बर्ड फ्लू के बचाव को प्रभावी व्यवस्था बनाएं सभी मुख्यमंत्रीः पीएम नरेंद्र मोदी


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आयोजित हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रतिभाग किया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में आगामी 16 जनवरी को कोविड-19 से बचाव के लिये देश भर में टीकाकरण अभियान के सफल आयोजन पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स तथा 02 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को यह वैक्सीन दी जायेगी। केन्द्र सरकार के स्तर पर वैक्सीन क्रय कर राज्यों को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। इसके बाद 50 वर्ष से उपर के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने बर्ड फ्लू के दृष्टिगत भी सभी मुख्य मंत्रियों से इसके बचाव की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा की।

प्रधानमंत्री के साथ आयोजित हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आगामी 16 जनवरी को होने वाले राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के सफल आयोजन हेतु राज्य में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक व्यवस्थायें समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि टीकाकरण हेतु राज्य स्तर पर टास्क फोर्स के गठन, सभी जनपदों में कोल्ड चेन सिस्टम को मजबूती, वैक्सीन भण्डारण एवं वितरण हेतु पर्याप्त स्थान की उपलब्धता के साथ ही इसके लिये आवश्यक मानव संसाधनों की व्यवस्था यथा समय पूर्ण करा ली जाय। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों, नर्सिंग एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बर्ड फ्लू के दृष्टिगत एहतियात बरतने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने हेतु पशुपालन, वन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ पंकज कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।

आपका बजट आपके सुझावः 20 जनवरी तक आप भी दें सुझाव

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने समाज के प्रबुद्ध लोगों एवं युवाओं, महिलाओं से ’आपका बजट आपके सुझाव’ के तहत अपने अमूल्य सुझाव देने की अपील की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा जायेगा। इसके लिए जितने महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे, उन सुझावों को ध्यान में रखकर बजट बनाया जायेगा।
बजट 2021-22 के लिए 20 जनवरी 2021 तक जनता से सुझाव मांगे गये हैं। कोई भी व्यक्ति राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय की वेबसाइट https://budget.uk.gov.in/feedback एवं मोबाईल एप्प Uttarakhand Budget गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपना सुझाव दे सकते हैं।

स्पीकर प्रेमचंद ने जम्मूतवी ट्रेन को योगनगरी रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

ऋषिकेश से जम्मू तक जाने वाली जम्मूतवी ट्रेन अब ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन से नहीं, बल्कि नए योगनगरी रेलवे स्टेशन से संचालित होगी। आज इस ट्रेन को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दोपहर तीन बजकर 40 मिनट पर योगनगरी रेलवे स्टेशन से जम्मूतवी ट्रेन संचालित हुई। इस मौके पर यात्रियों में अलग ही उत्साह देखने को मिला।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश से जम्मू तवी (ट्रेन सं०04605) के लिए रेल यातायात को खोले जाने पर उन्हें अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है।उन्होंने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश में विहंगम दृश्य वाली पहाड़ी शैली से बनाया गया स्टेशन यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को आकर्षित करेगा। योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन से संचालित सभी ट्रेनें उत्तराखंड की जनता के आवागमन को सुगम एवं सुरक्षित करेगी एवं उत्तराखंड को भारत के पर्यटन मानचित्र में स्थापित करने का भी काम करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की रेल परियोजना में प्रकृति के संरक्षण के लिए भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है जिसका सफल उदाहरण वीरभद्र से योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन के मार्ग पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चारों धामों को रेल मार्ग से जोड़ने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में लिया गया था, इसी सपने को साकार करने के उद्देश्य से 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।श्री श्री अग्रवाल ने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के 105 किलोमीटर हिस्से का निर्माण पहाड़ों के भीतर 70 सुरंग एवं नदियों के ऊपर 16 पुलों के निर्माण के रुप में होना है, परियोजना में 14.7 किलोमीटर भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का भी निर्माण किया जाना है साथ ही शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग सहित 12 स्टेशनों का निर्माण होना है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना से पर्यटन के अलावा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की जनता को रोजगार के नये अवसर भी प्राप्त होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया है।

इस मौके पर मुरादाबाद मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश, मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा, मैकेनिकल इंजीनियर समर्थ सिंह, स्टेशन प्रबंधक ज्ञानेंद्र सिंह परिहार, मेयर अनिता मंमगाई, ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल, जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल, राजेश जुगलान, पार्षद वीरेंद्र रमोला, पार्षद विपिन पंत, पार्षद बिजेंद्र मोगा, पार्षद ऋषि कांत गुप्ता, पार्षद संजीव पाल, पार्षद राजू नरसिम्हा, पार्षद शिव कुमार गौतम, अरुण बडोनी, सीमा रानी, मनोज शर्मा, गोपाल सती, सुमित पवार, मुकेश ग्रोवर, सुमित सेठी, सचिन अग्रवाल, रविंद्र राणा, ऋषि राजपूत, पार्षद प्रदीप कोहली, रजनी बिष्ट, भूपेंद्र राणा, अरविंद गुप्ता, अनीता तिवाडी, विनोद भट्ट, जयंत शर्मा, मनोज ध्यानी, विनीत रामपाल, विजय बडोनी आदि उपस्थित थे।

वॉट्सऐप की नई पॉलिसी से आप भी हो जाएं रूबरू, नहीं हो अकाउंट करना होगा डिलीट


वॉट्सऐप यूजर्स के लिए नया साल नई शर्तों के साथ शुरू हुआ है। शर्तें भी ऐसी जिन्हें नहीं माना तो अकाउंट डिलीट करना होगा। शर्तें मानना है या नहीं, इस बारे में सोचने के लिए 8 फरवरी तक का वक्त है। दुनियाभर में 200 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं।

’1. क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?’

वॉट्सऐप पर नए टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी का अपडेट मिलने लगा है। इसमें लिखा है कि यूजर्स को ये पॉलिसी एग्री करना होगी। ये 8 फरवरी, 2021 से लागू हो रही है। इस तारीख के बाद इसे एग्री करना जरूरी होगी। यदि एग्री नहीं करते हैं तब अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आप हेल्प सेंटर पर विजिट कर सकते हैं। अभी पॉलिसी में एग्री और नॉट नाउ का ऑप्शन मिल रहा है।
इसमें लिखा है कि हमारी सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए आप वॉट्सऐप को जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उन्हें कहीं भी यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले कर सकती है।

’2. वॉट्सऐप ने ऐसा फैसला क्यों लिया?’

इस पॉलिसी को एग्री करने के बाद वॉट्सऐप अपनी 200 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा एक्सेस कर पाएगी। यानी वो उनके डेटा को दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर भी कर पाएगी। नई पॉलिसी के नोटिफिकेशन में उसने साफ लिखा है कि अब वॉट्सऐप आपकी हर सूचना अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर करेगा। यानी वॉट्सऐप अपने यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करके पैसे भी कमा सकती है।

’3. पॉलिसी का यूजर पर क्या असर होगा?’

ये तय हो चुका है कि आप वॉट्सऐप चलाते हैं तब ये पॉलिसी एग्री करना होगी। यानी न चाहते हुए भी आपको अपने वॉट्सऐप की प्राइवेसी कंपनी के साथ शेयर करना होगी। यानी वॉट्सऐप अब आपके डेटा पर पूरी नजर रखेगी और आपकी प्राइवेसी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इस बात को ऐसे समझें…

’खर्च से तय होंगे विज्ञापनरू’

वॉट्सऐप आपके बैंक का नाम, कितनी राशि और डिलीवरी का स्थान सभी ट्रैक करेगा। इससे फेसबुक-इंस्टाग्राम भी आपके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जान जाएंगे। ट्रांजेक्शन डिटेल से कंपनी आपकी प्रोफाइलिंग करेगी। यानी आप इडली-डोसा खाते हैं तो अमीर आदमी नहीं हैं। स्टारबक्स जाते हैं तो अमीर हैं। फिर आपको महंगी गाड़ियों के विज्ञापन दिखने लगेंगे।

’आईपी एड्रेस और लोकेशन ट्रेस होगीरू’

वॉट्सऐप ने विकल्प दिया है कि यूजर अपनी लोकेशन एक्सेस डिसेबल कर सकते हैं। हालांकि उसने यह भी कहा है कि आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबर से अंदाजा लग जाएगा आप कब-कहां जाते हैं।

’स्टेटस भी सुरक्षित नहींरू’

वॉट्सऐप आपका स्टेटस भी पढ़ेगा। जोखिम यह है यदि आपने लिखा- बताओ कौन सी गाड़ी खरीदूं। तो फेसबुक-इंस्टाग्राम भी इसे पढ़ेंगे और आपको कार, बाइक के विज्ञापन दिखने लगेंगे। ठीक ऐसे ही यदि आपने लिखा- घूमने कहां जाना चाहिए। तब आपके सोशल पेज पर कई टूर से जुड़े विज्ञापन आएंगे।

’कंटेंट पर सजेशन और एनालिसिस मिलेगारू’

वॉट्सऐप आपको दोस्तों, ग्रुप्स, कंटेंट आदि के सजेशन भी देगा। एक तरह से वॉट्सऐप आपकी हर हरकत पर नजर रखेगा और उसका एनालिसिस करेगा। फेसबुक इसी आधार पर आपको शॉपिंग, प्रोडक्ट के विज्ञापन दिखाएगा।

’कॉल पर भी होगी नजररू’

कंपनी को पता होगा आप किसे कितने वॉट्सऐप कॉल करते हैं? किस ग्रुप में ज्यादा सक्रिय हैं? ब्रॉडकास्ट लिस्ट कितनी है? फोटो-वीडियो फॉरवर्ड करने पर सर्वर पर अधिक समय स्टोर रहेंगे। उसे पता होगा कौन-सा कंटेंट ज्यादा फॉरवर्ड हो रहा है। फेक न्यूज ट्रैक करने व चुनाव के समय ये जानकारी अहम होगी। बिजनेस अकाउंट से शेयर होने वाले कैटलॉग का एक्सेस भी वॉट्सऐप के पास होगा।

’4. क्या पॉलिसी को एक्सेप्ट करना चाहिए?’

नई पॉलिसी का यूजर की प्राइवेसी पर गहरा असर होने वाला है। यानी आप जैसे ही कंपनी की नई पॉलिसी को एग्री करते हैं, उसे अपने डेटा का एक्सेस करने के राइट्स भी दे देंगे। समस्या ये है कि वॉट्सऐप चलाना है तब पॉलिसी को एग्री करना जरूरी है। क्योंकि 8 फरवरी के बाद तो पॉलिसी मानना ही पड़ेगी। यदि एग्री नहीं करते तो वॉट्सऐप अकाउंट को डिलीट करना पड़ेगा।

’5 कंपनी की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड पॉलिसी का क्या हुआ?’

वॉट्सऐप अपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड पॉलिसी में इस बात का दावा करती थी कि आपके मैसेज, डेटा उसके पास भी नहीं रहता। 8 फरवरी के बाद ये खत्म हो जाएगी। कंपनी ने अपनी इस पॉलिसी में लिखा था कि आपकी प्राइवेसी और सुरक्षा हमारे लिए सबसे ऊपर है, इसलिए हमने आपके लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फीचर तैयार किया है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्ट होने से आपके मैसेज, फोटो, वीडियो, वॉइस मैसेज, डॉक्यूमेंट, स्टेटस और कॉल सुरक्षित हो जाते हैं और कोई उनका गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर से यह पक्का हो जाता है कि मैसेज और कॉल सिर्फ आपके और आपके कॉन्टैक्ट के बीच ही रहे।

वार्षिक कैलेंडर का प्रकाशन करवा कर स्पीकर ने नगर में बंटवाए

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने नववर्ष के उपलक्ष में विशेष वार्षिक कैलेंडर का प्रकाशन करवाया है जिसको आज विभिन्न जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों एवं व्यापारियों ने ऋषिकेश शहर के अंदर अनेक प्रतिष्ठानों में वितरित किए। इस वार्षिक कैलेंडर की खास बात यह है कि इसमें उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध मंदिर, पर्यटक स्थल, राज्य के प्रतीक चिन्ह को प्रमुखता से दर्शाया गया है। इसके लिए स्थानीय व्यापारियों एवं जनप्रतिनिधि ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का आभार व्यक्त किया।

       विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल जी के जनसंपर्क अधिकारी राजेश थपलियाल ने कहा है कि वार्षिक कैलेंडर का प्रकाशन जहां वर्ष भर के त्योहारों एवं छुट्टियों को दर्शाता है वही हरिद्वार महाकुंभ, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, महासू मंदिर हनोल, धारी देवी, नैना देवी, गोलू देवता आदि सहित विभिन्न धार्मिक मंदिरों के चित्र कैलेंडर में प्रकाशित किए गए हैं 
       कैलेंडर में तीर्थाटन एवं पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए अनेक पर्यटक स्थलों का प्रकाशन किया गया है । 

उन्होंने कहा है कि वार्षिक कैलेंडर मैं राज्य पुष्प ब्रह्म कमल, राज्य पक्षी मोनाल, राज्य वृक्ष बुरास के चित्र भी आकर्षण का केंद्र है । इसके अलावा  आईएमए देहरादून, एफआरआई देहरादून,  जानकी सेतु ऋषिकेश, एम्स ऋषिकेश, त्रिवेणी घाट में गंगा आरती के चित्र कैलेंडर में चार चांद लगा रहे हैं।  

     साथ ही उत्तराखंड विधानसभा में वर्ष भर में आयोजित कार्यक्रमों, राष्ट्रीय पर्वो, महापुरुषों की जयन्ती के दौरान किए गए कार्यक्रमों का भी उल्लेख इस वार्षिक कैलेंडर में किया गया है।
    कैलेंडर वितरण के अवसर पर सरोज डिमरी, पार्षद शिव कुमार गौतम , पार्षद प्रदीप कोहली , पार्षद ऋषि कांत गुप्ता,  सीमा रानी, राजीव नरसिंभा, संजीव पाल, मनोज कालरा, मनोज राजपूत, सुमित पवार, व्यापार मंडल के नवल कपूर, सौरभ अग्रवाल, रमेश अरोड़ा, अजय कालरा शिवम टुटेजा , राजेश कुमार, पुष्पा नेगी, उषा जोशी अमित वत्स, सचिन अग्रवाल, मनोज शर्मा ,सिमरन गाबा आदि बड़ी संख्या में  लोग उपस्थित थे ।

कोविड-19 टीकाकरण हेतु किए जाएं पुख्ता इंतजामः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के टीकाकरण हेतु पुख्ता इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड टीकाकरण की दृष्टि से अच्छी तैयारी की है। जो कार्य लगन, धैर्य एवं विश्वास से किया जाता है, उसमें सफलता जरूर मिलती है। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियों हेतु जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जल्द टीकाकरण की शुरूआत होने की संभावना है। जिस तरह से इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम और अधिकारियों द्वारा पूर्वाभ्यास कराये गये हैं, इसके परिणाम अच्छे होंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने के अच्छे परिणाम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए किसी के मन में भ्रांतियां न रहे, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारी मण्डलों एवं समाज के बुद्धिजीवी वर्गों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं। जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा कोविड टीकाकरण के बारे में जानकारी दी जाए एवं इसके लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने निर्देश दिए कि 12 जनवरी को प्रदेश कि सभी टीकाकरण स्थलों में ड्राई रन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जनपद अपने सभी सेशन साइट्स में ड्राई रन आयोजित कराए जाने हेतु सभी तैयारियां सुनिश्चित कर लें। सेशन साइट्स में ड्यूटी चार्ट्स अवश्य लगाएं जाएं, ताकि टीकाकरण अभियान में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने कार्यों और टाईमिंग की जानकारी रहे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के रिएक्शन की स्थिति से निपटने के लिए सभी सेशन साइट्स पर ब्लॉक कंट्रोल रूम, डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम, पी.एच.सी. एवं सी.एच.सी. इंचार्ज-डॉक्टर का नाम और कॉन्टैक्ट नंबर जरूर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वैक्सीनेसन का डाटा ऑनलाईन या ऑफलाईन उसी दिन पोर्टल पर अपलोड किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सेशन साइट्स में मास्क और सेनिटाइजर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए 140 और एम्बुलेंस की व्यवस्था कर ली गई हैं, जो शीघ्र ही जनपदों को भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि सभी सेशन साइट के आसपास 108 और अन्य एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जानी चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर एम्बुलेंस उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग, जो टीकाकरण स्थल पर अकेले नहीं आ सकते, उनके साथ आने वाले परिवार के सदस्य की उम्र 18 वर्ष से कम ना हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने टीकाकरण की भ्रांतियों को दूर करने हेतु अखबार, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार एवं समाज की बुद्धिजीवियों एवं गणमान्य लोगों के साथ बैठकें आयोजित करा कर इस टीकाकरण के प्रति जागरूकता फैलाए जाने पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य अमिता उप्रेती आदि उपस्थित रहे।

दून में हुआ उत्तराखण्ड राज्य की पंचायती राज संस्थाओं हेतु सम्पर्क और परिचय कार्यक्रम

संसदीय लोकतंत्र प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोकसभा सचिवालय और पंचायती राज विभाग द्वारा उत्तराखण्ड की पंचायतीराज संस्थाओं हेतु संपर्क और परिचय कार्यक्रम के तहत ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर सम्मेलन हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि भारत का लोकतंत्र मजबूत भी है और सशक्त भी है। इसको और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। भारत के संविधान की मूल भावना लोकतांत्रिक गणराज्य की थी। जनता को मध्य में रखकर हमारी शासन व्यवस्था रहे। आजादी के बाद से भारत में अभी तक 17 लोकसभा एवं 300 से अधिक विधानसभा के चुनाव हुए हैं। लोकतंत्र के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा तथा लगातार लोगों का मतदान के प्रति रूझान बढ़ा है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र पंचायत से संसद तक मजबूत हो इसके लिए पंचायतीराज व्यवस्था के अन्तर्गत भी संवैधानिक प्राविधान किये गये। ताकि गांवों में चुनी हुई सरकार को संवैधानिक अधिकार मिलें। 73वें संविधान संशोधन में माध्यम से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाया गया। लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत क्षेत्र है, राज्य के अनेक जिले अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे हैं। उत्तराखण्ड से सबसे अधिक जवान सीमाओं पर डटकर देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम, क्षेत्र एवं जिला पंचायतों का सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का समान विकास हो, इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास एवं आत्मनिर्भर भारत का जो संकल्प लिया है इस दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उत्तराखंड आने पर मिलती है मानसिक व शारीरिक शांतिः ओम बिड़ला
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की धरती पुण्य एवं तप की भूमि है। सदियों से तपस्वियों, ऋषियों एवं मनीषियों ने उत्तराखण्ड में तप किया। यह हमारी आस्था की धरती है, श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ सहित चारधाम यहां स्थित हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने पर उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से नई ऊर्जा और स्फूर्ति का अनुभव होता है। इससे पूर्व उन्हें पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिये उत्तराखण्ड आने का अवसर प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि देश में पंचायतीराज व्यवस्था एवं विकेन्द्रीकृत शासन के माध्यम से ग्राम पंचायतों से लेकर संसद तक किस तरह लोकतंत्र को और अधिक से अधिक मजबूत बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से हम देश की जनता की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। भारत का लोकतंत्र सदियों पुराना है। लोकतंत्र की शुरूआत गांवों से होती हैं। पंचायतों के माध्यम से जो निर्णय होते थे, उसे गांव के सब लोग मानते थे। भारत ने विश्व के अनेक देशों को लोकतंत्र के माध्यम से दिशा देने का काम किया है। हमारी लोकतंत्र की अवधारणा मजबूत भी है और सशक्त भी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कहा कि राज्य में ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर सम्मेलन होना हमारे लिये गर्व की बात है। भारत आज दुनिया के मजबूत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है। इस मजबूती के लिए पंचायतों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गांवों के विकास के बगैर शहरों का विकास नहीं हो सकता है। विकास के लिए गांव और शहर एक दूसरे से पारस्परिक रूप से जुड़े हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए विकास का मॉडल भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। ग्रामीण विकास के लिए स्थानीय उत्पादों, कच्चे माल एवं प्राकृतिक संसाधनों को सदुपयोग होना जरूरी है। उत्तराखण्ड में लगभग 16 हजार गांव हैं। उनकी आजीविका में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अलग-अलग उत्पादों पर आधारित 107 ग्रोथ सेंटर शुरू किये गये हैं। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने का कार्य राज्य में शुरू हुआ है। पिरूल की पत्तियों से ब्रेकेट्स बनाने का कार्य हो रहा है। पिरूल से ब्रेकेट्स बनाने के कार्य से इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। इन्वेस्टर समिट के दौरान में पर्वतीय क्षेत्रों 40 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट तक की 10 हजार योजनाएं स्वीकृत की हैं। राज्य सरकार की ये योजनाएं पंचायतों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत प्रदेश है। हम सीमाओं के सुरक्षा प्रहरी भी हैं। इसके लिए गांवों से पलायन का रूकना बहुत जरूरी है। राज्य में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास निधि योजना शुरू की गई है। हमारे सीमांत क्षेत्रों में कैसे लोग रहें, पर्यटक जायें। सीमान्त क्षेत्रों में लगातार आवाजाही रहे। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को भी सीमांत क्षेत्रों में कुछ दिन का भ्रमण जरूर करना चाहिए, ताकि ऐसे क्षेत्रों में रह रहे लोगों का मनोबल बढ़ा रहे। सीमांत क्षेत्रों में एनसीसी कैंप लगाये जायेंगे। राज्य सरकार ने पिछले पौने चार साल में साढ़े पांच सौ से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ने का का कार्य किया। हर घर में बिजली पहुंचाई है। राज्य के हर परिवार को 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य कवरेज देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी 14 लाख परिवारों को 2022 तक मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। साढ़ पांच लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। शहरी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। राज्य में पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की माताओं और बहनों के सिर से घास की गठरी हटे, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं, अधिकारियों को 05 साल के अन्दर इसका समाधान निकालने के लिए निर्देश दिये हैं, ताकि किसी महिला को जंगली जानवरों एवं दुर्घटनाओं का शिकार न होना पड़े।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत लोकतंत्र का सशक्तिकरण’’ सम्मेलन का शुभारम्भ देवभूमि उत्तराखण्ड से हो रहा है। पंचायतीराज व्यवस्था देश में प्राचीन समय से चली आ रही है। महात्मा गांधी जी के दर्शन भी पंचायतों से जुड़े हुए हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र सशक्तीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। पंचायतीराज व्यवस्था को ब्रिटिशकाल में महत्वहीन कर दिया गया था। लेकिन बाद में अनेक संशोधनों से इस व्यवस्था को मजबूती दी गई। 2004 में अलग से केन्द्रीय मंत्रालय बनाया गया।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गांवों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। कोविड-19 के दौरान छोटी सरकार के जन प्रतिनिधियों ने जनता की सेवा करने का सराहनीय कार्य किया।

इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, महासचिव लोकसभा उत्पल कुमार सिंह, टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल आदि उपस्थित थे।

नजरियाः अब श्रद्धालु आसानी से जा सकेंगे बदरीनाथ धाम

डोबराचांटी पुल के बाद त्रिवेन्द्र सरकार ने एक और ऐसे प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया है जो बीते ढाई दशकों (26 वर्ष) से अटका हुआ था। बदरीनाथ धाम की यात्रा में नासूर बने ‘लामबगड़ स्लाइड जोन’ का स्थायी ट्रीटमेंट कर लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की इच्छाशक्ति और सख्ती की बदौलत यह प्रोजेक्ट महज दो वर्ष में ही पूरा हो गया। तकरीबन
500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया। अब बदरीनाथधाम की यात्रा निर्बाध हो सकेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों से निजात मिलेगी।

सीमांत जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर पाण्डुकेश्वर के पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाड जोन बन गया। हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलवा सड़क पर आ जाने से हर साल बदरीनाथधाम की यात्रा अक्सर बाधित होने लगी। लगभग 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया। पिछले ढाई दशकों में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे कई वाहनों के मलवे में दबने के साथ ही कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। करोड़ों खर्च होने पर भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। पूर्व मे जब लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था, तब जेपी कंपनी ने इस स्थान सुरंग निर्माण का प्रस्ताव रखा, लेकिन उस वक्त यह सड़क बीआरओ के अधीन थी और बीआरओ ने भी सुरंग बनाने के लिए हामी भर दी थी। दोनों के एस्टीमेट कास्ट मे बड़ा अंतर होने के कारण मामला अधर मे लटक गया था। इसके बाद वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड स्लाइड जोन में हाईवे का नामोनिशां मिट गया। तब सडक परिवहन मंत्रालय ने लामबगड स्लाइड जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी एनएच पीडब्लूडी को दी। एनएच से विदेशी कम्पनी मैकाफेरी नामक कंपनी ने यह कार्य लिया। फॉरेस्ट क्लीयरेंस समेत तमाम अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया।

वर्ष 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आते ही ये तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं और दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ। महज दो वर्ष में अब यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है। अगले 10 दिन के भीतर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। इसे त्रिवेन्द्र सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है।

उत्तराखंड की झांकी को इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर मिला स्थान

इस वर्ष राजपथ नई दिल्ली में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड-2021 के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम रुप से चयन कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा इस हेतु दिनांक 04 जनवरी, 2021 को आयोजित अंतिम बैठक के पश्चात् दिनांक 05 जनवरी, 2021 को आदेश जारी कर दिये गये हैं। महानिदेशक, सूचना, डॉ0 मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में छः बार की बैठक के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है। इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘, राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ तथा पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं ऋद्धालुओं को दर्शाया गया है।

झांकी के चयन हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित पांच स्तर की बैठकों में विभाग के उपनिदेशक, श्री के.एस.चैहान द्वारा झांकी के थीम, डिजाइन, मॉडल तथा संगीत आदि का सफल प्रस्तुतिकरण किया गया जिसके फलस्वरुप राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड-2021 में अन्तिम रुप से चयनित किया गया है। झांकी डिजाइन के चयन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया होती है, इस वर्ष प्रारम्भ में 32 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों ने प्रतिभाग किया था जिसमें से अंतिम रुप से केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है।

इससे पूर्व उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदाराजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ी बूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2018 में ‘ग्रामीण पर्यटन’ तथा वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास एवं अनाशक्ति)’ विषयों पर आधारित झांकियों का सफल प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।

मै़त्री स्वयं सेवी संस्था ने काॅकटेल मुक्त शादी के लिए लांच की वेबसाइट

काॅकटेल मुक्त शादी अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता और अपनी संस्कृति को जोड़े रखने के लिए तत्पर मै़त्री स्वयं सेवी संस्था ने अब अपनी वेबसाइट लांच की है, इस वेबसाइट का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य को काॅकटेल मुक्त बनाना है।

संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी का कहना है कि उत्तराखंड में बढ़ता नशे का चलन समाज के लिए शुभ नहीं है। पारिवारिक कार्यक्रमों में बढ़ता शराब का चलन पूरे समाज के लिये चिंता का विषय होना चाहिए। विगत कई वर्षों शराब के विरुद्ध एक जोत प्रज्वलित कर रही कुमुम जोशी ने इस बुराइ को अंत करने की ठानी है। इसके लिए आज संस्था की वेबसाइट लांच की है। संस्था अध्यक्ष कुसुम जोशी ने लोगों से एक बार वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटमैत्रीडाटइन का विजीट करने की अपील की है।