मेट्रो की संभावना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर सीएस ने ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन द्वारा तैयार विस्तृत गतिशीलता योजना के सम्बन्ध में बैठक हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने मोबिलिटी प्लान के अंतर्गत पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन को जोड़ने हेतु रोप-वे के सुझाव की जगह ऐसे क्षेत्रों को जोड़ने के लिए पर्सनल रैपिड ट्रांसिट (पीआरटी) को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने शहर की यातायात की समस्या को देखते हुए विस्तृत गतिशीलता प्लान के अंतर्गत शीघ्र लागू किए जा सकने वाले सुझावों पर तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को माता मंदिर से हरिद्वार बाईपास को जोड़ने वाले आरओबी के लिए सभी प्रकार के सर्वे तेजी से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर के सभी चौराहों पर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्मार्ट सिग्नल लगाए जाने के निर्देश जिलाधिकारी देहरादून को दिए। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक सस्ता किए जाने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का प्रयोग करने को प्रोत्साहित हों।
मुख्य सचिव ने पूरे शहर में सप्ताह में होने वाले बाजार बंद को क्रमिक रूप से अलग-अलग बाजारों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाने पर विचार किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही देहरादून के मुख्य मार्गों के आसपास खाली पड़े प्लॉट्स को पार्किंग के रूप में प्रयोग किए जाने हेतु प्लॉट स्वामियों से सम्पर्क किया जाए। उनसे इस सम्बन्ध में अनुबंध किया जा सकता है कि उन्हें जब भी प्लॉट की आवश्यकता होगी, बिना किसी देरी के उन्हें लौटाया जा सकेगा अथवा प्लॉट स्वामी किराया आधारित पार्किंक स्वयं संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की पार्किंग को ऑफिस बंद होने के बाद प्रयोग किए जाने की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने एमडीडीए से नक्शे स्वीकृत कराते समय यातायात प्रभाव आंकलन को शामिल किया जाना सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव आवास एस. एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

वनो को रोजगार से जोड़ने पर जोर, मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र की अधिकता को देखते हुए इसे रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में चिड़ियाघर, नेचर पार्क, ईको पार्क, वानस्पतिक उद्यान आदि विकसित कर पर्यटन गतिविधियां बढ़ाई जा सकती हैं। इन गतिविधियों में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को शामिल कर रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अत्यधिक क्षमता है। इसमें अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें इसके लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल अपनाया जाए। उन्होंने वन विभाग को इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार किए जाने हेतु निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांश, सचिव सचिन कुर्वे, विजय कुमार यादव एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

मसूरी के सौंदर्यीकरण कार्य को पर्यटन सीजन से पहले पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में मसूरी पेयजल एवं सीवर लाइन सहित मसूरी के सौंदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले मसूरी के सौंदर्यीकरण कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत लाइनों एवं अन्य केबलों को अंडरग्राउंड करने के साथ ही मॉल रोड के पक्कीकरण का कार्य 20 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि टॉयलेट्स आदि का निर्माण भी समय से पूरा कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी पेयजल लाइन की टेस्टिंग का कार्य मार्च अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल लाइन निर्माण कार्य समय से पूर्ण करने हेतु 2 शिफ्टों में कराया जाए। गर्मियों में पानी की समस्या को देखते हुए इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सीवर लाइन के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव पेयजल उदयराज सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

ईको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का 72 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र होने के कारण ईको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा वन क्षेत्र में विभिन्न ऐसी गतिविधियां हैं जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय समितियों का गठन किया जा रहा है। समिति में निजी क्षेत्र की भागीदारी से अधिक अच्छे सुझाव आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में वन विभाग और वन क्षेत्र से बाहर वन से लगे क्षेत्रों में पर्यटन विभाग विभिन्न ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने वन क्षेत्र में बंबू हाउसेज, साइक्लिंग ट्रेल, ईको हट्स और ट्री हाउसेज के लिए अत्यधिक संभावनाएं हैं। ये गतिविधियां रोजगार सृजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बायो डायवर्सिटी पार्क और बर्ड वॉचिंग के लिए स्थान चिन्हित कर प्रस्तुत तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाना चाहिए। यह इंडिविजुअल प्रोडक्ट भी हो सकता है और किसी सर्किट के रूप में भी।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद को ईको टूरिज्म कंसल्टेंट उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे स्थान विशिष्ट योजना बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी जनपदों से जनपदवार प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कौन जनपद क्या कर रहा है इसकी जनपदवार रैंकिंग भी की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस क्षेत्र में आयुष एवं हर्बल पार्क में भी अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के अनुभव एक जगह पर देने की आवश्यकता है। जनपद अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराएं, जिनका समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रखरखाव हेतु फंड की व्यवस्था की कमी के कारण विभिन्न योजनाएं बीच में बंद हो जाती हैं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए इन योजनाओं के रखरखाव की दिशा में भी सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिले-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की 20वीं बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिल सके इसके लिए योजना का सोशल ऑडिट के साथ ही स्थानीय लोगों से फीडबैक लेना भी आवश्यक है। उन्होंने विद्यालयों हेतु गठित निरीक्षण समितियों द्वारा अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने स्कूलों के किचन और खाने के बर्तन-थालियों आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए कॉर्पस फंड भी बनाए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण में मिलेट्स को शामिल करते हुए झंगोरे की खीर को मिड डे मील में शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में किचन एवं स्टोर आदि की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। कहा कि जो भवन अधिक क्षतिग्रस्त हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत श्रीनगर, जनपद पौड़ी गढ़वाल में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा केंद्रीयकृत किचन के निर्माण को स्वीकृति दी गई।
इस अवसर पर विधायक सहदेव पुंडीर, सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय जिलों में खूबसूरत पर्यटन स्थलों के आसपास छोटी-छोटी पार्किंग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश में बनने वाली टनल पार्किंग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पर्वतीय जनपदों में खूबसूरत पर्यटन स्थलों के आसपास छोटी-छोटी पार्किंग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे और स्टेट हाइवे से लगे कम ढलान वाले क्षेत्रों में भी सर्फेस पार्किंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि टनल और ऑटोमेटेड पार्किंग के लिए जिन स्थानों का चिन्हीकरण हो गया है, उन्हें गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने प्रदेश में लगातार नए पार्किंग स्थल ढूंढ़ते रहने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पार्किंग के लिए नए स्थलों का चिन्हीकरण एक लगातार प्रक्रिया के रूप में भविष्य में भी जारी रहना चाहिए। कहा कि किसी भी पार्किंग प्रोजेक्ट में किसी भी स्तर में आ रही समस्या के लिए सम्बन्धित अधिकारी या सचिव से लगातार सम्पर्क कर समस्या का निस्तारण किया जाए। उन्होंने पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश भर में कुल 26 स्थल टनल पार्किंग के लिए चयनित किए गए हैं। जिनका विभिन्न स्तरों में कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

ईको टूरिज्म में विभिन्न आयामों को शामिल करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म के क्षेत्र में पर्यटन, वन, आयुष और अन्य विभाग अपने-अपने स्तर पर विभिन्न कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों द्वारा पर्यटकों को इस ओर आकर्षित करने के लिए एक सम्पूर्ण पैकेज की दिशा में कार्य करना होगा। इसके लिए ही इस उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म की दिशा में आज हो रही गतिविधियों से 100 गुना अधिक सम्भावनाएं हैं। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को एक साथ मिलकर एक कंप्लीट पैकेज की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन, वन, ग्राम्य विकास और आयुष को मिलकर ईको टूरिज्म योजना पर कार्य किया जाए। उन्होंने वन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न ईको टूरिज्म गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को भी वनों के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, साथ ही आयुष विभाग इन्हीं के आसपास अपने वेलनेस सेंटर या हर्बल गार्डन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे तो पर्यटकों को एक साथ सम्पूर्ण पैकेज मिलने से पर्यटन को बहुत अच्छा बूस्ट मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश में हर्बल उत्पादों की बहुत अधिक मांग है। उत्तराखण्ड इस मांग को पूरा करने में बहुत ही अधिक सक्षम है। साथ ही, पर्यटन गतिविधियों में हॉर्टी टूरिज्म के साथ जोड़कर ईको टूरिज्म की दिशा में कार्य किया जा सकता है। मुख्य सचिव ने वन पंचायतों को इसमें किस प्रकार से जोड़ा जा सकता है, इस पर मंथन किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को सभी क्षेत्रों के लिए गाईड प्रशिक्षण प्रोग्राम को बड़े स्तर पर किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं विजय कुमार यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधायें विकसित करने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए जाने के लिए विभिन्न स्तरों में कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाओं के विकास की दिशा में कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में आवश्यकता के अनुरूप कक्षा कक्षों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, खेल मैदान और कंप्यूटर आदि भी उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से ऐसे स्कूलों को विकसित किए जाने हेतु साइट स्पेसिफिक प्लान बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए बजट की चिंता न की जाए। एक अच्छे प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार से बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग की समीक्षा में दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में विद्युत विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें अगले 10, 15 साल बाद की आवश्यकता के अनुरूप तैयार किया जाए।
मुख्य सचिव ने भावी योजनाओं की डीपीआर टाइमलाइन के साथ तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भविष्य की मांग को देखते हुए सभी प्रोजेक्ट्स टाइमलाइन के साथ पूरे किए जाएं। साथ ही, विद्युत उत्पादन के अन्य स्रोतों के क्षेत्र में देश विदेश की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर उत्तराखण्ड में भी अपनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को आने वाले 10, 15 सालों की आवश्यकता के अनुरूप सब स्टेशन और लाइन अलाइनमेंट आदि की प्लानिंग तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक लाइंस के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भारत नेट और ब्रॉडबैंड लाइंस कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने मांग की दृष्टि से प्रदेश के पीक सीजन के अनुरूप विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अन्य विकल्पों पर भी ध्यान देने की बात कही। कहा कि कैनाल बेस्ड सोलर प्रोजेक्ट्स, हाइड्रो काइनेटिक टर्बाइन की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि पुराने छोटे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन का कार्य शुरू किया जाए।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु एवं ऊर्जा निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन को आर्थिकी का मजबूत जरिया बनाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने पर्यटन की दृष्टि से बहुत अधिक समृद्ध बनाया है।
मुख्य सचिव ने पिछली बैठक के निर्देशों के अनुपालन में पर्यटन विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग और कयाकिंग के लिए सर्वे करवा कर नए स्थानों का चिन्हीकरण कर राफ्टिंग और कयाकिंग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने पैरा सेलिंग, वाटर बाइक, ऐरो पैरामोटर, ऐरो पैराग्लाइडिंग आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए स्पर्धाएं एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इनका प्रचार प्रसार भी किया जाए ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि टिहरी झील में हाउस बोट और क्रूज आदि के साथ ही फिक्स्ड हॉट एयर बैलून की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना के अंतर्गत मंदाकिनी घाटी की खूबसूरती को एक्सप्लोर किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने एस्ट्रो टूरिज्म की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का वातावरण इसके लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि बेनिताल एस्ट्रो विलेज की तर्ज पर आसपास अन्य एस्ट्रो विलेज पर तेजी से कार्य करते हुए चारधाम यात्रियों को इस और आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम एक एस्ट्रो विलेज विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, रोपवे परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा ऑफिस, मानसखंड कॉरिडोर के कार्यों में भी गति लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों को रेडियो बैंड उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इस क्षेत्र में बहुत सी तकनीकें उपलब्ध हैं। उनका अध्ययन कर सबसे उपयुक्त वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।