मौसम विभाग का आरेंज अलर्ट, प्रशासन ने सावधानी बरतने की दी सलाह

प्रदेश के नौ जिलों में 14 और 15 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है। अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर जिलों में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में लगातार बारिश का मौसम बना हुआ है।
अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इस पर विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है।
लगातार हो रही बारिश सड़कों पर भारी पड़ रही हैं। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में दर्जनभर सड़कें बोल्डरों से पट गईं हैं। जहां-तहां मार्ग बंद होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। पंग्बाबे के पास बोल्डर गिरने से कैलाश यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। जौलजीबी-मदकोट-मुनस्यारी सड़क कई स्थानों में रोखड़ में तब्दील हो गई है। थल-मुनस्यारी सड़क भारी वाहनों के लिए बंद हो गया है। जड़बुंगा-अमल्यानी संपर्क मार्ग, हुनरी-तल्ला खुमती संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इनके अलावा, जौलजीबी-मुनस्यारी, समकोट-मुनस्यारी मार्ग बंद हैं। बलतिर-अल्काथल सड़क एक सप्ताह से बंद है। इसे अब तक नहीं खोलने पर ग्रामीणों में रोष है। उन्होंने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।
बागेश्वर जिले में सात सड़कें अब भी बंद हैं। इनमें पोथिंग-शोभाकुंड मोटर मार्ग नौ दिन से बंद है। कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-कर्मी-तोली सड़क पांच दिन से बंद हैं। डंगोली-कलानी, कपकोट-पोलिंग और रीमा-सनेती-बैकुड़ी भी बंद हैं। बारिश के दौरान जसपुर के ग्राम रामनगर वन में कच्चे मकान की दीवार गिरने से कैलाशो देवी (65) की मौत हो गई। नैनीताल में 80 साल पुराने पांच मंजिले मकान का एक हिस्सा शनिवार सुबह पांच बजे भरभरा कर गिर गया। यह मकान 15 साल से खाली था। नगर पालिका ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। उधर, ओखलकांडा ब्लॉक की बड़ौन ग्रामसभा में शनिवार को तूफान और मूसलाधार बारिश से छह घरों की छतें उखड़ गईं। बारिश के पानी से घरों के अंदर रखा सामान भीग गया। पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
इससे बड़ौन में 150 परिवार अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं। पिछले दो दिन में हुई बारिश से मुनस्यारी और धारचूला में 25 मकान खतरे की जद में आ गए है। धारचूला से मिली जानकारी के मुताबिक कालिका-खुमती सड़क पर खुमती के पास एक मकान सड़क से निकले मलबे में दब गया।

लक्ष्मणझूला पुल पर खतरा बढ़ा, समय रहते नही जागी सरकार

ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल की मियाद खत्म हो चुकी है, लिहाजा इस पर बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही अब खतरे से खाली नहीं है। इस बात का खुलासा पीडब्ल्यूडी की सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। विभाग ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
मामला इसलिए और अहम है, क्योंकि एक सप्ताह बाद ही कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है। प्रशासन से कांवड़ियों के नीलकंठ जाने के लिए लक्ष्मणझूला के जरिये ही रूट तय किया है। लक्ष्मणझूला पुल का निर्माण 1929 में हुआ था, जिसे आवाजाही के लिए 1930 में खोला गया था। करीब 90 साल पुराने इस पुल समेत 1986 में बने रामझूला पुल का पीडब्ल्यूडी के डिजाइनर पीके चमोली ने कुछ दिन पहले तकनीकी सर्वे किया था।
इसमें पुल की लोडिंग क्षमता और आयु आदि की जांच की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 89 साल पहले के डिजाइन और क्षमता के हिसाब से पुल आज इस स्थिति में नहीं है कि इस पर अब बड़ी संख्या में लोग आवाजाही कर सकें।

रामझूला पुल सुरक्षित
पुराने समय में झूला पुलों का निर्माण करते हुए पुल की क्षमता का ध्यान नहीं रखा जाता था, जबकि वर्तमान में 500 किलोग्राम प्रति स्क्वायर मीटर की क्षमता के झूला पुल बनाए जाते हैं।
सर्वे रिपोर्ट से स्थानीय पुलिस को भी अवगत करा दिया गया है। पीडब्ल्यूडी (नरेंद्रनगर डिवीजन) के एक्सईएन मोहम्मद आरिफ खान का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार अगला कदम उठाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने अपने सर्वे में हालांकि आवाजाही के लिहाज से रामझूला पुल को सुरक्षित पाया है। इससे आवाजाही की जा सकती है। बता दें कि इस पुल को बने हुए भी 33 साल हो चुके हैं।
वहीं, नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने बताया कि बोर्ड बैठक में यह मामला पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने उठाया था। अपर मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी और डीएम पौड़ी को पुल के दोनों ओर बेरिकेडिंग लगाने को कहा गया है, ताकि एक बार में अधिक संख्या में लोग पुल पर न चढ़ें।

कांवड़ मेले में सभी व्यवस्थाएं दुरस्त होः मुख्यमंत्री

कांवड़ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय। सफल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से भी निरंतर समन्वय बनाये रखें। कांवड़ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाय। कावंड़ के दौरान सुरक्षा की चाक -चैबंद व्यवस्था की जाय। स्वास्थ्य, सफाई, पेयजल, टॉयलेट व अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं की बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 से 30 जुलाई 2019 तक होने वाले कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। देहरादून, मसूरी व चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों को रूड़की, हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों के बीच से न जाने के बजाय बाईपास से जाने के प्रेरित किया जाय। रूट चार्ट का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाय। कांवड़ यात्रा मार्गों पर सड़क, मेडिकल, पेयजल आदि की सुदृढ़ व्यवस्था की जाय। डाक कांवड़ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था व भीड़ प्रबंधन के लिए पूरी योजना बनाई जाय। व्यापार मंडल व संत समाज के साथ बैठक कर उनसे भी सकुशल कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए सहयोग लिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर दिशा सूचक, रूट डायवर्जन साइनेज की समुचित व्यवस्था हो। कांवड़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की उचित व्यवस्था हो। कांवड़ यात्रा वाले मार्गों पर कहीं भी झूलते हुए बिजली के नंगे तार न हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ से पूर्व घाटों की सफाई की समुचित व्यवस्था की जाय। घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत चैन व जल पुलिस की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ के दौरान स्पेशल ट्रेन की मांग रेलवे से की जाय। इस तरह से योजना बनाई जाय कि कांवड़ के दौरान निर्माण से संबंधित कार्य अवरूद्ध न हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार से कांवड़ की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि कांवड़ के दौरान लगभग 3 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। शान्तिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए 10 हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। सीमावर्ती प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के साथ कांवड़ के सम्बन्ध में कोर्डिनेशन मीटिंग की जा चुकी है। कांवड़ के लिए सीमावर्ती राज्यों के साथ 6 ज्वाइंट पुलिस चैकपोस्ट बनाये गयो हैं।
बैठक में बताया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र चार जनपदों हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी में है। कावंड़ मेला क्षेत्र में कुल 36 जोन व 149 सेक्टर बनाये गये हैं। जिसमें से जनपद हरिद्वार में 04 सुपर जोन, 26 जोन व 100 सेक्टर बनाये गये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नितेश झा, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डीजीपी कानून व व्यवस्था अशोक कुमार, मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी देहरादून सी. रविशंकर व सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

ई वाहन और स्टार्ट अप पर फोकस, आयकर में कोई बदलाव नही

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। बजट में उन्होंने गरीबों को काफी तोहफे दिए। वहीं अमीरों पर टैक्स की दर बढ़ा दी है। इसके अलावा मध्यम वर्ग के लिए टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि मध्यम वर्ग के घर खरीदने के सपने को सरकार पूरा करेगी। घर खरीदने के लिए कर्ज पर मिलने वाली छूट को दो लाख से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख कर दिया गया है। पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा होगा क्योंकि अब इस पर एक-एक रुपये का सेस लगेगा।

सोना, तंबाकू, पेट्रोल-डीजल महंगा
बजट में सोने पर लगे शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। तंबाकू पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। वहीं पेट्रोल-डीजल पर एक-एक रुपये का अतिरिक्त सेस लगाया गया है। जिससे अब वाहन चालकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

जितनी कमाई, उतना टैक्स
मोदी सरकार ने ज्यादा कमाई करने वालों को झटका दिया है। दो करोड़ तक के टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया है लेकिन सालाना दो से पांच करोड़ रुपये कमाने वालों को तीन फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा। वहीं पांच करोड़ से ज्यादा की कमाई वालों पर सात प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाया गया है।

ज्यादा पैसे निकालने पर लगेगा टैक्स
यदि कोई शख्स बैंक से एक साल में एक करोड़ से ज्यादा की राशि निकालता है तो उसे दो फीसदी का टीडीएस देना होगा। मतलब एक करोड़ से ज्यादा की राशि निकालने पर आपके खाते से दो लाख रुपये टैक्स के तौर कट जाएंगे।

आधार के जरिए भी दे सकते हैं टैक्स
मोदी सरकार ने आयकर रिटर्न को लेकर बड़ा एलान किया है। रिटर्न भरने के लिए अब पैन कार्ड जरूरी नहीं है। करदाता आधार कार्ड के जरिए भी टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। वित्तमंत्री ने ईमानदार करदाताओं को धन्यवाद दिया।

मध्यम वर्ग को हाउसिंग लोन पर छूट
मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के अपना घर खरीदने के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा एलान किया है। अब 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने पर अतिरिक्त डेढ़ लाख रुपये की छूट मिलेगी। यानी घर के लिए यदि आपने कर्ज लिया है तो आपको साढ़े तीन लाख रुपये की छूट मिलेगी जो पहले दो लाख थी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ढाई लाख की छूट दी जाएगी।

सरकार लाएगी नए सिक्कों की सीरिज
वित्त मंत्री सीतारमण ने घोषणा की कि विनिवेश के जरिए एक लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। एयर इंडिया में भी विनिवेश किया जाएगा। कर्ज देने वाली कंपनियों को अब सीधे रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा। सरकार एक से 20 रुपये के सिक्कों की नई सीरिज जारी करेगी।

नारी तू नारायणी
वित्त मंत्री ने महिलाओं को नारी तू नारायणी बताते हुए कहा कि उसके बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। जनधन महिला खाताधारकों को पांच हजार रुपये ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाएगी। महिलाओं के अलग से एक लाख रुपये का मुद्रा लोन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 36 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे हैं जिसके जरिए देश के सालाना 18431 करोड़ रुपये बचते हैं। रेलवे स्टेशनों का बड़े स्तर पर आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

कंपनियों को देना होगा 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा कि 400 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। देश की 99 फीसदी कंपनियां इसके अंतर्गत आ जाएंगी। ईलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाली जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर पांच किया जाएगा। स्टार्टअप्स के लिए बड़ी छूट का एलान किया गया है। स्टार्टअप्स को एंजल टैक्स नहीं देना होगा। आयकर विभाग इनकी जांच नहीं करेगा।

एफडीआई को लेकर एलान
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि मीडिया, एविएशन, एनिमेशन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई पर भी विचार किया जा रहा है। अतंरिक्ष के क्षेत्र में भारत एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है। हमारी सरकार इस ताकत को और बढ़ाना चाहती है। सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा।

छोटे दुकानदारों को मिलेगी पेंशन
मोदी सरकार छोटे दुकानदारों को 60 साल की आयु के बाद पेंशन देगा। वहीं उनके कर्ज को 59 मिनट में मंजूरी देनी होगी। इस योजना का लाभ तीन करोड़ से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा। सरकार सभी को 2022 तक घर देने की योजना बना रही है।

सभी को मिलेगा स्टैंडअप इंडिया का लाभ
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों को लाभ मिलेगा। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन पर कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

पांच ट्रिलियन डॉलर की होगी इकोनॉमी
वित्त मंत्री का कहना है कि आगामी पांच सालों में भारत की इकोनॉमी पांच ट्रिलियन डॉलर की होगी। वहीं इसी साल भारत तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आगामी वर्षों में सरकार द्वारा और फेसिलिटेशन सेंटर खोले जाएंगे।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार है। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए कई प्रावधान किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि सरकार जल्द ही नई शिक्षा नीति लाएगी। देश में शोध की गुणवत्ता सुधारने और प्रौद्योगिकी समेत अन्य क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया जाएगा।

खेल में करियर
सरकार राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन करेगी। ताकि जो बच्चे, युवा खेल में करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें मदद मिल सके। उच्च शिक्षा और शीर्ष संस्थानों के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का प्रावधान किया गया है। देश में स्किल्ड मैनपावर बढ़ाने के लिए एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन कोर्स चलाने पर फोकस किया जाएगा। ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने या किसी अन्य कारण से किसी की पढ़ाई न रुके। स्टडी इंडिया रू स्टडी इंडिया प्रोग्राम चलाया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी छात्र-छात्राओं को भारत में पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।

रेल इंफ्रा के लिए सरकार खर्च करेगी 50 लाख करोड़ रुपये
भारतीय रेलवे के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल लाया जाएगा। 12 साल में सरकार रेल इंफ्रा के लिए 50 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। 2019 में मेट्रो की लंबाई बढ़ेगी।

किसान को क्या मिला
10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों का अगले पांच साल में निर्माण किया जाएगा। जीरो बजट खेती पर जोर दिया जाएगा। खेती के बुनियादी तरीकों पर लौटना इसका उद्देश्य है। इसी से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा।

सफाई और गांवों पर सरकार का जोर
साल 2014 के बाद 9.6 करोड़ शौचालय का निर्माण किया गया है। 5.6 लाख गांव आज देश में खुले से शौच से मुक्त हो गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

बांग्लादेश को हरा, भारत ने सेमीफाइनल में बनाई जगह

वल्र्ड कप 2019 में मंगलवार को भारत और बांग्लादेश के बीच 40वां मुकाबला खेला गया। बर्मिघम के एजबेस्टन में खेले गए इस मैच में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश को 28 रन से हराया। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने वल्र्ड कप में एक और जीत दर्ज की और सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। मौजूदा विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के बाद सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन गई है टीम इंडिया। बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद टीम इंडिया की अंकतालिका में बढ़ोतरी हुई है।
अंक तालिका में पहले स्थान की बात करें तो आरोन फिंच की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पहले ही जगह बना चुकी है। टीम आठ मुकाबले खेलने के बाद सात जीत और एक हार के साथ अभी 14 अंकों और एक की रन रेट के साथ पहले पायदान पर है।
अंक तालिका में दूसरे स्थान पर लंबी छलांग लगाते हुए अब विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने कब्जा जमा लिया है। जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए टीम ने आठ मैचों में से छह में जीत दर्ज की है, एक में हार और उसका एक मैच बेनतीजा रहा। विराट बरिगेड अब 13 अंकों और ़0.811 की शानदार रन रेट के साथ दूसरे स्थान पर काबिज हो गई है।
केन विलियमसन की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड टीम अंकतालिका में तीसरे स्थान पर है। कीवी टीम अपने खेले गए सात मैचों में पांच में जीत, दो हार और एक मैच बेनतीजा रहने के बाद 11 अंकों के साथ 0.572 की रन रेट से तीसरे स्थान पर मौजूद है।
वहीं, वल्र्ड कप की प्रबल दावेदार मानी जा रही इंग्लैंड की टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है हालांकि वो अभी भी चैथे स्थान पर काबिज है। इयोन मोर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड ने अब तक सात मुकाबले खेले हैं जिसमें से पांच में उसे जीत मिली है और तीन में हार। वो 10 अंकों और एक की रन रेट के साथ टॉप 4 में बनी हुई है। सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए उसे हर हाल में न्यूजीलैंड को हराना होगा।

जान ले आपकी ट्रेन का समय तो नही बदला

रेलवे की नई समय सारिणी में कई ट्रेनों का समय बदला गया है। इसकी जानकारी यात्रियों को नहीं होने के कारण तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन शाम 6.25 बजे की बजाय शाम को 4.15 बजे रवाना कर दी गई।
इस कारण करीब 50 यात्रियों की ट्रेन छूट गई। उक्त यात्रियों ने इसकी शिकायत रेल अधिकारियों से की और टिकट बुकिंग पर क्लर्कों से कहासुनी भी हुई। मंगलवार को रेल डिवीजन फिरोजपुर के अधिकारियों ने धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन को पुराने समय 6.25 बजे रवाना किया। एक जुलाई से रेलवे ने नई समय सारिणी जारी की है। इसमें कई ट्रेनों का समय बदला गया है। इसके अलावा कुछेक ट्रेनों को रेगुलर किया है और कई ट्रेनें जो रेगुलर चलती थी, उन्हें सप्ताह में दो दिन किया गया है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने नई समय सारिणी जारी करने के बाद अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की। उत्तर रेलवे ने 267 ट्रेनों का समय बदला है। रेलवे ने नई दिल्ली-चंडीगढ़ और नई दिल्ली-लखनऊ के बीच दो नई तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत की है।

सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के विकास में केन्द्र का सहयोग मांगा

विज्ञान भवन नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित “प्री-बजट कंसल्टेशन” संबंधी बैठक में उत्तराखण्ड के पर्यटन, तीर्थाटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिभाग किया। बैठक में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि हरिद्वार में 2021 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए अब लगभग 1 वर्ष 7 माह का ही समय शेष है, जिसके दृष्टिगत कुम्भ मेले के आयोजन से संबंधित स्थायी प्रकृति के कार्यों की स्वीकृतियां प्राथमिकता के आधार पर निर्गत की जानी आवश्यक होगी, ताकि कुम्भ मेले के आयोजन से पूर्व ही माह अक्टूबर/नवम्बर 2020 तक समस्त कार्य पूर्ण कराया जाना सम्भव हो सके। हरिद्वार में आगामी महाकुम्भ मेला का अयोजन माह जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ हो जायेगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिये उन्होंने रूपये 5000 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया।
केबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन का अवसर प्रदान किया गया है। जिसे वर्ष 2021 में आयोजित किया जाना है। राष्ट्रीय खेलों में 38वें संस्करण के 39 खेल विधाओं में खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। खेलों के आयोजन हेतु परिसम्पतियों के निर्माण में समय लगेगा। इसलिए राष्ट्रीय खेलों को राज्य में सफलतापूर्वक आयोजित किये जाने एवं अवस्थापना विकास हेतु रूपये 682 करोड़ की धनराशि वर्ष 2019-20 में उपलब्ध कराई जाये।

सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य की दुर्गम भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत निर्माण सामग्री को निर्माण स्थल तक पहुचाने में ढुलान आदि पर अत्याधिक व्यय होने के कारण हिमालयी राज्यों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्रति लाभार्थी रूपये 1.30 लाख को बढ़ाकर प्रति लाभार्थी रूपये 2 लाख की सहायता राशि का प्रावधान किया जाय। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थी परिवार हेतु 30 अतिरिक्त मानव दिवस स्वीकृत कर युगपतिकरण के अन्तर्गत मनरेगा के तहत अकुशल श्रमांश के दिवसों को 95 दिन से बढ़ाकर 125 दिन किया जाये। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा में पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त मंहगा होता है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इस कारण महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत टिकाऊ प्रवृत्ति के कार्य कराने में कठिनाई होती है। इसलिऐ पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 किया जाना गुणवत्तापूर्ण स्थायी परिसम्पत्तियों के निर्माण में सहायक सिद्व होगा।
सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्वतीय राज्यों में 250 से अधिक आबादी की पात्र बसावटों को ही संयोजित किये जाने का लक्ष्य है, जबकि पर्वतीय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जनसख्यां के विरल घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए योजनान्तर्गत 250 के स्थान पर 150 किया जाय।
सतपाल महाराज ने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का नाम प्रधानमंत्री सम्पर्क सड़क योजना रखा जाये जिससे रोपवे सेक्टर में भी इसका लाभ उठाया जा सके क्योंकि गर्मी के दौरान सभी पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है इससे लंबे टै्रफिक जाम और भारी प्रदूषण का खतरा पैदा होता है। इसके अलावा, पहाड़ियों में रोपवे लोगां को माल ढोने तथा परिवहन का बहुत अच्छा साधन हो सकता है जो यात्रा के समय को कम कर सकता है और साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकता है, उन्होंने भारत सरकार से रोपवे सैक्टर में गौरीकुण्ड से केदारनाथ, नैनीताल रोपवे, गोविन्दघाट से हेमकुण्ड के लिए एक अलग केन्द्र सहायतित योजना शुरू करने का अनुरोध किया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्तमान में कुल 7797 ग्राम पंचायतें है जिसमें 1599 ग्राम पंचायतों ऐसी हैं जिनके पास अपना कोई भी भवन नहीं है। पंचायत भवन ग्रामीण क्रियाकलापों का महत्वपूर्ण केन्द्र है। भविष्य में ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत के रूप में भी विकसित किया जाना है तथा सभी पंचायतों का डिजिटलाईजेशन भी किया जाना है। पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक पंचायत भवन की लागत रूपये 20 लाख निर्धारित की गयी है। इस प्रकार 1449 पंचायत भवनों पर रू. 28980 लाख की आवश्यकता होगी, जिसे चरणबद्व रूप से तीन चरणों में निर्मित किये जाने का प्रस्ताव है। प्रथम चरण के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 483 पंचायत भवनों का निर्माण का किया जायेगा, जिस पर एक वर्ष में रूपये 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से 483 पंचायत भवनों के निर्माण हेतु कुल रूपये 9660 लाख की आवश्कता होगी।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है तथा क्षेत्रफल ज्यादा है, जहां तक उत्तराखण्ड का सवाल है राज्य से नेपाल तथा चीन की अर्न्तराष्ट्रीय सीमाऐं जुड़ी हुई है, तथा इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हुआ है जिसके कारण यहां से लोगों का पलायन हो रहा है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल नहीं है अतः हिमालयी राज्य हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अर्न्तगत भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले आंवटन को बढ़ाया जाये।
केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में समग्र शिक्षा योजना में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन की सम्पूर्ण धनराशि का वहन पूर्व की भांति भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 90ः10 के अनुपात में किये जाने के साथ ही भारत सरकार द्वारा वर्तमान में वृद्वावस्था पेंशन प्रति लाभार्थी रूपये 200 की दर से दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम रूपये 1000 या कम से कम 500 रूपये किये जाने का भी अनुरोध किया है।
बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्तमंत्री एवं केन्द्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कृषि उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास करना जरुरीः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चैक स्थित आईआरटीडी आडिटोरियम में राज्य स्तरीय शून्य लागत (जीरो बजट) प्राकृतिक कृषि से संबधित एक दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में आजीविका का सबसे मुख्य साधन कृषि है। हमारी लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए कृषि कार्यों में उत्पादन लागत कम करने व प्रोडक्शन में वृद्धि पर विशेष ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने तथा उसकी लागत कम करने के लिए प्राकृतिक कृषि से संबंधित पालेकर कृषि माॅडल उपयोगी साबित हो सकता है। विशेषकर उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक कृषि काफी कारगर साबित हो सकती है। प्राकृतिक खेती में जैव अवशेषों, कम्पोस्ट व प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जाता है, जो पर्वतीय क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध होते हैं। प्राकृतिक खेती से कृषकों पर व्यय भार भी नहीं पड़ेगा व उत्तम गुणवत्ता के उत्पादों में भी इजाफा होगा। प्राकृतिक खेती कृषि, बागवानी व सब्जी उत्पादन के लिए उपयोगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में रासायनिक उत्पादों का प्रयोग कम से कम हो इसके लिए राज्य में प्रभावी प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर कौशल विकास व कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पालेकर कृषि माॅडल हिमांचल प्रदेश में भी सफल हुआ है। उत्तराखण्ड में इस माॅडल पर विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके लिए एक कमेटी भी बनाई जायेगी।
पद्मश्री सुभाष पालेकर ने कहा कि परम्परागत खेती व रासायनिक खेती के बजाय प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती में लागत ना के बराबर है जबकि यह मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने व शुद्ध पौष्टिक आहार का एक उत्तम जरिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग व रासायनिक कृषि वैश्विक तापमान वृद्धि के प्रमुख कारक हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को एक मिशन के रूप में लिया जा रहा है। इसके लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं है। यह कृषि राज्य में उपलब्ध संसाधनों से आगे बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमांचल में प्राकृतिक कृषि पर कार्य किया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखण्ड व हिमांचल की भौगोलिक व आर्थिक स्थिति में काफी समानता है। देश की कृषि व्यवस्था सुदृढ़ होगी तो आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
इस अवसर पर विधायक खजानदास, रेशम बोर्ड के अध्यक्ष अजीत चैधरी, बीज बचाओ आन्दोलन के प्रणेता विजय जड़धारी, सचिव कृषि डी सेंथिल पांडियन, डाॅ. देवेन्द्र भसीन, वृजेन्द्र पाल सिंह व विभिन्न विश्वविद्यालयों के कृषि विशेषज्ञ उपस्थित थे।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होः बलूनी

उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने उत्तराखंड में हो रहे भारी पलायन की समस्या के निदान के उद्देश्य से उत्तराखंड के दस पर्वतीय जिलों के लिए आगामी बजट में विशेष फंड के प्रावधान की माग की है। बलूनी ने इस सिलसिले में नई दिल्ली में मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की।
सासद बलूनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री से भेंट के दौरान कहा कि उत्तराखंड में पलायन के कारण सैकड़ों गाव निर्जन (घोस्ट विलेज) घोषित हो चुके हैं और यह क्रम अब भी तेजी से जारी है। इस भयावह समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की आवश्यकता है ताकि मूलभूत सुविधाओं और सामान्य से रोजगार के लिए होने वाले पलायन के उन्मूलन के लिए धरातल पर व्यवहारिक नीति बन सके और ठोस कार्य हो सके। उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ तथा नैनीताल जिलों का पर्वतीय क्षेत्र पलायन की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त है।
सासद बलूनी ने कहा की आगामी बजट में अगर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए विशेष फंड की व्यवस्था होती है तो यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हिमालयी राज्य के लिए जीवनदान भी होगा। उन्होंने कहा कि वह इस क्रम में विभिन्न मंत्रालयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संवाद कर इस कड़ी को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर ढाचागत अवस्थापना विकास के साथ बेरोजगारी उन्मूलन की नीति बनती है तो वह पलायन रोकने में कारगर होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार इस विषय में गंभीरता से विचार करेगी।

जय प्रकाश के आंदोलन से जुड़े और शुरु हुआ जे पी नड्डा का राजनैतिक सफर

जे पी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा। लो-प्रोफाइल रहकर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के हाई-प्रोफाइल नेता बनने का उनका सफर काफी लंबा रहा है। जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर राजनीति में कदम रखने वाले नड्डा ने अपनी छवि एक प्रभावी और कुशल रणनीतिकार की बनाई। भाजपा का नेतृत्व बदलता रहा लेकिन पार्टी में उनकी हैसियत कभी नहीं बदली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संगठन में उनकी पैठ बढ़ती रही। वह पुराने नेतृत्व के भी करीब रहे तो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भी भरोसेमंद माने गए। अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद यह कहना मुनासिब ही होगा कि वे भाजपा की ताकतवर तिकड़ी का हिस्सा बन गए हैं।
बिहार में जन्मे नड्डा को किशोयरअवस्था में ही पता लग गया था कि वह राजनीति के लिए बने हैं और राजनीति उनके लिए। जब 16 बरस के थे तो जेपी आंदोलन से जुड़ गए। लिहाजा, राजनीति का ककहरा मंझे राजनेताओं के दौर में सीखने को मिला। इसके बाद सीधे छात्र राजनीति से जुड़ गए। उनकी काबिलियत देखते हुए ही 1982 में उन्हें उनकी पैतृक जमीन हिमाचल में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया। वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विवि के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की।
1983-84 में वे विवि में एबीवीपी के पहले अध्यक्ष बने। 1977 से 1990 तक करीब 13 साल के लिए एबीवीपी समेत कई पदों पर रहे। 1989 में तत्कालीन सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई के लिए राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा बनाया। 1991 में 31 साल की उम्र में भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर उभरे। छात्र राजनीति में तप चुके नड्डा 1993 में पहली बार हिमाचल प्रदेश में विधायक बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री रहे तो वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री का जिम्मा भी संभाला।
2012 में राज्यसभा पहुंचे और कई संसदीय समितियों में रहे। तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की टीम में राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रहे। अपने सौम्य स्वभाव, सादगी और मेहनतकश छवि से उन्होंने भाजपा में अलग नाम बनाया है। संगठन से लेकर चुनाव मैनेजमेंट में उन्होंने महारत हासिल कर ली है। आगे अगर वह अमित शाह की जगह लेने जा रहे हैं तो इसके पीछे उनके द्वारा शाह जैसा कारनामा कर दिखाना भी बड़ी वजह है। बीते पांच बरसों में भाजपा में नड्डा ने कई जिम्मेदारियां सफलतापूर्वक निभाई हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी मुख्यालय से देशभर में पार्टी के अभियान की निगरानी की थी तो 2019 में उनके पास उत्तर प्रदेश का प्रभार था। जाहिर है जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी, जिसमें वे सफल भी रहे। सपा-बसपा गठबंधन के बाद जहां भाजपा को यूपी में आधी सीटें मिलने के आसार जताए जा रहे थे, वहां पार्टी ने 62 सीटें जीतीं। इस चुनाव में वह फिर से कुशल रणनीतिकार साबित हुए और पार्टी को 49.6 फीसदी वोट दिलाने का करिश्मा कर दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ नड्डा के नजदीकी रिश्ते रहे हैं। मोदी जब हिमाचल के प्रभारी हुआ करते थे तब से दोनों के बीच अच्छे समीकरण बने रहे हैं। दोनों अशोक रोड स्थित भाजपा मुख्यालय में बने आउट हाउस में रहते थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभाला।
इस बार जब उन्होंने शपथ नहीं ली तो लगभग तय माना जा रहा था कि पार्टी अध्यक्ष का पद जगत प्रकाश नड्डा के लिए ही रखा गया है, जिस पर सोमवार को मुहर भी लग गई। एक नई पारी के साथ 59 वर्षीय नड्डा सबसे शक्तिशाली दल के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। उनके लिए पहली सबसे बड़ी चुनौती पश्चिम बंगाल में भाजपा के सरकार बनाने के मिशन को पूरा करना रहेगी।