एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में 13वां विश्वस्तरीय एटीएलएस एवं 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम विधिवत शुरू हो गया। जिसमें एम्स के साथ ही अन्य मेडिकल संस्थानों के 16 चिकित्सक एवं 16 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंग ऑफिसर टर्सरी केयर सेंटर में भर्ती होने वाले दुर्घटना में घायल ट्रॉमा मरीजों के उपचार संबंधी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

आज एडवांस सेंटर फॉर कंटिनिवस प्रोफेशनल डेवलपमेंट (एसीसीपीडी विभाग) में एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में तीन दिवसीय एटीएलएस एवं एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। निदेशक ने कहा कि दुनिया का कोई भी ट्रॉमा सिस्टम ट्रेंड ट्रॉमा चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसर्स के बिना प्रभावी नहीं हो सकता। बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए इस तरह का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नितांत आवश्यक है, इसकी सबसे मुख्य वजह यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न तरह की दुर्घटनाओं के कारण ट्रॉमा के मामले सर्वाधिक होते हैं, लिहाजा प्रत्येक हैल्थ केयर वर्कर को टर्सरी केयर लेवल पर चिकित्सा कार्य करने के लिए यह प्रशिक्षण लेना जरुरी है, तभी वह दुर्घटना में घायल मरीजों की ठीक प्रकार से देखभाल कर सकते हैं।
उनका कहना है कि ट्रॉमा मैनेजमेंट एक टीमवर्क है, लिहाजा उसकी ट्रेनिंग भी विश्वस्तरीय मानकों के तहत कराई जानी जरुरी है। ट्रेनिंग प्रोग्राम डा. अजय कुमार व दीपिका कांडपाल के संयोजन में आयोजित किया जा रहा है।
ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अगुवाई में आयोजित एटीएलएस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर प्रोग्राम डायरेक्टर डा. मधुर उनियाल व ट्रेनिंग फैकल्टी डा. फरहान उल हुदा, डा. अजय कुमार,डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, डा. दिवाकर कोयल, डा. अंकिता काबि, दिल्ली एम्स ट्रामा सेंटर से डा. दिनेश बगराई ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया, जबकि एटीसीएन कोर्स में महेश देवस्थले, डा. राजेश कुमार, चंदू राज बी., अरुण वर्गीस, जोमोन चाको ने प्रशिक्षणार्थियों को ट्रॉमा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया।

टिहरी विस्थापित प्रत्येक परिवार को मिलेगा 74.4 लाख का मुआवजा

प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों से आखिरकार 20 वर्ष बाद टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को न्याय मिलना संभव हो पाया है।

टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु 22 जनवरी 2021 को प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने टिहरी के जनप्रतिनियों और राज्य सरकार के अधिकारियों को साथ लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ एक बैठक की थी। बैठक में सतपाल महाराज के साथ टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, प्रताप नगर विधायक विजय सिंह पवार सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ हुई उस ऐतिहासिक बैठक में तय किया गया था कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा।

पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की देखरेख में टिहरी बांध विस्थापित 415 परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लगातार चल रहे प्रयासों के तहत जनवरी से मैराथन बैठकों का दौर जारी रहा। जनवरी से अब तक टीएचडीसी अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच हुई अनेक बैठकों का परिणाम यह रहा कि टीएचडीसी ने उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग दी है। जिसमें कहा गया है कि वह संपार्श्विक क्षति नीति 2013 के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर अपनी रिट याचिका को वापस ले लेंगा।

साथ ही टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है वह प्रभावित क्षेत्र के तत्समय बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रूपये आंकी गई है। टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार दोनों की सहमति से तय हुआ है कि बांध प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास हेतु 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार के अनुसार दिया जाएगा।

इस समझौते के तहत रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में भी तय हुआ है कि ग्राम रौलाकोट के विस्थापन हेतु पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर, आदि गांव में उपलब्ध है जो कि पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। क्योंकि उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए टीएचडीसी 10.5 करोड़ की राशि इसके लिए वहन करेगा।

कुल मिलाकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों से 20 वर्षों के लम्बे इन्तजार के बाद अब कहीं जाकर टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों की पुनर्वास संबंधित समस्याओं को लेकर एक बड़ी सफलता मिलती दिखाई दे रही है।

अफगानिस्तान में उत्तराखंड के लोग भी फंसे, सरकार हुई सक्रिय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अफगानिस्तान में उत्तराखण्ड के जो लोग फंसे हुए हैं, उन्हें वापिस सकुशल लाने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। ये लोग जल्द ही सकुशल अपने घर वापस आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आज ही इस संबंध में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में भी बात कर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केन्द्र सरकार के लगातार सम्पर्क में हैं। केन्द्र सरकार द्वारा अफगानिस्तान से प्रत्येक भारतीय की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा रही है।

होटल व्यवसायी ने छोटे भाई पर जालसाजी और ठगी का दर्ज कराया मुकदमा

क्षेत्रपाल डंग पुत्र स्वर्गीय टेकचंद डेग निवासी 12 कर्जन रोड डालनवाला थाना डालनवाला ने अपने छोटे भाई मोहनलाल डेग के खिलाफ जालसाज़ी व ठगी के गम्भीर आरोप लगाते हुए ऋषिकेश कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
शिकायत में कहा गया है कि होटल इंद्रलोक ऋषिकेश से संबंधित व्यापार का हिसाब किताब नहीं देने एवं उनके पिता स्वर्गीय टेकचंद के हिंदुस्तान युनिलीवर लिमिटेड मुंबई के 71 शेयर प्रार्थी के नाम पर हस्तांतरित करवा कर ऋषिकेश स्थित हनुमंत एंड कंपनी 14 लाजपत राय मार्ग ऋषिकेश की मार्फत से फर्जी डि-मैट अकाउंट खोलकर कंपोजिट्स सिक्योरिटी लिमिटेड 307 कंचनजंगा बिल्डिंग अट्ठारह बाराखंबा रोड नई दिल्ली के द्वारा उक्त शेयर को पहले डी-मेट करवा कर प्रार्थी के नाम का दुरुपयोग करते हुए वह शेयर को बेचने तथा उसका पैसा भारतीय स्टेट बैंक की रेलवे रोड इंद्रलोक होटल ऋषिकेश की शाखा के खाते में जमा करवा कर मेरे चैक का दुरुपयोग करते हुए कुल 5,17,356.93 रुपये हड़पे गये है।
प्राप्त तहरीर के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश के द्वारा कोतवाली हाजा पर ’मुकदमा अपराध संख्या-410/21, धारा-420 467 468 471 120 बी आईपीसी बनाम मोहनलाल डग’ पंजीकृत किया गया। अभियोग उपरोक्त संबंधित विवेचना एवं अग्रिम आवश्यक कार्रवाई जारी है।

सोमवार को जारी हुई राज्य सरकार की नई एसओपी, ये बंदिशें हैं बरकरार

राज्य सरकार ने कोरोना कर्फ्यू आगामी 24 अगस्त तक बढ़ा दिया है। सोमवार को इस बाबत नई एसओपी जारी कर दी गई है। जिसमें कोई बदलाव नहीं किया है। सभी नियम और शर्तें पहले जैसी ही रखी गईं हैं।
मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को आदेश जारी कर दिया है।

ये बंदिशें हैं बरकरार
– कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लेने के 15 दिन की रिपोर्ट पर राज्य में प्रवेश।
– कोविड वैक्सीन की डबल डोज न लेने वालों के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी।
– विवाह समारोह में 50 लोगों के शामिल होने की शर्त लागू।
– शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।

सैलून और स्पा 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले हैं। इससे पहले जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है।

होटलों में स्पा खुलेंगे
सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हाल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है।
सरकारी गैर सरकारी प्रशिक्षण संस्थान भी खुले
प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा
प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा।
बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे।
नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगे।

उपनल कर्मचारियों का मसला फिर लटका, मलिन बस्तियों पर मेहरबानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। 23 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा मानसून सत्र के लिए सरकार ने 5374 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी है। सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में 21 प्रस्तावों में से 20 पर मुहर लग गई। कैबिनेट मंत्रियों ने मलिन बस्तियों को तीन साल और सुरक्षा कवच देने का फैसला लिया है। उत्तराखंड की 584 मलिन बस्तियों को तीन साल के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान से सुरक्षा कवच मिल गया।

सरकार ने मलिन बस्तियों में वर्ष 2024 तक अतिक्रमण न हटाने का निर्णय किया है। वर्ष 2018 में भी सरकार तीन साल तक अतिक्रमण अभियान से अलग रखने का निर्णय किया था। वह अवधि इस साल अक्टूबर में समाप्त हो रही थी। जाति प्रमाणपत्र में बंगाली समुदाय से पूर्वी पाकिस्तान शब्द भी हटाया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग में डिग्री कॉलेज का मामले पर भी विचार-विमर्श किया गया। सरकार ने प्रदेशभर के डिग्री कालेज के गेस्ट टीचर का मानदेय बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया है। अब तक यह दर अलग-अलग थी।

दूसरी तरफ, उपनल कर्मचारियों के मानदेय संशोधन का मामला एक बार फिर लटक गया जिसके बाद कर्मचारियों में इससे नाराजगी है। काफी लंबे से मांगों के निस्तारण नहीं होने की वजह से कर्मचारियों में रोष है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय का प्रस्ताव कैबिनेट एजेंडे में शामिल न होने पर मंत्रियों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई। उपनल सब कमेटी अध्यक्ष श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने दो टूक कहा कि जब प्रस्ताव समय पर आने ही नहीं है तो फिर सब कमेटी बनाने का लाभ ही क्या?

बेटी की शादी में के लिए आसानी से मिलेगी सहायता
कैबिनेट ने विधवा महिला की बेटी की शादी के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए सालाना पारिवारिक आय सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 48 हजार कर दी है। आय सीमा बढ़ने से अधिक पात्र महिलाएं योजना का लाभ उठा पाएंगी। प्रदेश में विधवा पेंशनर को प्रति माह 12 सौ रुपए की पेंशन प्रदान की जाती है। इसके साथ ही सरकार ऐसी महिलाओं की बेटी की शादी के लिए पचास हजार रुपए की सहायता प्रदान करती है। लेकिन इसके लिए पारिवारिक आय सीमा अब तक 15 हजार रुपए सालाना थी, अब इसे 48 हजार सालाना कर दिया गया है। प्रदेश में इस श्रेणी में एक लाख 78 हजार महिला पेंशनर हैं।

शिक्षा विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

उत्तराखंड में लंबे समय बाद बच्चों के लिए खुले स्कूलों में उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कोविड नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिस पर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायत की जा सकती है।

मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि स्कूल आ रहे बच्चों की सुरक्षा और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। जिले में सभी स्कूलों का संचालन शासन की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के तहत ही किया जा रहा है।

अगर किसी स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है तो अभिभावक हेल्पलाइन नंबर 0135-2787028 पर सुबह दस बजे से शाम पांच तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद जांच कर संबंधित स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल प्रबंधक के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन
दिल्ली रोड स्थित एक निजी स्कूल पर अभिभावकों ने बच्चों को बिना ऑनलाइन पढ़ाए फीस मांगने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इससे पहले अभिभावकों ने अपने बच्चों के नाम स्कूल से कटवा लिए और टीसी मांगी थी। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने टीसी तो दे दी, लेकिन उसमें नाम कटवाने का कारण फीस जमा नहीं करना लिख दिया। ये देख अभिभावक भड़क उठे। उनकी स्कूल स्टाफ के साथ नोकझोंक भी हुई।

चिल्ड्रेन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बाहर छात्रों के अभिभावकों ने क्षेत्रीय पार्षद सचिन चौधरी के साथ स्कूल प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने कहा कि इस साल उनके बच्चों ने कक्षा दस की परीक्षा दी थी। हाल ही में उनका रिजल्ट आया है। इसके बाद कक्षा 11वीं की कक्षाएं शुरू हुईं तो प्रबंधक ने उनसे अप्रैल से अगस्त तक ऑनलाइन पढ़ाई करवाने की बात कहते हुए फीस मांगी। आरोप है कि रिजल्ट आने से पहले कोई ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चलीं। ऐसे में अभिभावकों ने अगस्त से पहले की फीस देने से इनकार कर दिया। आरोप है कि तीन दिन पहले उनके बच्चों को टेस्ट नहीं देने दिया गया और बाहर निकाल दिया। इससे गुस्साए लोगों ने स्कूल प्रबंधक से अपने बच्चों की टीसी मांगी थी।

स्कूल प्रबंधक ने दो दिन बाद आकर टीसी ले जाने की बात कही थी। आरोप है कि बुधवार को टीसी लेने के लिए उन्हें स्कूल परिसर में नहीं आने दिया गया। बाहर से ही टीसी देकर भेजना चाहा। जब उन्होंने टीसी ली तो उसमें ये अंकित कर दिया गया कि फीस जमा नहीं करने के चलते बच्चे का नाम काटा जा रहा है। इस बात से अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने स्कूल प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। इस दौरान स्कूल स्टाफ की अभिभावकों से कहासुनी भी हुई। वहीं, पार्षद सचिन चौधरी का कहना है कि किसी भी कीमत पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। हंगामा करने वाले अभिभावकों में अशोक सिंह, ओमप्रकाश, तरुण गैरा, जितेंद्र पंवार, गीता गैरा, पूनम, मोहम्मद कामिल, नरेंद्र कुमार, सोनल, गीता, पिंकी, सुनील कुमार, ज्योति, उमेश चौहान, कुसुम, सीमा पंवार, सचिन कुमार, सोनिया सैनी, डोली त्यागी आदि मौजूद रहे।

लापता महिला का सामान और सुसाइड नोट त्रिवेणीघाट से बरामद

टिहरी जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां गुरूवार को त्रिवेणी घाट गंगा तट से लापता महिला का सामान और सुसाइड नोट बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि महिला थाना घनसाली क्षेत्र से बीते बुधवार को घर से लापता हो गई थी।
लेकिन महिला का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। सुसाइड नोट में महिला ने सुसरालियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है और मौत की वजह बताई है। वहीं मामले में पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। साथ ही महिला की तलाश के लिए गंगा में सर्च आपरेशन शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि थाना घनसाली टिहरी गढ़वाल, ग्राम तुंग पोस्ट बाजियाल गांव निवासी मंजू पंवार (24 वर्ष) पत्नी दीपक बुधवार की सुबह करीब छह बजे घर से लापता हो गई थी। महिला के पति ने महिला की काफी तालाश की जब मंजू का कहीं कुछ पता नहीं चल सका उसके पति ने थाना घनसाली में सूचना दी। पुलिस ने मामलें में मंजू का गुमशदी की रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शूरू कर दी थी।
मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया था। जिसकी मदद से पुलिस जांच में महिला के मोबाइल लोकेशन गुरुवार की सुबह करीब 6रू30 बजे त्रिवेणी घाट चौकी क्षेत्र में गंगा तट स्थित नाव घाट पर मिली। पुलिस ने मंजू के परिजनों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद विवाहिता के स्वजन नाव घाट पहुंचे तो उन्हें वहां मंजू का ट्राली बैग मिला और उसके अंदर एक डायरी और सुसाइड नोट मिला। जिसकी सूचना त्रिवेणी घाट पुलिस चौकी को दी गई।
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मंजू ने डायरी में सुसाइड नोट सहित काफी बातें लिखी हैं। जिसमें लिखा है कि शादी के बाद बच्चा ना होने पर उसकी सास और पति उसे ताना देते थे। मैं सब को छोड़ कर जा रही हूं। वहीं पुलिस ने इस मामले में अनहोनी की आशंका जताई है। जिसके चलते पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की है। इसके साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी गंगा में सर्च आपरेशन चला रही है। मौके पर मंजू की मां, चाचा सहित कई लोग मौजूद है। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।

एमडीडीए की कार्रवाई, सरकारी मुकदमा दर्ज

विवादित जूता घर प्रकरण ने अब एक नया मोड़ आया है, एमडीडीए ने अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने तहरीर के आधार पर लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वही मौके पर जूता घर को तोड़ने के दौरान जो भी व्यक्ति, संस्थाएं और राजनीति व्यक्ति मौजूद रहा है, उनकी जांच करने की बात सामने आ रही है। इस कार्रवाई के बाद नगर के कुछ लोगों में खलबली मची रही। सूत्रों के मुताबिक उन्हें अब पुलिस कार्रवाई का डर सताने लगा है।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में विवादित जूता घर को तोड़ने में जितनी तेजी दिखाई गई उतनी ही तेजी से एमडीडीए ने भी एक्शन ले लिया है। एमडीडीए के अवर अभियंता अनुज कुमार पांडे की तहरीर पर कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि यह मुकदमा अभी अज्ञात के खिलाफ हुआ है, मगर पुलिस जल्द ही सीसीटीवी फुटेज व आसपास के लोगों से पूछताछ के आधार पर नाम का खुलासा कर सकती है।

गौरतलब है कि एक कार्यक्रम में त्रिवेणी घाट जूता घर को लेकर एमडीडीए के अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी। इसके बाद स्थानीय पार्षद रीना शर्मा ने एमडीडीए, विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसको तोड़ने के बजाय लॉकर के रूप में परिवर्तित करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि लाखों रुपये की लागत से बने सरकारी निर्माण को एकाएक ध्वस्त करना उचित नही है। ऐसे में इसका सदुपयोग अन्य कार्य में किया जा सकता है। मगर स्थानीय लोगों का आरोप है कि एकाएक रात्रि के समय इस जूता घर को अपनी सस्ती लोकप्रियता के चलते जेसीबी की मदद से तुड़वा दिया गया। जिसके बाद इस मामले में एमडीडीए की ओर से कड़ी नाराजगी जताई गई थी। बीते रोज एमडीडीए के अवर अभियंता अनुज कुमार पांडे ने कोतवाली ऋषिकेश में तहरीर दी, वही पुलिस ने भी अज्ञात के खिलाफ लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब जूता घर तोड़ने के दौरान जो भी व्यक्ति वहां मौजूद रहा, उस पर पुलिस की क्या कार्रवाई होती है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है।

डीएम देहरादून ने कन्ट्रोल रुम का निरीक्षण कर दिए निर्देश

देहरादून के जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 डॉ आर राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी के कन्ट्रोल रूम सहस्त्रधारा रोड आईटी पार्क में स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक से पूर्व जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कन्ट्रोलरूम का निरीक्षण कर कार्यप्रणाली का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 ने स्मार्ट सिटी कन्ट्रोलरूम में लगाये गये मॉनिटिरिंग सिस्टम के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि वर्तमान समय में शहर के 129 स्थानों पर पर स्मार्ट सिटी लि0 के कैमरों द्वारा नजर रखते हुए मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसमें 49 स्थानों पर ई चालन की व्यवस्था बनाई गई है। जिसमें मुख्यतः यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले, ओवर स्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाना, यातायात सिग्नल तोड़ने, नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने वालो पर नजर रखी जा रही है तथा शेष स्थानों को भी ई-चालान प्रक्रिया से जोड़ने की प्रक्रिया गतिमान जिस पर जिलाधिकारी ने मॉनिटिरिंग सिस्टम को व्यवहारिक बनाते हुए सिग्नल तोड़ने वालो, ओवर स्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाने, नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़ा करने तथा मॉनिटिरिंग के दौरान यदि किसी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगा रही हैं इसकी तत्काल सूचना पुलिस विभाग को दी जाय।

उन्होंने कहा कि तकनीकी का इस प्रकार इस्तेमाल किया जाय कि समय रहते किसी समस्या से निपटा जाय ताकि दुर्घटना/घटना घटित होने के बाद। उनकी मॉनिटिरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि शहर में प्रमुख स्थानों, सड़कों मौहल्लों में और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाते हुए इसके मॉनिटिरिंग के लिए स्टाफ भी बढायें। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कम्पनी से समन्वय करते हुए कनैक्टिविटी बढाई जाय ताकि नेटवर्क की समस्या के कारण मॉनिटिरिंग में व्यवधान उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि शहर के सभी चौराहों, मुख्य सड़कों, प्रमुख स्थानों को ई-चालान व्यवस्था से जोड़ा जाए। जिलाधिकारी/सीईओ स्मार्ट सिटी ने कहा कि लगाये गये कैमरों से शहर की प्रत्येक गतिविधि को मॉनिटिर किया जाय साथ ही शहर में गंदगी फैलाने, खुले स्थानों पर कूड़ा डालने वालों पर भी नजर रखी जाय निगरानी के दौरान ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध चालान की कार्यवाही करने हेतु नगर निगम को सूचना प्रेषित की जाय।

बैठक में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि शहर के कई स्थानों पर पेड़ बड़े होने से मॉनिटरिंग में दिक्कत आ रही है जिस पर जिलाधिकारी ने ऐसे स्थानों को चिन्हित करते हुए पेड़ों की लोपिंग के लिए प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लि0 डॉ आर राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ प्रगति बढाने को कहा तथा निर्माण कार्यों के लिए खोदी गई सड़कों तेजी से कार्य पूर्ण करते हुए समतलीकरण एवं गड्डामुक्त करें ताकि जनमानस को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजना पर कार्य करें जिससे जनमानस को सहूलियत हो।

बैठक में स्मार्ट सीटी के सीजीएम श्रीराम मिश्रा, वित्तीय निंयत्रक अभिषेक आनन्द, एजीएम राम उनियाल सहित स्मार्ट सिटी के अधिकारी उपस्थित थे।