मुनस्यारी के लिए कई घोषणाएं, सीएम ने कहा-प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है क्षेत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुनस्यारी स्थित जोहार क्लब मैदान में आयोजित मुनस्यारी महोत्सव 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी महोत्सव धीरे-धीरे विश्व प्रसिद्ध महोत्सव के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। मुनस्यारी के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जोहार की पावन भूमि नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण तो है ही इसका इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी के नैसर्गिक सौंदर्य ने उन्हें बचपन से ही आकर्षित किया है। मुनस्यारी जैसा रमणीक स्थल भारत में ही नहीं विश्व में मिलना मुश्किल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुनस्यारी महोत्सव के लिये 8 लाख की धनराशि दिये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मुनस्यारी में एकलव्य विद्यालय खोले जाने, मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाये जाने, मुनस्यारी में गौ रक्षा के लिए सहयोग दिए जाने, बकरियों के चुगान की अनुमति दिये जाने एवं बोना गांव में गार्डर पुल बनाए जाने की घोषणा की। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये इनके अधिकतम उपयोग किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुनस्यारी क्षेत्र की महान विभूतियों को याद करते हुए कहा कि जोहार की भूमि महान समाज सेवकों, चिंतकों, भू -सर्वेक्षकों एवं पर्वतारोहियों की भूमि है। उन्होंने क्षेत्र की सभी महान विभूतियों का नाम लेते हुए उनके महान कार्यों को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार हर क्षेत्र में विकास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सीमान्त क्षेत्रों एवं गांवों के विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रहे है। उन्होंने देश के सीमान्त गांवों को देश का अंतिम गांव न मानकर देश का पहला गांव माना है। प्रधानमंत्री ने सभी से अपनी यात्रा व्यय की 05 प्रतिशत धनराशि स्थानीय उत्पादों के क्रय पर व्यय करने की बात कही है, इससे हमारे स्थानीय उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलेगी तथा हमारे लोग स्थानीय उत्पादों के उत्पादन के प्रति और अधिक ध्यान देने तथा इससे रोजगार, स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होने के साथ ही आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। मुनस्यारी क्षेत्र के विकास को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुनस्यारी क्षेत्र के विकास के लिये 66 घोषणायें की हैं जिनमें से 32 पूर्ण हो चुकी हैं, शेष घोषणाओं को पूर्ण करने के लिये जनपद एवं शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य के विकास के लिये चिंतन शिविरों के माध्यम से विकास का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। सभी के सहयोग एवं विश्वास के साथ 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये हमारे प्रयास निरंतर जारी हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़ दीपिका बोहरा, विधायक फकीर राम, हरीश धामी, जिलाधिकारी रीना जोशी, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।

प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2022 का पालन अनिवार्य रुप से हो-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2022 का 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमावली-2022 का अनुपालन आवश्यक है। यह प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड, प्रदेश के लिए पर्यटन की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि मैन्युफैक्चरर से एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी प्लान शीघ्र मांगा जाए। साथ ही, इसका इससे सम्बन्धित नियमावली का 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन से जुड़े सभी सम्बन्धित विभागों को एक्टिव भूमिका निभानी होगी। उन्होंने माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग रूट्स से भी प्लास्टिक कचरा निस्तारण की चेकिंग के लिए ड्रोन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। साथ ही, प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन योजनाओं में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को भी शामिल किया जाए। शहरी निकायों में प्लास्टिक कचरे के लिए सम्बन्धित विभाग अपने अपने स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

पिथौरागढ़ से फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट सेवाएं अगले साल 31 जनवरी से शुरू

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि उड़ान 5.0 के टेंडर में चिन्यालीसौङ व गौचर से छोटे एयरक्राफ्ट की सेवाओं को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में यह भी बताया कि पिथौरागढ़ से फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट सेवाएं शुरू करने के लिए फ्लाई बिग एयरलाइन को निर्देशित कर दिया गया है।
फ्लाई बिग द्वारा 31 जनवरी 2023 से इसका संचालन शुरू किया जाएगा। इसके तहत पिथौरागढ़-पंततनगर, पंतनगर-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-हिंडन, हिंडन-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-देहरादून, देहरादून-पिथौरागढ़ रूट पर फिक्सड विंग सेवाएं फ्लाई बिग द्वारा संचालित की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में अवगत कराया है कि पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 9 नवम्बर 2022 को ओएलएस सर्वे किया गया। इसका चार्ट बनाया जा रहा है। प्रि-फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार से मानकों के अनुरूप भूमि उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि 27 नवम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में भेंट कर उत्तराखण्ड में नागरिक उड्डयन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और एयर कनेक्टीवीटी को बढाने के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर अनुरोध किया था। उन्हीं बिंदुओं पर की गई कार्यवाही और अद्यतन स्थिति की जानकारी जानकारी केंद्रीय मंत्री ने 30 नवम्बर के अपने पत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दी है।

विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गंगा तट हुआ गुंजयमान

श्री शत्रुघ्न घाट मुनिकीरेती में आज माँ गंगा की दैनिक आरती से पूर्व भारत एवं इंडोनेशिया सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों देशों के कलाकारों ने आध्यात्म एवं भारतीय संस्कृति से जुडे विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री शत्रुघ्न मंदिर के महन्त एवं गंगा गौ सेवा समिति के अध्यक्ष महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य, इंडोनेशिया बाली शहर में गाँधीपुरी आश्रम के संस्थापक पद्मश्री सम्मान से सम्मानित इन्दिरा उदयाना, गढभूमि लोक संरक्षण समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास, रमाबल्लभ भट्ट, पतंजलि योग संस्थान मुनिकीरेती की संस्थापिका ऊषा माता ने संयुक्तरुप से दीप प्रज्वलन कर किया। उसके बाद श्री दर्शन महाविद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं गणेश वन्दना प्रस्तुत की। उसके पश्चात जर्मनी से मैनफ्रेड एवं क्रिस्टा ने सुन्दर भजन प्रस्तुत किये। पंचाक्षर शिव स्तोत्र पर इंडिया गो टैलेंट की सेमीफाइलिस सुजाता राय ने बहुत सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया। इंडोनेशिया से आये हुए कलाकारों ने चोंडोंग डांस ,चन्द्रावासी डांस एवं योगा आर्ट डांस प्रस्तुत किया। डाँक्टर रीता वत्स ने विष्णु वन्दना एवं शिव वन्दना पर बहुत सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आनंद सैकड़ों की संख्या में स्थानीय एवं भारत वर्ष के विभिन्न प्रांतों से आये हुए लोगों ने लिया।
महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य ने बाताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों की संस्कृति को आदान-प्रदान करना एवं प्रचार-प्रसार करना है। उन्होंने कहा ऋषिकेश आध्यात्मिक नगरी है इस प्रकार के कार्यक्रमों से एक अच्छा संदेश जाता है। आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल के संचालन में चल रहे इस कार्यक्रम में बीना जोशी, पुष्पा ध्यानी, घनश्याम नौटियाल, मनमोहन शर्मा, सुनील कपरुवान, दरम्यान सिंह रावत, सुरेन्द्र भंडारी, मधुलिका द्विवेदी, मनन द्विवेदी, मीना मदवाण, आरती चौहान, राजीव तिवारी, विजय विष्ट, अंजू गैरोला, विश्वेश्वरी उनियाल, हरि चरण सिंह, विनोद बडथ्वाल सहित आरती के सभी आचार्यों सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद माँ गंगा की होने वाली दैनिक भव्य आरती सम्पन्न हुई।

ऐतिहासिक जौलजीबी मेला और विकास प्रदर्शनी-2022 का सीएम ने किया शुभांरभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काली एवं गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी में आयोजित ऐतिहासिक जौलजीबी मेला एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का उद्घाटन रिबन काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जौलजीबी मेला क्षेत्र के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में बहुत महत्व रखता है। यह मेला भारत, नेपाल एवं तिब्बत के पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देता आ रहा है। यह मेला भारत एवं नेपाल के रिश्तों को ऑक्सीजन देने का काम करता है। मुझे प्रसन्नता है कि यह मेला भारत एवं नेपाल देश के बीच संस्कृति, सभ्यता के साथ-साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाता आ रहा है। अपनी बचपन की यादों को ताजा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बचपन से ही यहां के रीति-रिवाज और संस्कृति को देखते आ रहे हैं। उन्हें बचपन से ही इस मेले से बहुत लगाव रहा है। उन्होंने जनता द्वारा किए गए भव्य स्वागत पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आप लोगों का बेटा व भाई हूं। मैं जब भी यहां आया हूं मेरा हमेशा गर्मजोशी से स्वागत किया गया है, इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं तथा आप लोगों का भी हाथ जोड़कर स्वागत करता हूं।
मुख्यमंत्री ने सीमान्त क्षेत्र के विकास को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम मानते हैं कि सीमांत क्षेत्रों का ठीक प्रकार से विकास होना चाहिए, हम सीमांत क्षेत्रों में सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सीमान्त गांवों के विकास के प्रति बहुत गंभीर है। अब देश के सीमान्त गांव देश के अंतिम गांव न होकर देश के पहले गांव होंगे, उनका संपूर्ण विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि हम जनपद के इस सीमान्त क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर डबल लेन मोटर पुल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे भारत और नेपाल देश के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। हम क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी निर्माण व चौड़ीकरण कर रहे हैं, इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के बन जाने से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्री इसी मार्ग से होकर जाएंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा तथा क्षेत्र का विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम क्षेत्र के आपदा प्रभावित एलधारा भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट वरूणावत पर्वत की तर्ज पर करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर जौलजीबी मेले हेतु रुपए 5 लाख दिए जाने एवं जौलजीबी संगम स्थल का सौंदर्यीकरण किये जाने की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने संगम स्थल पर स्थित जालेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, विधायक डीडीहाट बिशन सिंह चुफाल, विधायक धारचूला हरीश धामी, जिलाधिकारी रीना जोशी, एसपी लोकेश्वर सिंह, गिरीश जोशी आदि उपस्थित रहे।

हमारी संस्कृति और व्यापार का संगम है गौचर मेला-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं। मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढ़वाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में लोग मौजूद रहे।

पिथौरागढ़ में शरदोत्सव और विकास प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव सिंह मैदान, पिथौरागढ़ में नगर पालिका परिषद् बोर्ड द्वारा आयोजित शरदोत्सव एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि पिथौरागढ़ बॉस-गंगोलीहाट मोटर मार्ग के अवशेष कार्य के साथ रामगंगा नदी में मोटर पुल का निर्माण किया जाएगा। पिथौरागढ़ महाविद्यालय में विधि विभाग को प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत देव सिंह मैदान के सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रारम्भ करने के लिये वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है और इसके प्रथम चरण के लिये 2 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाती है। पिथौरागढ़ शरदोत्सव के सफल आयोजन हेतु पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी समान सहयोग राशि प्रदान की जायेगी साथ ही पिथौरागढ़ के प्राचीन मंदिरों को मानसखण्ड कोरिडोर में सम्मिलित किया जायेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि शरदोत्सव के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाशाली बच्चों और युवाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आम लोगों को सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं की अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास भी शरदोत्सव के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने उनके इस कथन को कि हमारे सीमांत गांव देश के अंतिम नहीं बल्कि पहले गांव है अपनी सहमति प्रदान कर हमारे सीमान्त गांवों को पहचान दिलाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। वर्तमान में सीमाओं के अन्तिम गांवों को प्रथम गांवों की श्रेणी में मानकर विकास योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन किया जा रहा है। हमारे सीमान्त गांव सामरिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के स्थानीय लोग केवल नागरिक नहीं है बल्कि हमारे सीमा प्रहरी भी है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। सीमाओं पर बसे गांवों पर पलायन देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। इसे लेकर हमारी सरकार सजग है। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में रिवर्स पलायन हेतु गंभीर प्रयास कर रही हैं। रोजगार, स्वरोजगार एवं होम स्टे जैसी कई विकास योजनाओं को लेकर हम पलायन रोकने में प्रसासरत है। जिसके परिणामस्वरूप आज कई युवा अपने गांव में वापिस आकर उसे बसाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अन्य सीमान्त जिलों की तरह पिथौरागढ़ का विकास हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही दूरस्थ एवं सीमान्त क्षेत्रों में जैविक कृषि तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत धौलादेवी, मुनस्यारी, बेतालघाट, बेरीनाग के चाय बागानों को जैविक चाय बागान में परिवर्तित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। हम उत्तराखण्ड के विकास में नये संकल्पों के साथ प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राज्य हित में सभी विभागों द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। नई कार्य संस्कृति के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपेक्षा की, कि राज्य हित में 10 से 5 तक कार्य करने की मानसिकता का परित्याग करना होगा, तभी हम राज्य के विकास में सहयोगी बन पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से लोक सेवा आयोग को स्थानांतरित की गई है। आयोग द्वारा भी इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। हमारे युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हों इस दिशा में हमारे प्रयास निरंतर जारी है।
इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट, विधायक बिशन सिंह चुफाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, राजेन्द्र रावत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

नियमित समीक्षा कर पर्यटन क्षेत्र को पर्यटन उद्योग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को अपने सिस्टम में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए अपने सिस्टम की कमियों को लगातार दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा में बुकिंग सिस्टम को मजबूत किए जाने की भी बात की। कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु संचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को सालभर संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पूरे विश्व में वाटर स्पोर्ट्स में क्या-क्या चल रहा है, और उसमें यहां क्या-क्या किया जा सकता है? इसके लिए डेडिकेटेड टीम या कन्सल्टेंट लगाया जाए। उन्होंने टिहरी झील में सी-प्लेन, स्कूबा डाईविंग और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में लैंड बैंक तैयार कर फाईव स्टार और फॉर स्टार होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने पर फोकस किया जाए। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी लाभप्रद होंगें। उन्होंने प्रदेश में रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य आपत्तियों का निस्तारण प्रतिदिन और वीकली मॉनिटरिंग कर के किया जाए।
मुख्य सचिव ने होमस्टे योजना के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। कहा कि होमस्टे योजना का स्थानीय लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें इसके लिए सरलीकरण आवश्यक है। साथ ही, इस योजना का फीडबैक भी लिया जाना जरूरी है। यदि योजना में सुधार की गुंजाईश है तो उसे भी किया जाए। उन्होंने नए उद्यमियों के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से स्थानीय लोगों ने होमस्टे खोले हैं, परन्तु मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के लिए उनके पास धन एवं संसाधनों की कमी है। इसके लिए लोगों को नॉमिनल चार्ज पर एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को वेटर, टूर गाईड आदि की फ्री ऑनलाईन ट्रेनिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ट्रेनिंग इसलिए नहीं कर पाते कि उन्हें ट्रेनिंग के दौरान रोजगार और सैलरी का नुकसान होगा। कहा कि छोटे-छोटे वीडियोज के माध्यम से गाईड और वेटर आदि की सर्विस देते समय क्या करें, क्या न करें, जैसे वीडियोज के माध्यम से निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता एवं शुद्धता ऐस्ट्रो टूरिज्म के अनुकूल है। सम्भावनाओं को तलाशते हुए हर डेस्टीनेशन में ऐस्ट्रो टूरिज्म पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई से नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुष, योगा और पंचकर्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आयुष, योगा और पंचकर्म विभिन्न बीमारियों को जड़ से दूर करने में सक्षम हैं। उत्तराखण्ड योगा कैपिटल के रूप में विश्वविख्यात है। हमारे वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को आकर्षित कर पर्यटन और रोजगार दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश की योजनाओं में शामिल किए जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

गंगा के तेज बहाव में बहे दिल्ली के दो पर्यटक

मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में गंगा में नहाते समय पानी के तेज बहाव में आकर दिल्ली के दो पर्यटक डूब गए। गहरे पानी में लापता लोगों की तलाश में एसडीआरएफ की टीम ने गंगा में तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। अंधेरा होने पर तलाशी अभियान बीच में ही रोकना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को वीकेंड पर दिल्ली से एक युवती समेत पांच युवक सैर सपाटे के लिए ऋषिकेश आए थे। इन्होंने दोपहर में राफ्ट हायर कर ब्रह्मपुरी से मुनिकीरेती तक राफ्टिंग की। बताया जा रहा है कि दल में शामिल दो युवक राफ्टिंग करने के बाद लाइव जैकेट के बगैर नहाने के लिए गंगा में उतर गए। इसी बीच पानी के तेज बहाव में आकर डूबने लगे। उन्हें संकट में देख साथी बचाने का प्रयास करते इससे पहले ही दोनों पानी की गहराई में ओझल हो गए।
सूचना पाकर एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे। राफ्ट और आपदा उपकरणों से गंगा में सर्च आपरेशन चलाया, लेकिन पानी में लापता पर्यटकों का कोई सुराग नहीं मिला। एसडीआरएफ निरीक्षक ने गंगा में लापता पर्यटकों की पहचान वंश कौशल (26) पुत्र अनिल शर्मा निवासी प्रशांत विहार, दिल्ली और कुमार गौरव (26) निवासी छत्तरपुर, फतेहपुर, दिल्ली के रूप में की है। बताया कि दोनों दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं। रविवार सुबह इनकी तलाश में फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय कर सकता है लैंसडौंन का नाम परिवर्तन, जानिए क्या हो सकता है नया नाम


देहरादून। रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलकर ‘कालौं का डांडा (अंधेरे में डूबे पहाड़)’ हो जाएगा। 100 साल से भी अधिक पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने लैंसडौन के सैन्य अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। लैंसडौन नाम से पहले इस इलाके को ‘कालौं का डांडा’ नाम से पुकारा जाता था। रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे गए नामों को बदलने के लिए उत्तराखंड सब एरिया के साथ सेना के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगें हैं।

उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। बता दें कि स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।

तत्कालीन वायसराय लैंसडौन के नाम से बदल गया नाम
गढ़वाली जवानों की वीरता और अद्वितीय रणकौशल से प्रभावित होकर 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। इस स्थान का नाम 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।

608 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन
लैंसडौन नगर सैन्य छावनी क्षेत्र है, जो 608 हेक्टेयर में फैला है। नगर के आधे से अधिक भाग में बांज, बुरांस और चीड़ के वृक्षों के सदाबहार वनों का विस्तार है। यह एक प्रसिद्ध और पसंदीदा पर्यटक स्थल भी है।

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते हैं। ऐसे प्रस्तावों का रक्षा मंत्रालय परीक्षण करता है। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर प्रस्ताव पर विचार किया जाता है।