अंकिता भंडारी हत्याकांड केस में एक प्रतिशत भी ढिलाई नही होगी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता हमारे राज्य की जरूरत थी। इसे लेकर हमने चुनाव से पहले ही जनता से वायदा किया था और सरकार में आते ही कमेटी का गठन कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण पर अब हमने कड़ा कानून बनाया है। इसके अंतर्गत 10 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से हर नए कार्य की शुरुआत होती है और जो हमारे यहां शुरू होता है वो पूरे देश में जाता है। धर्मांतरण पर कानून समय की आवश्यकता थी।
समान नागरिक संहिता को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी के खिलाफ नहीं है। 12 फरवरी 2022 को हमने इसे लेकर संकल्प जताया था और सरकार बनने पर कमेटी बनाई। उन्होंने कहा कि हमारे बाद तमाम राज्य इस पर आगे आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव से 6 माह पहले ही मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व मिला था। पार्टी ने मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को यह जिम्मा दिया। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया। इसी का नतीजा रहा कि हम उत्तराखण्ड में यह मिथक तोड़ने में कामयाब रहे कि वहां हर 5 साल में सरकार बदलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड जघन्य और घिनौना कृत्य था। इसको लेकर हमने तत्काल कार्रवाई की। सारे आरोपी तत्काल गिरफ्तार किए गए। महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में एक प्रतिशत भी ढिलाई नहीं करने वाले हैं और दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाएंगे और कठोरतम कार्रवाई के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 व 15 से भर्ती घोटाले चल रहे थे। हमेशा जांच की बात होती थी लेकिन जांच नहीं होती थी। हमने इसमें प्रारंभिक जांच कराई। आज अभी तक 55 लोग जेल जा चुके हैं और अंतिम व्यक्ति जब तक जेल नहीं जाएगा तब तक कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में कोई ऐसा सोच भी नहीं पाए हम कार्रवाई की ऐसी लकीर खींचना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हमारी चारधाम यात्रा बहुत बड़ी चुनौती थी। इस बार लगभग 46 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर आए। हम चारधाम में तेजी से सुविधाओं का विकास कर रहे हैं। वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ में काफी नुकसान हो गया था। लेकिन प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में चल रहे कार्यों के चलते अब सब बदल गया है। बद्रीनाथ जी में भी मास्टर प्लान पर काम चल रहा है। दिसंबर 2023 तक दोनों काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में लोग दो घंटे में दिल्ली से देहरादून आ सकेंगे। अभी एलिवेटेड रोड पर तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधामनंत्री के कहे अनुसार 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। इस पर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत जी मेरे लिए एक अभिभावक की तरह थे। उत्तराखण्ड को लेकर उनके बहुत सारे सपने थे, जिन्हें हम पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के हाथों केदारनाथ एवं हेमकुंड के लिए रोपवे का शिलान्यास हो गया है। आने वाले दिनों में यह दोनों यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आसान हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रिम राज्य में शामिल करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं में उत्साह है।

सीएम ने दिए प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जौलीग्रांट के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की व्यवस्था तथा विस्तारीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु टिकट बुकिंग एवं टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिये भी कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने को कहा है।

सचिवालय में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक मण्डल की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बेहतर हवाई सुविधाओं के आधार पर हमें लोगों को उत्तराखण्ड आने के लिये प्रेरित करना होगा। ऐसा माहौल बनाना होगा ताकि उत्तराखण्ड आना लोगों की आदत बने। फ्रेंडली स्टेट के रूप में हमारी पहचान के साथ राज्य में पर्यटन तथा धार्मिक पर्यटन को अधिक से अधिक बढ़ावा मिले इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने यूकाडा से आय के संसाधनों में वृद्धि के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पंतनगर में नाइट लैंडिंग की व्यवस्था बनाये जाने के साथ ही यहां से नियमित रूप से हवाई सेवा संचालित किये जाने के प्रयास किये जायं। यह भी व्यवस्था बनायी जाय कि पंतनगर एवं जौलीग्रांट में वायुयान से उतरने के बाद पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से प्रदेश के विभिन्न सुरम्य पर्यटन स्थलों पर आने जाने की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने नैनी सैनी, चिन्यालीसौड एवं गौचर हवाई पट्टियों को भी सुविधायुक्त बनाये जाने को कहा ताकि यहां पर भी छोटे वायुयान की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने उड़ान योजना के तहत विकसित किये जा रहे हेलीपोर्टों को भी आवश्यक संसाधनों से सुविधायुक्त बनाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान हेली टिकटों के बुकिंग तथा टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग पर प्रभावी नियंत्रण की कारगर व्यवस्था बनायी जाय। इस संबंध में हेली टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था आईआरसीटीसी के माध्यम से बनाये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
बैठक में सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा सी. रविशंकर द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय कार्यकलापों की जानकारी दी गई। बैठक में यूकाडा की विगत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि के साथ ही वर्तमान बैठक में प्रस्तुत विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही सहमति प्रदान की गई।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

बर्फ पड़ने से पहले दोनों धामों में निर्धारित कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्यों की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम दोनों में बर्फ पड़ने से पहले पूर्ण किए जाने वाले कार्यों को निर्धारित समयसीमा तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांट्रेक्टर का पैसा किसी भी हाल में रुकना नहीं चाहिए, कांट्रेक्टर का भुगतान समय पर किया जाए। जो कार्य देर से शुरू हुए हैं या अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं, उनकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट डेवलपमेंट वर्क्स को अगले सीजन में नदी का जल स्तर बढ़ने से पहले पानी के स्तर से ऊपर तक पूर्ण कर लिया जाए, जिससे बाद में कार्य बाधित न हो। उन्होंने कार्यों में आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत कराए जाने के भी निर्देश दिए ताकि समस्याओं का शीघ्र से शीघ्र निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण लेबर कम होने से जो समस्याएं आ रही हैं, इसके लिए अन्य राज्यों से भी लेबर की व्यवस्था की जाए, साथ ही पीडब्ल्यूडी अपनी विभागीय लेबर और टेक्निकल लेबर की भी व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि अगली यात्रा शुरू होने से पहले जो कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण होने हैं उन कार्यों पर उपलब्ध लेबर को शिफ्ट कर प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को पूर्ण किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं

भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम की कपाट बंदी के साथ ही चारधाम यात्रा का भी विधिवत समापन हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए यात्रा के सफल संचालन हेतु तमाम विभागों का भी आभार प्रकट किया है।
गौरतलब है कि इस बार रिकॉर्ड साढ़े छियालीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधामों के दर्शन किये। अकेले 17 लाख 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर पुण्य कमाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री चारधामों के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड यात्रियों का चारधाम की यात्रा पर आना यह भी परिलक्षित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्तमान में श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है जिससे आने वाले यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने हालिया दौरे के दौरान केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला रखी है जिससे आने वाले दिनों में यह दोनों यात्राएं न केवल सुगम बल्कि सुरक्षित हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में जुटे रहे तमाम विभागों के कार्मिकों का भी आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही कुशलता पूर्वक यात्रा संभव हो सकी है।

नियमित समीक्षा कर पर्यटन क्षेत्र को पर्यटन उद्योग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को अपने सिस्टम में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए अपने सिस्टम की कमियों को लगातार दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा में बुकिंग सिस्टम को मजबूत किए जाने की भी बात की। कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु संचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को सालभर संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पूरे विश्व में वाटर स्पोर्ट्स में क्या-क्या चल रहा है, और उसमें यहां क्या-क्या किया जा सकता है? इसके लिए डेडिकेटेड टीम या कन्सल्टेंट लगाया जाए। उन्होंने टिहरी झील में सी-प्लेन, स्कूबा डाईविंग और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में लैंड बैंक तैयार कर फाईव स्टार और फॉर स्टार होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने पर फोकस किया जाए। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी लाभप्रद होंगें। उन्होंने प्रदेश में रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य आपत्तियों का निस्तारण प्रतिदिन और वीकली मॉनिटरिंग कर के किया जाए।
मुख्य सचिव ने होमस्टे योजना के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। कहा कि होमस्टे योजना का स्थानीय लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें इसके लिए सरलीकरण आवश्यक है। साथ ही, इस योजना का फीडबैक भी लिया जाना जरूरी है। यदि योजना में सुधार की गुंजाईश है तो उसे भी किया जाए। उन्होंने नए उद्यमियों के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से स्थानीय लोगों ने होमस्टे खोले हैं, परन्तु मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के लिए उनके पास धन एवं संसाधनों की कमी है। इसके लिए लोगों को नॉमिनल चार्ज पर एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को वेटर, टूर गाईड आदि की फ्री ऑनलाईन ट्रेनिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ट्रेनिंग इसलिए नहीं कर पाते कि उन्हें ट्रेनिंग के दौरान रोजगार और सैलरी का नुकसान होगा। कहा कि छोटे-छोटे वीडियोज के माध्यम से गाईड और वेटर आदि की सर्विस देते समय क्या करें, क्या न करें, जैसे वीडियोज के माध्यम से निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता एवं शुद्धता ऐस्ट्रो टूरिज्म के अनुकूल है। सम्भावनाओं को तलाशते हुए हर डेस्टीनेशन में ऐस्ट्रो टूरिज्म पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई से नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुष, योगा और पंचकर्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आयुष, योगा और पंचकर्म विभिन्न बीमारियों को जड़ से दूर करने में सक्षम हैं। उत्तराखण्ड योगा कैपिटल के रूप में विश्वविख्यात है। हमारे वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को आकर्षित कर पर्यटन और रोजगार दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश की योजनाओं में शामिल किए जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

चारधाम यात्रा में देश ही विदेशों से भी पहुंच रहे श्रद्धालु

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूटता जा रहा है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री सहित यमुनोत्री धामों में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सचिव पर्यटन और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सीईओ सचिन कुर्वे ने उम्मीद जताई है कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बनेगा।
चारधाम में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि सितंबर माह के लिए 5 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रियों के लिए हेली सेवाएं भी दोबारा बहाल हो गई हैं। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रियों की संख्या एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
पर्यटन विभाग देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करता है और उन्हें अधिकतम सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सर्वथा प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वह चार धाम यात्रा पोर्टल पर पंजीकरण करने के उपरांत ही यात्रा आरंभ करें।
गौरतलब है कि खराब मौसम के कारण रोकी गई यात्रा को फिर से शुरू किया गया और केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर से शुरु कर दी गई हैं। चारधाम के साथ ही हेमकुंड साहिब में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जिसमें यमुनोत्री में 394573, गंगोत्री में 506073, केदारनाथ में 1100890, बद्रीनाथ में 1176666 और हेमकुंड साहिब में 169085 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
वहीं, केदारनाथ धाम की यात्रा में इस साल लगातार रिकार्ड बन रहा है। अब तक धाम के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 11 लाख पार कर गई है। यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है। हालांकि अभी इस संख्या के और भी अधिक होने की उम्मीद है। यात्रा के लिए सितम्बर के साथ ही अक्तूबर पूरा महीना शेष है। ऐसे में कपाट बंद होने तक इस बार केदारनाथ दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का नया रिकार्ड बनेगा।

चारधाम के पौराणिक पैदल मार्ग पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के पैदल मार्ग पर आधारित डॉक्यमेंट्री फिल्म व पुस्तक वॉकिंग टू द गॉड का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास परिषद् द्वारा आयोजित स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत स्वच्छता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वालो को भी सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालया के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यीय दल ने चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1170 किलोमीटर का सफर तय किया। अभियान के तहत 25 सदस्यों की विशिष्ट टीम ने 51 दिनों तक पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम किया। इस पूरे अभियान पर बनी डॉक्यमेंट्री फिल्म के साथ यात्रा मार्ग पर आधारित पुस्तक वॉकिंग टू द गॉड का प्रकाशन संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस दल को 25 अक्टूबर, 2021 को उनके द्वारा रवाना किया गया था। दल का यह प्रयास निश्चित रूप से उत्तराखण्ड के पर्यटन के लिये सराहनीय पहल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्राचीन चारधाम यात्रा पर बनी डाक्यूमेंट्री तथा पुस्तक हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे हमारी चारधाम यात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखंड को एक नई पहचान मिलेगी। इस विशेष अभियान का उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, ट्रैकिंग, स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और मूल रोजगार को बढ़ावा देने के साथ मूल्यवान इतिहास, परंपराओं और समृद्ध संस्कृति को मजबूत करना था। इस अभियान के जरिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी संग्रहित हुआ है, जो भविष्य में प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने व पलायन रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना की मूल अवधारणा में पर्यटन क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का मुख्य आधार माना गया था। इस सम्बन्ध में पूर्व आईएएस अधिकारी आराधना जौहरी द्वारा लिखित पुस्तक वियोंड द मिस्टी वेल, टैम्पल टेल्स ऑफ उत्तराखण्ड का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पुस्तक भी देश विदेश में उत्तराखण्ड के पौराणिक दिव्य मंदिरो मनोरम दुर्लभ स्थलों का प्रमाणिक परिचय देने में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम इस वर्ष हमारे लिये किसी चुनौती से कम नही थी, दो साल बाद शुरू हुई इस यात्रा में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर आये। कपाट खुलने के समय तो यह संख्या एक दिन में 20 से 25 हजार तक रही। यह हमारे पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। चारधाम यात्रा मार्गों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये हमारे प्रयास निरन्तर जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। 5 नवम्बर 2021 को केदारनाथ यात्रा के समय प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया था। केदारनाथ पुनर्निर्माण के साथ ही बद्रीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसके लिये 265 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये गये हैं। केदारनाथ हेतु केबल कार की योजना कार्य चल रहा है। भारत माला योजना की भांति पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत सर्वाधिक लाभ राज्य को मिल रहा है। कुमायू क्षेत्र के प्राचीन मन्दिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन की शुरूआत की जायेगी, चार धाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना, डोईवाला-यमुनोत्री रेल परियोजना के साथ दिल्ली देहरादून एलेवेटेड रोड राज्य के पर्यटन को नई दिशा देने का भी कार्य करेंगे, इसमें हवाई यात्रा से भी कम समय दिल्ली जाने में लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कांवड यात्रा में भी लाखों श्रद्धालु आये। कांवड यात्रा की व्यवस्थाओं के हरिद्वार के साथ ही इससे जुड़े जनपदों के लिये बजट की व्यवस्था की गई है। इससे इस यात्रा को बेहतर ढ़ंग से संचालित किये जाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के ऊपर ईश्वर की बड़ी कृपा है। हमारे चार धाम पर्यटन स्थलों पर व्यवस्थायें सुविधाजनक होगी तो लोग यहां बार बार आने का मन बनायेंगे। इस दिशा में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगो को भी राज्य के पर्यटन की बेहतरी के लिये अपना योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पखवाडे में सराहनीय योगदान देने वालों के साथ ही पुस्तक की लेखक पलोमा दत्ता तथा ट्रेक द हिमालया के सदस्यों को भी शुभकामनाये दी। मुख्यमंत्री ने जिन्हें सम्मानित किया उनमें नगर पालिका परिषद् अगस्तयमुनि, रामनगर व शिवालिक नगर हरिद्वार, होटल रेस्टोरेंट ऐशोशियेशन, बेस्ट बेरियर सोसाइटी आदि के सदस्य शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने उन्हें हर घर झंडा योजना के तहत राष्ट्रीय ध्वज भी प्रदान किया।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महराज ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें स्वच्छता को संस्कार बनाना होगा। इसे अपने मनोभाव से जोड़ना होगा। यह मनोभाव अपने घर के साथ ही वार्ड, शहर और प्रदेश तक की स्वच्छता के प्रति होना चाहिए। यदि हम स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे तो बीमारियां दूर रहेंगी और बीमारियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा। जिस तरह कोरोना काल में पर्यावरण मित्रों ने बेहतर काम किया, उसी प्रकार स्थानीय व वार्ड स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाकर हर नागरिक को स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालया के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों को पुराने समय की यात्रा के रोमांच के साथ ठहराव स्थलों के इतिहास से रूबरू कराना है। पुराने समय के रूट पर चलने वाली पैदल चारधाम यात्रा से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यात्रा मार्ग को पुनर्जीवित करने के बाद इनके आसपास पड़ने वाले गांवों में होमस्टे खोलने, पहाड़ी व्यंजनों के स्टॉल खोलने आदि कार्यों से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश के बारह ज्योर्तिलिंगों की यात्रा की सुगमता के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जारी है।

सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा चारधाम के पौराणिक पैदल ट्रैक की खोज के लिए एक अभियान शुरू किया था। पूरे अभियान की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी से तैयार डॉक्यमेंट्री फिल्म व यात्रा मार्ग पर आधारित पुस्तक वॉकिंग टू द गॉड के विमोचन से पर्यटन क्षेत्रों को पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री के निर्देशानुसार हम उत्तराखण्ड पर्यटन को बढ़ावा देने व अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में पहचान दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। यूटीडीबी की ओर से चलाए गए स्वच्छता पखवाड़े का उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को उत्तराखंड में स्वच्छ और सुंदर वातावरण उपलब्ध कराना था। विभाग की ओर से चलाए स्वच्छता पखवाड़े में स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट निपटान से संबंधित सर्वाेत्तम तकनीकों के बारे में राज्य भर में होमस्टे मालिकों, होटल व्यवसायियों और स्थानी समुदायों को जागरूक किया गया। इसके अलावा प्रदेश के धार्मिक स्थलों को भी स्वच्छ बनाए रखने के लिए पर्यटन विभाग निरंतर प्रयासरत है।

इस अवसर पर अपर सचिव पर्यटन सी रविशंकर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंफ्रास्ट्रक्चर पूजा गब्रयाल, निदेशक इंफ्रास्ट्रक्चर ले. कमांडर दीपक खंडूरी, निदेशक वित्त जगत सिंह चौहान, अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, उप निदेशक योगेंद्र सिंह गंगवार, वरिष्ठ शोध अधिकारी एस एस सामंत सहित पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

केदारनाथ मंदिर में अब गर्भगृह के भी होंगे दर्शन

केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्री अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। अब तक धाम में भारी भीड़ को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कारण शुक्रवार से उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष मई-जून में रिकार्ड तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके चलते गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तीर्थ यात्री सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है, लिहाजा अब वे गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार से मंदिर में दर्शनों का समय भी बदल दिया गया है। अब सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। दोपहर बाद तीन से शाम 4ः45 बजे तक भोग-पूजा व सफाई के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बदरीनाथ धाम में भी भगवान नारायण की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से शुरू हो रही है। पूजा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धर्म दर्शन की अनुमति है। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। बताया कि दोनों धाम में अब तक 17 लाख 38 हजार 499 तीर्थ यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में लापरवाही बर्दाश्त नही-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ में चल रहे सभी कार्य सुचारू रूप से चलते रहें, इसके लिए आवश्यक सामग्री और स्किल्ड-अनस्किल्ड लेबर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण सामग्री पहुंचाने हेतु भी फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जाए ताकि किसी छोटी से छोटी सामग्री की कमी से कोई कार्य बाधित न हो। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन के लिए घोड़े-खच्चरों आदि की कमी नहीं हो, इसके प्रयास किए जाएं। चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने से बहुत से घोड़े खच्चर के संचालकों को निर्माण सामग्री के ढुलान में लगाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्किल्ड लेबर के साथ अनस्किल्ड लेबर को लगाकर स्किल्ड करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित रहे।

सीएम ने श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यो का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को श्री बदरीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण कार्याे को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। इस दौरान सीएम ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, एराइवल प्लाजा, झीलों का सौंदर्यीकरण, अस्पताल का विस्तारीकरण, लूप रोड व बीआरओ बाईपास निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और निर्माण कार्याे की प्रगति पर संतुष्टि व्यक्त की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्यमंत्री को मास्टर प्लान के तहत प्रथम चरण में संचालित कार्याे की प्रगति से अवगत कराया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चारों धामों में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। तीर्थयात्रियों की यात्रा सुगम हो, इसके लिए सरकार संकल्पबद्ध है। कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बद्रीनाथ धाम में भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ढांचागत विकास कार्य किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से बद्रीनाथ धाम में विकास कार्य किए जाएंगे। मास्टर प्लान के तहत स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमेंट, मंदिर एवं घाट सौंदर्यीकरण, तालाबों का सौंदर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फैसिलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से किए जाएंगे और बदरीनाथ मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी विकसित करने हेतु मास्टर प्लान के तहत चरणबद्ध ढंग से बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। जिसमें पहले चरण का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की। बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, एडीएम आशीष त्रिपाठी, एसडीएम कुमकुम जोशी, सीओ धन सिंह तोमर, सीओ नताशा सिंह, सहकारी बैंक अध्यक्ष गजेंद्र रावत, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मास्टर प्लान से संबंधित जिला स्तरीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।