अधिष्ठात्री मायादेवी मंदिर में पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े की राज्य के चारधाम व अन्य तीर्थो की यात्रा पर जाने वाली पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया। मौके पर सीएम ने मायादेवी मन्दिर परिसर से अधिष्ठात्री मायादेवी, छड़ी एवं भैरव देवता की पूजा अर्चना, आरती एवं परिक्रमा भी की। यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के पश्चात 12 अक्टूबर को वापस हरिद्वार पहुंचेगी।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस छड़ी यात्रा के शुभारम्भ से उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस यात्रा को आस्था एवं विश्वास से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि इससे समाज में सौहार्दता भी बढ़ेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आम जनमानस इस छड़ी यात्रा के अवसर पर पवित्र छड़ी का पूजन कर पुण्य के भागी बनेंगे। उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत छड़ी यात्रा के संचालन के दौरान आवश्यक एहतियात बरतने की भी अपेक्षा आयोजको से की।

जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि यह पवित्र यात्रा 17 सितम्बर की रात्रि को ऋषिकेश में विश्राम के बाद 18 सितम्बर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामण्डल होते हुये बड़कोट पहुंचेगी। 19 सितम्बर को बड़कोट से जानकी चट्टी होते हुये यमुनोत्री पहुंचेगी तथा उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 20 सितम्बर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी। पवित्र छड़ी यात्रा में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, सचिव महंत महेश पुरी आदि शामिल रहेंगे। जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने कहा कि छड़ी यात्रा प्रारम्भ करके मुख्यमंत्री ने एक बड़ी परम्परा का शुभारम्भ किया है। इससे पूर्व अधिष्ठात्री मायादेवी मन्दिर परिसर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर शहरी विकास, आवास मंत्री मदन कौशिक, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी संजय गुंजयाल, महंत केदार पुरी, सभापति महंत सोहन गिरि, महंत पृथ्वी गिरि, महंत शिवानन्द सरस्वती, सचिव महंत महेश पुरी, शैलेन्द्र गिरि आदि उपस्थित थे।

पीएम मोदी पर आधारित पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा महानगर कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। इस अवसर पर देश में कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान, प्लाज्मा डोनेट एवं अस्पतालों में फल वितरण के कार्य किये जा रहे हैं। यह सप्ताह सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश को समर्पित किया है। उनके जन्म दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जन सहयोग कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के दौरान कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी लोगों का सहयोग किया है। कोविड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका फिजिकल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग है। राज्य में कोविड की टेस्टिंग बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कल राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान राज्य सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।

विस सत्र को लेकर सीएम और स्पीकर ने किया निरीक्षण
23 सितंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर गुरूवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निरीक्षण किया।

17 सितंबर को पितरों के मोक्ष के लिए गंगा स्नान की इजाजत नहीं

कोविड-19 के खतरे को देखते हुए पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा स्नान पर रोक रहेगी। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से बुधवार की शाम को गंगा घाट सील कर दिए गए।

डीएम हरिद्वार सी रविशंकर ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए तमाम प्रतिबंध किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को होने वाली पितृ विसर्जन अमावस्या पर गंगा घाट पर किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। बता दें कि अमावस्या पर भारी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने हरिद्वार के हरकी पैड़ी में पहुंचते हैं।

कुंभ मेला के कार्यों को टाईमबाउंड तरीके से पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम आवास में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कुम्भ मेला 2021 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के स्वरूप के बारे में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के मार्गदर्शन में कोविड-19 की उस समय की परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को सभी धार्मिक परम्पराओं का पालन करते हुए बेहतर तरीके से सम्पन्न किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यों को टाईमबाउंड तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। तैयारियों में कोविड-19 की उस समय की सम्भावित परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जाए। जहां जरूरी हो, अन्य राज्यों से भी आवश्यक सहयोग के लिये संबंधित अधिकारियों से सम्पर्क कर समन्वय किया जाए। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र में सड़क, घाट, पार्किंग, शौचालय, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की जानकारी दी। आईजी कुम्भ मेला संजय गुन्ज्याल ने क्राउड मैनेजमेंट और ट्रेफिक प्लान पर प्रस्तुतिकरण दिया।

अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी बदरीनाथ के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिये कि श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। बद्रीनाथ का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से अधात्मिक हो। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों को मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।

वादों को पूरा करने में मिला जनता का आशीर्वाद, सफल हो रही मेहनतः मेयर

ऋषिकेश की प्रथम मेयर अनिता ममगाईं ने अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस मौके पर अनिता ममगाईं ने कहा कि जनता ने उन्हें चुना है, उन्होंने राजनीति जनता की सेवा के लिए ही चुनी है। रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा कि उनके वादों को पूरा करने में जनता का आशीर्वाद भी मिला। इसी की बदौलत वह विकास कार्याें को पूर्ण कर पा रही है, उन्होंने कहा कि अभी कई और विकास कार्य करने बाकी है।

निगम के समस्त चालीस वार्डो में सामान रूप से विकास कार्यों की झड़ी लगाकर जनता लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। घोषणापत्र के सारे प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास करवाने में सफल रही मेयर अनिता ने बताया कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों को साकार कर उत्तराखंड के गांधी स्व इन्द्रमणि बडोनी चैक की स्थापना की गई। करोड़ों रूपये की योजना के साथ 330 डबल आर्म डिवाइडर लाइट से शहरी क्षेत्र को चकाचैंध करने में निगम कामयाब रहा। इसके अलावा पांच वर्ष की वारंटी के साथ 5000 स्ट्रीट लाइटें, 20 नए कूड़े वाहन , भवन कर में 50 प्रतिशत तक की छूट, मेेेयर हेल्पलाइन जनता को सर्मपित की गई। विभिन्न घाटों केे जीर्णोद्धार की शुरुआत 72 सीढ़ी घाट के जीर्णोद्धार से हो चुकी है। मेयर ने बताया कि पिछले डेढ़ दशक से तीर्थ नगरी कूड़े की समस्याा से जूझती रही है। शहर में पहली बार कूड़ा निस्तारण के लिए सूखा कूड़ा निस्तारण प्लांट निशुल्क लगवाया गया। तहसील चैक पर चिपको आंदोलन के लिए अपनी एक विशेष पहचान रखने वाली गौरा देवी की भव्य प्रतिमा के साथ चैक के जीर्णोद्धार का कार्य संपन्न कराया जाना है। उन्होंने बताया वर्ष 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.4 करोड़ की लागत से सड़क एवं नाली का निर्माण सम्पन्न कराने के साथ एम्स में ऋषिकेश एवं उत्तराखंड वासियों के लिए अलग-अलग दो ओपीडी पंजीकरण काउंटर की व्यवस्था कराना भी एक बड़ी उपलब्धि रही। उन्होंने बताया कि निगम क्षेत्र में 50000 डस्टबिन निशुल्क बटवाने की योजना भी जल्द धरातल पर होगी।

सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित पशुओं की निशुल्क गेंड़ीखाता में व्यवस्था की गई है। त्रिवेणी घाट में सेल्फी प्वाइंट की स्थापना। प्लास्टिक वेस्ट को खत्म करने के लिए निशुल्क जीआईजेड कंपनी से करार जहां महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। वहीं गोविंद नगर स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाने की प्रक्रिया की वित्तीय स्वीकृति बोर्ड द्वारा करवा कर, फाइल शासन को सुपुर्द कर दी है। यहां कूड़ा हटाने की निविदा प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है।उन्होने बताया कि त्रिवेणी घाट में गंगा की धारा को घाट तक लाने के लिए योजना को मंजूरी निगम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कोरोनाकाल में बेहद शानदार कार्य के लिए जिलाधिकारी द्वारा कोरोना योद्वा चयनित हुई महापौर ने बताया कि निगम क्षेत्र के आखिरी घर तक विकास की किरण पहुंचाना उनका लक्ष्य है इसमें वह पूरी मुस्तैदी के साथ डटी हुई हैं।

केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि का कार्य 31 दिसंबर तक हो पूरा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एम आई 26 हेलीपैड, सरस्वती व मन्दाकिनी घाट आदि का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य मे तेजी लाने व गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किया जाय। शंकराचार्य समाधि में चारदीवारी व मंडल वाल का निर्माण किया जाना है। चारदीवारी 12 मीटर व मंडल वाल 03 मीटर की बनाई जानी है जिसमे से चारदीवारी की वाल 1,2 व 4 पर 1डेढ़ मीटर की दीवार का निर्माण कार्य पूर्ण व वाल 3 पर सरिया व कंक्रीट का कार्य चल रहा है। दिव्यशिला से समाधि तक 48 बाई 3.6 मीटर का पैसेज बनाया जाना है जिस पर राफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है व कंक्रीट का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को 31 दिसम्बर तक शंकराचार्य समाधि व पैसेज को हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सरस्वती नदी पर 504बाई5 मीटर का आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण चुका है व घाट के लिए स्टेप भी बन चुके है। घाट को जाने वाले स्टेप पर सौंदर्यीकरण हेतु लाइटनिंग का कार्य किया जाना है। घाट के आस पास 05 व्यू पॉइंट बनाये जाने है जिसमे से 03 व्यू पॉइंट पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने जेएसडब्ब्ल्यू को सितम्बर माह का अंत तक शेष 02 व्यू पॉइंट का निर्माण करने व अक्टूबर तक घाट सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

एम आई 26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के 03 कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को दिए। एम आई 26 वर्तमान में 50बाई40 आकार का है जिसका विस्तारीकरण चिनूक हेलीकाप्टर हेतु 50बाई100 का किया जाना है। डीडीएमए द्वारा गरुड़चट्टी के लिए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें से केदारपुरी की तरफ के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो चुका है व 1 एक सप्ताह के भीतर दूसरी ओर के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

सीएस ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल को 31 दिसम्बर तक पुल निर्माण कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 05 भवन निर्माण किये जाने थे जिसमें से 02 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौप दिए गए है। अवशेष तीन भवनों को क्रमशः 15 सितम्बर, 30 सितम्बर व 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव में दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग वंदना भी उपस्थित रही।

हमारी गौरव परंपराओं को संजोये रहा नगर निगम क्षेत्र

तहसील चैक जल्द ही गौरा देवी चौक के नाम से जाना जायेगा। नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर के चौराहों के कराए जा रहे सौंदर्यीकरण अभियान के तहत गौरा देवी चौक का निर्माण कार्य पूर्ण करने की कवायद अब अपने अंतिम चरण में चल रही है। ऋषिकेश हरिद्वार बाइपास मार्ग स्थित तहसील चौक पर गौरा देवी की बेहद खूबसूरत प्रतिमा लगाए जाने के साथ खूबसूरत लाइटिंग एवं झरनों से निर्माणाधीन स्थल को सुसज्जित किया जा रहा है।
निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि गौरादेवी चौक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। जल्द ही एक समारोह के माध्यम से इसका लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन शहर के महापुरुषों के नाम पर महत्वपूर्ण स्थलों एवं चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए कटिबद्ध होकर कार्य कर रहा है। चिपको आंदोलन के लिए अपनी एक विशिष्ट पहचान रखने वाली गौरा देवी के नाम पर बेहद खूबसूरत चौक का निर्माण करा कर नगर निगम प्रशासन उन्हें अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। साथ ही चौक के जीर्णोद्धार के बाद यहां होने वाले सड़क हादसों पर भी अंकुश लग सकेगा।
इस दौरान एई आनंद मिश्रवाण, जेई उपेंद्र गोयल, पार्षद राकेश मिया, पार्षद विजेंद्र मोघा, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद राजेन्द्र प्रेम सिंह बिष्ट, पार्षद विजय लक्ष्मी, परीक्षित मेहरा, रंजन अंथवाल, सुजीत यादव, विजय बिष्ट आदि मोजूद रहे।

कामयाबी, करोड़ो रुपये के खर्च को बचाते हुए निगम ने किया करार

धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाले ऋषिकेश को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नगर निगम क्षेत्र के अन्र्तगत निगम ने प्लास्टिक के कूड़े का निस्तारण करने की जो योजना बनाई है। अगर वह साकार होती है तो स्वच्छता के क्षेत्र में यह कियी क्रांति से कम नही होगा। नगर निगम प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है।
महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि शहर में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम और जीआईजेड कंपनी के बीच करार हुआ है। महापौर ने बताया प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विदेशी तकनीक पर आधारित इस करोड़ों रुपए की योजना में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम को एक रुपये का खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। करार करने वाली कंपनी ही लागत वहन करेगी।

महापौर ने बताया कि यह कंपनी जीआईजैड कम्पनी प्लास्टिक से उत्पन्न कूड़े को कम करने के संबंध में सहयोग करेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम है ’’अविरल’’ है जो गंगा नदी में या उसके आसपास प्लास्टिक वेस्ट को कम करता है। महापौर की माने तो यह एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एमआरएफ ऋषिकेश में बनाएगी। जिससे प्लास्टिक कूड़ा शहर से कम होगा। इसके लिए निगम द्वारा गठित टीमों के माध्यम से शहरवासियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों के द्वारा बताया जाएगा।
सहायक नगर आयुक्त व नोडल अधिकारी विनोद लाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 2 वर्ष चलेगा। जिसमें गोविंद नगर स्थित टंचिग ग्राउंड पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट 1500 स्क्वायर मीटर में बनेगा। जिसमें 5 मेट्रिक टन का प्लास्टिक वेस्ट का हर दिन निस्तारण किया जायेगा।

इस वर्ष भी आयोजित होगी छड़ी यात्रा, कुंभ मेले को लेकर तैयारियां शुरु

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा। सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने व्यापक विचार विमर्श किया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार के साथ ही शासन के उच्चाधिकारी एवं मेले से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं। कोविड के कारण उत्पन्न समस्याओं का तत्समय आभास नहीं था। पूरा विश्व इस संकट का सामना कर रहा है। इससे सभी स्तरों पर कार्यों की गति में अवरोध पैदा हुआ है उन्होंने कहा कि इस दौरे से भी हम निजात पायेंगे तथा संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संत महात्माओं को उनकी अगुवाई में राम मन्दिर निर्माण के शिलान्यास के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमारे संत महात्माओं ने भी अपना बलिदान दिया। आखिर वह शुभ दिन आया जब प्रधानमंत्री ने श्री राम के भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन में सभी अखाड़ों का सहयोग मिल रहा है। अखाड़ों की सुविधा के लिये भी सभी व्यवस्थायें की जा रही हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लायी गई है। कोरोना के कारण इसकी गति कुछ धीमी जरूर हुई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयाग राज कुम्भ की भांति अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मेलाधिकारी दीपक रावत द्वारा निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि, महन्त प्रेम गिरि, महन्त महेश पुरी, महन्त सत्यगिरि, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रहमचारी, महन्त सोमेश्वरानन्द ब्रहमचारी, महन्त ओंकार गिरि, महन्त रविन्द्र पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएस ने श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यो की समीक्षा की

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यो की समीक्षा हुई। बैठक में पुनर्निर्माण कार्यों में आ रही कठिनाईयों के निराकरण पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य मास्टर प्लान के अनुसार समयबद्धता से पूर्ण किया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई बैठक में भी निर्देश दिये गये थे कि मास्टर प्लान में लिये गये परियोजनाओं को तय समय पर पूरा किया जाय।
केदारनाथ पुनर्निर्माण फेज-2 के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यो की डीपीआर की समीक्षा पर मुख्य सचिव द्वारा सिंचाई विभाग को निर्देश दिये कि फ्लड जोनेशन के नोटिफिकेशन का कार्य 15 सितम्बर तक पूर्ण कर लें।
मुख्य सचिव ने इण्डियन ऑयल कॉपरोशेन द्वारा 36 करोड़ 74 लाख के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यो यथा संगम घाट के पुनर्निर्माण, फर्स्ट एड टूरिस्ट फेसिलेशन सेन्टर तथा मन्दाकिनी के किनारे सुरक्षा दिवार का निर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रगति की जानकारी सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से प्राप्त की। इसी क्रम में ओएनजीसी द्वारा मंदाकिनी आस्थापथ में बैठने एवं वर्षा शेड निर्माण, केदारनाथ धाम, मंदाकिनी के किनारे तथा मंदिर रोड में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार, वाटर एटीएम की स्थापना तथा मंदाकिनी प्लाजा विकास से सम्बन्धित 32.05 करोड़ लागत की अवस्थापना सुविधाओं पर भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा कार्यदायी विभागों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता से कार्य करने के निर्देश दिये। आरईसी लि0 कम्पनी द्वारा 25 करोड़ 89 लाख रूपये की लागत से केदारनाथ मे पुनर्निर्माण एवं रूद्रप्रयाग में प्रशासनिक भवन एवं अस्पताल पुनर्निर्माण, केदारनाथ स्थित क्षतिग्रस्त पवित्र कुण्डों के विकास तथा केदारनाथ में सरस्वती नदी के किनारों एवं मन्दिर के रास्तों में अवस्थापना विकास की भी विस्तार से समीक्षा की।
इसी क्रम में पावर फाइनेन्स कारपोरेशन द्वारा सामाजिक दायित्व के तहत 28 करोड़ 13 लाख की लागत से किये जाने वाले म्यूजियम निर्माण, रेन शेड, गौरीकुण्ड में सुरक्षा की दृष्टि से गेट निर्माण के कार्यो की भी अद्यतन प्रगति की मुख्य सचिव ने समीक्षा की।
मुख्य सचिव द्वारा मुख्य अभियन्त लोनिवि को दिये गये कार्यो के आदेश जारी करने एवं टेण्डरिंग आदि समयबद्धता से पूर्ण करने के निर्देशे दिये। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी लाने के लिए वहां पर अभियन्ताओं की तैनाती के लिए आदेश दिये। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को भी निरन्तर अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कुछ प्रकरण जो फारेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े हैं को वन विभाग के अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिये। इशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य आरकेलाजिकल सर्वे आफ इण्डिया को हस्तांतरित करने के निर्देश दिये। बैठक में चिनूक हैलिकॉप्टर उतारने हेतु वर्तमान में उपलब्ध हेलीपैड के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव वित्त सौजन्या, सचिव लोनिवि आर0के0सुधांशु तथा लोनिवि, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता उपस्थित रहे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग वन्दना जुड़े थे।