थी द्वारा परियेजना आवंटन पत्र, यूपीसीएल के साथ अनुबंध की प्रति, और अन्य आवश्यक अभिलेख जमा कराने के सात दिन के भीतर महाप्रबंधक, जिला उद्योग संबंधित बैंक शाखा को अग्रसारित कर देंगे। इसके 15 दिनों के भीतर बैंक शाखा से स्वीकृति या अस्वीकृति सूचना लाभार्थी को बता दी जाएगी।

कुंभ मेला में दिखेगा स्वच्छ भारत मिशन का का असर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार सांय सीएम आवास में कुम्भ मेला 2021 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की तैयारियों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।

मेलाधिकारी को कोविड-19 के मानकों के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर हरिद्वार की क्षमता का आंकलन करने के निर्देश दिये गये। यह भी देखा जाए कि स्नान घाटों की कितनी क्षमता है। अखाड़ों के संत महात्माओं से लगातार समन्वय बनाए रखें। कुम्भ मेला दिव्य और भव्य होगा। इसके आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का ध्यान रखना है। कुम्भ मेला क्षेत्र में स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाए। कुम्भ मेले के सुरक्षित आयोजन के लिए पुख्ता कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। कुम्भ मेले के लिए कोविड के दृष्टिगत बङी संख्या में मास्क और सेनेटाईजर की व्यवस्था की जाए। मेले में जो भी श्रद्धालु बिना मास्क के दिखे, उन्हें निशुल्क मास्क दिये जाएं। इसमें सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, शैलेश बगोली, पंकज पाण्डेय, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुन्ज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर उपस्थित थे।

आनलाइन कार्यक्रम में सीएम बोले, देहरादून मेडिकल हब के रूप में उभर रहा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चैबे की उपस्थिति में ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट देहरादून और ग्लोबल हेल्थ एलायंस यूनाइटेड किंगडम के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ग्लोबल हेल्थ एलायंस, विभिन्न कोर्सेज के माध्यम से मेडिकल स्टाफ विशेष तौर पर पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को क्वालिटी प्रशिक्षण देगा। इसी प्रकार मोटर बाईक पैरामेडिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों संस्थाओं के मध्य इस समझौते से स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को काफी लाभ होगा। मोटर बाईक पैरामेडिक से पर्वतीय क्षेत्रों में मौके पर जाकर मरीजों को त्वरित चिकित्सा दी जा सकेगी। विश्व स्तरीय संस्था ग्लोबल हेल्थ एलायंस के द्वारा डिजाइन किये गये पाठ्यक्रमों से यहां के मेडिकल और पैरामेडिकल छात्रों का कौशल विकास होगा। रोजगार की दृष्टि से भी युवाओं को लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। हृदय रोग और डायबिटीज के इलाज की सुविधा पर विशेष ध्यान देना होगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजय धस्माना ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधा बढाना पहली प्राथमिकता है। इस एमओयू से पैरामेडिकल स्टाफ की गुणवत्ता बढेगी।

इस अवसर पर नई दिल्ली में ब्रिटिश हाईकमिश्नर जेन थाम्पसन, ग्लोबल हेल्थ एलायंस के डॉ राजे नारायण, भारत में यूएनडीपी के मुख्य सलाहकार डा राकेश कुमार, उत्तराखण्ड शासन में सचिव अमित नेगी, एसआरएचयू के कुलसचिव डॉ विनीत महरोत्रा, डीन डॉ मुश्ताक अहमद उपस्थित थे।

शर्मनाकः ऋषिकेश में भाई ने कर दिया बहन का रेप, जीजा की तहरीर पर साला अरेस्ट

ऋषिकेश के लिए अब इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या बात होगी। ताजा मामला कोतवाली क्षेत्र में एक सगे भाई पर अपनी बहन के साथ रेप करने का आरोप लगा है। जीजा की तहरीर पर पुलिस ने साले पर रेप सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। साथ ही पांच घंटे में अरेस्ट भी किया है।

कोतवाल रितेश के अनुसार, नौ अक्टूबर को शिकायतकर्ता ने तहरीर देकर बताया कि वह घर से बाहर काम के सिलसिले में गया हुआ था। तभी उनकी पत्नी को अकेला पाकर सगे साले ने घर में घुसकर रेप की घटना को अंजाम दिया गया है। साथ ही पत्नी यानी अपनी बहन को जान से मारने की धमकी दी है। यह सारी जानकारी उनकी पत्नी ने उन्हें बताई है। पुलिस ने मामला संदिग्ध पाकर आरोपी पर तत्काल रेप सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। उसके बाद पांच घंटे के भीतर आरोपी सागर ढाली पुत्र मनिंदर ढाली निवासी गांव टांडा काॅलोनी जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश हाल निवासी गली नंबर 19, चंद्रभागा चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश को अरेस्ट कर लिया है।

अंबानी परिवार ने बढ़ाया हाथ, देवस्थानम बोर्ड के लिए किए पांच करोड़ रूपये अनुदान

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ रूपये का दान उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के लिए किया है। इससे 650 कर्मचारियों का वेतन में समस्या नहीं आड़े नहीं आएगी।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मगर, कोरोना के चलते इस वर्ष कुल 60 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इस कम संख्या का असर सीधे बोर्ड के राजस्व पर भी पड़ा है। इन मुश्किल हालात में अंबानी परिवार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को मिले पांच करोड़ को बड़ी राहत माना जा रहा है।

बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुरोध पर अनंत अंबानी ने देवस्थानम बोर्ड को पांच करोड़ दिए। अनंत अंबानी पूर्व में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। बीडी सिंह ने बताया कि मुकेश अंबानी सहित पूरे अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित चारों धामों में अपार आस्था है।

बोर्ड कर्मचारियों ने उद्योगपति अनंत अंबानी सहित प्रदेश सरकार, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का आभार व्यक्त किया है

गुलदस्ता स्मारिका कोविड संबंधित पहलुओं पर शोध में कारगर होगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तरांचल प्रेस क्लब की त्रैमासिक स्मारिका ‘गुलदस्ता’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब द्वारा इस स्मारिका को कोविड-19 विशेषांक के रूप में जनता को समर्पित किया है। यह विशेषांक भविष्य में लोगों को कोविड से संबधित विभिन्न पहलुओं पर शोध के लिए भी काफी कारगर होगा।

उन्होंने कहा कि इस विशेषांक में समाज के प्रबुद्ध लोगों, स्वास्थ्य विशषज्ञों, कोरोना योद्धाओं के विचारों को भी समाहित किया गया है। कविता एवं लेख के माध्यम से कोविड से संबधित विभिन्न पहलुओं एवं लोगों पर इसके आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों तथा सरकार द्वारा इसके लिए किये गये प्रयासों को जनमानस तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया गया है। इस स्मारिका के माध्यम से पत्रकारिता के साथ ही सामाजिक जागरूकता एवं नागरिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया गया है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष देवेन्द्र सती ने कहा कि इस स्मारिका को कोरोना विशेषांक के रूप में प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य कोरोना से उपजी स्थितियों, समाज के विभिन्न वर्गों और प्रकृति पर पड़े इसके प्रभाव एवं विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों के अनुभवों को समाविष्ट करना है। प्रेस क्लब के सदस्यों द्वारा कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों व परिवारों को राशन बांटने एवं बीमार व्यक्तियों को हर संभव मदद करने के प्रयास किये गये हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन रावत, उत्तरांचल प्रेस क्लब के महामंत्री संजीव कंडवाल, कोषाध्यक्ष इन्द्रेश कोहली, वरिष्ठ पत्रकार चेतन गुरूंग, जितेन्द्र अंथवाल, दिनेश कुकरेती, राजू पुशोला, सुबोध भट्ट आदि उपस्थित थे।

अब रक्षकों की वर्दी पर लगे कैमरे रखेंगे कैदियों पर नजर

उत्तराखंड की जेलों की निगरानी के लिए तीन करोड़ रूपये आवंटित हुए है। इस मद से बंदीरक्षकों की वर्दी पर बाॅडी वार्न कैमरा लगाए जाएंगे। इससे न सिर्फ जेल परिसर के चप्पे-चप्पे की निगरानी होगी। साथ ही कैदियों की भी पूर्ण निगरानी हो सकेगी। पिछले दिनों अस्थाई जेलों से कैदियों के फरार होने के मामले आए थे। इसके बाद अब जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जोर दिया जा रहा है। जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना काफी पहली थी, लेकिन अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

आईजी जेल के मुताबिक सभी जेलों को तीन करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अब बंदी रक्षक सामान्य तरीके से पहरा नहीं देंगे। उनकी वर्दी पर अब अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि, वे कहीं भी जाएं हर प्रकार की गतिविधि पर उनकी नजर रहे। पहरा देने से लेकर बंदियों से बातचीत करने तक हर गतिविधि को रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके साथ ही मुलाकातियों पर भी नजर रखी जा सकेगी। 

आईजी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे प्रदेश की सभी 11 जेलों में लगाए जाएंगे। लेकिन, इसके लिए सबसे पहले पांच जेलों को चुना गया है। इनमें देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, सितारगंज और नैनीताल शामिल हैं।

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ जल नल द्वारा मिलेगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों को गुणवत्ता युक्त पेयजल मिले और पानी के उपभोग के अनुसार ही बिल भुगतान हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीटर लगाने के साथ ही पानी की खपत के अनुसार ही लोगों से चार्ज लिया जाए। इसके लिए एक सरल और स्पष्ट नीति बनाई जाए, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि मानकों का निर्धारण करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड के सभी ग्रामीण परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी नल द्वारा पहुंचाया जायेगा। जल संस्थान, स्वजल एवं पेयजल निगम को इसके लिए कार्यदायी एजेंसी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित रिफार्म एक्शन प्लान के अनुरूप कार्य किए जाएं। उत्तराखण्ड राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस में हालांकि उत्तराखण्ड वर्ष 2015 में 23 वें स्थान से अब 11 वें स्थान पर आ गया है। परंतु इसमें और सुधार के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किए जाएं। कोविड-19 के दृष्टिगत तमाम सावधानियां भी रखनी हैं। साथ ही औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित भी करना है। राज्य के उद्यमी, आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का लाभ उठा सकें, इसके लिए उनका हरसम्भव सहयोग किया जाए। वोकल फोर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव नितेश झा, शैलेष बगोली, सौजन्या, अपर सचिव नीरज खैरवाल, नगर आयुक्त देहरादून विनय शंकर पाण्डे आदि उपस्थित थे।