अस्पताल पहुंचकर सीएम ने घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कोटद्वार बेस अस्पताल में सिमड़ी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटनाग्रस्त में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार बेस अस्पताल में घायलों के परिवारजनों से मुलाकात कर कहा कि घायलों के ईलाज के लिये सरकार द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों के बारे में डाक्टरों से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सिमड़ी, पौड़ी बस दुर्घटना में फर्स्ट रेस्पांडर के रूप में घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आस-पास के ग्रामीण पहुँचे और उन्होंने घायलों को बाहर निकालने में मदद की। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी को निर्देशित किया है कि जिन ग्रामीणों ने आपदा की घड़ी में घायलों को और मृतकों को बाहर निकालने में मदद किया है उनकी सूची बनाकर उनको भी प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाए।

राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सिमडी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटना स्थल का जायजा लिया। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। 4 अक्टूबर 2022 की देर सायं को सिमड़ी में हुई वाहन दुर्घटना एवं राहत-बचाव कार्यों की मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू कर रहे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, राजस्व पुलिस और इस कार्य में लगे विभिन्न विभागीय कार्मिकों को तेजी से रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को घायलों का त्वरित और समुचित उपचार करने के निर्देश दिए। प्रभावित परिवारों से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को उचित उपचार दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी।
मुख्यमंत्री कल देर सांय से ही अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ले रहे थे। उन्होंने राज्य आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया एवं अधिकारियों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने एवं शासन स्तर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये थे।
इस अवसर पर विधायक लैंसडाउन दिलीप रावत, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी करण सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान उपस्थित रहे।

द्रोपदी डांडा-2 की पहाड़ियों में 26 पर्वतारोही लापता, 4 के शव बरामद, 4 सकुशल बचाये

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 34 प्रशिक्षु और सात पर्वतारोहण प्रशिक्षक डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर को बेसिक/एडवांस कोर्स के प्रशिक्षण के लिए गए थे। इसी दौरान वहां से लौटते समय वे एवलांच की चपेट में आ गए है। निम प्रशासन के अनुसार, रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। समाचार दिए जाने तक 4 प्रशिक्षुओं के शव बरामद हुए हैं और 4 प्रशिक्षुओं को सकुशल बरामद किया गया है, जबकि 26 प्रशिक्षु अभी भी लपता है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से अभी रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है। मौसम ठीक होने पर दोबारा रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। वहीं, चीता हेलिकाप्टर के द्वारा घटनास्थल के लिए उड़ान भरी गई लेकिन मौसम खराब होने के कारण पायलट को वापस लौटना पड़ा।
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर पूरे क्षेत्र की रेकी करेंगे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना की गई है। तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवांस में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सेटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरन्तर समन्वय किया जा रहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में बात की। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी गई है। इस घटनाक्रम को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली है।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भर्ती घोटाले के आरोपी का रिजॉर्ट ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरु

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड हाकम सिंह के सांकरी स्थित अवैध रिसोर्ट को आज आखिरकार ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले बुलडोजर और फिर प्रशासन ने ग्रामीणों कि मदद से इस आलीशान रिसोर्ट को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक रिसोर्ट के काफी हिस्से को हटाने की कार्रवाई की जा चुकी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर पिछले दिनों कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। युवाओं की शिकायतों को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशों ओर अगले ही दिन इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान एक के बाद एक बड़े खुलासे होते चले गए। सबसे बड़ा नाम उत्तरकाशी के नेता हाकम सिंह को लेकर हुआ। सीएम ने कार्रवाई से गुरेज नहीं किया और इसी का नतीजा रहा कि हाकम सिंह को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगाई गई। इस मामले में एसटीएफ अब तक 40 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है। जबकि हाकम सिंह की संपत्तियों की जब जांच हुई तो उसकी अकूत दौलत और तमाम रिसोर्ट आदि के बारे में पता चला।
ऐसा ही एक रिसोर्ट हाकम का मोरी सांकरी में भी होना प्रकाश में आया। सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के बावजूद यहां आलीशान रिसोर्ट काली कमाई से बनाया गया। प्रशासन की जांच में हालांकि इसके सरकारी भूमि पर बने होने की पुष्टि हुई।
राजस्व विभाग व गोविंद वन्य जीव विहार द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण को लेकर नाप-जोख की गई थी। नाप जोख में वन विभाग की मुनारे क्षतिग्रस्त पाए गए। संयुक्त टीम द्वारा वन एवं राजस्व की अतिक्रमण भूमि की नाप-जोख कर चिन्हित किया गया। वन विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मुनारों की पुनः मरम्मत का कार्य भी किया गया और वन भूमि के अतिक्रमण को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए। साथ ही अतिक्रमण की गई भूमि को सील किया गया था।
इसी क्रम में रिसोर्ट के अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया और आज इसी क्रम में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई। आज तहसील मोरी के सांकरी में स्थित रिजॉर्ट के वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर वन विभाग,राजस्व व पुलिस प्रशासन टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की। पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध अतिक्रमण में बने रिजॉर्ट का ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है, वहीं ग्रामीणों द्वारा भी इस कार्य में प्रशासन को सहयोग किया जा रहा है।

आपदा कंट्रोल रुम पहुंचे सीएम, अधिकारियों से पल-पल की जुटाई जानकारी

पौड़ी जिले में बस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को देर सांय सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दुर्घटना के बारे मे विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी से फोन पर बात कर उन्हें पूरी सतर्कता के साथ राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा कंट्रोल रूम के अधिकारीयों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने और जिले के अधिकारीयों से लगातार सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये। कहा कि शासन स्तर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
बस दुर्घटना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने फोन पर विधायक लैंसडाउन से भी वार्ता की तथा स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों का हर संभव उपचार की व्यवस्था तथा राहत एवं बचाव कार्यों में समन्वय के साथ तेजी लाये जाने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा डॉ. रणजीत सिन्हा को निर्देश दिये कि आपदा प्रबन्धन तंत्र को निरन्तर सक्रियता से संचालित किया जाए तथा आपदा की स्थिति पर बराबर नजर रखी जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में हुई घटना की भी अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इन दुर्घटनाओं के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने अपने कल के पूर्व प्रस्तावित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये हैं।

निकायों में सभी कार्य ऑन लाइन करने पर दे जोर-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में शहरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान आवासीय योजनाओं के निर्माण के समय ही लाभार्थियों को आवास आवंटित किए जाने के निर्देश दिए ताकि लाभार्थी स्वयं भी आवास निर्माण की क्वालिटी चेक कर सकें, साथ ही, लाभार्थी अपनी सुविधानुसार छोटे-मोटे परिवर्तन कर सकें इसका भी प्राविधान किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रॉपर्टी टैक्स हेतु सेल्फ असेसमेंट सिस्टम को 100 प्रतिशत लागू कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने ट्रेड टैक्स नवीनीकरण के लिए लाइसेंस की समयावधि भी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने हेतु पावर डेलीगेट करने के भी निर्देश दिए। कहा कि जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी फाइल उच्च स्तर तक जाने से उच्च स्तर पर अनावश्यक रूप से कार्यों का दबाव बढ़ता है और बाकी कार्य प्रभावित होते हैं। उन्होंने अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे आमजन को बार बार ऑफिसों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
मुख्य सचिव ने शहरी विकास विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु सिस्टम विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि सभी कर्मचारियों का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए और इसका एसीआर में भी उल्लेख किया जाए। इसके लिए इस क्षेत्र में बेस्ट कार्य कर रहे संस्थानों से एमओयू किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्लम में रह रहे लोगों को एक अच्छा माहौल रहने को मिले इसके लिए प्लान तैयार किया जाए, साथ ही स्लम रिहैबिलिटेशन हेतु बजट में प्राविधान किए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिए भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भी लाभ उठाया जाए। उन्होंने सरकारी भूमियों पर कब्जों से बचाने हेतु जीपीएस बेस्ड सिस्टम विकसित किए जाने के साथ ही डिमार्केशन और साइन बोर्ड आदि लगाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

समान नागरिक संहिता विषेशज्ञ समिति के सदस्यों ने नागरिकों से सुझाव लिये

राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विषेशज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा नागरिकों का पक्ष सुनने के लिए क्षेत्र में भ्रमण का कार्यक्रम निर्धारित किया गया। इसका उद्देश्य राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी देकर उनके सुझाव प्राप्त करना है। विशेषतौर से महिलाओं व युवाओं को इसके बारे में बताते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, सम्पत्ति का अधिकार, आदि पर सुझाव प्राप्त कर तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित करना है।
समिति के सदस्यों द्वारा भ्रमण का कार्यक्रम राज्य के सीमान्त गॉव, माणा जनपद चमोली से आरम्भ किया गया। दिनांक 01.10.2022 को माणा गॉव में सदस्यों द्वारा बैठक आयोजित की गयी। समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी देने के उपरान्त उपस्थित महिलाओं, पुरूषों व युवाओं द्वारा अपने क्षेत्र से सम्बन्धित रीति-रिवाजों के विषय में जानकारी दी गयी। उनके द्वारा विभिन्न मुद्दों पर सुझाव प्रेषित किये गये। इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा पारम्परिक वेशभूषा पहन कर प्रतिभाग किया गया।
जोशीमठ के नगर पालिका भवन में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा बैठक आयोजित कर उपस्थितजनों के सुझाव मांगे गये। इस बैठक में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, प्रबुद्ध जनों द्वारा उपस्थित हो कर अपने अमूल्य सुझाव प्रेषित किये गये। क्षेत्रीय भ्रमण में माननीय सदस्य शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ व डॉ सुरेखा डंगवाल द्वारा प्रतिभाग किया गया। सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 15.10.2022 से कुमाऊॅ मण्डल के जनपदों के लिए भी प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया जा चुका है। उनके द्वारा बताया गया कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्र हनोल, पुरोला, उत्तरकाशी आदि में क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए जागरूक किया जायेगा।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार को मिला सम्मान

भारत सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर 17 सितंबर 2022 से 1 अक्टूबर 2022 तक देशभर में आयोजित रक्तदान अमृत महोत्सव में उत्तराखंड को रक्तदाता कलेक्शन में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर दिल्ली में एम्स सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया द्वारा उत्तराखंड के प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ आर राजेश कुमार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के महानिदेशक डॉ अतुल गोयल व एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ श्रीनिवासन भी उपस्थित रहे।
सम्मान समारोह में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, निदेशक उत्तराखंड रक्त संचरण परिषद डॉ सरोज नैथानी, प्रभारी अधिकारी ब्लड सैल डॉ सुजाता सिंह भी मौजूद रही। स्वैच्छिक रक्तदान में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रदेश को मिली इस उपलब्धि पर प्रभारी सचिव ने सभी अधिकारी, कर्मचारी को बधाई देते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड को मिला यह सम्मान गौरव का विषय है, इसके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

धामी के नेतृत्व का करिश्मा, देशभर में बज रहा उत्तराखंड का डंका

उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्त में उत्तराखंड विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 2 दिनों में मिले 3 राष्ट्रीय पुरस्कारों ने यह बताने का काम किया है कि राज्य का नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में है जो उत्तराखंड को 2025 में देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इन दो दिनों में उत्तराखण्ड को भारत सरकार से तीन क्षेत्र में पुरस्कार मिले है। 16 सितम्बर 1975 को पिथौरागढ़ में जन्मे पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनकी अगुवाई में किसी पार्टी की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी हुई। पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के विकल्प रहित संकल्प पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। स्वयं धामी का मानना है कि देवभूमि को सर्वाेच्च शिखर पर पहुंचाने की यह यात्रा उनकी अकेली नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है।

पहला- ’फिल्म पुरस्कार’
भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा उत्तराखण्ड को 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film Friendly State (Special Mention) पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार महानिदेशक, सूचना एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद बंशीधर तिवारी द्वारा प्राप्त किया गया है।

दूसरा- ’रक्तदान पर पुरस्कार’
देशभर में आयोजित रक्तदान अमृत महोत्सव में उत्तराखंड को रक्तदाता कलेक्शन में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर दिल्ली में एम्स सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया द्वारा उत्तराखंड के प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ आर राजेश कुमार को सम्मानित किया गया।

तीसरा- स्वच्छता पुरस्कार
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 100 से कम निकाय वाले राज्यों में उत्तराखंड का स्थान टॉप 3 में आने पर शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। बता दे कि उत्तराखंड के 5 शहरों (हरिद्वार, लंढोर कैंट, डोईवाला, नरेंद्रनगर और रामनगर) का भी चयन स्वच्छ भारत मिशन में होने पर सम्मानित किया गया।

विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर बहुत सी जिम्मेदारियां आ गईं, जिनको बखूबी निभाते हुए उन्होंने जनता का दिल जीत लिया। महज छह माह के कार्यकाल में धामी अपने जनहित के फैसलों से लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए। धामी की काबीलियत पर विश्वास करते हुए भाजपा हाईकमान ने उन्हें वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। मृदुभाषी, ईमानदार और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व से धामी ने भाजपा नेतृत्व के भरोसे पर खरे उतरे। चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम आये और भाजपा प्रचण्ड बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में लौट आाई। इस जीत के साथ ही धामी ने तमाम सियासी मिथक तोड़ डाले। उसी का परिणाम था कि खटीमा विधानसभा से हार के बाद भी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उनको दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। संवैधानिक बाध्यता के चलते धामी को चंपावत सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ना पड़ा। वहां की जनता ने अपने युवा मुख्यमंत्री के लिए रेड कार्पेट बीच दिया। मतदान के दिन इस चमकते हुए सितारे के पक्ष में वोटों की बरसात कर दी। धामी ने पड़े वोटों के 94 फीसद मत हासिल कर देश में अबतक की सबसे बड़ी जीत अपने नाम कर ली।

मुख्यमंत्री धामी ने अब तक के अपने अल्प कार्यकाल में ताबड़तोड़ बड़े फैसले ले चुके हैं, जिनमें 10 वीं से स्नात्तक के छात्रों को टेबलेट, नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें, उत्तराखंड देव स्थानम बोर्ड को भंग करने, गेस्ट टीचरों, शिक्षा मित्रों व इंटर्न डाक्टरों का मानदेय बढाने के साथ ही सैन्य धाम, भ्रष्टाचार मुक्त ऐप-1064, सीएम वात्सलय योजना, महालक्ष्मी योजना, वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी, गरीब परिवारों को तीन मुफ्त सिलेंडर, बेहतर हवाई कनेक्टिविटी, कोरोना काल के दौरान विभिन क्षेत्रों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करना, प्रदेश स्तर के विभिन्न पुरस्कारों में धन राशि की बढ़ोतरी, स्वरोजगार कैंपो के माध्यम से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना आदि प्रमुख फैसले हैं।

इसके अलावा, प्रदेश में भ्रष्टाचार और नकल माफियाओं के खिलाफ भी मुख्यमंत्री ने फैसले लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की व प्रदेश में लंबे समय से चली आ रही समान नागरिक संहिता और भू-कानून की मांग को प्रदेश हित में लागू करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता दिखाई। आत्मविश्वास से लबरेज धामी अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। वो जानते हैं कि जनसहभागिता से ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हर हाल में उन्हें देवतुल्य जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करना है। जनता को सुशासन और पारदर्शी प्रशासन मिले इसके लिए उन्होंने नौकरशाहों को सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और सन्तुष्टि का मंत्र दिया है।

संदेश साफ है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास सूत्रवाक्य को आत्मसात कर राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है। प्रदेश में सुदृढ़ वित्तीय अनुशासन एवं राजकोषीय प्रबंधन के लिए उन्होंने ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं। जरूरतमंदों की सेवा के साथ ही प्रदेश समृद्धि की ओर अग्रसर है। पर्यटन क्षेत्र में तीव्र विकास से समृद्ध उत्तराखण्ड का सपना संजोया गया है, जिसका रोडमैप तैयार है। शिक्षा को गुणवत्तापरक और कौशल विकास को रोजगारपरक बनाने की पहल शुरू हो चुकी है। निर्बल वर्गों का सशक्तीकरण करते हुए उनमें सामाजिक सुरक्षा का भाव जागृत किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता उत्तराखण्ड की नींव रखी जा चुकी है। सधे और संतुलित कदमों के साथ धामी निरन्तर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ कर सीएम ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को लच्छीवाला नेचर पार्क में राज्य वन्यजीव सप्ताह 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजाजी नेशनल पार्क की ऑफिशियल वेबसाइट लॉच की एवं राजाजी नेशनल पार्क के लिए 2 रैपिड रिस्पांस वाहन का लोकार्पण भी किया। वन्यजीवों से हुई मवेशी एवं फसल क्षति के लिए 16 लोगों को मुआवजा चेक भी मुख्यमंत्री ने प्रदान किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य वन्यजीव सप्ताह 2022 के शुभारंभ के अवसर पर घोषणा की कि वन्यजीवों द्वारा वयस्क एवं अवयस्क की मृत्यु पर देय अनुग्रह राशि की दर को 4 लाख रूपये से बढ़ाकर 5 लाख रूपये किया जायेगा। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को देय अनुग्रह राशि को 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रूपये किया जायेगा। प्रदेश में राजकीय ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले वन कर्मियों के परिजनों को सम्मान स्वरूप 15 लाख रूपये अनुग्रह राशि के रूप में भुगतान किया जायेगा। प्रदेश में जिम कॉर्बेट हैरिटेज ट्रेल की स्थापना की जायेगी। जिसमें कॉर्बेट के जीवन से जुड़े स्थानों को चिन्हित कर वहां पर ईको पर्यटन की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। इसमें चम्पावत, तल्लादेश, मंच, बूम, कालाढूंगा, चूका, दूर्गा पीपल, देवीधूरा, चौगढ़, कालाढूंगी, नैनीताल, मोहान, काठ की नाव, कांडा, मुक्तेश्वर एवं रूद्रप्रयाग जैसे स्थानो पर विशेष पट्टिका का निर्माण किया जायेगा, इसके साथ ही ट्रैक मार्गों का जीर्णाेद्धार किया जायेगा और होम स्टे को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वन विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बीच मानव-वन्यजीव संघर्ष के निवारण की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण में सकारात्मक सहयोग एवं त्वरित कार्यवाही के लिए 10 संवेदनशील वन प्रभागों में त्वरित कार्यवाही दल का गठन किया जायेगा, 5 स्थानों पर त्वरित कार्यवाही दल का गठन पहले ही किया जा चुका है। भारत सरकार से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में गर्जिया पर्यटन जोन को प्रारम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान हो चुकी है, इसे शीघ्र ही प्रारंभ किया जायेगा। शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की पुनर्स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक-एक नए पर्यटन स्थल को विकसित किए जाएं। नये पर्यटन स्थलों का निर्माण में विशेष ध्यान रखा जाए कि उनके प्राकृतिक स्वरूप से अधिक छेड़छाड न हो। उन्होंने कहा कि वन्यजीव हमारी आस्था और संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। हमारी संस्कृति में देवताओं के साथ वन्यजीवों को भी पूजनीय माना गया है। वन्यजीवों के संवर्धन एवं संरक्षण की जिम्मेदारी सबकी है। मानव एवं वन्य जीव संघर्ष को कम करने की दिशा में तेजी से कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य में इकोनॉमी और ईकोलॉजी में सामंजस्य स्थापित करने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आज संपूर्ण विश्व का वन्यजीव संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान गया। उन्होंने कहा क्लाइमेट चेंज जैसे गंभीर मुद्दों पर आज विश्व चिंता कर रहा है एवं इन मुद्दों पर दूरदर्शी सोच के साथ कठोर नीति बनाए जाने की आवश्यकता है। पर्यावरण एवं विकास में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की परंपराओं में वनों एवं वन्यजीवों का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी आर्थिकी को बढ़ावा देने में भी वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे राज्य के लोग जंगलों वन्य जीव के संरक्षण हेतु बेहद संवेदनशील एवं जागरूक हैं। आर्थिक मजबूती के साथ पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। वनों एवं वन्यजीव को संरक्षित करने का संदेश हमारी संस्कृति में गानों के माध्यम से भी दिया गया है।
इस अवसर पर विधायक बृजभूषण गैरोला, प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ डॉ. समीर सिन्हा, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व डॉ. साकेत बडोला एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।