विशेषज्ञों के परामर्श से बसेंगे नए शहर, जोशीमठ सहित कई क्षेत्रों में शुरु हुई कार्यवाही

जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली।
मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में हुई बैठक में मंत्री को अवगत कराया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के द्वारा चमोली जिले हेतु महायोजना बनाने का कार्य कार्यदाई संस्था आरईपीएल को दिया गया है। जिसमें चमोली गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, पोखरी, थराली की महायोजना बनाने का कार्य किया जाना है।
इस मौके पर मंत्री ने जोशीमठ के घटनाक्रम को देखते हुए निर्देश दिए कि वहां मौजूद विशेषज्ञ व प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए जोशीमठ की समस्या को दूर किए जाने हेतु महा योजना कम समय में तैयार की जाए।
मंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि इस महा योजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए और उपरोक्त कार्यवाही तत्काल आरंभ की जाए।
मंत्री ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को तत्काल कार्यदाई संस्था द्वारा कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भी जाकर समस्त अधिकारी कार्य योजना शीघ्र लागू करें। मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 63 जगहों पर मास्टर प्लान बनाया जाना है इनमें 43 पहाड़ी, जबकि 20 मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हर जिले का मास्टर प्लान अलग-अलग कंपनी तैयार करेगी। इस मौके पर मंत्री ने चमोली में मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी आरईपीएल को शीघ्र मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर आयुक्त आवास पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आवास राजेंद्र सिंह पतियाल उपस्थित रहे।

जोशीमठ में अबतक 207 प्रभावित परिवारों को अन्तरिम राहत मिली

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्याे की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 123 एल.पी.एम. हो गया है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अर्न्तगत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी है। सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह, वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, सीजीडब्ल्यूबी के 4 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह तथा आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जे.पी. के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

आयोग ने परीक्षार्थियों को दिलाया विश्वास, नए पेपर बनेंगे

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा आयोग की विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें समस्त सदस्यगण एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में परीक्षाओं के सम्बन्ध में विस्तृत एवं गहन विचार-विमर्श किया गया।
आयोग की विशेष बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए डॉ० कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि लेखपाल/राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा-2022 वन आरक्षी परीक्षा-2022 एवं पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इन परीक्षाओं को अब नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत दिनांक 22 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाने वाली वन आरक्षी परीक्षा-2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 एवं दिनांक 28 से 31 जनवरी, 2023 के दौरान होने वाली पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
आयोग द्वारा जारी वार्षिक परीक्षा कलेण्डर में इस हेतु आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रेतर कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। डॉ० कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया है कि आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरि है। इस हेतु परीक्षाओं को निष्पक्षता एवं उत्कृष्टता के साथ एवं उनके समग्र संचालन से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किये जा रहे हैं।

समय पर लोगों को राहत देने की दिशा में किया जा रहा कार्य-आपदा प्रबंधन सचिव

सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में पहुंचकर औली रोपवे, मनोहरबाग, शंकराचार्य मठ, जेपी कालोनी आदि भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ भू-वैज्ञानिक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सचिव आपदा प्रबंधन ने औली रोपवे तथा शंकराचार्य मठ के निकट के क्षेत्र तथा घरों में पड़ी दरारों का निरीक्षण किया। सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मकानों मे पड़ी दरारों तथा भू-धंसाव के पैटर्न रूट की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने औली रोपवे के टावर पर दरारों की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। डॉ सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को दरारों के पैटर्न तथा बढ़ोतरी की निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) हैदराबाद द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है। एनजीआरआई अंडर ग्राउंड वाटर चैनल का अध्ययन कर रही है। अध्ययन के पश्चात एनजीआरआई द्वारा जियोफिजिकल तथा हाइड्रोलॉजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। यह मैप जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान तथा स्टेबलाइजेशन प्लान में काम आएंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई जोशीमठ में कार्य कर रही है।

अस्पताल में अव्यवस्था और गंदगी को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने जताई नाराजगी

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा उप जिला चिकित्सालय में अवयवस्था और गंदगी देखकर जमकर संबधित अधिकारियों को फटकार लगाई व अस्पताल में नियुक्त डाक्टर और कर्मचारियों की अनुस्थिति पर सीएमएस से जबाब तलब किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को अस्पताल में तैनात डॉक्टर ओर कर्मचारियों को बिना सीएमओं के अनुमति के अवकाश न जाने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा अस्पताल में एमरजैंसी रूम, डॉक्टर कक्ष, आईसीयू, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड एक्स-रे आदि की सुविधा को जांच किया गया। इस मौके पर उन्होंने डीजी हेल्थ उत्तराखंड को फोन पर निर्देश दिए कि वह तत्काल मसूरी में रहकर मसूरी के उप जिला चिकित्सालय की सभी कमियों को दूर कर अस्पताल में स्टाफ की कमियों को दूर करे। वह साफ सफाई को लेकर भी विशेष प्रबंध किया। उन्होंने अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमी को दूर करने को लेकर भी सीएमओ देहरादून को निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि उनके द्वारा लगातार उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण कर वहां की कमियों को दूर करने की कोशिश की जाती है जिससे कि प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा हाल में ही जिला रुद्रप्रयाग और चमोली जिले का स्वास्थ सुविधाएं और अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमियां को देखते हुए प्रदेश को 800 से ज्यादा नर्स मिलने जा रही है जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मसूरी के उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया जहां पर उनको कई खामियां भी मिली है मैं अस्पताल को व्यवस्थित तरीके से कैसे संचालित किया जाए जिसको लेकर भी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय को लेकर उनके द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को तलब किया गया है और जल्द बैठक कर अस्पताल को संचालित करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिये व स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने को लेकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में स्टाफ की कमी तो है ही परंतु अस्पताल मे तैनात है वह भी रेगुलर तरीके से अपनी ड्यूटी नहीं आ रहा है जो चिंता का विषय है। जिसको लेकर जल्द एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि मसूरी के अस्पताल में तैनात डॉक्टरों में सात डाक्टर पीएचडी करने के लिए गए हैं। वह उन डॉक्टरों की भरपाई को लेकर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल को बेहतर किए जाने को लेकर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे, आईसीयू की सुविधा आईसीयू उपलब्ध है जिनको व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिये भी कार्य योजना तैयार की जायेगी। उन्होने कह कि अस्पताल में एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जोशीमठ की आपदा को लेकर सरकार सभी प्रभावित लोगों की बेहतर मदद कर रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा रोटेशन बेसिस में 26 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। वह दो मनोविज्ञानी चिकित्सक भी जोशीमठ में तैनात किये गए है जिससे कि आपदा में मानसिक रूप से ग्रस्त लोगो की काउंसलिंग किया जा सके। वही डायरेक्टर गढ़वाल को जोशीमठ पर नियुक्त कर दिया गया है जो लगातार जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर स्वास्थ सुविधाओं का बेहतर कर रहे है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है व जिला प्रशासन के संपर्क में है और अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं में दिक्कत होगी तो तत्काल दिक्कतों का निवारण किया जाएगा।
सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा ऐसा लग रहा है कि मसूरी में तैनात डॉक्टर ओम ओनरशिप की भूमिका नहीं निभा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि कोई भी अस्पताल को चलाने के लिए वहां पर तैनात अधिकारियों को अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए जिससे कि सीमित संसाधनों में बेहतर तरीके से अस्पताल को चलाया जा सके और लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध हो सके।

खटीमा में आम लोगों से मिले सीएम, शुभकामनाएं दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परिवार सहित खटीमा में आयोजित उत्तरायणी कौथिग मेले में प्रतिभाग करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मेला आयोजकों और मेले में उपस्थित आम जनता को उत्तरायणी/घुघुतिया त्यौहार/मकर सक्रांति की बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान सूर्य हर प्रकार से मंगल करें, घरों में अच्छे काम प्रारंभ हों। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य देव के उत्तरायणी में आ जाने से सारे अच्छे एवं मंगलमय काम शुरू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य, ऊर्जा, ऊष्मा, उत्साह एवं प्रकाश देते हैं, हमारे जीवन में नव चेतना, उमंग, उत्साह हो। शानदार एवं भव्य मेला खटीमा में आयोजित हो रहा है। हरेला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। प्रत्येक वर्ष इस मेले में शामिल होता रहा हूॅ, मेला धीरे-धीरे भव्य होता जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी की परीक्षा में जिन लोगों ने भी नकल कराई है, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन तत्काल लिया गया है। सरकार ने पटवारी भर्ती परीक्षा निरस्त कर, फरवरी माह में ही पटवारी भर्ती की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में नकल रोकने के लिए नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें नकल करने वाले छात्रों को 10 साल तक परीक्षा देने से वंचित रखा जाएगा, वहीं नकल कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सारी संपत्ति तत्काल जब्त की जाएगी और उन को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजन में पहले परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों की रोडवेज की बस में आने जाने का किराया भी नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में सीमाएं सुरक्षित हैं, दुश्मन आंख उठाकर नहीं देख सकता है। सेना के जवान गोली का जवाब गोलों से देने का काम कर रहे है, यह नया भारत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने मंडुआ खरीद की अनुमति दी है। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा। पिछले वर्षों में कनेक्टिवीटी में काफी काम हुआ है।
इस दौरान वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी, गीता धामी, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, उप जिलाधिकारी रविन्द्र बिष्ट सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता एवं मेला कमेटी के सदस्य आदि उपस्थित रहे।

कोई अभ्यर्थी भी दोषी पाया गया तो 10 साज की सजा और परीक्षाओं से रहेगा वंचित-धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को आजीवन सजा का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाएगी। जो अभ्यर्थी इसमें लिप्त पाए जायेंगे उन्हे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है और उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नही लगता था। अगर पता लगता भी था तो कोई कार्यवाही नहीं होती थी। हमने गडबडी करने वालों को जेल भेजा,उनकी सम्पत्तियों को ध्वस्त किया। हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। किसी प्रकार की धांधली का न केवल पता चल रहा है बल्कि गड़बड़ी करने वालों को अविलंब पकड़ा भी जा रहा है। हम अपने युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।

अन्तरराज्यीय बस अड्डे की भूमि का सीएम ने किया औचक निरीक्षण

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनपद भ्रमण के दूसरे दिन रविवार को टनकपुर में बनने वाले आइएसबीटी टर्मिनल की भूमि का निरीक्षण किया। परिवहन निगम की 106 बीघा भूमि पर 56 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भूमि का निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चम्पावत को आईएसबीटी के खूबसूरत तरीके से निर्माण कराए जाने और उसमे श्रद्धालुओं और यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान डीपीआर और नक्शे को विस्तार से देखते हुए जिलाधिकारी से आवश्यक जानकारी ली।
इस दौरान अवगत कराया गया कि आई एस बी टी के निर्माण हेतु पेयजल निर्माण निगम ने डीपीआर तैयार कर ली है। इसके लिए शासन ने करीब 56 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। टनकपुर बस स्टेशन से लंबी दूरी की बसों के अलावा पर्वतीय मार्गाे पर भी बसे संचालित होती है। जिलाधिकारी ने बताया कि बस टर्मिनल बनने पर यहां करीब 200 बसें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। वहीं स्टेशन में हाईटेक शौचालय व भवनों का भी निर्माण किया जाएगा। यात्रियों की हर सुविधा ध्यान में रखते हुए इस नये बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। दो बड़े एसी हाल के साथ कैटींन व दुकानें भी खोली जाएगी। वही मुख्य बाजार व रेलवे क्रासिंग के पास बस स्टेशन की करीब तीन बीघा जमीन में अंडर ग्राउंड पार्किंग व ऊपर मॉल बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी तथा डिपो की आय काफी अधिक मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने जिलाधिकारी से कहा कि बजट का ठीक तरह से उपयोग हो। बस टर्मिनल में अधिक से अधिक सुविधाएं हों,बच्चों के मनोरंजन के साथ ही विभिन्न सुविधाएं यहां पर हो इसके लिए इसकी डिजाइन अच्छे आर्किटेक्ट से तैयार किए जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि शारदा घाट पर बेहतर व्यवस्था की जाय। अधिक से अधिक श्रद्धालु यहॉ आएं, जिससे लोगों को रोजगार मिले और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि बस टर्मिनल के बनने के बाद लोग मां पूर्णागिरि के दर्शन कर वापस नहीं जाएंगे। बल्कि वह अन्न्य स्थानो पर घूमने के बाद मां शारदा की आरती कर अपने घरों को लौटेंगे। वहीं आने वाले समय में मां पूर्णागिरि में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाएगी।
इस मौके पर वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश चंद्र गहतोड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीडीओ आर एस रावत, नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय केएस बृजवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक संचालन पवन मेहरा, एसडीएम रिंकू बिष्ट, सुंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने किया चंपावत जिले में 87.28 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चंपावत के विकास हेतु कुल 87.28 करोड़ रुपये की 19 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने विधानसभा चम्पावत हेतु 4469.35 लाख रुपए की 11 योजनाओं का शिलान्यास तथा 258.15 लाख रुपए की एक योजना का लोकार्पण किया। विधानसभा लोहाघाट हेतु 779.45 लाख रुपए की कुल 4 योजनाओं का शिलान्यास एवं 3321.13 लाख रुपए की 3 योजनाओं का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने जिले के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की। जिसमें टनकपुर व बनबसा क्षेत्र के आंतरिक मार्गों का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण किया जाएगा। राज्य मार्ग संख्या 109 सुखीढांग धुरा रीठासाहिब के ब्रजनगर तालियाबांज प्रभाग पर एवं राज्य प्रभाग संख्या 110 सुखिढांग श्यामलाताल मार्ग पर हॉटमिक्स के द्वारा रोड का सुधारीकरण किया जाएगा। ललुवापानी बनलेख प्रस्तावित राज्यमार्ग का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण किया जाएगा तथा ठीक प्रकार से इसका पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा। चम्पावत विधानसभा के आंतरिक सम्पर्क मार्गों का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण का कार्य किया जाएगा। टनकपुर गाँधी मैदान में कम्युनिटी हॉल का निर्माण किया जाएगा।
मेले के शुभारंभ अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तरायणी पर्व की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है। आज के दिन भगवान सूर्य के उत्तरायण में आने से एक बेहतर शुरूआत होती है। हमारे जीवन में उत्साह एवं शक्ति प्राप्त होती है। इसी उत्साह एवं शक्ति से हम राज्य के विकास में हम आगे बढ़ेंगे।
हरेला क्लब द्वारा लगातार उत्तरायणी कौथिग का आयोजन किया जा रहा है। यह संस्था हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसी प्रकार हरेला पर्व जो हमारे पर्यावरण का प्रतीक है आज पूरे राष्ट्र के वैज्ञानिक व जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों द्वारा इस हरेला पर्व के महत्व को समझा गया है कि यह हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे योग को अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलाई है। आज हमारे सभी धार्मिक स्थल विकास की ओर अग्रसर हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ का मास्टर प्लान तैयार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। स्वदेश दर्शन में चम्पावत जिले के गोरखनाथ, मां वाराही, मां पूर्णागिरि धाम आदि धार्मिक स्थानों को विकसित करने का प्रस्ताव भारत सरकार में भेजा गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नमामि गंगे, निर्मल गंगा अभियान सहित अनेक अभियान चल रहे हैं। नमामि गंगे अभियान के अतंर्गत मां शारदा नदी को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत शारदा नदी में सम्मिलित होने वाले नदी नालों में एसटीपी लगाने का प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य धन की वजह से नहीं रूकेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जिले के विकास हेतु बेहतर योजनाएं बनाएं। चंपावत को मॉडल जिला बनाए जाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं और सरकार के सभी विभागों को इस काम में लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर को अन्य बड़े शहरों से रेल सुविधा से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क मार्गों को ठीक किया जा रहा है। टकनपुर सितारगंज टू लेन को फोर लेन बनाने को केंद्रीय परिवहन मंत्री से वार्ता की गई है। सीएम ने कहा कि आंधी आए या तूफान नहीं रूकेगा विकास का यह अभियान। यह विकास का रथ अब नहीं रूकेगा। उत्तराखंड राज्य 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी जिस तरह पहाड़ का एक द्वार है उसी तरह टनकपुर भी एक द्वार है। जिसका चहुमुंखी विकास किया जाएगा।
इस अवसर पर हरेला क्लब की महिला विंग ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया व छोलिया दल द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा क्लब की महिला सदस्यों के स्टॉल में जाकर पहाड़ी व्यंजनों का भी स्वाद चखा तथा पुनः सभी को मकर संक्रांति की बधाई दी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अध्यक्ष वन विकास निगम कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि शारदा घाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है यह मुख्यमंत्री जी की क्षेत्र के विकास के लिए दूरगामी सोच है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के प्रयासों से टनकपुर में राज्य का नंबर एक बस अड्डा बनने जा रहा है।
इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 19 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें विधानसभा क्षेत्र चंपावत में लोक निर्माण विभाग की 24.85 किमी सूखीढांग-डांडा-मीनार मोटर मार्ग के 6.00 किमी से 29.85 का पुनर्निर्माण एवं डामरीकरण का कार्य, पर्यटन विभाग की जनपद चंपावत के अंतर्गत बूम टनकपुर में राफ्टिंग हेतु टिकट काउंटर शौचालय एवं एप्रोच पाथ का निर्माण, चरण मंदिर टनकपुर जौलजीबी रोड में राफ्टिंग हेतु मुख्य सड़क मार्ग में महाकाली नदी तक एप्रोच का निर्माण, जनपद चंपावत में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित 5 शौचालयों रीठा साहिब, बस स्टेशन चंपावत, शांत बाजार चंपावत, बस स्टेशन टनकपुर व टैक्सी स्टैंड टनकपुर की मरम्मत एवं उच्चीकरण, चंपावत नगर में पर्यटन विभाग के स्टाफ क्वार्टर का निर्माण, चंपावत में मार्केट एवं कम्युनिटी सेंटर का निर्माण, चंपावत में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, टनकपुर में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम की टनकपुर (ग्रामीण) पे.यो., दियूरी (रेट्रो) पे.यो, बनबसा (ग्रामीण) पे.यो का शिलान्यास तथा निर्माण इकाई उत्तराखंड पेयजल निगम की चंपावत अंतर्गत पुलिस थाना तामली के प्रशासनिक भवन का निर्माण का लोकार्पण किया।
विधानसभा लोहाघाट अंतर्गत पर्यटन विभाग की देवीधार मेला क्षेत्र में परिक्रमापथ एवं पर्यटकों हेतु व्यूप्वाइंट-पर्यटक छतरी एवं बैंचेंज का निर्माण, राजकीय सिंचाई लोहाघाट की नाबार्ड मद के अंतर्गत लोहावती नदी पर कोलिढेक कृत्रिम झील का निर्माण, नाबार्ड के अंतर्गत जनपद चंपावत के विकासखंड बाराकोट के ग्राम बोतड़ी की बाढ़ सुरक्षा योजना का लोकार्पण तथा निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम की बलई पंपिंग पेयजल योजना, बैढ़ाओम एवं ढटी गांव पंपिंग पेयजल योजना, लोहाघाट में मल्टी लेवल पार्किंग-1 का निर्माण, लोहाघाट में मल्टीलेवल पार्किंग-2 के निर्माण योजनाओं का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष विपिन वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीडीओ आर एस रावत एसडीएम रिंकू बिष्ट, सुंदर सिंह, हरेला क्लब अध्यक्ष डीडी भट्ट, संरक्षक डा. दिनेश चंद्र पाठक, शंकर गड़कोटी, विजय चंद, धर्मेंद्र चंद, महेश चंद, सुनीता वर्मा, सुमन गहतोड़ी, विद्या जुकरिया सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक विभागों के अधिकारी आदि मौजूद रहे।

मंत्री की नाराजगी के बाद हरकत में आया वन विभाग

बीते मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जंगल के बाहर हाईवे में गंदगी फैले होने पर डीएफओ देहरादून से नाराजगी जताई थी और कड़े निर्देश दिये थे। अब मंत्री की नाराजगी का असर देखने को मिल रहा है, वनकर्मियों ने हाईवे के दोनों ओर न सिर्फ सफाई अभियान चलाया, बल्कि जागरूकता संबंधी स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
शुक्रवार को मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल की नाराजगी का असर देखने को मिला। बड़कोट रेंज में वनकर्मियों ने बड़ी संख्या में हाईवे किनारे स्वच्छता अभियान चलाया। इस मौके पर कई किलो टन कूड़ा एकत्र किया गया। साथ ही प्लास्टिक कूड़ा न फेंकने, वैधानिक चेतावनी जैसे स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
बता दें कि मंत्री डॉ अग्रवाल ने बीते मंगलवार को बड़कोट रेंज में स्थित हाइवे किनारे फेंके जा रहे कूड़े के सम्बंध में जानकारी जुटाई थी। इस पर डीएफओ द्वारा जानकारी न दिए जाने पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई गई थी। मंत्री डा. अग्रवाल ने पूर्व में इस संबंध में दिए गए निर्देश का पालन न करने पर भी डीएफओ को फटकारा था।