सांसद निशंक बोले, असल केदारनाथ से अलग है केदारनाथ फिल्म

केदारनाथ फिल्म को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि फिल्म केदारनाथ में वास्तविकता के साथ छेड़छाड़ है। यह सिर्फ मनोरंजन के नजरिए से बनायी गई है।

शनिवार को ऋषिकेश पहुंचे सांसद निशंक ने बताया कि इस फिल्म में उनकी पुस्तक प्रलय के बीच का भी कुछ भाग लिया गया है। मगर, फिल्म में केदारनाथ की वास्तविकता नहीं है। फिल्म में सब कुछ विपरीत है। उन्होंने बताया कि यूपी में जब वह संस्कृति मंत्री के पद पर थे, तब उन्होंने एक फिल्म को रोकने की मांग की थी। क्यों कि उस फिल्म को भी सिर्फ मनोरंजन के लिये बनाया गया था। वास्तविकता के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

2021 के महाकुंभ से पूर्व 4570 करोड़ रूपये की दरकार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित मंत्री अरूण जेटली से भेंट की। महाकुम्भ मेला-2021 के लिए 4570 करोड़ रूपए की एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इन चार महिनों में देश-विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। हरिद्वार में महाकुम्भ मेला एक जनवरी 2021 से प्रारम्भ हो जाएगा। कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संबंधित सभी काम अक्टूबर 2020 तक हर हाल में पूरे किए जाने हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि महाकुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए अवस्थापना संबंधी स्थायी प्रकृति के काम जैसे कि सड़क निर्माण, सुदृढ़ीकरण, घाटों का निर्माण आदि व अन्य काम जैसे पेयजल व विद्युत आपूर्ति, कानून व शांति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना, मेला क्षेत्र को साफ-स्वच्छ रखने के लिए कूड़ा निस्तारण का सुव्यवस्थित प्रबंध, धार्मिक संस्थाओं व श्रद्धालुओं के आवास के लिए अस्थाई कैम्पिंग स्थलों का विकास करना, पार्किंग स्थलों को विकसित करना आदि काम बड़े स्तर पर कराए जाने हैं। सभी प्रकार के काम अक्टूबर 2020 तक प्रत्येक दशा में पूरे कराए जाने हैं।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण हरिद्वार में महाकुम्भ मेला के आयोजन में केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से महाकुम्भ मेला 2021 के आयोजन के लिए एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता के रूप 4570 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान आगामी केंद्रीय बजट में कराए जाने का अनुरोध किया। केंद्रीय वित मंत्री ने हरसम्भव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि गंगा में हुयी प्रवाहित

हर की पौड़ी गंगा में अटल जिंदाबाद के साथ हजारों की संख्या में पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने प्रवाहित की। इस दौरान स्व. अटल जी के परिजनों के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मंत्री, पार्टी के कई बड़े नेता, कार्यकर्ता और साधु-संत उपस्थित थे।

वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य, पुत्री नमिता, नातिन निहारिका, भांजा सांसद अनूप मिश्रा और अन्य परिजन भी पहुंचे। यहां से सभी लोग दो हेलीकॉप्टर में अस्थि कलश के साथ हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज के मैदान पर उतरे। वर्ष 1996 में इसी मैदान पर अटल जी की जनसभा में हजारों लोग पहुंचे थे।

करीब पौने बारह बजे अस्थि कलश को फूलों से सजे सेना के ट्रक पर रखा गया। कलश के साथ परिजनों के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी ट्रक में सवार हुए।

हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज से विसर्जन स्थल हरकी पैड़ी तक चार किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगा। यात्रा मायापुरी, ललतारौ पुल, कोतवाली, अपर रोड होते हुए करीब एक बजे हरकी पैड़ी पहुंची। इस दौरान लोग अस्थि कलश की एक झलक पाने को बेताब दिखे। सड़क पर उमड़े सैलाब के अलावा लोग घरों की छतों पर एकत्र होकर लगातार पुष्प वर्षा कर अपने प्रिय नेता को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे।

अस्थि विसर्जन के लिए श्री गंगा सभा की ओर से पहले ही सभी तैयारियां कर ली गईं थीं। ठीक एक बजे वाजपेयी परिवार के पुरोहित पंडित अखिलेश त्रिपाठी और श्री गंगा सभा के आचार्य हरिओम जैवाल ने मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड आरंभ किए। करीब 15 मिनट तक चली पूजा के बाद विधि विधान के साथ अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दी गईं।

अस्थि विसर्जन के मद्देनजर पुलिस ने हरकी पैड़ी क्षेत्र को जीरो जोन घोषित कर दिया था। प्रातरू कालीन गंगा आरती के बाद क्षेत्र में आम जन की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस के करीब एक हजार जवान तैनात किए गए थे।

किसी भी जाति का प्रशिक्षित व्यक्ति बन सकता है मंदिर में पुजारी

हाईकोर्ट नैनीताल ने साफ किया है कि राज्य के एससी-एसटी व अन्य निम्न वर्ग के लोगों को किसी भी मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा। उच्च कुलीन पंडित निम्न जाति के लोगों को मंदिर में पूजा के लिये रोक नहीं सकते है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक प्रशिक्षित व योग्य व्यक्ति ही मंदिर का पुजारी बन सकता है। फिर चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हो।

राजस्थान निवासी पुखराज और अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार हर की पैड़ी में अर्धकुंभ के दौरान बनाई गई सीढ़ियां संत रविदास मंदिर को जोड़ती हैं। इन सीढ़ियों के बनने से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ है और लोगों को मंदिर दर्शन से वंचित रहना पड़ रहा है। 2016 में सरकार के आदेश के बाद रविदास मंदिर की सीढ़ियां 42.17 लाख रुपये खर्च कर फिर से बनाई जा रही हैं। जिससे मंदिर को फिर नुकसान हो रहा है और यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले का विस्तृत संदर्भ लेते हुए एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों के प्रवेश व पूजा को लेकर भी आदेश पारित किया है। खंडपीठ ने जिला प्रशासन हरिद्वार को सीढ़ियां हटाने से पहले नगर निगम व एससी-एसटी वर्ग के लोगों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।

डेढ़ माह में हरिद्वार की सभी सड़क, गलियों व पैदल मार्गो से अतिक्रमण हटाने, चंडीघाट, चंडी पुल पर अवैध कब्जे विशेष अभियान चलाकर हटाने को कहा है। जिलाधिकारी हरिद्वार को गंगा घाट की सफाई सुनिश्चित करने, कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त गढ़वाल को उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिनके कार्यकाल में अतिक्रमण हुआ। हर की पैड़ी में संत रविदास का उचित रखरखाव व सौंदर्यीकरण तीन माह में किया जाए।

वहीं पूर्व राज्यसभा सदस्य व भाजपा नेता तरूण विजय ने मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति को लेकर हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब इस संबंध में हिंदू संगठनों को आगे आकर सेतु बनने का कार्य करना चाहिए।

आमजन के सहयोग से ही गंगा होगी स्वच्छः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिये आम जनता को सहयोग बहुत आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर घाट में परमार्थ निकेतन के सौजन्य से निर्मित सीवरेज ड्रेन री-मीडिएशन प्रोजेक्ट के उद्धाटन के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परमार्थ निकेतन द्वारा सीवरेज के पानी को स्वच्छ बनाने के लिए उपयोग की जा रही हालैंड से आयातित तकनीक कम खर्च पर पानी को स्वच्छ बनाने में सक्षम है। इस तकनीक का उपयोग प्रायोगिक तौर पर चंद्रभागा नदी के माध्यम से गंगा नदी में मिलने वाले सीवरेज को साफ करने में किया जाएगा। यह तकनीक कारगर साबित होने पर इसे गंगा नदी से जुड़े अन्य सीवरों में भी स्थापित किया जाएगा। जिन नदियों को पार करने में बदबू के कारण लोगों को परेशानी होती थी। वर्ष 2020 तक इन्हें इतना स्वच्छ कर दिया जाएगा कि उन स्थानों पर सेल्फी खिंचवा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमुख से समुद्र तट पर 2500 किलोमीटर लंबी विश्व प्रसिद्ध नदी गंगा को स्वच्छ बनाने में आमजन के साथ अन्य संस्थाओं को भी आगे आना होगा। ताकि गंगा नदी को स्वच्छ व साफ रखा जा सके। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विश्व योग की राजधानी के रूप में स्थापित हुआ है, जो कि हमारे राज्य व देश के लिए गौरव की बात है।

विश्व प्रसिद्धि रखने वाले इस सुंदर शहर को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें विभिन्न संस्थाओं का सहयोग अपेक्षित है। स्वच्छ गंगा की स्वच्छता व साफ सफाई से जुड़े अधिकारियों के कार्य की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा कि गंगा इस देश की धरोहर है। इस को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली निवासी विकास द्वारा एक वीडियों पिछले दिनों वायरल हुयी थी। जिसे हमने संज्ञान में लेकर गंगा पर गिर रहे इस नाले के दूषित पानी को स्वच्छ कर गंगा में मिलाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि हम सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे और बुधवार को प्रोजेक्ट के उद्धाटन अवसर मुख्यमंत्री ने सेल्फी लेकर इसका शुभारंभ किया।

राजनैतिक दल की कार्यप्रणाली के चलते सेना के जवान असुरक्षित

देश में राजनीति इतनी हावी हो गयी हैं। जिसके चलते देश के अंदर सैनिक स्वयं की रक्षा नहीं कर पा रहे है। कश्मीर में आये दिन सेना के जवानों को घेर लिया जाता हैं। मगर, हमारे देश की राजनैतिक दलों की कार्यप्रणाली के चलते सैनिक स्वयं को ठगा महसूस कर रहे है। देश के अंदर पाकिस्तान के जैसे हालात पैदा न हो, इसके लिये सरकार को ठोस नीति अपनानी होगी। यह बात श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।

पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि देश में आम आदमी की सुरक्षा के लिये शरहद पर सेना के जवान सदैव मुस्तैद रहते है। मगर, इन सैनिकों की सुरक्षा के लिये क्या किसी ने सोचा है। हमारे सैनिक स्वयं सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस दिन सेना का सब्र टूट गया तो देश में पाकिस्तान की जैसी स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।

हिंदू जागरण मंच की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पुंरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज राजनैतिक दल वोटों की राजनीति के कारण पाकिस्तान जैसे गंभीर मुद्दे को हल्के में ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में जवानों की पाक पोषित आतंकवादी और पाक सैनिक निर्मम हत्या कर रहे हैं। इन दलों की कार्यप्रणाली के कारण अपने देश में ही सैनिक सुरक्षित नहीं हैं।

सेना पर पत्थरबाजी की घटना पर शंकराचार्य ने कहा कि आम आदमी को देश में आत्मरक्षा का अधिकार है तो कश्मीर में सैनिकों को यह अधिकार क्यों नहीं। इन हालातों में अगर हमारी सेना का सब्र टूटा तो देश के हालात पाकिस्तान जैसे हो जाएंगे।

आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने देश की मूल समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा वर्षों से लटका है, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 अब तक लागू है। शंकराचार्य ने कहा कि भारत देश ने मुस्लिम समाज के कई लोगों को राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल और मंत्री बनाया। मगर बांग्लादेश व पाकिस्तान बताए कि कितने हिंदुओं को उच्च पदों पर बिठाया गया। यह हमारी उदारता है, इसे कमजोरी न समझा जाए।

उन्होंने गो हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज कोई भी राजनैतिक दल ऐसा नहीं है जो गो हत्या रोकने के लिए एक स्वर से प्रस्ताव पारित कर सके। इन कारणों से गोवंश संकट में है। गो हत्या पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह भी गो हत्या रोकने में असफल नजर आ रहे हैं। यूपी में सैकड़ों अवैध बूचडखाने चल रहे हैं।

देश में शंकराचार्यों की बाढ़

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि मान्यता के मुताबिक चार पीठ के चार शंकराचार्य परंपरानुसार हैं। मगर, आज देश में शंकराचार्यों की जो बाढ़ आई है, इन्हें पनपाने वाले देश के राजनैतिक दल हैं। शंकराचार्यों की ओर से विश्व का ध्यान भटकाने के लिए अंग्रेजों ने साधारण लोगों को महात्मा, आचार्य और महर्षि के रूप में स्थापित किया। आजादी के बाद राजनैतिक दलों ने इस तरह के शंकराचार्यों को बढ़ाया। भारत साधु समाज के नाम से यह काम किया गया। कहा कि इन कथित शंकराचायों की पहचान, भाजपायी, कांग्रेसी व सपाई शंकराचार्यों के रूप में होती है।

अब झूला पुल पर ली सेल्फी, तो खैर नहीं

सैल्फीे के शौकीन अब झूला पुलों पर सेल्फी नहीं ले पाएंगे। अक्सर देश-विदेश से आये पर्यटक रामझूला व लक्ष्मणझूला पुल पर सेल्फी लेते नजर आते हैं और इनके सेल्फी लेने के चक्कर में झूला पुल पर जाम लग जाता हैर्। िस्थति यह हो जाती है कि पुलिस के न होने से जाम खुलवाना मुश्किल हो जाता है। मगर, अब पुलिस इसकी निगरानी करेगी और पकड़े जाने पर कार्यवाही करेगी।

बाहर से जो भी पर्यटक लक्ष्मणझूला और राम झूला पहुंचते है। तो वह पुल के बीच में और दोनों तरफ फोटोग्राफी करते है। सेल्फी लेते है। कैमरे में व्यस्त ऐसे लोग सामने वाले से भी टकराते है। पुल पर पैदल यातायात बाधित होता है।

एसएसपी पौड़ी जगतराम जोशी ने इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए दोनों पुलों पर सेल्फी और फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। थानाध्यक्ष लक्ष्णमझूला प्रदीप कुमार राणा ने बताया कि दोनों पुलों पर जगह-जगह पर्यटकों को सूचित करने के लिए फ्लैक्स लगा दिए गए है। पुलिस कर्मी ऐसे लोगों पर नजर रखेंगे। सीसीटीवी कैमरों से भी ऐसे लोगों की मॉनटरिंग की जा रही है। आदेश न मानने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

जॉर्जिया नागरिक ने किया 30 लाख के हीरे पर हाथ साफ

तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक अमेरिकी नागरिक द्वारा बड़ी चतुराई से हाथ साफ करने की घटना सामने आई है। दरअसल, ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला क्षेत्र में एक जेम्स एंड ज्वेलरी की दुकान है। ज्वेलरी विक्रेता ने बताया कि जॉर्जिया निवासी एक विदेशी हर रोज उनकी दुकान पर हीरा देखने आता था। करीब तीन से चार दिन तक लगातार हीरा देखने के बाद उसने वह हीरा बदलकर नकली हीरा उसकी जगह रख दिया। हीरे की कीमत करीब 30 लाख रूपये बतायी जा रही है। उन्होंने जॉर्जिया निवासी इस विदेशी नागरिक के खिलाफ मुदकमा दर्ज कराया है।

थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला प्रदीप कुमार राणा ने बताया कि लक्ष्मणझूला में उप्र को-ऑपरेटिव हैंडीक्राफ्ट के नाम से रत्नों का व्यापार करने वाले नरेंद्र धाकड़ ने पीजीओ शानिडी निवासी टवलिसी शहर जॉर्जिया के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को दी तहरीर में व्यापारी ने अवगत कराया कि यह विदेशी पर्यटक पिछले कुछ दिनों से उनकी दुकान में आ रहा था और हमेशा हीरों की डिमांड करता था। पुलिस ने बताया कि आखिरी वक्त 22 अप्रैल को यह विदेशी इस व्यापारी की दुकान में आया।

मंगलवार को जब व्यापारी ने अपनी दुकान में रखे रत्नों का मिलान किया तो कीमती हीरों के बाक्स में एक हीरा देखकर उनका माथा ठनक गया। जब जांच की गई तो यह हीरा नकली था। व्यापारी के मुताबिक गायब हीरे को वह विदेशी पर्यटक अक्सर परखता था। पुलिस के मुताबिक आरोप है कि इस विदेशी पर्यटक ने असली हीरे की जगह नकली हीरा बॉक्स में रख दिया। हीरे की कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जा रही है।

पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर संबंधित दूतावास को सूचना भेज दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि जांच के बाद पता चला कि उक्त विदेशी तपोवन के एक गेस्ट हाउस में ठहरा था। मगर, जब पुलिस वहां पहुंची तो वह वहां नहीं मिला।

मानसरोवर यात्रा पर माना चीन, नाथुला के रास्ते होगी यात्रा

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने बीजिंग में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को सुधारने की बात कही। दोनों ने भारत-चीन के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे की सराहना की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुये वांग ने कहा, इस साल हमारे नेताओं के मार्गदर्शन में चीन-भारत संबंधों ने अच्छा विकास किया है और विदेश मंत्री सुषमा ने उसमें बहुत अहम योगदान दिया है, जिसकी हम सराहना करते हैं। वहीं सुषमा स्वराज ने वांग को स्टेट काउंसलर और भारत के साथ सीमा मुद्दे पर चीन के विशेष प्रतिनिधि बनने की बधाई दी।

यात्रा पर सहमति

भारत और चीन ने सिक्किम में नाथूला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जता दी है। करीब 10 महीने पहले डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद यात्रा रोक दी गयी थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यहां चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया।

सुषमा ने कहा, ‘हम इस बात से खुश हैं कि इस साल नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू होगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इस साल चीनी पक्ष के पूरे सहयोग से यात्रा भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए संतोष देने वाला अनुभव होगी।

विदेश मंत्रालय हर साल दो अलग-अलग रास्तों से जून से सितंबर तक यात्रा का आयोजन करता है। इन दो मार्गों में लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथूला दर्रा (सिक्किम) है। धार्मिक महत्व वाली इस तीर्थयात्रा का सांस्कृतिक महत्व भी है, जिसमें हर साल सैकड़ों लोग कैलाश मानसरोवर जाते हैं।
विदेश मंत्री ने वार्ता के बाद कहा कि साल 2018 में चीन, सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी के डेटा भारत को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा भारत और चीन के बीच आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे अहम मुद्दों पर भी बातचीत हुई है।

चीन जाएंगे पीएम

सुषमा स्वराज ने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी और कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27-28 अप्रैल को चीन दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात होगी।

शांति की तलाश में तीर्थनगरी पहुंची लोस अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन अपने दिन दिवसीय प्रवास पर उत्तराखंड में है। बुधवार को तीर्थनगरी स्थित परमार्थ निकेतन में भागवत कथा में पहुंची सुमित्रा महाजन ने यहां से अपना पुराना नाता बताया। उन्होंने कहा कि आत्म शांति की अनुभूति के लिये वह गंगा के पावन तट का रूख करती है। यहां स्वयं को जानने में मदद मिलती है।

एक सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बोली, मेरी नजर में आध्यात्म और राजनीति एक ही है। यदि हम आध्यात्मिक यात्रा पर भी होते हैं, तो मन में राजनीतिक बातें चलती ही रहती है। परमार्थ निकेतन में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि माँ गंगा की निर्मल लहरें मन को शान्ति, शीतलता और पवित्रता प्रदान करती हैं। कहा कि, उत्तराखंड से उनका पुराना लगाव है, जब भी समय मिलता है वह गंगा के तट पर शांति के लिए जरूर पहुंचती हैं। इस बार मैं लंबे समय बाद यहां भागवत कथा में शामिल होने आई हूं। कुछ दिन शांति से ऐसे माहौल में बैठना भी जरूरी होता है।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुलाकात कर वर्तमान में नारियों की दशा और उनके विरूद्ध बढ़ते अपराधों की ओर लोकसभा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान में नारियों की भूमिका, योग को समष्टि में समर्पित करना, महिला सशक्तीकरण, नदियों की स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल संरक्षण जैसे अनेक सामाजिक विषयों पर चर्चा की।

इससे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन का जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने स्वागत किया। सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन को मां नंदा राजजात यात्रा पर लिखी अपनी पुस्तक भेंट की। लोकसभा अध्यक्ष ने इसके लिए डॉ. निशंक का आभार व्यक्त किया।