मुख्यमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजक्ट है। उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निमाण कार्यों में और तेजी लाने के लिए मानव संसाधन के साथ पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था भी हो।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में मास्टर प्लान के अनुरूप श्री केदारनाथ को भव्य बनाया जा रहा है।

समयबद्ध, गुणवत्तायुक्त और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप कार्य पूरा करने के लिए निर्देश
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भव्य केदारपुरी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री धामी कृतसंकल्प हैं। वे लगातार प्रोजेक्ट की मानिटरिंग कर रहे हैं। खराब मौसम के कारण केदारनाथ न जाने पर उन्होंने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट का निरीक्षण और समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में अवशेष आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल एवं मंदाकिनी नदी पर बन रहे ब्रिज के निर्माण कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले दो-तीन माह में श्री केदारनाथ में कार्य करने के लिए अच्छा समय है, इस दौरान तेजी से कार्य किये जायेंगे।

द्वितीय चरण के कामों में तेजी लाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री केदारनाथ में चल रहे द्वितीय चरण के जो कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, उनमें भी तेजी लाई जाय। सरस्वती नदी पर घाट एवं आस्था पथ के निर्माण के कार्य जल्द पूर्ण किये जाय।

प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई की श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं। शंकराचार्य सामधि एवं ब्रिज का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जायेगा। द्वितीय चरण के कार्यों में 116 करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृत हो चुकी है। 08 कार्यों पर कार्य शुरू हो गया है। द्वितीय चरण में संगम घाट का नव निर्माण, आस्था पथ में रेन शेटलर, वाटर एटीएम, कमांड एण्ड कंट्रोल रूम, हॉस्पिटल बिल्डिंग एवं अन्य कार्य किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से कर चुके हैं विकास कार्यों की समीक्षा
प्रधानमंत्री केदारनाथ आपदा के समय से केदार पुरी के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित हैं। प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं। 2013 में केदारनाथ आपदा के समय मुख्यमंत्री गुजरात रहते हुए उत्तराखंड सरकार प्रस्ताव दिया था कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण में सहयोग करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री बाबा केदार से आध्यात्मिक रूप से जुड़े हैं। स्वयं ध्यान गुफा में बैठकर प्रधानमंत्री जी ने बाबा केदार के प्रति अपनी आस्था सार्वजनिक रूप से प्रकट की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत एवं वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल उपस्थित थे।

मनमानी का केन्द्र बना उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुईं भर्तियों की शासन ने जांच बैठा दी है। शासन ने कुलसचिव से बिंदुवार सभी भर्तियों पर रिपोर्ट तलब की है। अपर सचिव राजेंद्र सिंह की ओर से कुलसचिव को भेजे गए आदेश में पिछले वर्षों में हुईं भर्तियों में की गई अनियमितता की जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने विवि में पीआरडी के माध्यम से की जा रहीं भर्तियों और पिछले दो माह में पीआरडी से हुईं भर्तियों की रिपोर्ट भी मांगी है।

इसके अलावा नर्सिंग भर्ती, प्रोफेसर पदों पर सीधी भर्ती, विवि द्वारा अपने स्तर से शासन द्वारा नियुक्त कुलसचिव को हटाते हुए नए कुलसचिव की नियुक्ति, लेखा अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी के पद प्रमोशन के पद एवं वित्त विभाग के पद विज्ञापन जारी करने की स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।

शासन ने योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय व संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने, विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन एवं एसीपी का भुगतान करने, बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि द्वारा गठित समितियों के गठन की विस्तृत सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विवि में पिछले दो माह में 60 से अधिक युवाओं पीआरडी जवानों को भर्ती कर दिया गया है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं।

मनमानी का अड्डा बना आयुर्वेद विवि
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मनमानी का अड्डा बन गया है। शासन से जिस अधिकारी को कुलसचिव बनाकर भेजा जाता है, उसे विवि प्रशासन की ओर से खुद ही हटाकर नए कुलसचिव की नियुक्ति की जाती है। भर्तियों में न रोस्टर का कुछ अता-पता है और न ही शासन का कोई संज्ञान। आखिरकार अब जांच के निशाने पर अब कई अधिकारी आ गए हैं।

आयुर्वेद विवि में वर्ष 2017 से लगातार नियमों की अनदेखी की जा रही है। पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों के बाद से भी यहां मनमानी का सिलसिला जारी है। शासन ने 2017 से अब तक की नियुक्तियों को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। फिर चाहे प्रोफेसर की भर्ती हो या नर्सिंग स्टाफ की। हद तो तब है कि जो पद विवि में हैं ही नहीं, उन पदों पर प्रमोशन और एसीपी का भुगतान किया जा रहा है।
नियमानुसार भर्तियों के लिए शासन की अनुमति जरूरी होती है लेकिन विवि के अधिकारी किसी की अनुमति की जरूरत ही महसूस नहीं कर रहे हैं। हालात यह हैं कि खुद ही विज्ञप्ति जारी की जाती है और खुद ही उसे रद्द कर दिया जाता है। युवा भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

पीआरडी से भर्तियों की बरसात
आयुर्वेद विवि में ताजा मामला पीआरडी के माध्यम से होने वाली भर्तियों का है। यहां पिछले दो माह में ही बिना शासन की अनुमति, बिना नियमों का पालन किए 60 से अधिक नौजवानों को पीआरडी के माध्यम से भर्ती कर दिया गया है। सवाल उठ रहे हैं कि विवि के अधिकारी किसी शह पर यह भर्तियां कर रहे हैं।

मनमानी का आलम यह है कि एक अधिकारी को बुलाया, कार्यमुक्त किया फिर रख लिया गया। इसी तरह आयुर्वेद विवि में आयुष विभाग से एक अधिकारी को पहले बुलाया गया, फिर कार्यमुक्त किया गया और फिर वहीं रख लिया गया। इस पूरे प्रकरण में शासन को संज्ञान में ही नहीं लिया गया है। ऐसे तमाम प्रकरण हैं, जिसमें मनमानी खुलकर सामने आ रही है। 

15 विषयों में प्री पीएचडी के लिए 70 सीटें निर्धारित

श्रीदेव सुमन विवि इसी सत्र से पहली बार प्री पीएचडी शुरू करने जा रहा है। कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होते ही अक्तूबर-नवंबर तक प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी। 15 विषयों में प्री पीएचडी के लिए 70 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्री पीएचडी के छह माह का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विवि प्रशासन ने सभी 15 विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की कमेटियों का गठन कर लिया है। पहले बैच में सिर्फ विवि से संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों में ही प्री पीएचडी होगी।
प्री पीएचडी में दाखिले के लिए विवि प्रशासन ने पहले जुलाई में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विवि ने सेंट्रल हिमालयन एनवायरमेंट एसोसिएशन से 2019 में एमओयू भी कर लिया है, लेकिन विवि से संबद्ध महाविद्यालयों से सीटों और विषयों की संख्या की रिपोर्ट मिलने में हुए विलंब के चलते विवि सीटों की संख्या का सही निर्धारण नहीं कर पाया था। 
विवि के प्रभारी कुलसचिव डा. एमएस रावत ने बताया कि प्री पीएचडी के लिए 15 विषयों में 70 सीटें निर्धारित कर ली गई हैं। प्री पीएचडी में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेस टेस्ट के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए सभी विषयों में कमेटियों का गठन कर लिया गया है। जल्द ही कमेटियों की बैठक आयोजित कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिसर्च डिग्री कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही प्री पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी। स्थानीय विषयों पर ही विवि का शोध कराने पर विशेष फोकस रहेगा। तभी विवि के शोध कार्यों का लाभ स्थानीय समुदाय को मिल सकता है।

इन विषयों में होगी प्री पीएचडी
हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, सैन्य विज्ञान, कामॅर्स, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भू-गर्भविज्ञान, गणित।

चार स्कूलों की लापरवाही छात्रों पर पड़ी भारी, रिजल्ट रोका गया

लंबे इंतजार के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं का रिजल्ट जारी किया। लेकिन देहरादून रीजन के चार स्कूलों को बोर्ड रिजल्ट के लिए अभी भी इंतजार करना होगा। दरअसल, सीबीएसई बोर्ड के पोर्टल पर गलत जानकारी अपलोड करने के चलते दून रीजन के चार स्कूलों का रिजल्ट रोक दिया गया है। 
कोरोनाकाल में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार बोर्ड परिक्षाओं को रद्द किया गया था। जिसके बाद बोर्ड ने छात्रों का रिजल्ट पिछली कक्षाओं के आधार पर तैयार किया है्, लेकिन बोर्ड के पोर्टल पर छात्रों से जुड़ी जानकारी जैसे रोल नंबर, नाम, जन्म तिथि, जिला या राष्ट्रीय स्तर का डाटा या विषयवार नंबर गलत भरने पर बोर्ड की ओर से महाश्री विद्या मंदिर रामपुर, सेंट एजीएम स्कूल सहारनपुर, हैप्पी होम कोटद्वार और एस पब्लिक स्कूल रुड़की का रिजल्ट जारी नहीं किया गया।

छात्रों का रिजल्ट जारी न होने से परेशान स्कूल प्रबंधकों ने सीबीएसई के कार्यालय से संपर्क किया तो उन्हें बोर्ड की ओर से बताया गया कि आपकी ओर से जानकारी गलत देने के चलते छात्रों का रिजल्ट रोका गया है। बोर्ड की ओर से इन सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि पोर्टल पर सही डाटा उपलब्ध कराया जाए। जिसके बाद 10वीं का रिजल्ट जारी किया जाएगा। 

वहीं, सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि छोटी सी गलती को भी ऑनलाइन पोर्टल पर पकड़ लिया जाता है। ऐसे में छात्रों के हितों को देखते हुए ही रीजन के चार स्कूलों का रिजल्ट को रोका गया है। इस संबंध में छूटे हुए स्कूलों को सूचित कर दिया गया है। सही डाटा मिलने के बाद स्कूल का रिजल्ट सप्ताह भर में जारी किया जाएगा। 

योगनगरी में कांग्रेस के दिग्गज खोजेंगे जीत की राह, विधानसभा चुनाव को लेकर तय होगा एजेंडा

आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के तीन दिवसीय विचार मंथन शिविर का शुभारंभ ऋषिकेश में हुआ। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कांग्रेस कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ ही ब्लॉक व जिले के पदाधिकारियों से कांग्रेस की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली।

ऋषिकेश में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विचार मंथन शिविर के प्रथम दिवस में भाग लेने पहुँचे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा सभी के असीम स्नेह से मैं अभिभूत हूं और सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पहले दिन पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात की और उनसे विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

लोकसभा चुनाव की दिशा भी तय करेगा 2022 का विधानसभा चुनाव

प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए पदाधिकारियों को अभी से जुटने के निर्देश दिए। गोदियाल ने पदाधिकारियों को जल्द वार्ड ईकाइयों को गठित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की दिशा भी तय करेगा। कांग्रेस हाईकमान की ओर से प्रदेश में किए गए संगठनात्मक बदलाव का असर उत्तराखंड के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नजर आना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गया है कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सरकार में मुख्यमंत्री बदले जाने के अलावा कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर राज्य की जनता को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है।

योगनगरी ऋषिकेश में कांग्रेस के दिग्गज विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का रोड मैप तैयार करेंगे। कांग्रेस के विचार मंथन शिविर में पार्टी के घोषणापत्र, जनता से जुड़े अहम मुद्दे, नाकामियों पर भाजपा सरकार को घेरने, जनसंपर्क अभियान और चुनावी प्रचार जैसे विषयों पर मंथन होगा। कांग्रेस विचार मंथन शिविर के साथ राज्य में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। नेतृत्व परिवर्तन, आरटीपीसीआर जांच घोटाले और कोविड की अधूरी तैयारियों को लेकर कांग्रेस पहले ही सत्तारूढ़ दल भाजपा को घेरने का पूरा प्रयास कर रही है। ये कांग्रेस को भी पता है कि केवल सरकार की नाकामियों को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए विचार मंथन शिविर में पार्टी के घोषणापत्र तैयार करने के लिए विभिन्न इकाइयों और कमेटियों के पदाधिकारियों से मिलने वाले सुझावों को तवज्जो दिया जाएगा।

आम जनता की नब्ज टोहने के लिए बूथ स्तर पर जनसंपर्क अभियान और नुक्कड़ बैठकों का रोस्टर तैयार करने को लेकर भी चर्चा होगी। वहीं चुनाव प्रचार की पूरी रणनीति भी शिविर में तय होगी। सबसे अहम शिविर में कांग्रेस की विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का गुर बताए जाएंगे।

कांग्रेस के तीन दिवसीय मंथन शिविर के दौरान प्रत्येक दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तीन सत्रों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वार्ड स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक के प्रथम सत्र में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेपा प्रतिपक्ष अध्यक्ष प्रीतम सिंह ,राजेश धर्माणि, दीपिका पांडे, किशोर उपाध्याय प्रदीप टम्टा, काजी निजामुद्दीन, प्रोफेसर जीतराम भुवन चंद्र कापड़ी, तिलक राज बेहड़ ,रणजीत रावत, करण मेहरा, प्रकाश जोशी, नवप्भात,राजेंद्र भंडारी मयूख मेहर, विजय सारस्वत नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

नई रोड धंसी, विस अध्यक्ष का चढ़ा पारा, मौके पर बुलाकर लगाई लताड़

एम्स रोड, ऋषिकेश में सामान से भरे ट्रक के रोड में धँस जाने की सूचना मिलते ही स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी को दूरभाष पर एम्स रोड में डामरीकरण में हुई अनियमिता के लिए खूब फटकार लगायी और कहा कि विभाग की इस घोर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देशित करते हुए कहा है कि शीघ्र एम्स रोड का निरीक्षण कर खामियों का पता लगाया जाए और जानकारी दी जाए ताकि दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।
निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता उपेंद्र गोयल को मौके पर बुलाया गया और स्पीकर ने ट्रक फंसने की वजह पूछी। उपेंद्र गोयल ने कहा है कि सड़क के नीचे पानी की पाइपलाइन की वजह से यह घटना हुई है जिस पर स्पीकर ने कहा कि मोटर मार्ग निर्माण से पूर्व तकनीकी जांच कराई जानी चाहिए थी ताकि इस प्रकार की घटना ना होती। इस दौरान स्पीकर ने सड़क मार्ग निरीक्षण करते हुए दोनों तरफ पानी से भरे हुए गड्ढों पर भी नाराजगी व्यक्त की।
ज्ञात हो कि नवंबर माह मे एम्स रोड के डामरीकरण का कार्य पूर्ण हुआ था। उस दौरान निर्माणाधीन कार्य का विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बीच-बीच में निरीक्षण भी किया गया और साथ ही विभाग के अधिकारियों को कार्य में गुणवत्ता के सख्त निर्देश दिए थे। मौके पर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता उपेंद्र गोयल सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

नाबालिग से दुष्कर्म का इनामी आरोपित गिरफ्तार

एसओजी व पटेलनगर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने मुंबई जाकर नाबालिग से दुष्कर्म के इनामी आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित 2017 में जेल से जमानत पर छूटने के बाद फरार हो गया था और पुलिस से बचने के लिए नाम बदलकर पंजाब व महाराष्ट्र में रह रहा था। रविवार को पत्रकारों से वार्ता में एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पटेलनगर कोतवाली में दर्ज एक दुष्कर्म के मामले में आरोपित मुनाजिर निवासी ग्राम बलवा महलगांव अररिया बिहार 2017 से जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद फरार चल रहा था।

न्यायालय में पेश न होने के कारण अदालत ने इसी वर्ष आरोपित को भगोड़ा घोषित किया था। आइजी गढ़वाल ने 2020 में आरोपित पर पांच हजार रुपये इनाम घोषित किया। आरोपित की तलाश में पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था। पुलिस को सूचना मिली कि मुनाजिर ठाणे (मुंबई) में है। 27 जुलाई को एसओजी की एक टीम को मुंबई भेजा गया तो पता लगा कि आरोपित अंजार नाम से पठानवाड़ी में रहकर मजदूरी कर रहा है। 29 जुलाई को पुलिस ने ठाणे में आरोपित को दहिसर चेक नाका, होटल सागर के सामने से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को पुलिस दो दिन का ट्रांजिट रिमांड लेकर शनिवार रात को देहरादून पहुंची।

एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2015 में मुनाजिर बंजारावाला से 12 साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर बिहार ले गया। वहां आरोपित ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। कुछ दिन बाद पुलिस ने बच्ची को पानीपत हरियाणा से बरामद करते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का लाभ दिलाये अधिकारी- रेखा आर्य

उन मातृ शक्तियों को मेरा अभिनंदन जिन्होंने एक बेटी को जन्म दिया। आप बेटियों को भी समान अधिकार दे रही है। ये प्रदेश के लिए गर्व की बात है। आपके इस सार्थक प्रयास की बदौलत एक दिन उत्तराखंड देवी की भूमि के रूप में जाना जाएगा। यह बात महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कही।

शनिवार को नई टिहरी के बहु उद्देशीय भवन में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया इस मौके पर करीब 30 महिलाओं को महालक्ष्मी किट वितरित की गई। भाजपा जिला अध्यक्ष नई टिहरी विनोद रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच और मंत्री रेखा आर्य के सार्थक प्रयासों की बदौलत आज महिलाओ को इस योजना का लाभ मिल रहा है।

इस दौरान मंत्री रेखा आर्य ने अपने संबोधन की शुरुआत मातृ शक्तियों की जयकार से की। उन्होंने कहा कि आप की गोद मे जो महालक्ष्मी हैं। यही आगे चलकर उत्तराखंड संभालेंगी। कहा कि एक माँ की थकान अपनी बेटी की मुस्कान से दूर होती है, जबकि पुरुषों में ऐसा देखने को नहीं मिलता। कहा कि इन्हें समान अवसर दीजिये, ये भी हर क्षेत्र में बेहतर कर सकती हैं, ऐसी शक्ति ईश्वर ने इन्हें दी हैं।

उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद हर माँ को जिस जिस सामान की जरूरत पड़ती है, वह सभी इस महालक्ष्मी किट में दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का इस योजना को स्वीकृति देने के लिए आभार जताया। इस मौके पर जिलाधिकारी टिहरी ईवा, आशीष श्रीवास्तव, भाजपा जिलाध्यक्ष टिहरी विनोद रतूड़ी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बबिता शाह, पूर्व दायित्व धारी बेबी असवाल, ब्लाक प्रमुख जाखणीधार श्रीमति सुनीता, ब्लाक प्रमुख चम्बा शिवानी बिष्ट, सीडीओ नमामि बंसल, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा रेखा राणा आदि मौजूद रहे।

केन्द्र सरकार की योजनाओं का उत्तराखंड को मिल रहा लाभ

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय, केदारपुरम में डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना उद्घाटन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. देवेन्द्र प्रसाद मांझी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘रीविजिटिंग डॉ. अम्बेडकर-थॉटस एण्ड फिलासफी’’ पुस्तक का विमोचन भी किया।
शोध एवं नवाचार केन्द्र, गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी भाषाओं में एक वर्षीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, उत्तराखण्ड की लोक कला पर आधारित दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम सहित अनेक घोषणाएं
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दून विश्वविद्यालय में डॉ0 आम्बेड़कर फाउंडेशन, सामाजिक कल्याण एवं आधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पोषित डॉ0 आम्बेड़कर चेयर की स्थापना की घोषणा की। इसके साथ ही राज्यपाल ने दून विश्वविद्यालय में मौलिक शोध एवं नवाचार को विकसित करने हेतु शोध एवं नवाचार केन्द्र की स्थापना करने, सत्र 2020-21 से दून विश्वविद्यालय में बी.एस.सी इन्टेग्रेटेड बॉयोलॉजिकल सांइसेस, गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी भाषाओं में एक वर्षीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, उत्तराखण्ड की लोककला पर आधारित दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (एम0ए0 थियेटर), एम0ए0,एम0एस0सी0 गृहविज्ञान, बी0ए0(ऑनर्स) मनोविज्ञान जैसे नये पाठ्यक्रमों के शुभारंभ की घोषणा की है।
कोविड-19 में अनाथ बच्चों के लिए दून विश्वविद्यालय में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट इस सत्र में आरक्षित
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी कोविड-19 की त्रासदी में जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनके लिए दून विश्वविद्यालय में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट इस सत्र में आरक्षित की जायेगी। यह सीट पूर्व से आवंटित सीटों के अतिरिक्त होगी।
राज्यपाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय इस चेयर के माध्यम से राज्य में महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय, सामाजिक बदलाव, मानवाधिकार एवं जातिगत भेदभाव जैसे विषयों पर अनुसंधान एवं शिक्षण के लिए विशेष रूप से सक्रिय रहेगा।
राज्यपाल मौर्य ने कहा कि भारतीय समाज के ताने-बाने की गहरी समझ रखने वाले बाबा साहेब ने संविधान में विभिन्न कानूनों का समावेश किया ताकि देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। आज भी हम उस राष्ट्र के निर्माण में लगे हैं जिससे बाबा साहेब के सपनों का भारत बन सके। जहाँ लोग बिना छुआछूत, धर्म या जाति के भेदभाव के एक सम्मानित जीवन जी सकें। हमारे विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि बाबा साहेब के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वद्यालयों को लोक कलाओं, लोक संगीत एवं लोक संस्कृति के संरक्षण के लिये कार्य करना चाहिये।

दून विवि में पुस्तकालय भवन के लिए बजट की व्यवस्था जल्द
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दून विश्वविद्यालय को डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्ष एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उनके द्वारा किये गये कार्यों से सभी परिचित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दून विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। दून विश्वविद्यालय में पुस्तकालय भवन के लिए बजट की व्यवस्था जल्द की जायेगी।

राज्य सरकार क्वालिटी ऑफ वर्क के लिए संकल्पबद्ध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में क्वालिटी ऑफ वर्क देने का प्रयास किया जायेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं के समाधान एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सीमित आर्थिक संसाधन हैं, इसके बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक निर्णय लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी घोषणाएं की जायेंगी, समयबद्धता के साथ वे पूर्ण भी की जायेंगी। सबको साथ लेकर राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि 2027 तक उच्च शिक्षा, पर्यटन, कृषि एवं सड़कों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनायेंगे।

रोजगार के लिए रोडमैप
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अपनी पहली कैबिनेट में ही सरकार ने जनहित से संबंधित अनेक निर्णय लिये। राज्य में विभिन्न विभागों के अनेक रिक्त पदों पर भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रक्रिया भी तेज हो चुकी है। स्वरोजगार की दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में 10 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए रोडमैप बनाया जा रहा है। कोविड की वजह से भर्ती प्रक्रियाओं में अभ्यर्थियों को अधिकतम आयुसीमा में एक साल की छूट प्रदान की गई है। एनडीए एवं सीडीएस की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार की वित्तीय सहायता एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों एवं पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले चयनित 100 अभ्यर्थियों को मेन्स एवं साक्षात्कार के लिए 50-50 हजार रूपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी।

कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन व स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये पैकेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण यात्रा है। उत्तराखण्ड के ये धाम लोगों के आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। अनेक लोगों की आजीविका चारधाम यात्रा से जुड़ी है। पर्यटन और चारधाम यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ का पैकेज दिया है। जिससे 01 लाख 65 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। कोविड -19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र एवं इससे जुड़े कार्मिकों के लिए 205 करोड़ रूपये का राहत पैकेज दिया जा रहा है। इससे राज्य में 03 लाख 73 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से किसी के हक हकूक प्रभावित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा। इसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि दून विश्वविद्यालय में राज्य के पहले डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर भी दून विश्वविद्यालय में एक चेयर की स्थापना की जायेगी। दून विश्वविद्यालय में डॉ. नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन संस्थान शीघ्र बनकर पूर्ण हो जायेगा।
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने वंचित वर्गों के शोषण एवं रूढ़िवादिता को समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन के निदेशक डॉ. देवेन्द्र प्रसाद मांझी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलसचिव डॉ. एस.एस. मन्द्रवाल, विश्वविद्वालय के प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।