कोई अभ्यर्थी भी दोषी पाया गया तो 10 साज की सजा और परीक्षाओं से रहेगा वंचित-धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को आजीवन सजा का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाएगी। जो अभ्यर्थी इसमें लिप्त पाए जायेंगे उन्हे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है और उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नही लगता था। अगर पता लगता भी था तो कोई कार्यवाही नहीं होती थी। हमने गडबडी करने वालों को जेल भेजा,उनकी सम्पत्तियों को ध्वस्त किया। हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। किसी प्रकार की धांधली का न केवल पता चल रहा है बल्कि गड़बड़ी करने वालों को अविलंब पकड़ा भी जा रहा है। हम अपने युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।

टिहरी रियासत की जनक्रांति का केन्द्र रहा है झंडा चौक

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ऋषिकेश के झंडा चौक का इतिहास गौरवशाली है। टिहरी रियासत की जनक्रांति और पर्वतीय जिलों का ऋषिकेश प्रवेश द्वार होने के कारण झंडा चौक संपूर्ण क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र रहा है।
रविवार को मकर संक्रांति पर्व पर ऋषिकेश झंडा चौक पर नवनिर्मित झंडा स्तंभ का उद्घाटन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद हरिद्वार रमेश पोखरियाल निशंक ने यह बात कही। कहा कि आंदोलनकारी झंडा चौक में एकत्र होकर जुलूस की शक्ल में आंदोलन में शामिल होते थे। यहां पर ध्वज फहराने की परंपरा थी। सन् 1929 में नमक सत्याग्रह में देहरादून जिले के 400 लोग जेल गए थे, जिनमें 70 संन्यासी भी थे, जो ऋषिकेश झंडा चौक से एकत्र होकर देहरादून गए थे। निशंक ने कहा कि क्रांतिकारियों का मिलन केंद्र रहा झंडा चौक किसी विश्व धरोहर से कम नहीं है। इस मौके पर श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, हरिनारायणचार्य, जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, संजय शास्त्री, जगमोहन सकलानी, दीप शर्मा, विनय उनियाल, प्रतीक कालिया, मनोज पंवार, दीपक धमीजा, विकास नेगी, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, जितेंद्र अग्रवाल, अशोक जैन, अनिकेत गुप्ता, प्रदीप दुबे, गोविंद सिंह रावत, डॉ. सुनील दत्त थपलियाल, रंजन अंथवाल, मदन मोहन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

अन्तरराज्यीय बस अड्डे की भूमि का सीएम ने किया औचक निरीक्षण

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनपद भ्रमण के दूसरे दिन रविवार को टनकपुर में बनने वाले आइएसबीटी टर्मिनल की भूमि का निरीक्षण किया। परिवहन निगम की 106 बीघा भूमि पर 56 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भूमि का निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चम्पावत को आईएसबीटी के खूबसूरत तरीके से निर्माण कराए जाने और उसमे श्रद्धालुओं और यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान डीपीआर और नक्शे को विस्तार से देखते हुए जिलाधिकारी से आवश्यक जानकारी ली।
इस दौरान अवगत कराया गया कि आई एस बी टी के निर्माण हेतु पेयजल निर्माण निगम ने डीपीआर तैयार कर ली है। इसके लिए शासन ने करीब 56 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। टनकपुर बस स्टेशन से लंबी दूरी की बसों के अलावा पर्वतीय मार्गाे पर भी बसे संचालित होती है। जिलाधिकारी ने बताया कि बस टर्मिनल बनने पर यहां करीब 200 बसें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। वहीं स्टेशन में हाईटेक शौचालय व भवनों का भी निर्माण किया जाएगा। यात्रियों की हर सुविधा ध्यान में रखते हुए इस नये बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। दो बड़े एसी हाल के साथ कैटींन व दुकानें भी खोली जाएगी। वही मुख्य बाजार व रेलवे क्रासिंग के पास बस स्टेशन की करीब तीन बीघा जमीन में अंडर ग्राउंड पार्किंग व ऊपर मॉल बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी तथा डिपो की आय काफी अधिक मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने जिलाधिकारी से कहा कि बजट का ठीक तरह से उपयोग हो। बस टर्मिनल में अधिक से अधिक सुविधाएं हों,बच्चों के मनोरंजन के साथ ही विभिन्न सुविधाएं यहां पर हो इसके लिए इसकी डिजाइन अच्छे आर्किटेक्ट से तैयार किए जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि शारदा घाट पर बेहतर व्यवस्था की जाय। अधिक से अधिक श्रद्धालु यहॉ आएं, जिससे लोगों को रोजगार मिले और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि बस टर्मिनल के बनने के बाद लोग मां पूर्णागिरि के दर्शन कर वापस नहीं जाएंगे। बल्कि वह अन्न्य स्थानो पर घूमने के बाद मां शारदा की आरती कर अपने घरों को लौटेंगे। वहीं आने वाले समय में मां पूर्णागिरि में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाएगी।
इस मौके पर वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश चंद्र गहतोड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीडीओ आर एस रावत, नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय केएस बृजवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक संचालन पवन मेहरा, एसडीएम रिंकू बिष्ट, सुंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने किया चंपावत जिले में 87.28 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चंपावत के विकास हेतु कुल 87.28 करोड़ रुपये की 19 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने विधानसभा चम्पावत हेतु 4469.35 लाख रुपए की 11 योजनाओं का शिलान्यास तथा 258.15 लाख रुपए की एक योजना का लोकार्पण किया। विधानसभा लोहाघाट हेतु 779.45 लाख रुपए की कुल 4 योजनाओं का शिलान्यास एवं 3321.13 लाख रुपए की 3 योजनाओं का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने जिले के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की। जिसमें टनकपुर व बनबसा क्षेत्र के आंतरिक मार्गों का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण किया जाएगा। राज्य मार्ग संख्या 109 सुखीढांग धुरा रीठासाहिब के ब्रजनगर तालियाबांज प्रभाग पर एवं राज्य प्रभाग संख्या 110 सुखिढांग श्यामलाताल मार्ग पर हॉटमिक्स के द्वारा रोड का सुधारीकरण किया जाएगा। ललुवापानी बनलेख प्रस्तावित राज्यमार्ग का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण किया जाएगा तथा ठीक प्रकार से इसका पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा। चम्पावत विधानसभा के आंतरिक सम्पर्क मार्गों का हॉटमिक्स के द्वारा सुधारीकरण का कार्य किया जाएगा। टनकपुर गाँधी मैदान में कम्युनिटी हॉल का निर्माण किया जाएगा।
मेले के शुभारंभ अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उत्तरायणी पर्व की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है। आज के दिन भगवान सूर्य के उत्तरायण में आने से एक बेहतर शुरूआत होती है। हमारे जीवन में उत्साह एवं शक्ति प्राप्त होती है। इसी उत्साह एवं शक्ति से हम राज्य के विकास में हम आगे बढ़ेंगे।
हरेला क्लब द्वारा लगातार उत्तरायणी कौथिग का आयोजन किया जा रहा है। यह संस्था हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसी प्रकार हरेला पर्व जो हमारे पर्यावरण का प्रतीक है आज पूरे राष्ट्र के वैज्ञानिक व जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों द्वारा इस हरेला पर्व के महत्व को समझा गया है कि यह हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे योग को अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलाई है। आज हमारे सभी धार्मिक स्थल विकास की ओर अग्रसर हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ का मास्टर प्लान तैयार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। स्वदेश दर्शन में चम्पावत जिले के गोरखनाथ, मां वाराही, मां पूर्णागिरि धाम आदि धार्मिक स्थानों को विकसित करने का प्रस्ताव भारत सरकार में भेजा गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नमामि गंगे, निर्मल गंगा अभियान सहित अनेक अभियान चल रहे हैं। नमामि गंगे अभियान के अतंर्गत मां शारदा नदी को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत शारदा नदी में सम्मिलित होने वाले नदी नालों में एसटीपी लगाने का प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य धन की वजह से नहीं रूकेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जिले के विकास हेतु बेहतर योजनाएं बनाएं। चंपावत को मॉडल जिला बनाए जाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं और सरकार के सभी विभागों को इस काम में लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर को अन्य बड़े शहरों से रेल सुविधा से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क मार्गों को ठीक किया जा रहा है। टकनपुर सितारगंज टू लेन को फोर लेन बनाने को केंद्रीय परिवहन मंत्री से वार्ता की गई है। सीएम ने कहा कि आंधी आए या तूफान नहीं रूकेगा विकास का यह अभियान। यह विकास का रथ अब नहीं रूकेगा। उत्तराखंड राज्य 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी जिस तरह पहाड़ का एक द्वार है उसी तरह टनकपुर भी एक द्वार है। जिसका चहुमुंखी विकास किया जाएगा।
इस अवसर पर हरेला क्लब की महिला विंग ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया व छोलिया दल द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा क्लब की महिला सदस्यों के स्टॉल में जाकर पहाड़ी व्यंजनों का भी स्वाद चखा तथा पुनः सभी को मकर संक्रांति की बधाई दी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अध्यक्ष वन विकास निगम कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि शारदा घाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है यह मुख्यमंत्री जी की क्षेत्र के विकास के लिए दूरगामी सोच है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के प्रयासों से टनकपुर में राज्य का नंबर एक बस अड्डा बनने जा रहा है।
इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 19 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें विधानसभा क्षेत्र चंपावत में लोक निर्माण विभाग की 24.85 किमी सूखीढांग-डांडा-मीनार मोटर मार्ग के 6.00 किमी से 29.85 का पुनर्निर्माण एवं डामरीकरण का कार्य, पर्यटन विभाग की जनपद चंपावत के अंतर्गत बूम टनकपुर में राफ्टिंग हेतु टिकट काउंटर शौचालय एवं एप्रोच पाथ का निर्माण, चरण मंदिर टनकपुर जौलजीबी रोड में राफ्टिंग हेतु मुख्य सड़क मार्ग में महाकाली नदी तक एप्रोच का निर्माण, जनपद चंपावत में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित 5 शौचालयों रीठा साहिब, बस स्टेशन चंपावत, शांत बाजार चंपावत, बस स्टेशन टनकपुर व टैक्सी स्टैंड टनकपुर की मरम्मत एवं उच्चीकरण, चंपावत नगर में पर्यटन विभाग के स्टाफ क्वार्टर का निर्माण, चंपावत में मार्केट एवं कम्युनिटी सेंटर का निर्माण, चंपावत में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, टनकपुर में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम की टनकपुर (ग्रामीण) पे.यो., दियूरी (रेट्रो) पे.यो, बनबसा (ग्रामीण) पे.यो का शिलान्यास तथा निर्माण इकाई उत्तराखंड पेयजल निगम की चंपावत अंतर्गत पुलिस थाना तामली के प्रशासनिक भवन का निर्माण का लोकार्पण किया।
विधानसभा लोहाघाट अंतर्गत पर्यटन विभाग की देवीधार मेला क्षेत्र में परिक्रमापथ एवं पर्यटकों हेतु व्यूप्वाइंट-पर्यटक छतरी एवं बैंचेंज का निर्माण, राजकीय सिंचाई लोहाघाट की नाबार्ड मद के अंतर्गत लोहावती नदी पर कोलिढेक कृत्रिम झील का निर्माण, नाबार्ड के अंतर्गत जनपद चंपावत के विकासखंड बाराकोट के ग्राम बोतड़ी की बाढ़ सुरक्षा योजना का लोकार्पण तथा निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम की बलई पंपिंग पेयजल योजना, बैढ़ाओम एवं ढटी गांव पंपिंग पेयजल योजना, लोहाघाट में मल्टी लेवल पार्किंग-1 का निर्माण, लोहाघाट में मल्टीलेवल पार्किंग-2 के निर्माण योजनाओं का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष विपिन वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीडीओ आर एस रावत एसडीएम रिंकू बिष्ट, सुंदर सिंह, हरेला क्लब अध्यक्ष डीडी भट्ट, संरक्षक डा. दिनेश चंद्र पाठक, शंकर गड़कोटी, विजय चंद, धर्मेंद्र चंद, महेश चंद, सुनीता वर्मा, सुमन गहतोड़ी, विद्या जुकरिया सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक विभागों के अधिकारी आदि मौजूद रहे।

उत्तरायणी पर्व पर कुष्ठ आश्रम पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कुष्ठ आश्रम पहुंचकर उत्तरायणी/घुघुतिया त्यौहार/मकर सक्रांति पर्व मनाया। उन्होंने भगवान सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने की सभी को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान सूर्य हम सभी पर कृपा करें, सभी के जीवन में अनन्त खुशियां, ऊष्मा, ऊर्जा, उमंग लाए। उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है, इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। सबके बीच आकर बेहद खुशी हो रही है। इस दिन से अच्छे दिन की शुरूआत होती है। आपके बीच आकर स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं। भगवान सूर्य देव से प्रार्थना करते हैं की हमारे जीवन की कमियों को दूर करें। भगवान सूर्य हमें ऊर्जा, ऊष्मा, उत्साह एवं प्रकाश देते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि समाज के अन्तिम पंक्ति तक सरकार, शासन, प्रशासन पहुॅचें और पात्रों को योजनाओं का लाभ मिले। मलिन बस्तियों, अन्तिम छोर के व्यक्तियों के लिए योजनाएं चलाई गई हैं। कोरोना काल में निःशुल्क टीका लगाने सहित जरूरतमन्दों तक अनाज पहुंचाने का काम भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है। इस दौरान उपस्थित 50 व्यक्तियों को कम्बल बांटे गये।
इस दौरान आश्रम के प्रधान भगवान महाराणा, विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, कौस्तुभ मिश्रा सहित भारत भूषण चुघ, बिट्टू शर्मा, हरीश चौधरी आदि उपस्थित रहे।

मंत्री की नाराजगी के बाद हरकत में आया वन विभाग

बीते मंगलवार को क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जंगल के बाहर हाईवे में गंदगी फैले होने पर डीएफओ देहरादून से नाराजगी जताई थी और कड़े निर्देश दिये थे। अब मंत्री की नाराजगी का असर देखने को मिल रहा है, वनकर्मियों ने हाईवे के दोनों ओर न सिर्फ सफाई अभियान चलाया, बल्कि जागरूकता संबंधी स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
शुक्रवार को मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल की नाराजगी का असर देखने को मिला। बड़कोट रेंज में वनकर्मियों ने बड़ी संख्या में हाईवे किनारे स्वच्छता अभियान चलाया। इस मौके पर कई किलो टन कूड़ा एकत्र किया गया। साथ ही प्लास्टिक कूड़ा न फेंकने, वैधानिक चेतावनी जैसे स्लोगन बोर्ड भी लगाए।
बता दें कि मंत्री डॉ अग्रवाल ने बीते मंगलवार को बड़कोट रेंज में स्थित हाइवे किनारे फेंके जा रहे कूड़े के सम्बंध में जानकारी जुटाई थी। इस पर डीएफओ द्वारा जानकारी न दिए जाने पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई गई थी। मंत्री डा. अग्रवाल ने पूर्व में इस संबंध में दिए गए निर्देश का पालन न करने पर भी डीएफओ को फटकारा था।

अभ्यर्थियों को धामी सरकार की राहत, आवेदन शुल्क नही और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नही लेगी सरकार

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्राविधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पाेरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा।

जोशीमठ के लोगों को राहत देने के लिए धामी कैबिनेट ने लिये कई फैसले

जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। मंत्रीमण्डल की बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं सचिव अपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की बिंदुवार जानकारी दी।

1- जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों/व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन/विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि ₹ 1 लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य धनराशि ₹ 50 हजार अर्थात कुल 1.5 लाख आवंटित किये जाने हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से ₹ 45 करोड़ की धनराशि पत्र दिनांक 11.01.2023 के द्वारा अवमुक्त की गयी है। उक्त के सम्बन्ध में मंत्रीमंडल द्वारा कार्याेत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।

2- जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों (कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम-गौख सेलंग, ग्राम-ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। मंत्रिमण्डल द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा।

3- शासनादेश सं0 763, दिनांक 02.09.2020 के द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम 6 माह के लिये प्रतिमाह ₹ 4000 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों हेतु उक्त किराये की धनराशि ₹ 4,000 प्रतिमाह से बढाकर ₹ 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। उक्त के साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

4- भू-धंसाव/भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल/आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा ₹950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। उक्त के साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति हेतु भोजन के लिये प्रतिदिन ₹ 450 उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन ₹ 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन हेतु ₹15 हज़ार दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये ₹ 80/- प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये ₹ 45/- प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।

5- जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं को टो-इरोजन तथा भू-धसाव/भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ई०पी०सी० मोड में कराये जाने हेतु एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने हेतु यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

6- भू-धंसाव/भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल द्वारा एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

7- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा।

8- भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के द्वारा निर्गत एस०डी०आर०एफ० के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को एस०डी०आर०एफ० के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या-01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।

इसके अतिरिक्त कैबिनेट द्वार 4 अन्य विषयों पर भी सहमति दी गई है।
1- माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया।

2- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए।

3- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

4- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

5- जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

1444 ग्रामों को अधिसूचित कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित की

राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में राज्य के सामरिक, पर्यटन एवं आपराधिक गतिविधियों वाले स्थानों पर 6 नये थाने एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन करते हुए कुल 1444 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। जिसमें देहरादून की 1 चौकी के कुल 14 गांव, पौड़ी के 1 थाना व 1 चौकी कुल 270 गांव, टिहरी के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 267 गांव, चमोली के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 120 गांव, रूद्रप्रयाग के 2 चौकी के कुल 104 गांव, उत्तरकाशी के 2 चौकी के कुल 47 गांव, नैनीताल के 1 थाना व 4 चौकी के कुल 121 गांव, अल्मोड़ा के 2 थाना व 3 चौकी के कुल 398 गांव तथा चम्पावत के 1 चौकी के कुल 103 गांव हैं।
इन क्षेत्रों में नवीन थाने एवं पुलिस चौकियां स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी ति नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से र्प्यटन एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उक्त विषय पर राज्य सरकार पर्यटन गतिविधि, संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत वर्तमान पुलिस राजस्व व्यवस्था के स्थान पर नियमित पुलिस व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के साथ देवभूमि भी है प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं, इस दृष्टि से भी राज्य की कानून व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है।

जोशीमठ के लोगों की सुरक्षा को हर संभव कदम उठा रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।