मुख्यमंत्री ने अलकनंदा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा की

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में अलकनंदा जल विद्युत परियोजना की समीक्षा बैठक के दौरान जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिए कि क्षेत्र के लोगों को जलापूर्ति हेतु परियोजना का शेष कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निदेशक जीवीके को निर्देश दिए कि परियोजना को फरवरी माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि अलकनंदा नदी के आसपास के क्षेत्र के लोगों का एकमात्र जल स्रोत अलकनंदा नदी है। इसके लिए जल संस्थान, पेयजल निगम, जीवीके पावर आदि सम्बंधित विभाग आपसी सामंजस्य स्थापित कर न्यूनतम जलापूर्ति सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के आसपास के क्षेत्रों में रोशनी सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परियोजना से प्रभावितों के बकाया भुगतान में शीघ्रता की जाए।
इस अवसर पर राज्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक विनोद कंडारी, सचिव पेयजल अरविन्द ह्यांकी, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, निदेशक जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर पीवी प्रसन्ना रेड्डी एवं महाप्रबंधक पेयजल निगम भजन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

स्वतंत्रता संग्राम में आंदोलनकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका: टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरूवार को थानों में स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर आजादी के आन्दोलन में प्रतिभाग करने वाले 12 सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरि सिंह सोलंकी, किशन सिंह, भूरिया सिंह, बुद्वि प्रकाश, पंचम सिंह कृषाली, देव नारायण, सैनपाल सिंह भिडोला, पदम सिंह सौलंकी, सूरत सिंह चैहान, गौरीश वर्मा, बांकेलाल गर्ग, मदन सिंह रावत के आश्रित शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृतियों से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। जिन्होंने देश की आजादी में अहम योगदान दिया। स्वतंत्रा संग्राम सेनानी हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। देश की आजादी के लिए दिया गया उनका बलिदान एवं योगदान हमारी नई पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करेगी और देश की रक्षा के लिए हमें जब भी जरूरत पड़ेगी इन स्वतंत्रता संग्राम सैनानियो के साहस से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रा संग्राम सैनानियों की स्मृतियों को संजोने के लिए थानों में पानी की टंकी एवं विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि थानों एवं रायपुर अस्पताल को एम्स को दिया है। इन अस्पतालों में एम्स ऋषिकेश द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इन अस्पतालों में सेवाएं शुरू करने के लिए एम्स ऋषिकेश को प्रस्ताव भेजा गया है। एम्स में जल्द ही दो सहायकों की नियुक्ति की जा रही है, जो मरीजों को स्वास्थ्य सम्बधी सुविधाओं के बारे में जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में विकास से संबधित प्रमुख कार्यों बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रस्ताव भेजे जाए, उनका जल्द समाधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर्रावाला में 300 बैड का जच्चा बच्चा अस्पताल खोला जायेगा। जिसका जल्द ही शिलान्यास किया जायेगा।
विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया है, उनके परिजनों की समस्याओं का निराकरण करना हम सबका दायित्व है। विधान सभा अध्यक्ष ने वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हे साहस एवं पराक्रम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अपने इन वीर सेनानियों का सम्मान करना भी हम सबका दायित्व है, इन वीर सैनानियों के सिद्वांत एवं कर्तव्य निष्ठा सदैव हमें प्ररेणादायी रहेगी।

जावड़ेकर ने राज्य सरकार को दी बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है। केन्द्र सरकार ने पौड़ी गढ़वाल स्थित श्रीनगर एनआइटी मामले में राज्य के रुख पर अपनी मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एनआइटी श्रीनगर का कैंपस नहीं बदला जाएगा। श्रीनगर में आइटीआइ और रेशम बोर्ड की भूमि पर अस्थायी रूप से नया कैंपस बनाया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के बाद अब बचे हुए शिक्षकों को भी राहत देने का भरोसा दिलाया है। शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य को मिलने वाली राशि का बकाया जल्द देने की सहमति भी केंद्र सरकार ने जताई है।
एनआइटी श्रीनगर पर गठित हाईपावर कमेटी ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में ही हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की। यह सहमति बनी कि एनआइटी श्रीनगर कैंपस नहीं बदलेगा। समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि सुमाड़ी की भूमि संस्थान के निर्माण के लिए किसी भी तरह अनुपयुक्त नहीं रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत मौजूद थे।

1590 रूपए में देहरादून से पंतनगर तक कर सकेंगे सफर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने शुक्रवार को उड़ान योजना के तहत जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर देहरादून से पंतनगर हवाई सेवा का फ्लैग-ऑफ कर शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उड़ान योजना से स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को सुविधा के साथ उनके समय की भी बचत होगी। यह सेवा गढवाल व कुमांऊ के बीच कनेक्टीवीटी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट एअर पोर्ट सहित पंत नगर, चिन्यालीसौड, नैनीसैनी व गौचर व चौखुटिया में भी हवाई पटटी तैयार कर उनका विस्तार किया जायेगा। सामरिक दृष्टि से सीमांत राज्य होने के नाते राज्य में हवाई पट्टियों के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तथा एयर इंडया के सीएमडी प्रदीप खरोला सहित अन्य अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने इस सेवा का उपयोग करने वाले यात्रियों को हवाई यात्रा के टिकट सौंपते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी दी।

एअर इंडिया के सीएमडी प्रदीप खरोला ने बताया कि एअर इंडिया के पूर्ण स्वामित्व की सहायक कम्पनी एलाइंस एअर द्वारा भारत सरकार के मिशन ’’कनेक्टिंग इंडिया’’ मिशन में उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय सम्पर्क में उन्नयन के लिए देहरादून से पंतनगर एवं वापसी की उड़ान प्रारम्भ की जा रही है। इस उड़ान के प्रारम्भ होने से यात्रियों की सुलभ सम्पर्क उपलब्ध करवाए जाने की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया गया है। एलाइंस एअर द्वारा पंतनगर-देहरादून-पंतनगर मार्ग पर एटीआर 42 विमान से प्रचालन प्रारम्भ किया गया है। एटीआर विमान की सीट क्षमता 42 है। उड़ान संख्या 91-823 बुधवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार को पंतनगर से 13.40 बजे प्रस्थान, करेगी व देहरादून 14.40 बजे पहंुचेगी। वापसी उड़ान 91-824, बुधवार, शनिवार व रविवार को देहरादून से 15.05 बजे प्रस्थान करेगी व पंतनगर 15.55 बजे पहंुचेगी। देहरादून-पंतनगर सैक्टर के लिए किराया 1590 रु. हैं (सभी सम्मिलित)। एलाइंस एअर की पंतनगर से नई दिल्ली के लिए एक सीधी उड़ान भी है। इस उड़ान से इन शहरों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को अत्यंत सुविधा के साथ-साथ यात्रा में लगने वाले समय में महत्वपूर्ण कमी आयेगी।

सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षण केंद्र पहुंच सीएम ने देवभूमि पुस्तक का किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शनिवार को श्रीनगर (पौड़ी) में सशस्त्र सीमा बल केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र के 11वें बुनियादी रंगरूट प्रशिक्षण कोर्स के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने परेड का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सेना में बेटियों की बढ़ती भागीदारी को देशहित में बताया। उन्होंने कहा कि सेना में बेटियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे को साकार कर रहा है। मुख्यमंत्री ने रंगरूट प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रशिक्षुओं को ट्राफी देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा लिखी गई देवभूमि पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज का दिन हमारे जवानों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर तथा हम सब के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि अपने सैन्य बलों पर हमें गर्व है। ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए उनकी उत्सुकता बनी रहती है।

गढ़वाल और जम्मू कश्मीर का श्रीनगर एक हुए
उन्होंने कहा कि हमारे लिए एवं अर्द्ध सैनिक बल के लिए यह सम्मान की बात है कि एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारी कर जम्मू कश्मीर के युवक व युवतियां यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस जा रहे हैं। यह गढ़वाल का श्रीनगर है वहां जम्मू कश्मीर का श्रीनगर है। आज दोनों श्रीनगर एक हुए हैं। यह गढ़वाल की पूर्व राजधानी है। वह जम्मू कश्मीर की वर्तमान राजधानी है। कश्मीर को देश का सिरमौर भी कहा जाता है।

मुख्यमंत्री ने यहां से प्रशिक्षण लेकर जाने वाले प्रशिक्षुओं के परिवार वालों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं की मजबूती से ही हमारा देश सुरक्षित है। सीमान्त क्षेत्रों के युवक व युवतियां यहां से प्रशिक्षण लेकर जा रहे हैं, इससे हमारी सीमाओं को और अधिक ताकत मिलेगी तथा हमारी सीमाएं और अधिक मजबूत होंगी।

भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान की संवेदनशील सीमाओं की जिम्मेदारी भी सीमा सशस्त्र बल पर है। उन्होंने कहा कि एसएसबी सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ अनेकों अन्य दायित्वों का निर्वहन भी पूरी तत्परता से कर रहा है। विगत वर्षों में सशस्त्र सीमा बल ने विभिन्न राज्यों के हुये चुनाव को सुरक्षित व शांतिपूर्ण निभाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र सीमा बल के ये 101 नव प्रशिक्षु जवान अपनी सीटीसी में आधारभूत प्रशिक्षण के मध्य सीखी गई अनूठी सैन्य विधाओं का प्रयोग करते हुए भारत-नेपाल व भारत- भूटान सीमाओं की रक्षा में भारत माता और अपने बल का नाम शिखर पर पहुंचाएंगे।

सीएम बोले कि देव भूमि में बसी इस सीटीसी में 44 सप्ताह का प्रशिक्षण ग्रहण करते समय यहां की मनोहर प्रकृति ने आपको अवश्य प्रेरणा दी होगी। निश्चय ही सैन्य प्रशिक्षण की इन विधाओं में दक्ष इस सीटीसी के सभी प्रशिक्षक बल कर्मी और उप महानिरीक्षक तथा महानिरीक्षक बधाई के पात्र हैं। इन्हीं के अथक प्रयासां के परिणामस्वरूप राष्ट्र सुरक्षा का सुदृढ़ प्रतिमान यहां तैयार किया जा रहे हैं। 44 सप्ताह की इस प्रशिक्षण अवधि में विभिन्न प्रशिक्षणों में सर्वोत्तम रहे प्रशिक्षुओं को उन्होंने विशेष रूप से बधाई दी। जिनकी अद्वितीय क्षमता ने उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हितेंद्र कुमार, डोली देवी, सुमन लता, कमर इकबाल तथा शुभम वर्मा प्रशिक्षुओं को ट्राफी देकर सम्मानित किया। प्रशिक्षुओं को देश की अखंडता और एकता की शपथ दिलाई। समारोह में एसएसबी जवानों द्वारा बैंड, मार्च पास्ट व घुड़सवार प्रतिस्पर्धा समेत विभिन्न करतब आयोजित किये गये। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा लिखी गई देवभूमि पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया।

गढ़वाल और कुमांऊ के बीच एक और रेल सेवा शुरू

उत्तराखंड की जनता के लिये एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार व रेल मंत्री की पहल राज्य को एक और रेला सेवा मिल गयी है। शनिवार को काठगोदाम से देहरादून रूट पर एक और रेल सेवा का शुभारंभ किया गया। नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस नाम से रेल सेवा शुरू की गयी। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेल मंत्री पीयूष गोयल का राज्य की जनता की ओर से धन्यवाद जताया है।

मुख्यमंत्री ने नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि ‘‘अटल जी ने बनाया-मोदी जी संवारेंगे’’ के वादे को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री ने हमेशा उत्तराखण्ड को प्राथमिकता दी। प्रदेश में शुरू किए गए प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान ‘सीपैट’ में कोर्स कर हमारे युवाओं को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिलेगा।

ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर व साईबर सिक्योरिटी सेंटर की स्थापना से हमारे युवा ड्रोन एप्लीकेशन व साईबर सिक्योरिटी के कोर्स कर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई 1500 करोड़ की जैविक खेती की योजना, किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

उड़ान योजना के तहत हेलीकाप्टर सेवाओं से कनेक्टीवीटी बढ़ेगी। जिससे निवेश के लिए उद्यमी आकर्षित होंगे। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से जनसामान्य को सस्ती दवाईयां उपलब्ध हो रही हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के लिए देहरादून का चयन किए जाने से पूरे विश्व का ध्यान देवभूमि उत्तराखण्ड की योग परम्परा की ओर गया।

आंतकियों से दो-दो हाथ कर ऋषिकेश के हमीर सिंह हुये शहीद

जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों से मुकाबला करते उत्तराखंड के दो वीर शहीद हो गए। इनमें एक जवान ऋषिकेश, जबकि दूसरे पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार से हैं।

ऋषिकेश स्थित कुंजापुरी कालोनी, गुमानीवाला निवासी 27 वर्षीय राइफलमैन हमीर सिंह पोखरियाल मंगलवार सुबह आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गए। वह वर्ष 2013 में 12वीं गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए और वर्तमान में 36 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। उनका परिवार मूल रूप से पोखरियाल गांव उत्तरकाशी के लम्बगांव का रहने वाला है।

शहीद के पिता जयेंद्र सिंह पोखरियाल एसएसबी में सब इंस्पेक्टर हैं और अमरनाथ यात्रा के चलते जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। हमीर की शहादत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। घर में हमीर की पत्नी, एक ढाई वर्ष की बेटी, मां और एक छोटा भाई हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने शहीद के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी।

इस मुठभेड़ में ग्राम शिवपुर, कोटद्वार निवासी 28 वर्षीय मनदीप सिंह रावत भी शहीद हुए हैं। उनके पिता बुथी सिंह भी फौज से रिटायर हैं। मनदीप 2012 में 15 गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे और छह माह पूर्व ही उनकी तैनाती 36 राष्ट्रीय राइफल में हुई थी। मनदीप की शहादत की सूचना के बाद से ही उनके घर मातम छाया हुआ है। तमाम लोग उनके घर पहुंचकर माता-पिता को ढांढस बंधा रहे हैं। मनदीप के छोटे भाई हाल ही में सेना में भर्ती हुए हैं और जम्मू-कश्मीर में ही तैनात हैं।

भीड़ के आगे हमलावर गुलदार ने टेके घुटने

पौड़ी जिले में कपड़े धो रही एक महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। हमला होते ही महिला ने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुला लिया। लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने गुलदार को मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान गुलदान ने भी दो ग्रामीणों को घायल कर दिया। जिन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना श्रीनगर से नौ किलोमीटर दूर ग्रामसभा गहड़ के बसोल्यूं तोक में मंगलवार सुबह लगभग दस बजे हुई। फतेह सिंह की 40 वर्षीय पत्नी ममता गांव के समीप गदेरे (बरसाती नाला) में कपड़े धो रही थी, तभी गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। शोर सुनकर नजदीकी ग्रामीण लाठी-डंडे के साथ वहां पहुंचे। भीड़ से घिरा देख गुलदार और आक्रामक हो गया। तभी उसने दो अन्य लोगों 52 वर्षीय राजेंद्र सिंह और 35 वर्षीय लल्लन सिंह पर भी झपट्टा मार दिया। यह देख ग्रामीणों ने बचाव में उस पर पत्थर और डंडों से प्रहार किया।

जख्मी गुलदार वहां से भागने को मजबूर हुआ। वह कुछ ही दूरी पर पहुंचा था कि उसने दम तोड़ दिया। हमले में ममता के सिर और हाथ-पैर जख्मी हुए हैं, जबकि बीच बचाव को आए राजेंद्र और लल्लन सिंह के हाथ में खरोचें आई हैं। लल्लन को छोड़ बाकी दो को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर में ले जाया गया है।

इस बीच, सूचना पर रेंजर अनिल भट्ट टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि गुलदार के शरीर पर गनशॉट जैसा कोई निशान नहीं पाया गया। अंदरूनी चोट की वजह से उसकी मौत होने का अनुमान है। उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। गहड़ के प्रधान राकेश भंडारी ने बताया कि इलाके में दो अन्य गुलदार देखे गए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि मारा गया गुलदार भी इसी परिवार का सदस्य था। उसकी उम्र एक से डेढ़ साल है। रेंजर ने बताया कि इन गुलदारों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजड़ा लगा दिया गया है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विभोर बहुगुणा ने बताया कि मारे गए गुलदार ने घटना से कुछ पहले घास लेने जा रही पांच महिलाओं पर भी झपटने की कोशिश की थी। उनके शोर मचाने से गुलदार गदेरे की ओर चला गया था।

दून अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को आईसीसी ने उपयुक्त पाया

आईसीसी के विशेषज्ञों ने देहरादून के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के लिये उपयुक्त पाया है। जिसके बाद यहां तीन जून से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन किया जायेगा। यह मुकाबला बांग्लादेश व अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के बीच खेला जायेगा। अफगानिस्तान की टीम पूर्व में यहां पहुंच चुकी हैं और दून के खिलाड़ियों के साथ अभ्यास मैच में हिस्सा भी ले चुकी है। मगर, बांग्लादेश की टीम मंगलवार को यहां पहुंच गयी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में विशेषज्ञों के दल के साथ स्टेडियम का दौरा किया था। इस दल में आइसीसी के विशेषज्ञ भी शामिल थे जिन्होंने स्टेडियम का जायजा लिया था। विशेषज्ञों ने सभी सुविधाओं का जायजा लेने के बाद खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं के स्तर, मीडिया और प्रसारण जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय मैचों के तीनों प्रारूपों के आयोजन के लिए उपयुक्त पाया था और इसे हाल के समय में सर्वश्रेष्ठ स्थलों में से एक करार दिया गया। उत्तराखंड की राजधानी में स्थित यह स्टेडियम पहाड़ियों के बीच स्थित है और इसके आस-पास की खूबसूरती देखते ही बनती है। इस स्टेडियम में 25 हजार दर्शकों की क्षमता है।

विदित हो कि आइसीसी की ओर से राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का मुआयना करने के लिये टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ 21 मई को दून आए थे। 21 मई की शाम को ही उन्होंने फ्लड लाइट में स्टेडियम का निरीक्षण किया था जबकि उसके अगले दिन वे दोपहर में एक बार फिर स्टेडियम पहुंचे। स्टेडियम में उपलब्ध सुविधाओं की बरीकी से जांच करने के बाद श्रीनाथ ने बकायदा फोटो खींचकर भी आइसीसी के अधिकारियों को भेजी थी। वे स्टेडियम में उपलब्ध सभी उपकरणों और खूबसूरती के कायल हुए थे। उसी दिन यह तय हो चुका था कि स्टेडियम को जल्द ही आइसीसी की हरी झंडी मिल जाएगी। 237 करोड़ रुपऐ की लागत से बने इस स्टेडियम में अब शहरवासियों को हर प्रारूप की क्रिकेट देखने को मिलेगी।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.