राज्य को आध्यात्मिक राजधानी बनाने में जुटे कर्नल

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि भारत के कई संतों ने समाज में भाईचारा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे महान संत के जीवन से शिक्षा लेकर युवा वर्ग को समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर समाज हित के लिए कार्य करना चाहिए। उक्त विचार हरिपुर कलां स्तिथ भारत माता जनहित ट्रस्ट पहुंचे आप पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल कोठियाल ने जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद से महाराज से आश्रीवाद के उपरांत व्यक्त किए। सबसे पहले उन्होंने शंकराचार्य रहे भारतमाता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
कोठियाल ने कहा कि संत ही समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक हैं। संतों के आशीर्वचन से ही संस्कृति की जीवंतता बनी रहने के साथ सुसंस्कृत समाज की स्थापना हो सकती है। इस दौरान कर्नल कोठियाल ने महामण्डलेश्वर अवधेशानंद महाराज से उत्तराखंड को अध्यात्म की राजधानी बनाए जाने को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने ज्ञान की अविरल धारा बहाकर करोड़े लोगों को आध्यात्मिक रूख की तरफ मोड़ने में संत समाज की तरफ से दिए गए योगदान की जमकर सराहना की। करीब आधे घंटे तक दोनों के बीच हुई मुलाकात के दौरान देश की ज्वलंत समस्याओं के साथ ही संस्कृति उत्थान की दिशा में किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। इस मौके पर पंचायती निरंजन अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज, आप पार्टी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी, आईडी शास्त्री, विनायक गिरी, रंजीत नेगी, विक्रांत भारद्वाज, जयवीर रावत, विक्रम रावत आदि उपस्थित थे।

स्वतंत्रता संग्राम में गुरूकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान रहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देवभूमि विज्ञान समिति द्वारा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में गुरूकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान’’ कार्यक्रम को अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय का शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में भी योगदान रहा है। 19वीं सदीं के कालखण्ड में भारत में जिन महानुभावों ने जन जागृति की ज्योत जगायी उनमें ऋषि दयानन्द का प्रमुख स्थान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी दयानन्द ने गुरूकुल शिक्षा प्रणाली की जो नींव डाली, उससे भारत में पुनः सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपनी विशिष्ट योगदान दिया। आर्य समाज की स्थापना जहां उनके द्वारा किया गया महान कार्य था। वहीं गुरूकुल आधारित शिक्षा प्रणाली को पुनः मुख्य धारा से जोड़ने का महान कार्य उन्होंने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूकुल कांगड़ी एक विश्व विद्यालय ही नहीं बल्कि राष्ट्र आराधना के लिये तत्पर एक तीर्थ के समान भी है।
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानन्द ने सामाजिक जन जागरण की जो दृष्टि दिखाई उसे कार्यरूप में परिणति तक पहुंचाने का कार्य उनके महान शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द जी ने 1901 में गुरूकुल काँगड़ी की स्थापना कर की।
स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा अंग्रजों द्वारा लागू की गई शिक्षा पद्धति के स्थान पर वैदिक धर्म तथा भारतीयता की शिक्षा देने के लिये स्थापित गुरूकुल विद्यालय आज गुरूकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के रूप में शिक्षा का प्रमुख केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले संस्थान के योगदान पर सेमिनार के आयोजन के लिये आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन देवभूमि विज्ञान समिति के सचिव डॉ हेमवती नन्दन गुरूकुल काँगड़ी सम विश्वविद्यालय ने किया।
इस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक आदेश चौहान, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे, प्रो. रूप किशोर शास्त्री कुलपति गुरूकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, प्रो के.डी. पुरोहित अध्यक्ष देवभूमि विज्ञान समिति प्रो. एन.एस भण्डारी, डॉ. नरेन्द्र सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।

मुख्यमंत्री ने वंदना को 25 लाख रूपये का चेक और तीलू रौतेली पुरस्कार से किया सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वन्दना कटारिया के रोशनाबाद, हरिद्वार स्थित आवास पर जाकर टोक्यो ओलंपिक में वंदना के शानदार प्रदर्शन पर उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन्दना कटारिया को 25 लाख रूपये का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन्दना कटारिया को तीलू रौतेली पुरस्कार से भी सम्मानित किया। इसके तहत उन्हें 31 हजार रूपये का चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। वंदना कटारिया को महिला सशक्तीकरण के तहत ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान’’ का ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन्दना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है। उत्तराखण्ड की बेटी ने एक मैच में हैट्रिक बनाकर अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने वन्दना को आगे भी इसी मनोबल से खेलने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सके, इसके लिए राज्य में नई खेल नीति बनाई जा रही है। उन्होंने वंदना कटारिया के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, यतीश्वरानन्द, विधायक आदेश चौहान, देशराज कर्णवाल, सचिव हरि चन्द्र सेमवाल एवं वंदना कटारिया के परिवारजन मौजूद थे।

राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय के लिए 56 लाख रूपए स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद हरिद्वार में जिला महिला चिकित्सालय में 200 शैयायुक्त मातृ एवं शिशु वार्ड के निर्माण कार्य के लिये प्रथम किस्त के रूप में 07 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना के लिये प्रथम किस्त के रूप में 56 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड भटवाड़ी के अन्तर्गत राजकीय इण्टर कालेज मुस्टिक सौड़ में बहुउदेश्यीय भवन के निर्माण हेतु 10 लाख की धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही देहरादून से मसूरी ट्रैकिंग मार्ग के विकास व सौन्दर्यीकरण हेतु 75.90 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही 30 लाख अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही जनपद पौड़ी के विकासखण्ड कोट के ग्राम घिड़ी में 02 कक्षों के विश्राम गृह का निर्माण कार्य हेतु 24.63 लाख, विधानसभा क्षेत्र कलियर के वट वृक्ष शहीद स्मारक जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को फांसी दी गयी थी, उक्त शहीद स्मारक का सौन्दर्यीकरण किये जाने हेतु 15.55 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। पर्यटन विभाग के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी में 34 नग अस्थाई फ्लैक्सी शौचालयों व मूत्रालयों का निर्माण व मरम्मत हेतु 18.98 लाख की वित्तीय स्वीकृति भी मुख्यमंत्री ने प्रदान की है।

कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर गये नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड में अपना चार दिवसीय प्रवास पूरा कर सोमवार को लौट गए। जाने से पहले वह संगठन और सरकार को खास पांच मंत्र दे गए। तीन दिन चली मैराथन बैठकों में शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं से हुए संवाद में उन्होंने साफ किया कि 2022 और 2024 में मिशन इलेक्शन का लक्ष्य हिंदुत्व कार्ड, मोदी मैजिक, मजबूत और सक्रिय सांगठनिक नेटवर्क, निरंतर प्रवास और सहज आचरण से ही सधेगा।
ये सारी बातें नड्डा के विचारों और आचरण से बार-बार सामने आई। अपने 120 दिन के देशव्यापी प्रवास की शुरुआत उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड से यूं नहीं की। कुंभनगरी हरिद्वार के गंगा तट हर की पौड़ी से प्रवास की शुरुआत के विशेष निहितार्थ हैं। बेशक नड्डा कहें कि यह उनकी दिली इच्छा थी, लेकिन सियासी जानकार इसे आरएसएस और भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा मानते हैं। नड्डा ने गायत्री परिवार के संचालक उन प्रणव पंड्या से मुलाकात की, जिनकी संस्था के देश दुनिया में करीब 20 करोड़ अनुयायी हैं। 
उत्तराखंड में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रवास अमित शाह ने भी किया था। शाह के दौरे के अनुभव के आधार पर पार्टी नेताओं ने नड्डा के दौरे को लेकर उसी तरह की धारणाएं बनाई थी, लेकिन शाह के आक्रामक रुख से जुदा नड्डा ज्यादा सहज और संतुलन साधते नजर आए।

अनुभवी और हिमाचली होने के फायदा
उनकी बातों ने सरकार और संगठन दोनों को सहज किया। कोविडकाल की बंदिशों के बीच पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं से उन्होंने जितना भी संवाद बनाया, उसमें उन्होंने निरंतर प्रवास पर फोकस किया। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर शक्ति केंद्र के मुखिया और उसकी टीम को निरंतर प्रवास करने की सलाह दी। बदलती राजनीतिक चुनौती से मुकाबला करने के लिए उन्होंने सांगठनिक नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया। उनका मानना था कि भाजपा को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर लड़ेंगे, लिहाजा पार्टी को उसी हिसाब से तैयारी करनी है। इसके लिए उन्होंने अपना एजेंडा तय करने का मंत्र दिया।
नड्डा का यह मंत्र पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल, केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चाशनी में लिपटा है, जिसे जन जन के कान में फूंकने की उनकी योजना है। इससे साफ हो गया कि प्रदेश में पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता की जुबान पर मोदी ही नजर आएंगे। सांगठनिक नेटवर्क की रीढ माने जाने वाले जमीनी कार्यकर्ता के बीच भी उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि संगठन नेतृत्व के जेहन में उनका सबसे ज्यादा ख्याल है। जिला, मंडल और बूथ अध्यक्ष के साथ मंच साझा करना इसी रणनीति का हिस्सा माना गया। साथ ही इसे प्रदर्शित करके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सहजता का संदेश भी दिया। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रवास के दौरान पहाड़ के मर्म पकड़ पाए। उन्होंने कहा भी, मैं पहाड़ी हूं, इसलिए पहाड़ का दर्द खूब समझता हूं। उन्होंने पहाड़ पर महिलाओं के संघर्ष को बयान किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ हिमाचल का हो या उत्तराखंड का, संघर्ष दोनों ही जगह समान है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की उज्ज्वला और सौभाग्य योजनाओं का जिक्र किया, कहा कि दोनों योजनाओं ने पहाड़ के लोगों और महिलाओं का संघर्ष कम किया है।

गंगा स्नान को प्रशासन ’ना’, गाइडलाइन का पालन करे

हरिद्वार में 30 नवंबर के कार्तिक पूर्णिमा (पूर्णमासी) के गंगा स्नान को प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए रद कर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए 29 और 30 नवंबर को हरिद्वार जिले की सीमाएं सील रहेंगी। हरकी पैड़ी पर स्नान पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान रद्द होने के बाद हरकी पैड़ी पर कोई भी यात्री या फिर स्थानीय व्यक्ति स्नान को न पहुंच सके इसके लिए हरकी पैड़ी पर पुलिस का पहरा होगा। हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए नगर कोतवाली पुलिस ने दो प्लाटून पीएसी के अलावा 20 दरोगा और 50 कांस्टबल की मांग की है।
हरिद्वार में 30 नंवबर को होने वाले कार्तिक पूणिमा के स्नान पर रद्द कर दिया गया है। साथ ही सीमाओं पर चैकसी बढ़ाने की तैयारी है। सीमाओं को सील किया जाएगा, ताकि कोई भी यात्री हरिद्वार में न आ सकें। स्थानीय लोगों के लिए भी हरकी पैड़ी पर प्रतिबंध किया गया है। उधर श्रीगंगा सभा और व्यापारी इसका विरोध कर चुके है। इनका कहना है कि हरकी पैड़ी को प्रतिबंध से मुक्त किया जाए। बीते बुधवार को प्रशासन के साथ हुई बैठक में व्यापारी और गंगा सभा के पदाधिकारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी।
जिला प्रशासन के आदेशों के पालन के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार हो गई है। हरकी पैड़ी पर स्नान के दिन पुलिस का पहरा रहेगा। हरकी पैड़ी, सीसीआर टॉवर समेत अन्य जगह बैरिकेडिंग भी की जाएगी। इसके लिए दो प्लाटून पीएसी के साथ ही 20 दरोगा और 50 पुलिसकर्मियों की मांग की है। यह पुलिसकर्मी स्नान के दिन ड्यूटी करेंगे। नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि स्नान के रद्द होने के बाद पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए डिमांड भेज दी गई है।

अपने घरों में ही मां गंगा का स्मरण कर स्नान करें-अशोक कुमार
पुलिस महानिदेशक लाॅ एंड आर्डर उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कोविड-19 के दृष्टिगत, 30 नवम्बर 2020 को कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी श्रद्धालुओं से विशेष अपील। उन्होंने कहा कृपया प्रशासन का सहयोग करें और कोरोना काल में अपने घरों में ही मां गंगा का स्मरण कर स्नान करें। आप सभी से अनुरोध है इस वर्ष 30 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर स्नान करने हरिद्वार न आएं।

सीएम ने की कुंभ मेला की समीक्षा, हरिद्वार-ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला 2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कुम्भ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा। मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए। कुम्भ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन किया जाना है। इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा। कुम्भ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिये जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों व होटलों को कोविड के दृष्टिगत क्या करें और क्या न करें, की मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासम्भव प्रशिक्षित किया जाए। सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस पर लगभग 35 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है। हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है। एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है। बाईक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे कुम्भ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी। अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे।

बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, नितेश झा, शैलेश बगोली, सौजन्या, पंकज पाण्डेय, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुन्ज्याल आदि उपस्थित रहे।

इस वर्ष भी आयोजित होगी छड़ी यात्रा, कुंभ मेले को लेकर तैयारियां शुरु

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा। सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने व्यापक विचार विमर्श किया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार के साथ ही शासन के उच्चाधिकारी एवं मेले से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं। कोविड के कारण उत्पन्न समस्याओं का तत्समय आभास नहीं था। पूरा विश्व इस संकट का सामना कर रहा है। इससे सभी स्तरों पर कार्यों की गति में अवरोध पैदा हुआ है उन्होंने कहा कि इस दौरे से भी हम निजात पायेंगे तथा संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संत महात्माओं को उनकी अगुवाई में राम मन्दिर निर्माण के शिलान्यास के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमारे संत महात्माओं ने भी अपना बलिदान दिया। आखिर वह शुभ दिन आया जब प्रधानमंत्री ने श्री राम के भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन में सभी अखाड़ों का सहयोग मिल रहा है। अखाड़ों की सुविधा के लिये भी सभी व्यवस्थायें की जा रही हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लायी गई है। कोरोना के कारण इसकी गति कुछ धीमी जरूर हुई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयाग राज कुम्भ की भांति अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मेलाधिकारी दीपक रावत द्वारा निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि, महन्त प्रेम गिरि, महन्त महेश पुरी, महन्त सत्यगिरि, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रहमचारी, महन्त सोमेश्वरानन्द ब्रहमचारी, महन्त ओंकार गिरि, महन्त रविन्द्र पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

राहत शिविर से फरार हुए युवकों पर मुकदमा दर्ज

सोमवार आधी रात को हरिद्वार जिले में स्थित लक्सर के एक बैंकट हॉल में बनाए गए राहत शिविर से दो युवक दीवार फांदकर फरार हो गए। मंगलवार को गिनती के दौरान दो लोग कम मिलने पर हॉल की सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इसमें दोनों लोग दीवार फांदकर जाते हुए दिखाई दिए। कैंप प्रभारी बीडीओ ने दोनों के खिलाफ लक्सर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेशों से अपने घरों को जा रहे मजदूरों को लक्सर में रोक दिया था।
लक्सर में बैंकट हाल, सत्संग भवन, स्कूल और कॉलेजों में कई राहत शिविर बनाए गए थे। इन शिविरों में दूसरे प्रदेश के इन लोगों को क्वारंटीन किया गया था। प्रशासन के मुताबिक इन सभी पांचों राहत शिविरों में लगभग दो सौ से अधिक कामगार प्रवासी रह रहे हैं। एक बैंकट हाल में इस समय 51 लोग रुके हुए थे। मंगलवार सुबह जब एक संस्था की ओर से यहां खाना बांटा जा रहा था तो इस दौरान कैंप के बाहर ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों ने उन लोगों की गिनती की। इसमें कैंप में केवल 49 लोग मौजूद मिले। जानकारी मिलने पर शिविर के प्रभारी बीडीओ लक्सर चंदन लाल राही शिविर में पहुंचे। इस दौरान जब बैंकट हाल के सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो दो लोग जाते दिखे।
जांच में उत्तर प्रदेश के संभल निवासी सतिया पुत्र वेद प्रकाश और मुरादाबाद का गुड्डू पुत्र मंतेराम गायब मिले। एसडीएम के आदेश पर बीडीओ चंदन लाल राही ने दोनों लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। कोतवाली के एसएसआई अभिनव शर्मा ने बताया कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही उनकी तलाश की जा रही है।

मेले से संबंधित जितने भी पुल है, उनका निर्माण समय सीमा के अंदर होः सीएम

बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके।

उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होंगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सीमांकन के साथ ही नये क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधायें विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विभागों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर वांछित धनराशि के वास्तविक आगणन का प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा।

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