डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का उत्तराखंड को भी मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग ने मानव जीवन को आसान बनाने का कार्य किया है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पीएम ने कहा, आज देश डिजिटल इंडिया के सामर्थ्य का फिर एक बार साक्षी बन रहा है। आज 75 डिजिटल बैंकिग यूनिट्स देश के 75 जिलों में धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने कहा, भारत के सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने का जो अभियान देश में चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी। उन्होंने कहा, हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हमारा संकल्प है, व्यवस्थाओं में सुधार का। पारदिर्शता लाने का और आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भाजपा सरकार ने दो चीजों पर एक साथ काम किया है। एक है, बैंकिग व्यवस्था को सुधारना, मजबूत करना और पारदर्शिता लाना और दूसरा काम वित्तीय समावेशन लाना। उन्होंने कहा, हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99ः से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद हैं। आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आईएमएफ ने हमारे डिजिटल बैंकिंग बुनियादी ढांचे के प्रयासों की सराहना की है। इसका श्रेय गरीबों, किसानों और मजदूर वर्ग को जाता है, जिन्होंने नई डिजिटल तकनीक को अपनाया और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। उन्होंने कहा, जब हमने जन-धन अकाउंट की मुहिम शुरू की तब आवाजें उठीं कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा। यहां तक की इस फील्ड के कई एक्सपर्ट भी नहीं समझ पा रहे थे, इस अभियान का महत्व क्या है। लेकिन बैंक खाते की ताकत क्या होती है,ये आज पूरा देश देख रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यूपीआई अपने तरह की दुनिया की पहली टेक्नोलॉजी है। आज भारत में आप इसे शहर से लेकर गांव तक शोरूम हो या सब्जी का ठेला हर जगह देख सकते हैं। डिजिटल बैंकिंग ने आज वित्तीय लेनदेन को पीछे छोड़ दिया है और खुद को सुशासन और बेहतर सेवा वितरण माध्यम के उदाहरण के रूप में स्थापित किया है। आज यह प्रणाली एमएसएमई और निजी संस्थानों के लिए विकास का इंजन बन गई है।

उत्तराखंड में नए शैक्षणिक सत्र के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारम्भ

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा में इसका शुभारम्भ किया गया है। बाल वाटिका से प्रारम्भिक शिक्षा में उत्तराखण्ड ने ही इसकी सबसे पहले शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड विद्वानों की भूमि है। इस देवभूमि से नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अभी अनेक विचार आयेंगे। अब प्रयास करने होंगे कि आने वाले समय में शत प्रतिशत बच्चे बाल वाटिकाओं में प्रवेश करें। उन्होंने कहा कि किसी भी देश एवं समाज का विकास बेहतर शिक्षा से ही हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मानवीय जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। शिक्षा के साथ ही बच्चों के कौशल विकास, उनके व्यक्तित्व के विकास, भाषाई विकास एवं नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षा व्यक्ति की आत्मनिर्भरता से जुड़ी हुई है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 3 साल से फार्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई है, बाल वाटिका में 3 साल सीखने के बाद बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा, तब उसकी उम्र 6 साल होगी। बच्चों को नवजात से उनकी 21-22 साल की उम्र तक बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा के लिए उत्तराखण्ड में 40 लाख बच्चों का टारगेट लेकर आगे बढ़ना होगा। स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा,मेडिकल, पेरामेडिकल एवं अन्य को मिलाकर 35 लाख की व्यवस्था उत्तराखण्ड के पास पहले से ही है। उन्होंने कहा कि देश डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ा है। उच्च शिक्षा की दिशा में उत्तराखण्ड में जो नीति बन रही है, वह इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है। प्रदेश के नौजवानों को विश्व की आवश्यकता के लिए तैयार कराना, यह उत्तराखण्ड के पास ताकत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने के की दिशा में, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से सकारात्मक कदम बढ़ाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में तैयार की गई नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नवीन, आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के नए आयाम खोलने वाली नीति है। इसे देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों द्वारा तैयार किया गया है और ये नए भारत की, नई उम्मीदों नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है। यदि हम एक समृद्ध भविष्य चाहते हैं तो हमने अपने वर्तमान को सशक्त बनाना होगा, ठीक इसी प्रकार से यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को और भी अधिक प्रतिभाशाली बनाना चाहते हैं तो हमें उसके बचपन और उसकी शिक्षा पर आज से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान देने का कार्य किया है। हमारे नालंदा और तक्षशिला जैसे अद्वितीय शिक्षा मंदिर पूरी दुनिया में कहीं नहीं थे और यहां से ज्ञान अर्जित करने वालों ने संपूर्ण मानवजाति को एक नई राह दिखाई। हमारे देश में मेधा की कभी कोई कमी नहीं रही और एक से एक विद्वानों और शिक्षाविदों ने भारत की बौद्धिक संपदा को विस्तार दिया। लेकिन कालांतर में आए विदेशी आक्रांताओं और शासकों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था पर ही सबसे अधिक चोट की और इसको तहस-नहस कर दिया। उस दौर में व्यवस्थाएं ऐसी बना दी गईं जिसके बाद से पढ़ाई का अर्थ और लक्ष्य केवल और केवल नौकरी पाने तक सीमित हो कर रह गया। उन्होंने कहा कि 2025 में राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाई जायेगी। तब तक हम बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर क्या कर सकते हैं, जो देश के लिए आदर्श बने इस दिशा में सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य में एनईपी-2020 लागू किये जाने का श्रेय विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया। उन्होंने कहा कि इन लोगों की मेहनत का नतीजा है कि आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जा सका। डॉ रावत ने बताया कि एनईपी-2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रवेश शुरू कर दिये गये हैं। इसके लिये नई नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी और कैरिकुलम डिजाइन समिति गठित की गई। जिनकी विभिन्न स्तर पर कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के उपरांत बाद पाठ्यक्रम तैयार किया गया। जिसे सभी विश्वविद्यालयों की बीओएस, एकेडमिक काउंसिल और एग्जेक्युटिव कमेटी द्वारा अप्रूव्ड किया गया। उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत छात्र-छात्राओं को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम का लाभ मिलेगा और अब वह अपने मनपसंद विषय और विश्वविद्यालय चुन सकेंगे। डॉ रावत ने बताया कि नए पाठ्यक्रम रिसर्च, इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप बेस्ड होंगे। इसमें रोबोटिक्स जैसे एडवांस कोर्स रखे गये हैं। उन्होंने बताया कि को-कैरिकुलम कोर्स के 6 सेमेस्टरों के प्रत्येक सेमेस्टर में भारतीय ज्ञान परम्परा, कम्युनिकेशन स्किल, इन्वायरमेंट, मैनेजमेंट पैराडाइज ऑफ भागवत गीता, योगा, विवेकानंद स्टडीज, पर्सनली डेवलपमेंट, रामचरितमानस, ट्रेडिशनल नॉलेज, वैदिक साइंस और वैदिक गणित जैसे कोर्स भी रखे गये हैं।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, विनोद चमोली, विनोद कण्डारी, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव शैलेश बगोली, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

वैली ऑफ वर्ड्स में पहली बार सूचना और संस्कृति विभाग भी होंगे सहयोगी

आगामी 12-13 नवंबर को देहरादून में वैली ऑफ वर्ड्स का छठा संस्करण आयोजित किया जाएगा। यह पहला अवसर है जब उत्तराखंड सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग भी इस आयोजन में सहयोगी होंगे। वैली ऑफ वर्ड्स में इस बार 100 लेखक, 40 सेशन और 10 किताबों का विमोचन आकर्षण होगा।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार एवं सेवानिवृत्त आईएएस संजीव चोपड़ा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ वर्ड्स का शुभारंभ उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह करेंगे जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहेंगे। 13 नवंबर को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि बीते 5 वर्षों से लगातार यह आयोजन देहरादून में हो रहा है। इस बार मुख्यमंत्री की सहमति के बाद उत्तराखंड सरकार भी इसमें भागीदार है। उन्होंने कहा कि वैली ऑफ वर्ड्स के दौरान उत्तराखंड की फिल्म नीति को लेकर भी चर्चा होगी। वर्तमान में इस नीति को लेकर सुझाव आमंत्रित किये गए हैं। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा कि एक दो माह के अंदर फिल्म नीति को फाइनल कर लिया जाएगा। अभी तक आउटडोर शूटिंग पर ही फोकस होता था लेकिन अब प्रयास है कि फिल्म से जुड़ा हर पहलू मसलन लेखन, फोटोग्राफी, सिनेमेटोग्राफी इत्यादि यहीं पर हो।
वैली ऑफ वर्ड्स के दौरान विभिन्न गतिविधियां जैसे नृत्य प्रस्तुति, मंत्रणा कार्यक्रम भी होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि देहरादून के वैली ऑफ वर्ड्स को जल्द से जल्द देश के सर्वश्रेष्ठ लिटरेचर फेस्टिवल के तौर पर पहचान मिले। इसके अलावा इस कार्यक्रम के दौरान रूसी एवं इसरायली किताबों पर भी चर्चा की जाएगी।

सीएस से दिये निर्देश, एक करोड़ की धनराशि का टेंडर या निविदा अब यहां प्रकाशित होंगे

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित यूकेपीएफएमएस परियोजना के मिड टर्म रिव्यू की बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से यह अपेक्षा की कि वे वित्त विभाग द्वारा प्रोक्योरमेंट अधिप्राप्ति शिकायत क्रियाविधि पोर्टल (E-Procurement Grievance Registration Mechanism Portal) में तत्काल अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 1 करोड़ रुपए से अधिक की सभी ई – निविदाओं को अनिवार्य रूप से उक्त पोर्टल (http://pgrm.uk.gov.in) प्रकाशित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए एवं प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर एवं आयुक्त राज्यकर अहमद इकबाल भी उपस्थित थे।

आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं का लाभ मिलना जरुरी

अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्द्धन ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जाय। उन्होंने स्पष्ट किया कि जरूरतमंदो के ऋण आवेदनों के मामलों में बैंक संवेदनशीलता के साथ काम करे। पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोग आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं पर निर्भर है। पलायन रोकने तथा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने में बैंकों की अहम भूमिका है। गुरूवार को सचिवालय में अवस्थापना विकास बैंकर्स स्थायी समिति की बैठक में अपर मुख्य सचिव ने बैकों को निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों व ग्रामीणों को स्वरोजगार की ऋण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए।
राज्य के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभाग ने केवीआईसी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत अभी तक 2257 आवेदकों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे हैं। साथ ही उद्योग विभाग तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा लाभार्थियों को ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। राज्य के एमएसएमई विभाग ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 8362 आवेदकों के ऋण आवेदन बैंकों को भेजे हैं। बैठक में बैंकों तथा यूएलबी को हर शुक्रवार कैंप लगाकर ऋण आवेदनों के निस्तारण के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में बैंको को अभी तक पीएम स्वनिधि के तहत 22963 ऋण आवेदन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5960, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 2402, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 2257, वीर चन्द्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 257, होम स्टे योजना के तहत 258 ऋण आवेदन प्राप्त हुए है। कुल प्राप्त 34097 ऋण आवेदनों में से विभिन्न बैंकों द्वारा 17503 आवेदन स्वीकृत किए गए है। बैंकों ने 8241 ऋण आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए। ऋण आवेदनों के निरस्त होने के मुख्य कारणों में आवेदकों द्वारा ई-केवाईसी न करवा पाना, बैंकों की अन्य औपचारिकाताएं पूरी न कर पाना, सिबिल डिफॉल्ट, आवेदकों का बैंकों के सेवा क्षेत्र से बाहर होना है। लगभग 6792 ऋण आवेदन बैंकों में विचाराधीन हैं। उत्तराखण्ड में बैंकों द्वारा व्यापारिक, सेवा, निर्माण, कृषि सहयोगी गतिविधियों के लिए 10 लाख रूपये तक की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत इस वर्ष (2022-2023) 90494 लाभार्थियों को 1084 करोड़ 97 लाख रूपये के ऋण वितरित किए गए हैं। अनुमान है कि इससे अभी तक 205517 लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने बैंकों को दिसम्बर तक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 250 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक इस योजना के तहत 75 स्वीकृत ऋण आवेदकों को 1014.31 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। बैंकों को दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना (हो स्टे) के 200 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को निर्धारित अवधि तक पूरा करने के निर्देश मिले हैं। होम स्टें में निर्धारित लक्ष्य 200 के सापेक्ष 74 ऋण आवेदन स्वीकृत तथा 1523.81 लाख रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।
राज्य में पर्यटन विकास की दृष्टि से बैंकों को होम स्टे योजना के ऐसे ऋण आवेदन जिनमें सेक्शन 143 के तहत अकृषि प्रमाण पत्र एवं निर्माणाधीन इकाई का मानचित्र अधिकृत एजेंसी से स्वीकृति की जरूरत नही है, को अविलम्ब निस्तारित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। जानकारी दी गई कि पी एम स्वनिधि के तहत ऋण प्रदान करने समय सीमा दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दी गई है।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सी रविशंकर, चीफ मैनेजर एसबीआई अभिषेक नैथानी, डिप्टी सीईओ खादी बोर्ड एस डी मासीवाल, चीफ मैनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा हुकुम सिंह, उद्योग विभाग, एमएसएमई विभाग तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री से मिले नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के पत्रकार, रखी अपनी मांगे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वे पत्रकारों के हित और उनके कल्याण जुड़े मामलों में गंभीर हैं और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यह बात उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं। उनके द्वारा जनता की समस्याओं और विकास को जिन मुद्दों को समय-समय पर उठाया जाता है उससे सरकार को जन समस्याओं के त्वरित समाधान में मदद मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों के विभिन्न संगठनों द्वारा उठायी गयी विभिन्न मांगे उनके संज्ञान में है जिनके समाधान के लिए उनके उनके द्वारा महानिदेशक सूचना को निर्देर्शित किया गया है।

आज सायं मुख्यमंत्री आवास में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संरक्षक त्रिलोक चन्द्र भट्ट के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य में पत्रकार उत्पीड़न और उन पर होने वालों हमलों के दृष्टिगत पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, आकस्मिक दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की यथोचित चिकित्सा और बीमा कवर प्रदान करने हेतु उनको दुर्घटना बीमा कवर देने, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) भारत सरकार की तर्ज पर सूचना एवं लोक सपंर्क विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा निर्गत विज्ञापनों के बीजक की हार्ड कापी के पूर्व साफ्ट कापी ऑनलाइन जमा करने की भी व्यवस्था सहित राज्य में पंजीकृत पत्रकार यूनियनों को चक्रानुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करते हुए यथाशीघ्र प्रेस मान्यता समिति का गठन करने की मांग की गई।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष श्रमजीवी पत्रकारों और उनके आश्रितों के यथोचित उपचार के लिए गोल्डन कार्ड सुविधा/राज्य सरकार के पैनल पर सूचीबद्ध अस्पतालों के कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान करने, उत्तराखण्ड के दूर दराज के जिलों से राजधानी देहरादून आने वालों पत्रकारों के लिए बीजापुर गेस्ट हाउस के अतिरिक्त भी रात्रि विश्राम हेतु रियायती दरों पर समुचित व्यवस्था करने, विज्ञापन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों/बिलों तथा प्रेस मान्यता आदि मामलों में कोई आपत्ति या कमी पाये जाने पर उसे निरस्त करने के बजाय, आवेदक को आपत्ति ठीक करने का समय देते हुए लिखित रूप से सूचित करने, उत्तराखण्ड के अधिसूचित प्रेस क्लब जिनको किसी भी रूप में सरकारी अनुदान व सहायता मिलती है, उस धन और संसाधनों सहित ऐसे क्लबों की मानीटरिंग/निगरानी के लिए जिला सूचना अधिकारियों को नाोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने और उत्तराखण्ड में संचालित सामुदायिक रेडियो संचालकों के कम से कम एक प्रतिनिधि को जनपद स्तर पर शासकीय पत्रकार के रूप में मान्यता प्रदान करने की भी मांग की गयी।

मुख्यमंत्री ने यूनियन की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित कार्रवाई का आश्वान दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर पाण्डे, भूपेश छिमवाल और सागर गाबा उपस्थित रहे।

भारी बारिश के बीच लायंस डिवाइन दीपावली में रही चमक, भारतीय परिधान पहने मॉडल्स ने बटोरी तालियां

लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन द्वारा आयोजित दीपावली मेले श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ग्राउंड में संपन्न हुआ। मेले का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा किया गया।

मंत्री उनियाल ने कहा कि मेले हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों का संगम होता है तथा नए कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है उन्होंने कहा कि भारी बारिश के बावजूद लोगो का मेले में बड़ी संख्या में यहा आना बताता है कि अब भी मेले मुख्य आकर्षण है। उन्होंने कहा कि लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन सदा से सकारात्मकता के कार्य के लिए प्रसिद्ध रहा है। क्लब जन सेवा के कार्य करता रहेगा।

क्लब अध्यक्ष रजत बोला ने बताया कि आज के मुख्य आकर्षण हेल्दी बेबी शो, जूनियर व सीनियर वर्ग में सोलो डांस, जूनियर व सीनियर ग्रुप में ग्रुप डांस, फैंसी ड्रेस बेस्ट कपल आदि शामिल रहे।

आज का मुख्य आकर्षण फैशन शो रहा जिसमें देहरादून व दिल्ली से आई मॉडल्स ने रैंप पर अपने जलवे बिखेरे जिसमें मुख्य रुप से भारतीय वैवाहिक परिधान रहे।

मेले की समाप्ति पर लकी ड्रा निकाला गया जिसमें प्रथम पुरस्कार मोटरसाइकिल, तूतिया महिलाओं के लिए इयररिंग्स, तृतीय पुरस्कार रेफ्रिजरेटर, चतुर्थ पुरस्कार वाशिंग मशीन, पंचम पुरस्कार कोयरफिट मैट्ट्रेस रहे। बताया कि इनाम को 7 दिन के भीतर क्लब से प्राप्त किया जा सकता है।
मेले में हर घंटे बच्चों को साइकिल दी गई साथ ही साथ एलेक्सा तथा स्मार्ट वॉच व क्वेश्चन आंसर राउंड में बच्चों को व उपस्थित महिलाओं को लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन का चांदी का सिक्का भी दिया गया।

मेले में आई विभिन्न कंपनियों ने मेले के दिन विशेष रूप से अपने उत्पादों पर व कंपनियों के सामानों पर विशेष छूट का प्रावधान किया था। मेले में देहरादून व हरिद्वार से आए हुए स्टाल्स भी थे जिसमें नए-नए प्रकार के व्यंजनों का स्वाद उपस्थिति ने लिया।

इस अवसर पर निशांत मलिक, अलक्षेंद्र विज्ञानी, संतोष पैन्युलि, सावन वर्मा, राजेश धींगड़ा, केशव मोहन अग्रवाल, एलएस चौहान,, नितिन जिंगन, रजत भोला, लायन मोहित गनेड़ीवाला, घनश्याम डन, कार्यक्रम संयोजक महेश किंगर, लायन ललित मोहन मिश्र, लायन नवीन गांधी, आशु ढंग, मुकेश अग्रवाल, किशोर मेहता, विनोद बिष्ट, जगमीत सिंह, शिवम अग्रवाल, उमा किंगर, डा. कमलजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।

बीडीसी की बैठकों में डीएम, सीडीओ सहित उच्च अधिकारी अनिवार्य रूप से करें प्रतिभाग-धामी

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान देर शाम को रुद्रप्रयाग स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस बहुदेश्य भवन में विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा ली।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा बच्चों, वृद्धजन और दिव्यांगों के लिए तैयार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ’कवच’ भी लांच किया।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद में संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। वहीं पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल द्वारा जनपद में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मूल मंत्र पर काम कर रही है। सभी विभागों का दायित्व होना चाहिए कि जनता को किसी तरीके की परेशानी ना हो अगर किसी काम में कोई व्यावहारिक दिक्कत है तो उसका रास्ता निकाला जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील दिवसों को नियमित आयोजित किया जाए। तहसील दिवसों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के साथ-साथ बीडीसी की बैठकों में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य उच्च अधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम सभा में चौपाल की व्यवस्था भी की जाए इसके साथ ही हर गांव में साल में एक विशेष आयोजन कर स्थापना दिवस के तौर पर ग्राम दिवस के रूप में आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सबका दायित्व है कि बेहतर कार्य संस्कृति के साथ काम किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विभागों की जनपदीय समीक्षा में पौराणिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन करने, नेशनल हाईवे और अन्य मुख्य मार्गों के आसपास वृक्षारोपण करने के साथ ही चार धाम यात्रा मार्ग पर बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कीवी उत्पादन, हथकरघा व हस्तशिल्प के उत्पादों को और बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ धाम में न्यूनतम 15 से 20 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की जाए इसके साथ ही सरकार की योजनाओं एवं सरकारी अभियान में जनता को सहभागी बनाकर आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर भी आने वाले 25 वर्षों के रोड मैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अब अमृत काल में हम सब प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इस अमृत काल में विशेष कार्य योजना के साथ हम सब कार्य करें। उन्होंने कहा कि केदारनाथ तीर्थ यात्रियों को बाबा केदार के दर्शन हेतु पंक्तियों में खड़े होकर इंतजार ना करना पड़े इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार भारत सरकार में नीति आयोग थिंक टैंक के रूप में अहम भूमिका निभाता है उसी प्रकार जनपद स्तर पर विकास विभाग भी थिंक टैंक की भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान और निस्तारण को कार्यशैली में शामिल करते हुए जनता की समस्याओं के निराकरण की पहल शुरू करें।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष सुमंत तिवारी, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ शैला रानी रावत, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, जिलाध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर जिला अधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ रुद्रप्रयाग अभिमन्यु, डीएफओ केदारनाथ इंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, परियोजना निदेशक ग्राम विकास रमेश चंद्र, उप जिलाधिकारी परमानन्द राम, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढोंडियाल, अधीक्षण अभियंता सिंचाई सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि जीत सिंह रावत, जिला बचत अधिकारी सूरत लाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

धामी का एक्शन, सख्ते में उत्तराखंड को घुन की तरह चूसने वाले

उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में मुख्यरमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी पहल की। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने को आम जनता के लिए 1064 वेब एप लांच किया गया। यदि कोई भी व्यक्ति रिश्वत घूस आदि लेने की मांग करता है तो 1064 नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है और दोषी पर समयबद्ध कार्रवाई होती है।

18 मई 2022
देहरादून आरटीओ दफ्तर में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छापा मारा। यहां कई अफसर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। खुद आरटीओ दिनेश पठोई के गैरहाजिर मिलने पर सीएम ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वहीं गैर हाजिर कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए। हालांकि, जांच के बाद संतोषजनक जवाब मिलने पर पठोई को बहाल कर दिया गया।

22 जून 2022
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित अधिकारी राम विलास यादव को निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं, निलंबन से कुछ ही देर बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।

22 जुलाई 2022
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर 22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड मूसा समेत 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

8 अगस्त 2022
पूर्व आईएफएस किशनचंद व अन्य अधिकारियों पर मुकदमे की अनुमति दी। कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी बनने में अनियमितता का मामला सामने आया था। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर शासन से मुकदमे की अनुमति मांगी थी।

8 अक्टूबर 2022
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक और करारा वार किया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर परीक्षा घोटालों की जांच कर रही एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत (पूर्व आईएफएस), सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है। आरबीएस रावत उत्तराखंड में वन विभाग के हेड रह चुके हैं। यह कार्रवाई एसटीएफ ने न्ज्ञैैैब् द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद की है।

एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर कैबिनेट मंत्री ने दिये निर्देश

ऋषिकेश, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम में मूलभूत सुविधाओं के लिए एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना लागू होनी है। इस परियोजना के तहत 1600 करोड़ से कार्य किए जाने हैं। शनिवार को परियोजना की प्रगति के लिए शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए।
शनिवार को मंत्री अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन से दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका मुनिकीरेती और नगर पंचायत स्वर्गाश्रम के लिए बनी परियोजना के लिए तीनों निकायों के पैनल के साथ शीघ्र बैठक करें। इस महीने केएफडब्ल्यू विशेषज्ञ पहुंचेंगे। इसमें ऋषिकेश, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम से संबंधित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम, जल संस्थान, एमडीडीए, वन विभाग तथा नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारियों सहित अन्य विभिन्न स्टेकहोल्डरों से मुलाकात की जायेगी।
मंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग से स्वीकृत 1600 करोड़ रुपए की परियोजना में पेयजल आपूर्ति प्रणाली, पेयजल मीटर, वर्षाजल प्रबंधन व बाढ़ सुरक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्मार्ट शहरी स्थल, परिधान व सामान कक्ष, प्रतीक्षालय, घाट और व्यापारिक स्थलों का विकास, सड़कें और यातायात प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा और सुविधाओं हेतु विकसित एकीकृत नियंत्रण व आदेश केंद्र, स्मार्ट स्तम्भ व ऊर्जा बचत के लिए उपकरणों की स्थापना, परिवहन केंद्र, बस टर्मिनल और पार्किंग इत्यादि के कार्य किए जाने हैं। इससे स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।