जल जीवन मिशन के तहत चल रहे प्रोजेक्ट्स को 2024 जून तक पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत संचालित सभी प्रोजेक्ट्स को जून 2024 तक पूर्ण करने की डेडलाइन सम्बन्धित अधिकारियों को दी है। सीएस ने सभी 13 जिलों में शत् प्रतिशत एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहॉल्ड टेप कनेक्शन) कवरेज पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषरूप से स्कूलों में पेयजल, बेसिन के साथ ही शौचालयों में जलापूर्ति के सौ फीसदी लक्ष्य को पूरा करने की डेडलाइन भी अधिकारियों को दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देहरादून तथा टिहरी जनपदों में 500 गांवों को स्वच्छ सुजल ग्राम बनाने के पायलट प्रोजेक्ट पर तत्परता एवं गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबन्धन (जल स्रोत संरक्षण/पुर्नजीवीकरण ) तथा जल आपूर्ति योजनाओं की दीर्घकालीन सत्तता के माध्यम से देहरादून एवं टिहरी जनपदों के 500 गांवों को मॉडल वॉश विलेज बनाना है। सीएस ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग को भी टाइमबाउण्ड करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन (एसडब्ल्यूएसएम तथा डीडब्ल्यूएसएम ) के कर्मचारियों के मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के तहत जल जीवन मिशन की चतुर्थ शीर्ष समिति की बैठक सचिवालय में सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य में जल जीवन मिशन के अपडेट के बारे में बताया गया कि उत्तराखण्ड में एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहॉल्ड टेप कनेक्शन) कवरेज 92.75 प्रतिशत है। राज्य के पांच जिलों में एफएचटीसी कवरेज 99 प्रतिशत से अधिक है। चार जिलों में 90 से 99 प्रतिशत है तथा अन्य चार जिलों में 80 से 90 प्रतिशत है।

बैठक में सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, अपर सचिव डा0 अहमद इकबाल, नितिन भदौरिया एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने वन व पशुपालन विभाग के अधिकारियों संग की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में वन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने कहा कि बन्दरों और जंगली सुअरों के द्वारा प्रदेश में खेती को अत्यधिक नुकसान हो रहा है। इसके लिए बन्दरों की संख्या को सीमित करने हेतु बन्दरों का बन्ध्याकरण किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बन्दरों के बन्ध्याकरण के लिए बन्दर बन्ध्याकरण केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाए। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुचिकित्सकों एवं अन्य सहायक स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने फसलों को जंगली सुअरों से होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए भी योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने पिरूल से ईंधन के रूप में प्रयोग होने वाले पैलेट्स तैयार करने और ईको पार्क योजना की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की निरन्तर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, वन विभाग प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक एवं सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य गंगा समिति की हुई बैठक, स्ट्रेचवाईज समितियों के गठन के मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य गंगा समिति की बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने गंगा के अंतर्गत स्ट्रेचवाईज समितियों का गठन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन का अभियान बनाने के लिए इन समितियों में स्थानीय बुद्धिजीवी एवं गंगा की स्वच्छता के लिए गम्भीर लोगों को शामिल किया जाए। कहा कि इससे लगातार निगरानी रखी जा सकेगी। उन्होंने जिलाधिकारियों को अच्छा कार्य करने के लिए चिन्हित कर सम्मानित भी किया जाए।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा ’स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन बोर्ड’ में भी अधिक से अधिक आमजन की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा में दूषित पानी सीधे न जाए, इसके लिए एसटीपी को नदियों से दूर बनाकर उसके पानी को कृषि कार्यों में प्रयोग किया जाए। इसके लिए एक स्थान पर बड़ा प्लांट लगाने के बजाए विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे प्लांट लगाए जाने चाहिए। उन्होंने एसटीपी का वार्षिक सोशल ऑडिट किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि सोशल ऑडिट के लिए किसी एक एजेन्सी को कार्य देने के बजाए विभिन्न एजेंसियों को इसमें शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने घने वनीकरण पर भी फोकस किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि नदियों के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि शुरूआती वर्षों में इससे उत्पादन कम मिलता पर परन्तु 2-3 वर्षों के बाद इसमें उत्पादन बढ़ना शुरू होता है और इसके अच्छे मूल्य मिलने से शीघ्र ही यह खेती लाभदायक हो जाती है। उन्होंने कहा कि शुरूआती 2-3 वर्षों के लिए किसानों को सपोर्ट देने के लिए कोई योजना संचालित की जा सकती है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, उदयराज, अपर सचिव शहरी विकास नवनीत पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी एवं राज्य गंगा समिति से सम्बन्धित अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि सहित जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की हंस फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों की दी जानकारी

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में हंस फाउंडेशन के सहयोग से उत्तराखण्ड में चल रही विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु संचालन समिति की 9वीं बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर हंस फाउंडेशन की ओर से प्रदेश में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी गई।

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दृष्टि से ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर हंस फाउंडेशन के सहयोग से मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल का निस्तारण आवश्यक है। उन्होंने स्कूलों में मिड-डे मील के लिए रसोई गैस के विकल्प के रूप में पिरूल का उपयोग में हंस फाउंडेशन से सहयोग के अपेक्षा की। कहा कि इस रोजगार से जुड़े लोगों को एक बाजार भी मिलेगा। साथ ही, जंगलों को आग से बचाया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बीआरसी और सीआरसी के साथ ही कौशल विकास के क्षेत्र में क्षमता निर्माण में हंस फाउंडेशन सहयोग कर सकता है। साथ ही आजीविका के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान कर सकता है। उन्होंने प्रदेश के विकास में राज्य सरकार की ओर से हंस फाउंडेशन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

हंस फाउंडेशन के सीईओ संदीप कपूर ने बताया कि हंस फाउंडेशन की ओर से प्रदेशभर के 1235 दूरस्थ गांवों में 52 मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित की जा रही हैं। हंस उद्यमिता मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में उद्यमियों को तकनीकी सहायता, बिजनेस प्लान और ऋण स्वीकृति ने सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार, हरिचंद सेमवाल एवं अपर सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

समिति की एक भी बैठक आयोजित ना करने पर भट्ट ने लिखा सीएस को पत्र

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए गठित राज्यस्तरीय ‘‘स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’ के सदस्य साहित्यकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से यथाशीघ्र पात्र पत्रकारों का चयन करवाने की मांग की है।
उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव जो राज्यस्तरीय इस पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष भी हैं को भेजे पत्र में समिति के सदस्य भट्ट ने कहा है कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा गत वर्ष 01 जून, 2022 के कार्यालय ज्ञाप द्वारा स्व. रामप्रसाद बहुगुणा जी की स्मृति में 30 मई को पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणियों के पत्रकारों को राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करने लिए ‘‘स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’ में तीन गैर सरकारी सदस्य नामित किये थे। लेकिन अभी तक समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है। भट्ट ने कहा है कि हिंदी पत्रकारिता दिवस में करीब दो महिने का ही अल्प समय शेष है। अतः यथाशीघ्र समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से पात्र पत्रकारों का चयन करवाया जाना चाहिये।
गौरतलब है कि पुरस्कार योजना में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर 30 मई को मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के एक वरिष्ठ पत्रकार, एक प्रौढ़ पत्रकार और एक युवा पत्रकार को प्रतीक चिन्ह सहित क्रमशः 2 लाख 51 हजार, 1 लाख 51 हजार, और 1 लाख 25 हजार रूपये का के नकद पुरस्कार से सम्मानित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इससे पूर्व यह राशि मात्र 51 हजार रूपये थी। जबकि पत्रकारिता पुरस्कार उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद अब तक केवल एक ही बार प्रदान किये गये हैं।

कमेटी बनाकर विभाग ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह करेंगे बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी सम्बन्धित विभागों की एक कमेटी बनायी जाए, जो ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह बैठक आयोजित करेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी पाक्षिक रूप से बैठक आयोजित कराएगी। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए आमजन का पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर विश्वास जगाना आवश्यक है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए। कहा कि इसके लिए शीघ्र से शीघ्र शहर के भीतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुनियोजित तरीके से मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए तीन ई इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। जहां पर इंजीनियरिंग से यातायात में सुधार हो सकता है, तुरंत शुरू किया जाए। यातायात संकुलन को रोकने के लिए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। नो पार्किंग एरिया में गाड़ी पार्क करने वालों पर अधिक से अधिक चालान किए जाएं। इसके लिए ड्रोन कैमरों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को कम करने के लिए प्रत्येक स्कूल में जाकर वहां की परिस्थितियों के अनुसार अलग प्लान तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फील्ड पर यातायात कंट्रोल के लिए ट्रेफिक पुलिस काम कर रही है। ट्रेफिक को सुधारने के लिए सबसे अच्छा फीडबैक इन्हीं से मिल सकता है। इसके लिए ट्रेफिक फीडबैक सिस्टम विकसित किया जाए। आमजन में यातायात संकुलन को कम करने के लिए शिक्षित किए जाने की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए लघु फिल्मों के माध्यम से प्रचार प्रसार विशेषकर स्कूली बच्चों में अधिक से अधिक शिक्षित किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन जितेन्द्र त्यागी, निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर, मुख्य नगर अधिकारी मनुज गोयल, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मोटे अनाजों को बढ़ावा देने को मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश

प्रदेश के सभी जनपदों में मिलेट्स के उत्पादन और बाजार उपलब्ध कराए जाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट में इनसे बने पकवानों के लिए कॉर्नर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मोटे अनाजों को बढ़ावा दिए जाने को लेकर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने सचिवालय में बैठक के दौरान यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय मोटे अनाज उत्पादों का पौष्टिक मूल्य बहुत अधिक होने के कारण बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। मैदानी क्षेत्रों में मंडुवा, झंगोरा आदि के प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बाजार उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसान मोटे अनाजों के उत्पादन में रुचि दिखाएं इसके लिए किसानों को उचित मूल्य और बाजार की सुनिश्चितता का विश्वास दिलाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के मोटे अनाजों को स्वस्थ भोजन के रूप में बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि छात्र छात्राओं को पौष्टिक भोजन की जानकारी और मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए छोटी -छोटी विडियोज के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

इस अवसर पर सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने सीएम हेल्पलाइन के तहत आने वाले शिकायतों को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन का उद्देश्य आमजन को समस्याओं को दूर करना है। यदि निर्धारित समय के अंदर आम नागरिकों की वास्तविक शिकायतों को दूर नहीं किया जा सके तो इतने बड़े सिस्टम का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि जो इस सिस्टम से जुड़ा है प्रतिदिन पोर्टल या अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के लिए कार्य करेंगे तो सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हो जाता, शिकायत को निस्तारित नहीं माना जायेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एल3 लेवल में विभागाध्यक्ष को शामिल नहीं किया गया है, वे विभाग विभागाध्यक्ष को इसमें जरूर शामिल कर लें, साथ ही जहां एल1 से एल4 तक लेवल में कहीं भी कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता है, तो अगले एक सप्ताह में कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने शिकायतों के निस्तारण में स्पेशल क्लोज कैटेगरी का भी निरन्तर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए, कहा कि वास्तविक शिकायतों को स्पेशल क्लोज न किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी यह भी देखना सुनिश्चित करें कि किस प्रकार की शिकायतें लगातार आ रही हैं, उनकी श्रेणी तय कर लें। यदि एक प्रकार की शिकायतें लगातार आ रही हैं तो इसका मतलब हमारे सिस्टम में कमी है, जिसके परिवर्तन की आवश्यकता है। ऐसे प्रकरण चिन्हित कर सिस्टम में सुधार लाया जाए। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के नोडल विभाग आईटीडीए को भी निर्देश दिए कि शिकायतों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन कर रहे विभागों को सबसे ऊपर रखते हुए रैंकिंग लिस्ट विभागों को भेजी जाए। विभाग अभियान चलाकर इन शिकायतों का निस्तारण करे। साथ ही साप्ताहिक समीक्षा की जाए ताकि शिकायतों का निस्तारण त्वरित गति लाई जा सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव दिलीप जावलकर, अरविंद सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सभी अहम प्रोजेक्ट जल्द उन्नति पोर्टल पर आ जाए, ये सुनिश्चित करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में उन्नति पोर्टल के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्नति पोर्टल के सही क्रियान्वयन के लिए सभी सचिव एवं विभागाध्यक्ष अपने विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें। सभी महत्वपूर्ण प्रोजक्ट उन्नति पोर्टल में शामिल किये जाएं। परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के लिए विभागीय सचिव पोर्टल की नियमित समीक्षा करेंगे।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अंतर विभागीय परियोजनाओं को उन्नति पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी महत्वपूर्ण प्रकृति के प्रोजक्ट जल्द उन्नति पोर्टल पर आ जाएं। इसके लिए इनबिल्ट मैकेनिज्म बनाएं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने लिए सभी सचिव अपने विभागों की योजनाओं की निरंतर समीक्षा के साथ ही अंतरविभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान दें।

निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने उन्नति पोर्टल के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उन्नति पोर्टल में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, आर.सी ऑफिस, जिलाधिकारीयों एवं विभागाध्यक्षों के डेशबोर्ड बनाये गये हैं। अभी तक पोर्टल में 34 विभागों के 120 प्रोजक्ट शामिल किये गये हैं। उन्नति पोर्टल को और प्रभावी बनाने के लिए जो सुझाव प्राप्त होंगे, उनको शामिल कर इसे और बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनई, सचिव नितेश झा, आर मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, सौजन्या, डॉ. पंकज पाण्डेय, एच. सी सेमवाल, दीपेन्द्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन उपस्थित थे।

उद्यमियों की समस्याओं का किया जा रहा त्वरित समाधान-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर में रॉकेट इण्डिया प्रा.लि. की नवीनतम विस्तार परियोजना का शुभांरभ किया। उन्होने कहा कि कम्पनी के विस्तार से कम्पनी के साथ ही राज्य की आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि राज्य में उद्योग-धन्धे अच्छे चलें, इसके लिए जिलों के अधिकारियों एवं सचिव उद्योग के साथ ही मुख्य सचिव को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों के साथ खड़ी है, जो भी परेशानियां हैं, उनका समाधान किया जायेगा। यदि उद्योग-धन्धे अच्छे चलेंगे तो निश्चित रूप से उद्योगों को तो फायदा होगा ही साथ में राज्य को भी फायदा होगा, राज्य को राजस्व मिलेगा, लोगो को रोजगार मिलेगा और व्यापार भी बढेगा।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से आने वाले समय में कम्पनी से व्यापारियों, कार्मिकों सभी को लाभ होगा। मक्का का 1200 टन क्षमता वाली ईकाई होने के कारण इससे अब आने वाले समय में किसान भाईयों को भी लाभ मिलेगा। कम्पनी को उत्पादों को बनाने के लिए आसानी से मक्का मिलेगी तथा किसानों को उनकी मक्का के लिए बाजार ढूंढने की आवश्यकता नहीं होगी, इससे किसान तथा कम्पनी दोनों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों में सामान्य जरूरत की चीजों को स्थानीय स्तर से पूरा किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों की स्थापना हेतु पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध है। राज्य में उद्योगो के संरक्षण, संवर्धन तथा विकास हेतु प्राथमिकता से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार उद्यमियों के साथ है। प्रदेश पिछले चार सालों में 16000 छोटे-बड़े उद्योग स्थापित हुए हैं, जिसमें 6 हजार करोड़ से भी अधिक का निवेश हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंगल विण्डो सिस्टम पर काम किया जा रहा है। किसी को भी परेशान न होना पड़े, सभी निवेशक उत्तराखण्ड में आये, निवेशकों को सभी आवश्यक सुविधाऐं मुहैया करायी जायेंगी। उद्योगों की लम्बे समय से लम्बित विवादों को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है तथा वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर विवादों का निस्तारण किया जायेगा।
इस अवसर पर जनपद प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सचिव उद्योग अमित नेगी, मण्डलायुक्त दीपक रावत, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, अपर जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र, राकेट इंडिया प्रा.लि. के पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।