मुख्यमंत्री ने प्रवसियों से किया समृद्ध, सशक्त और आध्यात्मिक उत्तराखण्ड बनाने का आह्वान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ दौरे के दूसरे दिन बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत सांस्कृतिक ऑडिटॉरीयम में उत्तराखंड महापरिषद द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड महोत्सव 2021 के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड महापरिषद से जुड़े हजारों प्रवासी उत्तराखंडियों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन उत्तराखण्ड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि “ऐसे बंटवारा कर दीजिए जैसे एक छोटे और बड़े भाई के बीच में होता है, ना कि 2 राज्यों के मध्य में और उन्होंने भी हमारी बात को सहृदय स्वीकार किया”। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जो मुद्दे दो दशक से ज्यादा समय से नहीं सुलझ पाई वे आज आपसी सहमति से सुलझ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण में राज्य आंदोलनकारियों की विशेष भूमिका रही है, उन्हीं आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण, युवाओं और हर क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में प्रदेश सरकार ने 600 करोड़ का कोविड-19 पैकेज, घस्यारी योजना, वात्सल्य योजना के साथ ही महालक्ष्मी योजना समेत अनेक कल्याणकारी योजना प्रारंभ की हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड का चौमुखी विकास हो रहा है। केदारनाथ -बदरीनाथ में पुनर्निर्माण कार्य, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना, टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना, कुमाऊं में एम्स के सेटेलाइट सेंटर समेत एक लाख करोड़ के योजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सभी प्रवासी उत्तराखंडवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सभी लोग 25 साल के युवा उत्तराखंड को समृद्ध सशक्त और अध्यात्म का केंद्र बनाने में सहभागी बनें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने इस उत्तराखंड महोत्सव को और अधिक भव्य रूप से आयोजित करने हेतु 21 लाख देने की घोषणा की। इसके अलावा ही उत्तराखंड महोत्सव में समस्त कलाकारों को 2000 पुरस्कार, लखनऊ से रामनगर ट्रेन चलाने हेतु केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने, और भविष्य में उत्तराखंड से संबंधित समस्याओं के निस्तारण हेतु उत्तराखंड भवन गोमती नगर में प्रकोष्ठ के स्थापना करने की भी घोषणा की।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी, विधायक राजेश शुक्ला, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, उत्तराखंड महासंघ के अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत महासचिव भरत सिंह बिष्ट समेत हजारों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी मौजूद रहे।

स्पीकर ने लोक कलाकारों को दी प्रोत्साहन राशि, बोले संस्कृति का प्रचार प्रसार में अहम भूमिका

ग्राम पंचायत चक जोगीवाला एवं जोगीवाला माफी में लोक कलाकारों के साथ आयोजित एक बैठक में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं लोक कलाएं संपूर्ण देश में प्रसिद्ध है। उन्होंने लोक कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले लोक कलाकारों को एक लाख और युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल को एक लाख रुपये कुल दो लाख रुपए देने की घोषणा की।
चक जोगीवाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की संस्कृति संपूर्ण देश मे और विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा है कि संस्कृति को आगे बढ़ाने का श्रेय यहां के लोक कलाकारों को है।
स्पीकर ने कहा कि लोक कलाकारों द्वारा जिस प्रकार विभिन्न अवसर पर अपनी लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जाता है वह अनुकरणीय है उन्होंने ईगास पर्व के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर किए गए कार्यक्रम को लेकर भी स्थानीय लोगों को अपनी शुभकामनाएं दी।
स्पीकर ने विधानसभा अध्यक्ष चक जोगीवाला में आयोजित ईगास कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सांस्कृतिक कलाकारों को एक लाख रुपये जबकि कार्यक्रम आयोजन समिति को एक लाख रुपये विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से कुल दो लाख देने की घोषणा की है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान सोबन सिंह केंतुरा, रविंद्र राणा, प्रधान चमन पोखरियाल, देवेंद्र नेगी, भगवान सिंह महर, कमलदीप कौर, अमर खत्री, उत्तरा कलूडा, चमन पोखरियाल, महिला मंगल दल की अध्यक्ष सुशीला देवी, सुनीता जेटुड़ी, युवक मंगल दल के प्रमोद रावत, जगमोहन सिंह, विजय जुगरान, विजय बिष्ट, अरुण बडोनी, राजेंद्र पांडे, विजेंद्र मोघा, राजवीर रावत आदि उपस्थित रहे।

जौलजीवी मेले का सीएम धामी ने किया शुभारंभ, विपक्षी विधायक हरीश धामी भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को काली एवं गोरी नदी के संगम पर स्थित जौलजीवी में प्रसिद्ध ऐतिहासिक, पारंम्परिक एवं व्यापारिक जौलजीवी मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला हमारी बहुत बड़ी सास्कृतिक धरोहर हैं। मेले धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। जौलजीवी मेले को और अधिक विकसित एवं सुविधायुक्त बनाया जाएगा। जौलजीवी मेला भारत नेपाल के मैत्री संबंधों को भी बढ़ाता है। मेले हमारी धरोहर एवं संस्कृति के द्योतक हैं, उन्हें हमें आगे बढ़ाते हुए जीवित रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा विगत 4 महीनों में प्रदेश के हित में 400 से अधिक फैसले लिए हैं। इन सभी फैसलों का शासनादेश भी जारी हो चुके हैं। जो भी घोषणाएं की गई हैं उन्हें धरातल पर उतारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैंने इस भूमि में जन्म लिया है। मैं यहाँ जब भी आता हूँ, लोगों का अपार स्नेह मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित में सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों का मानदेय 15 हजार से 25 हजार रुपए प्रतिमाह किया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय भी बढ़ाया गया है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किये जाने हेतु महिला समूहों को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान हेतु 3 से 5 लाख तक का ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप आज ये महिला समूह अन्य को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की महत्वपूर्ण बरम से कनार तक सड़क का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। कोरोना काल में अनेक समस्याएं आई। सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जा रही है। स्वयं सहायता समूहों हेतु 119 करोड़ का पैकेज घोषित किया गया है। 5 लाख तक का ऋण शून्य ब्याज पर दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त परिवहन एवं पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों को भी आर्थिक सहायता हेतु 200 करोड़ रुपये का पैकेज जारी करते हुए उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि जमा की जा रही है। आशा,उपनल कर्मी,ग्राम प्रधानों के हित में फ़ैसले लिए गए हैं। प्राथमिक एवं सामुदायिक चिकित्सालय में भी अनेक स्वास्थ्य की जांचें मुफ्त में की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत के सभी मानकों में धनराशि बढ़ाए जाने हेतु भी भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य स्तर पर पूर्व में आपदा के दौरान घर पर पानी आ जाने और आंशिक नुकसान पर जो 3800 रुपये दिए जाते थे अब उसे बढ़ाकर 5000 कर दिया गया है। भवन क्षति की धनराशि भी 1 लाख 1900 से बढ़ाकर अब 1 लाख 50 हजार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष आने वाली आपदाओं की रोकथाम हेतु राज्य में एक आपदा अनुसंधान संस्थान खोले जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की गई। उन्होंने घोषणा की कि चामी से मेतली तक मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। जौलजीवी में स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। जौलजीवी से वनराजि जनजाति बस्ती गानागांव-पचकाना-ढुंगातोली तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। मवानी-दवानी से मणिधामी मोटर मार्ग निर्माण किया जाएगा। बसन्तकोट से मुन्नगरधार-उछति-लिलम तक मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। सिंमगड नदी के दाई ओर स्थित घटन (नाचनी) बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण किया जाएगा। मुनस्यारी बरार गाड़ के बाईं ओर खेत भराड़ गांव में बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध निर्माण किया जाएगा। एलोपैथिक चिकित्सालय तेजम का उच्चीकरण किया जाएगा। मल्लधार से मडलकिया तक मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। बलमरा से बसोरा-सल्याडी मोटर मार्ग का निर्माण किया जाएगा। नोला पब्लिक स्कूल जुम्मा को अनुदान सूची में शामिल किया जाएगा। जौलजीवी में बुनकर भवन का निर्माण किया जाएगा। एलोपैथिक चिकित्सालय बरम हेतु कार्यवाही की जाएगी। स्थानीय लोगों की सहमति पर मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाया जाएगा। ग्राम पंचायत पांगला के स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जौलजीवी मेले के आयोजन हेतु 5 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि यह मेला भारत एवं नेपाल दोनों देशों का सांस्कृतिक मेला है। पूर्व में यह एक बड़ा व्यापारिक मेला होता था, अब इसका स्वरूप धीरे धीरे बदल रहा है। सांसद अजय टम्टा ने केन्द्र द्वारा संचालित कार्यों की जानकारी दी।
इस अवसर पर विधायक धारचूला हरीश धामी, ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, नगर पालिका अध्यक्ष राजेश्वर देवी, जिलाध्यक्ष भाजपा विरेन्द्र वल्दिया, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह और मित्र राष्ट्र नेपाल के आम नागरिक व संस्कृति कर्मी भी उपस्थित रहे।

नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट ने चिल्ड्रन डे पर 50 बच्चों को सामग्री दी

आज 14 नवंबर को नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट ने निर्धन वर्ग के 50 बच्चों को स्टेशनरी, कुरकुरे, लेस और पेस्ट्री वितरण कर मनाया चिल्ड्रन डे।
इस दौरान ट्रस्ट संस्थापक नीरजा गोयल जी द्वारा बच्चों को अच्छे कार्य करने और शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया।
इस दौरान ट्रस्ट सह संस्थापक नूपुर गोयल, कुसुम गोयल, मीडिया प्रभारी दिवाकर मिश्रा, आशु, ध्रुव, सोनिया, अक्षरा, गार्गी, विपिन, सचिन आदि उपस्थित रहे।

डीडीहाट में बोले सीएम अपनों के बीच आया हुं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ के डीडीहाट में आयोजित पांच दिवसीय डीडीहाट महोत्सव के समापन अवसर पर शनिवार को कुमाउँनी भाषा में संबोधित करते हुए क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की। जिसमें डीडीहाट नगर से सिराकोट मंदिर तक रोपवे का निर्माण करने, जीजीआइसी डीडीहाट का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय देव सिंह डसीला के नाम किए जाने, डीडीहाट खेल मैदान के विस्तारीकरण करने की कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी को प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को प्रेषित करने की घोषणा, घसाड़ विद्यालय का उच्चीकरण किए जाने, डीडीहाट नगर के आंतरिक मार्गों के निर्माण व सौंदर्यीकरण किए जाने की स्वीकृति की घोषणा, डीडीहाट महोत्सव को प्रत्येक वर्ष राजकीय मेले के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद की 18 फीट ऊंची मूर्ति “स्टेच्यू ऑफ मोरालिटी“ का लोकार्पण भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज अपनों के बीच आकर में अभिभूत हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की अलग पहचान बनी है। उत्तराखंड से प्रधानमंत्री का विशेष लगाव है जिसके फलस्वरूप यहां विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाओं के कार्य चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का दशक है और इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हमारी मातृशक्ति की अहम भूमिका रहेगी। प्रधानमंत्री जी ने 2025 तक उत्तराखंड के लिए जो विजन दिया है, सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा की उत्तराखण्ड को एक आदर्श मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। उत्तराखण्ड में सड़क मार्गाे का विकास किया जा रहा है, वहीं पहाड़ में रेल का सपना भी साकार हो रहा है। उन्होंने कहा केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिए ऑलवेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की योजनाओं की सौगात दी है। उससे आने वाले समय में उत्तराखण्ड का आवागमन और अधिक सुगम होगा। उन्होंने कहा सरकार जनता के साझीदार के रूप में कार्य कर रही है। लोक पर्वों को बढ़ावा देने के लिए लोकपर्व इगास पर छुट्टी करने का निर्णय लिया है।
पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने अपने संबोधन में कहा कि डीडीहाट क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिले को जोड़ने वाली सभी सड़क मार्गों की स्थिति बेहतर होने से यहां तक पंहुचने हेतु पर्यटकों को अब आसानी हो रही है। पहले टनकपुर से डीडीहाट तक पंहुचने में अत्यधिक समय लगता था, अब ऑल वैदर रोड के निर्माण से यह समय काफी कम हो गया है। महिलाओं के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 5 लाख तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है।
सांसद अजय टम्टा ने कहा कि आज प्रदेश में रेलवे लाईन निर्माण के साथ ही सीमांत क्षेत्र तक सड़कों को पंहुचाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा दो लाभार्थियों को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का वितरण करते हुए नवजात बच्चे को अपने गोद में लेकर आशीर्वाद दिया।

ईगास पर्व हमारे पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत-विस अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज कार्यकर्ताओं के संग बैराज स्थित अपने कैंप कार्यालय में भैलो खेल कर प्रदेश के लोक पर्व एवं संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारे पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत है। हमें अपने लोकपर्वाे व संस्कृति को संरक्षित रखने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि इगास पर्व का संदेश स्पष्ट है कि इस दिन सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना, वंचितों के आंचल में भी हर्ष-उल्लास व पकवान-मिष्ठान्न सुनिश्चित करना और इससे भी बढ़कर यह अंधकार को दूर करने के लिए अंत तक प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि ईगास पर्व पर भैलो खेलने की परंपरा है। भैलो को अंधेरे में उजाले का प्रतीक माना जाता है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान सोबन सिंह केंतुरा, रविंद्र राणा, प्रधान चमन पोखरियाल, दिनेश पयाल, विजय जुगरान, विजय बिष्ट, अरुण बडोनी, राजेंद्र पांडे, विजेंद्र मोघा, राजवीर रावत, ताजेंद्र नेगी, कौशल बिजलवान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

बहादराबाद में 32 करोड़ की लागत की पंपिंग पेयजल योजनाओं का शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बृहस्पतिवार को जनपद हरिद्वार के गैंडीखाता क्षेत्र स्थित बसोचन्दपुर में श्री कृष्णायन देशी गोरक्षाशाला में आयोजित गोपाष्टमी महोत्सव में शामिल हुये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड बहादराबाद के विभिन्न ग्रामों के लिए जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम गैण्डीखाता में 2.39 करोड़, ग्राम कांगड़ी में 2 करोड़, ग्राम लहाड़पुर में 97 लाख, ग्राम लालढांग में 4.40 करोड़, ग्राम सज्जनपुर पीली में 1.75 करोड़, ग्राम श्यामपुर नौआबाद में 1.71 करोड़, ग्राम नौरंगाबाद में 2 करोड़, ग्राम अहमदपुर चिड़ियापुर में 1.33 करोड़, ग्राम रसूलपुर मिट्ठीबेरी में 3.29 करोड़, ग्राम गाजीवाली में 2.80 करोड़, ग्राम तपड़ोवाली (गुज्जर बस्ती) में 4.37 करोड़, ग्राम जसपुर चमरिया में 2.22 करोड़, ग्राम समसपुर कटेबड़ में 96.2 लाख, ग्राम पीली पड़ाव में 2.84 करोड़ की पम्पिंग पेयजल योजनाओं के निर्माण निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कृष्णायन गौशाला को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कराया जाएगा तथा तटबन्ध भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृष्णायन गौशाला के लिए जो जमीन देनी शेष है वह भी जल्द ही आवंटित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने 14 नवम्बर को इगास पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की।
प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति की पहचान है। उन्होंने गोपाष्टमी के अवसर पर गौमाता की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय से मिलने वाली हर चीज हमारे लिए उपयोगी है। गाय का दूध स्वास्थ्य व पाचन के लिए सर्वाेत्तम है। मुख्यमंत्री ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ लोग, गाय जब तक दूध देती है, तब तक तो उसका भरण पोषण करते हैं, लेकिन जब वह दूध देना बन्द कर देती है, तब उसको निःसहाय छोड़ देते है, जिसके कारण वह इधर-उधर भटकते हुए प्लास्टिक कचरा आदि खा लेती है, जिससे उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और कभी-कभी इससे उसकी मृत्यु तक हो जाती है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर शहर में गौशालाएं बनाने का काम तेज गति से करेगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गौशाला का अवलोकन किया तथा गौमाताओं की पूजा-अर्चना की तथा आशीर्वाद लिया। उन्होंने गौशाला में गौमाताओं को गुड़ का प्रसाद भी खिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने चार माह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में 400 से अधिक निर्णय लिये हैं। उन्होंने कहा कि वे कोई भी फैसला बिना किसी आधार के नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन है, सीमित संसाधनों से ही सरकार को सभी कार्य करने होते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने कई घोषणाएं की, जो आज तक धरातल पर नहीं उतर पायी, लेकिन हमने जो भी घोषणाएं की हैं, वह सभी धरातल पर दिखाई दे रही हैं। वे जो भी घोषणा कर रहे हैं, उसका तुरन्त ही शासनादेश जारी हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानंमत्री ने केदारनाथ धाम में 400 करोड़ की योजनाओं का का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, जिसमें से 225 करोड़ की योजनाएं पूरी हो चुकी हैं तथा 184 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास हो चुका है। जल्द ही केदारनाथ धाम में तीसरे चरण के निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के लिए भी 245 करोड़ से अधिक की योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, जिसका मास्टर प्लान तैयार हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पूरे विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ा है। आज भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखण्ड राज्य के विकास हेतु कार्य किया जा रहा है, वर्ष 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्णं हो जाएंगे, उस समय उत्तराखण्ड देश का नम्बर एक राज्य बनेगा। इसके लिए सभी से समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राज्य बने इसके लिये हमारे प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न संस्कृति और रीति -रिवाजों को मानने वाले लोग निवास करते हैं, एक तरह से उत्तराखण्ड लघु भारत का रूप है।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में तिवारी जी की महत्वपूर्णं भूमिका रही है, चाहे देहरादून का सिड़कुल क्षेत्र हो या हरिद्वार अथवा उधमसिंह नगर का, सबमें श्री नारायण दत्त तिवारी की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमने पंतनगर सिडकुल क्षेत्र का नाम नारायण दत्त तिवारी के नाम से रखा है। उनके गांव को जाने वाली सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।
गोपाष्टमी महोत्सव के अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के लिए गौशाला निर्माण की घोषणा की थी। उन्हांने लोगों का आह्वान किया कि वे पहली रोटी गाय के लिए निकालने की पराम्परा को आगे बढ़ायें।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि आज पूरे देश में गोपाष्टमी मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एक गाय, कई लोगों का भरण-पोषण करती है। गाय आर्थिकी का भी आधार है। स्वामी यतीश्वरानन्द ने इस अवसर पर 11 लाख रूपये श्रीकृष्णायन देशी गौ रक्षा शाला को देने की घोषणा की।
इस मौके पर गंगादास महाराज ने भी कृष्णायन गौशाला को 11 हजार का चैक भेंट किया।
गोपाष्टमी महोत्सव पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द ने कहा कि गोपाष्टमी का पर्व आज 177 देशों में मनाया जा रहा है। कृष्णायन गौशाला का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व की एक मात्र देशी गौशाला हरिद्वार में है। उन्होंने कहा कि गौ, गीता, गंगा तथा साधू-सन्तों से भारत की पहचान है। उन्होंने कहा कि इस गौशाला में तीन हजार गायें हैं तथा सभी गौशालाओं में कुल 15 हजार गायें हैं। उन्होंने कहा कि हमने गौशाला में नन्दीशाला भी बना रखी है। उन्होंने कहा कि गौ के बिना कोई श्राद्ध पूरा नहीं होता है।
स्वामी रामकृष्ण मिशन के डॉ शिवकुमार ने कहा कि उनके द्वारा कनखल हरिद्वार में 200 बेड का चौरिटेबल हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौसेवा करके आप भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
गौरीशंकर गौशाला के संस्थापक बाबा हठयोगी ने कहा कि गाय के दूध के साथ ही उसका संरक्षण करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कृष्णायन गौशाला के संरक्षक स्वामी आत्मानन्द महाराज, स्वामी अमृतानन्द, स्वामी कमलानन्द, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसडीएम संगीता कन्नौजिया, अधिशासी अभियंता जलसंस्थान मदन सैन, प्रवीण कुमार, अरूण कुमार, रवि शास्त्री, शेखर मेहता सहित संबंधित अधिकारी व पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

छठ प्रकृति, पवित्रता और सूर्य उपासना का लोक उत्सव-खरोला

त्रिवेणी घाट पर छठ पूजा के मौके पर सार्वजनिक छठ पूजा समिति द्वारा आयोजित 27वें छठ महोत्सव में विशिष्ठ अतिथि के रूप में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने निर्जल व्रतियो को छठ पूजा की शुभकामनाये दी।
खरोला ने बताया कि देर शाम त्रिवेणी घाट पर सार्वजनिक छठ पूजा समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे भोजपुरी लोकगीत, बिरहा मुकाबला की प्रस्तुति दी गयी। छठ महापर्व पर श्रृखलाबद्ध गीतों की प्रस्तुतियों ने सभी का जमकर मनोरंजन किया।
खरोला ने कहा की छठ प्रकृति, पवित्रता और सूर्य उपासना का लोक उत्सव है। जो अब धीरे-धीरे ग्लोबल हो चुका है। छठ एक ऐसा त्योहार है, जिसमें जात-पात की रेखा समाप्त हो जाती है। छठ सूर्य, वनस्पति और जल स्त्रोतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का त्योहार है।
खरोला ने आयोजन के लिए सार्वजनिक छठ पूजा समिति को बधाई देते हुए भविष्य में हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

छठ पूजा पंडाल में सामाजिक कार्यों के लिए समिति ने किया सम्मानित

सार्वजनिक छठ पूजन समिति द्वारा वैदिक रीति के अनुसार सुबह 4 बजे भगवान सूर्यनारायण व छठ मैया पूजा और उपासना के बाद मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ का आयोजन किया गया। उसके बाद प्रातः 6ः39 पर उषा अर्ध्य व बाद में छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। छठ पूजा के सभी कार्यक्रम विधिवत समापन होने के पश्चात समिति के कार्यकर्ताओं और सदस्यों द्वारा त्रिवेणी घाट में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
समिति के अध्यक्ष राम कृपाल गौतम ने बताया कि सनातन धर्म में इस पर्व की महत्ता त्रेता युग में भगवान राम के समय से ही प्रारंभ हुई। जब प्रभु श्री राम ने महाज्ञानी पंडित रावण के वध के उपरांत ब्रह्म हत्या से छुटकारा पाने हेतु मुंगेर बिहार में मां जानकी के साथ इस व्रत की शुरुआत की थी।
इससे पूर्व कल शाम को 5ः19 मिनट पर सूर्य अर्घ्य देकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नटराज ग्रुप देहरादून द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई, इसके बाद भजन संध्या में लकी शर्मा व सतीश राजभर द्वारा छठी मैया के गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर किया। भोजपुरी लोकगीत बिरहा मुकाबला छोटे लाल बनारसी, बनारस वाले (महुआ चैनल) व सोनम सरगम, जौनपुर (कलाकार महुआ चौनल) के बीच संपन्न हुआ। कल शाम के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि दीप शर्मा पूर्व चेयरमैन नगर पालिका ऋषिकेश, विशिष्ट अतिथि ललित मोहन मिश्रा अध्यक्ष व्यापार मंडल ऋषिकेश ने शिरकत की।
इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले समाजसेवियों, चिकित्सकों व प्रशासनिक अधिकारी को सम्मानित करने के क्रम में प्रदीप राय पुलिस अधीक्षक यातायात हरिद्वार, लक्ष्मण सिंह चौहान समाजसेवी, डॉ डीके श्रीवास्तव, डॉ हरिओम प्रसाद, डॉक्टर रितु प्रसाद, डॉ एन बी श्रीवास्तव, डॉक्टर यू पी गुप्ता, डॉक्टर अरुण कुमार, कैप्टन गोविंद सिंह रावत, लक्ष्मी रावत पार्षद, डॉ वरुण चार्टर्ड अकाउंटेंटआशुतोष कुमार पांडे को सम्मानित किया गया।
आयोजन कर्ता मंडल में धर्मदेव राजभर, नरेंद्र गुप्ता, जयप्रकाश नारायण, आशुतोष शर्मा, आदेश शर्मा, पंडित जगमोहन मिश्रा, नागेंद्र सिंह, लल्लन राजभर, ऋषि जयसवाल, बसंत ठेकेदार, परमेश्वर राजभर, वीर बहादुर राजभर, सतीश राजभर, राज कुमार राजभर, राजू गुप्ता, अनूप गुप्ता, सोनू गुप्ता, अमित चौधरी, अमित गुप्ता, वृद्धिचंद गुप्ता, हीरामन राजभर, मनु राजभर, शैलेंद्र गुप्ता, बेचैन गुप्ता, प्रेम राजभर, रामाशीष राजभर, प्रवीण सिंह, बजरंगी पाण्डे, धनंजय गुप्ता, अनिल गुप्ता, राकेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, भोलू गुप्ता, बंटी गुप्ता, नागेंद्र चौरसिया, विनोद भारद्वाज, गोविंद भारद्वाज, अवधेश भारद्वाज, राजा गुप्ता, मुन्ना गुप्ता, बबलू गुप्ता, आदि उपस्थित रहे।

जनजाति के उत्थान के लिए उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव

केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनजाति कार्य मंत्रालय एवं जनजाति शोध संस्थान एवं संग्रहालय उत्तराखण्ड द्वारा डॉ बीआर अम्बेडकर ओएनजीसी स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने महोत्सव परिसर में प्रदर्शनी स्थल पर जनजाति क्षेत्रों के विभिन्न उत्पादों के स्टालों का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि उत्तराखण्ड जनजाति महोत्सव के माध्यम से सभी जनजातियों को एक मंच मिला है। इस आयोजन में जनजातियों के लोक जीवन, सांस्कृतिक विरासत, लोक एवं परम्पराओं को भी जीवन्तता मिली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के साथ ही झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेई ने किया था। हमारे ये प्रदेश विकास की दिशा में निरन्तर आगे बढ़े इसकी जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने प्रदेश के विकास के साथ ही जनजाति कल्याण के लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में जनजाति समाज को सम्मान देने का कार्य किया है। इसी क्रम में भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को गौरव दिवस के रूप में आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जनजाति क्षेत्रों के कल्याण एवं शिक्षा आदि व्यवस्थाओं के लिये योजनायें बनायी जायेगी, जिसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रस्ताव भेजने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि देश में जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा की प्रभावी व्यवस्था के लिये 450 स्कूल खोले जायेंगे जिसके लिये 30 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है।
केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास राज्यों के सहयोग से जनजाति समुदाय को देश की मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने राज्य के एकलव्य स्कूलों तथा जनजाति शोध संस्थान की व्यवस्थाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास से सम्बन्धित मुख्यमंत्री द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजे जायेंगे उन पर शीघ्र निर्णय लिये जायेंगे। उन्होंने जनजाति के क्षेत्रों का माइक्रो प्लान बनाने तथा उन्हें आजीविका मिशन कार्यक्रमों से जोड़ने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जहां 5 जनजातियां हैं वहीं झारखण्ड में 32 जनजाति समुदाय हैं। 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा से राज्य के सीमांत जनपदों पिथौरागढ़ और चमोली में जनजातीय छात्रों के लिए दो नए एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जाने, विभागीय विद्यालयों मे पढ़ रहे जनजाति के 5 हजार छात्र-छात्राओं को टेबलेट उपलब्ध कराए जाने, राज्य में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानीयों के जीवन परिचय पर आधारित संग्रहालय की स्थापना करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोंनों का संबध जनजाति संस्कृतियों से रहा है। जहां सूदूर पिथौरागढ़ में भोटिया संस्कृति से उनका लगाव रहा, वहीं कर्मभूमि खटीमा की थारु-बुक्सा जनजाति से भी गहरा रिश्ता रहा है। आज देश दुनियां में ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतन मनन हो रहा है लेकिन हमारी जनजातियां प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देती रही हैं। हमारी जनजातीय समूहों का शुरुआत से ही जड़ी-बूटियों को लेकर ज्ञान, उनकी विशेष पहचान रही है। रामायण काल में जब भगवान श्री राम अपने चौदह वर्ष के वनवास को काट रहे थे तब ये वनवासी ही थे जो आगे बढ़कर भगवान श्रीराम की सहायता करने आए थे। उन्ही के सहयोग से भगवान राम ने महाबली रावण की विशाल सेना को परास्त कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। महाभारत काल में भी जनजातियों के बारे में विशेष उल्लेख मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 15 नवंबर को जनजातीय समाज के उत्थान के लिए कार्य करने वाले बिरसा मुंडा की जन्म जयंती भी है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि वे झारखंड के जनजातीय समूह में विशेष महत्व रखते है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातियों के लिए कई कल्याणकारी कार्य किए गए हैं। ये प्रधानमंत्री की सोच का ही नतीजा है कि उन्होंने समाज के हर वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। देश में जनजातियों के लिए कार्य करने वाले दर्जनों लोगों को केंद्र सरकार ने सम्मानित किया है। अभी इसी 9 नंवबर को केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समूह की भूरी बाई और तुलसी गौडा को पद्म श्री से सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां लगे अलग-अगल स्टॉलों में एक से बढ़कर एक हस्तशिल्प उत्पाद हमारे जनजातीय भाईयों, स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हैं। जहां एक ओर ये उत्पाद इको फैंडली हैं वहीं इनकी गुणवत्ता भी विश्व स्तरीय है। ये सब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व का ही कमाल है कि हम ‘‘वोकल फॉर लोकल‘‘ अभियान के तहत स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ा रहे हैं। अभी हमारी सरकार ने ‘‘एक जिला दो उत्पाद‘‘ योजना की भी शुरुआत की है। इसके तहत हमने हर जिले के दो स्थानीय उत्पादों को सूचीबद्ध किया है।
उन्होंने कहा कि देश के सैनिक इतिहास में जनजातीय समूहों के शौर्य और पराक्रम से सभी भलीभांति परिचित हैं। देश की सेना में विभिन्न पदों पर जनजातीय समूह के लोगों ने अपनी कार्यकुशलता का अभूतपूर्व परिचय दिया है। वीर केसरी चंद का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केसरी चंद्र ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज में शामिल होकर, भारत की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। ऐसे ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन परिचय पर आधारित एक संग्रहालय की स्थापना की उन्होंने जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तीन एकलव्य मॉडल स्कूल, तीन आईटीआई चार जनजाति हॉस्टल और सोलह आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास हेतु अधिनियम बनाकर समस्त विभागों को अपने वार्षिक बजट का 3 प्रतिशत जनजातीय क्षेत्रों में व्यय करने का प्रावधान भी किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने थारू जनजाति के लोक कलाकारों के साथ होली नृत्य भी किया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, सांसद नरेश बंसल, विधायक हरवंश कपूर, खजानदास, जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष मूरत राम शर्मा, जनजाति कल्याण के सलाहकार रामकृष्ण रावत, सचिव एल. फैनई, निदेशक एस.एस. टोलिया आदि उपस्थित थे।