बड़ी खबरः हरक सिंह ने प्रेस वार्ता कर लगाई वन आरक्षी की भर्ती पर रोक

उत्तराखंड में वन विभाग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि जबतक नियमावली में संसोधन नहीं हो जाता, तब तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी। दरअसल, राज्य में वन विभाग के 1218 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। इसके लिए पिछली सरकार ने शैक्षणिक योग्यता इंटर साइंस रखी थी और आयु की सीमा भी कम थी। जिसे लेकर राज्य के युवाओं में आक्रोश बना हुआ था।
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता में बदलाव को लेकर फैसला किया जाएगा। जबतक नियमावली में संसोधन नहीं हो जाता, तबतक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी। वन विभाग के इस फैसले से कहीं न कहीं युवाओं को भी राहत मिल सकती है।

हरक सिंह ने कराया ठेकेदारों का अनशन खत्म

आंदोलनरत ठेकेदारों और शासन में मांगों को लेकर सहमति बन गई है। इसके बाद ठेकेदारों ने धरना स्थगित कर दिया है। प्रदेशभर के ठेकेदार लंबित भुगतान की मांग को लेकर देहरादून ठेकेदार कल्याण के बैनरतले आंदोलनरत थे। यमुना कालोनी स्थित लोनिवि मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन के साथ ही ठेकेदारों ने 10 अगस्त को सीएम आवास कूच करने का निर्णय लिया था। मगर, इससे पहले विकासनगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पहले पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ठेकेदारों को वार्ता के लिए बुलाया। विधानसभा में सचिव, विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में हुई वार्ता के बाद समिति की सभी मांगों पर सहमति बनी हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य सेक्टर से 100 करोड़ का तत्काल भुगतान किया जाए। इसमें पुराने भुगतान को प्राथमिकता दी जाएगी। कहा कि 25 लाख से ऊपर के कार्य ई-टेंड¨रग से ही होंगे। जीएसटी पर भी शासन निर्णय लेगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद सिंह पुंडीर ने बताया कि उनकी मांगें मान ली गई हैं। कुछ देर बाद बाद मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक मुन्ना सिंह चौहान यमुना कॉलोनी पहुंचे। जहां धरने पर बैठे ठेकेदारों की हड़ताल खत्म कराई।

पंतजलि के सहयोग से बदलेगी प्रदेश के किसानों की आर्थिकी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बाबा रामदेव की मौजूदगी में राज्य सरकार और पतंजलि के बीच सहयोग कार्यक्रम पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से 5 क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड को जैविक कृषि और जड़ीबूटी राज्य बनाना, राज्य के मोटे अनाज की व्यवसायिक खपत को बढ़ाना, राज्य में आयुष ग्रामों की स्थापना करना, एक विशाल गोधाम (गाौ शाला) की स्थापना करना और पर्यटन को बढ़ावा देना सम्मिलित है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सारे सेक्टर राज्य की समृद्धि और खुशहाली की दृष्टि से गेम चेंजर साबित होंगे। इन सारे क्षेत्रों में संभावनाओं पर अभी तक काफी विचार-विमर्श हुआ है, लेकिन अब इस क्षेत्र में कुछ कर दिखाने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कड़े और साहसिक फैसले लेने से नहीं हिचकेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो एक महीन के अन्दर सभी क्षेत्रों में ठोस कार्ययोजना तैयार करें, जिसको लेकर ठीक एक महीने बाद समीक्षा बैठक की जाएगी और ठोस कार्ययोजना के आधार पर राज्य सरकार और पतंजलि के बीच आवश्यक समझौते भी किये जायेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि जड़ीबूटी, औद्यानिकी, योग, आयुर्वेद और पर्यटन से राज्य के लोगों की आमदनी बढ़ाने पर कार्य किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना बहुत आवश्यक है।

किसानों की मदद करेगा पतंजलि
इस दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि संस्थान उत्तराखण्ड के किसानों को उनके उत्पादों के लिए प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान करने में सक्षम है। सिक्किम जिसे हाल ही में ऑर्गेनिक स्टेट का दर्जा दिया गया है, उससे कही अधिक भूभाग पर उत्तराखण्ड में ऑर्गेनिक खेती हो रही है।

नए पर्यटक स्थलों पर स्थापित होंगे पतंजलि आयुष ग्राम
कहा कि पतंजलि राज्य के उत्पादों के लिए बाईबैक सिस्टम बना रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 13 जिले 13 नये पर्यटन स्थल बनाने के लक्ष्य की सराहना करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि सभी नये पर्यटन स्थलों पर पतंजलि आयुष ग्राम की स्थापना में सहयोग देने को तैयार है।

विशाल गौशाला तैयार करने की योजना
यह भी कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से एक विशाल गोशाला की स्थापना करने की योजना है, जिसमें 40 से 60 लीटर दूध देने वाली गायों की नस्ल तैयार की जायेगी। वहीं कार्यक्रम में मौजूद आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि की रिसर्च लैब और अन्य सुविधाओं को आयुर्वेद के शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए खोला जायेगा। पतंजलि के 300 से अधिक वनस्पति विज्ञानी राज्य की एक-एक जड़ीबूटी और पौधे का सर्वेक्षण कर उनका डॉक्यूमेंटेशन कर सकते हैं।

हरक के दावे से भाजपा में फेरबदल की आहट

भाजपा कार्यसमिति में हरक सिंह रावत का बड़ा बयान
कहाकि चुनाव लड़ने से ज्यादा चुनाव लड़ाने का इच्छुक
संगठन को अपने अनुभव का फायदा दिलाने का खुले मंच से दिया बयान

ऋषिकेश।
एक व्यक्ति पद दो। विधानसभा चुनाव नजदीक। सामने हरीश रावत जैसा पहाड़। लगातार हरीश रावत से हर मोर्च पर विफल होती भाजपा। रहरहकर खबरें आती कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदलेगा या फिर नेता प्रतिपक्ष। दोनों पद रानीखेत के विधायक अजय भट्ट के पास। अजय भट्ट को चुनाव भी लड़ना है। ऐसे में हरक सिंह का खुले मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधन कि वह अपने अनुभव का फायदा संगठन को पूरे प्रदेश में देना चाहते है, तो राजनीतिक हलचलों में एक बार फिर भाजपा प्रदेश नेतृत्व में परिवर्तन के संकेत मिल रहे है।
मंगलवार को भाजपा कार्यसमिति में भाग लेने आये डॉ. हरक सिंह रावत ने कार्यकर्ताओं को खुले मंच से बोल दिया कि मुझे चुनाव लड़ने से ज्यादा चुनाव लड़वाने में मजा आता है। कहीं न कहीं भाजपा हाईकमान की नीतियों का खुलासा कर दिया। 105 बागी विधायकों के नेता विजय बहुगुणा और सुबोध उनियाल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल करने के बाद हरक सिंह रावत को भी नई जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। लंबे समय से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बदलने के कयास लगाये जाते रहे है। ऐसे में पुराने संघी चेहरे व कांग्रेस से बागी होकर आये मुखर नेता के रुप में हरक सिंह रावत को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो चुनाव के समय हरीश रावत को घेरने में हाईकमान हरक सिंह रावत को ही उपयुक्त मान रहा है। वैसे भी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों पद कुमाऊ के पास है। सामंजस्य बिठाने के लिए गढ़वाल को तवज्जों दी जा सकती है।

भाजपा नेता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज

देहरादून/नई दिल्ली।
उत्तराखण्ड के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव थाने में एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार बीती रात्रि को दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव थाने में 32 साल की एक युवती ने भाजपा नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। आज पुलिस ने युवती के बयान दर्ज किए। मामला दर्ज कराने वाली महिला असम की रहने वाली बताई जा रही है। गौरतलब है कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हैं। हरक सिंह रावत जब एनडी तिवारी की सरकार में मंत्री थे, तब असम निवासी महिला जैनी ने उन पर आरोप लगाया था कि वह उसके बच्चे के पिता हैं। मामले की सीबीआइ जांच भी हुई थी। तब जांच के बाद सीबीआइ ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी।