खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधानसभा भवन में खेल विभाग के साथ श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनिकीरेती टिहरी तथा इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी में लाइटिंग के कार्यों की समीक्षा की। सीएस राधा रतूड़ी ने श्री पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, मुनि की रेती में बहुउद्देशीय भवन को पहाड़ी वास्तुकला से निर्मित एवं सुसज्जित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, हल्द्वानी के कार्यों की भी समीक्षा की।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खेल विभाग को राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को मिशन मोड पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि राज्य में विकसित खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर उत्तराखण्ड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के साथ ही भविष्य में दीर्घ अवधि तक राज्य के खिलाड़ियों तथा युवाओं को लाभान्वित करेगा।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे तथा जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित खेल एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मिलेट मिशन के तहत मुख्य सचिव ने दिये अहम निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंडुआ, झंगोरा व चैलाई का उत्पादन बढ़ाने तथा सप्लाई चेन को बेहतर करने के सम्बन्ध में गुरूवार को विधानसभा भवन में हाउस ऑफ हिमालया तथा मिलेट मिशन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। सीएस ने कृषि एवं उद्यान विभाग को प्रदेश में अनुपयोगी घाटियां एवं जमीनों को चिहिन्त कर उनमें मंडुआ, झंगोरा एवं चैलाई के बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इसका संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता से दिया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा है कि मंडुआ, झंगोरा, चैलाई तथा अन्य स्थानीय उत्पादों के उत्पादन तथा प्रोक्यूरमेंट को बढ़ाने के लिए कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस दिशा में मुख्य सचिव ने यूसीएफ (उत्तराखण्ड स्टेट कॉपरेटिव फेडरेशन) तथा हाउस ऑफ हिमालया के मध्य एमओयू किये जाने हेतु निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगोरा तथा चैलाई की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के सम्बन्ध में इनपुट कॉस्ट (लागत मूल्य) का अध्ययन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधानसभा, सचिवालय, सहित जीएमवीएन, केएमवीएन आदि सभी सरकारी भवनों एवं संस्थानों में परोसे जाने वाले खाद्य उत्पादों में मिलेट्स मंडुआ, झंगोरा आदि का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने विशेषरूप से महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य विकास हेतु मंडुआ, झंगौरा, चैलाई जैसे स्थानीय मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में एएनएम, आशा वर्कर्स तथा आंगनबाड़ी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्राण्ड हाउस ऑफ हिमालया की मजबूती के लिए तथा स्थानीय उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बड़े स्थापित ब्राण्ड्स की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों हेतु प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने वाले हाउस ऑफ हिमालया के तहत उत्पादों की गुणवत्ता तथा प्रमाणीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, वी बी आर सी पुरूषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, चंद्रेश कुमार, अरविंद सिंह हयांकी, अपर सचिव मनुज गोयल तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने पर दिया जोर

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ ही कौशल विकास, आजीविका प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास पर अधिकाधिक फोकस करने की हिदायत सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत एव पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को दी है। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि भवन आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बनाकर मात्र औपचारिकताओं पूरा न समझे बल्कि प्रोजेक्ट्स के निरन्तर सफल संचालन तथा सस्टेनिबिलिटी हेतु कार्य करें। उन्होंने सीमान्त जनपदों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषरूप से फोकस करने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी/राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जनपदों में संचालित हर योजना के आउटकम मॉनिटरिंग की सख्त नसीहत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु संचालित सभी योजनाओं के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने बैंकों को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने सभी योजनाओं को व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित प्रत्येक प्रस्ताव, प्रोजेक्ट या योजना में कितने रोजगार सृजित होंगे, इसकी जानकारी भी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्थानीय अन्न मंडुआ, झंगोरा जैसे मिलेट्स की खेती का अधिकाधिक विस्तार तथा इनका बड़े स्तर पर उत्पादन की ठोस कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने निर्देश दिए हैं। सीएस ने इस सम्बन्ध में कलस्टर अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की डुप्लीकेसी के प्रति भी सतर्क किया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी योजनाओं को भलीभांति परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि दो योजनाएं एक दूसरे को आच्छादित न करें। सीएस ने वाइब्रेंट विलेजस में आईटीबीपी तथा आर्मी द्वारा लोकल प्रिक्योरमेंट को अपनाया जाए, इस दिशा में प्रयास के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मनुज गोयल, रंजना राजगुरू सहित ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सीमान्त जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण को टेंडर प्रक्रिया शुरु करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को विधानसभा भवन में उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में इन प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में नाबार्ड से स्वीकृति लेकर जल्द टैण्डर की प्रक्रिया आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों के भवनों के निर्माण के साथ-साथ ही इनमें विभिन्न स्टाफ की भर्तियों के अनुमोदन, फर्नीचर आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग तथा ब्रिडकुल को इन विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने, रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल एवं सोलर लाइट तथा उरेडा की सहायता से वाटर हीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि इन विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेषकर विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सीएस ने प्रस्तावित नवोदय विद्यालयों में निर्माण के दौरान इलेक्ट्रिकल विंग का सर्टिफिकेशन लेने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों में पुख्ता वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाने, किचन गार्डन तथा कम्पोस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की सुविधा तथा ऑनलाइन शिक्षा हेतु बेहतरीन वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विद्यालयों में बच्चों से मिलने आने वाले अभिभावकों के लिए अतिथि कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्य को 18 महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में नवोदय विद्यालयों को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के आरम्भ होने से दूरस्थ एवं दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के स्थानीय बच्चों को लाभ मिलेगा। इन विद्यालयों में बच्चों को अच्छी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
210 छात्र-छात्राओं की क्षमता तथा 3973.25 लाख रूपये की लागत से बनने वाले उत्तरकाशी के दिवारीखोल में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग है तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित 4486.77 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल है।
बैठक में अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदण्डे सहित कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग व ब्रिडकुल के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को मेडिकल टूरिज्म से जोड़ने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को राज्य का एक आदर्श एवं बेहतरीन मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्ययोजना पर गंभीरता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल निगम को दिए हैं।
सोमवार को विधानसभा भवन में आयोजित पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज की संशोधित प्रोजेक्ट की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसकी ईएफसी के प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से गहन चर्चा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट किया कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की एक महत्वकांक्षी परियोजना है। इसे प्रदेश के एक आदर्श मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने के साथ ही मेडिकल टूरिज्म से भी जोड़ा जाएगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कार्यदायी संस्था पेयजल निगम द्वारा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रोजेक्ट को नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुरूप संशोधित कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के टीचिंग हॉस्पिटल में एक रैनबसेरे के निर्माण के भी निर्देश दिए हैं।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज हेतु 768.89 करोड़ रूपये के संशोधित प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। पेयजल निगम द्वारा इस प्रोजेक्ट को नेशनल मेडिकल कमीशन तथा इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टैण्डर्ड की गाइडलाइन्स के अनुसार संशोधित किया गया है।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, श्री एस एन पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

नजरियाः यूसीसी में महिला सुरक्षा, सम्मान और अधिकार को दी गई है प्राथमिकता

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने से पहले राज्य में पहली महिला मुख्य सचिव की जिम्मेदारी आईएएस राधा रतूड़ी को सौंपते हुए देवभूमि से मातृशक्ति सम्मान का बड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री धामी का यह निर्णय महिला सम्मान, सुरक्षा और महिला प्रधान वाले राज्य की परिकल्पना को साकार कर रहा है। खासकर नौकरशाही के सर्वाेच्च पद पर राज्य में महिला अधिकारी की ताजपोशी भी यूसीसी लागू होने से पहले बड़ी उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नारी सशक्त भारत की परिकल्पना पर खरा उतर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के 7 से ज्यादा जनपदों में महिला सशक्तिकरण और सम्मान को लेकर मातृ शक्ति वंदन महोत्सव में प्रतिभाग कर महिलाओं की राज्य के विकास में अहम भागीदारी का संदेश जन जन तक पहुंचाया है। यह कार्यक्रम अभी जारी हैं। इसके अलावा राज्य की महिलाओं को नौकरी-पेशे में 30 फीसद आरक्षण देकर मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही नारी शक्ति सम्मान पर बड़ा निर्णय ले लिया था। जबकि महिला सुरक्षा, सम्मान और अधिकार को लेकर देश के सबसे बड़े कानून समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तिथि का भी ऐलान एक दिन पहले मुख्यमंत्री कर चुके हैं। इन बड़े निर्णयों के बाद मुख्यमंत्री धामी ने आज नौकरशाही के सबसे बड़े पद पर राज्य गठन के 23 साल बाद पहली बार मुख्य सचिव की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला अधिकारी आईएएस राधा रतूड़ी को सौंपी है। सरकार का यह निर्णय भी महिलाओं को सशक्त और सम्मान से जुड़ा देखा जा रहा है। इसके पीछे सरकार ने दो फरवरी को यूसीसी के ड्राफ्ट आने और उस पर होने वाले फैसले को लेकर भी अपनी मंशा साफ कर दी है। गौरतलब है कि धामी सरकार ने यूसीसी कानून में महिला सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों को सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल किए गया है। अब यूसीसी राज्य में लागू होने जा रहा है तो इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी बड़ी है। ऐसे में राज्य सरकार ने यूसीसी कानून लागू करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विचारधारा पर अनुकूल बैठने, राज्य की रीति-नीति से वाकिफ महिला अफसर को नौकरशाही के सर्वाेच्च पद पर स्थापित कर देवभूमि से पूरे देश में बड़ा संदेश दिया है।

राज्य के 13 जिलों में 7 महिला अफसर
उत्तराखंड इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा कि जिलों में डीएम, एसपी और एससपी के पदों पर 7 से ज्यादा महिला अफसर हैं। मुख्यमंत्री धामी ने पहले दिन से ही मातृशक्ति प्रदान उत्तराखंड में महिला अफसरों को जिम्मेदारी दी हैं। इनमें राजधानी देहरादून, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर जैसे जिलों में डीएम और एसपी की जिम्मेदारी महिलाओं के पास हैं। जबकि सीडीओ, सीओ समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों के मुखिया भी महिला अफसरों को बनाया है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि ठेठ पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं की समस्याओं का समाधान हो या फिर महिला सशक्तिकरण की योजनाओं को क्रियान्वित करने में महिला अफसरों से देवभूमि की मातृशक्ति को सहायता मिलेगी।

राज्य सरकार कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डे एवं अन्य पदाधिकारियों ने भेंट की। मंच के पदाधिकारियों ने कोरोना काल के दौरान कार्मिकों के वेतन से की जा रही कटौती को बन्द करने व प्रदेश पर लगे हड़ताली तमगे को हटाने के लिए कार्मिक संघों और विभागाध्यक्षों के बीच संवाद कायम करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के प्रति सदैव तत्पर रही है। प्रदेश के विकास में कार्मिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी रहती है। उन्होंने कर्मचारी संगठनों का आह्वाहन किया कि वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आपसी संवाद एवं समन्वय को माध्यम बनाये। आपसी संवाद एवं सहयोग से ही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त होती है। प्रदेश की जनता की भलाई व राज्य हित हम सबके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच द्वारा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से भेंट की। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में हड़ताल की स्थिति न आने देने के लिए कार्मिक एकता मंच द्वारा की जा रही पहल की सराहना करते हुए कहा कि कार्मिक संघों और विभागाध्यक्षों के बीच हर तीसरे माह बैठक सुनिश्चित करायी जायेगी। इस अवसर पर आयोजित बैठक में बेसिक से एलटी में समायोजित पदोन्नत शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान दिये जाने के मामले में शिक्षा व वित्त सचिव को मंच के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रोन्नत वेतनमान की व्यवस्था में उत्तम व अतिउत्तम श्रेणी पर आपत्ति उठाते हुए मंच ने कहा कि पदोन्नति की प्रक्रिया के लिए प्रविष्टयों का जो मापदण्ड निर्धारित है, उसी को एसीपी के लिए भी आधार बनाया जाय। इस पर सहमति हुई और वित्त विभाग को संशोधन हेतु निर्देश दिए गए।

बैठक में राज्य के दिब्यांग कार्मिकों की पदोन्नति हेतु अलग गैलरी होने के कारण उनकी वरिष्ठता सूची पृथक से बनाये जाने की मांग की गयी जिस पर सहमति हुई। बैठक में दिब्यांग कार्मिकों के वाहन भत्ते की राशि को पुनरीक्षित किये जाने पर भी सहमति हुई। बैठक में बन निगम कार्मिकों से आडिट आपत्ति के नाम पर की जा रही वसूली के मामले में शीघ्र उच्च स्तरीय बैठक बुलाने पर भी सहमति हुई।

बैठक में शासन की ओर से सचिव वित्त सौजन्या, उप सचिव कार्मिक महावीर सिंह, अनुभाग अधिकारी संदीप शर्मा थे जबकि एकता मंच की ओर से महासचिव दिगम्बर फुलोरिया, दिनेश गुंसाई, बीएस रावत, प्रदीप पपनै, ई अजय बेलवाल, बीपी सिंह थे।