सीएम की अध्यक्षता में हुई उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन बोर्ड की बैठक, लिए अहम निर्णय


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की तीसरी बैठक आयोजित हुई। बैठक में बोर्ड के वर्ष 2021-22 के बजट को अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही जोशीमठ में श्री बद्रीनाथ वेद वेदांग स्नात्तकोतर संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ की अध्यासन वाली भूमि पर वेद अध्ययन केन्द्र स्थापित किये जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में बोर्ड द्वारा धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिरों के गर्भगृह से सजीव प्रसारण न किये जाने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

बैठक में श्री केदारनाथ धाम में पूजाध्यात्रा व्यवस्था के सफल संचालन हेतु मास्टर प्लान के अनुसार आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य सम्पादित करने हेतु कन्सलटेंट चयनित किये जाने पर भी सहमति दी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम स्थित मन्दिरों में पुरानी परम्परायें चलती रहेगी। राज्य सरकार का कार्य मन्दिर की आन्तरिक व्यवस्थाओं पर अधिकार करना नही बल्कि सहयोग करना है। हमारा उद्देश्य मन्दिर परिसरों की सुविधाओं के विकास में सहयोगी बनना है। उन्होंने सभी सदस्यों से इस सम्बन्ध में सभी को अवगत कराने की भी अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित लोगों से वार्ता भी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा संचालित न होने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर बोर्ड को अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा, इसके लिये मुख्यमंत्री ने संशोधित प्रस्ताव प्रेषित करने को कहा।

बैठक में आयुक्त गढ़वाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन ने बोर्ड के कार्यकलापों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में श्री बद्रीनाथ देवस्थानम हेतु 24.46 करोड़, श्री केदारनाथ देवस्थानम के लिये 29.92 करोड़ तथा गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिये 50-50 लाख का बजट प्रस्तावित है जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में पर्यटन मंत्री तथा उपाध्यक्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड सतपाल महाराज, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव वित वी षणमुगम, बोर्ड के सदस्यों में महाराजा मनुजेन्द्र शाह, निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, गोविन्द सिंह पंवार, कृपाराम सेमवाल, जयप्रकाश उनियाल तथा महेन्द्र शर्मा उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड वीडी सिंह, वित नियन्त्रक जगत सिंह बिष्ट, डॉ. हरीश गौड, अनिल ध्यानी, प्रमोद नौटियाल, कुलदीप नेगी आदि उपस्थित थे।

कर्णप्रयाण-गैरसैंण विकास खंडों की सड़कों के संबंध में सीएम से मिले राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य

देहरादून। भाजपा की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा ने उत्तराखंड सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कर्णप्रयाग-गैरसैंण विकास खंडों की सड़कों के संबंध में चर्चा की और इस आशय का उन्हें पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वे शीघ्र इन सड़कों का संज्ञान लेंगे।

सतीश लखेड़ा ने कहा कि अनेक सड़कों के लिए लंबे समय से जन आंदोलन चल रहे हैं और वे आज भी विकास से कोसों दूर हैं। कुछ सड़कें विभिन्न अनापत्तियों के कारण शासन में रुकी हुई हैं। कुछ सड़कों के लिए समस्त औपचारिकताएं तो हो गई है किंतु धन जारी नहीं हुआ है अतः प्राथमिकता से जनहित में इन सभी पर शीघ्र कार्य किया जाना आवश्यक है।

सतीश लखेड़ा ने कर्णप्रयाग विकासखंड के ग्वाड़ से धनपुर मोटर मार्ग, सिन्द्रवाणी से सकण्ड मोटर मार्ग तथा उमट्टा दृ बरसाली- मैखुरा मार्ग के निर्माण हेतु मुख्यमंत्री धामी का ध्यान दिलाया।

सतीश लखेड़ा ने कहा निरंतर जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं और मीडिया द्वारा भी इन मार्गों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया है। उन्होंने गैरसैण विकासखण्ड के खेतगधेरा से केड़ा-पंडाव मार्ग, कण्ड से बूराखोली मार्ग, खेती- रंडोली- बेनीताल मार्ग के शीघ्र निर्माण का अनुरोध किया साथ ही मालकोट से सेरा तेवाखर्क मार्ग आंदोलन के बारे में बताया और इस मार्ग की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने मैखोली- खिनसर- अक्षवाड़ा मोटर मार्ग, कोठा बैंड से दमदड़ मोटर मार्ग के शीघ्र निर्माण हेतु मुख्यमंत्री धामी से अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि जिन मार्गों पर संपूर्ण औपचारिकताएं हो चुकी है उनका प्राथमिकता से निर्माण प्रारंभ किया जाए। जिनकी शासन में अनापत्तियों को लेकर फाइल रुकी है, इस हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं और नई सड़कों के लिए शीघ्र ही सर्वे करके धन आवंटित किया जाए।

साइकिल यात्रा का हुआ आयोजन, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

ऋषिकेश साइकिल क्लब ने साइकिल यात्रा का आयोजन किया। इसके तहत क्लब सदस्य ऋषिकेश, बैराज, कौड़िया गांव होते हुए 35 किमी दूर पर्वतीय क्षेत्र किमसार पहुंचे। क्लब सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि क्लब का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण व सेहत को लेकर जागरूक करना है। वर्तमान में क्लब में 21 रेड राइडर्स हैं। क्लब सदस्य एम्स के नेत्र चिकित्सक डा. नीति गुप्ता ने कहा कि पिछले साल के कोरोना काल से बहुत से लोगों ने साइक्लिंग शुरू की। यह पर्यावरण संरक्षण के साथ ही स्वयं को फिट रखने का बेहतर तरीका है।

किमसार में साइकिल से पहुँचने वाले रेड राइडर्स जितेन्द्र बिष्ट, पंकज अरोड़ा, विपिन शर्मा, मनोज रावत, नरेन्द्र कुकरेजा, विपिन बबलू, देवेन्द्र राजपूत, विक्रम शेडगे, राजेश सूद, हरीश दरगन, दिग्विजय तोमर व मनीष मिश्रा टीम में शामिल थे।

डा. थपलियाल की विशेष सक्रियता से आवाज साहित्यिक संस्था पूरा किया एक वर्ष, सफलतम रहे 320 एपिसोड

जनकवि डा. अतुल शर्मा की कलम से….
डा. सुनील दत्त थपलियाल से मैं जब भी मिला तब तब उन्हें ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ पाया। ऋषिकेश में हुए एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मैने शिरकत की। तब वहां डा. थपलियाल से मिला। एक स्वाभिमानी चेहरा, गठीला शरीर, चेहरे पर हमेशा की तरह मुस्कान। जब कार्यक्रम शुरु हुआ तो उन्हें सबसे पहले बुलाया गया। उद्बोधन की अदभुत कला बाजी शब्द के अनुशासन और सलीके से बात करते हुए वे धाराप्रवाह बोलने लगे। स्वागत का कार्यक्रम चला और साथ ही डॉ थपलियाल द्वारा संस्कृत की सूक्तियां के साथ मंत्रपाठ भी अनवरत् जारी रहा। बहुत गरिमामय वातावरण पूरे कार्यक्रम में उनकी वजह से बना रहा। मैने तो वहां कहा कि आपकी जिव्हा पर सरस्वती विजमान है। इस पर वे विनम्रता से झुक कर प्रणाम करने लगे चेहरे पर मुस्कान दिल में सम्मान की सूक्ति, यही पहचान है उनकी, संपूर्ण ऋषिकेश के साथ ही सम्पूर्ण उत्तराखंड के मंच संचालन का दायित्व संभालने में दक्ष हर प्रकार के कार्यक्रम के प्रबंधन में बेहतरीन भूमिका निभाने वाले डॉ सुनील दत्त अपने व्यवहार वाणी सेवा व सहयोग के लिए संपूर्ण क्षेत्र मै अच्छी प्रतिष्ठा रखते हैं।

वैश्विक संकट की घड़ी में
कोरोना महामारी से जब संपूर्ण जगह लॉकडाउन हो गया था। सब कुछ बंद हो गया। पर डॉ सुनील ने सामाजिक सेवा के साथ साहित्यिक सेवा को सोशलमीडिया के माध्यम से सक्रिय रखने का निर्णय अपने पूरी आवाज साहित्यिक संस्था की टीम के साथ लिया । 22 जून 2020 से आवाज साहित्यिक संस्था पेज पर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया, जिसमें साहित्य, संस्कृति, संवाद की तीन धाराओं को जोड़कर आवाज की आवाज को जन जन की आवाज के रूप में प्रस्तुत किया गया, जो लाखों लोगों की बेहतरीन पसंद बनी हुई है।
इसी बीच मैंने डा. सुनील दत्त थपलियाल को मोबाइल पर देखा। वे आवाज साहित्य संस्था ऋषिकेश द्वारा एक कार्यक्रम चला रहे थे। इसमें साहित्य कला संस्कृति से जुड़े व्यक्तित्वो को आमंत्रित करके बड़ा काम कर रहे थे। अपने लाईव प्रसारण के एक वर्ष पूरे करने पर 22जून को डिजिटल आवाज कार्यक्रम की वर्ष गांठ थी तो मै उनके पेज से जुड़ा था।
आवाज के साहित्यकारों की कवि गोष्ठी में जुड़ा। लेकिन इस पेज पर भी जब डॉ सुनील मुखर होते है। तो एक अलग ही आनन्द आ जाता है। यही पहचान है। शब्दो का अपार भंडार है उनके पास। संपूर्ण देश के साहित्यकारों को ऋषिकेश से जोड़कर सात समंदर पार भी आवाज को प्रसिद्धि दी है ।

कुछ समय पहले जब ….
एक दिन वे घर पर आये। मैं अजबपुर में रहता था। बारिश से भीगते हुए। उनके साथ शिवप्रसाद बहुगुणा भी थे। मैने समझ लिया। खैर मैने बहुगुणा जी के काव्य संग्रह मै देवभूमि से बोल रहा हूं को वही पढा और भूमिका लिख कर उन्हे सौप दी। इस समय भी साहित्य की चोकड़ी जम गई काफी देर तक साहित्य पर चर्चा चलती रही।
पिछले दिनो इसी पेज पर कवि गोष्ठी मे भाई प्रबोध उनियाल, रामकृष्ण पोखरियाल, महेश चिटकारिया, सत्येन्द्र सोशल, अशोक क्रेजी, नरेंद्र रयाल आदि ने काव्य पाठ किया तो मैंने उसकी अध्यक्षता की। डॉ सुनील के अदभुत संचालन में चले कार्यक्रम मै आंनद आ गया।

सबसे बड़ी बात है उनकी विनम्रता, कर्मठता, अध्ययन और परमार्थ
समय व परिस्थिति के साथ बेहतरीन अनुकूलन करने वाले, आवाज साहित्यिक संस्था के लाईव प्रसारण के संयोजक सुनील आज प्रत्येक साहित्यकार, संस्कृति संवाहक, संवाद के विशेषज्ञों के साथ ही आम दर्शकों में अपनी बेहतरीन पहचान बनाए हुए हैं। वर्तमान में श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में सेवा देते हुए हर कार्य को बखूबी से निभाते हैं।
मै ईश्वर और ऋषिकेश नारायण से कामना करता हूं कि वे दीर्घायु हो लगातार उन्नति के नये आयाम छुये।

सीएम ने लिया बड़ासी पुल की एप्रोच रोड के क्षतिग्रस्त होने का मामला, बैठाई उच्च स्तरीय जांच

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने थानो रोड पर निर्मित बड़ासी पुल की एप्रोच रोड के क्षतिग्रस्त होने का संज्ञान लेते हुए इसके कारणों की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में भी इस पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हुई थी। पुल के एप्रोच रोड का बार-बार क्षतिग्रस्त होने पर मुख्यमंत्री ने असंतोष व्यक्त करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार निर्माण कार्यों के क्षतिग्रस्त होने से शासकीय धन की बरबादी के साथ ही जनता को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।

मानव कंकाल मिलने से श्यामपुर में सनसनी, पुलिस तहकीकात में जुटी

कोतवाली ऋषिकेश की अंतर्गत श्यामपुर क्षेत्र में खंडहर में तब्दील एक मकान के अंदर से नर कंकाल मिला है। यह कंकाल पुरूष का है या महिला का। यह कह पाना अभी पुलिस के लिए भी मुश्किल है, पुलिस के मुताबिक कंकाल बक्से के अंदर मिला है, पुलिस की प्राथमिकता में कंकाल की शिनाख्त करना है। वहीं, देहरादून से पहुंची फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। कंकाल कितना पुराना है, यह फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा। कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार यह मकान बिल्डर गंगाराम आडवाणी का है। उधर, एसएसपी डा. योगेन्द्र रावत ने इस मामले में एसओजी देहात एवं थाना स्तर पर टीम का गठन कर लिया है।

पवन कुमार नरवानी पुत्र दीवान चंद नरवानी ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि उनकी श्यामपुर बाईपास भट्टोवाला रोड पर मोबाइल की दुकान व रेस्टारेंट है। इसी के पीछे कई खाली कमरे है। बताया कि उनके यहां कार्यरत दो युवक को कमरों के अंदर से दुर्गंध आई। वहां जाकर देखा तो बक्सा पड़ा हुआ था। बक्से को खोलकर देखने पर उसके अंदर नर कंकाल मिला। इसके बाद वह घबरा गए। पुलिस सूचना पाकर मौके पर पहुंची और फोरेंसिक टीम को जानकारी दी। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं।

पुलिस की प्राथमिकता शिनाख्त
कोतवाल शिशुपाल सिंह रावत ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता शव की शिनाख्त है, अभी यह कहा नहीं जा सकता है कि यह कंकाल पुरूष का है अथवा महिला का। बताया कि यह जानना सर्वप्रथम आवश्यक है। इसके बाद अन्य जानकारी जैसे यह कंकाल यहां तक कैसे पहुंचा और हत्या का एंगल भी देखा जाएगा। आसपास के सीसीटीवी रिकाॅर्ड भी खंगाले जाएंगे।

खंडहर में तब्दील व्यापारी का मकान
कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार, व्यापारी गंगाराम अडवाणी का यह पुराना मकान है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। पांच साल पूर्व तक उनका यहां निवास था। कुछ माह पूर्व तक यहां मजदूर रहा करते थे। मगर, वर्तमान में यह पूरी तरह से बंद था।

बौराड़ी जिला प्रशासन को सीएम के निर्देश, आक्सीजन जेनरेशन प्लांट को एक सप्ताह में शुरू करें


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिला चिकित्सालय बौराड़ी का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय के आपातकालीन सेवा, आईसीयू, नवजात शिशु वार्ड जनरल ओपीडी, अस्थि रोग वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने आईसीयू में भर्ती मरीजों का हाल-चाल जाना वहीं भर्ती मरीजों से भोजन, दवाएं, स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर भी फीडबैक लिया।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन 500 एलपीएम के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश है। ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने पर यहां से 80 बैड के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिला चिकित्सालय केवल रेफर सेंटर न बना रहे इस हेतु उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में आने वाले हर प्रकार के रोगी का उपचार सुनिश्चित किया जाए।

कोविड केयर सेंटर बडकोट पहुंचे सीएम तीरथ सिंह रावत, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बड़कोट में कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से कोविड केयर सेंटर की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटर में दवाओं, खान-पान एवं अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। अवगत कराया गया कि कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों द्वारा नियमित देखभाल की जा रही है। भोजन, स्वच्छता एवं अन्य व्यवस्थाएं भी अच्छी हैं। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कोविड सेल से होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से फोन से वार्ता कर उनका हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। डॉक्टरों को दूरस्थ क्षेत्रों में तैनाती दी गई है। कोविड के दौरान डॉक्टरों की कमी न हो, इसके लिए जिलाधिकारियों को भी अधिकार दिया गया है कि कोविड के दौरान मानक के अनुसार एवं आवश्यकतानुसार डॉक्टरों की तैनाती कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरकाशी जनपद में कोविड के नियंत्रण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सरकार द्वारा पूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटरों में बच्चों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सीएचसी स्तर तक भी आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है।

इस अवसर पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार यतीश्वरानन्द, उत्तरकाशी के भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चैहान, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

सीएम ने वर्चुअल तरीके से किया श्रीनगर मेडिकल कालेज का वर्चुअल लोकार्पण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित 30 नए आईसीयू बेड का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड के समय में इन आईसीयू बेड की उपलब्धता से विशेषकर पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी जिले के लोगो को ईलाज में मदद मिलेगी। इन जनपदों से अधिकांश मरीज ईलाज के लिए श्रीनगर आते हैं। कोविड के बाद अन्य बीमारियों के ईलाज के लिए भी इन आईसीयू बेड का उपयोग होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में आईसीयू, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनका विस्तार सीएचसी एवं पीएचसी लेवल तक किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही नैनीडांडा, थलीसैंण एवं प्रदेश के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिए अभी से सतर्कता बरतनी होगी। सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था हो। इसकी समय से पूरी तैयारी रखी जाय।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी पौड़ी विजय जोगदंडे, सीएमओ पौड़ी डॉ मनोज शर्मा, प्रिंसिपल श्रीनगर मेडिकल कॉलेज डॉ सीएमएस रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री तीरथ ने आईडीपीएल ऋषिकेश में 500 बेड के कोविड सेंटर का किया उद्घाटन

कोविड केयर सेंटर में सभी ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा

100 आईसीयू बेड की भी है व्यवस्था

ब्लैक फंगस के मरीजों और बच्चों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आईडीपीएल ऋषिकेश में डीआरडीओ द्वारा स्थापित 500 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर (राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम.वी.सी) का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटर की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।

आधुनिक सुविधायुक्त इस कोविड केयर सेंटर में सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं। 100 बेड में आईसीयू की व्यवस्था भी है। इसमें म्यूकरमायोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों एवं बच्चों के लिए भी अलग से वार्ड बनाये गये हैं। बच्चों के वार्ड में स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी आईसोलेशन एरिया बनाया गया है। मात्र 02 सप्ताह में डीआडीओ द्वारा इसे तैयार किया गया है। इस कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि की गई है। ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आईसीयू एवं ऑक्सीजन बेड की पर्याप्त उपलब्धता है। जल्द ही हल्द्वानी में भी 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा। आई.डी.पी. एल ऋषिकेश में राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम. वी.सी के नाम से यह कोविड केयर सेंटर बनाया गया। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राइफलमैन जसवंत सिंह रावत ने 1962 भारत-चीन युद्ध में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस युद्ध में वे शहीद हो गए थे। पौड़ी के बीरोखाल के बाड्यू पट्टी में जन्मे जसवंत सिंह रावत की वीरता की कहानी आज भी सबको प्रेरणा देती है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, एम्स निदेशक प्रो. रविकान्त, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंट एम्स ऋषिकेश डॉ. मधुर उनियाल एवं डीआडीओ के अधिकारी उपस्थित थे।