आयोग की नकलची अभ्यर्थियों पर बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार ने जेई भर्ती पेपर लीक में शामिल 61 अभ्यर्थियों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। इन सभी को कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। कुछ ने जवाब दिया था, जबकि बाकी ने नहीं दिया था। अब ये सभी आयोग की किसी भी परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रूल्स-2013 के बिंदु 23-ए के उप बिंदु 14 के तहत इन सभी को परीक्षाओं से पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद आयोग को पुलिस ने जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल 49 अभ्यर्थियों की सूची दी, जिसे आयोग ने दो मार्च को वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है। पेपर लीक के आरोपी अभ्यर्थी जवाब नहीं दे रहे थे। आयोग जेई भर्ती के पेपर लीक में शामिल सभी 61 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए परीक्षा से डिबार कर दिया गया। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया, ये सभी उम्मीदवार अब आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। माना जा रहा है कि जल्द ही पटवारी/लेखपाल भर्ती मामले में आयोग कोई बड़ा फैसला ले सकता है।

सेन्टर को किराये पर लेकर कराई थी नकल, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा धांधलियों में एसटीएफ ने मंगलवार को 56वां आरोपी गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी वन दरोगा भर्ती घपले में हुई। ऑनलाइन हुई परीक्षा में हरिद्वार में एक संस्थान की कंप्यूटर लैब किराये लेने वाले को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इस सेंटर में कई आरोपियों को नकल कराई गई।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दरोगा भर्ती परीक्षा और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में हुई धांधली को लेकर दर्ज चार अलग-अलग केसों की जांच एसटीएफ कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वन दरोगा के 316 पदों के लिये एनएसईआईटी कंपनी से ऑनलाइन परीक्षा 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक राज्य में 31 केंद्रों पर कराई। करीब 85 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इनमें 620 आवेदक पास घोषित हुए। जिनका फिजीकल होने के बाद अंतिम परिणाम घोषित होना था। परीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर रायपुर थाने में केस दर्ज हुआ है। इसमें अब तक प्रशांत, रविन्द्र, अश्वनी कुमार और कंप्यूटर लैब टेक्निशियन सचिन गिरफ्तार हुए हैं। एसटीएफ जांच में सामने आया कि हरिद्वार स्थित स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के परीक्षा केंद्र को प्रवीण कुमार राणा पुत्र जगबीर सिंह निवासी देवनगर थाना सोनीपत हरियाणा ने किराये पर लिया था। उसे पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाकर वहां से गिरफ्तार कर लिया गया।

केन्द्र की सौगात, परंपरागत कृषि के तहत राज्य को मिली धनराशि

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत उत्तराखंड को 23 करोड़ 28 लाख 60 हजार 200 रुपए की राशि निर्गत की गई है। उत्तराखंड को ये राशि सामान्य श्रेणी में द्वितीय किश्त में 3935 पीकेवीवाई क्लस्टर के साथ ही आकांक्षी जिलों के 10 कलस्टर में परंपरागत कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए निर्गत की गई है।
ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को वित्तीय इंसेंटिव के रूप में 34 करोड़ 66 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। ये राशि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पहले से निर्मित सड़कों के रखरखाव पर खर्च की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त वित्तीय स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

नकल माफिया की संपत्ति का मूल्यांकन, कुर्क करने की तैयारी शुरु

नकल माफिया की कमर तोड़ने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और कड़ा कदम उठाया है। पटवारी और एई-जेई पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी संजीव चतुर्वेदी समेत कुल पांच नकल माफिया को चिन्हित कर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके तहत इनकी कुल 75 लाख 60 हजार की सम्पत्ति का मूल्यांकन किया गया है।

भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों के खिलाफ राज्य की धामी सरकार लगातार कठोर कदम उठा रही है। अब तक 80 से ज्यादा आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिहाज से देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून भी उत्तराखंड में लागू कर दिया गया है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने पटवारी एवं एई-जेई की परीक्षा में धांधली करने वालों पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। इस मामले के मास्टर माइंड संजीव चतुर्वेदी, रितु चतुर्वेदी सहित गैंग के कुल 5 सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही करते हुए इनकी कुल 75 लाख 60 हजार की सम्पत्ति का मूल्यांकन कर लिया गया है। हरिद्वार के थाना कनखल में गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कार्यवाही करते हुए नकल माफिया संजीव चतुर्वेदी व रितु चतुर्वेदी सहित गैंग से जुड़े 05 सदस्यों की चिन्हित सम्पत्ति में 4,150,000/- (इकतालीस लाख पचास हजार रुपये) नगदी व 3,412,000/- (चौंतीस लाख बारह हजार रुपये) कीमत के प्लॉट शामिल हैं। साथ ही सम्पत्ति जब्तिकरण (Property Attachment) के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार को रिपोर्ट प्रेषित की गई है।

अभियुक्तों का विवरण जिन पर धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है-

1- संजीव चतुर्वेदी पुत्र त्रिपुरारी निवासी मौहल्ला कदम्भ चौराहा बड़ी मठिया के सामने थाना सदर जिला बलिया उ.प्र. हाल निवासी भगीरथ आवासीय परिसर, टाईप-03, एफ-4 लोक सेवा आयोग कनखल हरिद्वार

2- रितु चतुर्वेदी पत्नी संजीव चतुर्वेदी निवासी उपरोक्त

3- राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौड़ी थाना गागलहेड़ी, जिला सहारनपुर, उ.प्र.

4- संजीव कुमार दुबे पुत्र स्व. मांगेराम निवासी उपरोक्त

5- रामकुमार पुत्र सुग्गन निवासी सेठपुर लक्सर, हरिद्वार, उत्तराखंड।

छात्रों को मेडल और उपाधि देकर गौरवान्वित महसूस कर रहा-शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय हरिद्वार के 113 वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर 99 विद्यार्थियों को स्नातक, 100 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर, 56 विद्यार्थियों को पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की। 83 विद्यार्थियो को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त कर शिक्षार्थी नये जीवन की शुरूवात करने जा रहे है। गुरूकुल कांगड़ी संस्थान की नींव स्वामी श्रद्धानन्द ने रखी, महर्षि दयानन्द के सिद्धान्तों पर यहां शिक्षा का अविरल प्रवाह चलता है। आज यह विश्वविद्यालय महान वटवृक्ष बनकर समग्र देश और दुनिया को महर्षि दयानन्द का संदेश और हमारी पौराणिक शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ा रहा है। यहां की शिक्षा पद्धति का महत्व देखकर ही महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मोरारजी देसाई जैसे अनेक महानुभावों ने इस पूण्य भूमि की शिक्षा व्यवस्था को बल देने का कार्य किया। आज जो बैच शिक्षा पूर्ण कर जा रहा है, यह बैच आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष एवं स्वामी दयानन्द सरस्वती के 200वें जन्म वर्ष का बैच है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज 1800 विद्यार्थी शिक्षा की दीक्षा प्राप्त कर नये जीवन में प्रवेश करेंगे। यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद राष्ट्र के लिए योगदान की शुरूवात करने वाले हैं। यह भूमि वह भूमि है जहां से वैदिक शिक्षा को बढ़ावा मिला। स्वामी दयानन्द का संदेश स्वामी श्रद्धानन्द ने हुबहू जमीन पर उतारने का कार्य किया। उन्होंने शिक्षा को अंग्रेजी की चंगुल से बाहर निकालने के लिए हमारी परम्परागत शिक्षा पद्धति को नई ऊर्जा देने के लिए वैदिक मूल्यों, प्राचीन भारतीय संस्कृति, वेदों और उपनिषदों का ज्ञान, ब्रहमाण्ड का विज्ञान एवं आधुनिक विषयों को जोड़कर शिक्षा को परिपूर्ण बनाने का कार्य किया। विश्वविद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ 800 से अधिक शोधपत्र रजिस्टर किये गये हैं, यह सराहनीय कदम है। वैदिक एवं आधुनिक शिक्षा के संगम का कार्य गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने किया है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि महर्षि दयानन्द के संदेश को अपने मन से लगा कर रखें। उनके बताये गये रास्ते पर चलने का प्रयास करें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में नई शिक्षा नीति लाये हैं, इसमें दयानन्द जी की शिक्षा की दृष्टि है, श्रद्धानन्द का वेद और विज्ञान की शिक्षा के समन्वय का संदेश है, महात्मा गांधी का मातृभाषा में शिक्षा का संदेश, यह शिक्षा नीति चरितार्थ करती है, लाला लाजपराय का शिक्षा सभी के लिए का संदेश भी यह शिक्षा नीति जमीन पर उतार रही है। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होगी। त्रिभाषा का सूत्र भी दिया है और आने वाले दिनों में मातृभाषा से पढ़े हुए छात्र समग्र देश एवं विश्व का कल्याण करे, इस प्रकार का रास्ता प्रशस्त किया गया है। नई शिक्षा नीति को स्ट्रीमलेस और क्लासलेस बनाया गया है। मल्टिपल एन्ट्री, मल्टिपल एक्जिट शिक्षा नीति का विशेष अंग है। एक साल की पढ़ाई में सर्टिफिकेट, दो साल की पढ़ाई में डिप्लोमा, तीन साल की पढ़ाई में डिग्री मिलेगी और चार साल की पढ़ाई करेंगे तो रिसर्च मिल जायेगा। हर स्तर पर विद्यार्थी एंट्री भी कर सकता है और एक्जिट भी कर सकता है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि युवाओं को एक ऐसा प्लेटफार्म मिल जाए, जिस पर हमारे युवा खड़े होकर विश्व के युवाओं के साथ स्पर्धा कर सके और मां भारती का यशोगान पूरे विश्व के अन्दर हो।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया के माध्यम से देश में युवाओं को अनेक मौके सृजित किये गये हैं। 2016 में देश में 724 स्टार्ट अप थे। 2022 में यह संख्या बढ़कर 70 हजार से अधिक हो गई है। 10 हजार से अधिक स्टार्ट अप कोरोनाकाल में बने। 44 प्रतिशत स्टार्ट अप महिलाओं के द्वारा चलाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और भारतीयता दोनों के गौरव को विश्वभर में बुलंद करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृहमंत्री अमित शाह का देवभूमि की समस्त देवतुल्य जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए बड़े गर्व का विषय है कि हमारे बीच गृहमंत्री के रूप में देश के एक ऐसे नेता उपस्थित हैं, जिनके अथक प्रयासों से और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आज सम्पूर्ण भारत आंतरिक रूप से जहां एक ओर अपने आपको सुरक्षित अनुभव करता है, वहीं दूसरी ओर अपने आपको पहले से अधिक संगठित एवं आत्मविश्वास से भरा हुआ अनुभव करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से धारा-370 खत्म करने में सफलता भी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को दीक्षांत समारोह की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में ज्ञान की अविरल गंगा को प्रवाहित करने वाले इस संस्थान में उपस्थित होकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। महान शिक्षाविद् स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने जो यह अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी थी, उसका हिस्सा बनना और आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है। स्वामी श्रद्धानन्द ऐसे संन्यासी थे, जिन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया। वह भारत के उन महान राष्ट्रभक्त सन्यासियों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपना जीवन स्वाधीनता, स्वराज्य, शिक्षा तथा वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया था।
इस अवसर पर कुरूकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, कुलपति प्रो. सोमदेव शंतांशु, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक मदन कौशिक, आदेश चाहान, संतगण एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री की तरह अमित शाह का भी उत्तराखंड से विशेष लगाव-धामी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि योगपीठ में पतंजलि विश्वविद्यालय के 300 करोड़ की लागत से निर्मित प्रशासनिक ब्लॉक का लोकार्पण किया तथा पतंजलि संन्यास आश्रम के 29वें सन्यास दिवस के द्वितीय सन्यास दीक्षा महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि वे हर बार यहां से नई ऊर्जा और चेतना लेकर गए हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि परिवार आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में देश के पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का काम करेगा। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के तीनों क्षेत्रों में बाबा रामदेव ने विगत 25 सालों में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और स्वदेशी आंदोलन के साथ-साथ बाबा रामदेव अब शिक्षा पर भी ध्यान दे रहे हैं। शाह ने कहा कि आज यहां भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरूकुलम, आचार्यकुलम और पतंजलि विश्वविद्यालय के माध्यम से मूल भारतीय परंपरा से हमारे चिरपुरातन ज्ञान को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव का संकल्प है कि 1 लाख विद्यार्थियों वाला पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम और पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनाएं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद के क्षेत्र में 500 से अधिक पेपर पब्लिश करने वाले दुनिया में 2 प्रतिशत लोगों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि परिवार जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी अच्छा काम कर रहा है और लगभग 1 लाख किसानों को ऑर्गेनिक खेती के साथ जोड़कर पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा तो की ही है, साथ ही सात्विक आहार के माध्यम से लाखों लोगों को निरामय जीवन जीने का रास्ता भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि पूरे ब्रह्मांड का कल्याण तभी होगा जब भारत का कल्याण होगा और भारत की पुरातन वैदिक संस्कृति का पुनर्रूद्धार होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी विगत 9 वर्षों से पूरे विश्व में भारत, भारतीयता और भारत के ज्ञान को ब्रांड एम्बेसडर बनकर सम्मान दिलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 27 दिसंबर, 2014 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था और कहा था कि हमारे पुरखों ने ऐसा ज्ञान अर्जित किया है जो किसी भी दवाई के बिना मनुष्य के शरीर को निरोगी रख सकता है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को पूरी दुनिया ने स्वीकारा और आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। शाह ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान अर्जित किया वो केवल हमारे लिए नहीं है बल्कि पूरे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए है। उन्होंने कहा कि मोदी ने यूएन में योग दिवस को स्वीकृति दिलाकर योग के विज्ञान पर किए गए हज़ारों सालों के काम को आगे बढ़ाया और इस परंपरा को एक वैश्विक मंच दिलाने का काम किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे देश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने गुलामी के कालखंड के दौरान भारत से चोरी की गईं कई मूर्तियों को विश्व के कई स्थानों से वापिस लाकर भारत में उनके वास्तविक स्थानों पर पुनर्प्रतिष्ठित करने का काम किया है। इसके अलावा हमारे कई धर्म, संस्कृतियों और राष्ट्र के सम्मान चिन्ह ऐसे ही पड़े थे, ऐसे सभी हमारे राष्ट्र के ऊर्जा केन्द्रों को एक बार फिर मोदी ने ऊर्जावान बनाने का काम किया। जल्द ही राम लला अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनाने का काम किया, केदारनाथ और बद्रीनाथ का पुनर्निर्माण ओर पुनर्विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में देशहित में तमाम ऐसे साहसिक निर्णय हुए हैं जिनसे भारत आंतरिक रूप से सशक्त हुआ है। चाहे वह जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने की बात हो, चाहे राम मंदिर प्रकरण के फैसले के वक्त देश में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभाले रखने की बात हो, चाहे तीन तलाक कानून के खात्मे की बात हो या फिर नक्सलवाद और माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने का कार्य हो। इन सभी ऐतिहासिक कार्यों में उनकी विशेष भूमिका रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भांति ही गृहमंत्री अमित शाह का भी उत्तराखण्ड के प्रति भी विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि राज्य को प्रगति की राह में आगे बढ़ाने के लिए उनका सहयोग और मार्गदर्शन हमारी सरकार को निरंतर मिलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिस प्रकार उसे किया जाना चाहिए था। चाहे श्री राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ का अविस्मरणीय पुनरुद्धार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुनर्निर्माण व सौन्दर्यीकरण हो या राष्ट्र को आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित श्री महाकाल लोक हो। आधुनिकता के संतुलित समावेश के साथ आज सनातन संस्कृति का वैभव पुनर्जीवित हो रहा है तथा भारत पुनः विश्व गुरु के स्थान पर स्थापित हो समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिये तैयार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और कोरोना महामारी के दौरान हम सभी इसके महत्व से परिचित भी हो चुके हैं। आज की तेजी से भागती जिंदगी में जहां चुनौतियां बहुत ज्यादा वहीं तनाव भी भरपूर है, ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए योग ही हमें शक्ति और ऊर्जा प्रदान करने का सबसे आसान साधन है। योग और आयुर्वेद के साथ साथ स्वामी रामदेव जी और पतंजलि परिवार ने देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु भी निरंतर कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता से हमें पूरा समर्थन मिल रहा है राज्य सरकार द्वारा एक वर्ष के दौरान जनता के विश्वास को और भी अधिक सुदृढ़ किया है। उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो विकल्प रहित संकल्प लेकर हम चल रहे हैं उसके कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं और कई पड़ाव अभी पार करने हैं। इस एक वर्ष के दौरान हमने जनता से किए अपने वादों को या तो पूरा किया है या फिर उन्हें पूरा करने कि दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए हैं। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिये क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करना हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो, नई शिक्षा नीति लागू करना हो, नई खेल नीति लागू करना हो, सख्त नकल विरोधी कानून हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो… हमारे लिए प्रदेश और प्रदेश के हित सर्वाेपरि हैं।
कार्यक्रम को स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने भी सम्बोधित करते हुये पतंजलि की विकास यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये कहा कि देश के निरन्तर आर्थिक विकास में पतंजलि का हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।
पतंजलि परिसर पहुंचने पर केन्द्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत, सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक आदि गणमान्य महानुभावों का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस मौके पर पतंजलि के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने मलखम्भ पर हैरतअंगेज करतब प्रदर्शित कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
इस अवसर पर रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र के0एस0 नगन्याल, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड वन बाहुल्य प्रदेश, इसे रोजगार का जरिया बनाना होगा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश में ईको टूरिज्म और जड़ी-बूटी को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र होने के कारण वन प्रदेश की आर्थिकी का महत्त्वपूर्ण संसाधन बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनों को आर्थिकी से जोड़ने की आवश्यकता है। हम वनों एवं पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए ईको टूरिज्म और इनसे प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों के माध्यम से प्रदेश में रोजगार सृजन और आर्थिकी को सुधारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म की भांति जड़ी-बूटी को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में, जहां भी सम्भव हों, हर्बल विलेज स्थापित किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपदों में वन क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों की सम्भावनाओं को तलाशते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। हितधारकों से संवाद स्थापित कर के इस कार्य में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण पर कार्य किया जाए। इसमें वन पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय लोगों को साथ लेकर जड़ी बूटियों का उत्पादन 100 गुना या इससे भी अधिक बढ़ाए जाने की दिशा पर प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी बूटी के लिए रवन्ना व्यवस्था के सरलीकरण की आवश्यकता है। इसके लिए शीघ्र ही केन्द्र सरकार के नेशनल ट्रांजिट पास से इसे जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटियों के उत्पादन और चुगान के लिए श्रमिकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसके लिए पूर्व के शासनादेशों का सरलीकरण भी किए जाने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों को आसान किया जा सके। उन्होंने कहा कि साथ ही साथ जनपद स्तरीय समितियों की वित्तीय एवं अन्य शक्तियों को बढ़ाया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने ईको टूरिज्म से सम्बन्धित पिछली बैठक में बाकी बचे जिलों से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म और वनों से प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों को अधिक से अधिक बढ़ावा देकर रोजगार सृजन किया जा सकता है। उन्होंने रुद्रप्रयाग और हरिद्वार जनपद को ईको टूरिज्म की दृष्टि से काफी संभावनापूर्ण बताया। कहा कि केदारनाथ में मौसम खराब या भीड़ अत्यधिक होने के कारण यात्रियों को लंबे समय तक रुकना पड़ जाता है। ऐसे में इन यात्रा मार्गों के आसपास विकसित किए जाने वाले छोटे-छोटे ईको टूरिस्ट डेस्टिनेशन बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही हरिद्वार में भी तीर्थ यात्रियों को आसपास के क्षेत्र में ही ईको टूरिज्म और हर्बल पार्क पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों से लगे लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्य सचिव ने चकराता वन प्रभाग में बनाए गए ईको टूरिज्म और ट्रेकिंग सर्किट ‘थड़ियार मार्च‘ के प्रस्तुतीकरण को देखकर इसी की तर्ज पर अन्य जनपदों में भी इस प्रकार के सर्किट विकसित किए जाने की बात कही।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून स्थित नवीन बहुद्देशीय क्रीड़ा भवन, परेड ग्राउण्ड में खेल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, वर्ष 2020-21 के लिए एथलेटिक्स खिलाड़ी चन्दन सिंह को देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन प्रशिक्षक धीरेन्द्र कुमार सेन, वर्ष 2020-21 के लिए ताईक्वांडो प्रशिक्षक कमलेश कुमार तिवारी एवं वर्ष 2021-22 के लिए तीरंदाजी प्रशिक्षक संदीप कुमार डुकलान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिए जाने पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वर्ष 2021-22 से एथलेटिक्स खिलाड़ी सुरेश चन्द्र पाण्डे को सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वर्ष 2021 एवं 2022 के राष्ट्रीय स्तर के 168 पदक विजेता खिलाड़ियों एवं 42 प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को कुल 2.08 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय एंव अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर एवं पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। जब कोई खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहा होता है, तो पूरे देश की भावनाएं उससे जुड़ी होती हैं। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में “मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना“ प्रारंभ की गई है। प्रत्येक जिले के 150 बालक और 150 बालिकाओं अर्थात प्रदेश के कुल 3900 उभरते खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को भी पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नये भारत, शक्तिशाली भारत और समृद्धशाली भारत का निर्माण हो रहा है। खेलों के क्षेत्र में भी भारत का मान सम्मान बढ़ रहा है, दुनिया में कहीं भी खेल का मैदान हो, आज भारत का तिरंगा शान से लहराता हुआ दिखता है। प्रधानमंत्री ने देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहलें प्रारंभ की हैं। खेलो इंडिया कार्यक्रम इसी सोच का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। आज देश में खेल प्रतिभाओं को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है और उन्हें बेहतर से बेहतर ट्रेनिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जब हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उस पर आगे बढ़ते हैं, तो सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक साल में खेल के क्षेत्र में अनेक निर्णय लिये हैं। राज्य में नई खेल नीति बनाई गई, जिसमें खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा दी जा रही है। पारंपरिक खेलों को भी खेल नीति में जोड़ा है। राज्य के 8 से 14 साल के 3900 बच्चों को प्रतिमाह 1500 रूपये की धनराशि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत दी जा रही है। 2024 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव खेल अभिनव कुमार, निदेशक खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर उपस्थित रहे।

अपनी घोषणाओं को 15 अप्रैल तक प्रभावी रुप से क्रियान्वित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 23 मार्च को रेंजर्स ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा की गई घोषणाओं को समयबद्धता के साथ धरातल पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु को निर्देशित करते हुए कहा कि घोषणाओं को लागू किये जाने के सम्बन्ध में समस्त सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाते हुए दिनांक 15 अप्रैल 2023 तक घोषणाओं को प्रभावी/प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनांक 23 मार्च, 2023 को वर्तमान सरकार का एक साल का कार्यकाल पूर्ण हुआ। पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा राज्य के विकास एवं जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों में पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य किया है। राज्य सरकार आगामी 10 वर्ष का रोडमैप तैयार कर उत्तराखण्ड राज्य के सर्वांगीण विकास एवं समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। इसी लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये, राज्य सरकार के 01 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर उनके द्वारा 23 मार्च को रेंजर्स ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण घोषणायें की गयी है। घोषणाओं को समयबद्धता के साथ धरातल पर प्रभावी रूप से उतारा जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने मु्ख्य सचिव को निर्देश दिए कि आवश्यक कदम उठाते हुए 15 अप्रैल 2023 तक घोषणाओं को प्रभावी/प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित किया जाए।

मसूरी के सौंदर्यीकरण कार्य को पर्यटन सीजन से पहले पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में मसूरी पेयजल एवं सीवर लाइन सहित मसूरी के सौंदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले मसूरी के सौंदर्यीकरण कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत लाइनों एवं अन्य केबलों को अंडरग्राउंड करने के साथ ही मॉल रोड के पक्कीकरण का कार्य 20 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि टॉयलेट्स आदि का निर्माण भी समय से पूरा कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी पेयजल लाइन की टेस्टिंग का कार्य मार्च अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल लाइन निर्माण कार्य समय से पूर्ण करने हेतु 2 शिफ्टों में कराया जाए। गर्मियों में पानी की समस्या को देखते हुए इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सीवर लाइन के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव पेयजल उदयराज सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।