यातायात संकुलन को कम करने को हर प्रकार के कदम उठाए जाने की आवश्यकताः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने को लेकर यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। यातायात संकुलन को कम करने के लिए हर प्रकार के छोटे से लेकर बड़े और महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात व्यवस्था को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें इस स्तर की यातायात व्यवस्था आमजन को देनी है कि यात्री को शहर के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने में मात्र 200 से 300 मीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े और वाहन बदलने पर 5 से 7 मिनट्स से अधिक का इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन के मुख्य स्थानों को चिन्हित कर उन तिराहों और चौराहों के सुधारीकरण का कार्य किया जाए।

मुख्य सचिव ने यातायात संकुलन कम करने के लिए प्रवर्तन को सख्ती से लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि पार्किंग सुविधाओं को बढ़ाए जाने और नो पार्किंग ज़ोन में वाहन खड़ा करने पर अधिक से अधिक चालान किए जाने से काफी हद तक यातायात संकुलन को कम किया जा सकता है। उचित स्थान और उपयोगिता के अनुसार अंडर पास और फुट ओवर ब्रिज, एलिवेटेड रोड, रोप-वे और पीआरटी जैसी सेवाओं को कहां कहां शुरू किया जा सकता है, इस पर योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि बाईपास सड़कों के निर्माण से भी काफी हद तक यातायात दबाव कम किया जा सकता है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मैट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री अग्रवाल ने डेंगू की रोकथाम को लेकर बुलाई बैठक

कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार से वार्ता कर फीडबैक लिया, जबकि स्वास्थ्य महानिदेशक व सीएमओ देहरादून के साथ बैठक की। इस दौरान डेंगू को लेकर तेजी से जन जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक कर मंत्री डा. अग्रवाल ने डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग से किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डेंगू की जहां ज्यादा संख्या पाई जा रही है, उन जगहों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। बताया कि सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाए गए है।

मंत्री डा. अगवाल ने कहा कि डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाया जाए। लार्वा पाए जाने पर उसे मौके पर ही नष्ट करते हुए आसपास के क्षेत्रों में भी कड़ाई से अभियान चलाएं।

मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व अन्य माध्यमों से डेंगू से बचाव की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि लोगों को मच्छर दानी का प्रयोग तथा पूरे बाजू के कपड़े पहनने के लिए प्रेरित भी करें। इसके अलावा अस्पतालों में डेंगू के वार्ड पर्याप्त मात्रा में रखे जाएं।

मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि देहरादून में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है, लिहाजा इसके लिए सभी को कमर कसनी होगी। कहा कि डेंगू को चुनौती के रूप में लेते हुए सभी विभागीय अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतया निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग से भी समन्वय बनाते हुए डेंगू की रोकथाम में मदद ली जाए।

बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह, सीएमओ डा. संजय जैन, डा. पंकज सिंह आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने प्रदान किए एसडीसी एचीवर अवार्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया। जिसमें 12 संस्थाओं एवं 05 लोगों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए जनपदों में प्रतियोगिता की भावना के दृष्टिगत इस वर्ष से ‘‘एस0डी0जी0 एचीवर ट्रॉफी’’ प्रदान की जायेगी जिसमें सभी 13 जनपदों के विजेता एवं उपविजेता घोषित किये जायेंगे। एस.डी.जी. को पंचायत स्तर तक क्रियान्वित करने के लिए वर्ष 2030 तक 17 सितंबर से 23 सितम्बर तक एस.डी.जी सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें सभी विकासखण्डों, पंचायतों विद्यालयों, जनपदों एवं राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, जन जागरूकता कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए सबको समन्वित प्रयास करने होंगे। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। ये सभी राज्य के विकास के ब्राण्ड एम्बेसेडर हैं। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाकर विकास जरूरी है। राज्य में सतत विकास लक्ष्य में बेहतर कार्य हो रहे हैं। एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए और प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बताई।

मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर वे स्वयं प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है। उत्तराखंड सरकार भी सतत विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को मूल में रखकर लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

एस०डी०जी० 1 के तहत शून्य गरीबी के लिए गढ़वाल हिल्स कॉपरेटिव लि., पौड़ी एवं जगमोहन सिंह राणा, एस०डी०जी० 2 शून्य भुखमरी के तहत डॉ सुरभि जायसवाल एवं खस्ती कोरंगा, एस०डी०जी० 3 उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली के तहत आरोही फाउंडेशन, एस०डी०जी० 4 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत भागीरथी फाउंडेशन, एस०डी०जी० 5 लैंगिक समानता के तहत रचनात्मक महिला मंच एवं डिव-इन-प्रो, एस०डी०जी० 6 साफ पानी एवं स्वच्छता के तहत नौला फाउंडेशन, एस०डी०जी० 8 आर्थिक वृद्धि के तहत उत्तरांचल युवा एवं ग्रामीण विकास केन्द्र चमोली, एस०डी०जी० 9 उद्योग और नवाचार के तहत पिथौरागढ़ की देवकी देवी, एस०डी०जी० 12 उपभोग और उत्पादन के तहत ग्राम पंचायत रायगी, एस०डी०जी० 13 जलवायु परिवर्तन के तहत एग्री-नेट फूड्स एण्ड बेव्रेज प्रा.लि एवं श्री जगदीश सिंह नेगी शिप्रा कल्याण समिति, नैनीताल, एस०डी०जी० 15 भूमि पर जीवन के तहत चंदन सिंह नयाल एवं एस०डी०जी० 16 शांति और न्याय के तहत दर्पण समिति एवं कार्ड संस्था को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एवं ज्यूरी के अध्यक्ष एन रविशंकर, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, यूएनडीपी की प्रतिनिधि इसाबेल त्सचान, सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत उपस्थित थे।

नई दिल्ली में जी-20 में देशभर की संस्कृति को विश्व के सामने रख पीएम ने बढ़ाया भारत का मानः अग्रवाल

कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अफ्रीकन यूनियन देशों को शामिल करना, बड़ी कूटनीतिक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की अफ्रीकन देशों के साथ नजदीकियां बढेंगी और इसका लाभ दोनों ओर होगा।

डा. अग्रवाल ने कहा कि नई दिल्ली में आयोजित जी-20 में देशभर की संस्कृति को विश्व के ताकतवर राष्ट्रों के बीच रखकर भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम में कोर्णाक मंदिर के चक्र, ब्रह्मांडीय ऊर्जा, रचनात्मकता और शक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक 27 फीट लंबी और 18 टन वजनी नटराज की मूर्ति, चंद्रयान-3, इसके अलावा नई दिल्ली की दीवारों पर पेंटिंग के जरिये अलग-अलग राज्यों की संस्कृतियों को दर्शाया गया है। डा. अग्रवाल ने कहा कि यह सभी भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण की साक्षी बनी हैं।

मुख्यमंत्री से की आईटीबीपी के महानिदेशक ने भेंट, जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह ने भेंट की। उन्होंने राज्य में अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के आश्रितों को भी राज्य सरकार की सेवाओं में नौकरी देने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी में उत्तराखण्ड से काफी संख्या में जवान है। उन्होंने कहा कि राज्य के वाइब्रेंट विलेज के लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने में आई.टी.बी.पी द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लोगों की आर्थिकी बढ़े और उनके उत्पादों को अच्छी मार्केटिंग मिल सके, आईटीबीपी उन उत्पादों को खरीदेगी। महानिदेशक आईटीबीपी ने कहा कि इसके लिए आईटीबीपी को राज्य की सहकारी समितियों के माध्यम से सहयोग मिल जाए तो उत्पादों को खरीदने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लिए आईटीबीपी डॉक्टर एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायेगी, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय के साथ कार्य किया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के वाइब्रेंट विलेज वाले क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों में आईटीबीपी लोगों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए जो भी सहयोग देगी, राज्य सरकार द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के वाइब्रेंट विलेज वाले क्षेत्रों के उत्पाद आईटीबीपी को सुगमता से मिल सकें, इसके लिए सहकारी समितियों के माध्यम से उत्पाद उपलब्ध करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, आईटीबीपी से एडीजी मनोज रावत, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी मनु महाराज, पीआरओ राजीव नेगी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विस क्षेत्रों में सीएम घोषणा की धनराशियां की स्वीकृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत विकासखण्ड देवाल के अंतर्गत नन्दादेवी राजजात स्थल पंचायती चौक वाण के सौन्दर्यीकरण एवं विस्तारीकरण हेतु एक करोड़ धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के ग्राम बारमौ में श्री खण्डेनाथ स्वामी मंदिर के प्रांगण में शिवलिंग की स्थापना हेतु भी रूपये 56.80 लाख की स्वीकृति उन्होंने प्रदान की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के तहत जनपद अल्मोड़ा कि देवी मंदिर एवं जौरासी देवी मंदिर के सौन्दर्यीकरण हेतु रूपये एक करोड़, विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अन्तर्गत ग्राम देवरी बाबा दरिया नाथ प्रांगण में बहुउद्देशीय भवन निर्माण हेतु रूपये 84.43 लाख, विधानसभा क्षेत्र चंपावत के सप्तेश्वर महादेव मंदिर स्थल के सौन्दर्यीकरण एवं स्नान घाट के निर्माण हेतु रूपये 93.38 लाख, उत्तरकाशी के विधानसभा पुरोला के अंतर्गत विकासखण्ड मोरी के ग्राम पंचायत सरास में जागा माता मंदिर के पास सौन्दर्यीकरण एवं सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हेतु रूपये 91.11 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने गढ़वाल एंव कुमाऊं मण्डल में एक-एक नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना के लिए भी इस वित्तीय वर्ष के लिए रूपये 57 लाख की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ में पतों से नगनीधुरा एवं मिलम से मिलम ग्लेशियर तक ट्रैकिंग रूट हेतु रूपये 80.46 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र चंपावत में ‘‘बनबसा-टनकपुर-चंपावत-घाट तक राष्ट्रीय राजमार्ग में 07 स्थानों में हिलांस आउटलेट के निर्माण हेतु रूपये 8.66 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा हेतु मुंशी हरि प्रसाद टम्टा धर्मशाला और क्राफ्ट म्यूजियम के निर्माण हेतु रूपये 69.82 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के अंतर्गत पैरावेट कर्मियों द्वारा विभाग द्वारा संचालित जनहित योजनाओं पशुगणना, टीकाकरण एवं राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान आदि कार्यों में सहयोग करने वाले कार्मिकों को पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों हेतु निर्धारित मानक को दोगुना (अर्थात् पर्वतीय क्षेत्र हेतु रूपये 100/- तथा मैदानी क्षेत्र हेतु रूपये 80/-) किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

खटीमा में मुख्यमंत्री ने किया राज्य आंदोलन में शहीदों के परिजनों को सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना के लिए 1 सितंबर 1994 को शहीद हुए आंदोलनकारियों के शहादत दिवस के अवसर पर खटीमा में मुख्य चौराहे के पास स्थित शहीद स्थल में शहीदों की मूर्तियों का अनावरण किया। उन्होंने शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और शहीदों के परिजनों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों तथा राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का चहुमुखी विकास हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इन महान लोगों ने स्वयं का बलिदान इसीलिए दिया कि उन्हें लगता था कि उत्तराखंड अलग राज्य बनकर ही सच्चे अर्थाे में उनके सपनों को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक राज्य आंदोलनकारी होने के नाते आंदोलनकारियों के परिवार की पीड़ा समझ सकते है। खटीमा गोलीकांड को याद कर आज भी खटीमा वासियों सहित पूरे उत्तराखंड के लोगों का दिल सहम जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के लिए सबसे पहली शहादत खटीमा की धरती पर दी गई थी और इस शहादत के फलस्वरूप हम पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाएं हैं, जो खटीमा वासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता इन वीरों की आजन्म ऋणी रहेगी। जिनकी शहादत के परिणाम स्वरूप हमारे इस राज्य का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें यह याद करने की आवश्यकता है कि आखिर क्यों इन महान लोगों ने राज्य निर्माण के लिए स्वयं का बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका एक-एक पल, एक-एक क्षण राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए समर्पित है और हम देवभूमि के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश में देश के सभी राज्यों के अध्ययन के पश्चात देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें दोशी पाये जाने वाले 80 से अधिक नकल माफिया अब तक जेल जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जिसमे योग्यता, प्रतिभा और क्षमता होगी, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। नकल विरोधी कानून में नकल माफियाओं को 10 साल सजा और सारी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है साथ ही अभ्यर्थियों के डिबार का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है। हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण देने की दिशा में कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई कार्य संस्कृति को लागू किया है। उनके नेतृत्व में कोरोना काल में 120 से ज्यादा देशों को स्वदेशी वैक्सीन देने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत के प्रति श्रद्धा पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब चन्दा मामा दूर के नहीं रह गए हैं। इस बार धरती मां की तरफ से चन्दा मामा को राखी भेजी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी भाइयो-बहनो के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक हमारा राज्य, देश का अग्रणीय राज्य होगा, इसके लिए हम सभी को विकास की इस यात्रा में मिलकर चलना होगा।

इस दौरान केन्द्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सभी शहीदों एवं आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि शहीद व्यक्ति परिवार का नहीं बल्कि राज्य एवं देश की अनमोल धरोहर हैं।

कार्यक्रम में केन्द्रय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधायक गोपाल सिंह राणा, महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो, पूर्व विधायक डॉ.प्रेम सिंह राणा, भाजपा जिलाध्क्ष कमल जिन्दल, मण्डी अध्यक्ष नन्दन सिंह खड़ायत, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी सहित क्षेत्रीय जनता आदि उपस्थित थी।

आधुनिक आईटी लैब व छात्रावास से लैस होंगे मॉडल कॉलेज

उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत 20 राजकीय महाविद्यालयों का कायाकल्प कर उन्हें शोध आधारित मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किया जायेगा। इसी प्रकार 6 राजकीय महाविद्यालयों में कला व विज्ञान संकाय के लिये नये पीजी ब्लॉक बनाये जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने रूपये 159 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत कर दी है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शोध आधारित मॉडल कॉलेज विकसित करने में जुटी है। इसके लिये प्रदेश के 20 राजकीय महाविद्यालयों का चयन कर उनमें आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये रूपये 129 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इसी तरह राज्य के 6 राजकीय महाविद्यालयों में कला एवं विज्ञान संकाय के पृथक पीजी ब्लॉकों के निर्माण के लिये रूपये 30 करोड़ मंजूर कर कुल 159 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत कर दी है। उन्होंने बताया कि स्वीकृत धनराशि से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रूद्रपुर, काशीपुर, चम्पावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, रानीखेत, कोटद्वार, नरेन्द्रनगर, नई टिहरी, उत्तरकाशी, थलीसैंण, गैरसैंण, लक्सर, गोपेश्वर, डाकपत्थर, रायपुर, अगस्त्यमुनि सहित कुमाऊं विश्वविद्यालय का डीबीएस परिसर तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में जरूरी संसाधन जुटाकर मॉडल कॉलेज बनाये जायेंगे। इन महाविद्यालयों में महिला एवं पुरूष छात्रावास सहित अति आधुनिक आई.टी. लैब तथा ई-लर्निंग कक्षों का निर्माण किया जायेगा।

डॉ. रावत ने बताया कि महिला व पुरूष छात्रावासों में तमाम सुविधाओं के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किये जायेंगे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के लिये पार्किंग, डाईनिंग हाल, किचन, दिव्यांग कक्ष एवं रैम्प तथा वार्डन ऑफिस भी बनाये जायेंगे। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के 6 राजकीय महाविद्यालयों राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्याल्दे, बेरीनाग एवं कपकोट में कला संकाय भवन तथा राजकीय महाविद्यालय टनकपुर, थत्युड एवं सोमेश्वर में विज्ञान संकाय के भवनों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मॉडल कॉलेजों एवं पीजी कॉलेजों में निर्माण कार्यों को शीघ्र शुरू करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं ताकि तय समय निर्माण कार्यों को पूरा किया जा सके और छात्र-छात्राओं का इसका लाभ मिल सके।

राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के लिये रूपये 159 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। जिसके तहत प्रदेश के 20 मॉडल कॉलेजों में अति आधुनिक आईटी लैब एवं छात्रावास का निर्माण किया जायेगा जबकि 6 राजकीय महाविद्यालयों में कला एवं विज्ञान संकाय के लिये भवन बनाये जायेंगे। हमारा ध्येय प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता, रोजगार एवं शोधपरक शिक्षा उपलब्ध कराना है।
-डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

धामी कैबिनेट में यह रहे अहम फैसले, आप भी जानें…

सीएम पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने के लिए विधेयक लाने को मंजूरी दी है। इसी मानसून सत्र में विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने बताया कि यह विधेयक 2004 से तब से लागू माना जाएगा। जब से राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हुआ था। ताकि इस अवधि में आरक्षण का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के भी हित सुरक्षित हो सकें। दरअसल, एनडी तिवारी सरकार ने सबसे पहले आंदोलनकारियों को 2004 में आरक्षण का लाभ दिया था। तब सात दिन से अधिक जेल में रहने वाले अथवा घायलों को समूह ग के पदों पर जिलाधिकारियों के मार्फत सीधी नौकरियां दी गई थी। वहीं, सात दिन से कम जेल में रहने वाले अथवा चिन्हित आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देनेका प्रावधान किया था। लेकिन ये सभी लाभ जीओ के आधार पर मिल रहे थे।

26 अगस्त, 2013 को हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी, जबकि मार्च 2018 में आरक्षण के लाभ सेसंबंधित जीओ, नोटिफिकेशन और सरकुलर सभी को खारिज कर दिया था। दिसंबर,15 में हरीश रावत सरकार ने विधानसभा के सदन में विधेयक पारित कर राजभवन को भेजा था, लेकिन तब से यह विधेयक राजभवन में लंबित पड़ा रहा।

सितंबर, 22 में धामी सरकार ने इस विधेयक को राजभवन से वापस मंगाते हुए आंशिक संशोधन के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी गठित की थी।

मार्च, 23 में गैरसैंण कैबिनेट बैठक में सब कमेटी की सिफारिशें लागू करने व नए सिरे से संशोधित विधेयक लाने को हरी झंडी दी गई। अब धामी सरकार आंदोलनकारियों से किए वादे के मुताबिक उसे साकार करने जा रही है।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले
-संविदा, तदर्थ व नियत वेतनमान कर्मचारियों को भी बाल्य देखभाल व पितृत्व अवकाश
– उत्तराखंड आयुष नीति को मंजूरी
-सरकारी विश्व विद्यालय के लिए अंब्रेला एक्ट
-निजी विश्व विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें स्थानीय छात्रों के लिए आरक्षित
-स्टेट इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट रामनगर के ढांचा स्वीकृत
-एकल संवर्गपदों पर रिजल्ट घोषित होनेपर प्रतीक्षा सूची भी बनेगी
-अनुपूरक बजट को मंजूरी
-इंदिरा मार्केट रि डेवलपमेंट परियोजना को मिला एक्सटेंशन
-उत्तराखंड माल एवं सेवाकर संशोधन विधेयक को मंजूर

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर राजेश कुमार बोले पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी होगी दूर, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत

देहरादून। उत्तराखण्ड में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पहली तैनाती कर दी गई है। डॉक्टरों को ‘यू कोट-वी पे‘ योजना के तहत संविदा पर तैनाती दी गई है। स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 4 लाख से 6 लाख रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में ​स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग लम्बे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है। जिसके पहले चरण में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया है। इनमें
पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टरों को तैनाती दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की लोकप्रिय योजना ‘यू कोट-वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की गई है। सभी डॉक्टरों को तैनाती के ऑडर जारी कर दिए गए हैं।

सचिव स्वास्थ्य डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति होने से आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में दी गई है। आवश्यकतानुसार ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल के अन्य चरण भी आयोजित किये जा सकते हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धामी सरकार ने यू कोट वी पे फार्मूले के तहत प्लान बनाया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों को 6 लाख रुपये तक प्रति माह वेतन देने की योजना है। योजना का असर रहा कि बड़ी सँख्या में डॉक्टर अपनी सेवाएं देने राज्य के पर्वतीय जिलों में तैयार हुए हैं।

’डॉक्टरों की तैनाती स्थल’

1- ऑर्थाे सर्जन महेश चंद्र, एसडीएच काशीपुर उधमसिंह नगर ।

2- एनेस्थेटिक रोहित, सीएचसी बेतालघाट नैनीताल ।

3- एनेस्थेटिक संजय कूट, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।

4- ईएनटी विपिन सेघल, एसडीएच रुड़की

5- ईनएटी तोषी जर्नाधन एसडीएच रानीखेत अल्मोड़ा ।

6- एमडी मेडिसन संदीप टंडन, डीएच हरिद्वार ।

7- एमडी मेडिसन प्रीति यादव, डीएच चंपावत ।

8- एमडी मेडिसन शैलेंद्र कुमार, एसडीएच कोटद्वार ।

9- जनरल सर्जन राजीव गर्ग, एसडीएच ऋषिकेश ।

10- जनरल सर्जन कुमार सेन नंदकर्णी, सीएचसी थलीसैंण ।

11- जनरल सर्जन सुरेश वशिष्ट, हरिद्वार ।

12- जनरल सर्जन प्रणाम सिंह प्रताप, एसडीएच रुड़की ।

13- जनरल सर्जन पुनीत बंसल, एसडीएच बाजपुर ।।

14- जनरल सर्जन भानूप्रताप शर्मा, फीमेल हॉस्पिटल शिमली चमोली ।।

15- गायनोलॉजिस्ट अनुराधा ​कुशवाहा, ​सीएचसी सितारगंज ।

16- ऑप्थेल्मोलॉजिट सुमन शर्मा, एसडीएच कर्णप्रयाग चमोली ।

17- पैथोलॉजिस्ट रश्मि संजय कूट, एसडीएच टनकपुर चंपावत ।

18- पेडेयेट्रिक प्रकाश चंद्र सिंह, सीएचसी डीडीहाट पिथौरागढ ।

19- पेडयेट्रिक भारत गुफ्ता, एसडीएच रुड़की ।।

20- पेडयेट्रिक ओमप्रकाश, सीएचसी बेरीनाग पिथौरागढ ।।

21- पेडयेट्रिक उमाशंकर सिंह रावत, सीएचसी अगस्तयमुनि रुद्रप्रयाग ।।

22- पेडयेट्रिक कनिका मेहता, सीएचसी सितारंगज उधमसिंहनगर ।।

23- रेडियोलोजिस्ट शंभू कुमार झा, एसडीएच हरिद्वार ।।

24- रेडियोलॉजिसट देवेंद्र शर्मा, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।।