सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोनिवि ने दिये सेफ्टी ऑडिट के आदेश

प्रदेश में सभी सेतुओं का सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा इससे सम्बन्धित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आर0के0सुधांशु द्वारा जारी किया गया है। इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे।
प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में सेतुओं का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, सेतुओं के समीप साईनेजेज न होने तथा सेतुओं की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से देश एवं प्रदेश के कई महत्वपूर्ण सेतु दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ-साथ आवागमन बाधित हो रहा है। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रदेश में अवस्थित सेतुओं से सम्बन्धित अद्यतन सूचना प्रत्येक दशा में 3 सप्ताह के अन्दर शासन में उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सेतुओं के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा संबंधित जनपद के जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे सेतु जिनको निर्मित हुये कई वर्ष हो चुके हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाय। प्रत्येक सेतु का सेफ्टी ऑडिट करते हुये आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराया जाय सेतुओं के समीप साईनेजेज की उचित व्यवस्था की जाय किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।

विद्यालयों का निरीक्षण कर महानिदेशालय को सौंपेंगे रिपोर्ट

‘विद्या संवाद’ कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विभागीय कार्यों की समीक्षा के लिये विभिन्न जनपदों में जायेंगे। जहां वह शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करेंगे। विद्या संवाद कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी शिक्षा की गुणवत्ता सहित विभागीय कार्यों का अवलोकन करेंगे, साथ ही न्यायालय में योजित वादों की संख्या में कमी लाने के लिये संबंधित शिक्षकों से वार्ता करेंगे। इसके लिये शिक्षा महानिदेशालय द्वारा सभी जनपदों के लिये अधिकारी नामित कर दिये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह प्रदेशभर में विद्या संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसके तहत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न जनपदों में जाकर शिक्षकों, अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिये महानिदेशालय स्तर से जनपदवार अधिकारी नामित कर दिये गये है, जो शीघ्र ही संबंधित जनपदों में जाकर संवाद स्थापित करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को देहरादून जनपद आवंटित किया गया है, जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा राकेश कुमार कुंवर को पिथौरागढ़, निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी को हरिद्वार, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल को टिहरी, अपर निदेशक महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा राम कृष्ण उनियाल को उत्तरकाशी, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा एस0पी0 खाली को चमोली, अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ0 आर0डी0 शर्मा को पौड़ी गढ़वाल, संयुक्त निदेशक डॉ0 एस0बी0 जोशी को चम्पावत, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी आशा पैन्यूली को ऊधमसिंह नगर, प्रभारी अपर निदेशक सीमैट दिनेश चन्द्र गौड़ को रूद्रप्रयाग, संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य को बागेश्वर, हरीश चन्द्र सिंह रावत को नैनीताल और संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा कंचन देवराड़ी को अल्मोडा जनपद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम के तहत नामित अधिकारी अपने-अपने जनपदों के प्रत्येक विकासखंड में कम से कम तीन विद्यालयों का समग्र अनुश्रवण करेंगे, जिसकी रिपोर्ट वह आगामी 15 नवम्बर तक महानिदेशालय को उपलब्ध करायेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी न्यायालयों में दायर विभिन्न वादों से संबंधित शिक्षकों के साथ वार्ता कर वादों की संख्या में कमी लाने का प्रयास भी करेंगे ताकि वादों से संबंधित विभिन्न लम्बित प्रकरणों पर विभाग अग्रिम कार्रवाही कर शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुचारू कर सकेगा। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों, परीक्षाफल सुधार, वर्चुअल कक्षाओं के संचालन, एनईपी के अंतर्गत बालवाटिका कार्यक्रम की स्थिति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सहित छात्रों के पठन-पाठन आदि की स्थिति का जायजा लेने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम की सभी जनपदों से प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा की जायेगी और रिपोर्ट में सुझाये गये सुझावों को अमल में लाया जायेगा।

युवा हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संवाहक बने, इस दिशा में प्रयास जरूरीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की सम्भावनाओं पर ध्यान देने को कहा है ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यह हमारा प्रयास होना चाहिए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की। प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है। हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने, इस दिशा में भी प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन कल्चरल सेन्टर एवं म्यूजियम को शीघ्र अन्तिम रूप देने के साथ इसके प्रभावी उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाये जिससे देश व दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बनाने वाले सहभागी बन सके। हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति, कला एवं लोक विधा से जुड़ सकेंगे।

केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी ने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है। भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिये जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे तथा इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी से इसे और अधिक व्यापकता मिलेगी तथा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, उप निदेशक नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री डा. अग्रवाल ने पुनर्गठन विभाग की समीक्षा की

जनगणना एवं पुनर्गठन मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विधान सभा भवन स्थित कार्यालय में अधिकारियों के साथ पुनर्गठन विभाग की समीक्षा बैठक ली।

मंत्री ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि दोनों राज्य सरकारों की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर ही हमने पुनर्गठन से संबंधित कई मुद्दों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया है।

मंत्री ने कहा कि हमें खुशी है कि हम ज्यादातर मुद्दों जैसे 24 नहरों को उत्तराखण्ड राज्य को दिया जाना, वन विभाग के मध्य संचित एवं आधिक्य मद की धनराशि का भुगतान किया जाना, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पत्तियों के नीलामी/आवंटन की संयुक्त प्रक्रिया का विकसित किया जाना तथा पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग आदि से संबंधित मामलों का निस्तारण कर चुके हैं।

मंत्री ने लंबित मुद्दों पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा बैठक करने के बाद जल्द ही विभागीय बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य सचिव को दूरभाष के माध्यम से जल्द ही लंबित मुद्दों के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

मंत्री ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुनर्गठन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं का निस्तारण उत्तराखण्ड सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सम्मिलित प्रयास से पूर्ण हो पाया है।

इस मौके पर सचिव पुनर्गठन चन्द्रेश कुमार, उपसचिव पुनर्गठन एचएस भसेड़ा तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

हिमाचल चुनाव-पांच सीटों पर धामी के निर्णय से मिल रही सफलता

देवभूमि उत्तराखंड ने तो बारी-बारी से कांग्रेस-भाजपा की सरकार बनाने के ट्रेंड को बदल दिया है लेकिन अब चुनाव देवभूमि से सीमा साझा करने वाली देवभूमि हिमाचल में है तो सबकी नजर इसी बात पर लगी है कि क्या हिमाचल नए ट्रेंड गढ़ता है या फिर पुराने पैटर्न को ही अपनाता है।
खैर, नतीजा जो भी हो लेकिन उत्तराखंड से लगे हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की पांच विधानसभा सीटों पौंटा साहिब, नाहन, पछाद के अलावा रेणुका जी एवं सलाई पर उत्तराखंड के सीएम धामी की धमक स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। बता दें विधानसभा पौंटा साहिब की सीमा सीधे तौर पर उत्तराखंड के विकासनगर क्षेत्र से लगती है लेकिन यमुना नदी के पार हिमाचल की पौंटा साहिब की लाखों की आबादी को अब तक कई किमी लंबा रास्ता तय कर सिखों के प्रमुख गुरुद्वारे भंगनी साहिब समेत आसपास जाने के लिए लेना पड़ता था।
हालांकि, जब उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की अगवाई में भाजपा की सरकार बनी तो सीएम धामी ने उत्तराखंड एवं हिमाचल की लाखों की आबादी के हितार्थ यमुना पर पुल निर्माण की घोषणा की। वर्तमान में इस पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है और भंगारी से लेकर आसपास की दर्जनों पंचायतों के लोग इस बात से खुश हैं कि उन्हें अब लंबा रास्ता नहीं लेना होगा। इस पुल के निर्माण से भंगानी से विकासनगर की दूरी महज 3 किमी रह जायेगी। स्थानीय मीडियाकर्मियों के मुताबिक पूर्व में इस क्षेत्र के हजारों लोगों को या तो वाया डाकपत्थर 10 से 12 किमी का रास्ता तय कर विकासनगर आना पड़ता था या फिर पौंटा साहिब से 20 से 25 किमी का लंबा रास्ता लेना पड़ता था। बता दें कि इस पूरे क्षेत्र के लिए पौंटा के मुकाबले विकासनगर ही मुख्य बाजार है। ऐसे में यमुना पर बन रहा पुल इस पूरे इलाके के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। वहीं, पौंटा के अलावा अन्य 4 सीटों पर भी धामी की धमक देखने को मिल रही है। यूं भी सीएम धामी हिमाचल चुनाव के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं।

गुरु गोविंद साहिब ने लड़ी थी भंगानी में लड़ाई
भंगानी मुख्यतः भंगानी गुरुद्वारे के लिए जाना जाता है। यहां अत्याचार अन्याय के खिलाफ गुरु गोविंद सिंह जी ने लड़ाई लड़ी थी। अत्याचार को मिटाने में इस धरती की अहम भूमिका रही।

प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत-महेन्द्र भट्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 94वें एपिसोड पर भाजपा ऋषिकेश बूथ संख्या 11 और 12 के कार्यकर्ताओं द्वारा सुना गया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे।
रविवार को दून रोड स्थित एक होटल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पीएम ने छठ पर्व का जिक्र किया और प्रार्थना कि छठ मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही ये संदेश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है. इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए।
भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सूर्य उपासना के साथ-साथ ‘सौर ऊर्जा’ की बात की। कहा कि सोलर एनर्जी आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं। भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। 
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु में कांचीपुरम और गुजरात के मोढेरा का भी जिक्र किया। कहा कि यहां ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं, अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का चेक आ रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में सदैव उत्तराखंड का जिक्र किया है। 94वें एपिसोड में गुरुनानक जयंती का जिक्र करते हुए केदारनाथ रोपवे का जिक्र किया और हेमकुंड गुरुद्वारा का भी उन्होंने उदाहरण दिया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि मन की बात समाज से निकली हुई बातों पर आधारित होती है। प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम के जरिये देश को प्रेरणा मिलती है। युवाओं में नई ऊर्जा का संचार होता है। भविष्य की राह खुलती है। 
इस मौके पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संदीप गुप्ता, प्रदेश आईटी प्रभारी हिमांशु संगतानी, मण्डल अध्यक्ष दिनेश सती, बूथ अध्यक्ष 12 नरेंद्र रतूड़ी, कपिल गुप्ता, जितेंद्र अग्रवाल, रविन्द्र राणा, सरोज डिमरी, बृजेश शर्मा, महामंत्री सुमित पंवार, जयंत शर्मा, पार्षद शिव कुमार गौतम, प्रदीप कोहली, कविता शाह, गंभीर मेवाड़, मोनिका गर्ग, सरला अग्रवाल, सिमरन गाबा, राकेश पारछा, सुजीत यादव, उदिता गुप्ता, गुड्डी कलूड़ा, किशन मण्डल, रविन्द्र बिरला, राजू शर्मा, माधवी गुप्ता, रूपेश गुप्ता आदि सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने पर्यटन उद्योग को दिलाई सांसे, चारधाम यात्रा में बपंर बरसा धन

उत्तराखंड में अभी तक पर्यटन क्षेत्र में विकास की अवधारणाएं धीरे-धीरे परवान चल रही थी, आवश्यकता थी तो एक ऐसे मुख्यमंत्री की जो अपनी दूर दृष्टि से पर्यटन के रास्ते में आने वाली सारी रुकावटों को दूर करके केंद्र से समय समय पर उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट और पैसा ला सके। ऐसे में अपने छोटे से कार्यकाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी विकास का प्रतीक बन गये हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले उत्तराखंड को सियासी तौर पर एक अस्थिर राज्य माना जाता था। इसकी वजह भी थी। राज्य गठन के बाद प्रदेश में एनडी तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। जिसके चलते बीते 22 साल के भीतर सीएम धामी से पहले उत्तराखंड को 10 मुख्यमंत्री मिल चुके थे। लेकिन बीते साल जब 45 साल के युवा पुष्कर सिंह धामी के हाथों में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश की कमान दी तो उन्होंने अपने नेतृत्व क्षमता से सभी को चकित कर दिया।
ये सभी जानते हैं कि जिस वक्त पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा गया था। उस वक्त उत्तराखंड में बीजेपी की हालत बहुत खराब थी। लेकिन अपने 6 महीने के कार्यकाल में पुष्कर सिंह धामी ने न केवल प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साधा, बल्कि प्रदेश की जनता के मन को भी जीत लिया। और जब चुनाव हुए तो उन्होंने मोदी के करिश्माई नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाया। जिससे प्रदेश में उन्हें दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल हुआ। हालांकि प्रदेश में भागदौड़ करने का उन्हें निजी तौर पर नुकसान हुआ। वो खटीमा से चुनाव हार गये। लेकिन वो प्रदेश की जनता का मन जीत चुके थे। प्रदेश में एक बार फिर लगने लगा था कि प्रदेश को शायद एक और मुख्यमंत्री मिलेगा। तब प्रदेश के लोगों की सांसे अटक गई थी। उन दिनों देहरादून के सीएम आवाज में जिस तरह से प्रदेश के कोने-कोने से टूटकर लोग पहुंच रहे थे। उससे देश के करिश्माई नेता और करोड़ों लोगों के दिलों में राज करने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पहाड़ के लोगों के मन को भांप गये। उन्होंने प्रदेश की जनता के चहेते पुष्कर सिंह धामी को फिर से प्रदेश की बागडोर थमा दी। ये पुष्कर सिंह धामी के विरोधियों के मुंह पर बड़ा तमाचा था।
पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश की जनता और बीजेपी के आलाकमान से आशीर्वाद मिल चुका था। लिहाजा उन्होंने खुलकर खेलना शुरु किया। उन्होंने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साफ संदेश दिया कि अब प्रदेश में काम करने का वक्त है और जो काम नहीं करेगा। वो नहीं टिक पायेगा। संदेश साफ था लिहाजा प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी आई।
पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में आम चुनाव के बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 23 मार्च 2022 को शपथ ली थी। उस वक्त चुनौतियां भी काफी थी। चारधाम यात्रा शुरु होने वाली थी। कोविड के बाद चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखाई दे रहा था। सीएम धामी ने यात्रा को सफल बनाने के लिए खुद मोर्चा संभाला। तीर्थ यात्रियों को परेशानी नहीं हो उसके लिए जरुरी प्रबंध किये गये। डॉक्टरों की टीम तैनात की गई। साफ पानी का प्रबंध किया गया। होटल-सरायों में तीर्थयात्रियों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभियान की तरह कार्य किया गया। जिसका नतीजा भी अच्छा निकला। इस साल अब तक करीब 46 लाख तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिला है। जो आंकड़ा सामने आ रहा है उसके मुताबिक केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में अब तक घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी और हेली सेवा ने करीब 211 करोड़ का कारोबार किया। अनुमान है कि यात्रा से अब तक गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी करीब 50 करोड़ रुपए कमाये हैं। वहीं केदारनाथ यात्रा से स्थानीय कारोबारियों ने भी अच्छा मुनाफा कमाया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बाबा केदारनाथ में बड़ी आस्था है। इसबार जब 21 अक्टूबर को पीएम मोदी केदारनाथ आये तो उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे 5 फीसदी खर्च स्थानीय उत्पादों पर करें। वहीं उन्होंने इस बार गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंद घाट- हेमकुंड रोपवे का भी शिलान्यास किया। ये कार्य तभी संभव हो पा रहे हैं। जब प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी कुशल नेतृत्व दे पाने में सक्षम हो पा रहे हैं।
ये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व क्षमता का ही नतीजा है कि इस बार उन्होंने पर्यटकों को लुभाने के लिए जो कारगर कदम उठाये वो सफल साबित हुए। दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बनाई। जिससे प्रदेश में महज 6 माह के भीतर ही लाखों की तादाद में सैलानी पहुंच चुके हैं। अकेल नैनीताल जिले में बीते साल जहां 3 लाख 26 हजार सैलानी आये। वहीं इस साल अब तक 3 लाख 96 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं।
प्रदेश में पर्यटकों को बेहतर सुविधायें मिलने से कॉर्बेट पार्क भी गुलजार रहा। कॉर्बेट पार्क से मिले आंकड़े के मुताबिक वहां बीते 6 माह यानि अप्रैल के बाद से अबतक करीब 1 लाख 60 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। जिसमें 439 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं। सैलानियों के उत्साह को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने इस बार गर्जिया जोन भी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। वहीं राजाजी पार्क में इस साल अब तक करीब 50 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। असल में पुष्कर सिंह धामी ने जब से राज्य की कमान संभाली है। तब से वे लगातार सड़कों के रख रखाव पर जोर दे रहे हैं। जिससे प्रदेश की सड़कें बेहतर हो चुकी हैं। इससे पर्यटन कारोबार को भी मदद मिल रही है। सड़कें अच्छी होने से सैलानी उत्तराखंड में बार-बार आ रहा है। वहीं मुख्यमंत्री धामी, उत्तराखंड में अवस्थापना विकास पर भी लगातार जोर दे रहे हैं। जिससे प्रदेश के गांव-गांव तक सड़कें पहुंच रही हैं। वहीं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग भी तैयार किये जा रहे हैं। वहीं राज्य में दूसरे क्षेत्रों में भी कार्य हो रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रदेश में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। जो अब धीरे-धीरे सभी की नजर में आने लगे हैं। वहीं प्रदेश को एक पुष्कर धामी के रूप में नया विकास पुरुष भी मिल गया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पीएम और केंद्रीय मंत्री का जताया आभार

हल्द्वानी एचएमटी की भूमि राज्य सरकार को मिलने से भाजपा संगठन ने इसे धामी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि करार दिया है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ का आभार जताया। भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लंबे समय से किये जा रहे प्रयास के फलस्वरूप आखिरकार राज्य को हल्द्वानी एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन मिल गयी। उन्होंने कहा कि इस जमीन के मिलने से जनकल्याण के कई योजनाओं को क्रियान्यवयन मे मदद मिलेगी। लंबे समय से इस जमीन को राज्य सरकार को दिलाने की दिशा मे प्रयास किये जा रहे थे, लेकिन इस बार प्रभावी पहल और सीएम के द्वारा इस पर विशेष फोकस किये जाने से इसे हस्तानतरण का मार्ग प्रशस्त हो पाया। उन्होंने से डबल इंजन की सरकार का एक और तोहफा भी उतराखंड को करार दिया।

उन्होंने कहा कि इस जमीन के खाली पड़े रहने से इसका कोई प्रायोजन भी हासिल नही हो पा रहा था। अब एकमुश्त इतनी जमीन मिलने से यह रोजगारपरक कार्याे के लिए उपयोग मे लायी जा सकेगी। सीएम की दूरदर्शिता और सतत् प्रयास से यह भूमि एक बेहतर रोजगार का मॉडल बनेगा।

गाय सनातन संस्कृति के साथ मानव जाति के लिए पूजनीयः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गायों की पूजा कर उत्तराखंडवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। भारतीय संस्कृति में गाय को सुख, सौभाग्य व समृद्धि प्रदान करने वाली तथा समस्त मनोकामनाएं को पूर्ण करने वाली माना गया है।

प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई एवं शुभकामनाएं देते मुख्यमंत्री धामी ने विशेषकर प्रदेश की युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि वे अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आएं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी भी उपस्थित थी।

राज्य के अधिकारियों को सीएम ने पीएम के सुझाव बताये

राज्य सरकार केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की तर्ज पर ही राज्य के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी। सीएम आवास मे दीपावली की बधाई देने आए अधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका व्यापक विचार विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री से इस संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड दुनिया भर के करोङो लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उत्तराखण्ड में केदारनाथ धाम व बदरीनाथ धाम की तरह ही प्रदेश के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान बनाए, केंद्र सरकार हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर है।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अन्य पौराणिक मंदिरों के महत्व की भी जानकारी दी जाए और साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया जाए। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर पर्यटन का विकास होगा। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मिलेगी व आय में वृद्धि होगी। आज की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि चार धाम यात्रा पर आए बहुत से श्रद्धालुओं को कई बार हेली सेवा के लिये दो तीन दिन प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस दौरान यात्री आस पास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे एक ओर इन यात्रियों के समय का सदुपयोग होगा, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा घूमने के दौरान खर्च किये जाने से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कुमाऊँ के मंदिरों के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। हमें उनके मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप देव भूमि उत्तराखण्ड को आगे ले जाना है। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जाए। कुमाऊँ क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रारम्भ की गई मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के सम्बंध में भी प्रधानमंत्री से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। इस परियोजना में सम्मिलित मंदिरों के मास्टर प्लान बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने का निर्णय भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि राज्य के टॉपर छात्र छात्राओं को एलबीएसएनएए, आईआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए। इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, सौजन्या, शैलेश बगोली, डॉ पंकज कुमार पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।