मुख्यमंत्री ने अलकनंदा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा की

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में अलकनंदा जल विद्युत परियोजना की समीक्षा बैठक के दौरान जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिए कि क्षेत्र के लोगों को जलापूर्ति हेतु परियोजना का शेष कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निदेशक जीवीके को निर्देश दिए कि परियोजना को फरवरी माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि अलकनंदा नदी के आसपास के क्षेत्र के लोगों का एकमात्र जल स्रोत अलकनंदा नदी है। इसके लिए जल संस्थान, पेयजल निगम, जीवीके पावर आदि सम्बंधित विभाग आपसी सामंजस्य स्थापित कर न्यूनतम जलापूर्ति सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के आसपास के क्षेत्रों में रोशनी सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परियोजना से प्रभावितों के बकाया भुगतान में शीघ्रता की जाए।
इस अवसर पर राज्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक विनोद कंडारी, सचिव पेयजल अरविन्द ह्यांकी, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, निदेशक जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर पीवी प्रसन्ना रेड्डी एवं महाप्रबंधक पेयजल निगम भजन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में काश्तकारों को उपलबध कराया जायेगा शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि उपकरणों की व्यवस्था हेतु कृषि ऋण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के काश्तकारों को कृषि उपकरणों की व्यवस्था हेतु शून्य ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इसके ब्याज की धनराशि की भरपाई खनन, परिवहन एवं ऊर्जा के क्षेत्र से हुई राजस्व प्राप्ति से की जायेगी। इससे किसानों को सुविधा होने के साथ ही उनकी आय दुगनी करने में मदद मिलेगी। इससे पूर्व पं. दीनदयाल किसान कल्याण योजना के तहत लघु एवं सीमान्त किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा था इससे लाखों किसानों को फायदा हुआ है। अब शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर काश्तकारों को ऋण उपलब्ध कराने से किसानों को सुविधा होगी। यह किसानों के कल्याण के लिये महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सोमवार को पौड़ी में की।

पौड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना का शुभारम्भ करने के साथ ही 107.73 करोड की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 78.08 करोड की 11 योजना का लोकार्पण तथा 29.65 करोड की 14 योजनाओं का शिलान्यास करते हुए कही। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पौड़ी के कोट ब्लाक स्थित देवार में एनसीसी एकेडमी खोलने, पौड़ी की ल्वाली झील का निर्माण करने, कोट ब्लाक के फलस्वाड़ी में माता सीता मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिए दो करोड़ देने, उत्तरकाशी में राज्य का पहला स्किल डेवल्पमेंट कॉलेज बनाने, जयहरीखाल में मेधावी बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय बनाने, 19.11 करोड की लागत से रामकुंड देवप्रयाग-सबदरखाल-कादेखाल पंपिंग योजना का निर्माण करने, कल्जीखाल ब्लाक में ग्राम भक्तोली-मुंडनेश्वर तथा डांग-भवन्यू-कोलड़ी से श्रीकोट-पोखरीखेत तक मोटर मार्ग निर्माण, कोट ब्लाक में बन्तापानी-कड़ाकोट-भुवनेश्वर तथा पौड़ी ब्लाक में घोड़ीखाल बैंड से पाली-रैदुल-आलीधार मोटर मार्ग का निर्माण, पक्कीकरण व सुधारीकरण करने एवं सतपुली थाने के समीप स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर बने सुलभ शौचालय नगर पंचायत सतपुली को आवंटित करने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एकेडमी के लिए 10 एकड़ भूमि को चयनित की गई है, वहीं पौड़ी की ल्वाली झील निर्माण की डीपीआर तैयार हो चुकी है। झील का निर्माण 6.50 करोड़ की लागत से शुरू किया जाएगा। झील में लगभग 80 लाख लीटर पानी रिजर्व किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने पौड़ी तथा टिहरी की स्थिति पर चिंता जताई। कहा कि इन जनपदों की रौनक को दोबारा लौटाने के लिए सरकार की ओर से ठोस येाजनाएं बनायी जा रही हैं। इसके तहत पौड़ी जनपद में एनसीसी एकेडमी की स्थापना की जायेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के लिये 02 एम्बुलेंसों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

ग्रामीणों की एकता ने दिखाया रंग, बुजुर्ग को ले गये अस्पताल

यमकेश्वर प्रखंड के कसाण गांव में स्थिति इतनी दयनीय है कि यहां के स्थानीय ग्रामीण सड़क न होने के कारण किसी बीमार व्यक्ति को कुर्सी की पालकी बनाकर ले जाने को मजबूर है। पिछले एक दशक से यहां सड़क की समस्या बनी हुयी है। मगर, यहां सड़क का निर्माण न हो सका।

यमकेश्वर प्रखंड के डांडामंडल क्षेत्र में स्थित कसान गांव 11 वर्ष पूर्ण तब सुर्खियों में आया था जब यहां बादल फटने से कुछ घर जमींदोज हो गए थे। 14 अगस्त 2007 की रात यहां आई इस आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस गांव की पीड़ा का कोई हल नहीं निकल पाया है।

आपदा पीड़ित होने के बावजूद प्रभावित लोगों का विस्थापन नहीं हो पाया। जितने भी लोग यहां रह रहे हैं वह विपरीत हालत में भी गांव की अवधारणा को पूरा करने के साथ पलायन जैसी समस्या को चुनौती दे रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गांव से मुख्य सड़क करीब 4 किलोमीटर दूर है। यहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है। किसी तरह से लोग आवागमन बनाए रखे हैं। विकट हालत तब हो जाते हैं जब गांव में कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाए। स्थानीय ग्रामीण सोहन ने बताया कि सोमवार को स्थानीय नागरिक देवेंद्र सिंह राणा की तबीयत खराब हो गई। आसपास क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। बीमार को चिकित्सालय तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी।

गांव वालों ने हिम्मत दिखाई कुर्सी में डंडे बांधकर उसे पालकी बनाया गया। इस कुर्सी में बीमार को बिठाकर किसी तरीके से पहाड़ी इलाके के ऊंचे-नीचे 4 किलोमीटर लंबे सफर किया गया। मुख्य मार्ग पर पहुंचने के बाद निजी वाहन के जरिए बीमार को ऋषिकेश चिकित्सालय लाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि जो लोग गांव में बसे हैं वह सड़क की मांग कर रहे हैं। मगर जो लोग गांव छोड़कर दिल्ली और अन्य जगह बस गए हैं। उनमें से कुछ लोग सड़क का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि सड़क हमारे खेतों से होकर नहीं जानी चाहिए।

डीएम आपदा के दौरान तुरंत एक्शन लेः त्रिवेन्द्र

राज्य में अतिवृष्टि व ऑधी तूफान से हुयी क्षति के जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावन ने ली। उन्होंने राज्य आपदा परिचालन केंद्र में डयूटी पर तैनात कर्मचारियों को फोन के माध्यम से जिलों की आपदा की जानकारी लेने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन माह वर्षाकाल के दौरान विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को किसी भी प्रकार के आपदा के लिए सतर्क रहने एवं शीघ्र रिस्पांस देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला आपदा कंट्रोल रूम का भी लगातार निरीक्षण करते रहें। ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्यवाही करें।

जिलाधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत निरन्तर जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की फोन नम्बर की लिस्ट भी अपडेट रखी जाए। ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर शीघ्र सम्पर्क किया जा सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तरकाशी एवं पौड़ी में 28 मीमी की बारिश हुई है। जबकि देहरादून में 40 मीमी बारिश हुई। उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट तहसील के गंगटाड़ी में एक बच्ची के बहने की सूचना मिली है। जबकि पौड़ी जनपद के चाकीसैंण तहसील के बुमोच में अतिवृष्टि से चार पशुओं की हानि हुई है। उन्होंने राज्य में बादल फटने संबंधी जानकारी होने से साफ इंकार किया। सीएम बोले राज्य में कोई बादल नहीं फटा है। इस तरह की सूचना का कोई औचित्य नहीं है।

पहला गांव होगा, यूपी सीएम चकबंदी वाला

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पौड़ी जिले में स्थित पैतृक गांव पंचूर को चकबंदी के लिए चुना गया है। यह फैसला उत्तराखंड सरकार द्वारा लिया गया है। यमकेश्वर का एक गांव पंचूर प्रदेश का पहला ऐसा गांव होगा, जहां चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई है।
डीएम पौड़ी सुशील कुमार विभागीय टीम को लेकर पंचूर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने चकबंदी कार्य की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी के पंचूर गांव से चकबंदी कार्य शुरू किया गया है। चकबंदी लागू होने से ग्रामीण किसानों की बिखरी हुई जोत एक हो जाएगी। अलग-अलग स्थानों पर उनकी भूमि का एक ही स्थान पर एकीकरण कर दिया जाएगा।
जिससे ग्रामीण किसान को कृषि, विपणन, परिवहन कई मामले में लाभ पहुंचेगा। इस मौके पर यमकेश्वर के ब्लॉक प्रमुख कृष्णा नेगी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव और यमकेश्वर में बसे इस गांव को चकबंदी के लिए चुना जाना क्षेत्र वासियों के लिए सम्मान की बात है। डीएम ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। जिलाधिकारी तहसील मुख्यालय विथयानी में आयोजित तहसील दिवस में भी जनसमस्याएं सुनेंगे और दिव्यांग जनों को प्रमाणपत्र वितरित करेंगे।

जीरो टॉरलेंस सरकार ने की कारवाई, भ्रष्टाचार के चलते किए वित्तीय अधिकार सीज

शासन ने पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम पर लगे वित्तीय अनियमितता के सात में से तीन आरोप गढ़वाल मंडलायुक्त की जांच में सही साबित होने पर उनके वित्तीय अधिकारों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वहीं पौड़ी के डीएम को अग्रिम आदेशों तक पालिका के वित्तीय अधिकारों का जिम्मा सौंपा गया है।
गौरतलब है कि पौड़ी नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष यशपाल बेनाम पर वर्ष 2013-14 में वित्तीय अनियमितता के सात आरोप लगाते हुए सभासदों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। पिछली सरकार ने इन शिकायतों की जांच गढ़वाल मंडलायुक्त से कराई थी।
मंडलायुक्त ने दस अक्टूबर, 2015 और चार अगस्त, 2016 को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसके बाद पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम को कारण बताओ नोटिस जारी कर आरोपों पर पक्ष रखने का मौका दिया गया था। उनका पक्ष सामने आने के बाद कुल सात आरोपों में से तीन आरोप सिद्ध पाए गए। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पालिका के गेस्टहाउस के बारे में पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के सहायक अभियंता ने भवन सुरक्षित नहीं होने का प्रमाणपत्र 12 दिसंबर, 2013 को जारी किया। इस मामले में अध्यक्ष पर बोर्ड से भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव पास कराए बगैर ही यह कार्य किया गया। जांच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया गया कि भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव बोर्ड से विधिवत पास नहीं कराया गया। इस मामले में अध्यक्ष के साथ तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके रमेश प्रसाद सेमवाल को भी दोषी माना गया। जांच आख्या में कहा गया कि नगरपालिका अध्यक्ष ने तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल की ओर से शरदोत्सव के लिए 10 लाख रुपये देने के आश्वासन पर पालिका निधि से उक्त धनराशि खर्च कर दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी दरबान सिंह राणा ने विहित प्रक्रिया न अपनाकर बोर्ड फंड से धनराशि आवंटित की। इसमें वित्तीय अनियमितता की गई। उक्त धनराशि की विधायक निधि से प्रतिपूर्ति नहीं हुई। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से ग्रीष्मोत्सव के आयोजन को 20 लाख देने के आश्वासन पर उक्त आयोजन किए जाने का उल्लेख किया है। ग्रीष्मोत्सव पर 15 लाख रुपये व्यय किए गए, लेकिन पालिका निधि से आहरित इस धनराशि के बारे में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को अनुमोदित नहीं कराया गया। जांच में कहा गया कि 15 लाख की धनराशि का समायोजन किस मद से होगा, यह उल्लेख नहीं करना गंभीर अनियमितता है। पालिका ने कूपन छपवाने का बिल प्रस्तुत किया, उसमें 50 पृष्ठ की 100 बुक छापने का उल्लेख है। लेकिन, इन कूपनों से कितनी धनराशि प्राप्त हुई और उसे किन मदों में खर्च किया गया, इसका उल्लेख या व्यय विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त आयोजन यशपाल बेनाम परे व्यक्तिगत तौर पर कराया था और इसके लिए जिला प्रशासन या शासन से अनुमति नहीं ली गई थी। मंडलायुक्त एवं पौड़ी जिलाधिकारी की जांच आख्या और पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के अभिकथन के बाद शासन ने सात में उक्त तीन आरोप सिद्ध पाए। इनके आधार पर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश शहरी विकास प्रभारी सचिव राधिका झा की ओर से जारी किए गए हैं।

जंगली हाथी के हमले से पालतू हाथी की हुयी मौत

तीन जिलों की सीमा में फैला राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में एक पालतू हाथी की जंगली हाथी के हमले के दौरान मौत हो गई। जिससे क्षेत्र में रोष है। यह पालतू हाथी राजाजी टाइगर रिजर्व का था। बताया जा रहा है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में राजा नाम से प्रसिद्ध इस पालतू हाथी पर जंगली हाथी ने हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गयी। घटना से राजाजी प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल राजा 1993 में रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ मिला था राजा। तभी से पार्क प्रशासन इसका पालन पोषण कर रहा था। राजा पर्यटकों को सफारी भी करा रहा था।

नशे में धुत होकर करते थे रैगिंग, कॉलेज प्रशासन ने निष्कासित किया

छात्रावास में नशे की हालत में रैगिंग करना तीन छात्रों को महंगा साबित हुआ है। आखिरकार जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग लेने के मामले मे तीन छात्रों को तीन महीने के लिए छात्रावास से निष्कासित करना ही पड़ा। कॉलेज में द्वितीय वर्ष के तीन छात्र नशे में धुत होकर आधी रात को प्रथम वर्ष के छात्रों के हॉस्टल में रैगिंग लेने गए थे। जब द्वितीय वर्ष इलेक्ट्रिकल के तीन छात्र नशे की हालत मे प्रथम वर्ष के छात्रों के हॉस्टल में घुसे तो वहां प्रभारी वार्डन और स्टाफ ने तीनों को पकड़ लिया। इस बीच किसी छात्र ने छात्रों की शिकायत एंटी रैगिंग सेल में दर्ज करा दी। कालेज के निदेशक प्रो. एसपी पाण्डे ने बताया कि तीनों छात्रों को तीन महीने के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया है, हालांकि छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

अगले साल के अंत तक पूरी हो जाएगी चार धाम सड़क परियोजना

केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में ‘चार धाम’ सड़क संपर्क परियोजना को सरकार 2018 के अंत तक पूरा कर लेगी। 12 हजार करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े 10 प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी भी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना पर काम तेज कर दिया है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। इस परियोजनाओं से जुड़े अन्य अटके प्रस्तावों को भी जल्द ही मंजूरी प्राप्त हो जाएगी। क्योंकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें जारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह लोगों को सबसे बड़ा उपहार होगा। क्योंकि आस्था से जुड़ी चार धाम यात्रा लोगों के एजेंडे में शीर्ष पर रहती है। विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग चार धाम यात्रा के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि 900 किमी के नए अलाइनमेंट पर राजमार्गो का निर्माण किया जा रहा है और सुरंगों का निर्माण भी तेज गति से हो रहा है। यह मार्ग सभी मौसम में खुले रहेंगे।
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में गडकरी ने आधारभूत ढांचे पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों से मंजूरियों के अभाव में लटके चार धाम यात्रा के 18 प्रस्तावों में तेजी लाने का अनुरोध किया था। चार धाम परियोजना की आधारशिला पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।

छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर बागी शिवम ने लहराया परचम, पूर्व में रह चूके हैं विवि प्रतिनिधि

मैं ईश्वर की शपथ खाकर कहता हूं कि मैं अपने कर्तव्यों व जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन करूंगा। साथ ही राजकीय ऑटोनॉमस महाविद्यालय में शिक्षा को आगे ले जाने के लिये हर संभव तत्पर रहंूगा। कुछ इसी पंक्ति के साथ राजकीय महाविद्यालय के विजयी उम्मीदवारों ने शपथ ग्रहण समारोह में पद की मर्यादा की कसम खायी। इस वर्ष मतदान का प्रतिशत 79 रहा। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत आगे रहा।
उत्तराखंड राज्य के एकमात्र ऑटोनॉमस कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के सर्मिर्थत व एबीवीपी के बागी प्रत्याशी ने अध्यक्ष पद पर कब्जा कर अपने प्रतिद्वंद्वी व एबीवीपी के प्रत्याशी विजय जुगरान को 328 मतो के अंतर से हरा कर एबीवीपी को सबक सिखाया है। वहीं महासचिव पद पर पहली बार मुस्लिम समुदाय से आने वाले व एनएसयूआई के प्रत्याशी इमरान खान ने ऑर्यन के शिखर भंडारी को 101 मतों से पराजित किया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी अजय कुमार जायसवाल 1522 मतो के साथ विजयी रहे। वहीं सह-सचिव पद एबीवीपी के प्रत्याशी कार्तिक शर्मा को 1423 मतो के साथ विजयी घोषित किया गया। कोषाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की निकिता पंत को 1238 मतों के साथ सफल उम्मीदवार बनाया गया। विश्व विद्यालय पद पर एबीवीपी के रवि कुमार 1256 मतों के साथ विजयी करार दिये गये। वहीं शाम सात बजे सफल उम्मीदवारों को शपथ ग्रहण दिलवायी गयी।
बारिश के दौरान भी कम नहीं हुआ छात्रों का उत्साह
सुबह आठ बजे से मतदान के शुरू होने के दो घंटे यानी दस बजे से बारिश ने अपनी दस्तक दे डाली। बावजूद छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बारिश के दौरान ही छात्रसंघ चुनाव में लड़ रहे उम्मीदवारों के प्रशंसक कॉलेज परिसर के बाहर नारेबाजी कर समर्थन हासिल करते दिखे।
किसी ने दीदी कहा, तो किसी ने जोड़े हाथ
छात्रसंघ चुनाव के दौरान सभी उम्मीदवार कॉलेज के प्रवेश द्वार के आगे एक पंक्ति में खड़े थे। इस दौरान वह अपने-अपने पक्ष में मत डालने के लिये अपने से छोटी उम्र की लड़कियों को दीदी तक कह रहे थे, तो कोई मतदान को अपने पक्ष में खींचने की कोशिश में हाथ जोड़ता भी दिखा।
चुनाव के दौरान समर्थकों में टकराव की स्थिति भी रही
छात्रसंघ चुनाव में अपने-अपने समर्थकों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे छात्र गुटों में टकराव की स्थिति भी बनी। ऑर्यन गुट के समर्थक वोटर को अपने पाले में वोट डलवाने के लिये एक घेरा बनाकर चल रहे थे। इस पर दूसरे गुट के समर्थकों ने घेरा तोड़ना चाहा तो इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस बल ने भीड़ को मौक्े पर ही अलग-थलग कर मोर्चा संभाला।
नहीं रहा स्वच्छता का ध्यान
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चला रहे है, तो दूसरी ओर छात्रसंघ चुनाव में समर्थकों ने पोस्टर व पंपलेट से पूरी सड़कों में मानों एक चादर सी बिछा दी हांे।
चुनाव में दिखे बाहरी युवक
छात्रसंघ में भीड़ जुटाने के लिये शहर व आस-पास क्षेत्र के इंटर कॉलेजों व प्राइवेट संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी शामिल किया गया था।
शपथ-ग्रहण के बाद जुलुस का मौका दिया
सफल उम्मीदवारों को क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी ने कॉलेज के प्रवेश द्वार से लेकर बड़ी मंडी के समीप लगे बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने की अनुमति दी।
उम्मीदवारों को पुलिस ने गाड़ी में बिठा, छुड़वाया घर
बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने के बाद सीओ मंजूनाथ टीसी के आदेश पर सभी सफल उम्मीदवारों को पुलिस की गाड़ी में बिठा कर सम्मान पूर्वक घर पहुंचाया गया।

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