रिकवरी रेट में उत्तराखण्ड देश में दूसरे नम्बर पर: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि होम क्वारंटीन पर रखे गये लोगों की नियमित मॉनिटरिंग की जाय। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया जाय। होम क्वारंटीन एवं पर्यटन स्थलों पर सतत निगरानी के लिए पीआरडी, होमगार्ड एवं अन्य लोगों की ड्यूटी लगाई जाय। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हाई रिस्क मामलों एवं आरोग्य सेतु एप पर भी नियमित निगरानी रखी जाय। सर्विलांस सिस्टम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। इन जनपदों में सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। अभी प्रदेश में 558 कोविड के सक्रिय मामलों में से 473 इन चार जनपदों में हैं। शेष 9 जनपदों में 85 एक्टिव केस हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सब्जी मण्डियों एवं पर्यटक स्थलों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के अन्य मानकों का पूरा अनुपालन किया जाय। मानकों का अनुपालन न करने वालों पर कारवाई की जाय। कन्टेंटमेंट जोन माइक्रो लेबल पर बनाये जाय, ताकि उनकी निगरानी भी सही तरीके से हो एवं लोगों को अनावश्यक परेशानियां न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड सैंपल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जल्द ही कुछ और ट्रू-नेट मशीन राज्य को मिलने वाली हैं, जिससे सैंपलिंग में और तेजी आयेगी। उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि एसडीआरएफ के सहयोग से नैनीताल में 500 बैड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाय। अभी उत्तराखण्ड रिकवरी रेट में देश में लद्दाख के बाद दूसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिन जनपदों की सीमाएं अन्य प्रदेशों के जनपदों की सीमाओं से लगी हैं, सतर्कता के दृष्टिगत उस जनपद के प्रशासन से समन्वय रखा जाय। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये दिये की मानसून के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाय, रिस्पांस सिस्टम कम से कम किया जाय। डेंगू से बचाव हेतु सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान सभी जिलाधिकारी एवं उनकी टीम अच्छा कार्य कर रहे हैं। लेकिन अभी हमको पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने होंगे। जनता का भी सकारात्मक सहयोग मिला है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सर्विलांस सिंस्टम को प्राथमिकता पर रखा जाय। सभी जिलों में सैंपल टेस्टिंग टारगेटेड हो। हमें कोरोना से बचाव के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री जी के जान और जहान दोनों कांसेप्ट पर काम करना होगा। कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय। राज्य में स्थिति नियंत्रण में हैं, आगे भी हमारे प्रयास इसी तरह के होने चाहिए। बैठक में बताया गया कि काशीपुर में अधिक एक्टिव केस के दृष्टिगत काशीपुर में लॉकडाउन किया गया है।

उत्तराखण्ड में भारत नेट फेज 2 को केंद्र से मिली स्वीकृति

भारत नेट फेज-2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार जनपद में पूर्व में किया जा चुका है) के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचाया जाएगा। मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा व ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्रालय अंतर्गत यूनीवर्सल सर्विसेज ऑबलीगेशन फंड (Universal Services Obligation Fund–USOF) द्वारा यह परियोजना वित्त पोषित है तथा भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा यह परियोजना दो चरणों में क्रियान्वित की जा रही है।

उत्तराखंड राज्य में भारत नेट फेज-1 परियोजना का कार्य भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा स्वयं विभिन्न संस्थाओं जैसे BSNL व अन्य कंपनियों के माध्यम से कराया गया है। प्रथम चरण में 11 जनपदों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाना था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उत्तराखंड राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना परियोजना प्राथमिकता पर स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया था। दूरसंचार मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड के लिए भारत नेट 2.0 परियोजना पर स्टेट लेड मॉडल के अन्तर्गत सहमति प्रदान कर दी गई है। राज्य के लिए भारत नेट फेज -2 परियोजना की लागत लगभग रु.2000 करोड़ है, तथा इसका क्रियान्वयन आई0टी0डी0ए0 (Information Technology Development Agency& ITDA ) के द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त भारत नेट 2.0 परियोजना की क्रियान्वयन होने से राज्य में ई-गवर्नेस, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम (eNAM), इन्टरनेट और अन्य सुविधायें राज्य की जनता को प्राप्त होंगी जिससें उन्हें स्वावलम्बी बनने में न केवल सहायता प्राप्त होगी बल्कि स्वरोजगार के कई अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। जैसे ई-हेल्थ के माध्यम से दूरदराज ग्रामों में बैठे हुए प्रदेश की जनता सीधे अस्पतालों से जुड़कर अपना ईलाज करा सकेंगे, विद्यार्थी घर बैठ कर पढाई कर सकत हैं,े बिना बैंक में गये बैंक की सुविधा प्राप्त कर सकते है, किसान भाईयों को फसलों के सम्बन्ध में दवाओं के सम्बन्ध में भण्डारण के सम्बन्ध में तथा फसल मूल्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त हो सकेंगी। किसान भाई अपनी फसलों एवं कृषि उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से अपने गांव से भी ऑनलाइन बेच सकेंगे। छोटे-छोटे व्यवसायी भी अपने व्यवसाय के सम्बन्ध में यथा ई-मार्केटिंग आदि के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करते हुए ई-मार्केटिंग कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने विगत 3 वर्षो में उत्तराखण्ड में सूचना प्रौधोगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। सी0एम0 डेश बोर्ड इसके द्वारा राज्य के प्राथिमिकता के कार्यक्रमों की समीक्षा यथा उनकी वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपद स्तर से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक की जाती है। राज्य के पहले स्टेट डाटा सेन्टर का निर्माण किया गया। जिससें सभी विभागों के डाटा को राज्य में संरक्षित किया जा सकता है। ड्रोन के क्षेत्र में भी राज्य में काफी प्रगति की गयी है, प्रत्येक वर्ष यह न केवल दो फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा रहा है वहीं छात्रों आदि को ड्रोन से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससें वह रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकते है। प्रदेश में किसी भी प्रदेश सरकार के द्वारा बनाया गया यह पहला ड्रोन सेन्टर है। ड्रोन के माध्यम से आपदा के समय आपदा राहत कार्यो में भी तेजी आयेगी।

स्वान SWAN (State Wide Area Network ) के माध्यम से राज्य मुख्यालय से समस्त जनपदों, तहसीलो एवं ब्लाकों को जोड़ा गया है जिससें विभागीय समीक्षा मुख्यालय ब्लाक या तहसील तक सीधे की जा सकती है। सरकार के द्वारा उक्त सुविधा ग्राम पंचायत स्तर तक किये जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक वीडियों कान्फ्रेंसींग के माध्यम से बैठके आयोजित की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर कतिपय महत्तपूर्ण नागरिक सेवायें यथा वित्तीय शिक्षा, स्किल्ड डवलपमेन्ट, स्वास्थ्य, कृषि आदि कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से नागरिको दी जा रही है, वर्तमान में लगभग 8350 सी0एस0सी0 केन्द्र संचालित है परन्तु सभी ग्राम पंचायते/ग्रामों डाटा नेटवर्क न होने के कारण यथा हाई स्पीड इन्टर नेट से न जुड़े होने के कारण उक्त सुविधायें त्रुटिहिन तरीके से दिये जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, परन्तु भारत नेट 2.0 परियोजना के क्रियान्वयन के उपरान्त उक्त सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों/ग्रामों को प्राप्त हो सकेंगी।

ई-कैबिनेट सरकार के द्वारा मंत्री मण्डल की बैठकों को पेपरलेस करते हुए ई-मंत्रिमण्डल सेवा लागू कर दी गयी है। ई-ऑफिस एवं ई-कलेक्ट्रेट सरकार के द्वारा प्रदेश मुख्यालय के सचिवालय के लगभग 20 विभागों के ई-ऑफिस का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है तथा जनपद स्तर तक ई-ऑफिस,ई-कलेक्ट्रेटके क्रियान्वयन को शीघ्र ही लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है तथा जनपद देहरादून में इसका शुभारम्भ भी कर लिया गया है , इससे किसी भी व्यक्ति को किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा इसकी भी सुचारू रूप से समीक्षा की जा सकती है, कि किस पटल पर फाईल कितने समय तक लम्बित रही। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से नागरिकों को लगभग 82 सुविधायें प्रदान की जा रही हैं, और शीघ्र ही समस्त नागरिक सुविधायें प्रदान करने का लक्ष्य है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति यथा जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, समाज काल्याण के आदि हेतु आवेदन कर सकते है। अब उन्हें इन कार्यो हेतु विभागों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आई0टी0 के क्षेत्र में स्किल्ड किये जाने के सम्बन्ध में अभी दो ग्रोथ सेन्टर देहरादून और पिथौरागढ़ में बनाये गये है तथा इन्हेंं समस्त जनपदों में विकसित किये जाने की योजना है ताकि विधार्थियों को आई0टी0 के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया जा सकें। जिससे रोजगार के नये अवसर प्राप्त हो सकें। सी0एम0 हेल्पलाईन 1905 उत्तराखंड प्रदेश के वासियों के लिए बहुत ही उपयोगी हेल्पलाइन है जिसके माध्यम से सीमान्त जनपदों एवं दूरदराज के नागरिक भी अपने घर से ही समस्याओं का संतुष्टि पूर्वक समाधान प्राप्त की रहें है, विशेषतः इस कोविड -19 के समय जब प्रदेशवासी विभिन्न समयस्याओं से जूझ रहे थे तब इस सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से कुछ ही घन्टों के भीतर उन्हें पूरी तरह सहायता पहुंचायी गयी।

राज्य सरकार के द्वारा ई-गर्वेनेस के अन्तर्गत कई अन्य ऐसे कदम उठाये गये है, जिसका सीधा लाभ जनता को प्राप्त हो रहा है, जैसे कॉमर्सियल टैक्स, लेंड रिकार्ड, पुलिस(सी0सी0टी0एन0एस0), रोड़ ट्रांसपोर्ट, ट्रेजरी कम्प्यूटराइजेशन, पी0डी0एस0, ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेन्ट, ई-डिजिटल लॉकर, ई-विधान आदि जैसे डिजिटल लॉकर के माध्यम से जितने भी प्रमाण-पत्र है, वो ईलैक्ट्रोनिक माध्यम से अपने ईलैक्ट्रोनिक डाक्यूमेन्ट अपने मोबाईल मे रख सकता है, जैसे आधार कार्ड,शैक्षिण प्रमाण-पत्र, ड्राईविंग लाईसेंस, आदि। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत नेट 2.0 के माध्यम से दूरदराज के गांव भी डिजिटल गांव बन सकेंगे और उत्तराखण्ड राज्य को पूर्ण रूप से डिजिटल उत्तराखण्ड बनाने का हमारी सरकार का उद्देश्य साकार होगा।

संस्कृति विभाग के निर्माणाधीन प्रेक्षागृह और संग्रहालय का निरीक्षण, शेष कार्य समय से पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गढ़ीकैंट स्थित संस्कृति विभाग के निर्माणाधीन प्रेक्षागृह और संग्रहालय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी कुछ कार्य किया जा चुका है। शेष कार्य को भी समयबद्धता से पूरा कर लिया जाए। निर्माण में गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाए।
बताया गया कि लगभग 95 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है। ग्रीन बिल्डिंग की कन्सेप्ट पर बनने वाले प्रेक्षागृह और संग्रहालय की लागत 67 करोड़ रूपए है। प्रेक्षागृह का भवन 2518 वर्गमीटर में बन रहा है। एक हजार क्षमता का यह प्रेक्षागृह पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। इसमें फायर फाईटिंग सिस्टम, अत्याधुनिक आडियो/वीडियो सिस्टम, सीसीटीवी सिस्टम होगा। संग्रहालय के भवन में प्रदर्शनी गैलरी, संग्रहालय, लाईब्रेरी, कान्फ्रेंस हॉल, मीटिंग हॉल बनाए जा रहे हैं। इसमें ग्राउंड वाटर रिचार्ज और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी है। इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, निदेशक बीना भट्ट भी उपस्थित थे।

केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज से स्वावलंबन भारत की ओर बढ़ रहा देश: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत अभियान कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के साथ ही आधुनिक भारत की पहचान भी बना रहा है। मुख्यमंत्री, मीडिया सेंटर सचिवालय में आयेजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई क्षेत्र को कई तरह की रियायतें देते हुए मजबूती प्रदान की गई। साथ ही गरीबों, किसानों श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा के बाद केवल डेढ़ माह की अवधि में ही इसके सकारात्मक प्रभाव भी दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ के लिए किए गए आह्वान को सभी देशवासियों का समर्थन मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रूपए के कोलेटरल फ्री ऋण की व्यवस्था की गई। एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रूपए का ‘फंड्स ऑफ फंड’ भी बनाया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के मानकों में सुधार किया गया है। इससे इन उद्यमों को विस्तार का अवसर मिलेगा जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होगा। उद्योगों और श्रमिकों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ सपोर्ट दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में गरीबों, किसानों और मजदूरों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री ने 1.70 लाख करोड़ रूपए की घोषणा की। इसके तहत प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की तीन माह की अग्रिम किस्तें किसानों के खातों में जमा की गई। महिला जन-धन खाताधारकों के खातें में 500-500 रूपए की तीन किस्तें जमा की गईं। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए। दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को भी 1 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में देश के 80 करोड़ लोगों को राहत देने के लिए अप्रैल,मई व जून तीन माह के लिए निशुल्क खाद्यान्न दिया गया। अब इस योजना को नवम्बर माह तक बढ़ा दिया गया है। इसमें हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू या चावल और प्रति परिवार 1 किलो चना नवम्बर तक निशुल्क मिलता रहेगा। इस योजना पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में केंद्र सरकार ने 40 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त आवंटन किया। उत्तराखण्ड में ही मनरेगा में 36 हजार नए लोगों के काम उपलब्ध करवाया गया है। 6 राज्यों के 116 जिलों में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरू की गई है। किसानों के लिए भी बहुत से कदम उठाए गए। किसानों के हित में अनेक फार्मिंग रिफार्म किए गए हैं। किसानों को फसल पर लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों पर एमएसपी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी काफी महत्वपूर्ण है।
अर्थव्यवस्था में कोविड-19 के प्रभाव से उबारने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार भी किए गए हैं। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बल दिया गया है। पीपीपी मॉडल पर हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में सबसे अधिक सुधार स्वास्थ्य क्षेत्र में किया गया है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था। अब देश में पीपीई किट का इतनी अधिक मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है कि इनका निर्यात भी किया जाने लगा है। वेंटीलेटर, एन-95 मास्क भी बडे स्तर पर बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में अनेक स्टार्टअप आगे आए हैं। चीन के विभिन्न मोबाईल एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्वदेशी एप बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वापिस लौटे प्रवासियों और युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें 150 प्रकार के कामों को लिया गया है।

यूजीसी की गाइडलाइन के तहत प्रदेश में उच्च शिक्षा में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित बैठक आयोजित की गई।
बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशो के तहत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में परीक्षायें संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर अन्तिम वर्ष एवं अन्तिम सेमेस्टर के छात्र-छात्रों की परीक्षायें 24 अगस्त से 25 सितम्बर तक आयोजित की जायेंगी तथा 25 अक्टूबर तक परीक्षा फल घोषित कर दिया जायेगा जबकि 1 नवम्बर से नया सत्र शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा पुराने छात्र छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षायें यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रोमोट करते हुए 5 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाईन कक्षायें शुरू कर दी जायेंगी। 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एम, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी तथा 1 नवम्बर से कक्षायें प्रारम्भ होंगी।
बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा बताया गया कि राज्य के कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को कोविड 19 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं जिसके चलते परेशानी आ सकती है जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं सम्बन्धित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटीन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये तथा वहां पर छात्रों के आने से पहले सेनेटाईजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई कठिनाई न हो।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 3 लाख छात्र-छात्राओं उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं जिनमें से लगभग 80 हजार छात्र-छात्रायें अन्तिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 25 हजार छात्र-छात्रायें बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं जिनको परीक्षा से पूर्व 1 अगस्त तक सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है वह अपने प्रदेशों से कोविड-19 का टेस्ट कराते हुए प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आयेंगे ताकि क्वारंटीन की अनिवार्यता से बचा जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी के द्वारा पूर्व में शिक्षको, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय आने सम्बन्धित जो छूट दी गई थी वह समाप्त कर दी गई है। अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। आदेशों का पालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक के उपरान्त मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी द्वारा मुख्यमंत्री को कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय की ओर से 5 लाख 80 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया गया।
बैठक में राज्य मंत्री दिप्ती रावत, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपी नेगी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके कर्नाटक, श्रद्धेय सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीपी ध्यानी, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला, तकनीकी सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ. नरेन्द्र सिंह, रूषा सलाहकार डॉ. एमएसएम रावत, डॉ. के.डी.पुरोहित, पन्तनगर विवि के डीन डॉ. एसके कश्यप, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, एमएस मन्दरवाल, विपिन चन्द जोशी, डॉ. एएस उनियाल आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है। सभी जिलाधिकारियों को इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये हर संभव प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है इसके लिये जिलाधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन के लिये अधिकार प्रदान किये गये हैं। शासन स्तर पर इससे सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में विलम्ब न हो, इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (D.W.S.M) को एक करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार दिये जाने, गढ़वाल एवं कुमाऊं के आयुक्तों को 2 करोड़ तथा 5 करोड़ के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये स्टेट लेवल कमेटी तथा इससे ऊपर के प्रस्तावों को ही शासन को संदर्भित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन जीवन से जुड़ा यह महत्वपूर्ण विषय है। अतः इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। इस योजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में भी सभी जिलाधिकारियों को सभी सम्बन्धित विभागों एवं संस्थाओं के सहयोग एवं समन्वय से इसे मिशन मोड में संचालित करना होगा। उन्होंने कहा कि वन, राजस्व, पेयजल आदि विभागों को इसमें सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। यह हम सबका कार्य है। हर घर को नल के माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु कनेक्शन उपलब्ध कराने में कोई समस्या न हो इसके लिये आर्थिक रूप से असहाय लोगों को एक रूपये में कनेक्शन दिये जाने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेश में कोई भी घर कनेक्शन से वंचित न रहे। उन्होंने जिलाधिकारियों को कार्य हित में अपने स्तर पर कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर उसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों से जल जीवन मिशन के तहत दिये गये लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने विवेक से इसमें आनी वाली कठिनाइयों का निराकरण करें। उन्होंने योजनाबद्ध ढंग से कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ इस योजना को धरातल पर उतारने की भी बात कही। जिलाधिकारियों को इसमें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना होगा तभी इतनी बड़ी योजना के क्रियान्वयन में हम सफल हो पायेंगे। उनहोंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जिलाधिकारी इस वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही आगे की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिये प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने सीमान्त जनपदों में माइग्रेट होने वाले गांवों के सभी घरों को इसमें शामिल करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव पेयजल नीतेश झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विकास खण्डों की 7755 ग्राम पंचायतों के 14871 गांवों में फंक्सनल हाऊस होल्ड टेप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराये जाने हैं। इसके लिये वर्ष 2020-21 के लिये 358880 घरों को नल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद चमोली को वर्ष 2020-21 में सभी 43265 घरों को घरेलू जल संयोजन के साथ जोड़ा जाना है। इसके साथ ही देहरादून का डोईवाला, पौड़ी का थलीसैण, रुद्रप्रयाग का ऊखीमठ, उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल का हल्द्वानी तथा पिथौरागढ़ का धारचूला विकास खण्ड को शत प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य भी इस वर्ष के लिये रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार द्वारा 1565.06 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की है। इसके लिये 140 एन.जी.ओ को भी सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से 2021 तक सभी योजनाओं के टेण्डर जारी करने की भी अपेक्षा की। शासन द्वारा इस सम्बन्ध में शीघ्र ही गाइड लाइन भी जारी की जायेगी। इस अवसर पर जिलाधिकारियों ने अपने अपने सुझाव रखे गये तथा योजना को समय बद्धता के साथ पूर्ण करने का आश्वासन दिया।

कैबिनेट के 21 अहम फैसलों पर मुहर, जानिए पूरी खबर

राज्य सचिवालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में 21 अहम फैसलों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। कैबिनेट निर्णय की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी।

1. श्रीकोट सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज के लिए 0.326 हैक्टेयर पटटे पर दी गई भूमि का नजराना और मालगुजारी को निशुल्क करने का निर्णय लिया गया।

2. कैम्पा योजना निधि प्रबन्धन के लिए विभागीय ढ़ांचा 29 पद की मंजूरी।

3. उत्तराखण्ड राज्य परिवहन निधि नियमावली 2020 में संशोधन करते हुए प्राप्त धनराशि सीधे ट्रेजरी में लेने के निर्देश।

4. उत्तराखण्ड स्टोन क्रेशर प्लांट, मोबाईल, हॉट मिक्स प्लांट निति 2020 के अन्तर्गत कृषि मंत्री की संस्तृति के आधार पर गंगा नदी के किनारे 1.5 कि0मी0, मैदानी नदी के किनारे 1 कि0मी0, बरसाती नदी के किनारे 500 मीटर तक प्लांट लगाने की अनुमति दी गई।

5. उत्तराखण्ड खनिज अवैध खनन भण्डारण नियमावली 2020 को अनुमति। शासन स्तर से जिलाधिकारी स्तर पर अधिकार दिया गया। मोबाईल स्टोन क्रेशर हेतु दो वर्ष, रिटेल भण्डारण हेतु पांच वर्ष की अनुमति। लाइसेंस शुल्क 25,000 हजार। क्रय विक्रय नगद पर प्रतिबंध।

6. औद्योगिक नियोजन आर्दश नियमावली 1992 के तहत कर्मकारों को रखने के लिए नियत अवधि नियोजन कर्मकार नियमावली 2020 लाया गया।

7. उद्योग विभाग में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नियमावली को मंजूरी। विभागीय चयन समिति के स्थान पर समुह ग के अन्तर्गत पद पर चयन उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगा।

8. ऋषिकेश भोगपुर मैसर्स गंगा डिजायन स्टूडियों फर्म के न्यूनतम मार्ग में छूट दी गई।

9. देहरादून अर्बन सिलींग होम हेतु एमडीडीए को स्थानांतरित भू उपयोग भूमि के लिपिकीय त्रुटि में सुधार।

10. मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त धनराषि में पारदर्शिता के लिए वित्त विभाग के अधिकारी को रखा जायेगा। अभी तक 15 मार्च से 26 जून 2020 तक कुल 154 करोड़ 56 लाख रूपये प्राप्त किया गया। इनमें से 85 करोड़ 60लाख व्यय किया गया।

11. राज्य सरकार के कल्याणकारी नीति के प्रचार प्रसार हेतु भारत सरकार की एजेंसी ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट लि0 से अनुबंध किया गया।

12. उत्तराखण्ड विज्ञापन अनुश्रवण समिति में भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य के स्थान पर वरिष्ठ पत्रकार को लेने की अनुमति।

13. श्रम विभाग में इएसआई चिकित्साधिकारी के लिए प्रेक्टिस भत्ता की अनुमति।

14. एकीकृत आर्दश कृषि ग्राम योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंजूरी। 95 ब्लॉक में 95 ग्राम पंचायत का चयन करके 100 कृषकों हेतु 10 हैक्टेयर का क्लस्टर बनेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 15 लाख रूपये सीड मनी के रूप में दिया जायेगा।

15. अमृतसर, कलकता इंडस्ट्रीयल समेकित निर्माण समूह, उधम सिंह नगर में, फिल्म सिटी, साईबर पार्क, एसइजेड के लिए तीन हजार एकड़ भूमि में से प्रथम चरण के लिए एक हजार एकड़ भूमि दी जायेगी।

16. राज्य सरकार की भूमि के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा निलामी न्यूनतम बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन प्रक्रिया की जायेगी। पर्यटन, उद्योग, पेयजल व उर्जा इत्यादि विभाग को सूखा अधिकार के तहत सर्किल रेट पर भूमि दी जायेगी लेकिन इसका प्रयोग सार्वजनिक कार्यो के लिए भी होगा।

17. ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में 2220 रूपये जल संयोजन को कम करके केवल 1 रूपये संकेत के रूप में लेने का निर्णय लिया गया है।

18. कोविड स्वास्थ्य सेवा एवं मेडिकल कॉलेज भर्ती के लिए 1020 नर्सिंग स्टाफ को तत्काल भरने का निर्णय लिया गया है।

19. नर्सिंग शिक्षक सेवा नियमावली को मंजूरी।

20. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी कृषक कल्याण योजना के ऋण सीमा शुन्य प्रतिशत पर बढ़ाकर 1 लाख से 3 लाख किया गया। इसके अन्तर्गत 3 लाख 68 हजार कृषक, 1247 स्वंय सहायता समुह लाभान्वित होंगे।

21. विधानसभा सदस्यों के लोन लेने की नियमावली संशोधन किया गया।

ऐतिहासिक उत्तराखंडी फिल्म बनाने वाले अशोक मल्ल का निधन

प्रसिद्ध समाजसेवी अभिनेता अशोक मल्ल के निधन से मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तराखंडी फिल्म जगत के आधार स्तंभ के रूप में अनेक फिल्मों से पहाड़ में फिल्म उद्योग को सींचने वाले अशोक मल्ल जी ने गढवाली फिल्म कौथिग, गोपीभीना, बंटवारू, मेरी गंगा होली त मैमा आली, चक्रचाल जैसी हिट फिल्में दी हैं।
अभिनेता अशोक मल्ल ने उत्तराखंडी फिल्म गोपीभीना में खुद डायरेक्टर की भूमिका में पहाड़ की खूबसूरत वादियों में फिल्मांकन की संभावनाओं की मजबूत बुनियाद बनाई।उत्तराखंड के सुपर स्टार एक महान समाजसेवक और एक अच्छे इंसान के असमय चले जाने से मुंबई के तमाम लोगों ने संवेदना व्यक्त करते हुए गहरा दुख जताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शोक संवेदना व्यक्त की।मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंण्ड की आंचलिक फिल्मों के अभिनेता, नामी रंगकर्मी अशोक मल्ल के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं। भावभीनी श्रद्धांजलि।

उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व उनके साथ काम कर चुके बलराज राणा ने कहा अशोक मल्ल जी उत्तराखंड फिल्मों म एक बेहतरीन अभिनेता थे। जो 1986 सी लगातार 2020 आज तक बतौर अभिनेता, लेखक, निर्देशक का रुप म उत्तराखंड को गौरव बढ़णा छिन।
भाई अशोक मल्ल द्वारा फिल्म व रंगमंच मा अभिनीत/ निर्देशित/ नृत्य निर्देशक को विवरण,

1- कौथिग (मुख्य अभिनेता)
1987 गढ़वाली फिल्म
2- मेघा आ (मुख्य खलनायक)
1987 कुमाऊंनी फिल्म
3- बंटवारू (नायक का बड़ा भाई)
1992 गढ़वाली फिल्म
4- चक्रचाल (नायक का बड़ा भाई)
1997 गढ़वाली फिल्म
5- मेरी गंगा होलि त मीमू आली (मुख्य नायक)
2004 उत्तराखंडी फिल्म
6- गोपी भैना (निर्देशक)
2016 उत्तराखंडी फिल्म

उत्तराखंडी रंगमंच मुंबई

1- रामलीला मुंबई (स्थान -चेंबूर)
1984 से 1986 तक हनुमानजी कि भूमिका निभाई।

पर्वतीय नाटक मंच के अंतर्गत अभिनित व नृत्य निर्देशित
2- प्यारी जन्मभूमि उत्तराखंड
17 नवंबर 1994 मुंबई दामोदर हाल
नृत्य निर्देशक
3 – वीरभड़ माधोसिंह भंडारी
11 सितंबर 1995 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
नृत्य निर्देशक
4- सत्यवान सावित्री
10 जनवरी 1996 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
5- सिमन्या समधी
9 फरवरी 1997 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
मुख्य नायक
6- चला कौथिग देखी ओला
9 फरवरी 999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
7- कख बोली मेरी डांडी कांठी
14 दिसंबर 1999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
8- सरूली मेरु जिया लगीगे
13 जनवरी 2004 मुंबई षणमुखानंद हॉल
मुख्य नायक

9- मुंबई कौथिग प्रथम बार नवी मुंबई में स्थापना
2009 तीन दिवसीय भव्य आयोजन,
प्रथम बार उत्तराखंड संस्कृति विभाग की टीम मुंबई में
आयोजक /निर्देशक

इसके अलावा अनेक हिंदी धारावाहिक और पृथ्वी थिएटर मुंबई में कई हिंदी नाटकों में अभिनय व कई उत्तराखंडी नाटकों में भाई अशोक मल्ल ने कार्य किया।

कमिश्नर के आदेश पर व्यापारी नेता के कांपलेक्स की तीसरी मंजिल सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने ऋषिकेश में रेलवे रोड पर बहुमंजिला भवन के तृतीय तल को सील किया है। एमडीडीए की कार्रवाई से नगर के अन्य बिल्डरों में भी खलबली मची रही।
बुधवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में टीम रेलवे रोड पहुंची। यहां पर निर्माणाधीन बिल्डिंग की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने रेलवे रोड स्थित ललित मोहन मिश्रा की निर्माणाधीन बिल्डिंग के तृतीय तल को सील किया। एई सुधीर गुप्ता ने बताया कि बीती तीन जुलाई को भी सील की कार्रवाई को टीम पहुंची थी। मगर, ललित मोहन मिश्रा की ओर से उक्त मामले में कमिश्नर से स्टे होना बताया था। इसके चलते टीम वापस लौट गई थी। बताया कि मंगलवार की शाम को कमिश्नर की ओर से उन्हें पत्र मिला। ‌इस पत्र में बिल्डिंग के दो तल का नक्शा पास होना बताया गया है, जबकि तृतीय तल का नक्शा नहीं होना बताया गया था। इसके चलते टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर तृतीय तल को सील कर दिया है। इस मौके पर नायब तहसीलदार विजय पाल सिंह चौहान, प्राधिकरण की टीम में जूनियर इंजीनियर पीपी सिंह, सुपरवाइजर महावीर, धर्म सिंह आदि उपस्थित रहे।

दिनेश कोठारी के कार्यों को सराहा, लगातार तीसरी बार बनाया अध्यक्ष

दिनेश कोठारी को रियल स्टेट एसोसिएशन ऋषिकेश के अध्यक्ष पद की लगातार तीसरी बार कमान सौंपी गई है। दिनेश कोठारी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने पर प्रॉपर्टी से जुड़े व्यवसाइयों ने हर्ष जताया है।
एसोसिएशन की कार्यकारिणी को लेकर पदाधिकारियों की एक बैठक हरिद्वार रोड स्थित कार्यालय में आयोजित हुई। इसमें रियल एस्टेट के कारोबार में आ रही परेशानियों से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की गई। साथ ही कोरोना महामारी में एसोसिएशन की ओर से जरूरतमंद व्यक्तियों की बढ़-चढ़कर मदद करने पर सभी सदस्यों ने सराहना की। इसके बाद नवीन कार्यकारिणी को लेकर मंथन किया गया। इसमें सभी पदाधिकारियों ने सर्वसहमति से अध्यक्ष पद पर दिनेश कोठारी के नाम को मुहर लगाई। इसी के साथ दिनेश कोठारी को रियल ‌स्टेट एसोसिएशन की तीसरी बार लगातार कमान सौंपी गई। इस दौरान सभी ने हर्ष व्यक्त किया। मौके पर एसोसिएशन के महामंत्री दीपक चुग, कोषाध्यक्ष नितिन गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य मानव जौहर, निशांत मलिक, संजय व्यास, विशाल कक्कड़, सरदार मंगा सिंह, राजीव खुराना, अनिल कुकरेती, विवेक तिवारी, नितिन गवाडी, अजीत कवल, गोपाल सती, अशोक पाल, धीरज मखीजा, प्रदीप गुप्ता, विजय रावत, कोमल सिंह, आशीष शर्मा, निपुण गुप्ता, अंकित अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।