महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन, अधिक पढ़ें…

केंद्र सरकार ने महाकुंभ को लेकर अपनी गाइडलाइंस जारी की है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मेले में ऐसे हेल्थ केयर वर्कर को ही ड्यूटी पर तैनात करें, जिन्हें वैक्सीन दे दी गई हो। साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं

करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके साथ ही कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी जरूरी होगा। गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को महाकुंभ में नहीं आने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि, धर्मनगरी हरिद्वार को महाकुंभ के लिए खूब सजाया और संवारा जा रहा है। जगह-जगह दीवारों पर पेंटिंग्स की जा रही हैं, सड़कों का निर्माण हो रहा है। संत-महात्माओं के लिए टेंटों की व्यवस्था की जा रही है और अब ये भी माना जा रहा है कि 27 फरवरी से कुंभ की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन के पास महीने भर का वक्त बचा है और कई काम अधूरे भी पड़े हैं।

देवडोलियों के आयोजन को लेकर हुई बैठक

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा कुंभ महापर्व 2021 में देव डोलियों के दिव्य,भव्य एवं सुरक्षित स्नान व शोभायात्रा के आयोजन को लेकर बैठक हुई। इस दौरान देवी देवताओं के आमंत्रण को लेकर दायित्व बांटे गए।

भरत मंदिर, झण्डा चैक में आयोजित बैठक की शुरूआत स्वस्ति वचन से हुई। महिलाओं द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में मङ्गल गीत प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के परमाध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गॉंववासी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है। जो हमारी सांस्कृतिक विरास्त एवं लोकपरम्परा को संरक्षित रखें हुए है। उन्होंने कहा कि इस पुनीत कार्यक्रम को हमने दिव्य एवं अविस्मरणीय बनाना है। उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल ने सभी प्रतिनिधियों को उनके दायित्व की जानकारी दी।

संजय शास्त्री, दीप शर्मा (पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष) ने कहा कि योगनागरी ऋषिकेश व धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले महा उत्सव को से ऐतिहासिक बनाया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने किया।

बैठक में सभी ने तय किया कि कोविड-19 को देखते हुए मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जायेगा। वहीं, विभिन्न क्षेत्रों से पधारे प्रतिनिधियों को दायित्व सौपते हुए देवी देवताओं के आमंत्रण हेतु गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़ एवं द्वारिका प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया। जो टिहरी, उत्तरकाशी, प्रतापनगर, पौड़ी, चकरोता, रुद्रप्रयाग, चमोली, कोटद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि के देवस्थानों पर जाकर संपर्क करेगी। मांगलिक गीत की सुंदर प्रस्तुति दर्शनी भंडारी,शशि कण्डारी, सुरेश उनियाल एवं मीना मंदवाण ने दी।

श्रीभरत मंदिर के महंत वत्सल महाराज व हर्षवर्धन शर्मा ने 24 अप्रैल को आगन्तुक देवडोली का श्री भरत मन्दिर परिवार द्वारा मंदिर प्रंगङ्ग में सम्मान व स्वागत की सहमति प्रदान की।
बैठक नागेन्द्र गिरी महाराज, कुँवर ठाकुर भवानी प्रताप, पूर्व राज्यमंत्री उषा रावत, आशाराम व्यास, रंगकर्मी बलदेव राणा, हर्षमणी व्यास, लक्ष्मी प्रकाश सेमवाल,पुष्पा ध्यानी, विजयपाल रांगड़, सुनील कोठियाल, आशीष कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सरोज डिमरी, विमला रावत, बी सी पंत, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, उषा भंडारी,सूरत सिंह रौतेला, रमेश पैन्यूली, सुरेंद्र भंडारी, निर्मला शर्मा, विनय उनियाल,विशाल मणि पैन्यूली, विजय प्रसाद मैठानी, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

धनवीर सिंह भंडारी का मिली व्हीलचेयर क्रिकेट में उपकप्तान की कमान

टिहरी जनपद के धनवीर सिंह भंडारी महाराष्ट्र में होने वाले व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के त्रिकोणीय सीरीज में उत्तराखंड वॉरियर्स व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के उप कप्तान होंगे।

यह सीरीज DCCBI(Divyang cricket control board of India) द्वारा 3 दिसंबर को दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित की जानी थी परंतु कोविड-19 के चलते यह सीरीज अब 26 से 28 जनवरी के बीच महाराष्ट्र में उत्तराखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बीच खेली जाएगी। इस सिरीज के लिए उत्तराखंड की टीम काफी उत्साहित है क्योंकि उन्हें पूरे एक वर्ष से अधिक समय के बाद कोई भी सीरीज खेलने का मौका मिल रहा है इससे पहले उन्होंने अक्टूबर 2019 में अपना अंतिम मैच ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम में दिल्ली के खिलाफ खेला था जिसमें की उत्तराखंड की टीम विजय रही थी।

वह अपने इस विजय अभियान को आगे भी बढ़ाना चाहेगी इसी लिए वह 23 जनवरी से अपने 15 सदस्यों वाली टीम के साथ अपना सफर शुरू करेगी। इन 15 सदस्यों वाली टीम में ऋषिकेश से 2 खिलाड़ियों का चयन हुआ है यह दोनों खिलाड़ि अलग-अलग सड़क हादसों के कारण दिव्यांग हो गए थे इनमें से धनवीर सिंह भंडारी जो कि इस टीम के वाइस कैप्टन हैं उनका 2009 में एक सड़क हादसे के कारण स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हो गई थी और वही दूसरे खिलाड़ी हैं मनु सिंह वह भी 2016 में एक सड़क हादसे के कारण अपना एक पैर गवा चुके हैं जो कि वर्तमान में उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट की टीम के साथ रुद्रपुर मैं एक जुट होकर तैयारी कर रहे हैं।

देवडोली कार्यक्रम को लेकर पर्यटन मंत्री से मिला देवभूमि शोभायात्रा समिति का दल

कुम्भ महापर्व 2021 में देवडोली शोभायात्रा की व्यवस्था हेतु मोहन सिंह रावत गॉंववासी के नेतृत्व में देवभूमि लोक संस्कृति विरासतिय शोभायात्रा समिति का एक प्रतिनिधि मंडल ने संस्कृति एवं पर्यटन सतपाल महाराज से भेंट की। बैठक में पर्यटन सचिव दलीप जावलकर, संस्कृति विभाग से महानिदेशक आनंद स्वरूप, निदेशक वीना भट्ट उपस्थित थे।

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देवडोली के कार्यक्रम में कोरोना नियमों तथा सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुये कार्यक्रम को ऐतिहासिक व अविस्मरणीय बनाया जायेगा।
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि कुम्भ महापर्व में उत्तराखंड सहित भारत के सुदूर क्षेत्रो हिमाचल, असम, मुम्बई आदि स्थानों से देवडोलियाँ स्नानार्थ हरिद्वार पधारती हैं, जिसकी व्यवस्था शासन-प्रशासन द्वारा के जाती रही है।

कार्यक्रमानुसार 2021 के कुम्भ महापर्व में 24 अप्रैल को देवडोलियाँ पूर्वाह्न 11 बजे तक ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर एकत्र होकर 2 बजे अपराह्न नगर का भव्य परिभ्रमण करने के पश्चात रात्रि विश्राम हेतु हरिद्वार पहुंचेगी। 25 अप्रैल को हर की पैड़ी तक समस्त डोलियां समूह में दक्ष प्रजापति कनखल से शोभायात्रा के साथ ब्रह्मकुंड में स्नानोपरांत पंतदीप में पंडाल में एकत्र होकर श्रद्धलुओं, सन्त-महात्माओं व शासन द्वारा देवी-देवताओं का पूजन-अर्चना किया जायेगा। तदुपरान्त वे अपने गंतव्य दिशा में प्रस्थान करेगे।

समिति ने जानकारी दी कि उक्त कार्यक्रम में 100 से 150 देव डोलियां, ध्वज तथा उनके साथ पर्वतीय क्षेत्र के पारंपरिक वाद्य यंत्र, ढोल, दमाऊ, रणसिंहा आदि रहेंगे जिनके संख्या 5000 के लगभग होगी।

सामिति ने उक्त कार्यकम हेतु प्रशासनिक एवं अन्य व्यवस्थाये के अपेक्षा शासन से की। जिसमे ऋषिकेश में उचित स्थान पर पांडालादि के सम्पूर्ण व्यवस्थायें जिसमे एक सभा व प्रवचन हाल, चार कक्ष, भोजनालय, जल व शौचालय आदि की व्यवस्था।

हरिद्वार में 24 अप्रैल को 500 व्यक्तियों की भोजन व आवास आदि की व्यवस्था। 24 अप्रैल को ऋषिकेश व 25 अप्रैल को हरिद्वार में शोभायात्रा की सुरक्षा पंतदीप में देवडोली की पूजन सम्मानदि के पश्चात प्रसाद वितरण । पूर्व वर्षों की भांति उत्तराखंड संस्कृति विभाग की और से स्मृति चिन्ह भेंट। तथा पर्यटन विभाग द्वारा 13 जिलों में देवडोलियों के स्वागत के होल्डिंग व बैनर लगवाये जाए।

प्रतिनिधि मंडल में डॉ. धीरेन्द्र रांगड़, गजेंद्र सिंह कंडियाल, ज्योति सजवाण, आशाराम व्यास, शिवप्रसाद चमोली, हर्षमणी व्यास, यतेंद्र कंडियाल आदि थे।

लोकपरंपरा व संस्कृति के रंगों से सराबोर हुई कुंभनगरी

हरिद्वारः कुंभ 2021 के लिए तैयार हो रही धर्म नगरी इस बार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। यहां दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक सांस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।“

प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है। कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक मान्यताओं के पौराणिक चित्रों व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है। इसके पीछे भी मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था भाव का तो जागृत हो ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सकें। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। यहां दीवारों व खाली स्थानों पर देवभूमि की परंपराओं और संस्कृति के बखरे पड़ें रंग देखने लायक है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे। कुंभ तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य होगा।

पीएम मोदी ने आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का किया शुभारंभः त्रिवेंद्र सिंह रावत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून अस्पताल के नवीन ओपीडी में इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। दून अस्पताल में चिकित्सकों और हेल्थवर्करों के टीकाकरण से राज्य के सभी 13 जिलों में कोविड-19 के टीकाकरण का शुभारम्भ किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया गया है। राज्य को पहले चरण में एक लाख 13 हजार वैक्सीन उपलब्ध हुई है। 50 हजार स्वास्थ कर्मियों के टीकाकरण से इसकी शुरूआत की जा रही है। इसके बाद फ्रंट लाईन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों एवं को-मॉर्बिड का वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए कोरोना महामारी को काफी हद तक नियंत्रित किया। अपनी जान की परवाह किये बगैर उन्होंने जन सेवा की। दून मेडिकल कॉलेज द्वारा मृत्युदर कम करने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी लोगों का कोविड टीकाकरण किया जायेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि टीकाकरण के लिए भ्रामक प्रचार और अफवाहों से बचें। कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण के बाद भी पूरी सतर्कता बरती जाय, क्योंकि 28वें दिन में दूसरा टीका लगने के बाद 02 सप्ताह एण्टी बॉडी विकसित होने में लगते हैं। तब तक बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दृष्टिगत 20 हजार अतिरिक्त वैक्सीन के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है।

इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।

शनिवार से कोरोना वैक्सीन का शुभारंभ होते ही शुरू कर दिया जाएगा टीकाकरण अभियान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 16 जनवरी, 2021 से प्रदेश में वैक्सीनेशन का पहले चरण के लिये पूरी तैयारी कर ली गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित वैक्सीनेशन निर्माण में लगे वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड कोविड-19 के चरणबद्ध टीकाकरण अभियान के लिये पूर्ण रूप से तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश को पहली खेप के रूप में 01 लाख 13 हजार वैक्सीन दी गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से इस वैश्विक महामारी के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों के उपरान्त 16 जनवरी 2021 को प्रातः 10.30 बजे सम्पूर्ण देश में कोविड-19 वैक्सीन से टीकाकरण का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री दून अस्पताल से वर्चुअली इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड में भी कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने का कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा।

कोविड-19 वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एन०एच०एम० श्रीमती सोनिका ने बताया कि कल 16 जनवरी 2021 को राज्य के समस्त जनपदों के 13 चिकित्सालयों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन टीकाकरण किया जायेगा। सोनिका के अनुसार जनपद देहरादून में 5, हरिद्वार तथा उधमसिंहनगर में 4, नैनीताल में 3 तथा अन्य जनपदों में 02-02 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जायेंगे। टीकाकरण हेतु चिन्हित 34 स्थानों में 32 सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं जिसमें एम्स ऋषिकेश तथा ऋषिकुल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भी सम्मिलित हैं जबकि 2 निजी चिकित्सा संस्थान (हिमालयन मेडिकल कॉलेज एवं गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज) में टीकाकरण होगा।

मिशन निदेशक सोनिका ने कहा कि टीकाकरण के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारम्भ के दौरान प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फेन्स के माध्यम से क्रमशः दून मेडिकल कॉलेज तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से भी जुडेंगे और टीकाकरण की गतिविधि को देखेंगे इस अवधि में प्रधानमंत्री वहाँ पर उपस्थित वैक्सीनेशन कार्य में लगे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता भी करेंगे। टीकाकरण के शुभारम्भ अवसर पर सभी 34 स्वास्थ्य ईकाईयो पर 100 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जायेगी। इस प्रकार वैक्सीनेशन के पहले दिन लगभग 3400 हैल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जायेगा।

राज्य में कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी जनपदों में वैक्सीन सुरक्षित पहुंच चुकी है तथा कल प्रातः वैक्सीन सभी टीकाकरण सत्रों में निर्धारित कोल्ड चेन प्रणाली के अन्तर्गत उपलब्ध रहेगी। महानिदेशक डॉ0 उप्रेती के अनुसार सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीकाकरण के दौरान भारत सरकार की गाईड लाईन का सख्ती से अनुपालन करते हुए टीकाकरण के कार्य को पूर्ण करेंगे और सभी टीकाकरण स्थलों पर Covid Appropriate behaviour के मानकों का पालन सुनिश्चित करायेंगे। महानिदेशक ने कहा कि सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह आपूर्तित वैक्सीन के प्रथम खुराक को देने के दौरान इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें 50 प्रतिशत वैक्सीन दूसरी खुराक के लिए सुरक्षित रखनी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के स्थापना दिवस को सीएम त्रिवेंद्र ने किया वर्चुअली संबोधित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन का वर्चुअली उद्घाटन किया।

केंद्रीय मौसम विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के146 वें स्थापना दिवस एवं डॉप्लर मौसम रडार मुक्तेश्वर के उद्घाटन की हार्दिक बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश में लगने वाले 03 डॉप्लर मौसम रडारों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राज्य सरकार ने मुक्तेश्वर में रडार स्थापना हेतु भूमि, मूल-भूत सुविधाएँ जैसे सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने एवं जगह को विकसित करने में पूर्ण सहयोग दिया है। दूसरे रडार की स्थापना हेतु भी राज्य सरकार ने सुरकंडा में भूमि आवंटित एवं विकसित की है तथा बिजली इत्यादि की भी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रडार के उपकरणों को सड़क के अभाव के चलते सुरकंडा पहुँचाने हेतु एयर लिफ्ट के लिए भी सहयोग देगी। भविष्य में सुरकंडा में डॉप्लर मौसम रडार के संचालन में तैनात कार्मिकों के निशुल्क आवागमन हेतु वहाँ लग रहे रोपवे में उचित प्रावधान करेगी। लैंसडाउन में अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के पश्चात राज्य सरकारवहाँ पर लगने वाले रडार के लिए जगह को विकसित करने इत्यादि में भी सहयोग देगी।उत्तराखंड राज्य सरकार ने धार्मिक यात्रियों एवं पर्यटकों को मौसम की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम डिस्प्ले स्क्रीन लगाने हेतु आवश्यक सुविधाओं के साथ 05 स्थान उपलब्ध करा दिये हैं।

उन्होंने कहा कि 09 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड राज्य की स्थापना के साथ ही राज्य में केन्द्रीय सरकार के कुछ कार्यालय भी स्थापित हुए, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य मौसम की दृष्टि से अति संवेदनशील है यहाँ मानसून एवं वार्षिक वर्षण आस पास के राज्यों से बहुत अधिक है। उत्तराखण्ड राज्य में मौसम सम्बन्धित आपदाओं जैसे भारी वर्षा, बादल फटना, भूस्खलन, बाढ़ एवं भारी बर्फबारी इत्यादि से हर वर्ष जान-माल की बहुत हानि होती है।उत्तराखंड में मानसून ऋतु में औसतन 1177 मि.मी. वर्षा होती है, जबकि यहहिमाचल प्रदेश में 763 मि.मी., हरियाणा में 444 मि.मी. तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में721 मि.मी. है। इन तथ्यों के मद्देनजर, राज्य सरकार प्रारंभ से ही मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना एवं विस्तार में सहयोग करती रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र हेतु वर्ष 2010 में देहरादून में भूमि आवंटित की गई,जहाँ पर वर्तमान मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड हिमालयन मीटीयोरोलोजी प्रोग्राम के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में सतही वेधशालाओं, ऊपरी वायु उपकरणों एवं रडार की स्थापना की जा रही है। उत्तराखण्ड सरकार ने इसमें सहयोग करते हुए 107 स्वचालित मौसम स्टेशन, 54 स्वचालितवर्षामापी एवं 25 सतही फील्ड वेधशालाओं की स्थापना भारत मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी सहयोग से की है। यह नेटवर्क राज्य के सभी ब्लाकों, महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों, शहरों एवं धार्मिक स्थलों तक फैला हुआ है। इन स्टेशनों केमौसम सम्बन्धित आंकडें भारत मौसम विज्ञान विभाग को प्राप्त हो रहे हैं, जो मौसम की निगरानी एवं पूर्वानुमान हेतु महत्वपूर्ण हैं।

केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर (नैनीताल) एवं कुफरी (शिमला) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन के उद्घाटन पर बधाई देते हुए कहा कि किसानों एवं तीर्थयात्रियों को इससे अत्यधिक लाभ पहुंचेगा। उन्होंने रडारों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मुख्यमंत्री के आई.टी. सलाहकार रविन्द्र दत्त, सचिव एस.ए. मुरूगेशन, ए.सी.ई.ओ.यू.एस.डी.एम.ओ. आनन्द श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

स्नान, दान, दक्षिणा देकर मकर संक्रांति पर्व पर श्रद्धालुओं ने कमाया पुण्य

तीर्थनगरी में मकर संक्रांति पर्व के मौके पर त्रिवेणी घाट पर आस्था का सैलाब देखने को मिला। मौके पर श्रद्धालुओं ने स्नान, दान, दक्षिणा देकर पुण्य कमाया। साथ ही महाकुंभ के आगाज पर गंगा में आस्था की डुबकी भी लगाई।

दरअसल, आज मकर संक्रांति पर्व के साथ महाकुंभ 2021 का प्रमुख पहला स्नान भी था। इसके चलते ऋषिकेश सहित आसपास क्षेत्र मुनिकीरेती, रानीपोखरी, डोईवाला, रायवाला, छिद्दरवाला, नेपाली फार्म, भानियावाला, नरेंद्रनगर, यमकेश्वर आदि आसपास क्षेत्रों से लोग गंगा घाटों पर पहुंचे और गंगा में स्नान कर भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया। इसी के साथ श्रद्धालुओं ने कच्चे चावल, उरद की साबुत दाल, घी, मसाले तथा दक्षिणा दान में दी। त्रिवेणी घाट सहित तीर्थनगरी के विभिन्न घाट जैसे 72सीढ़ी, सांई घाट, नाव घाट, पूर्णानंद घाट, शत्रुघन घाट, रामझूला, लक्ष्मणझूला, रामानंद घाट आदि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहीं। हालांकि आज गुरूवार की साप्ताहिक बंदी रही। मगर, फिर भी भीड़ उमड़ी रही।

देव डोलियों ने किया गंगा स्नान
त्रिवेणी घाट पर विभिन्न धामों की देव डोलियां नरेंद्रनगर, रानीपोखरी, देहरादून, डाट काली आदि देवियों की डोलियां पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने नाचती हुई डोलियों के दर्शन भी किए। तो श्रद्धालुओं ने देव डोलियों की परिक्रमा कर आर्शीवाद प्राप्त किया।

खिचड़ी प्रसाद बांटकर की सुख समृद्धि की कामना
नगरभर में मकर संक्रांति पर्व के मौके पर घाट रोड, त्रिवेणी घाट, बस अड्डा, देहरादून मार्ग, हरिद्वार मार्ग, लक्ष्मणझूला मार्ग, कैंप कार्यालय विधानसभा अध्यक्ष सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। साथ ही मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना भी की गई।

हरिद्वार में मकर संक्रांति पर बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगा प्रवेश

हरिद्वार। मकर संक्रांति पर्व पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मकर संक्रांति के स्नान पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने एसओपी जारी कर दी है। राज्य के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पांच दिन की अवधि की कोविड आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य होगा।

श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना के मद्देनजर मेला पुलिस-प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों का रूट प्लान जारी करने के साथ पार्किंग स्थल भी निर्धारित कर दिए हैं। शहर में वाहनों का दबाव बढ़ने की स्थिति में रूट डायर्वजन भी लागू किया जाएगा।

भीड़ के सामान्य रहने पर पास धारक एवं गंगा सभा का परिचय पत्र धारक व्यक्ति उपरोक्त प्लान के विपरीत दिशा में भी जा सकेंगे। सामान्य परिस्थितियों में यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए रूट प्लान 13 जनवरी दोपहर 12 बजे से 15 जनवरी की दोपहर दो बजे तक लागू रहेगा। आवश्यक सेवाओं में दूध, तेल, गैस आदि के ट्रक एवं टैंकर पर यह प्रतिबंध नहीं होगा।

मकर संक्रांति को लेकर एसओपी जारी

मकर संक्रांति के स्नान पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने एसओपी जारी कर दी है। राज्य के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पांच दिन की अवधि की कोविड आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य होगा।

हालांकि प्रशासन का कहना है कि राज्य सीमा पर श्रद्धालुओं को रोका नहीं जाएगा। बार्डर में पूर्व की तरह केवल रैंडम सैंपलिंग व्यवस्था ही होगी। ऐसे में कोविड रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर प्रशासन स्वयं असमंजस से घिरा नजर आ रहा है।

डीएम सी. रविशंकर ने मकर संक्रांति के स्नान पर्व को लेकर एसओपी जारी कर दी। होटल, धर्मशाला, आश्रम गेस्ट हॉउस प्रबंधन को श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग करना अनिवार्य होगा। श्रद्धालुओें के लिए दो गज की दूरी और मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा।

वहीं कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया कि पूर्व की तरह स्नान पर्व के दिन भी बार्डर पर रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।

बताया कि श्रद्धालुओं से कोविड की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपार्ट लाने की अपेक्षा की गई है, जिसकी अवधि पांच दिन निर्धारित होगी। डीएम ने बताया कि किसी भी श्रद्धालु को रोका नहीं जाएगा, लेकिन अगर कोविड रिपोर्ट न लाने का मामला संज्ञान में आता है तो कार्रवाई की जाएगी।