10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने स्वरोजगार के अवसर जानें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड़ ग्राउण्ड, देहरादून में “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से 10,000 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्र भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। पूरे प्रदेश से आए युवाओं ने बड़े उत्साह के साथ राज्य एवं देश में उपलब्ध स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम में 50 प्रमुख उद्यमियों को भी आमंत्रित किया गया जिन्होंने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। युवाओं की काउंसिलिंग कर रोजगार से जोड़ने में मदद कि गई। साथ ही स्वंय का उद्यम स्थापित करने के इच्छुक युवाओं का भी मार्गदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से किया संवाद
कार्यक्रम में लाॅटरी के माध्यम से चयनित कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया।
अल्मोड़ा से ईशा जोशी ने पूछा कि राज्य सरकार ने जीरो टाॅलरेंस की पाॅलिसी अपनाई है, फिर भी जनजीवन में कई रूपों में भ्रष्टाचार है, इसे दूर करने के लिए क्या किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज से पूरी तरह से तभी दूर हो सकता है जब हम स्वयं से शुरूआत करें। रिश्वत लेने के साथ रिश्वत देना भी भ्रष्टाचार है। हमें ठान लेना चाहिए कि इस तरह की बात सहन नहीं करेंगे। अगर आप भ्रष्टाचार का कोई मामला देखते हैं तो सरकार को बताएं, ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक अंधा बेटा युद्ध में जा रहा था। मां ने जब रोका तो उसने कहा कि वह दुश्मन की एक गोली तो कम कर सकता है। हमें ये ही भावना रखनी चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए मैं अकेले क्या कर लूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई गई। बहुत से लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई। भ्रष्टाचार न सहन किया है और न ही सहन करेंगे।
बागेश्वर से ज्योति ने पूछा कि पर्यटन कुछ स्थानों तक ही सीमित क्यों है। बागेश्वर में भी बहुत से सुंदर स्थान हैं, वहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए क्या किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। हमारे पुराने पर्यटन स्थल सेचुरेटेड हो चुके हैं। हमारी सरकार नए पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है। थीम बेस्ड 13 डिस्ट्रीक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन विकसित किए जा रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि हाई एंड टूरिस्ट राज्य में आएं। एडवेंचर टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स, पर्वतारोहण, विंटर स्पोर्ट्स पर फोकस किया जा रहा है।
टिहरी के नीरज शर्मा ने पूछा कि प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसके बाद प्रदेश में इसमें आए प्रस्तावों पर क्या प्रगति हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मे पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसमें बड़ी-बड़ी कम्पनियों ने प्रतिभाग किया। 1 लाख 24 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए। पिछले 5 माह में 13 हजार करोड़ के निवेश पर धरातल पर काम शुरू हो गया है। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
पौड़ी के इंदू उनियाल ने पूछा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट पर सरकार ने क्या किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट से हमारे पास यह जानकारी आ गई है कि किस गांव से कितना पलायन हुआ और इसका क्या कारण था। यहां तक कि किस गांव में क्या स्थानीय संसाधन उपलब्ध हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है।
देहरादून के अभिषेक नैथानी ने पूछा कि राज्य में कनेक्टीवीटी की दिशा में क्या किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में बड़ा काम चल रहा है। आज जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से जुड चुका है। आॅलवेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। मुजफ्फरनगर-देवबंद-रूड़की रेललाईन से देहरादून से दिल्ली का सफर साढे तीन घंटों में किया जा सकेगा।
देहरादून की प्रियंका बिष्ट ने पूछा कि उत्तराखण्ड आर्गेनिक स्टेट कब बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र वैसे तो डिफाल्ट ही आर्गेनिक है। परंतु सरकार ने अपने स्तर से बड़ी कोशिश की है। 10 हजार आर्गेनिक क्लस्टर चिन्हित किए जा रहे हैं। 27 ब्लाॅक को आर्गेनिक घोषित किया गया है। हम उत्पादों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और सहयोग से, राज्य के युवाओ को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने कि दिशा मे भी नये कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। उत्तराखण्ड में पहली बार 7, 8 अक्टूबर, 2018 को आयोजित इन्वेस्टर्स समिट ने रोजगार के अनगिनत अवसरों के द्वार खोल दिये। मार्च, 2019 तक साढ़े बारह हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण और संसाधनों से भरपूर राज्य उत्तराखण्ड मे अवसरों के असंख्य भण्डार मौजूद है। इससे उत्साहित होकर सैकड़ों निवेशकों ने उत्तराखण्ड में रुचि ली।
उत्तराखंड के tourist destinations देश ही नहीं विदेशो मे भी प्रसिद्ध हैं। राज्य मे पलायन रोकने और रोजगार के अवसर उप्लब्ध कराने मे पर्यटन का सबसे बड़ा योगदान है। इसीलिये पर्यटन को उत्तराखंड के लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा तो दिया ही है, साथ ही 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड पर्यटन डेस्टिनेशन भी बनाये जा रहे हैं। साथ ही 5 हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य है जिनमें से 802 नए होम स्टे बनाए जा चुके हैं। सभी होम स्टेज को घरेलू दरों पर बिजली दी जा रही है। साहसिक पर्यटन को लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों जैसी सुविधाएं दी जा रही है। मसूरी व केदारनाथ धाम को भी जल्द रोपवे से जोड़ दिया जायेगा। इन निवेशों तथा सरकार की नीतियों के कारण राज्य मे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है।
उत्तराखण्ड की फिल्म पॉलिसी से राज्य मे शूटिंग को बड़ा प्रोत्साहन मिला। परिणाम यह हुआ कि फिल्मों व टीवी सीरियल की शूटिंग से हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला। पिछले एक साल में 10 बड़ी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में हुई। इसके लिए उत्तराखण्ड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का नेशनल अवार्ड भी मिला है।
उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए पहली बार ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना की गई, ये ग्रोथ सेंटर प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों में स्थापित होंगे, यहां स्थानीय स्तर पर मौजूद संसाधनों को रोजगार से जोड़ा जाएगा तथा स्थनीय लोगों को रोजगार के भरपूर अवसर उनके घर मे उपलब्ध कराये जायेंगे। अब तक 100 से ज्यादा स्थानों पर ग्रोथ सेंटर शुरू किये जा चुके हैं। ये ग्रोथ सेंटर – मसाले, ऊन, कीड़ाजड़ी, तिमला, पिरूल, शहद आदि पर केंद्रित हैं। हमने विषमताओं को अवसरों में बदलने की कोशिश की है। चीड़ आने वाले समय में प्रदेश में विकास का आधार बनेगा। पिरूल से बिजली बनाने के दिशा में काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शत प्रतिशत प्लेसमेंट के लिये जाने जाने वाले प्लास्टिक इंजीनियरिंगसंस्थान सीपैट का 32वां केंद्र, केंद्र सरकार के सहयोग से डोईवाला, देहरादून मे प्रारम्भ कर दिया गया है। इस संस्था्न में 85 प्रतिशत सीटें उत्तराखंड के छात्र-छात्राओ के लिये आरक्षित हैं। युवाओं का कौशल विकास करके उनको स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा मे राज्य सरकार ने बहुत तेज गति से कईं ठोस कदम उठाये हैं। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर स्थापित किया गया और पहली बार ड्रोन फेस्टीवल का आयोजन किया गया। ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार की व्यापक सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गरीब सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। गरीब प्रतिभावान बच्चों के लिए दो माॅडल स्कूल बनाएं जाएंगे। जिसमें पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 3,340 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की गयी है। इससे 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों व स्वयं सहायता समूहों को जीरो इंटरेस्ट पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारे जलाशय भी एक बड़ा स्त्रोत हैं। इन्हें वाटर स्पोर्ट्स के साथ ही फ्लोटिंग सोलर पावर का प्रमुख संसाधन बनाया जा सकता है। ऊधमसिंह नगर के गूलरभोज जलाशय में यह काम शुरू कर दिया गया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अप्रेल 2017 से वर्तमान तक प्रदेश में 3 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। जिनमें उद्योग व पर्यटन के क्षेत्र में लगभग 67 हजार, सेवा एवं कौशल विकास के माध्यम से लगभग 68 हजार, कृषि एवं सम्बन्धित क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक एवं ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 2200 रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराये गये हैं।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा पूरे जोश से प्रतिभाग कर रहे हैं। 10 हजार से ज्यादा युवा यहां मौजूद हैं जबकि 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों में भी छात्र कार्यक्रम से जुड़े हैं। उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि चार सत्रों में विभिन्न विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जाएंगी। राज्य सरकार 2019 को रोजगार वर्ष के तौर पर मना रही है। कार्यक्रम में 50 से अधिक कम्पनियां प्रतिभाग कर रही हैं। पहली बार युवाओं का इतना बड़ा कार्यक्रम किया गया है।
ओयो के सीईओ आदित्य घोष ने कहा कि दिल में जज्बा हो और आंखों में सपना हो तो कोई भी काम किया जा सकता है। सफल व्यक्ति वही है जिसे देखकर दूसरे लोग प्रेरित हों। जीवन में बहुत सी कठिनाईयां आती हैं बस अपने सपने को याद रखना चाहिए। सपना देखें और उसे पूरा करने के लिए पूरी तरह फोकस होकर काम करें।
सम्पर्क फाउंडेशन के विनीत नायर ने कहा कि उड़ना सीखें। कम से कम कोशिश तो जरूर करनी चाहिए। पर्वतारोही कभी भी चोटी के बारे में नहीं सोचता है, वह केवल अगले कदम के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्पेशल होता है।
कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, डा. हरक सिंह रावत, राज्य मंत्री रेखा आर्या, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, विधायकगण, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पद्मश्री प्रीतम भरतवाण व एक पर्वतारोही दल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यंग उत्तराखण्ड मोबाईल एप्प भी लांच किया गया।

राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाकर 2100 की: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में मेडिकल काॅलेज प्रांगण में रू.197 करोड़ 50 लाख की लागत की 42 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। इसमें रू.148 करोड़ 65 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास तथा 48 करोड़ 85 लाख की 20 योजनाओं का लोकार्पण सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक विकास की किरणें पहुॅचे, इसके लिए प्रदेश सरकार पूरी दृढ़ शक्ति के साथ प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि करोड़ों की लागत के विकास कार्य प्रदेश के सभी जनपदों में गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुॅचाना सरकार की प्राथमिकताओं में है। प्रदेश के हर गरीब व आम व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले, इसके लिए प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना संचालित की गई है, जिसके तहत प्रदेश में शतप्रतिशत लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर गतिमान है। इस योजना के तहत रू.5 लाख तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाएं हैं। दो वर्ष पहले जहां महज 1034 चिकित्सक ही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत थें, जो आज उनकी संख्या बढ़कर 2100 हो गयी है। मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राओं से कहा कि मानवीय सेवा महान गुण है। मेडिकल छात्र पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुॅचाने में सरकार के मिशन में सच्ची भावना से शामिल हों। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारे प्रदेश की दो महत्वपूर्ण चुनौतियाॅ हैं। तकनीकि के जरिये आम आदमी की मुश्किलों को आसान करने के लिए राज्य के 43 अस्पतालों में आॅन लाईन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। टेली रेडियोलोजी के माध्यम से सुदूरवर्ती 35 मेडिकल सेन्टरों में एक्स-रे, सीटी स्कैन तथा मैमोग्राफी की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत बालिकाओं को जन्म देने वाली माताओं को वैष्णवी किट प्रदान की जा रही है। स्पर्श योजना के तहत बहुत ही कम मूल्य पर बालिकाओं को सैनेट्री नैपकिन उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि नैनीताल जिले में वर्ष 2007 में निर्मित मालधनचैड़ राजकीय चिकित्सालय में पद सृजित करते हुए चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सत्र से राजकीय मेडिकल काॅलेज अल्मोड़ा विधिवत रूप से अपना कार्य प्रारंभ कर देगा, कुमाऊॅ मण्डल के पर्वतीय क्षेत्र के इस मेडिकल काॅलेज के लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 कर दी गई है।
इस अवसर पर सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा लागू की गयी योजनाओं को लेकर जनमानस में काफी उत्साह है। योजनाओं का लाभ गरीब लोगों के साथ ही आम जनमानस को मिल रहा है। विकास हमारी परम्परा एवं संस्कृति है। इस उद्देश्य को लेकर सरकार हर पल विकास के कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तत्परता से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, विधायक बंशीधर भगत, नवीन दुम्का, संजीव आर्य, महेश नेगी, राम सिंह कैडा, मेयर डाॅ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, ब्लाॅक प्रमुख आनन्द सिंह दरम्वाल, अध्यक्ष मण्डी समिति गजराज सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट आदि मौजूद थे।

स्प्रिंग कार्निवाल से जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा: मुख्यमंत्री

ऊधमसिंह नगर स्प्रिंग कार्निवाल के तहत रविवार को हरिपुरा बौर जलाशय में एक सादे समारोह में नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिताएं प्रारम्भ हुई। कार्यक्रम के शुरूआत में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुये जवानों व राजोरी में शहीद हुये मेजर चित्रेश बिष्ट की आत्मा की शान्ति हेतु दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा इस समय आतंकी हमले के कारण शोक का माहोल है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में बाहरी राज्यों से भी छात्र-छात्राएं भी प्रतिभाग कर रहे हैं, उनकी हौशला अफजाई हेतु वे यहां आये है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश है। यहां साहसिक पर्यटन की अपार सम्भावनाये है।प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियों को बढाने के लिये 13 जिलों में 13 नए डेस्टिनेशन का विकास किया जा रहा है। इसी योजना के अन्तर्गत जल क्रीडाओं हेतु हरिपुरा बौर जलाशय को चिन्हित कर पर्यटन हेतु विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। टिहरी को भी वाटर स्पोर्टस के डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया गया है। प्रदेश में नैनीताल व मंसूरी का पर्यटन के क्षेत्र में पुराना इतिहास है। राज्य में नये पर्यटन स्थलों का विकास हो इस दिशा में पहल की जा रही है। राज्य में सड़क, रेल व हवाई सेवाओं के विकास से प्रदेश के प्रति पर्यटकों का रूझान बढा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद उधमसिंह नगर जलाशयों का जनपद है, यहा वाटर स्पोर्टस की अपार सम्भावनाये है। हमारे पास प्रकृति की दी हुई अपार सम्पदा है, उनका उपयोग होना अब शुरू हुआ है। भविष्य में हरिपुरा बौर जलाशय साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में काफी उपयोगी होगा। उन्होने कहा कि हम सभी को नई सोच के साथ भविष्य की परिकल्पनाओं को साकार करना होगा।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि इस तरह के आयोजनो से इस क्षेत्र में जहां पर्यटकों को आवागमन बढेगा वही इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उन्होने कहा जिला प्रशासन द्वारा नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिता हेतु कम समय में सभी अवस्थापना सुविधा उपलब्ध करायी है।
जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने बताया जल क्रीडा प्रतियोगिता में रूची लेने वाले छात्र-छात्रओं को पूर्व में प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया। इस नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिता में चंडीगढ, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमांचल प्रदेश, झारखण्ड,इण्डियन आर्मी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गोआ व जनपद उधमसिंह नगर की टीमों द्वारा भाग लिया गया।
इस अवसर पर खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सांसद बलराज पासी, मण्डलायुक्त राजीव रौतेला, भारतीय ओलम्पिक संघ के महासचिव व एशियन खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष राजीव मेहता, उत्तराखण्ड ओलम्पिक संघ के महासचिव डा. डीके सिंह, सिल्वर मेडल विजेता श्वेता सैलिंग, सीडीओ मयूर दीक्षित आदि उपस्थित थें।

देहरादून में स्थापित होगी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी

युवाओं खासतौर पर उन छात्र-छात्राओं के लिए के लिए खुशखबरी है जो कि विधि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। प्रदेश को क्वालिटी एजुकेशन हब बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष स्नेह है। इससे पूर्व डोईवाला में सीपैट की न केवल स्थापना की जा चुकी है बल्कि उसमें कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। किच्छा व लालढांग में दो नए माॅडल डिग्री काॅलेज व पौड़ी के पैठानी में व्यावसायिक काॅलेज के लिए तो भूमि चयन के साथ बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने रूसा के तहत इनका रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया था।
इस समय देश में 21 नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी हैं जिनमें क्लेट के माध्यम से प्रवेश होते हैं। इनमें स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी, क्वालिटी व रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। देहरादून के रानीपोखरी में लगभग 10 एकड़ भूमि में इसकी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि राज्य में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी की स्थापना से प्रदेश के साथ ही देश भर के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं यहां आएंगे। इससे यूनिवर्सिटी के निकटवर्ती क्षेत्रों की आर्थिकी को भी फायदा होगा। प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड को एजुकेशन व टूरिज्म हब बनाना चाहती है। इसमें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डबल इंजन की डबल रफ्तार देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी की गरिमा के अनुरूप पुनर्निर्माण किया गया है। चार धाम आॅल वेदर रोड़ पर तेजी से काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन पर भी समयबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में हवाई सेवाओं का काफी विस्तार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने अलकनंदा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा की

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में अलकनंदा जल विद्युत परियोजना की समीक्षा बैठक के दौरान जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिए कि क्षेत्र के लोगों को जलापूर्ति हेतु परियोजना का शेष कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निदेशक जीवीके को निर्देश दिए कि परियोजना को फरवरी माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि अलकनंदा नदी के आसपास के क्षेत्र के लोगों का एकमात्र जल स्रोत अलकनंदा नदी है। इसके लिए जल संस्थान, पेयजल निगम, जीवीके पावर आदि सम्बंधित विभाग आपसी सामंजस्य स्थापित कर न्यूनतम जलापूर्ति सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के आसपास के क्षेत्रों में रोशनी सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परियोजना से प्रभावितों के बकाया भुगतान में शीघ्रता की जाए।
इस अवसर पर राज्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक विनोद कंडारी, सचिव पेयजल अरविन्द ह्यांकी, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, निदेशक जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर पीवी प्रसन्ना रेड्डी एवं महाप्रबंधक पेयजल निगम भजन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

हमारा लक्ष्य उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय, डांडा लखौंड, देहरादून में राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला एवं राज्य औषधि नियंत्रक भवन कार्यालय का शिलान्यास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड के नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण, चिकित्सा अधिकारियों के लिए 17 ट्रांजिट हाँस्टल का शिलान्यास व राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का राज्य स्तरीय शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक व्यापक एवं सुविधाजनक बनाने के लिए संगठित एवं समन्वित प्रयासों की जरूरत है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है जहां एन.एच.एम का अपना कार्यालय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा सामाजिक दायित्व के तहत विशेषज्ञ डाॅक्टर महिने में 2-3 दिन दुर्गम क्षेत्रों में जाकर अपने सेवाएं दें, तो बड़े अस्पतालों के वर्क लोड में भी कमी आयेगी व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि चमोली के पीपलकोटी व रूद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में विशेषज्ञ डाॅक्टरों द्वारा इस तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐलोपैथिक व आयुर्वेदिक दवाओं के लिए लाइसेंस के लिए सिंगल विंडों सिस्टम बनाने का प्रयास किया जायेगा। देश के 20 प्रतिशत आयुर्वेदिक दवाओं का निर्यात उत्तराखण्ड करता है। उन्होंने कहा कि फार्मा इंडस्ट्रियों के प्रतिनिधियों से पिछले साल मसूरी में बैठक के बाद उनकी अनेक समस्याओं का समाधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद राज्य में तेजी से औद्योगीकरण हुआ। वर्तमान में प्रदेश में 300 औषधि निर्माता फर्म व 150 काॅस्मेटिक आईटम निर्माता फर्म हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। आम जन के स्वास्थ्य के हित में औषधियों का परीक्षण किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राज्य औषधि संगठन हेतु कार्यालय भवन एवं राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित किये जाने के लिए 14 करोड़ रूपये की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त की गई है जिसमें से 5 करोड़ रूपये की पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय, उत्तराखण्ड के भवन के तृतीय तल पर 644.33 लाख रूपये की लागत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय का निर्माण किया गया है। एन.एच.एम के अन्तर्गत हर चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारियों हेतु चिकित्सालयों में ट्रांजिट हाॅस्टल का निर्माण किया जा रहा है। बागेश्वर, चम्पावत, चमोली व उप चिकित्सालय में एक-एक एवं 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ट्रांजिट हाॅस्टल का निर्माण 4538 लाख रूपये की लागत से पेयजल निगम द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने 15 बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलिया खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का राज्य स्तरीय शुभारम्भ किया। 8 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति के छठें चरण में प्रदेश के सभी जनपदों में 1 से 19 वर्ष के 42 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई जायेगी।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष, ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद् ज्ञान सिंह नेगी, सचिव स्वास्थ्य नितेश कुमार झा, मिशन निदेशक एनएचएम युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ. टी.सी.पंत, चेयरमैन औषधि नियंत्रण निर्माण इकाई संदीप जैन आदि उपस्थित थे।

परेड में शामिल होकर एनसीसी कैडेट्स ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग करने वाले एनसीसी कैडेटों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने परेड भाग लेने वाले एनसीसी केडैट्स को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेटों का गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर आयोजित होने वाली गरिमामय परेड के लिए चयनित होना गर्व एवं सम्मान की बात है। यह उनके जीवन का भी यादगार पल है। ऐसे मौके हर किसी को नही मिलते हैं। इस परेड के अनुभव उन्हें देश सेवा के लिये भी प्रेरित करते रहेंगे। एनसीसी अनुशासन का भी पर्याय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में एनसीसी अकादमी की स्थापना की जायेगी। एनसीसी अकादमी के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है, जल्द ही इसका शिलान्यास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एनसीसी अकादमी के समीप 6.5 करोड़ की लागत से एक झील का निर्माण भी किया जायेगा। इस एकेडमी की स्थापना से एनसीसी केडेटों को और बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे तथा आवश्यक सुविधाएं भी मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि एनसीसी का प्रशिक्षण उन्हें सैन्य बलों में अपनी सेवा देने में भी मददगार रहता है।
गौरतलब है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखण्ड से कुल 111 एनसीसी कैडेट्स का चयन हुआ था। जिन्होंने अपनी प्रतिभा से प्रदेश का भी नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा डाॅ.भूपिन्दर कौर औलख, महानिदेशक शिक्षा ज्योति यादव, निदेशक एनसीसी ब्रिगेडियर वहल, ब्रिगेडियर एस. मुखर्जी, एस.पी.सिंह, जे.एस.नेगी आदि उपस्थित थे।

26 नई एंबुलेंस शामिल हुई 108 सेवा के बेड़े में

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केंद्र में 108-आपातकालीन एम्बुलेंस की 26 एम्बुलेंस का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय को हंस फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए 2 करोड़ की लागत के उपकरणों का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए 108-एम्बुलेंस सेवा जीवन दायिनी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूती प्रदान करते हुए नवंबर माह में 61 बी.एल.एस. एम्बुलेंस वाहनों को पुरानी एम्बुलेंस से प्रतिस्थापित किया गया था, आज 26 अन्य एम्बुलेंस वाहनों को प्रतिस्थापित किया गया है। इस प्रकार कुल 87 बी.एल.एस. एम्बुलेंस को प्रतिस्थापित कर दिया गया है। शीघ्र ही नई 34 बी.एल.एस. एम्बुलेंस और 16 ए.एल.एस. एम्बुलेंस राज्य की जनता के सेवार्थ उपलब्ध करा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से एयर एम्बुलेंस सेवा भी शुरू कर दी गई है, जो आपातकालीन स्थिति में मरीजों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हंस फाउंडेशन भी राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय को हंस फाउंडेशन द्वारा रु0 2.00 करोड़ की लागत के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका आज लोकार्पण किया गया।

22 माह की सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पिछले 22 माह में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश हित में अनेक नीतिगत निर्णय लिये गये हैं। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक जनकल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की गई है। प्रदेश के अर्थिक विकास एवं पिछड़ेपन को दूर करने तथा उद्योगों को बढावा देकर निवेश की व्यापक संभावनाएं तलाशी है।
निवेश से बदलेगी तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन कर 1 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए गये। इसमें से रू0 40 हजार करोड़ के निवेश पहाड़ी क्षेत्रों के लिए किए गए हैं। पहाड़ों पर लघु उद्योगों का विकास किया जा रहा है। बागेश्वर में पहली लीसा फैक्ट्री की शुरुआत हुई है। इसमें से लगभग रू0 10 हजार 300 सौ करोड़ के प्रोजेक्ट जल्द धरातल पर उतरने लगेंगे। इससे 20 हजार रोजगार सृजित होंगे। मार्च तक यह लगभग 13 हजार करोड होने का अनुमान है। आने वाले 3 चार महीनों में 30 हजार करोड़ रुपए के अन्य प्रोजेक्ट भी धरातल पर दिखाई देने लगेंगे।
विकास दर और प्रति व्यक्ति आय बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में बढोतरी हुई है। वर्ष 2018-19 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,14,993 करोड़ अनुमानित है। राज्य में अनुमानित आर्थिक विकास दर 2017-18 में 6.82 फीसद थी जो 2018-19 में बढ़कर 7.03 प्रतिशत हो गई है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत दर 7.2 प्रतिशत है। वर्ष 2018-19 में उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय यानि एक आदमी की सालाना कमाई 1,90.284 रुपये है जबकि देश की प्रति व्यक्ति आय 1,25,397 है। हालांकि विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में मैदानी जिलों और पहाड़ी जिलों में बहुत फर्क है। हमारी कोशिश इसी फर्क को पाटने की है। हम पहाड़ों को ध्यान मे रखकर योजनाएं बना रहे हैं।
अटल आयुष्मान योजना बनी लोगों का कवच
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना लोगों का रक्षा कवच बनी है। प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा सालाना 5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है।
इस योजना में अब तक 11 लाख से ज्यादा गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके है। करीब 3 हजार लोगों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक जहां राज्य में 17 साल में केवल 1123 डॉक्टर तैनात थे, वहीं हमने 17 महीनों में 1137 नए डॉक्टरों की भर्तियां की है। 26 जनवरी से निशुल्क एयर एंबुलेंस सेवा शुरू कर रहे हैं। दुर्गम क्षेत्रों के लिए यह वरदान साबित होगी। अल्मोड़ा में डायलिसिस सेवा शुरू की गई है, पिथौरागढ़, श्रीनगर, कोटद्वार में जल्द शुरू करने वाले हैं। पहली बार राज्य में टेलीमेडिसिन और टेलीरेडियोलॉजी जैसी आधुनिक तकनीकें लाई गई हैं। आशा कार्यकत्रियों के बकाया भुगतान के लिए रू0 33 करोड़ जारी किए हैं। एएनएम और आशाओं के लिए दुर्घटना बीमा योजना शुरू की है।

स्वतंत्रता संग्राम में आंदोलनकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका: टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरूवार को थानों में स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर आजादी के आन्दोलन में प्रतिभाग करने वाले 12 सैनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरि सिंह सोलंकी, किशन सिंह, भूरिया सिंह, बुद्वि प्रकाश, पंचम सिंह कृषाली, देव नारायण, सैनपाल सिंह भिडोला, पदम सिंह सौलंकी, सूरत सिंह चैहान, गौरीश वर्मा, बांकेलाल गर्ग, मदन सिंह रावत के आश्रित शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृतियों से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। जिन्होंने देश की आजादी में अहम योगदान दिया। स्वतंत्रा संग्राम सेनानी हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। देश की आजादी के लिए दिया गया उनका बलिदान एवं योगदान हमारी नई पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करेगी और देश की रक्षा के लिए हमें जब भी जरूरत पड़ेगी इन स्वतंत्रता संग्राम सैनानियो के साहस से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रा संग्राम सैनानियों की स्मृतियों को संजोने के लिए थानों में पानी की टंकी एवं विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि थानों एवं रायपुर अस्पताल को एम्स को दिया है। इन अस्पतालों में एम्स ऋषिकेश द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इन अस्पतालों में सेवाएं शुरू करने के लिए एम्स ऋषिकेश को प्रस्ताव भेजा गया है। एम्स में जल्द ही दो सहायकों की नियुक्ति की जा रही है, जो मरीजों को स्वास्थ्य सम्बधी सुविधाओं के बारे में जानकारी देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में विकास से संबधित प्रमुख कार्यों बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रस्ताव भेजे जाए, उनका जल्द समाधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर्रावाला में 300 बैड का जच्चा बच्चा अस्पताल खोला जायेगा। जिसका जल्द ही शिलान्यास किया जायेगा।
विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया है, उनके परिजनों की समस्याओं का निराकरण करना हम सबका दायित्व है। विधान सभा अध्यक्ष ने वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हे साहस एवं पराक्रम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अपने इन वीर सेनानियों का सम्मान करना भी हम सबका दायित्व है, इन वीर सैनानियों के सिद्वांत एवं कर्तव्य निष्ठा सदैव हमें प्ररेणादायी रहेगी।