करोड़ो की संख्या में श्रद्धालु कुंभ में पहुंचे, इसके लिए करेंगे प्रचार प्रसार

2021 के हरिद्वार महाकुम्भ को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महाराज एवं महासचिव हरि गिरी महाराज के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2021 में हरिद्वार में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर 2019 को हरिद्वार में अखाड़ा परिषदों के साथ सकुशल कुंभ कराने के लिए बैठक की जायेगी। आखाड़ा परिषद के सभी संतों के सुझावों को सरकार गम्भीरता से लेगी। भव्य एवं सुन्दर कुंभ कराने के लिए सरकार कृत संकल्प है। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार कुंभ में आयें, इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा और इसके साथ ही उनकी सुख-सुविधा का पूरा ध्यान भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले की तैयरियों में संत समाज के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जाएगा। कुंभ मेला प्रारम्भ होने से पूर्व हरिद्वार में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जायेंगी। संत समाज का हमें निरंतर सहयोग मिलता रहा है। संत समाज के सुझावों को ध्यान में रखते हुए महाकुम्भ के लिए सुनियोजित कार्ययोजना बनाई जायेगी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आगामी महाकुंभ एक बड़ी चुनौती है। सकुशल कुंभ कराने के लिए विस्तृत कार्य योजनाएं बनाई जा रही है। संत समाज के आशीर्वाद से सकुशल कुंभ का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कुंभ में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जायेगा।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महराज ने कहा कि महाकुभ में सुरक्षा व्यवस्था में अखाड़ा परिषदों द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि कुंभ मेले में होने वाले स्थाई प्रकृति के कार्यों की शुरूआत जल्द ही शुरू हो जाये। अखाड़ा परिषदों के लिए स्थान समय पर चिन्हित कर लिये जाए। उन्होंने अखाड़ों के लिए स्थाई प्रकृति के कार्य करने पर भी बल दिया। महाकुंभ में अखाड़ों के रहने का कलेण्डर बने व उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी हो। मेले के लिए पार्किंग स्थल, सड़कों के चौड़ीकरण, पुलों के निर्माण, एवं सुचारू आवागमन हेतु अभी से ही सुनियोजित कार्ययोजना बन जाए। सुझाव दिया कि कुंभ मेले के लिए गंगा की स्वच्छता के साथ ही हरिद्वार की सफाई व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

कांवड़ मेले में सभी व्यवस्थाएं दुरस्त होः मुख्यमंत्री

कांवड़ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय। सफल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से भी निरंतर समन्वय बनाये रखें। कांवड़ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाय। कावंड़ के दौरान सुरक्षा की चाक -चैबंद व्यवस्था की जाय। स्वास्थ्य, सफाई, पेयजल, टॉयलेट व अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं की बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 से 30 जुलाई 2019 तक होने वाले कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। देहरादून, मसूरी व चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों को रूड़की, हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों के बीच से न जाने के बजाय बाईपास से जाने के प्रेरित किया जाय। रूट चार्ट का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाय। कांवड़ यात्रा मार्गों पर सड़क, मेडिकल, पेयजल आदि की सुदृढ़ व्यवस्था की जाय। डाक कांवड़ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था व भीड़ प्रबंधन के लिए पूरी योजना बनाई जाय। व्यापार मंडल व संत समाज के साथ बैठक कर उनसे भी सकुशल कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए सहयोग लिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर दिशा सूचक, रूट डायवर्जन साइनेज की समुचित व्यवस्था हो। कांवड़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की उचित व्यवस्था हो। कांवड़ यात्रा वाले मार्गों पर कहीं भी झूलते हुए बिजली के नंगे तार न हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ से पूर्व घाटों की सफाई की समुचित व्यवस्था की जाय। घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत चैन व जल पुलिस की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ के दौरान स्पेशल ट्रेन की मांग रेलवे से की जाय। इस तरह से योजना बनाई जाय कि कांवड़ के दौरान निर्माण से संबंधित कार्य अवरूद्ध न हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार से कांवड़ की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि कांवड़ के दौरान लगभग 3 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। शान्तिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए 10 हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। सीमावर्ती प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के साथ कांवड़ के सम्बन्ध में कोर्डिनेशन मीटिंग की जा चुकी है। कांवड़ के लिए सीमावर्ती राज्यों के साथ 6 ज्वाइंट पुलिस चैकपोस्ट बनाये गयो हैं।
बैठक में बताया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र चार जनपदों हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी में है। कावंड़ मेला क्षेत्र में कुल 36 जोन व 149 सेक्टर बनाये गये हैं। जिसमें से जनपद हरिद्वार में 04 सुपर जोन, 26 जोन व 100 सेक्टर बनाये गये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नितेश झा, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डीजीपी कानून व व्यवस्था अशोक कुमार, मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी देहरादून सी. रविशंकर व सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से हरिद्वार महाकुंभ के लिए मांगी वित्तीय मदद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से नई दिल्ली में भेंट कर हरिद्वार में वर्ष 2021 में होने जा रहे महाकुम्भ मेला के लिए भारत सरकार से 5000 करोड़ रूपए की वन टाईम ग्रान्ट दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इसमें देश विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। महाकुम्भ मेले में अवस्थापना सेवाओं व सुविधाओं विशेषकर आवास, परिवहन, स्वास्थ्य, स्वच्छता व सुरक्षा आदि में विस्तार करना जरूरी है ताकि मेले का सफल आयोजन सुनिश्चित हो सके। संबंधित विभागों द्वारा अवस्थापना सेवाओं व सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 5000 करोड़ रूपए के प्रस्ताव उपलब्ध कराए गए हैं। सभी स्थायी व अस्थायी कार्य अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कराया जाना आवश्यक है। उत्तराखण्ड राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुए महाकुम्भ मेला 2021 के लिए वनटाईम ग्रान्ट की यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिए केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड सरकार की हर सम्भव मदद करेगी।

यह भी पढ़े …
मुख्यमंत्री ने की मांग, मिड-डे-मील में परम्परागत अनाज शामिल होने से मिलेगा स्वरोजगार

स्थाई प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कर लिये जाएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के साथ 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के कार्यों में तेजी लाने के लिए जल्द ही स्थाई मेला अधिकारी व मेला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी। कुंभ में होने वाले स्थाई कार्यों की जल्द स्वीकृति दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अक्ूटबर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाय। कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाय। महाकुंभ को सुविधाजनक बनाने व भीड़ प्रबंधन में सहयोग के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाय। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ के लिए लोगो (प्रतीक चिन्ह) व स्लोगन के लिए जनता के सुझाव आमंत्रित किये जाय। इसके लिए पुरस्कार राशि का प्राविधान किया जाय। कुंभ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल, टॉयलेट, सफाई आदि की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लानिंग करने के लिए कहा। सकुशल कुंभ कराने व कार्यों की निरंतर निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान हरिद्वार में भीड़ प्रबंधन कैसे हो इसके समाधान के लिए जिलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी व रेलवे के अधिकारी आपसी समन्वय कर सुनियोजित कार्ययोजना बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैरागी कैम्प व अन्य पार्किंग स्थलों पर अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। अति महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाय। मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाय।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना अति आवश्यक है। जटवाड़ा पुल से हरकी पैड़ी तक घाटों का विस्तार करना जरूरी है। मेले के दौरान हिल बाईपास को खोले रखने के लिए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कैंप के लिए पहले से ही स्थान चयन कर लिये जाय।
पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने बताया कि कुंभ मेले में 20 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। आग एवं भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिये विशेष कार्ययोजना बनाई जायेगी। कुंभ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है ऐसे में भीड़ प्रबन्धन और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टि से हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को स्नान के लिए आने व जाने के मार्गों के लिए पूरी प्लानिंग की जायेगी।
जिलाधिकारी/मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत ने कहा कि कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए हरिद्वार में रेलवे ट्रेक डबल 27 किमी होना है। जिसमें से 17 किमी पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि एनएच कार्य जल्द पूर्ण होने पर कुंभ के दौरान श्रद्वालुओं के लिए काफी सुविधा हो जायेगी। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ के लिए किये जा रहे कार्यों व आवश्यकताओं पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव डॉ. भूपेन्दर कौर औलख, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरूषोत्तम, आईजी संजय गुंज्याल आदि उपस्थित थे।

बिना महक, सूखे फूलों से भगवान की हो रही पूजा अर्चना

क्या वेस्ट हो चुके फूलों से कोई भगवान को प्रसन्न कर सकता है, क्या ऐसे फूल जिसकी महक चली गई हो, भगवान को चढ़ाए जा सकते है। आप सभी का जवाब न में होगा। मगर, यह सच है। ऋषिकेश में वेस्ट हो चुके फूलों से अगरबत्तीयां बनाने के काम आ रही हैं। फिर यही अगरबत्तीयां भगवान की पूजा अर्चना में प्रयोग हो रही है।

फरीदाबाद हरियाणा के रहने वाले रोहित प्रताप ने बताया कि उन्होंने करीब साढ़े तीन लाख रुपये की लागत से अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया था। यह पूरी तरह से हस्तनिर्मित है। शाम के समय नगर निगम की गाड़ी से ऋषिकेश के प्रत्येक मंदिर से बासी फूलों को उठाया जाता है। जिन्हें सुखाकर उसका पाउडर बनाया जाता है। इसके बाद इसकी अगरबत्ती तैयार की जाती है। नभ अगरबत्ती के नाम से अगरबत्ती को मार्केट में उतारा गया है। पूरे निर्माण कार्य में कहीं भी कोयला और चारकोल का प्रयोग नहीं होता है। फिलहाल चारधाम यात्रा जाने वाले यात्रियों के लिए बीटीसी में अगरबत्ती का स्टॉल लगाया गया है।

महिलाओं को भी मिला रोजगार
अगरबत्ती बनाने के लिए वर्तमान में करीब 10 महिलाएं काम करती हैं। शाम के समय शिवाजी नगर क्षेत्र में करीब 20 महिलाओं को अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

प्रत्येक मंदिर में लगाए हैं फूल डालने के लिए डस्टबीन
बेकार फूलों को डालने के लिए उनकी ओर से ऋषिकेश के सभी मंदिरों में कूड़ेदान लगाए हुए हैं। सभी कूड़ेदानों पर आकर्षक ढंग से लिखा है कि रास्ते में पड़े फूलों को कूड़ेदान में डालें।

उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक तीर्थाटन का बड़ा महत्व: मुख्यमंत्री

भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की। श्री केदरानाथ एवं श्री बदरीनाथ की यात्रा पर आये गोवर्द्धन ने उनकी सुखद यात्रा के प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया। माॅरीशस के उच्चायुक्त गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री को माॅरीशस आने का भी निमन्त्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। केदारनाथ पुनर्निमाण का कार्य अन्तिम चरण में है। चारधाम आॅलवेदर रोड का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हेली सेवायें उपलब्ध करायी गई है। इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों के साथ ही चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होने का ही प्रतिफल है कि आज लाखों की संख्या में लोग उत्तराखण्ड आ रहे है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी हमारे अच्छे अम्बेसडर बन सकते है। इस दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने माॅरीशस के लोगों का अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की उन्होंने कहा की माॅरीशस के लोगों ने भोजपुरी के साथ ही भारत की अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि भाषा ही संस्कृति की वाहक होती है।
माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रियायत देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्द्रर्य पर्यटन की दृष्टि से अनुकूल तो है ही यहां के चार धाम करोड़ो लोगों की आस्था के केन्द्र भी है। उन्होंने बताया कि माॅरीशस की आबादी 13 लाख है जबकि प्रतिवर्ष 13 लाख पर्यटक वहां आते है उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग की भी बात कही। उन्होंने कहा कि माॅरीशस के लोगों की गंगा के प्रति की बड़ी आस्था है। जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी सहित अन्य भाषाओं के विकास के प्रति किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी तथा इस सम्बन्ध में प्रकाशित विभिन्न पुस्तकें भी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

विशेष संयोग में लाभ उठानें के लिए करें यह काम!

इस बार 3 जून को शनि जयंती और ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सोमवती अमावस्या एक साथ मनाई जाएगी। इसके साथ ही वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक इस बार की शनि जयंती लोगों के लिए खास रहेगी। इसके साथ ही एक में दिन तीन शुभ आयोजन होने के चलते इसका महत्व कई गुणा बढ़ जाता है।

ऐसा संयोग 149 वर्ष बाद बनने जा रहा है। इससे पहले यह संयोग 30 मई 1870 को बना था। प्रमुख पंडितों का मानना है कि जिन राशियों में शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है। उनके लिए यह दिन विशेष रहेगा। साथ ही वह लोग इस विशेष संयोग के बीच भगवान शनि की पूजा कर लाभ उठा सकते है। शनि जयंती के दिन सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। जिसका प्रभाव 24 घंटे तक रहेगा। इस दिन पूजा पाठ करने से विशेष प्रकार का फल मिलेगा।

शनि जयंती का महत्व
माना जाता है कि इस दिन सूर्य व छाया पुत्र शनि का जन्म हुआ था। सूर्य और चंद्रमा जब वृषभ राशि में होते हैं तो उस समय शनि जयंती मनाई जाती है। इस साल शनि धनु राशि में वक्री होकर गोचर हो रहे हैं। शनि के साथ केतू के गोचर का भी योग है।

न्याय के देवता शनि देव की पूजा
पंडित रामगोपाल ने बताया कि लोग शनिदेव जयंती पर उपवास भी रखते हैं। खासकर उपवास करने वालों को विधिवपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के लिए साफ लकड़ी की चैकी पर काले रंग का कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर शनिदेव की प्रतिमा को स्थापित करें। शनि देव को पंचामृत व इत्र से स्नान करवाने के बाद कुमकुम, काजल, अबीर, गुलाल अर्पित करें।

इसके बाद पूजा करने के दौरान भगवान शनि मंत्र की माला का जाप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शनि देव कर्मदाता व न्याय प्रिय देव हैं। जिस राशि में भगवान शनि का प्रवेश होता है। उसे धर्म व अध्यात्म की पालना करते हुए समाज में न्याय करना चाहिए। भगवान शनि देव अच्छे कर्म करने वालों को बेहतर और बुरे कर्म वालों की बुरे परिणाम देते हैं।

कब से है अमावस्या
दो जून को शाम 4 बजकर 39 मिनट से सोमवती अमावस्या शुरू हो जाएगी। जोकि तीन जून को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान व दान करना शुभ माना जाता है। पिंडदान करने से घर और मन में शांति का वास होता है। कार्यक्षेत्र में भी फायदा मिलता है।
किस राशि कैसे बरतें सावधानी

मेष-पैसे निवेश करने से बचें व ड्राइविंग ध्यान से करें। जरूरतमंद को सरसों का तेल व नमक का दान करें।

वृषभ-शनि के ढैय्या का प्रभाव रहेगा। बेहतर आय के साधन बन सकते है। गुड़ व चने का दान करें।

मिथुन-समय समान्य रहेगा। भगवान शिव की आराधना करें व जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें।

कर्क-कारोबार में वृद्धि की स्थिति है। विवाद निपटाने में सफलता। गोसेवा करें।

सिंह-विवाद से दूर रहे। पक्षियों को जल व पानी उपलब्ध करवाएं।

कन्या-नया काम शुरू करने से परहेज करें। चावल का दान करें।

तुला-कारोबार संभालकर करें। जरूरतमंद को भोजन व फल भेंट करें।

वृश्चिक-कारोबार व समाज मे ध्यानपूर्वक रहें। जरूरतमंद लोगों व पक्षियों की सेवा करें।

धनु-कारोबार में उन्नति व नौकरी में तरक्की की संभावना। असहाय लोगों की मदद करें।

मकर-शनि की साढ़ेसाती होने के चलते समझदारी से मुश्किलों का समाधान करे। पशु व पक्षियों की सेवा करें।

कुंभ-प्रतिभा बनी रहेगी। व्यापार में लाभ की संभावना। फल व मिठाइयों का दान करें।

मीन-कारोबार में सफलता व कार्यक्षेत्र में विस्तार की संभावना। फलों का दान करें।

हेमकुंड साहिब यात्रा को पॉलिथीन मुक्त बनाने की गुरूद्वारा ट्रस्ट ने की पहल

माता वैष्णो देवी की तरह ही श्रीहेमकुंड साहिब में भी श्रद्धालुओं को डिग्रेडेबल थैले में प्रसाद दिया जाएगा। यात्रा को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए गुरुद्वारा श्रीहेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट इस साल से यह पहल करने जा रहा है। इसके लिए उसने पूरी तैयारी भी कर ली है। यह थैला दिखने में प्लास्टिक की तरह ही होगा, लेकिन जमीन पर पड़ा रहने पर यह 180 दिन यानी छह माह में खाद में बदल जाएगा।

यह पूरी तरह सल्फर और गंध मुक्त होगा। अभी तक होता यह है कि रोक के बावजूद यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालु पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से करते हैं। इस पर रोक के लिए यह पहल की जा रही है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा के मुताबिक यात्रियों से पॉलिथीन का कोई भी सामान यात्रा मार्ग पर उपयोग न करने की विशेष अपील की गई है। ट्रस्ट का मानना है कि उसकी पहल से श्रद्धालु यहां की सकारात्मक छवि लेकर अपने यहां लौटेंगे। पिछले वर्ष श्री हेमकुंड साहिब के लिए करीब ढाई लाख श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे थे।

पहला जत्था 30 मई को होगा रवाना
चारधाम यात्रा की तरह श्रीहेमकुंड यात्रा को भी संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की संचालित करती है। इस वर्ष काफी बर्फवारी होने के चलते एक जून से श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे। इसके लिए पहला जत्था 30 मई को रवाना होगा। रोटेशन के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बृज भानु प्रकाश गिरी ने बताया कि इस वर्ष एक जून से हर रोज गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट को चार बसें प्रदान की जाएंगी। डिमांड बढ़ने पर यह संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

इन देेशों से पहुंचेंगे श्रद्धालु
श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए भारत के सभी प्रांतों के श्रद्धालुओं के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, कनाडा, बैंककॉक, न्यूजीलैंड, इटली, बेल्जियम, पाकिस्तान सहित कई देशों के श्रद्धालु दर्शन को हर वर्ष पहुंचते हैं।

अक्षय तृतीया पर भगवान भरत की परिक्रमा कर मांगा आशीर्वाद

अक्षय तृतीया के मौके पर मंगलवार को तीर्थ नगरी के पौराणिक श्री भरत मंदिर में ऋषिकेश नारायण भरत भगवान के दर्शनों को श्रद्धालुओं की भीड़ छाई रही।

श्रद्धालुओं ने श्रीभरत भगवान के मंदिर में दर्शन और 108 परिक्रमा की। श्रद्धालु भगवान भरत के जयकारे भी लगाते दिखाई दिए। उन्होंने परिक्रमा के बाद भगवान भरत के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही मनोकामना भी मांगी। कई श्रद्धालुओं ने मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में माथा टेककर परिक्रमा की। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए मीठा शर्बत की भी व्यवस्था स्थानीय लोगों की ओर से हुई थी। दूसरी ओर अक्षय तृतीया के अवसर पर नगर के ज्वैलर्स की दुकानों में भीड़ छाई रही। लोग सोने व चांदी के बर्तन, सिक्के आदि सामानों की खरीदारी करते दिखाई दिए

ऐसी मान्यता है कि पौराणिक भगवान भरत जी के मंदिर की 108 परिक्रमा करने से भगवान बदरीनाथ के दर्शनों का जितना पुण्य प्राप्त होता है। खास बात यह है कि भरत भगवान की मूर्ति भी उसी शालीग्राम पत्थर से बनी है, जिससे बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। आज के दिन ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं। इस मौके पर सोना खरीदना भी लाभकारी बताया गया है।

यात्रियों के पंजीकरण को 25 से लगेंगे काउंटर

उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया ही फोटोमैट्रिक पंजीकरण करेंगी। पर्यटन विभाग ने संस्था का अनुबंध वर्ष 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है।

चारधाम यात्रा में पांच मई को पहली बस रवाना होगी। यात्रा में रवाना होने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रोजाना एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड के लिए वाहनों की फिटनेस की जांच की जा रही है। तो वहीं 25 अप्रैल को बस स्टैंड ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र के काउंटर भी खुल जाएंगे।

इन दिनों फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र में साफ-सफाई और रंग रोगन का काम चल रहा है। 25 अप्रैल से पहले फोटोमैट्रिक पंजीकरण के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण के लिए करीब 17 काउंटर खुलेंगे। इसमें से 15 काउंटर बस ट्रांजिट कंपाउंड और 2 काउंटर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में खोले जाएंगे।

बीते वर्ष ऋषिकेश में 19 फोटोमैट्रिक पंजीकरण पंजीकरण केंद्र खोले गए थे। त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया प्रालि के मैनेजर प्रेम आनंत ने बताया कि इस वर्ष सबसे पहले 25 अप्रैल तक ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण काउंटर में पंजीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसमें चारधाम यात्रा जाने वाले यात्री अपना पंजीकरण करा सकेंगे।

इन जगहों पर खुलेंगे फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र
त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया प्रा.लि. के मैनेजर प्रेमआनंद ने बताया कि दुबाटा, बड़कोट, हीना उत्तरकाशी, फाटा केदारनाथ मार्ग, सोनप्रयाग केदारनाथ मार्ग, पांडुकेश्वर बद्रीनाथ मार्ग, गोविंद घाट हेमकुंठ साहिब, रेलवे स्टेशन हरिद्वार, राही मोटल हरिद्वार, गुरूद्वारा ऋषिकेश और बस स्टैंड ऋषिकेश में चारधाम यात्रा के लिए फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र खोले जाएंगे।