नई गाइडलाइन के अनुसार, धार्मिक आयोजन में मूर्ति को छूना प्रतिबंधित

कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन नहीं होंगे, जबकि अन्य स्थानों में धार्मिक आयोजन पर मूर्तियों को छूने पर प्रतिबंध रहेगा। यह बात स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड ने नई गाइड लाइन जारी कर कही।

सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडे ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के धार्मिक पूजा-पाठ, कार्यक्रम, मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस के साथ भीड़ जुटने वाले कार्यक्रमों की अनुमति नहीं होगी।

धार्मिक स्थानों और नवरात्रि के पंडालों में मूर्तियों को छूना प्रतिबंधित होगा। प्रशासन को नियमित सफाई, थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइजेशन के पुख्ता इंतजाम कराने होंगे।

स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में इस पर जोर दिया गया है कि लोग घरों में रहकर ही त्योहार मनाएं। 65 साल से अधिक के बुजुर्ग, दस साल से छोटे बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को घर पर रहने की सलाह दी गई है।

नवरात्रि में मूर्ति विसर्जन के स्थान तय करने होंगे। विसर्जन के दौरान बेहद कम लोगों को मंजूरी दी जाएगी। पंडालों में रिकॉर्ड गीत बजाने की मंजूरी होगी। मगर गायन समूहों को मंजूरी नहीं मिलेगी।

इसके अलावा कार्यक्रम स्थल की पहचान कर कार्य योजना तैयार करनी होगी। मूर्ति विसर्जन, रैली में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों को मंजूरी नहीं, लंबी दूरी की रैली और जुलूस में एंबुलेंस सेवा जरूरी, थियेटर और सिनेमा कलाकारों के लिए जारी गाइड लाइन स्टेज कलाकारों पर भी लागू रहेगी। थर्मल स्क्रीनिंग, सामाजिक दूरी का कराना होगा पालन, सेनेटाइजेशन का पुख्ता इंतजाम करना होगा।

कुंभ मेला में दिखेगा स्वच्छ भारत मिशन का का असर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार सांय सीएम आवास में कुम्भ मेला 2021 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की तैयारियों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।

मेलाधिकारी को कोविड-19 के मानकों के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर हरिद्वार की क्षमता का आंकलन करने के निर्देश दिये गये। यह भी देखा जाए कि स्नान घाटों की कितनी क्षमता है। अखाड़ों के संत महात्माओं से लगातार समन्वय बनाए रखें। कुम्भ मेला दिव्य और भव्य होगा। इसके आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का ध्यान रखना है। कुम्भ मेला क्षेत्र में स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाए। कुम्भ मेले के सुरक्षित आयोजन के लिए पुख्ता कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। कुम्भ मेले के लिए कोविड के दृष्टिगत बङी संख्या में मास्क और सेनेटाईजर की व्यवस्था की जाए। मेले में जो भी श्रद्धालु बिना मास्क के दिखे, उन्हें निशुल्क मास्क दिये जाएं। इसमें सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, शैलेश बगोली, पंकज पाण्डेय, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुन्ज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर उपस्थित थे।

अंबानी परिवार ने बढ़ाया हाथ, देवस्थानम बोर्ड के लिए किए पांच करोड़ रूपये अनुदान

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ रूपये का दान उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के लिए किया है। इससे 650 कर्मचारियों का वेतन में समस्या नहीं आड़े नहीं आएगी।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मगर, कोरोना के चलते इस वर्ष कुल 60 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इस कम संख्या का असर सीधे बोर्ड के राजस्व पर भी पड़ा है। इन मुश्किल हालात में अंबानी परिवार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को मिले पांच करोड़ को बड़ी राहत माना जा रहा है।

बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुरोध पर अनंत अंबानी ने देवस्थानम बोर्ड को पांच करोड़ दिए। अनंत अंबानी पूर्व में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। बीडी सिंह ने बताया कि मुकेश अंबानी सहित पूरे अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित चारों धामों में अपार आस्था है।

बोर्ड कर्मचारियों ने उद्योगपति अनंत अंबानी सहित प्रदेश सरकार, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का आभार व्यक्त किया है

सीएम ने की कुंभ मेला की समीक्षा, हरिद्वार-ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला 2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कुम्भ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा। मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए। कुम्भ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन किया जाना है। इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा। कुम्भ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिये जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों व होटलों को कोविड के दृष्टिगत क्या करें और क्या न करें, की मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासम्भव प्रशिक्षित किया जाए। सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस पर लगभग 35 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है। हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है। एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है। बाईक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे कुम्भ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी। अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे।

बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, नितेश झा, शैलेश बगोली, सौजन्या, पंकज पाण्डेय, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुन्ज्याल आदि उपस्थित रहे।

मुख्य हरकीपैड़ी क्षेत्र में आम लोगों को स्नान के लिए अनुमति नहीं

2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला में सिर्फ मुख्य स्नान पर ही श्रद्धालुओं के लिए पास की व्यवस्था होगी। इसके अलावा सामान्य दिनों में कोई भी श्रद्धालु आकर गंगा में स्नान कर सकता है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि शाही स्नान का दिन और समय तय होता है। कौन सा अखाड़ा किस समय स्नान करेगा, यह पूर्व निर्धारित होता है। इस दौरान मुख्य हर की पैड़ी क्षेत्र में आम लोगों का स्नान नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर मुख्य स्नान के दिन करोड़ों लोगों के हरिद्वार आने की संभावना रहती है। इसलिए सरकार मुख्य स्नान पर पास व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रही है। इसके लिए देखा जा रहा है कि हरिद्वार के घाटों की क्षमता कितनी भीड़ वहन करने की है। इसी आधार पर मुख्य स्नान के दिन श्रद्धालुओं की संख्या तय की जा सकती है। हालांकि इस पर विचार ही चल रहा है, अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

माटी कला के लिए प्रदेश में खुलने प्रशिक्षण केंद्र, मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीनें दी जाएंगी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मोथरावाला रोड, स्थित माटी कला बोर्ड कार्यालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारी कला के लिए विद्युत चालित चाक वितरित किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माटी कला के लिए प्रदेश में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। माटी कला बोर्ड को मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीने दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मिट्टी के कार्यों से जुड़े शिल्पकारों का एक डाटा बेस बनना चाहिए। ऐसे स्थान चिन्हित किये जाय जहां पर इस शिल्प पर आधारित कार्य अधिक हो रहे हैं एवं मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए उपयुक्त मिट्टी वाले स्थानों को चिन्हित करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि तकनीक के साथ इस शिल्प को कैसे और उभारा जा सकता है, इस दिशा में प्रयासों की जरूरत है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक के कार्यों के महत्व को जानती है। हमें अपनी विशेषज्ञता वाले कार्यों से अपनी पहचान को बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बढ़ी है। त्योहारों का सीजन और उसके बाद हरिद्वार कुंभ में मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ेगी। बाजार की मांग के हिसाब से पूर्ति की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में भी मिट्टी के उपकरणों एवं गमलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि माटी के कार्य से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मेलों में माटी कला बोर्ड के स्टॉल लगने चाहिए। जिससे इस कार्य से जुड़े लोगों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिलेगी।

माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो भी जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, सभी योजनाओं में गरीबों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने मिट्टी के कार्य से जुड़े लोगों की प्रमुख समस्याओं के बारे में जानकारी दी।

लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी आरोपियों को बाबरी विध्वंस मामले में क्लीनचीट

आखिरकार 28 साल के लंबे इंतजार के बाद बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सभी आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया है। सीबीआई न्यायधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। फैसला सुनाते वक्त सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना कोई पूर्व नियोजित नहीं थी। मस्जिद को ढाए जाने की घटना आकस्मिक थी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना में साजिश के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि वीडियो कैसेट के सीन भी स्पष्ट नहीं, कैसेट्स को सील नहीं किया गया और फोटोज की निगेटिव नहीं पेश की गई।

कोर्ट ने यह भी कहा कि 12 बजे विवादित ढांचा के पीछे से पथराव शुरू हुआ। अशोक सिंघल ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे, क्योंकि ढांचे में मूर्तियां थीं। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा गया था। बता दें कि किसी ने कोर्टरूम में किसी ने जय श्री राम के नारे भी लगाए।

फैसला कानून और हाईकोर्ट के खिलाफ
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है। जफरयाब जीलानी ने कहा कि विध्वंस मामले में जो मुस्लिम पक्ष के लोग रहे हैं उनकी तरफ से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि एलआईयू की रिपोर्ट में पहले से थी 6 दिसम्बर 1992 को अनहोनी की आशंका, लेकिन उसकी जांच नहीं की गई।

यह आरोपी हुए बरी
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, स्वामी साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर। यह सभी आरोपी वर्तमान में जीवित है। अब वह आरोपी जो इस दुनिया में नहीं है। इसमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, विजयाराजे सिंधिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, डीबी राय (तत्कालीन एसएसपी), रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल शामिल है।

अधिष्ठात्री मायादेवी मंदिर में पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े की राज्य के चारधाम व अन्य तीर्थो की यात्रा पर जाने वाली पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया। मौके पर सीएम ने मायादेवी मन्दिर परिसर से अधिष्ठात्री मायादेवी, छड़ी एवं भैरव देवता की पूजा अर्चना, आरती एवं परिक्रमा भी की। यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के पश्चात 12 अक्टूबर को वापस हरिद्वार पहुंचेगी।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस छड़ी यात्रा के शुभारम्भ से उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस यात्रा को आस्था एवं विश्वास से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि इससे समाज में सौहार्दता भी बढ़ेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आम जनमानस इस छड़ी यात्रा के अवसर पर पवित्र छड़ी का पूजन कर पुण्य के भागी बनेंगे। उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत छड़ी यात्रा के संचालन के दौरान आवश्यक एहतियात बरतने की भी अपेक्षा आयोजको से की।

जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि यह पवित्र यात्रा 17 सितम्बर की रात्रि को ऋषिकेश में विश्राम के बाद 18 सितम्बर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामण्डल होते हुये बड़कोट पहुंचेगी। 19 सितम्बर को बड़कोट से जानकी चट्टी होते हुये यमुनोत्री पहुंचेगी तथा उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 20 सितम्बर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी। पवित्र छड़ी यात्रा में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, सचिव महंत महेश पुरी आदि शामिल रहेंगे। जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने कहा कि छड़ी यात्रा प्रारम्भ करके मुख्यमंत्री ने एक बड़ी परम्परा का शुभारम्भ किया है। इससे पूर्व अधिष्ठात्री मायादेवी मन्दिर परिसर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर शहरी विकास, आवास मंत्री मदन कौशिक, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी संजय गुंजयाल, महंत केदार पुरी, सभापति महंत सोहन गिरि, महंत पृथ्वी गिरि, महंत शिवानन्द सरस्वती, सचिव महंत महेश पुरी, शैलेन्द्र गिरि आदि उपस्थित थे।

पीएम मोदी पर आधारित पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा महानगर कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। इस अवसर पर देश में कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान, प्लाज्मा डोनेट एवं अस्पतालों में फल वितरण के कार्य किये जा रहे हैं। यह सप्ताह सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश को समर्पित किया है। उनके जन्म दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जन सहयोग कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के दौरान कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी लोगों का सहयोग किया है। कोविड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका फिजिकल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग है। राज्य में कोविड की टेस्टिंग बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कल राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान राज्य सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।

विस सत्र को लेकर सीएम और स्पीकर ने किया निरीक्षण
23 सितंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर गुरूवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निरीक्षण किया।

17 सितंबर को पितरों के मोक्ष के लिए गंगा स्नान की इजाजत नहीं

कोविड-19 के खतरे को देखते हुए पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा स्नान पर रोक रहेगी। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से बुधवार की शाम को गंगा घाट सील कर दिए गए।

डीएम हरिद्वार सी रविशंकर ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए तमाम प्रतिबंध किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को होने वाली पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा घाट पर किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। बता दें कि अमावस्या पर भारी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने हरिद्वार के हरकी पैड़ी में पहुंचते हैं।