अमित शाह की बैठक में नैनीताल से ही वर्चुअली जुड़े सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार अमित शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित कार्यक्रम पर आयोजित बैठक में नैनीताल क्लब से वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों द्वारा वर्चुअल प्रतिभाग किया गया।
नैनीताल से वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज जैविक मंथन किया जा रहा है। इस मंथन से एक ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो जैविक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए एक उपयुक्त राज्य है। उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता के कारण उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिस पर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है व अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान पर्वतीय अंचल में प्रचलित परम्परागत कृषि में आधुनिक तकनीकी ज्ञान का समावेश कर भूमि की उत्पादकता और फसलों के उत्पादन में वृद्धि ला रहे हैं। किसानों के इन प्रयासों को सरकार के स्तर से थोड़ा और बल दिए जाने पर किसानों की आय और उनके जीवन स्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान जैविक कृषि को अपनाकर अपनी आर्थिकी सशक्त करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 2.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है और यह क्षेत्रफल कुल कृषि भूमि का 34 प्रतिशत है। “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना“ के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा। हमने प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफ.पी.ओ का गठन कर रहा है। यह सहकारिता विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड“ का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ की योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कृषि बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को प्राकृतिक कृषि विषयक प्रशिक्षण कराया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों के लिए विशेष कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्हें जैविक कृषि को लेकर बनी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले।
इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, शिवचरण द्विवेदी के अलावा मंडल अध्यक्ष, सभासद, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।

रेगुलर पुलिस को दिये जायेंगे राजस्व क्षेत्र, सीएस ने अधिकारियों से की चर्चा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में शामिल किए जाने हेतु जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटैलिटी का क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हम सभी को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में पर्यटन अथवा व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल किया जाए। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कोने में काम करने वाली महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन या अन्य कोई ऐसा सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए जिसमें वह अपनी जानकारी दर्ज कर सके कि वह यहां कार्य कर रही है, ताकि यदि कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस को इसमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। उन्होंने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके, साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जो इन महिलाओं से कुछ-कुछ समयांतराल के बाद उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं और उनके परिजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन एवं सचिव चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

श्री बदरीनाथ सहित चारों धामों के बंद होने की तिथि की हुई घोषणा

उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शनिवार शाम 3 बजकर 35 मिनट के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर को 12 बजकर 1 मिनट पर अनकूट के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
भैया दूज के अवसर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धामी के कपाट बंद किए दिए जाएंगे। भैया दूज के पावन पर्व पर आने वाली 27 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छह माह तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
बुधवार को यमुना मंदिर में यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल एवं पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल की उपस्थिति ने यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों द्वारा दशहरे के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया।
भैया दूज के पावन पर्व पर 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर सर्व सिद्धि योग, अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए छह माह तक बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। जिसके बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम में पुनः मां यमुना के कपाट विधिवत दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकालने के इस दौरान यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, लखन उनियाल, अमित उनियाल, सच्चिदानंद उनियाल, रामस्वरूप उनियाल सहित तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

तीर्थ यात्रियों का टूटा रिकॉर्ड
बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का रिकॉर्ड टूटा है। इस साल 2022 में अब तक 38 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री दर्शन करने को धामों में पहुंचे हैं। 8 मई से खुले बदरीनाथ धाम में 3 अक्टूबर तक 1443174 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। जबकि, 6 मई से खुले केदारनाथ धाम में 3अक्टूबर तक 1323949 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 3 मई से खुले यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम में क्रमश 456885 और 580170 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किया है।

सीएम ने खुद संभाली कमान, पल-पल के घटनाक्रम पर पैनी नजर, ग्राउंड जीरो पर खुद मौजूद

बीते 48 घंटों में उत्तराखंड को दो बड़े हादसों का सामना करना पड़ा है। पहला हादसा उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन के रूप में सामने आया तो दूसरा हादसा मंगलवार शाम पौड़ी जिले में बस दुर्घटना के रूप में। इन दोनों ही हादसों के बाद सिस्टम ने जो तेजी और तत्परता दिखाई उससे निःसंदेह कई जानों को बचाने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इन हादसों को लेकर अपडेट ले रहे हैं और फिर बात आपदा कंट्रोल रूम से जरूरी निर्देश देने कि हो या ग्राउंड जीरो की। सीएम लगातार इन हादसों को लेकर सक्रिय हैं।
उत्तरकाशी के द्रोपदी पर्वत में हुए हिमस्खलन में निम के कई प्रशिक्षार्थी इसकी चपेट में आ गए। अब तक 22 लोगों को बचाये जाने की सूचना है जबकि बाकियों को तलाशा जारी है। 10 डेड बॉडी रिकवर की गई है। इस हादसे की सूचना मिलते ही सीएम ने मामले में केंद्र से वार्ता की जिसके बाद एयरफोर्स ने भी रिलीफ आपरेशन में मदद की। आज सीएम खुद ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और उन्होंने यहां घायलों का हाल जाना।
वहीं, बीती देर शाम जैसे ही सीएम को पौड़ी के सिमडी में बरात की बस के खाई में गिरने की सूचना मिली तो वे बिना देर किए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ कार्यक्रम को छोड़कर सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुँचे और न केवल हादसे का पल-पल अपडेट लेते रहे बल्कि पूरे सिस्टम को सक्रिय करते हुए निर्देश जारी किए। उन्होंने अगले दिन के सारे सरकारी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए। इसी का नतीजा रहा कि समय से मौके पर पहुँची पुलिस, जिला प्रशासन की टीमो ने घने अंधेरे में ही राहत बचाव कार्य शुरू किया। आज सुबह भी पौ-फटते ही टीमें पुनः राहत कार्य मे जुट गई।
इस बीच मुख्यमंत्री आज पौड़ी में पहले घटनास्थल और फिर कोटद्वार बेस अस्पताल पहुँचे और घायलों का हालचाल जाना। साथ ही साथ राहत राशि भी घोषित की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सिमडी जहां हादसा हुआ था वहां ग्रामीणों से भेंट की और रात में उनके द्वारा किये गए रेस्क्यू कार्य के लिए आभार भी प्रकट किया। सीएम ने कहा कि फर्स्ट रेस्पांडर की भूमिका निभाने वाले ग्रामीणों को सरकार प्रोत्साहन राशि देगी।

अस्पताल पहुंचकर सीएम ने घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कोटद्वार बेस अस्पताल में सिमड़ी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटनाग्रस्त में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार बेस अस्पताल में घायलों के परिवारजनों से मुलाकात कर कहा कि घायलों के ईलाज के लिये सरकार द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों के बारे में डाक्टरों से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सिमड़ी, पौड़ी बस दुर्घटना में फर्स्ट रेस्पांडर के रूप में घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आस-पास के ग्रामीण पहुँचे और उन्होंने घायलों को बाहर निकालने में मदद की। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी को निर्देशित किया है कि जिन ग्रामीणों ने आपदा की घड़ी में घायलों को और मृतकों को बाहर निकालने में मदद किया है उनकी सूची बनाकर उनको भी प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाए।

राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सिमडी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटना स्थल का जायजा लिया। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। 4 अक्टूबर 2022 की देर सायं को सिमड़ी में हुई वाहन दुर्घटना एवं राहत-बचाव कार्यों की मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू कर रहे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, राजस्व पुलिस और इस कार्य में लगे विभिन्न विभागीय कार्मिकों को तेजी से रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को घायलों का त्वरित और समुचित उपचार करने के निर्देश दिए। प्रभावित परिवारों से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को उचित उपचार दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी।
मुख्यमंत्री कल देर सांय से ही अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ले रहे थे। उन्होंने राज्य आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया एवं अधिकारियों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने एवं शासन स्तर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये थे।
इस अवसर पर विधायक लैंसडाउन दिलीप रावत, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी करण सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान उपस्थित रहे।

नवरात्रों में मां की पूजा का है विशेष महत्व-अग्रवाल

हिमालय देवी मंदिर समिति की ओर से मां कालरात्रि का पूजन धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए मां कालरात्रि की विशेष आरती में प्रतिभाग किया।
छिद्दरवाला में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने माँ कालरात्रि के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को माता का रूप माना जाता है। माँ कालरात्रि ने महिषासुर जैसे दैत्य का संहार कर भक्तों का दुख दूर किया था। उसी प्रकार आज भी माँ अपने भक्तों के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि माँ का सच्चे मन से स्मरण करने पर सारे दुःखों का निवारण होता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि मां कालरात्रि भयानक ​दिखती हैं लेकिन वे शुभ फल देने वाली हैं। मां कालरात्रि से काल भी भयभीत होता है। कहा कि देवी अपने भक्तों को भय ये मुक्ति और अकाल मृत्यु से भी रक्षा करती है। शत्रुओं के दमन के लिए भी इस देवी की पूजा की जाती है। डॉ अग्रवाल ने इस सुंदर आयोजन के लिए हिमालय देवी मंदिर समिति को बधाई दी।
इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष डोईवाला सुमित्रा मनवाल, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, हरभजन सिंह सौंधी, प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, पूर्व प्रधान हरीश कक्कड़, प्रधान प्रतिनिधि बलविंदर सिंह लाला, अध्यक्ष गोरखा सुधार सभा कृष्ण कुमार थापा, अध्यक्ष माता हिमालय देवी मंदिर दिल बहादुर खत्री, शम्भू गुरुंग, बुद्ध बहादुर, दिगंबर थापा, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, अम्बर गुरुंग, आनंद भंडारी, रोबिन राणा, सन्तोषी शर्मा, संजना भंडारी, ममता भंडारी, संगीता गुरुंग, राज कुमार भंडारी, आरती थापा, स्नेह लता भंडारी, गीता भंडारी, अनिल भंडारी, गणेश शर्मा, रमन रांगड़, हरीश पैन्यूली आदि उपस्थित रहे।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भर्ती घोटाले के आरोपी का रिजॉर्ट ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरु

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड हाकम सिंह के सांकरी स्थित अवैध रिसोर्ट को आज आखिरकार ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले बुलडोजर और फिर प्रशासन ने ग्रामीणों कि मदद से इस आलीशान रिसोर्ट को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक रिसोर्ट के काफी हिस्से को हटाने की कार्रवाई की जा चुकी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर पिछले दिनों कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। युवाओं की शिकायतों को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशों ओर अगले ही दिन इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान एक के बाद एक बड़े खुलासे होते चले गए। सबसे बड़ा नाम उत्तरकाशी के नेता हाकम सिंह को लेकर हुआ। सीएम ने कार्रवाई से गुरेज नहीं किया और इसी का नतीजा रहा कि हाकम सिंह को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगाई गई। इस मामले में एसटीएफ अब तक 40 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है। जबकि हाकम सिंह की संपत्तियों की जब जांच हुई तो उसकी अकूत दौलत और तमाम रिसोर्ट आदि के बारे में पता चला।
ऐसा ही एक रिसोर्ट हाकम का मोरी सांकरी में भी होना प्रकाश में आया। सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के बावजूद यहां आलीशान रिसोर्ट काली कमाई से बनाया गया। प्रशासन की जांच में हालांकि इसके सरकारी भूमि पर बने होने की पुष्टि हुई।
राजस्व विभाग व गोविंद वन्य जीव विहार द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण को लेकर नाप-जोख की गई थी। नाप जोख में वन विभाग की मुनारे क्षतिग्रस्त पाए गए। संयुक्त टीम द्वारा वन एवं राजस्व की अतिक्रमण भूमि की नाप-जोख कर चिन्हित किया गया। वन विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मुनारों की पुनः मरम्मत का कार्य भी किया गया और वन भूमि के अतिक्रमण को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए। साथ ही अतिक्रमण की गई भूमि को सील किया गया था।
इसी क्रम में रिसोर्ट के अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया और आज इसी क्रम में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई। आज तहसील मोरी के सांकरी में स्थित रिजॉर्ट के वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर वन विभाग,राजस्व व पुलिस प्रशासन टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की। पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध अतिक्रमण में बने रिजॉर्ट का ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है, वहीं ग्रामीणों द्वारा भी इस कार्य में प्रशासन को सहयोग किया जा रहा है।

आपदा कंट्रोल रुम पहुंचे सीएम, अधिकारियों से पल-पल की जुटाई जानकारी

पौड़ी जिले में बस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को देर सांय सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दुर्घटना के बारे मे विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी से फोन पर बात कर उन्हें पूरी सतर्कता के साथ राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा कंट्रोल रूम के अधिकारीयों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने और जिले के अधिकारीयों से लगातार सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये। कहा कि शासन स्तर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
बस दुर्घटना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने फोन पर विधायक लैंसडाउन से भी वार्ता की तथा स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों का हर संभव उपचार की व्यवस्था तथा राहत एवं बचाव कार्यों में समन्वय के साथ तेजी लाये जाने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा डॉ. रणजीत सिन्हा को निर्देश दिये कि आपदा प्रबन्धन तंत्र को निरन्तर सक्रियता से संचालित किया जाए तथा आपदा की स्थिति पर बराबर नजर रखी जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में हुई घटना की भी अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इन दुर्घटनाओं के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने अपने कल के पूर्व प्रस्तावित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये हैं।

निकायों में सभी कार्य ऑन लाइन करने पर दे जोर-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में शहरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान आवासीय योजनाओं के निर्माण के समय ही लाभार्थियों को आवास आवंटित किए जाने के निर्देश दिए ताकि लाभार्थी स्वयं भी आवास निर्माण की क्वालिटी चेक कर सकें, साथ ही, लाभार्थी अपनी सुविधानुसार छोटे-मोटे परिवर्तन कर सकें इसका भी प्राविधान किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रॉपर्टी टैक्स हेतु सेल्फ असेसमेंट सिस्टम को 100 प्रतिशत लागू कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने ट्रेड टैक्स नवीनीकरण के लिए लाइसेंस की समयावधि भी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने हेतु पावर डेलीगेट करने के भी निर्देश दिए। कहा कि जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी फाइल उच्च स्तर तक जाने से उच्च स्तर पर अनावश्यक रूप से कार्यों का दबाव बढ़ता है और बाकी कार्य प्रभावित होते हैं। उन्होंने अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे आमजन को बार बार ऑफिसों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
मुख्य सचिव ने शहरी विकास विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु सिस्टम विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि सभी कर्मचारियों का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए और इसका एसीआर में भी उल्लेख किया जाए। इसके लिए इस क्षेत्र में बेस्ट कार्य कर रहे संस्थानों से एमओयू किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्लम में रह रहे लोगों को एक अच्छा माहौल रहने को मिले इसके लिए प्लान तैयार किया जाए, साथ ही स्लम रिहैबिलिटेशन हेतु बजट में प्राविधान किए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिए भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भी लाभ उठाया जाए। उन्होंने सरकारी भूमियों पर कब्जों से बचाने हेतु जीपीएस बेस्ड सिस्टम विकसित किए जाने के साथ ही डिमार्केशन और साइन बोर्ड आदि लगाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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