जीवन पथ की अनजान डगर में बहुत जरूरी है आयुष्मान कार्ड

अचानक आए बुखार से यदि हालत खराब हो जाए और बुखार का प्रभाव दिमाग तक पहुंच जाए तो इस तरह के मरीज के परिजनों की चिंता स्वाभाविक है। लेकिन घबराहट के इन हालातों में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना का उन्हें जो सहारा मिला उसे वह कभी नहीं भुला पाएंगे। और आयुष्मान कार्ड के महत्व को समझते हुए लाभार्थी राज्य सरकार का आभार तो जता ही रहे हैं साथ ही लोगों से कार्ड बनाने की अपील कर रहे हैं।

महंत इंद्रेश अस्पताल में अपने बेटे का उपचार करा रही है हरिद्वार लालढांग निवासी माहेश्वरी देवी कहती हैं मेरे बेटे को पहले बुखार आया था। अचानक ही स्थितियां इतनी गंभीर हो गई कि बुखार उसके दिमाग में चढ़ गया और क्लॉटिंग जैसी स्थितियां बन गई। बात जब दिमाग में क्लॉटिंग की हो तो इस उपचार के खर्च का अंदाजा हर कोई सकता है। वह बताती हैं कि उपचार का खर्चा एक ढेड लाख से कम नहीं है। लेकिन हमने आयुष्मान कार्ड बनाया है। और उसी से ही उपचार ही सारा उपचार हो रहा है। इलाज पर हमारा एक भी पैसा खर्च नहीं हो रहा है।

वह कहती है कि हम सरकार की योजना से जुड़े हैं तो हमें स्टाफ का रिस्पांस भी अपेक्षाकृत बेहतर मिल रहा है। वह कहती हैं कि सब लोगों को अपना आयुष्मान कार्ड बनाना चाहिए। ताकि वक्त मौके पर उसका लाभ लिया जा सके। अस्तपाल में तैनात आयुष्मान मित्र की ओर से मिली मदद पर भी वह कृतज्ञता जताती हैं।

माहेश्वरी देवी जैसे लोगों की प्रदेश बड़ी तादाद है जिनके परिजनों का आयुष्मान योजना के तहत मुुफ्त उपचार हुआ। और वह भी हर किसी से कार्ड बनाने की अपील करते हुए राज्य व केंद्र सरकार का आभार जताते हुए थकते नहीं हैं। लाभार्थियों के फीडबैक से साफ होता है कि आयुष्मान कार्ड यथा समय बना लेना चाहिए, क्योंकि जीवन पथ एक अनजान डगर है, यहां कभी भी कुछ भी संभव है। ऐसे में आयुष्मान का सुरक्षा कवज लेना बहुत जरूरी हो जाता है।

सरकार सख्त, 150 से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ कुर्की के नोटिस जारी

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में बांड की व्यवस्था लागू की है। इसके एवज में डॉक्टरों को कुछ साल पहाड़ के अस्पतालों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके उलट सैकड़ों डॉक्टर सस्ती पढ़ाई का लाभ लेकर पहाड़ पर सेवाएं देने से मुकर गए। बांड की शर्तों का उल्लंघन करने पर राज्य के 150 से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन ने कुर्की के नोटिस जारी कर दिए हैं। इससे बांड वाले डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है।
इन डॉक्टरों को अस्पतालों में तैनात करने के कई जतन किए गए पर सफलता नहीं मिली। अब इन डॉक्टरों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की ओर से ऐसे 30 डॉक्टरों की सूची संबंधित जिलों के डीएम को दी गई थी। इस पर जिलाधिकारियों की ओर से उक्त डॉक्टरों को कुर्की के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। ऐसे ही हल्द्वानी से मिली सूची के आधार पर भी कई जिलों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत का कहना है कि सभी सीएमओ से अस्पतालों से गायब बांड वाले डॉक्टरों की सूची मांगी गई है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अन्य डॉक्टर भी जो अस्पताल से गायब होंगे, उन्हें तत्काल हटाया जाएगा। बांड वाले डॉक्टरों से ज्वाइन न करने पर हर हाल में वसूली करने को कहा गया है।

डॉक्टरों के गायब होने से सरकार को हो रहा नुकसान
उत्तराखंड में डॉक्टरों के साथ समय-समय पर संशोधित नियमों के अनुसार बीस लाख से एक करोड़ रुपये तक के बांड साइन किए गए। एमबीबीएस डॉक्टर जहां 20 लाख से पचास लाख रुपये तक बांड के दायरे में हैं वहीं, पीजी वाले बांडधारी डॉक्टरों के साथ एक करोड़ रुपये तक के बांड साइन किए गए हैं। इन डॉक्टरों के गायब रहने से सरकार को नुकसान हो रहा है।

एक डॉक्टर ने जमा कराए 34 लाख रुपये
बांड वाले डॉक्टरों पर कुर्की के शिकंजे के बाद इसका असर दिखना भी शुरू हो गया है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर, बांड के 34 लाख रुपये जमा करा चुके हैं जबकि कई डॉक्टरों ने ज्वाइन कर लिया है।

विभिन्न रोगों के प्रति जागरुक करने के लिए एम्स चलायेगा विशेष सप्ताह अभियान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आम लोगों को रोगाणुओं से होने वाले विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन व नर्सिंग विभाग द्वारा बृहस्पतिवार से वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबायल एवेयरनेस (विश्व रोगाणुरोधी जागरुकता) सप्ताह का आयोजन शुरू किया जाएगा। सप्ताहव्यापी जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत परिचर्चाएं, जनजागरुकता रैली, नुक्कड़ नाटक आदि आयोजन किए जाएंगे। एम्स संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन तथा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में बृहस्पतिवार से वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबायल को लेकर जनजागरुकता सप्ताह विधिवत शुरू किया जाएगा। इसके तहत सप्ताहभर विभिन्न दिवस में लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रमों में जहां संस्थान के सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर्स व अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स प्रतिभाग करेंगे वहीं आम नागरिकों, मरीजों व उनके तीमारदारों को भी रोगाणुओं से उत्पन्न होने वाली बीमारियों व उनसे बचाव संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
आयोजन के बाबत जानकारी देते हुए डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन फैकल्टी डा. प्रसन्न कुमार पंडा एवं कॉलेज ऑफ नर्सिंग के फैकल्टी सदस्य मनीष शर्मा ने बताया ​कि कार्यक्रम का आयोजन एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट, नर्सिंग कॉलेज तथा अन्य विभागों की ओर से सामुहिकरूप से किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को प्रथम दिवस एकीकृत रोगाणुरोधी विषय पर एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जबकि दूसरे दिन (शुक्रवार) को रोगाणुरोधी दवाओं का उचित उपयोग किए जाने को लेकर आम नागरिकों की जनजागरुकता के लिए रैली निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 नवंबर (शनिवार) को एम्स के ओपीडी एरिया में मेडिकल एवं नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा मरीजों व तीमारदारों को नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति के माध्यम से जागरुक किया जाएगा।
सोमवार को रेजिडेंट्स चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ के लिए कार्यशाला, मंगलवार को अस्पताल के विभिन्न वार्डों व आईसीयू का इंटिग्रेटेड एंटीमाइक्रोबायल स्टेवॉडशिप आईएएस चौंपियन 2021 के लिए चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को सप्ताह के अंतिम दिवस फार्मेसी स्टेवॉडशिप पर फोकस करते हुए विभिन्न विशेषज्ञों की संयुक्त परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।
डॉक्टर पंडा ने मरीजों को सलाह दी है कि वह बिना चिकित्सकीय परामर्श के रोगाणु रोधी दवा नहीं लें। उन्होंने बताया कि इन दिनों रोगाणुरोधी प्रतिरोध बढ़ रहा है, इसे कम किया जा सकता है। मगर जहां लक्षण नहीं हैं वहां उपयोग नहीं करें, जैसे कि वायरल संक्रमण और एंटीमाइक्रोबियल का कम या अधिक उपयोग नहीं करें। हाथों की स्वच्छता, खांसी होने पर स्वच्छता, प्रभावी अपशिष्ट उपचार और समय पर टीकाकरण कराने से रोगाणु रोधी के प्रतिसार से बचा जा सकता है। बताया गया है कि सप्ताहव्यापी कार्यक्रम के आयोजन में मेडिसिन विभाग के डा. प्रसन्न कुमार पंडा व कॉलेज ऑफ नर्सिंग फैकल्टी मनीष शर्मा व राखी मिश्रा अहम भूमिका निभाएंगे।

विस अध्यक्ष की सक्रियता से कैंप में आये सभी लोगों को लगी वैक्सीन

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भट्टोवाला स्थित प्राथमिक विद्यालय में संचालित वैक्सीनेशन सेंटर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वैक्सीनेशन कराने आए अनेक लोगों से वार्ता भी की और सेंटर पर वैक्सीन की डोज बढ़ाने को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिये।
प्राथमिक विद्यालय में वैक्सीन लगवाने आए लोगों की संख्या अधिक देखकर विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि बिना वैक्सीन लगाए किसी को भी वापस नही भेजना है। जिसको लेकर विस अध्यक्ष ने मौके पर ही सीएमएस को दूरभाष पर निर्देशित करते हुए भट्टोवाला स्थित प्राथमिक विद्यालय में चल रहे वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन डोज की कमी को शीघ्र बढ़ाये जाने के निर्देश दिए। जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए सीएमएस ने तुरंत 150 वैक्सीन डोज सेंटर पर पहुंचाई, जिससे सेंटर पर टीका लगाने पहुंचे सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई गई।
विस अध्यक्ष अग्रवाल ने वैक्सीनेशन सेंटर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का भी हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। विस अध्यक्ष ने वैक्सीन लगाने आए लोगों को मास्क व सैनिटाइजर भी वितरित किए एवं उन्होंने कोरोना संक्रमण से अभी भी सावधान रहने की अपील की।
इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मी टिंकू सिंह, हरीश कुमार सहित भट्टोवाला की प्रधान दीपा राणा, मानवेंद्र कंडारी, धनपाल सिंह राणा, नत्थी लाल रतूड़ी, हरपाल सिंह राणा, रविंद्र राणा, संजय राणा भी उपस्थित रहे।

जनपद देहरादून में कोविड 19 की डबल डोज वैक्सीनेशन के मिनी एवं मेगा लकी ड्रा के विजेताओं को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड़ ग्राउण्ड में आयोजित कोविड वैक्सीन मेला मेगा लकी ड्रा में जनपद देहरादून में कोविड 19 की डबल डोज वैक्सीनेशन के मिनी एवं मेगा लकी ड्रा के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने मेगा लकी ड्रा के प्रथम विजेता रीना शुक्ला को होण्डा एक्टिवा, द्वितीय विजेता मनीष कोटवाल को टी.वी. विद साउण्ड सिस्टम तथा तृतीय विजेता मोहन शर्मा को डबल डोर फ्रिज पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लक्की ड्रा के टी शर्ट, स्पोर्ट्स शूज, ट्रैक सूट, माइक्रोवेव एवं वॉशिंग मशीन कैटेगरी के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी के प्रयासों से हम प्रदेश में कोविड 19 की शत प्रतिशत पहली डोज लगाने में सफल हो पाये हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 15 दिसम्बर तक शत प्रतिशत दूसरी डोज लगाये जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से देश में वैक्सीन तैयार हुई, जिससे देश के 100 करोड़ लोगों का टीकाकरण किये जाने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि देश में टीकाकरण का अभियान तेजी से निरन्तर संचालित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कुछ लोगों ने वैक्सीनेशन के बारे में लोगों को गुमराह करने का कार्य किया। दूसरी लहर में यह देखा गया कि जिन लोगों ने टीका नहीं लगया उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा था, जबकि टीका लगाने वालों को सीमित संक्रमण का सामना करना पड़ा तथा वे उपचार के बाद ठीक हो गये। उन्होंने कहा कि शुरूआत में कोरोना टीका के बारे में लोगों को गुमराह करने वालों ने कई लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इसी का परिणाम है कि हम प्रदेश में शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा है हमारे स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों आदि ने भी इसमें अपना सराहनीय सहयोग दिया है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल से बात कर उनके प्रयासों को सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी से लोगों के जीवन को बचाने के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विकास किया गया है। संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिये भी प्रभावी प्रयास किये गये। आज हमारे पास 11 सरकारी तथा 26 निजी लैब है। पर्याप्त मात्रा में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही बच्चों के लिए नीकू व पीकू वार्ड तैयार किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का जीवन बचाना हमारा उद्देश्य है। इसके लिये चिकित्सा अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को धनतेरस एवं दीपावली की भी शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में आयी आपदा के दृष्टिगत उन्होंने दीपावली न मनाने का भी निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, संजय गुप्ता, मेयर सुनील उनियाल गामा, जिलाधिकारी एवं स्मार्ट सिटी देहरादून के सीईओ जन्मेजय खण्डूड़ी, सीएमओ देहरादून के साथ ही अन्ध अधिकारी आदि उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर कई शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन

रक्ताधान औषधि तथा रक्तकोष विभाग में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में माह भर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का रविवार को समापन किया गया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वैक्षिक रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में एम्स, ऋषिकेश के रक्ताधान औषधि तथा रक्तकोष विभाग की ओर से विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी की देखरेख में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी माहभर विभिन्न रक्तदान शिविरों के आयोजन के साथ ही रक्तदान से जुड़े शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनकी शुरुआत माह के प्रारम्भ में पोस्टर तथा स्लोगन लेखन प्रतियोगिता से की गई।
उक्त कार्यक्रमों में एम्स के छात्र-छात्राओं के अलावा स्टाफ मेबरों व स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने भी चढ़कर हिस्सा लिया। रविवार को समापन कार्यक्रम में पोस्टर तथा स्लोगन लेखक प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदाताओं से लिया गया रक्त सर्वश्रेष्ठ होता है। उन्होंने युवाओं से स्वैच्छिक रक्तदान में बढ़चढ़कर प्रतिभाग करने का आह्वान भी किया।
संस्थान के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर प्रेरित करने के लिए इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होते हैं। उन्होंने रक्तकोष विभाग के कार्यक्रमों की सराहना की व ऐसे कार्यक्रमों के ज्यादा से ज्यादा आयोजन के लिए प्रेरित किया।
विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी ने बताया कि एम्स प्रतिवर्ष ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता है जिसमें संस्थान के विद्यार्थी, चिकित्सक, कर्मचारियों के अलावा आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त होता है। विभाग की फैकल्टी सदस्य डा. दलजीत कौर व डा. आशीष जैन जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन की रक्षा के लिए स्वैच्छिक रक्तदान बेहद जरूरी है, इसके लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है। बताया कि विभाग आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से करेगा।

ऊधम सिंह नगर में स्थापित होगा एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट केंद्र

उधम सिंह नगर जनपद के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध जमीन पर एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट केंद्र संचालित होगा जो कुमायूं मंडल के मरीजों के लिए एम्स की सुविधाएं प्रदान कर उपचार की सेवाओं को उपलब्ध कराएगा। ऊधम सिंह नगर में एम्स ऋषिकेश द्वारा सैटेलाइट केंद्र खोले जाने संबंधित पत्र भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार निलाम्बुज शरण की ओर से एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर को प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री द्वारा ऋषिकेश (एम्स) की भांति कुमांऊ क्षेत्र में भी एम्स की स्थापना का अनुरोध भारत सरकार से किया जाता रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कुमांऊ क्षेत्र की जनता के साथ उप्र के समीपवर्ती जनपदों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री के उपरोक्त अनुरोध के क्रम में भारत सरकार द्वारा तात्कालिक रूप से शीघ्र ही जनपद ऊधमसिंह नगर में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई जमीन पर एम्स ऋषिकेश के सेटलाइट केन्द्र संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार सरन के पत्र में एम्स भुवनेश्वर द्वारा उड़ीसा के बालासोर में संचालित सेटेलाइट केंद्र की तर्ज पर एम्स ऋषिकेश द्वारा उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में एम्स का सेटेलाइट केंद्र संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं किए जाने के लिए कहा है। भारत सरकार के पत्र मिलने के बाद अब राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध जमीन की उपयोगिता एवं एम्स के सेटेलाइट केंद्र के रूप में संचालित होने की क्षमता का आकलन स्वास्थ्य मंत्रालय की टेक्निकल टीम द्वारा शीघ्र ही किया जाएगा, जिसमें एम्स निदेशक की अगुवाई में वहां के इंजीनियर तथा चीफ आर्किटेक्ट जमीन का भ्रमण कर उपयोगिता का परीक्षण करेंगे। परीक्षण के उपरांत एम्स की टीम चिन्हित स्थान पर एम्स के सेटेलाइट केंद्र के संचालन हेतु अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी। भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार द्वारा इस प्रकरण को तेजी से निष्पादित करने का अनुरोध भी एम्स निदेशक से किया गया है।

स्तन कैंसर जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत रैली निकालकर दिया संदेश

एम्स, ऋषिकेश कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विभिन्न कक्षाओं के नर्सिंग स्टूडेंट्स की ओर से स्तन कैंसर जनजागरुकता कार्यक्रम के तहत रैली निकाली गई। जिसके माध्यम से महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक किया गया। रैली में विद्यार्थियों के साथ ही नर्सिंग फैकल्टी सदस्यों ने भी प्रतिभाग किया।
शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में कॉलेज ऑफ नर्सिंग के बीएससी अंतिम वर्ष व एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने असिटेंट प्रोफेसर डा. राज राजेश्वरी व प्रसुन्ना जैली की अगुवाई में स्तन कैंसर जनजागरुकता रैली निकाली। रैली को संस्थान के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली एम्स के गेट नंबर-एक से शुरू हुई और आस्था पथ बैराज, एम्स गेट नंबर-2 होते हुए कॉलेज ऑफ नर्सिंग में संपन्न हुई।
इस अवसर पर एम्स अस्पताल के नॉन कोविड एरिया में बीएससी नर्सिंग की छात्राओं ने स्तन कैंसर जनजागरुकता पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और महिलाओं को स्तन कैंसर के कारण, सावधानियां, बचाव व उपचार संबंधी संदेश दिया। उन्होंने महिलाओं को स्तन कैंसर संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा के तहत स्वस्थ जीवनशैली एवं पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराया, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर से बचाव को लेकर महिलाओं को जागरुक करना था।
इस दौरान महिलाओं द्वारा स्तन कैंसर बीमारी से जुड़े सवाल भी पूछे गए, जिनका नर्सिंग फैकल्टी व स्टूडेंट्स के द्वारा उत्तर दिया गया। इस अवसर पर कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल जेवियर बेलसियाल, फैकल्टी डा. राज राजेश्वरी, प्रसुन्ना जैली, मीनाक्षी, गीतिका, कालेश्वरी, अवधूत, दिव्या, विश्वास आदि मौजूद रहे।

सारी दवा खरीदो, एक नही दूंगा तीमारदार को कहकर लौटा दिया

एम्स रोड पर प्राइवेट मेडिकल स्टोर संचालक पर मरीज के तीमारदारों को दवा नहीं देने और बदसलूकी करने कि शिकायत पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने कार्रवाई की। ड्रग्स इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर से संबंधित दस्तावेज आदि की जांच की। बताया कि आरोप साबित होने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
शनिवार को ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती देहरादून से ऋषिकेश एम्स रोड पहुंची। यहां एम्स संस्थान से सटे एक प्राइवेट मेडिकल स्टोर में पहुंचकर स्टोर संचालक से जवाब तलब किया। इस दौरान दवा का स्टॉक, एक्सपाइरी डेट आदि की जांच की। कार्रवाई से एम्स रोड पर मेडिकल स्टोर चला रहे संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही। ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि एम्स रोड पर साईं मेडिकल स्टोर संचालक ने एम्स में भर्ती एक मरीज के तीमारदार को यह कहकर दवा नहीं दी कि सभी दवाई यहां से खरीदे। पर्चे में लिखी एक दवा नहीं दूंगा। जबकि तीमारदार पर्चे में लिखी अन्य दवाएं एम्स परिसर में खुले मेडिकल स्टोर से ले चुका था। एक दवा नहीं मिली तब वह बाहर मेडिकल स्टोर पर आया। ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया कि एक दवा नहीं देना नियम विरुद्ध है। मामले की गहनता से जांच की जाएगी। साथ ही मेडिकल स्टोर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी खंगाली जाएगी। आरोप साबित होने पर स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

टीकाकरण अभियान-एम्स ऋषिकेश में 50 हजार डोज लगाई गई

अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के टीकाकरण केंद्र के तत्वावधान में अब तक लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की 50,000 डोज लगाई जा चुकी है। शुक्रवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की उपस्थिति में 50,000 वीं डोज लगाई गई। शुक्रवार को एम्स,ऋषिकेश कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 50,000 वीं को​विड 19 वैक्सीन की डोज ऋषिकेश निवासी खुशीराम को लगाई गई। इस अवसर पर विशेषरूप से मौजूद भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एम्स ऋषिकेश की इस उपलब्धि पर बधाई दी एवं हैल्थ केअर स्टाफ के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूड़ी भी उपस्थित रहीं। इस उपलब्ध के लिए विधायक ऋतु खंडूड़ी के साथ ही एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने भी एम्स संस्थान के हेल्थकेयर स्टाफ को बधाई दी।
आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान के डीन एकेडेमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. अश्वनी कुमार दलाल, वैक्सीनेशन नोडल ऑफिसर तथा कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना के अलावा अन्य चिकित्सकों व एम्स प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में केक काटा गया। इस अवसर पर कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर, एम्स ऋषिकेश के प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने बताया कि इस केंद्र पर भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत 16 जनवरी-2021 को कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रारंभ हुआ। जिसके तहत अब तक 50,000 डोज लगाई जा चुकी हैं। इसमें 27,616 प्रथम डोज व 22,384 द्वितीय डोज लगाई गई हैं। इनमें से 10,846 डोज हेल्थ केयर स्टाफ, फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 39,154 डोज सामान्य जनता को लगाई गई है।
केंद्र प्रभारी ने बताया कि अब तक इस सेंटर पर 223 वैक्सीनेशन सत्र आयोजित किए जा चुके हैं। पिछले 9 महीने से यह केंद्र निरंतर टीकाकरण का कार्य कर रहा है। यहां पर कोविशील्ड तथा को-वैक्सीन दोनों ही कोविड-19 वैक्सीन की डोज सभी आयुवर्ग (18 वर्ष एवं उससे अधिक) के लिए उपलब्ध है। संस्थान के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग द्वारा संचालित इस केंद्र पर संकायगण, जूनियर डॉक्टर, इन्टर्नस, नर्सिग स्टाफ एवं पैरामेडिकल की टीम चिकित्सा विभाग, उत्तराखंड सरकार के सहयोग से कोविड-19 वैक्सीनेशन के शतप्रतिशत लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए सततरूप से कार्यरत है। इस अवसर पर प्रो. कमर आजम, डॉ. अजीत भदौरिया, डॉ. योगेश बहुरूपी, डा. मधुर उनियाल, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, प्रशासनिक अधिकारी संतोष, पुस्तकालयाध्यक्ष संदीप सिंह, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट घेवर चंद,नर्सिंग इंचार्ज जिमिमा, एएनएस जितेंद्र आदि मौजूद रहे।

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