स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर जोर, स्वास्थ्य नीति का मसौदा तैयार

उत्तराखंड में लोगों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार उत्तराखंड की स्वास्थ्य नीति-2021 तैयार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नीति का खाका तैयार किया है। जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम, सुलभ और गुणवत्ता युक्त बनाने पर सरकार का नीति में फोकस है। माना जा रहा है कि चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार स्वास्थ्य नीति पर फैसला ले सकती है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में जहां सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। वहीं, चुनिंदा बड़े अस्पताल हैं। जिससे मरीजों को आपातकालीन सेवा में इलाज के लिए दूसरे क्षेत्रों में आना पड़ता है।
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता सुधारने और एकरूपता लाने के लिए सरकार ने इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) मानकों के अनुरूप अस्पतालों को स्थापित किया है। जिसमें 13 जिला अस्पताल, 21 उप जिला चिकित्सालय, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 52 पीएचसी टाइप-बी, 526 पीएचसी टाइप-ए, 23 अन्य चिकित्सा इकाईयां, 1897 उप स्वास्थ्य केंद्र है। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किए गए हैं। एम्स ऋषिकेश के अलावा तीन राजकीय मेडिकल कॉलेज दून, श्रीनगर, हल्द्वानी चल रहे हैं। राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को शुरू किया जाना है। हरिद्वार, पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में नए मेडिकल कालेज प्रस्तावित हैं। जिनका काम चल रहा है।
सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि उत्तराखंड में जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार और विभाग को फ्रेम वर्क बनाने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से 2019 तक पिछले तीन साल में उत्तराखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र में सबसे कम खर्च हुआ है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति पर 5887 रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ पर ध्यान देना होगा। सरकार निजी अस्पतालों को प्रोत्साहित करे, लेकिन निजी अस्पतालों की लूट खसोट पर नकेल कसनी चाहिए। तकनीकी का इस्तेमाल कर टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

राज्य में रात 11 बजे से नाइट कर्फ्यू, ये होंगी पाबंदियां

कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ और कोविड केसों में बढ़ोतरी के बीच सरकार ने उत्तराखंड में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है। जिला प्रशासन और पुलिस को सख्त हिदायत दी गई है कि नाइट कर्फ्यू को प्रभारी ढंग से लागू किया जाए। प्रदेशभर में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू होगा।
नाइट कर्फ्यू के दौरान अधिकांश सेवाएं खुली रहेंगी। हालांकि निजी वाहनों से निकलने वालों को वैध आईडी कार्ड दिखाने पर केवल इमरजेंसी की स्थिति में ही आवागमन की इजाजत दी जाएगी। मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था सोमवार रात से ही शुरू हो गई है। इस दौरान अस्पताल, उद्योग, स्टोरेज, पेट्रोल पंप सहित अन्य आवश्यक सेवाएं खुली रहेंगी। इनसे जुड़े कर्मचारियों को आई कार्ड के आधार पर आवागमन की इजाजत भी होगी।
नाइट कर्फ्यू के दौरान ऐलोपैथी अस्पतालों के साथ ही आयुष अस्पतालों को भी खुले रहने की इजाजत होगी। परिवहन निगम की बसों को राज्य व राज्य के बाहर परिहवन निगम की ओर से पूर्व में जारी एसओपी के अनुसार संचालन की अनुमति इस दौरान दी जाएगी। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से टैक्सी, ऑटो रिक्शा आदि यात्री वाहनों से टिकट के आधार पर यात्रा की अनुमति, इन वाहनों को रात में चलने की इजाजत दी जाएगी।
उत्तराखंड में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद अल्मोड़ा जिला प्रशासन सर्तक है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के प्रवेश द्वारों पर बाहरी लोगों की जांच कर रहीं है। जिसके बाद ही लोगों को जिले में प्रवेश दिया जा रहा है। रविवार को नगर के प्रवेश द्वार लोधिया में दिन तक दस बाहरी लोगों के कोरोना जांच को सैंपल लिये गये।
दरअसल बीते दिनों ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद डीएम ने एहतियातन जिले के प्रवेश द्वारों पर रैडम जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने टीमों का गठन कर प्रवेश द्वारों पर जांच शुरू की। रविवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोधिया, भुजान, मोतियापाथर और मोहान में बाहर से पहुंच रहे लोगों की रैंडम जांच की। जिसके बाद ही लोगों को जिले में प्रवेश दिया गया। जिससे की आने वाले खतरे को टाला जा सके।

ये सेवाएं खुली रहेंगी
-सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं
– सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आने जाने की इजाजत
– तेल,गैस का उत्पादन, वितरण और परिवहन
– पेट्रोल पंप, एलपीजी आउटलेट खुले रह सकेंगे
– बिजली उत्पादन, वितरण, कर्मचारियों का आवागमन,
– डाक सेवाएं
– इंटरनेट, दूर संचार और प्रसारण सेवाएं,
– कोल्ड स्टोरेज और वेयर हाउस,
– माल वाहक वाहनों को आवागमन व लोड, अपलोड की इजाजत,
– प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के कर्मचारी, वाहनों का आवागमन,
– कोविड मानकों के तहत उद्योगों को भी चलाने की इजाजत होगी

आज 13 नए संक्रमित मरीज मिले, सुरक्षा को नजरअंदाज ना करे

उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 13 नए संक्रमित मिले हैं, जबकि 18 मरीज स्वस्थ हुए हैं। फिलहाल 231 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। अब तक प्रदेश में 344779 लोग संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार को 06 जिलों में 13 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। बीते 24 घंटे में 18 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिलाकर अब तक 330938 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। 

डबल डोज या आरटीपीसीआर के बाद ही मिलेगा उत्तराखंड में प्रवेश 
ओमिक्रॉन वैरिएंट की दस्तक के बाद प्रदेश में जहां सख्ती लागू हो गई है। वहीं अब हरिद्वार जिले में भी सख्ती करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश की सीमा से लगे दूसरे प्रदेशों के जिलों से आने वाले बॉर्डर पर अब सख्ती से पुलिसकर्मी चेकिंग करेंगे। डबल डोज का सर्टिफिकेट या आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रदेश में प्रवेश मिलेगा। ऐसे में अब बॉर्डर पर सख्ती बढ़ने के बाद प्रदेश में आने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आएगी। 
नए साल के जश्न को लेकर धर्मनगरी के रास्ते लाखों यात्री पहाड़ी जिलों में पहुंचते हैं। वहीं इस बीच अब ओमिक्रॉन ने भी अपनी दस्तक दे दी है। इसको लेकर अब बॉर्डर पर सख्ती शुरु हो गई है। एसएसपी डॉक्टर योंगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस महामारी के कारण आमजन का जीवन बहुत प्रभावित हुआ है। कोविड-19 के कहर में बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवाई है। लोगों को  सावधानी बरत कर घरों में रहकर अपने तथा अपने परिवार को इस महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की चपेट में आने से बचाना है।

नियमों का पालन करना जरुरी
महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचने के लिए नियमों की पालना करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि नियमों का पालन करके ही लोग महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बच सकते हैं। ऐसे में तीन महत्वपूर्ण एहतियाती उपाय जरूरी हैं, जिनमें सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग, हाथों को बार-बार साबुन व हैंड सैनिटाइजर से साफ करना शामिल है। इन एहतियातों को अपनाकर आप अपने को व परिवार को कोरोना महामारी से बचाकर प्रशासन व पुलिस का सहयोग करें। कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के साथ जिला पुलिस सतर्क हो गई है और आमजन को महामारी से बचाने के लिए कोरोना के नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जिला पुलिस द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम और समाचार पत्रों के माध्यम से भी आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद भी नियमों को ताक पर रखकर मास्क का प्रयोग न करने व कोविड के नियमों की अवहेलना करने वालों पर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं अब बॉर्डर पर भी सख्ती बरतनी शुरू कर दी गई है। प्रदेश में आने वाले लोगों की जांच बॉर्डर पर ही करवाई जा रही है। वहीं आरटीपीसीआर रिपोर्ट देखने के बाद ही अब प्रदेश में प्रवेश दिया जाएगा। श्यामपुर थाना क्षेत्र के चिड़ियापुर व लाहडपुर, मंगलौर के नारसन और भगवानपुर बॉर्डर भी सख्ती की जा रही है। 

41 विधानसभाओं को जीत का मंत्र दे गये नड्डा

मिशन-2022 में जुटी बीजेपी विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण से पहले भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में टिकट न मिलने पर बगावत करने वाले संभावित चेहरों की पहचान करेगी। इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों को ऐसे लोगों की सूची बनाकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को गढ़वाल मंडल के 41 विधानसभा क्षेत्रों के लिए बनाए गए जिला प्रभारियों, विधानसभा प्रभारियों, विस्तारकों, जिला प्रवासी और सहायक प्रवासियों की बैठक ली।
इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए अब समय बहुत कम रह गया है। ऐसे में अगले कुछ दिन बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बंपर सीटों के साथ जीत सुनिश्चित करना चाहती है। इसके लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को एक साथ एकजुट होकर काम करना होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस दौरान विधानसभा प्रभारियों को कई लक्ष्य दिए जो अगले दिनों में पूरे किए जाने हैं। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि सभी प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में टिकट के संभावित दावेदारों की सूची बनाने को कहा गया है। ऐसे दावेदारों की पहचान करने को भी कहा गया है जो टिकट न मिलने की स्थिति में बगावत कर सकते हैं। ताकि समय रहते ऐसे लोगों को मनाया जा सके। बगावत करने वाले संभावित दावेदारों की पहचान करने के साथ ही रिपोर्ट देने को कहा गया है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक में बगावत करने वाले लोगों की पहचान करने के साथ ही ऐसे लोगों की भी सूची बनाने को कहा गया है जो इन दावेदारों को प्रभावित करने या मनाने की स्थिति में हों। ताकि जरूरत पड़ने पर ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जा सके और पार्टी प्रत्याशी को किसी भी तरह का नुकसान न हो पाए।

बगावत को लेकर भाजपा सतर्क, होमवर्क पूरा करने में जुटीं
भाजपा में कई सीटों पर टिकट के कई दावेदार हैं। इस बार पार्टी सर्वे में कमजोर चल रहे कुछ प्रत्याशियों के टिकट काटने पर भी विचार कर रही है। ऐसे में बगावत की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। भाजपा के नेताओं को इस बात का अंदाजा है कि ऐन वक्त पर टिकट न मिलने से नाराज होकर कुछ नेता पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इससे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को नुकसान होना तय है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पार्टी अभी से तैयारी कर रही है ताकि चुनाव में बगावत व इस तरह की स्थितियों से निपटा जा सके।

धामी के कुशल नेतृत्व, दूरदर्शी सोच और राजनीतिक दाव-पेंच से विपक्ष हताश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब से सत्ता की बागडोर संभाली है तो उनके हरफनमौला खेल से भाजपा फ्रंटफुट पर खेल रही है। विपक्ष की हर चाल को वह विफल कर देते हैं। पिछले पांच माह की जोश और जुनून की युवा सरकार में धामी ने पहले तो विवादित मुद्दों पर धुंआधार बैटिंग कर उनको सुलझा दिया और विपक्ष के सामने मुद्दाविहीन राजनीति का लक्ष्य रख दिया। इससे विचलित विपक्ष बिखरने लगा और फिर आक्रामक तरीके से भाजपा और सरकार पर प्रहार करने लगा। जब भी लगा कि विपक्षी दल किसी मुद्दे पर बैटिंग कर भाजपा या सरकार को घेरने की फिराक में हैं तो एक कुशल कप्तान की तरह सीएम धामी अपनी सरकार और पार्टी के बचाव में आ जाते हैं। उनकी गुगली से विपक्ष के बल्लेबाजों की गिल्लियां हवा में उड़ जाती हैं और युवा कप्तान अपनी टीम को लगभग हार चुकी बाजी को जीत के कगार पर ले आता है। धामी के कुशल नेतृत्व, दूरदर्शी सोच और राजनीतिक दाव-पेंच से विपक्ष को संभलने का मौका नहीं मिल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि युवा नेतृत्व में भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सत्तासीन हो जाएगी।

उत्तराखण्ड की जनता की सेवा हमारा भाव व समग्र विकास हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर परिचर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि उत्तराखण्ड की जनता की सेवा हमारा भाव तथा राज्य का समग्र विकास हमारा ध्येय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। राज्य में केन्द्र सरकार के सहयोग से लगभग एक लाख करोड़ की योजनायें संचालित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड़ अधिनियम वापस लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के नये आयाम प्राप्त कर रहा है। केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य तथा काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देना इसका उदाहरण है। अहिल्याबाई होल्कर के बाद मोदी जी ने काशी विश्वनाथ धाम का पुनरूद्धार का कार्य किया। बद्रीनाथ धाम के सौन्दर्यीकरण का भी कार्य चल रहा है। 250 करोड़ की योजना इसके लिये तैयार की गई है। इस प्रकार आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाये जाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण नहीं सबको विकास का लाभ देने का कार्य हो रहा है। अटल आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन जैसी योजनायें सबके लिये हैं। सबका साथ सबका विकास का संकल्प पूरा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी देश के विकास की नई गाथा लिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन, स्वास्थ्य, आजीविका मिशन, पंचायतों से जुड़े प्रतिनिधियों, खिलाड़ियों, नौजवानों के हित में राहत पैकेज के साथ ही कल्याणकारी निर्णय लिये हैं। हमें राज्य के विकास में जितना भी समय मिला है वे उसमें खुलकर बैटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता का आशीर्वाद हमें मिल रहा है। जनता की समस्याओं से वे परिचित हैं। जन समस्याओं का समाधान हमारा उद्देश्य भी है, ध्येय भी है। राज्य में चारधाम परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य को जोड़ने वाले हाई-वे राज्य के विकास की दिशा तय कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोग स्वाभिमानी और राष्ट्रभक्त हैं। हम चुनाव को ध्यान में रखकर कार्य नहीं कर रहे हैं, बल्कि सभी क्षेत्रों का समान रूप से विकास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार से जोड़ने के लिये प्रभावी पहल की है। राज्य में सरकारी विभागों में 24 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ की है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी से ही बेरोजगारी दूर नहीं की जा सकती है, इसके लिये स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैंकों से ऋण सुविधा को आसान बनाया, होम स्टे योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि के जरिये हमारे युवा रोजगार देने वाले भी बनें इसके लिये धरातल पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिये सभी विभागों का 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। 2025 में जब हमारा राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष मनायेगा तब देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसका हमारा प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। हम इस दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की इकोलॉजी और इकोनॉमी को बढ़ावा देने का भी हमारा प्रयास है, राज्य में प्रभावी भूमि सुधार के लिये कमेटी बनायी गई है, राज्य हित में जो भी निर्णय उचित होगा हम वह लेंगे और ले रहे हैं। प्रधानमंत्री को कर्मयोगी बताते हुए उन्हें प्रेरणा देने वाला बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे वर्तमान में जीते हैं उनके अंदर जितनी सामर्थ्य व ताकत है उसका पूर्ण मनोयोग से जनता की सेवा में उपयोग कर रहे हैं। राज्य में नो पेंडेंसी का ध्येय लेकर हम भी कार्य संस्कृति में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।

चुनावी सभाओं के लिए आयोग ने चिन्हित की नई जगहें, मतदान की समय सीमा को भी एक घंटा बढ़ाया

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में 601 मैदानों और 277 इमारतों की पहचान की है, जहां सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए चुनावी सभाएं की जा सकती हैं। उनका विवरण जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा ताकि उम्मीदवार उन्हें बुक करा सकें।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि राज्य के कठिन इलाके को देखते हुए उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते हुए 800 से ज्यादा जगहों की पहचान की गई है। जहां पर राजनीतिक सभाएं हो सकेंगी। जगह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह देश में इस तरह का पहला कदम होगा। क्योंकि राज्य के कई इलाकों में मतदाताओं का मतदान केंद्रों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मतदान सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक होगा, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर थे। चंद्रा के साथ चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे भी थे।

पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगी जगह
उन्होंने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में 601 मैदानों और 277 इमारतों की पहचान की है, जहां सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए चुनावी सभाएं की जा सकती हैं। उनका विवरण जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा ताकि उम्मीदवार उन्हें बुक करा सकें और पहले आओ पहले पाओ (पितेज बवउम पितेज ेमतअम) के आधार पर ही यह बुकिंग की जाएंगी।

सुशील चंद्रा ने कहा कि आपराधिक मामलों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को मीडिया में अपना ब्योरा प्रचारित करना होगा। राजनीतिक दलों पर भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपने उम्मीदवारों के लिए समान अभ्यास करने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें मतदाताओं को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का कारण बताना होगा ताकि वे जान सकें कि किस तरह के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

हेट स्पीच के खिलाफ सोशल मीडिया पर निगरानी
फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को गंभीर आरोपों का सामना कर रहे लोगों को मैदान में उतारने के कारणों के साथ अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने का आदेश दिया। यह सूचना उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन दाखिल करने की शुरुआत से एक पखवाड़े पहले प्रकाशित की जानी होगी।

मुख्य चुनाव आयोग चंद्रा ने आगे कहा कि हेट स्पीच से संबंधित पोस्ट की जांच के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उन्हें शराब, ड्रग्स या मुफ्त में किसी चीज की पेशकश न की जाए. आयोग ने इस मुद्दे पर सभी संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की है।

खर्च की निगरानी के लिए नियुक्त होंगे पर्यवेक्षक
चंद्रा ने कहा कि चुनाव प्रचार पर उम्मीदवारों के खर्च की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की क्षमता 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी है। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है। आयोग राज्य में कुल 11,447 मतदान केंद्र बनाने के लिए 623 और मतदान केंद्र स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 81 लाख से अधिक मतदाता हैं। औसतन, प्रत्येक मतदान केंद्र पर 700 से अधिक मतदाता होंगे।

चंद्रा ने कहा कि महिलाएं 100 मतदान केंद्रों और 5 दिव्यांग लोग प्रबंधन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में 66,648 मतदाता दिव्यांग हैं, 80 से ऊपर 143,000 और 93,935 सैनिक हैं। 80 साल से अधिक लोगों को अपने घरों में मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी।

अमृत महोत्सव के द्वितीय राष्ट्रीय समिति की बैठक में वर्चुअली शामिल हुए सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के द्वितीय राष्ट्रीय समिति की बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सचिव संस्कृति को निर्देश दिये कि आजादी के अमृत महोत्सव के संबंध में राज्य में अभी तक आयोजित हुए कार्यक्रमों के साथ ही भविष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों एवं सुझावों से सम्बन्धित विवरण अविलम्ब तैयार कर उपलब्ध करायें ताकि तदनुसार भारत सरकार को भी अवगत कराया जा सके।

उत्तराखंड में बढ़ी युवा मतदाताओं की संख्या, कल मुख्य चुनाव आयुक्त राज्य के दौरे पर

23 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा पूरी टीम के साथ उत्तराखंड के दो दिनी दौरे पर आएंगे। वह जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के उत्तराखंड का दो दिवसीय दौरा तय किया गया है।
23 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त शाम चार बजे देहरादून पहुंचेंगे। इसी दिन शाम पांच बजे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद प्रदेश के सभी डीएम और एसएसपी समेत मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक करेंगे। 24 दिसंबर को मतदाता जागरूकता प्रदर्शनी कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद चुनाव व्यय निगरानी अधिकारी, मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक करेंगे। फिर प्रेस वार्ता कर वापस दिल्ली लौटेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने उनके दौरे की पुष्टि की है।

उत्तराखंड में बढ़ी युवा मतदाताओं की संख्या
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में और अधिक संख्या में युवा मताधिकार का प्रयोग करेंगे। निर्वाचन विभाग की ओर से नवंबर में चलाई गई विशेष मुहिम में बड़ी संख्या में युवाओं ने पंजीकरण कराकर अपना वोट बनवाया है। दरअसल अक्तूबर में निर्वाचन विभाग ने मतदाता सूची का प्रकाशन किया था। इसके साथ ही 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच विशेष अभियान चलाने की घोषणा की गई थी। निर्वाचन विभाग ने विशेष अभियान चलाने के साथ ही करीब ढाई लाख नए युवा मतदाता जोड़ने पर भी फोकस किया।
विभाग के मुताबिक इस एक माह में करीब चार लाख एंट्री हुई हैं, जिसमें नए मतदाता जोड़ने के साथ ही मतदाता डिलीट होने और पते आदि के संशोधन शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन चार लाख में करीब डेढ़ लाख के बीच युवा मतदाता हो सकते हैं। हालांकि निर्वाचन विभाग की ओर से जनवरी में मतदाता सूची प्रकाशन होने के बाद ही असल युवा मतदाताओं की संख्या स्पष्ट हो पाएगी। पुरानी मतदाता सूची के मुताबिक, उत्तराखंड में कुल 78,46,000 मतदाता थे। माना जा रहा है कि नई सूची में इनकी संख्या 80 लाख के आसपास हो सकती है।

जिलाधिकारी और वरिष्ठ नौकरशाह रह चुके हैं डा. राकेश कुमार को नई जिम्मेदारी

पूर्व आइएएस डा. राकेश कुमार को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1992 बैच उत्तराखंड कैडर के आइएएस थे। फिलहाल, वे यूएस एड संगठन में भारत के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे पौड़ी, नैनीताल और देहरादून के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं।
पूर्व आइएएस डा. राकेश कुमार को लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। उत्तराखंड में शिक्षा सचिव रहते हुए राकेश कुमार ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने पहाड़ के सभी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की थी। इसके साथ ही वे शिक्षा ही स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, राजस्व समेत कई विभागों में महत्पूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहते हुए उन्होंने दिल्ली के साथ ही कई जगहों पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उत्तराखंड में नई खेल नीति की अधिसूचना जारी

राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकार नौकरी और खेल का माहौल उपलब्ध कराएगी। नई खेल नीति को कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं छोटी उम्र के उभरते खिलाड़ियों के लिए भी सरकार की ओर से खजाना खोला गया है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आठ से 14 साल तक के खिलाड़ियों को शारीरिक टेस्ट और दक्षता के आधार पर हर महीने 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
प्रदेश की नई खेल नीति के मुताबिक, ओलंपिक खेल में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को समूह ख पद (ग्रेड पे-5400) पर नियुक्ति दी जाएगी। जबकि ओलंपिक खेल में प्रतिभाग, विश्व चौंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ी को ग्रेड पे-4600 एवं 4800 के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, सैफ खेल व राष्ट्रीय खेल में पदक विजेता खिलाड़ियों, एशियन खेल, राष्ट्रमंडल खेल, मान्यता प्राप्त खेल संघों की ओर से आयोजित विश्व चौंपियनशिप, विश्वकप के प्रतिभागियों, एशियन चौंपियनशिप, राष्ट्रमंडल चौंपियनशिप के पदक विजेता खिलाड़ियों को उनकी खेल प्रतिस्पर्धा के स्तर एवं उसकी महत्ता के अनुसार विभागों के चिह्नित समूह ग के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। जिन पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में नियुक्ति दी जाएगी, उन्हें अगले पांच साल तक संबंधित खेल के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेल का माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्राथमिकता वाले खेलों के विकास के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस बनाए जाएंगे।

खिलाड़ियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
प्रदेश के 14 से 23 साल तक के मेधावी खिलाड़ियों को खेल संबंधी जरूरतों के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। हर साल 2,600 खिलाड़ियों को दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश के खिलाड़ियों को शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पांच फीसदी खेल कोटा दिया जाएगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की भी स्थापना की जाएगी।