एम्स में प्रेशर इंजरी एविडेंस बेस्ड नर्सिंग एप्रोच विषय पर हुई कार्यशाला आयोजित

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में डिपार्टमेंट ऑफ नर्सिंग सर्विसेस की ओर से प्रेशर इंजरी एविडेंस बेस्ड नर्सिंग एप्रोच विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेशर इंजरी की तत्काल पहचान, बचाव व उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि प्रेशर इंजरी मैनेजमेंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर की दक्षता लाने के लिए एम्स ऋषिकेश प्रयासरत है, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत संस्थान में नर्सिंग ऑफिसर तैयार किए जा रहे हैं। एम्स ऋषिकेश से दक्ष नर्सेस निकट भविष्य में देश ही नहीं दुनियाभर में मरीजों को बेहतर नर्सिंग सेवाएं देंगे।
संस्थान में शुक्रवार को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, डीएचए प्रो. यूबी मिश्रा व फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. वीके बस्तिया ने संयुक्तरूप से शुभारंभ किया।
डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि हॉस्पिटल में प्रेशर इंजरी मैनेजमेंट व ट्रीटमेंट में नर्सिंग स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसे संबंधित पेशे से जुड़े लोगों को ठीक से समझने की आवश्यकता है, वह तभी अस्पताल में आने वाले मरीजों की बेहतर चिकित्सा में मददगार साबित हो सकते हैं।
प्रो. यूबी मिश्रा ने प्रेशर इंजरी के इतिहास पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने इस दिशा में लगातार आ रहे बदलावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस कार्य में फ्लोरेंस नाईटेंगल के योगदान को भी याद किया।

इस अवसर पर संस्थान के पीएमआर विभाग की प्रोफेसर डा. राजलक्ष्मी अय्यर ने प्रेशर इंजरी ओवरव्यू के बारे में जानकारी दी। डिपार्टमेंट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी की डा. मधुबरी वाथुल्या ने प्रेशर इंजरी की ग्रेड क्लासिफिकेशन के बारे में बताया।

एएनएस कमलेश व वंदना ने एविडेंस बेस्ड नर्सिंग मैनेजमेंट के बाबत जानकारी दी। इस अवसर पर डा. अनुभा अग्रवाल, डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. मनीष शर्मा, एएनएस पुष्पा, कल्पना, जितेंद्र, ज्योतिष, नर्सिंग ऑफिसर अज्जो उन्नीकृष्णन, पंकज पुनजोत आदि मौजूद थे।

14 वर्षीय किशोर के एम्स में चिकित्सकों की टीम ने बदले दिल के वाॅल्व

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने मार्फन सिंड्रोम से ग्रसित एक 14 वर्षीय किशोर के हार्ट के 3 वाल्व का ऑपरेशन कर उसे जीवनदान दिया है। निदेशक प्रो. रविकांत ने हाईरिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए ​चिकित्सकीय टीम की सराहना की है। कहा कि अस्पताल में मरीजों की सेवा के लिए ड्यूटी हावर्स के बाद भी जरुरत पड़ने पर वरिष्ठ चिकित्सकों का हरसंभव सहयोग मिलेगा।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश निवासी एक 14 वर्षीय किशोर जो कि मार्फन सिंड्रोम नामक जेनेटिक बीमारी से ग्रस्त था, इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की लंबाई अत्यधिक रहती है साथ ही हाथ व पैरों की अंगुलियां औसत से कहीं अधिक लंबी होती हैं।

इस बीमारी में आंख में लैम्स का खिसकना एवं दिल के वाल्व का लीक होना या ऑर्टा नामक धमनी का फटना आम बात होती है जिससे किसी भी इंसान की मृत्यु भी हो सकती है। इस किशोर के दिल के 3 वॉल्व लीक कर रहे थे, बावजूद इसके समय रहते इलाज नहीं करवाने से उसका हार्ट फेल हो गया था। साथ ही उसका लीवर व गुर्दा भी फेल हो गया था,जिसकी वजह से उसके ऑपरेशन में अत्यधिक रिस्क बढ़ गया था। इन तमाम बीमारियों के कारण उसके पेट व पैरों में सूजन आ गई थी, साथ ही उसे पीलिया की शिकायत थी।

चिकित्सकों के अनुसार किशोर को ऑक्सीजन से भी सांस नहीं आ रही थी और उसकी छाती में पानी भर गया था। तमाम तरह की शारीरिक व्याधियों के बावजूद पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डा. अनीश गुप्ता ने अपनी टीम के साथ इस किशोर का इमरजेंसी ऑपरेशन किया,जिसमें उसके दो वाल्व बदले गए, जबकि उसके एक वॉल्व को रिपेयर किया गया। ऑपरेशन के दौरान किशोर के दिल में जमा खून के थक्के भी निकाले गए। सर्जरी के बाद मरीज को काफी समय तक आईसीयू में रखा गया और उसके बाद स्थिति थोड़ा सामान्य होने पर उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया जहां अब वह स्वस्थ है।

डा. अनीश के मुताबिक इस हाईरिस्क सर्जरी में मरीज की जान को अत्यधिक खतरा था, बावजूद इसके उसके जीवन की सुरक्षा के लिए वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ प्रोफेसर भानु दुग्गल, पी​डियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. यश श्रीवास्तव एवं कॉडियक ऐनेस्थिसिया डा. अजय मिश्रा की संयुक्त टीम द्वारा अथक प्रयासों से मरीज की जान बच पाई। उन्होंने बताया कि ऐसे जटिल कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने चिकित्सकीय टीम का हौंसला बढ़ाया।

उत्तराखंड को मिला 92500 अतिरिक्त वैक्सीन का तोहफा

केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को कोविड-19 के टीकाकरण के लिए कोविशिल्ड वैक्सीन की 92500 डोज उपलब्ध कराई जा रही है। यह वैक्सीन बुधवार 20 जनवरी को देहरादून एयरपोर्ट पर अपराह्न में पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि 16 जनवरी से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण के तहत कोविड-19 की वैक्सीन की 1 लाख 13 हजार डोज उत्तराखण्ड को दी गई थी। प्रथम चरण में हेल्थवर्करो का सफलतापूर्वक वैक्सीनैशन किया जा रहा है।

अब केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्तराखण्ड को 92500 वैक्सीन और दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ जंग में हम निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहे हैं। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।

पीएम मोदी ने आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का किया शुभारंभः त्रिवेंद्र सिंह रावत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून अस्पताल के नवीन ओपीडी में इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। दून अस्पताल में चिकित्सकों और हेल्थवर्करों के टीकाकरण से राज्य के सभी 13 जिलों में कोविड-19 के टीकाकरण का शुभारम्भ किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया गया है। राज्य को पहले चरण में एक लाख 13 हजार वैक्सीन उपलब्ध हुई है। 50 हजार स्वास्थ कर्मियों के टीकाकरण से इसकी शुरूआत की जा रही है। इसके बाद फ्रंट लाईन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों एवं को-मॉर्बिड का वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए कोरोना महामारी को काफी हद तक नियंत्रित किया। अपनी जान की परवाह किये बगैर उन्होंने जन सेवा की। दून मेडिकल कॉलेज द्वारा मृत्युदर कम करने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी लोगों का कोविड टीकाकरण किया जायेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि टीकाकरण के लिए भ्रामक प्रचार और अफवाहों से बचें। कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण के बाद भी पूरी सतर्कता बरती जाय, क्योंकि 28वें दिन में दूसरा टीका लगने के बाद 02 सप्ताह एण्टी बॉडी विकसित होने में लगते हैं। तब तक बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दृष्टिगत 20 हजार अतिरिक्त वैक्सीन के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है।

इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।

एम्स में हाउस कीपिंग स्टाफ की महिला को लगा सर्वप्रथम टीका

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कोविड19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इसके तहत पहले दिन करीब 100 हैल्थ केयर वर्करों को वैक्सीन लगाई गई।

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में कोविड19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रो. रविकांत ने फीता काटकर संस्थान में टीकाकरण अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सबसे पहला टीका एम्स के कोविड सेंटर में तैनात महिला हाउस कीपिंग स्टाफ मीना देवी को लगाया गया।

इस अवसर पर लोगों में कोविड19 वैक्सीन को लेकर चल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने स्वयं दूसरा टीका व संस्थान के डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने तीसरा टीका लगवाया।

इस अवसर पर निदेशक एम्स ने कहा कि चिकित्सा वैज्ञानिकों द्वारा अपने ही देश में तैयार की गई कोविड19 वैक्सीन को लेकर लोगों में चल रही तमाम भ्रांतियां फिजूल हैं। लिहाजा हमें टीकाकरण को लेकर किसी भी अवैज्ञानिक व तथ्यहींन बातों में नहीं आना चाहिए, वरन कोविड संक्रमण से बचाव व सुरक्षा के लिए टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा कोविड 19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गई है, जो कि निसंदेह जल्द ही सफलता का मुकाम हासिल करेगा और देशवासी कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित रह सकेंगे।


निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोविड टीकाकरण अभियान के तहत दूसरी वैक्सीन 28 दिन के बाद लगेगी, लिहाजा तब तक हमें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरतनी है। उन्होंने सभी को आगाह किया ​कि जब तक देशभर में शत- प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन नहीं लग जाती है, तब तक हमें एक दूसरे से दो गज की दूरी और मास्क है जरुरी नियम का अनिवार्यरूप से पालन करना होगा।
इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में शनिवार को कोविड वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दिया गया है। जो लगभग 4 महीने तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत सबसे पहले कोविड एरिया में कार्य करने वाले चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ व सफाईकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके बाद संस्थान में कार्यरत अन्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।
इस अवसर पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. लतिका मोहन, डीन हॉ​स्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा, कोविड टीकाकरण अभियान समिति की चेयरपर्सन प्रो. वर्तिका सक्सैना, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डा. सोमप्रकाश बासू, डा. नवनीत कुमार बट्ट, डा. मधुर उनियाल, डा. पीके पांडा, डा. रवि गुप्ता, डा. वेंकटेश पाई, डा. योगेश बहुरूपी, डा. अजीत सिंह भदौरिया, डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. महेंद्र सिंह, डा. रंजीता कुमारी, डा. मीनाक्षी खापरे, डा. अंकित अग्रवाल, डा. संतोष कुमार, डा. राजेश कुमार, डा. राकेश शर्मा, रजिस्ट्रार राजीव चैधरी, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय आदि मौजूद थे

शनिवार से कोरोना वैक्सीन का शुभारंभ होते ही शुरू कर दिया जाएगा टीकाकरण अभियान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 16 जनवरी, 2021 से प्रदेश में वैक्सीनेशन का पहले चरण के लिये पूरी तैयारी कर ली गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित वैक्सीनेशन निर्माण में लगे वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड कोविड-19 के चरणबद्ध टीकाकरण अभियान के लिये पूर्ण रूप से तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश को पहली खेप के रूप में 01 लाख 13 हजार वैक्सीन दी गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से इस वैश्विक महामारी के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों के उपरान्त 16 जनवरी 2021 को प्रातः 10.30 बजे सम्पूर्ण देश में कोविड-19 वैक्सीन से टीकाकरण का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री दून अस्पताल से वर्चुअली इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड में भी कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने का कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा।

कोविड-19 वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एन०एच०एम० श्रीमती सोनिका ने बताया कि कल 16 जनवरी 2021 को राज्य के समस्त जनपदों के 13 चिकित्सालयों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन टीकाकरण किया जायेगा। सोनिका के अनुसार जनपद देहरादून में 5, हरिद्वार तथा उधमसिंहनगर में 4, नैनीताल में 3 तथा अन्य जनपदों में 02-02 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जायेंगे। टीकाकरण हेतु चिन्हित 34 स्थानों में 32 सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं जिसमें एम्स ऋषिकेश तथा ऋषिकुल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भी सम्मिलित हैं जबकि 2 निजी चिकित्सा संस्थान (हिमालयन मेडिकल कॉलेज एवं गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज) में टीकाकरण होगा।

मिशन निदेशक सोनिका ने कहा कि टीकाकरण के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारम्भ के दौरान प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फेन्स के माध्यम से क्रमशः दून मेडिकल कॉलेज तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से भी जुडेंगे और टीकाकरण की गतिविधि को देखेंगे इस अवधि में प्रधानमंत्री वहाँ पर उपस्थित वैक्सीनेशन कार्य में लगे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता भी करेंगे। टीकाकरण के शुभारम्भ अवसर पर सभी 34 स्वास्थ्य ईकाईयो पर 100 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जायेगी। इस प्रकार वैक्सीनेशन के पहले दिन लगभग 3400 हैल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जायेगा।

राज्य में कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी जनपदों में वैक्सीन सुरक्षित पहुंच चुकी है तथा कल प्रातः वैक्सीन सभी टीकाकरण सत्रों में निर्धारित कोल्ड चेन प्रणाली के अन्तर्गत उपलब्ध रहेगी। महानिदेशक डॉ0 उप्रेती के अनुसार सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीकाकरण के दौरान भारत सरकार की गाईड लाईन का सख्ती से अनुपालन करते हुए टीकाकरण के कार्य को पूर्ण करेंगे और सभी टीकाकरण स्थलों पर Covid Appropriate behaviour के मानकों का पालन सुनिश्चित करायेंगे। महानिदेशक ने कहा कि सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह आपूर्तित वैक्सीन के प्रथम खुराक को देने के दौरान इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें 50 प्रतिशत वैक्सीन दूसरी खुराक के लिए सुरक्षित रखनी है।

एम्स ऋषिकेश में आप भी कर सकते है अपने नेत्र का दान, डायल करें…

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में गतवर्ष 2020 में लाॅकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई नेत्रदान की सुविधा को फिर से शुरू कर दिया गया है। बीते अक्टूबर माह से अब तक एम्स के आई बैंक में 13 लोगों के संकल्प के तहत आंखें दान की गई हैं, जिनसे 19 लोगों का जीवन रोशन हुआ है।

मार्च 2020 में विश्वव्यापी कोविड19 महामारी के मद्देनजर देशभर में लाॅकडाउन के बाद एम्स ऋषिकेश के नेत्र कोष विभाग में काॅर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई थी। यह सुविधा सितंबर 2020 महीने तक स्थगित रखी गई। मगर इसके बाद हालात सामान्य होने पर अक्टूबर माह से इसे फिर से शुरू कर दिया गया। तब से अब तक एम्स स्थित नेत्र विभाग के आई बैंक में 13 लोगों के नेत्रदान महादान के संकल्प के तहत आंखें दान कर 19 लोगों को जीवन ज्योति प्रदान की गई।

इस बाबत एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने अपने संदेश में बताया कि नेत्रदान करना सबसे महान कार्य है। उन्होंने कहा कि नेत्रदान से किसी के अंधेरे जीवन को रोशन करने के समान कोई दूसरा महादान नहीं है। लिहाजा जो लोग अपनी आंखें दान करने का संकल्प लेते हैं, वह जरुरतमंद व्यक्ति को नेत्र ज्योति देकर मृत्यु उपरांत भी अमर हो जाते हैं। निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में स्थापित आई बैंक में कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें दान कर सकता है। इस प्रक्रिया में किसी भी उम्र तक का व्यक्ति प्रतिभाग कर नेत्र दान जैसे पुण्यकार्य का प्रतिभागी बन सकता है।

गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में लोगों को नेत्र दान जैसे पुनीत कार्य के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से नेत्र कोष आई बैंक की स्थापना 26 अगस्त 2019 को की गई थी। जिसमें लगभग डेढ़ वर्ष में एम्स आई बैंक के माध्यम से काॅर्निया प्रत्यारोपण के बाद 92 लोगों को जीवन ज्योति प्राप्त हो चुकी है। इस बाबत संस्थान के नेत्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव मित्तल जी ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में काॅर्निया प्रत्यारोपण की सभी विश्वस्तरीय आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि आंखें दान करने के इच्छुक व्यक्ति अपने इस संकल्प को साकार करने के एम्स आई बैंक में सीधे संपर्क कर अथवा ’ऋषिकेश आई बैंक’ से ऑनलाइन जुड़कर इस महान कार्य में योगदान कर सकता है। डाॅ. मित्तल ने बताया कि संस्थान में कोविड19 महामारी की वजह से स्थगित रखी गई काॅर्निया प्रत्यारोपण की सुविधा को अक्टूबर 2020 से फिर से बहाल कर दिया गया है। लिहाजा आंखें दान करने को इच्छुक व्यक्ति ऋषिकेश आई बैंक के 90685 63883 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान में संचालित काॅर्निया प्रत्यारोपण प्रक्रिया में कोविड19 गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है।

16 जनवरी से लगेगी उत्तराखंड में कोरोना की वैक्सनी, 1,13,000 डोज पहुंची उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में 16 जनवरी 2021 से आरम्भ होने वाले कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण अभियान के बारे में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी द्वारा सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेसवार्ता की गई। स्वास्थ्य सचिव द्वारा प्रेसवार्ता के दौरान निम्न बिंदुओं पर जानकारी दी गई।

उत्तराखण्ड को मै0 सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया से कोविड वैक्सीन की 1,13,000 डोज आज प्राप्त हो गई हैं।

कोविड-19 वैक्सीन आज मुम्बई एयरपोर्ट से दोपहर 12ः15 पर स्पाईस जैट की फ्लाईट संख्या- SG779 पर रखी गई और यह वैक्सीन देहरादून एयरपोर्ट पर 2ः45 बजे पहुंची। एयरपोर्ट से वैक्सीन को निर्धारित कोल्ड चेन प्रणाली के अन्तर्गत देहरादून स्थित राज्य केन्द्रीय औषधि भण्डार गृह में लाया गया है, जहाँ पर इसे वॉक-इन-कूलर में सुरक्षित रखा गया है ।

केन्द्रीय औषधि भण्डार से वैक्सीन का वितरण निर्धारित मात्रा के अनुसार सभी जिला एवं रिजनल वैक्सीन भण्डारग्रहों को आज सांय तक कर दिया जायेगा और वैक्सीन कल प्रातः तक सभी जनपदों के वैक्सीन भण्डारंगृह में पहुंच जायेगी। राज्य के दूरस्थ जनपदों में वैक्सीन कल दोपहर तक पहुंच पायेगी।

उत्तराखण्ड को प्राप्त 1,13,000 डोज के सापेक्ष 1,640 डोज केन्द्रीय स्वास्थ्य ईकाईयों के हैल्थ केयर वर्कर, 3,450 आर्मड फोर्स मेडिकल सर्विसेस तथा 1,07,530 डोज राज्य के सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य सेवाओं के हैल्थ केयर वर्कर्स के लिए उपलब्ध की जा रही है। इस प्रकार 1,12,620 वैक्सीन डोज का वितरण आज कर दिया जायेगा।

वैक्सीन को प्राप्त करने के लिए सभी जनपदों की वैक्सीन वाहन राज्य मुख्यालय में पहुंच चुकी है तथा वैक्सीन की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वैक्सीन वाहन के साथ एक-एक पुलिस स्कॉर्ट वाहन भी उपलब्ध कराया गया है।

वैक्सीन के साथ-साथ प्रत्येक डोज के लिए उतनी ही मात्रा में Auto Disposable syringes भी उपलब्ध कराई जा रही है।

वैक्सीनेशन हेतु प्रत्येक लाभार्थी को एक वैक्सीनेशन कार्ड दिया जायेगा जिसकी आपूर्ति भी वैक्सीन के साथ की जा रही है।

वैक्सीन की अगली खेप शीघ्र ही राज्य को मिलने की सम्भावना है।

वैक्सीनेशन चरणबद्ध तौर पर किया जायेगा, 16 जनवरी 2021 से हैल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जायेगी, जिसमें केन्द्रीय स्वास्थ्य संस्थान, मिलिट्री अस्पताल एवं राज्य के सरकारी तथा निजी स्वास्थ्य ईकाईयों पर तैनात समस्त हैल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जा रही है।

उच्चतम व एडवांस मेडिकल केयर के लिए एम्स ऋषिकेश को मिला बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी अवार्ड

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को उच्चतम एवं एडवांस मेडिकल केयर, उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान के उत्कृष्ट कार्यों के ​लिए बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी 2020 अवार्ड से नवाजा गया है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने संस्थान की ओर से मरीजों को वल्र्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का संकल्प दोहराया।
देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल में एम्स ऋषिकेश को उत्तराखंड साइंस और टेक्नोलॉजी की ओर से बेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी अवार्ड 2020 प्रदान किया गया। एम्स ऋषिकेश को इस सम्मान से नवाजे जाने पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश अपनी उत्कृष्ट सेवाओं को 2021 व निकट भविष्य में भी विशेषरूप से समाज कल्याण एवं जन कल्याण के लिए सततरूप से जारी रखते हुए और आगे बढ़ाएगा।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी संस्थान की ओर से एम्स संस्थान को दिया गया यह सम्मान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा शुरू की गई समस्त सेवाएं उत्तराखंड ही नहीं देश के कई अन्य राज्यों में जन-जन तक पहुंच रही हैं, साथ ही हमारा सतत प्रयास रहेगा कि प्रत्येक जनमानस हमारी सेवाओं से लाभान्वित हो, ऐसे में चाहे वह एडवांस उपचार हो या फिर गांव- गांव एवं घर- घर तक पहुंचने वाला आउटरीच प्रोग्राम हो, एम्स ऋषिकेश मरीजों की उच्चतम गुणवत्ता की केयर के लिए प्रतिबद्ध है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में एक ओर उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च और शोध कार्य किए जा रहे हैं, वहीं मरीजों के हितों का ध्यान रखते हुए उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा भी प्रदान की जा रही है, इसके साथ ही उत्तराखंड की भौगोलिक पस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें एम्स परिसर में हेलीपैड सेवाएं एवं ट्रॉमा सेंटर, डायलिसिस यूनिट एवं कई मल्टी स्पेशलिटी यूनिट्स स्थापित कर दी गई हैं, जिसका सीधा उद्देश्य मरीजों को उच्च सुविधा एवं गुणवत्ता के साथ उपचार का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने इस सम्मान के लिए उत्तराखंड की समस्त जनता, सरकार एवं जनप्रतिनिधि का आभार व्यक्त किया है।

आयोजित अवॉर्ड सेरिमनी में वर्चुअल माध्यम से जुड़े संस्थान के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने इस पुरस्कार को प्राप्त कर हर्ष व्यक्त किया।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि एम्स ऋषिकेश उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और शोध के साथ-साथ उच्च तकनीक द्वारा जनता के स्वास्थ्यहित का भी संपूर्ण ध्यान रखता है। उन्होंने बताया कि संस्थान ने वर्ष 2020 में कई ऐसे कार्य किए हैं, जो कि एम्स ऋषिकेश की प्रतिबद्धताओं को साबित करते हैं। उन्होंने आगे बताया कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक मशीन एवं उच्च गुणवत्ता का उपचार आदि उपलब्ध कराया गया है। इस अवसर पर संस्थान के आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार आदि मौजूद थे।

एम्स ऋषिकेश में कोविड-19 वैक्सिनेशन की तैयारियां तेज, ड्राइ रन का हुआ आयोजन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में कोविड19 वैक्सिनेशन की तैयारियों के मद्देनजर आज ड्राइ रन का आयोजन किया गया। इसके लिए संस्थान के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग की ओर से आयुष भवन में भारत सरकार के मानकों के अनुरूप वैक्सिनेशन सेंटर की संपूर्ण व्यवस्था की गई है। ड्राइ रन में एम्स के 25 चिकित्सकों, सिक्योरिटी व अन्य अधिकारियों, कर्मिचारियों ने प्रतिभाग किया। सेंटर में पहले चरण में कुल 5,632 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत की देखरेख में 16 जनवरी से शुरू होने वाली कोविड19 वैक्सिनेशन प्रक्रिया के लिए संस्थान में सभी व्यवस्थाएं चाकचैबंद कर दी गई हैं। मंगलवार को एम्स के आयुष भवन में स्थापित कोविड वैक्सिनेशन सेंटर में ड्राइ रन का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अपीडोमोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) डा. पीयूष आगस्टीन जी ने वैक्सिनेशन व्यवस्था व ड्राइ रन की संपूर्ण प्रक्रिया का निरीक्षण किया व सराहना की।
एम्स की कम्यूनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष व वैक्सिनेशन कमेटी की चेयरपर्सन प्रो. वर्तिका सक्सेना जी ने बताया कि संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी के निर्देशन में भारत सरकार की गाइड लाइन के तहत कोविड 19 वैक्सिनेशन की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं, जिसके तहत मंगलवार को ड्राइ रन का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी का कोविन एप में वैरिफिकेशन व वैक्सिनेशन किया जाएगा, इसके बाद प्रत्येक व्यक्ति को 30 मिनट तक आब्जर्वेशन में रखा जाएगा, जिससे किसी भी व्यक्ति को टीकाकरण के बाद किसी प्रकार के साइड इफेक्ट होने की स्थिति में तत्काल आपात आवश्यक उपचार दिया जा सके।

उन्होंने बताया कि ऑब्जर्वेशन के दौरान किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए वैक्सिनेशन सेंटर में ही एईएफआई सेंटर भी स्थापित किया गया है। जिसका संचालन आपात चिकित्सा क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट की देखरेख में किया जाएगा।

बताया गया है कि कोविड वैक्सिनेशन सेंटर में लोगों के लिए दो पतीक्षालय व दो टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। सेंटर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक औसतन 100 से 200 लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। एम्स स्थित वैक्सिनेशन सेंटर में पहले चरण में 5,632 ​चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसरों, तकनीकि सहायकों व अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।

इस अवसर पर टीकाकरण समिति के सदस्य सचिव डा. योगेश बहुरुपी, सीएफएम विभाग के डा. महेंद्र सिंह, डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. संतोष कुमार,डा. हिदायत, डा. मीनाक्षी आदि मौजूद थे।