फोटोग्राफी-डे पर छायाकार सम्मानित


फोटोग्राफी-डे पर उड़ान फाउंडेशन ने तीर्थनगरी के छायाकारों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि लोकगायक धूम सिंह रावत, इंडिया गॉट टेलेंट के प्रतिभागी शुभम नेगी और दीपक थापा रहे। फाउंडेशन के निदेशक डॉ. राजे नेगी ने कहा कि फोटोग्राफी एक रचनात्मक कार्य है। इसलिए छायाकारों का सम्मान अहम है। कार्यक्रम में राजा धींगरा, उत्तम असवाल, रवि कुकरेती, सौरभ वर्मा, रोहित सिंह, मनोज नेगी, आशुतोष कुड़ियाल आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाने के निर्देश

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अलग-अलग विधाओं के अधिक से अधिक शिल्पियों को इन पुरस्कारों से जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सहकारिता एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.आई) प्रदेश में एक-एक पार्क विकसित करने तथा राज्य के प्रमुख स्थलों पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिल्पियों के चित्र लगाने के भी निर्देश दिये है।
हरेला, झूमेलो एवं घी संग्राद महोत्सव के अवसर पर सोमवार को स्थानीय रेंजर मैदान में उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार योजना के अन्तर्गत हथकरघा-बुनकरों, हस्तशिल्पों एवं लघु उद्यमियों को पुरस्कार वितरित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पुरस्कार पाने वाले शिल्पियों के प्रयास समाज को प्रेरणा देने का कार्य करेंगे। उन्हांेंने कहा कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं विलुप्त हो रही कला, संगीत व शिल्प को नई पहचान मिले इसके लिए हरेला, झूमेलो, घी संग्राद महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हमारे लोग अपनी जड़ों से जुड़ें रहे, हमारी संगठित पहचान बनी रहे इसके लिए हम सबको प्रयास करने होंगे।

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कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमारे शिल्पियों द्वारा बनाये गये पत्थरों के मकान एवं उन पर लकड़ी की नक्कासी बेमिशाल हैं। यह अनूठी भवन शैली इंजीनियर के लिये चुनौती है अपनी शिल्पकला को बढ़ावा देकर देश को उत्तराखण्डी भवन शैली देने का हमारा प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे चारधाम में इड़ली, डोषा मिल सकता है तो देश व दुनिया में किसी उत्तराखण्डी व्यंजन की पहचान क्यों नहीं बन सकती है। मुरादाबाद के ब्रास के बर्तनों की तरह अल्मोड़ा के कॉपर व एपण के साथ ही यहाँ के शाल पिछौडे़ बेडशीट को क्यों पहचान नहीं मिल सकती। यदि हम इस दिशा में सोचे तथा प्रयास करें तो यह सब सम्भव हो सकता है। हमारे व्यंजनों में रोगों को दूर करने की क्षमता है, आवश्यकता है इन्हें अपनाने की, इनके उत्पादन पर ध्यान देने की। हम लोग जो गांव छोड़कर शहर में बस गये हैं, कम से कम अपने व्यंजनों को अपने भोजन का हिस्सा बनायें जब हम इन्हें अपनायेंगे तभी और लोगों से हम इसकी अपेक्षा कर सकते हैं। राज्य सरकार अपनी ओर से इस दिशा में पूरा प्रयास कर रही है। गरम पानी, पीपलकोटी सहित अन्य स्थलों पर ग्रामीण हाट बनाये जा रहे हैं महिला स्वयं सहायता समूहों को सामुहिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है इसके लिए अनुदान व्यवस्था की गई है। हमारा प्रयास बंजर खेतों को उपजाऊ बनाने व लोगों को खेती से जोड़ने का है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों का सामना करने से ही रास्ते आसान होंगे।

मुख्यमंत्री रावत ने इस अवसर पर हथकरघा बुनकर के लिए भी श्रीमती विन्या देवी भटवाड़ी को प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 हजार रूपये, श्रीमती बिमला शेरपुर (देहरादून) को द्वितीय पुरस्कार रूप में 10 हजार रूपये तथा श्रीमती आशा आर्य अल्मोड़ा व लीला देवी बागेश्वर को तृतीय पुरस्कार के रूप में 07 हजार रूपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इसी प्रकार हस्तशिल्प के क्षेत्र में सितारगंज के परिमल मपंक्षी को प्रथम, डुडा के शोभाराम को द्वितीय व कु. आशा आर्य नैनीताल को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये। जबकि लघु उद्यम के क्षेत्र में अशोक पुरी, उधमसिंहनगर को प्रथम, सफिउल्ला खां देहरादून को द्वितीय तथा हेमचंद पंत बागेश्वर को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किये गये सहकारिता को समर्पित गीत की सीडी भी रिलीज की। उन्होंने कहा कि सहकारिता एवं एमएसएमई आर्थिक विकास से सम्बन्धित योजनाओं के लिए ध्वजवाहक का कार्य करें, लघु उद्यमियों की सहायता करे, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मददगार बनें। कार्यक्रम में विधायक एवं सभा सचिव राजकुमार, अपर निदेशक सुधीर नौटियाल सहित सहकारिता व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

एक स्वर में रामायण पाठ करने वाले तीन छात्र पुरस्कृत

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ऋषिकेश।
श्री रामायण प्रचार समिति की ओर से मालवीय मार्ग पर स्थित तुलसी मंदिर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें दर्शन महाविद्यालय की शिखा प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले आशीष उनियाल, सौरभ डबराल और अमित भट्ट को अनुशासन एवं रामायण का पाठ एक स्वर में करने के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पौधरोपण भी किया गया। जिसमें नगर पालिका चेयरमैन दीप शर्मा ने भाग लिया। कार्यक्रम के संयोजक रवि शास्त्री ने बताया कि आज महोत्सव का समापन होगा। आज तुलसी दास जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ ही हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर गोपालाचार्य शास्त्री, कृष्ण उनियाल, अशोक कुमार अरोड़ा, चन्द्रभान शर्मा, राजीव लोचन, जय स्वरूप बहुगुणा, मनमोहन शर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे।

हरेला पर्व उत्तराखंड की संस्कृति व पर्यावरण का प्रतीक

देहरादून।
हरेला पर्व संस्कृति एवं पर्यावरण का प्रतीक है। हरेला से घी संग्रांद तक वृक्षारोपण का अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष जन सहभागिता से हरेला वृहद स्तर पर मनाया जा रहा है। बुधवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज, रायपुर में वन विभाग द्वारा आयोजित हरेला पर्व के अन्तर्गत वृक्षारोपण एवं पौध वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ने शिरकत की।
इस अवसर पर हरेला के तहत मुख्यमंत्री रावत ने रूद्राक्ष का पौधा लगाया। उन्होंने स्कूली बच्चों को पौधे भी वितरित किए। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पिछली बार हरेला पर्व राज्य सरकार की ओर से मनाया गया था। किन्तु इस बार जन संगठनों द्वारा हरेला को वृहद स्तर पर मनाया जा रहा है। इस बार राज्य सरकार की भूमिका इसमें एक सहयोगी की है। हरेला संस्कृति एवं पर्यावरण का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री रावत ने वन विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि वन विभाग द्वारा मांग के अनुरूप पौधे उपलब्ध कराए गए है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण हमारी आदत का हिस्सा होना चाहिए। हम सभी को वृक्षारोपण के प्रति दूसरो को भी जागरूक करना चाहिए। एक वृक्ष भी जीवन में परिवर्तन ला सकता है। अधिक से अधिक पौधे लगाए एवं पर्यावरण संरक्षण में सहायक बनें। मुख्यमंत्री रावत ने जिला प्रशासन, एम.डी.डी.ए. एवं वन विभाग को निर्देश दिए कि देहरादून के सभी शिवालयों में रूद्राक्ष का पौधा जरूर लगाएं। उन्होंने वन विकास निगम को निर्देश दिए कि जहां भी वन विकास निगम के डिपो है, वे डिपो के चारों ओर काष्ठ उद्योग में सहायक वृक्ष लगाए। इसके साथ ही रामगंगा घाटी में गैरसैंण से भिकियासैंण तक तून के पेड़ लगाए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, सचिव, खेल शैलेश बगोली, प्रमुख वन संरक्षक राजेन्द्र कुमार महाजन, डी.बी.एस. खाती सहित स्कूली बच्चे व अन्य उपस्थित थे।

भाजपा का नमामि गंगे अभियान नौ से

राज्य ब्यूरो, देहरादून: भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में नौ मई से नमामि गंगे अभियान का शुभारंभ करेगी। पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर संचालित होने वाले इस अभियान के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व राष्ट्रीय सचिव व झारखंड प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में नमामि गंगे समिति गठित की है।

यह समिति गंगा संरक्षण व गंगा स्वच्छता के लिए देश में जागरूकता अभियान चलाएगी। मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में अभियान की तैयारी के संबंध में बैठक आयोजित की गई। नौ मई को महानगर कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट अभियान के प्रमुख त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं को त्रिवेणीघाट ऋषिकेश के लिए रवाना करेंगे, जहां वे साधू-संतों व कार्यकर्ताओं के साथ गंगा आरती में शामिल होंगे। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष धन सिंह रावत, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुनील उनियाल, जितेंद्र नेगी, अमित कपूर आदि मौजूद थे।

गंगोत्री-यमुनोत्री आने वाले यात्रियों का होगा पंजीकरण

उत्तरकाशी। गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों का इस साल बॉयोमैट्रिक पंजीकरण होगा। इसके लिए यमुनोत्री हाईवे पर दोबाटा बड़कोट और गंगोत्री हाईवे पर पंजीकरण केंद्र बनाए जाएंगे।

Gangotri-Wallpaper16101सोमवार को जिला सभागार में जिलाधिकारी इंदुधर बौड़ाई की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यात्रा तैयारियों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने पेयजल, स्वास्थ्य, विद्युत, व सुरक्षा व्यवस्था आदि मूलभूत सुविधाओं को 10 अप्रैल तक दुरुस्त किये जाने को संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया। यात्रा मार्ग चौबीस घंटे यात्रियों के लिए खुले रहे इसके लिए बीआरओ व लोक निर्माण विभाग को कड़े निर्देश दिए । चारधाम यात्रा के दौरान सभी तीर्थ यात्रियों को बायोमैटिंक पंजीकरण होना है इसके लिए यमुनोत्री मार्ग के दोबाट एवं गंगोत्री रूट पर गंगोरी को चयनित किया गया है Read more

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में खलल, बदरीनाथ हाईवे भी बंद

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में उमड़े बादलों ने सोमवार को भी चारधाम समेत चोटियों को बर्फबारी दे डाली, जबकि निचले इलाकों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश हुई।

Kedarnath_town_295बारिश व बर्फबारी ने मार्च में फिर से ठंडक का अहसास तो कराया ही, पर्वतीय इलाकों में दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं। केदारनाथ में विद्युत व संचार व्यवस्था की बहाली में बर्फबारी ने बाधाएं खड़ी की हुई है। साथ ही वहां पुनर्निर्माण कार्य में व्यवधान पड़ा है। वहीं बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़ में अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा बारिश-बर्फबारी के साथ ही जगह-जगह ओलावृष्टि के कारण गेहूं, मटर, सरसों आदि की फसलों को खासा नुकसान पहुंचने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। यही नहीं, दो दिन से रुक रुककर बारिश से जनजीवन पर भी असर पड़ा।

हालांकि, सोमवार को शाम तक अधिकांश इलाकों में वर्षा थम गई थी, मगर आसमान में आंशिक रूप से बादलों की मौजूदगी बनी हुई है। उधर, मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ का असर सोमवार को भी उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में वर्षा-बर्फबारी हो सकती है।

यहां हुई बर्फबारी –

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब, गोरसों, चोपता, हनुमानचट्टी, तुंगनाथ, मदमहेश्वर, पिथौरागढ़ जिले की ऊंची चोटियां आदि।

मौसम की दुश्वारियां –

-बर्फबारी से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य बाधित, विद्युत व संचार सुविधा की बहाली में बाधा

-बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में बंद, हनुमानचट्टी में भी बर्फ हटाने का कार्य बाधित

-टिहरी जिले में हेंवलघाटी और चंबा-मसूरी फलपट्टी में ओलावृष्टि व बारिश से टमाटर समेत नकदी फसलें चौपट

-चमोली के थराली, नारायणबगड़, गैरसैण व देवाल के दूरस्थ गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को भारी क्षति

मौसम का पूर्वानुमान –

मंगलवार को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं विशेषकर उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जनपदों के 10 फीसद क्षेत्रफल में वर्षा व बर्फबारी की संभावना है। सूबे के अन्य जनपदों में मौसम शुष्क रहेगा।

गोमुख की राह मुश्किल

इस बार मार्च माह तक हुई बर्फबारी ने गोमुख यात्रा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में यात्रा सीजन शुरू होने तक भी गोमुख ट्रैक को खोलना किसी चुनौती से कम नहीं है। हालत यह है कि अभी गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मचारी ट्रैक की रेकी तक नहीं कर सके हैं। जबकि बीते सालों तक मार्च के अंतिम हफ्ते में ट्रैक को दुरुस्त करने का काम शुरू हो जाता था।

गंगोत्री धाम से 18 किलोमीटर का ट्रैक कर गोमुख तक पहुंचा जाता है। Read more