स्मार्ट सिटी के कार्यों को स्वीकृत हुई 03 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु 91 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने डोईवाला की प्रतीतनगर पेयजल योजना के लिये 25.65 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने की सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने धोरण पेयजल योजना के सुदृढीकरण के लिये 145.91 लाख तथा देहरादून की कृष्णानगर पेयजल योजना हेतु 109.47 लाख की भी स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री नदियों एवं झीलों के पुनर्जीवीकरण कार्य योजना के तहत जनपद पिथौरागढ़ के सोनगांव स्थित रणज्योति ताल के पुनर्जीवीकरण हेतु 75.50 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद पिथौड़ागढ़ के ही कनालीछीना में टीटरी नहर के पुनरोद्धार हेतु 150 लाख की धनराशि मंजूर की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में महिला उद्यमियों के लिये विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत 03 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति प्रदान की है। इस धनराशि से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम विभाग के स्तर पर महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत उत्पादन स्वीकृत किये जाने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री द्वारा देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों के संचालन हेतु केन्द्रांश की प्रत्याशा में राज्यांश के रूप में 03 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की र्है इससे स्मार्ट सिटी के कार्यों को गति मिल सकेगी।

कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानून पर की राजनीति, किसानों को भड़काने का किया कामः नैनीताल सांसद

उत्तराखंड में जल्द ही पांच सौ से एक हजार तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी। कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानून पर हमेशा राजनीति की है, किसानों को बिल के संबंध में हमेशा भड़काने का ही काम किया है, जबकि यह कानून किसानों के हित में है। मोदी सरकार ने बिचैलिया राज खत्म किया है। इससे किसानों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं है। मोदी सरकार फरवरी माह से पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी ऋण देकर किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। सांसद अजय भट्ट ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह बातें कहीं।

भाजपा जिला कार्यालय आयोजित वार्ता में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत करीब एक लाख करोड़ रूपये का ऋण किसानों को देगी। जिसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन में 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए चार सौ करोड़, फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है। जिसकी शुरूआत फरवरी से होगी। कहा कि मौन पालन के लिए 500 करोड़ रूपये अवमुक्त भी किए जा चुके हैं। कहा कि दोनों विधेयक किसानों के हित में है। कांट्रेक्ट फार्मिग में किसानों को फसल की बुआई के पहले ही कीमत तय कर ली जाएगी। इसमें सिर्फ फसल की बात होगी न कि भूमि की। इसके अलावा किसान अपनी फसल की कीमत स्वयं लगाएगा। ऐसे में कहीं से भी किसानों को हानि नहीं होगा।

कहा कि वर्ष, 2009-10 में कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए 12 हजार करोड़ का बजट रखा था जिसे बीजेपी सरकार ने बढ़ाकर एक लाख 34 हजार करोड़ कर दिया गया। कहा कि किसान सम्मान निधि के रूप में डीबीटी के माध्यम से 10 करोड़ किसानों के खाते में 75 हजार करोड़ रूपये भेजे। इसके बाद भी कांग्रेस किस तरह से मादी सरकार को बदनाम कर रही है। कहा कि कृषि कानून में किसानों के लिए फसल बेचने में जो बैरियर लगे थे वह खत्म हुए। एमएसपी निर्धारित की गई है तभी धान की खरीद उसी आधार पर हो रही है। किसानों को बताना है कि मंडी अब भी है और भविष्य में भी रहेगी। किसान रेट पता करें और जहां आसानी हो वहां अपनी फसल बेच सकते हैं।

हाथरस की घटना शर्मनाक, आरोपियों को मिले कठोर सजाः नीरजा

त्रिवेणी घाट पर हाथरस पीड़िता मनीषा वाल्मीकि को नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट ने कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मौन रखकर व ईश्वर से पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की कामना की गई।

ट्रस्ट की संस्थापक व पैरा ओलंपिक खिलाड़ी नीरजा गोयल ने हाथरस घटना को शर्मनाक बताया। कहा कि मामले की किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। जरूरत है तो पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने और न्याय दिलाने की। उन्होंने कहा कि गैंगरेप के आरोपियों को ऐसा सजा मिलनी चाहिए जो एक मिसाल बने और भविष्य में किसी भी बेटी व बहन के साथ ये घटना न हो।

उन्होंने कहा कि रेप जैसी घटना देशभर में बढ़ रही है। इसके लिए सांसदों को आगे आना चाहिए और एक ऐसा कानून बनाने की पैरवी करनी चाहिए। जिससे ऐसी घटना को अंजाम देने वालो के भीतर भय बने। इस मौके पर 2 मिनट का मौन रखकर पीड़िता की आत्मशांति की कामना की गई।

इस अवसर पर ट्रस्ट की सह संस्थापक नूपुर गोयल, ट्रस्ट सदस्य मनीष अग्रवाल, अंशुल, दिवाकर मिश्रा, आचार्य संतोष व्यास, शिवानी गुप्ता, विकास, डीपी राठौड़ी, आशू, सूरज रतूड़ी, अमित जायसवाल आदि मौजूद थे।

उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ अटल आदर्श विद्यालय की स्थापना की जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक ब्लाॅक में दो-दो अटल आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाएं। इन विद्यालयों में जिन स्कूलों से शिक्षक स्थानान्तरित होकर आयेंगे। यह ध्यान रखा जाए कि उन विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई शिक्षकों के अभाव में किसी भी प्रकार से बाधित न हो।

अटल आदर्श विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनो माध्यम का विकल्प हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आदर्श विद्यालयों की स्थापना, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के सभी मानक पूरे करते हुए की जाए। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के समान अवसर मिल सकेंगे। इन विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों का विकल्प बच्चों को उपलब्ध हो। स्पोकन इंग्लिश पर विशेष ध्यान दिया जाए। विज्ञान की प्रयोगशाला, सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हो।

174 विद्यालय किए गए अटल आदर्श विद्यालय हेतु चिन्हित
बैठक में बताया गया कि 174 विद्यालयों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। इनमें से 108 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी अटल आदर्श विद्यालय बनाए जाएं वहां स्थानीय स्थापत्य और सामग्री का प्रयोग किया जाए। बैठक में थानो में प्रस्तावित अटल आदर्श विद्यालय के डिजायन आदि से भी अवगत कराया गया।

कोविड पर जागरूकता के लिए प्रमुख हस्तियों की बनाए वीडियो व आडियो क्लिप

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो लोग कोरोना संक्रमित हुए थे, इन कोविड विनर के अनुभवों पर आधारित छोटी-छोटी स्टोरी बनाई जाय। कोविड पर जागरूकता के लिए प्रदेश की प्रमुख हस्तियों के वीडियो एवं ऑडियो क्लिप बनाई जाय। कोविड से बचाव के लिए प्रत्येक जनपद में अलग-अलग थीम पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहे और लोगों में संक्रमण का खतरा भी न हो। इसके लिए मास्क के उपयोग, सामाजिक दूरी एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाईडलाईन के अनुसार जागरूकता के लिए होटलों, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर, बैनर, स्टिकर एवं ऑडियो-वीडियो मैसेज के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए जागरूकता अभियान में सूचना एवं लोक संम्पर्क विभाग द्वारा सभी विभागों से समन्वय बनाकर प्रचार-प्रसार किया जाए। खेल, पंचायतीराज, स्वास्थ्य, संस्कृति, पुलिस एवं जन सम्पर्क वाले अन्य विभागों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। खेल विभाग द्वारा कोरोना विनर्स के नेतृत्व में जागरूकता के लिए वाॅक कार्यक्रम, कोरोना से जागरूकता हेतु सांस्कृतिक दलों के माध्यम से लघु नाट्य, गीत एवं आनलाईन माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाये। कोरोना से जागरूकता में अच्छा कार्य करने वाले जनपदों, विकासखंण्डो एवं ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कृत किया जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोराना से बचाव हेतु सामान्य दिशा-निर्देश, पर्यटकों के लिए सूचना, होम आईसोलेशन पर लघु फिल्में बनाकर उन्हें प्रसारित किया जाय। परिवहन निगम की बसों में पोस्टर एवं जागरूकता हेतु रिकार्डेड मैसेज की व्यवस्था की जाय। सभी विभाग अपने सोशल मीडिया एकाउंट फेसबुक पेज को नियमित शेयर करें और सूचना विभाग द्वारा बनाये गये क्रियेटिव को भी अपने एकाउंट पर भी पोस्ट करें। विभिन्न सरकारी भवनों पर वाल राइटिंग, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना से बचाव हेतु जागरूकता के लिए एनाउंसमेंट की व्यवस्था की जाय।

उत्तराखंड में खेल तकनीक को बढ़ावा देने को खेल विज्ञान केंद्र की होगी स्थापना

खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।

ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति
मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।

खेल अवस्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।

खेल नीति में बालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।

खिलाड़ियों की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम
मुख्यमंत्री ने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।

वोकल फाॅर लोकलः ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में सीएससी सेंटर की अहम भूमिका

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ‘’वोकल फाॅर लोकल’’ के अन्तर्गत स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जा सकता है तथा राज्य सरकार की ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में भी कॉमन सर्विस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को उन्हीं की ग्राम पंचायतों से विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों तथा अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाईन शैक्षिक कार्यक्रमों हेतु भी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जाये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की।

पंचायतीराज विभाग द्वारा बैठक के दौरान डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम तथा ई-गवर्नेंस में हेल्प डेस्क प्रणाली तथा आईटीडीए के माध्यम से सीएससी-एसपीवी के द्वारा सभी 662 न्याय पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर को प्रारम्भ किये जाने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। जानकारी दी गई कि हेल्प डेस्क प्रणाली के तहत केन्द्रीय मध्यस्थ सहायता सेवा प्रणाली विकसित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत एक केन्द्रीय नियंत्रण प्रणाली तैयार की जायेगी, जो विभागीय अधिकारियों एवं स्थानीय ग्रामीण निकायों को सहायता एवं सेवा प्रदान करेगी। हेल्प डेस्क प्रणाली के मुख्य कार्यों में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रतिनिधियों एवं जनसामान्य हेतु हेल्प डेस्क सेवा तथा रेखीय विभागों के साथ समन्वय हेतु तंत्र का विकास सम्मिलित है। पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाओं के तहत प्रमाण पत्र से सम्बन्धित विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

मुख्य हरकीपैड़ी क्षेत्र में आम लोगों को स्नान के लिए अनुमति नहीं

2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला में सिर्फ मुख्य स्नान पर ही श्रद्धालुओं के लिए पास की व्यवस्था होगी। इसके अलावा सामान्य दिनों में कोई भी श्रद्धालु आकर गंगा में स्नान कर सकता है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि शाही स्नान का दिन और समय तय होता है। कौन सा अखाड़ा किस समय स्नान करेगा, यह पूर्व निर्धारित होता है। इस दौरान मुख्य हर की पैड़ी क्षेत्र में आम लोगों का स्नान नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर मुख्य स्नान के दिन करोड़ों लोगों के हरिद्वार आने की संभावना रहती है। इसलिए सरकार मुख्य स्नान पर पास व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रही है। इसके लिए देखा जा रहा है कि हरिद्वार के घाटों की क्षमता कितनी भीड़ वहन करने की है। इसी आधार पर मुख्य स्नान के दिन श्रद्धालुओं की संख्या तय की जा सकती है। हालांकि इस पर विचार ही चल रहा है, अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

नौ अक्टूबर के राज्य के बाद चार जिलों में छा सकते हैं आंशिक बादल

उत्तराखंड में मौसम फिलहाल साफ रहेगा। मौसम केंद्र देहरादून के अनुसार, नौ अक्टूबर के बाद चमोली, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ में आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। मगर, बारिश का अभी अनुमान नहीं है। मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, दस दिनों के बाद राज्य के कुछ जिलों में मौसम में परिवर्तन हो सकते है।

राज्य का वर्तमान में अधिकतम तापमान 33-35 के बीच स्थिर चल रहा है, जबकि न्यूनतम तापमान भी 14 के आसपास है। अनलाॅक-5 के बाद पर्यटक काफी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। पर्यटकों के आगमन पर मौसम रुकावट नहीं बनेगा। वहीं, पहाड़ी जिलों में बारिश न होने से चारधाम यात्रा भी बाधित नहीं होगी।

माटी कला के लिए प्रदेश में खुलने प्रशिक्षण केंद्र, मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीनें दी जाएंगी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मोथरावाला रोड, स्थित माटी कला बोर्ड कार्यालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारी कला के लिए विद्युत चालित चाक वितरित किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माटी कला के लिए प्रदेश में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। माटी कला बोर्ड को मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीने दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मिट्टी के कार्यों से जुड़े शिल्पकारों का एक डाटा बेस बनना चाहिए। ऐसे स्थान चिन्हित किये जाय जहां पर इस शिल्प पर आधारित कार्य अधिक हो रहे हैं एवं मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए उपयुक्त मिट्टी वाले स्थानों को चिन्हित करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि तकनीक के साथ इस शिल्प को कैसे और उभारा जा सकता है, इस दिशा में प्रयासों की जरूरत है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक के कार्यों के महत्व को जानती है। हमें अपनी विशेषज्ञता वाले कार्यों से अपनी पहचान को बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बढ़ी है। त्योहारों का सीजन और उसके बाद हरिद्वार कुंभ में मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ेगी। बाजार की मांग के हिसाब से पूर्ति की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में भी मिट्टी के उपकरणों एवं गमलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि माटी के कार्य से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मेलों में माटी कला बोर्ड के स्टॉल लगने चाहिए। जिससे इस कार्य से जुड़े लोगों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिलेगी।

माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो भी जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, सभी योजनाओं में गरीबों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने मिट्टी के कार्य से जुड़े लोगों की प्रमुख समस्याओं के बारे में जानकारी दी।