पलायन और रोजगार के लिए पर्यावरण का संरक्षण जरुरीः बिपिन रावत

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने चमोली जिले में चीन सीमा पर स्थिति अग्रिम चैकियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ समय बिताया और स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। नीती घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में चीन के साथ किसी तरह के टकराव की बात नहीं है।
थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत गुरुवार को हेलीकॉप्टर से सीधे मलारी पहुंचे। यहां उन्होंने सेना के ’’प्लांटेशन फॉर लाइवलीहुड’’ कार्यक्रम में शिरकत की। स्थानीय लोगों से मुलाकात कर समारोह में अखरोट और चिलगोजा के पौधों का रोपण किया गया। इस कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती क्षेत्र में स्थानीय लोगों की मदद से एक लाख पौधों का रोपण किया जाना है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम से क्षेत्र में पर्यावरण का संरक्षण तो होगा ही, स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
इस दौरान स्थानीय लोगों ने जनरल बिपिन रावत से मोबाइल नेटवर्क न होने की समस्या उठाई। जनरल रावत ने कहा कि इस दिशा में हरसंभव कोशिश की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि संचार नेटवर्क न होने की वजह सेना नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। जनरल रावत ने जवानों और स्थानीय लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं। दोपहर बाद वह हेलीकॉप्टर से दिल्ली रवाना हो गए। नीती घाटी में बाड़ाहोती नाम के स्थान पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ सुर्खियां बनती रही है। पिछले साल जुलाई में चीनी सैनिकों ने इस क्षेत्र में पांच बार घुसपैठ की थी। गौरतलब है कि बाड़ाहोती 80 वर्ग किलोमीटर में फैला चारागाह है जहां पर स्थानीय लोग अपने जानवरों को लेकर आते हैं।

एमडीडीए 29 घंटों अंदर दे रहा नक्शों की स्वीकृतिः श्रीवास्तव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। प्राधिकरण को 36वें स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा पिछले दो वर्षों में सराहनीय कार्य किया गया है। इससे सरकार की भी प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र का विकास हो सके इसके लिए जिला विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। आम जन को हर प्रकार की सुविधा समय से उपलब्ध करा सकें इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हमने विभिन्न नीतियों में छोटे-छोटे विभिन्न नीतिगत परिवर्तन किए हैं। इससे आमजन को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान प्राप्त हो सकेंगी। इन नीतिगत परिवर्तनों का प्रभाव आने वाले समय में दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी अलग पहचान व संस्कृति होती है। पर्यटक भी इससे प्रभावित होते हैं। पर्यटकों को आकृषित करने के लिये उत्तराखण्ड में किये जा रहे निर्माण कार्यों में यहां की कला एवं संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम सभी को सहयोग देना होगा। राज्य का पर्यटन अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सके इसके लिए भी प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी के क्षेत्र में एमडीडीए द्वारा तेजी से कार्य करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में गुरूत्व आधारित पेयजल की आपूर्ति के लिये विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी हैं। सौंग बाँध निर्माण कार्य शुरू होने के 350 दिन में कार्य पूर्ण करने लिये प्रयासरत् हैं। सूर्यधार झील निर्माण कार्य भी शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण राज्य के अन्य प्राधिकरणों के लिये मार्गदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि समय की जरूरतों के अनुसार एमडीडीए हेतु 10 पाॅलिसीज में नीतिगत परिवर्तन किये हैं। साथ ही, राज्य सरकार व्यवस्थित वैंडिंग जोन विकसित करने के प्रयास कर रही है। वेंडर्स और आमजन को इससे लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एमडीडीए द्वारा लगातार नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिये एमडीडीए ने नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड (2018-19) प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एमडीडीए द्वारा 29 घंटों के अन्दर नक्शे की स्वीकृति दी जा रही है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य कर रही है।

उत्तराखंड में हवाई सेवा के विस्तार का खाका तैयार

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने नागरिक उड्डयन संबंधित विभिन्न विषयों पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा प्रदेश में प्रथम चरण की चयनित वायुयान सेवा देहरादून-पंतनगर (एलायंसएयर) तथा द्वितीय चरण की वायुयान सेवा देहरादून-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-देहरादून, पिथौरागढ़-हिंडन आपरेटर हेरिटेज द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने भारत सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय का आभार प्रकट किया। इसी क्रम में उन्होंने मंत्रालय द्वारा तृतीय चरण की चयनित वायुयान सेवा पंतनगर-चंडीगढ़, पंतनगर-लखनऊ (हेरीटेज आॅपरेटर) एवं पंतनगर-कानपुर (स्पाईसजेट) सेवाएं तथा द्वितीय चरण की चयनित देहरादून-इलाहाबाद (इंडिगो) एवं पिथौरागढ़ -पंतनगर (हेरिटेज) वायुयान सेवाओं को भी शीघ्र ही संचालित करने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव ने देहरादून एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट की रनवे लम्बाई 2140 मीटर है, जिससे अधिकतम 130 से 140 यात्रियों का प्रति विमान आवागमन संभव है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जौलीग्रांट हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किये जाने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है, जिसके क्रम में प्रथम चरण में जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तारीकण हेतु भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लम्बाई 2765 मीटर हो जाएगी जिससे इस एयरपोर्ट से एयरबस ए-321 एवं ए-320 की उड़ान संभव हो पायेगी एवं लगभग 172 से 180 यात्रियों का प्रति वायुयान का आवागमन संभव होगा। उन्होंने अवगत कराया कि द्वितीय चरण में भी जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 3500 मीटर के रनवे का निर्माण करने का प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत चयनित स्थलों पर छवद. ैबीमकनसम व्चमतंजवते च्मतउपज के अंतर्गत संचालन की अनुमति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश सरकार पर व्यय भार कम पड़ेगा, जिसपर मा. मंत्री द्वारा विचार करने की बात स्वीकार की गई। मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा केन्द्रीयकृंत स्तर पर उपकरणों के क्रय कर उन्हें संबंधित हैलीपैड एवं हवाई पट्टियों पर शीघ्र स्थापित कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि आर.सी.एस योजना में देहरादून- पिथौरागढ़ एवं पिथौरागढ़-पंतनगर एवं पंतनगर-हिंडन तक हवाई सेवा संचालित है, किन्तु समय-समय पर उक्त सेवा में व्यवधान बना रहता है, जिसे नियमित कराने का अनुरोध किया। उन्होंने उक्त वायुयान मार्गों पर यात्रियों की संख्या अधिक होने की जानकारी देते हुए इन वायुयान मार्गों पर अधिक क्षमता के वायुयान विमान संचालित कराने का अनुरोध किया।

केन्द्र ने 16 शहरों के लिए 1400 करोड़ रुपये जारी किये

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 16 शहरी क्षेत्रों के लिए 1400 करोड़ रूपए की योजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास खासतौर पर पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 संबंधी काम तेजी से होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड पर विशेष ध्यान है। आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भव्य नई केदारपुरी, सहकारिता विकास परियोजना के बाद अब शहरी क्षेत्रों के लिये परियोजना को मंजूरी उत्तराखंड के विकास के लिए बड़ी देन है। राज्य सरकार भी नए भारत के अनुरूप नए उत्तराखंड के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
पहले चरण में 5 नगर निकायों के लिये 1400 करोङ की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड के 16 मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में विभिन्न अवस्थापना विकास कार्यों के लिए तैयार परियोजना ‘‘मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में शहरी अवस्थापना विकास (अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेन्ट आफ सेकेन्डरी टाऊन)’’ के पहले चरण के लिये 1400 करोड़ रूपये (200 मीलियन अमेरिकी डालर) की मंजूरी भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग (DEA) द्वारा दी गई है। पहले चरण में देहरादून के डोईवाला व विकासनगर पिथौरागढ़ के पिथौरागढ और ऊधम सिंह नगर के काशीपुर व रुद्रपुर में 24 x7 पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबन्धन, बरसाती जल प्रबन्धन, शहरी सड़कें, यातायात और पार्किंग वैंडिंग जोन, सूचना संपर्क तकनीकी और ओपन स्पेस जैसे कार्य किए जायेंगे।

दूसरे चरण में 11 नगर निकायों के लिये भी 1400 करोड़ का प्रस्ताव
इसके अतिरिक्त दूसरे चरण में छः जिलों (चमोली, पौड़ी, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधम सिंह नगर) के ग्यारह नगर निकायों (गोपेश्वर, जोशीमठ, श्रीनगर, टनकपुर, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज) में भी 1400 करोड़ रूपये से समान कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं।

पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सडक परिवहन, सूचना एवं संचार तकनीक के होंगे काम
परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल 9 जिलों के 16 नगरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 आदि कार्य कुल दो चरणों में प्रस्तावित हैं। जिसकी अवधि 10 वर्ष रहेगी। जिसकी कुल प्रस्तावित लागत 2800 (400 मीलियन अमेरिकी डालर) करोड़ रूपये हैं। परियोजना के लिए केन्द्रांश तथा राज्यांश की 80ः20 की हिस्सेदारी रहेगी।

एआईआईबी से है वित्त पोषित
यह परियोजना एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ( AIIB ) द्वारा वित्त पोषित है तथा परियोजना का नियमन/क्रियान्वयन शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत गठित उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी ( UUSDA ) द्वारा किया जायेगा।

नागरिक सुविधाएं होंगी बेहतर
परियोजना के अन्तर्गत नगरों में स्वचालित स्काडा तकनीक के द्वारा चैबीस घंटे पानी की सुविधा प्राप्त होगी, घरों में पेयजल मीटर लगाये जायेंगे ताकि पानी के अपव्यय को कम किया जा सके। सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरणीय परिस्थितियों को बनाये रखने के लिए अपशिष्ट जल प्रबन्धन किया जायेगा। बरसाती पानी के प्रबन्धन हेतु विकास कार्य किये जायेंगे वहीं सड़कों व पार्किंग का निर्माण कर यातायात प्रबन्धन का कार्य भी किया जायेगा। छोटे फुटकर व्यापारियों के लिए वैन्डिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। नियमित स्थानीय निकाय सुदृढ़ीकरण तथा सशक्तिकरण के लिए सूचना संचार तकनीकी का उपयोग किया जायेगा। इस सब अवस्थापना विकास कार्यों के फलस्वरूप नगरीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तथा नागरिक विकास स्तर भी सुदृढ़ होगा।

जल नीति बनाने वाला देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हुआ उत्तराखंड

सांस्कृतिक नगरी के रुप में विख्यात अल्मोड़ा में राज्य बनने के बाद दूसरी बार कैबिनेट बैठक हुई है। इसमें लंबे समय से प्रतीक्षारत जल नीति-2019 को मंजूरी दे दी गई। इसमें राज्य में जल संरक्षण व जल दोहन को लेकर कड़े प्रावधान किए जाएंगे। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण शोध एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रीमंडल की बैठक में 15 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड, जल नीति लागू करने वाले देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है। इस नीति का लक्ष्य राज्य के सभी जल संसाधनों को संरक्षित करना, पर्यावरण को संतुलित करना, प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ढांचा तैयार करना है। राज्य में सिचाई, उद्योग, पशुपालन आदि के लिए केवल तीन फीसद जल की आवश्यकता है। अगर हम पूरे उपलब्ध जल का तीन फीसद रोकने में सफल रहे तो विकास की ओर आगे बढ़ेंगे। जल आवंटन की प्राथामिकता, भूजल के उपयोग, सिचाई, ईको टूरिज्म, जल विद्युत विकास से लेकर किस तरह वाटर चार्ज लेंगे, इस पर मंत्रिमंडल में विस्तार से चर्चा की गई है। इस नीति को बनाने से पहले हमने 14 विभागों व संस्थानों से विचार-विमर्ष किया गया था। इसे मंजूरी मिलना बड़ी उपलब्धि है।
सरकारी प्रवक्ता कौशिक ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में अब आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा संचालित होगा। यहां पर नया विश्वविद्यालय को विस्तार मिलने से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत के महाविद्यालय संबद्ध हो जाएंगे। इसके लिए विधानसभा में जल्द ही एक्ट के जरिये मंजूरी दी जाएगी। देहरादून सिटी मिशन को पीपीपी मोड में दिया गया है। इसकी सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। इसमें परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य मौजूद रही।

कैबिनेट में इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
1. अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को आवासीय विश्वविद्यालय बनाने को मंजूरी ।
2. उत्तराखण्ड की जल नीति 2019 को मंजूरी ।
3. प्रदेश सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को पीपीपी मोड नीति-2012 में संशोधन।
4. राज्य की आइटीआइ में फीस वृद्धि को मंजूरी। प्रतिवर्ष 3900 रूपये शुल्क देना होगा। इस फीस का कुछ हिस्सा शासन को भेजा जाएगा।
5. प्रदेश में जंगली जानवरों व आपदा से फसल, जान-माल की हानि का मुआवजा अब वन विभाग के बजाय आपदा के फंड से मिलेगा ।
6. टिहरी झील के पास आइटीबीपी के एडवेंचर सेंटर को मंजूरी। सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था होने तक पर्यटन विभाग के भवनों का उपयोग किया जाएगा।
7. डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की सेवा नियमावली को मंजूरी ।
8. प्रदेश सरकार के सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं वहन करेंगे। अभी तक मंत्रियों के आयकर का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा था।
9. राजभवन अधिष्ठान में नियमावली संशोधन पर सहमति। अब राज्यपाल सचिवालय और राजभवन की एक ही नियमावली होगी।
10. पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) नियमावली में संशोधन। अब पुराने घर के नवीनीकरण अथवा उसमें सुविधाएं बढ़ाने के लिए 143 कराने की जरूरत नहीं। बैंक से ऐसे होमस्टे को अब मिल सकेगा ऋण।
11. मोटरयान नियमावली में संशोधन, अब 30 दिन के भीतर संबंधित थाने को रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी।
12. उत्तराखंड डेयरी सहकारी फेडरेशन के तहत उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों के लगभग 6 लाख बच्चों को सप्ताह में 1 दिन पौष्टिक दूध मिलेगा। इसमें छह करोड़ शासन खर्च करेगा।
13. पशुपालन विभाग के तहत वैक्सीनेटर सेवा नियमावली को मंजूरी।
14. उत्तराखंड राजस्व अभिलेख 2019 का प्रख्यापन किया गया, इसके लिए प्रदेश में 10 सदस्य कमेटी बनेगी और जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी।
15. उत्तराखण्ड राजस्व अभिलेख नियमावली 2019 की स्वीकृति।

चुनाव परिणाम से पहले फडणवीस पहुंचे केदारनाथ, लिया जीत का आर्शीवाद

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पूर्व पत्नी सहित परिवारिक सदस्यों के साथ बुधवार को बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने चुनाव में जीत के लिए बाबा का आशीर्वाद लिया।
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस सुबह साढ़े दस बजे चार्टर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे। यह उनका निजी कार्यक्रम था, जिस कारण प्रशासन व पुलिस को इस बारे में कोई सूचना नहीं थी। मंदिर पहुंचने पर मुख्य पुजारी केदार लिंग ने उनकी पूजा संपन्न करवाई। रुद्राभिषेक करने के बाद फडणवीस ने मंदिर की परिक्रमा की और कुछ देर तक केदारनाथ की हिमाच्छादित चोटियों के सौंदर्य को निहारते रहे। इस दौरान मंदिर समिति की विजिटर बुक में फडणवीस ने लिखा कि वह बाबा केदार के दर्शनों से अभिभूत हैं और स्वर्ग में होने जैसा अहसास कर रहे है। करीब डेढ़ घंटा केदारनाथ धाम में रहने के बाद फडणवीस वापस लौट गए। गौरतलब है कि इसी वर्ष मई माह में लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया तो मंदिर की परिक्रमा भी की और दोपहर बाद करीब दो बजे वह साधना के लिए एकांत स्थल, मंदिर से 1.5 किलोमीटर दूर ध्यान गुफा में चले गए थे। यहीं रात्रि विश्राम भी किया था।

मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर बुलाई अहम बैठक

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं के लिए चिन्हित और सम्भावित स्थलों को अविलम्ब ठीक कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए सभी संबंधित विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
सचिवालय सभागार में सड़क सुरक्षा से संबंधित बैठक में मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा निधि में उपलब्ध धनराशि को सड़क सुरक्षा कार्य में उपयोग करने हेतु शीघ्र ही एक बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस निधि में जमा धन का 25 प्रतिशत सड़क सुरक्षा कार्यों में खर्च करने का प्राविधान भी है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि प्रदेश में 1500 संवेदनशील स्थल चिन्हित किये गये हैं जिसमें से 51 स्थलों को निर्माण विभाग, 47 स्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं लोक निर्माण विभाग तथा 09 स्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस प्रकार कुल 107 स्थलों सही कर दिया गया है। शेष 941 स्थलों पर लोक निर्माण विभाग 358 स्थलों पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं लोक निर्माण विभाग तथा 48 स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा 46 स्थलों पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम एवं सीमा सड़क संगठन द्वारा संवेदनशील स्थलों को सही करने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक का संचालन करते हुए अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की मानीटरिंग कमेटी के निर्देश पर लीड एजेन्सी के सदस्यों की नियुक्ति हेतु अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के एक अभियंता, पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि के रूप में सहायक निदेशक स्तर के यातायात अधिकारी की नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए हैं। इस हेतु चिकित्सा, शिक्षा विभाग द्वारा एक-एक अधिकारी पूर्व से ही नियुक्त किये गये हैं, जो स्वतंत्र रूप से सड़क सुरक्षा एजेन्सी में पूर्णकालिक सदस्य रहेंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आयी है। बैठक में सचिव परिवहन शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेश अनिल रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार के साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा में 327 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान और शोध संस्थान (मेडिकल कालेज) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल कालेज के अवशेष निर्माण कार्यों को यथाशीध्र पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि एमसीआई की टीम द्वारा मेडिकल कालेज के निरीक्षण से पूर्व जो अवशेष कार्य एवं उपकरण आदि क्रय किये जाने हैं उन्हें यथाशीघ्र क्रय करना सुनिश्चित किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही मेडिकल कालेज में फैकल्टी की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान मेडिकल कालेज के फिजियोलॉजी कक्ष, एनाटोमी कक्ष, सर्वर कक्ष, हिस्ट्री कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण कर इससे जुड़े अधिकारियां एवं कार्यदायी संस्थओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डाॅ. वाईके पंत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस परियोजना की कुल लागत 327 करोड़ रू0 स्वीकृत है जिसमे प्रथम एलओपी के निर्माण हेतु स्वीकृत धनराशि कुल 216.77 करोड़ रू0 है। वर्तमान तक कार्यदायी संस्था को 215 करोड़ रू0 अवमुक्त किये जा चुके हैं तथा निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा के लिये कुल 9902.52 लाख रू0 की विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण भी किया। जिसमें 6181.73 लाख रू0 की विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा 3720.79 लाख रू0 की विकास योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इन योजनाओं में प्रमुख रूप से शिक्षा, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा, रेशम विभाग की योजनायें सम्मलित हैं।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री डाॅ. हरक सिहं रावत, सांसद अजय टम्टा, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, कापरैटिव बैंक के अध्यक्ष ललित सिंह लटवाल, आयुक्त कुमाऊ मण्डल राजीव रौतेला, डीआईजी जगत राम जोशी आदि उपस्थित थे।

23 विकास योजनाओं की मुख्यमंत्री ने की घोषणा
वहीं, अल्मोड़ा में सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए अल्मोड़ा जनपद के विकास से सम्बन्धित 23 विकास योजनाओं की घोषणा की। इन सभी योजनाओं का निर्माण मुख्यमंत्री घोषणा के तहत किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की, कि पवित्र जागेश्वर धाम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट (एसटीपी) का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं में अल्मोडा पेयजल योजना के भाग-1 का सुदृृढीकरण कार्य, कटारमल पम्पिंग पेयजल योजना का निर्माण किया जायेगा, अल्मोड़ा सीवरेज जोन-3 योजना का निर्माण का निर्माण कार्य किया जायेगा, अल्मोड़ा शहर मंे बाजार का सौन्दर्यीकरण किया जायेगा, होटल मैनेजमैन्ट संस्थान अल्मोड़ा का सुदृृढीकरण एवं आधुनीकीकरण किया जायेगा, सिमतौला ईकों पार्क में ईकों टूरिज्म की गीत विधियों को बढ़ावा दिया जायेगा, जनपद अल्मोड़ा के अन्तर्गत डयोलीडाना में बैडमिन्टन हाॅल का निर्माण किया जायेगा, स्पोर्टस स्टेडियम में अवस्थापना सुविधाओं को सुदृृढ किया जायेगा, जनपद के 100 विद्यालयांे में ई लर्निंग सुविधा हेतु रू0 1.00 लाख प्रति विद्यालय की दर से धनराशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने ताड़ीखेत में स्थापित गांधी कुटीर के जीर्णोद्वार एवं हाल का निर्माण, नगर पालिका परिषद रानीखेत चिलियानौला के कार्यालय भवन की स्थापना, ताड़ीखेत में मिनी स्टेडियम की स्थापना, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लमगड़ा में भवन का निर्माण, कसारदेवी में स्प्रिीचुअल इकोनाॅमी जोन बनाये जाने, 200 आंगनवाडी केन्द्रों की स्थापना, शीतलाखेत महाविद्यालय एवं लमगड़ा महाविद्यालय के भवनों का निर्माण कार्य किये जाने की घोषणा शामिल है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चम्पावत के विकास से सम्बन्धित 51, पिथौरागढ़ के लिये 22, बागेश्वर के लिये 7, नैनीताल के लिये 25 जबकि उधम सिंह नगर से सम्बन्धित 9 घोषणाये की गई।

विरासत कार्यक्रम के जरिए संस्कृति को संजोए रखना सराहनीय पहल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बिना संस्कृति के राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारे कलाकार हमारी संस्कृति का हिस्सा है। इन्हीं कलाकारों तथा संस्कृति कर्मियों से भारत की पहचान होती है।

रविवार को रीच संस्था की ओर से ओएनजीसी स्थित अम्बेडकर ऑडिटोरियम में आयोजित 23वें विरासत कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रीच संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाला विरासत कार्यक्रम अपनी संस्कृति को सजोने का सराहनीय पहल है।

उन्होंने कहा कि देश के शास्त्रीय एवं लोक संगीत की तमाम विधाओं को एक स्थान पर लाने का प्रयास भी सराहनीय है। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रति वर्ष आयोजित किये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा यथा संभव सहयोग दिये जाने का भी आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर पदमश्री पूरन चंद बड़ाली सहित अन्य कलाकारों को सम्मानित भी किया।

समर्पण की भावना से ही किया जा सकता है लक्ष्य हासिलः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को आईआईएम काशीपुर द्वारा उद्यमिता को बढावा देने के लिये आयोजित उत्तिष्ठ-19 कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान अपने आप में एक विशेष स्थान रखता है। इसमे अध्यनरत विद्यार्थी उद्यमिता व कृषि के क्षेत्र में प्रदेश का ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन करेगें। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड के कृषि विश्वविद्यालय, कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। किसी प्रदेश के विकास में संस्थानो का अहम योगदान होता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के 37 प्रशिक्षु विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मैनेजमेंट के लिये कौशल विकास एवं संवाद होना आवश्यक है तभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होने कहा कि हम सभी को कृषि व उद्योगों के विकास के क्षेत्र में कार्य करना होगा, तभी प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा। समर्पण की भावना व अपने कार्यो के प्रति दृढता होनी चाहिये तभी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आईआईएम काशीपुर में छात्रावास बनाने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने आईआईएम द्वारा विभिन्न क्षेत्रो में उत्पादित सामग्री व यंत्रों की प्रदर्शनी का रिबन काट कर उदघाटन किया व स्टालो का निरीक्षण किया।

सांसद अजय भट्ट ने कहा कि इस प्रतिष्ठान में जो विद्यार्थी अध्ययन कर रहे है वे देश का भविष्य हैं। आने वाले समय में ये बच्चे देश व प्रदेश का नाम रोशन करेगें। उन्होंने आईआईएम के और विस्तार के लिये भारत सरकार से भी बात करने को कहा।