डेंगू को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में दिये अतिरिक्त बैड बढाने के दिये निर्देश, सफाई व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखें अस्पताल

हरिद्वार। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का अभियान लगातार जारी है। आज स्वास्थ्य सचिव का काफिला हरिद्वार जनपद पहुंचा। जहां स्वास्थ्य सचिव ने जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और उपजिला मेला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद में डेंगू रोकथाम अभियान का जायजा लिया। निरीक्षण में खामियों पर स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थायें जल्द दुरूरत करने के निर्देश दिये। अस्पतालों में सफाई व्यवस्थाओं पर भी सचिव स्वास्थ्य ने कडी नाराजगी जाहिर की।

वहीं सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आर राजेश कुमार ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत की और व्यवस्थाएं परखीं। डॉ आर राजेश कुमार ने सभी चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों के लिए अतिरिक्त बैड की व्यवस्था रखने, आइसोलेशन वार्ड बनाने तथा त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने जिला महिला चिकित्सालय के एम0सी0एच0 विंग का निरीक्षण किया और एक माह के अंदर कार्य पूर्ण करने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये। ताकि जनता को इसका लाभ जल्द से जल्द मिलने लगे। इसके साथ ही उन्होंने उपजिला मेला चिकित्सालय के जिरियाट्रिक वार्ड का भी निरीक्षण किया।

स्वास्थ्य सचिव ने किया मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण
सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आर राजेश कुमार ने हरिद्वार जनपद में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर0 राजेश कुमार ने कहा यह कॉलेज भविष्य में हरिद्वार के लिये वरदान साबित होगा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के बनने के बाद जहां स्वास्थ्य सुविधाओं में ईजाफा होगा। वहीं मेडिकल की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अवसर बढ जायेंगे। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज के खुलने से आस-पास के स्थानीय लोगों के लिए कई तरह के रोजगार के अवसर भी बढेंगे।

आपको बता दें कि यह मेडिकल कॉलेज लगभग 67 एकड मंे फैला हुआ है। इस मेडिकल के निर्माण की लगात लगभग 538 करोड़ रूपये है। जिसमें से लगभग 309 करोड रूपये सरकार द्वारा इसके निर्माण के लिए जारी किये जा चुके हैं। 2024 के अंत तक यह मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जायेगा। निरीक्षण के दौरान सी0एम0ओ0 डॉ मनीष दत्त, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह रैना, ए0सी0एम0ओ0 डॉ आर0के0 सिंह, डॉ गुरनाम सिंह, मलेरिया अधिकारी सी0एम0 कंसवाल, डॉ तरुण, डॉ पंकज सिंह, डॉ अजय कुमार, सहित जनपद के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कोरोनेशन-गांधी जिला अस्पताल व डेंगू कंट्रोल रूम का स्वास्थ्य सचिव ने किया औचक निरीक्षण, खामियों पर लगाई अधिकारियों को फटकार

देहरादून। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच शासन-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार समीक्षा बैठकों के साथ ही ग्रांउड जीरो पर जाकर अस्पतालों में हालातों का जायजा ले रहे हैं। आज रविवार को छुट्टी के दिन भी स्वास्थ्य सचिव पूरी तरह से मुस्तैद नजर आये। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोरोनेशन-गांधी जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में इमरजेंसी की व्यवस्थाओं पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। वहीं सेंट्रल पैथोलॉजी के बंद हाने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पैथोलॉजी को व्यवस्थित तरीके से प्रतिदिन खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रात्रि 8 बजे तक मरीजों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट ली जाये। वहीं उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से अस्पताल में मिल रहे इलाज और सुविधाओं को लेकर भी बात की। इलाज को लेकर मरीजों की विभिन्न शिकायत पर उन्होंने संबधित अधिकारियों को व्यवस्थाओं को जल्द सुचारू करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य सचिव में औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ संजय जैन, सहायक निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय डॉ मंयक बडोला, दून मेडिकल कॉलेज से डॉ महेन्द्र पंत, डॉ अजय नागरकर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना मौजूद रहे।

गांधी अस्पताल में शुरू होगा 100 बैड का डेंगू वार्ड
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का काफिला गंाधी अस्पताल पहुंचा। जहां उन्होंने अस्पताल के निरीक्षण के पाया कि यहां लगभग 100 बैड का डेंगू वार्ड शुरू किया जा सकता है। जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले 24 घंटे में गांधी शताब्दी अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए डेंगू वार्ड शुरू किया जाये। स्वास्थ्य सचिव ने गांधी अस्पताल में खुल ब्लड स्टोरेज सेंटर को पूर्णकालिक ब्लड बैंक में तब्दील करने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि मरीजों को रक्त की कमी न हो।

कंट्रोल रूम का 104 के साथ होगा समन्वय
कोरोनेशन और गांधी अस्पताल के बाद स्वास्थ्य सचिव अपनी टीम के साथ सहस्रधारा आईटीडीए में स्थापित डेंगू कंट्रोल रूम पहुंचे। जहां उन्होंने तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य के सभी जिलों से सूचाओं को आदना प्रदान हो सके इसकेक लिए डेंगू कंट्रोल रूम और 104 सेवा का आपसी समन्वय होगा। जिसके बाद राज्य में डेंगू मरीजों के प्रतिदिन का आंकड़ा जारी किया जायेगा। हम सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर जरूरतमंदों को समय पर इलाज मिले इस पर कार्य कर रहे हैं।

फागिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्दश
स्वास्थ्य सचिव ने नगर निगम अधिकारियों को निर्दश दिये कि फोगिंग को पहले की अपेक्षा और अधिक प्रभावी बनाया जाये। नोटिफिएड इलाकों में बार-बार फोगिंग की जाये। इसके साथ ही घरों में डेंगू का लार्वा जमा न हो इसको लेकर जन जागरूकता अभियान लगातार जारी रखा जाये।

अधिक पैसे वसूलने वालों पर होगी कार्रवाई
राज्य में डेंगू मरीजों को समुचित इलाज मिले इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। स्वास्थ्य सचिव राज्य के सभी अस्पतालों से लगातार फीड बैक ले रहे हैं। अस्पतालों में दवाईयों व अन्य किसी प्रकार के उपकरणों की कोई कमी न हो इसको लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा सरकारी के साथ निजी अस्पतालों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। जहां से भी शिकायतें आ रही हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। डेंगू मरीजों को आयुष्मान के तहत इलाज न देने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

ई-रक्तकोश पोर्टल को अपडेट रखने के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए कहा हर दिन सुबह शाम ई-रक्तकोष पोर्टल में डेटा एकत्र किया जायेगा। इसके होने से अगले दिन हमें रक्त की पूरी जानकारी मिल जायेगी। कितनी कमी है किस ब्लड ग्रुप के रक्त की ज्यादा डिमांड है। उसके अनुरूम हमें व्यवस्थाओं को बनाने में मदद मिलेगी।

डेंगू पीड़ितों के लिए करें रक्तदान
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। बीमारी के दौरान खून में प्लेटलेट की संख्या 50 हजार से कम होने लगे तो खतरा बढ़ जाता है और आम तौर पर डाक्टर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव देते हैं।ज्यादातर अस्पतालों में ब्लड प्लेटलेट की मांग बहुत बढ़ गई है और उसकी उपलब्धता बहुत कम है। इसकी आपूर्ति के लिए जरूरी है कि हम स्वैच्छिक रक्तदान करें जिससे कि गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके। स्वास्थ्य सचिव ने कहा उन्होंने खुद एक मरीज की जान बचाने के लिए कुछ समय पूर्व रक्तदान किया था। आम जनता से अपील करते हुए कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को आगे आयें।

स्टेट एआरटी व सरोगेसी बोर्ड की द्वितीय बैठक में लिये गये अहम फैसले

राज्य में एआरटी व सरोगेसी क्लीनिक एवं बैंकों की स्थापना के लिये प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जायेगा। इसके लिये राज्य नोडल अधिकारी को अभी तक प्राप्त आवेदनों के सत्यापन में तेजी लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। एआरटी व सरोगेसी एक्ट से संबंधित प्रकरणों की जानकारी प्राप्त करने एवं दुरूपयोग को रोकने के लिये एक हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जायेगा जोकि स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नम्बर 104 से लिंक किया जायेगा। इसी के साथ राज्य स्तरीय बोर्ड में दो विशेष अमंत्रित सदस्य नामित किये जायेंगे।

सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में राज्य एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड की द्वितीय बैठक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सम्मपन्न हुई, जिसमें एआरटी व सरोगेसी क्लीनिक तथा एआरटी बैंकों की स्थापना को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बोर्ड के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने बताया कि राज्य में एआरटी क्लीनिक लेवल-1 के लिये 06 आवेदन तथा लेवल-2 के लिये 22 आवेदन विभिन्न मेडिकल संस्थानों से प्राप्त हुई। जबकि सरोगेसी क्लीनिक के लिये 07 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें एम्स ़ऋषिकेश सहित अन्य निजी अस्पताल व नर्सिंग होम शामिल है। इसी प्रकार एआरटी बैंक के लिये प्रदेशभर से 08 आवेदन प्राप्त हुये हैं। बोर्ड बैठक में प्राप्त आवेदनों के आधार पर जिन संस्थानों द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करा दिया गया है उनका शीघ्र निरीक्षण करा कर पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश बोर्ड सचिव व राज्य नोडल अधिकारी को दे दिये गये हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि एआरटी व सरोगेसी से संबंधित जानकारी, सुझाव प्राप्त करने तथा सरोगेसी के व्यवसायीकरण एवं दुरूपयोग को रोकने के लिये एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जायेगा जो कि स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नम्बर 104 से लिंक रहेगा। इसके अतिरिक्त बैठक में सीएमओ की अध्यक्षता में शीघ्र जिला मेडिकल बोर्ड गठन की कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक जनपद में मेडिकल बोर्ड की पृथक लॉगइन आईडी खोलने के निर्देश दिये गये ताकि सरोगेसी व एआरटी का लाभ लेने वाले दम्पतियों को समय पर जिला मेडिकल बोर्ड की संस्तुति मिल सके। बैठक में निर्णय लिया गया है कि बोर्ड बैठक में प्रतिभाग के लिये आने वाले गैर सरकारी सदस्यों एवं निरीक्षण टीम के सदस्यों को टीए-डीए दिये जाने का निर्णय भी लिया गया। इसके अतिरिक्त बोर्ड में एक महिला व एक पुरूष को विशेष आमंत्रित सदस्य नामित करने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में बोर्ड सदस्य विधायक कैंट सविता कपूर, विधायक भगवानपुर ममता राकेश, प्रमुख सचिव न्याय नरेन्द्र दत्त, अपर सचिव स्वास्थ्य व सदस्य सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, डॉ. लतिका चावला, डॉ. मीनू वैश्य, डॉ. अनीता रावत, श्रीमती बिंदुवसिनी, सुश्री हेमलता बहन, लॉरेन्श सिंह, अरूणा नेगी चौहान, डॉ. सुनीता चुफाल, डॉ अमलेश सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक्शन मोड में स्वास्थ्य सचिव, नैनीताल जिला अस्पताल में अब्यस्थाओं पर लगाई अधिकारियों को फटकार

नैनीताल। ट्रेनिंग से वापस आते हैं एक बार फिर पहले की तरह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार पूरी तरह एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। विगत एक माह से स्वास्थ्य सचिव मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षणरथ थे। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद ज्वाइन करते ही स्वास्थ्य सचिव ने ग्राउंड जीरो पर बवस्थाओं को परखना शुरु कर दिया है। बिना समय गवाएं स्वास्थ्य सचिव कुमाऊ दौरे पर निकल गये। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने नैनीताल जनपद के जिला अस्पताल बीडी पांडे का निरीक्षण किया। अस्पताल पहुँचने पर पीएमएस डॉ. एलएमएस रावत व अस्पताल स्टाफ ने उनका पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।

उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव डॉ.राजेश कुमार ने जिला अस्पताल बीडी पांडे का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सर्जिकल वार्ड ,जिरियाट्रिक वार्ड, ऑर्थाे वार्ड, आइसीईयू , चिल्ड्रन वार्ड समेत अन्य वार्डाे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साफ़ सफाई को लेकर नाराजगी व्यक्त की, स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल में सीएमओ को सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, साथ ही वार्डाे के बेडों व बेडशीट्स को बदलने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार ने निर्देश देते हुए कहा आपातकालीन केस आने पर डॉक्टर उपस्थित रहे।

इस दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों का हाल भी जाना और मरीजों से अस्पताल की व्यवस्थाओं व सुविधाओं को लेकर जानकारी प्राप्त की जिस पर उन्हें कोई शिकायत नही मिली। वही पीएमएस से डॉक्टरों की जानकारी ली गई लेकिन पीएमएस को डॉक्टरों की जानकारी न होने पर भी स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की। इसके अलावा उन्होंने अस्पताल में खराब स्वास्थ्य उपकरण हटाकर नए उपकरण लाने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने हेल्थ एटीएम को जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए ,ताकि अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकें। साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यदि अस्पताल आने वाले मरीजों द्वारा कोई शिकायत मिली या मरीजों के साथ लापरवाही की हुई बर्दाश्त नही की जाएगी।
वही स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में नर्सों की कमी को पूरा किया जाएगा, जल्द ही एक हजार से अधिक नर्सों की नियुक्ति की जाएगी।

इस दौरान डायरेक्टर तारा आर्य, सीएमओ भागीरथी जोशी, पीएमएस डॉ.एलएमएस रावत, डॉ.अनिरुद्ध गंगोला, डॉ.एमएस रावत, वार्डन शशिकला पांडे, कुंदन बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

बिना प्रार्थना पत्र ड्यूटी से नदारद कर्मचारियों का स्पष्टीकरण लेने के दिए निर्देश

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर में पड़ी गंदगी देख मंत्री डा. अग्रवाल ने अस्पताल के अधिकारियों को फटकार लगाई। डा. अग्रवाल ने बिना प्रार्थना पत्र दिए ड्यूटी से नदारद चिकित्सकों व कर्मचारियों का स्पष्टीकरण लेने के लिए भी सीएमएस डा. प्रदीप कुमार चंदोला को निर्देशित किया। इस दौरान डा. अग्रवाल ने मरीजों का हाल भी जाना। साथ ही चिकित्सकों को दवाई अस्पताल से ही लिखने के लिए निर्देशित किया।

मंत्री डा. अग्रवाल ने अचानक राजकीय चिकित्सालय पहुंचे। यहां उन्होंने सर्वप्रथम साफ सफाई का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल परिसर पर पड़े कूड़े-करकट को देख मंत्री डा. अग्रवाल ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने नियमित सुबह व रात्रिकाल में सफाई करने के निर्देश दिए।

डा. अग्रवाल ने इसके बाद चिकित्सकों व कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका जांची। इसपर चिकित्सक व कर्मचारी ड्यूटी पर बिना प्रार्थना पत्र दिए नदारद दिखे। इस पर मंत्री डा. अग्रवाल ने सीएमएस को स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।

डा. अग्रवाल ने सीएमएस को कहा कि चारधाम यात्रा सिर पर है, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी।

डा. अग्रवाल ने कहा कि रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में रोगियों को दवा अस्पताल से ही दी जाएं। बाहर से दवा लिखने की शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी।

इस मौके पर सीएमएस डा. प्रदीप कुमार चंदोला, मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, मंडल प्रभारी राजकुमार राज, पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र मोंगा, जिला उपाध्यक्ष प्रतीक कालिया, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बृजेश शर्मा, जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सतीश सिंह, मंडल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा मनोज जैन, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष जगावर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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पांच जनपदों के 38 स्वास्थ्य केन्द्रों पर संचालित की जा रही है शहरी स्वास्थ्य मिशन योजना

राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। राज्य सरकार विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। इसी क्रम में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के पांच जनपदों के 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शहरी गरीब आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। योजना के अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष में चार लाख से अधिक मरीजों को निःशुल्क उपचार दिया गया जबकि ई-संजीवनी के माध्यम से 1 लाख 16 हजार से अधिक लोगों को टेलीकांसल्टेंसी सुविधा दी गई।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की गरीब आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये दृढ संकल्पित है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के पांच जनपदों देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर की शहरी आबादी के लिये राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाएं संचालित की जा रही है। योजना के तहत 38 शहरी प्राथमिक केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें देहरादून, हरिद्वार, रूड़की एवं हल्द्वानी में लोक निजी सहभागिता (एनजीओ) के माध्यम से प्राथमिक केन्द्र स्थापित किये गये हैं जबकि 11 प्राथमिक केन्द्र राजकीय सहभागिता से संचालित किये जा रहे हैं। इन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक चार लाख 19 हजार 714 मरीजों का इलाज किया गया। इसके साथ ही ए.एन.सी. के लिये 23 हजार 456 गर्भवतियों का पंजीकरण कराया गया, जबकि एक लाख 72 हजार 654 विभिन्न पैथालोजी जांच की जा चुकी है। विभागीय मंत्री ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में भी काम कर रही हैं, जिसमें स्वास्थ्य गतिविधियों के साथ-साथ योग सत्र भी शुरू कर दिये गये हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य केन्द्रों पर ई-संजीवनी रेफरल संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत अबतक 1 लाख 16 हजार 555 टेलीकांसल्टेंसी प्रदान की जा चुकी है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 1114 महिला आरोग्य समितियां कार्यरत हैं जो शहर की मलिन बस्तियों में महिला स्वास्थ्य जागरूकता, सशक्तिकरण, आजीविका संवर्धन आदि विभिन्न गतिविधियों के संचालन में सहयोग करेंगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बेहतर कार्य करने के लिये सेलमपुर, रूड़की के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को वर्ष-2022 के लिये कायाकल्प गुणवत्ता पुरस्कार भी मिल चुका है। इसी योजना के अंतर्गत भूपतवाला, जनपद हरिद्वार तथा मेहूंवाला जनपद देहरादून में 30-30 बेड के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापित की जा रही है जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत यूपीएचसी में निःशुल्क डायग्नोस्टिक सेवाएं भी शुरू कर दी गई है, जिसके तहत 53 जांचों का अतिरिक्त लाभ शहरी गरीब आबादी को मिल सकेगा।

शहरी स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्य
सूबे में संचालित शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी आबादी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल, टीकाकरण, ए.एन.सी., पी.एन.सी की सेवाएं देना तथा परिवार कल्याण की स्थाई एवं अस्थाई विधियों हेतु पात्र दम्पतियों संदर्भित करना है। इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों राष्ट्रीय कार्यक्रमों को संचालित कराना, सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में भी संचालित करना है।

कोविड गाइडलाइन की सही जानकारी न होने पर खबर प्रसारित न करेंः राजेश कुमार

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा सोशल मीडिया में यह प्रचारित किया जा रहा है कि उत्तराखंड में पर्यटकों का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि ऐसी कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है। राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए वर्तमान मे कोविड-19 जांच की कोई बाध्यता नहीं है हालांकि किसी भी प्रकार के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र में संपर्क किया जाना आवश्यक है। यदि किसी भी व्यक्ति को लक्षण होते हैं तो वह अपनी कोविड-19 जांच करवाएं।
पर्यटकों को किसी प्रकार के घबराने व डरने की जरूरत नहीं है। राज्य में स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं। पर्यटक बिना रोक टोक के राज्य में यात्रा कर सकते हैं।

’भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर मास्क जागरूकता को चलाया जा रहा है अभियान’

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रसाशन की टीमें आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही हैं। हम सभी को मास्क पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आम जनमानस को मास्क पहनने वह कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन किए जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने तथा सतर्कता बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

’एयरपोर्ट व राज्य की सीमाओं पर अभी नहीं होगी सेम्पलिंग’

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा प्रदेश के एयरपोर्ट व सीमाओं पर अभी किसी भी प्रकार की सेम्पलिंग के आदेश नहीं दिए गए हैं। सभी पूर्व की भांति चलता रहेगा। यात्री किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।

’राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में’

राज्य में बूस्टर डोज को लेकर अभियान शुरू कर दिया गया है।
यदि किसी व्यक्ति को कोविड-19 की प्रिकॉशनरी डोज नहीं लगी है तो वह शीघ्र अति शीघ्र यह डोज प्राप्त करें। राज्य में कोविड को लेकर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हमारे पास दवाइयों से लेकर सभी संसाधन पूरे हैं। हम भारत सरकार की गाइडलाइंस को देखकर आगे बढ़ रहे हैं।

कृमि संक्रमण रोकने के लिये जरूरी है दवा का सेवनः रावत

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज श्री गुरू नानक पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज प्रेमनगर देहरादून में बच्चों को कृमिनाशक दवा खिला कर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेशभर में 43.55 लाख बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जायेगी। जिसमें स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों की बड़ी भूमिका होगी। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को शिक्षा विभाग सहित अन्य रेखीय विभागों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने श्री गुरू नानक पब्लिक गर्ल्स इंटर कॉलेज प्रेमनगर में छात्राओं को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई। डॉ0 रावत ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, बच्चे स्वस्थ रहेंगे तो देश का भविष्य उज्ज्वल होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश भर के सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 01 से लेकर 19 आयु वर्ग के 43.55 लाख बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कृमिनाशक दवा अल्बेंडाजॉल खिलाई जायेगी। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को शिक्षा विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है। विभागीय मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये 56453 कार्मिकों को तैनात किया गया है। जिसके अंतर्गत 11888 आशाएं, 22815 अध्यापक, 20067 आंगनबाडी कार्यकत्रियां, 2673 एएनएम शामिल है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर दवा खाने से छूट गये बच्चों को 17 अक्टूबर को मॉप-अप दिवस पर कृमिनाशक दवा खिलाई जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एल्बेंडाजोल दवा बच्चों को दी जानी अनिवार्य है, ताकि पेट में होने वाले कीड़े या कृमि को खत्म कर बच्चों को स्वस्थ रखा जा सके।

कार्यक्रम में प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेती सहित विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

स्कूली बच्चों को दी मानसिक रोग से बचाव की शिक्षा

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने मानसिक रोग से बचाव को जागरूकता अभियान चलाया। विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को मानसिक रोग से बचाव को जागरूक किया।

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट द्वारा सरस्वती विद्या निकेतन जूनियर हाई स्कूल वीरभद्र में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेस सिंह ने विश्व मानसिक रोग दिवस की अवधारणा, स्थापना, मानसिक रोगों के लक्षण, मानसिक रोगों के प्रकार, उनके कारक व उनसे उबरने व बचावों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जागरूकता व समय से उचित इलाज ही इस रोग से छुटकारा दिला सकता है। उन्होंने विभिन्न चार्ट व पोस्टरों, प्रश्नोत्तरी, खेल व रोल प्ले द्वारा मानसिक रोगों पर विस्तृत चर्चा की एवं मानसिक रोगों पर विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सरल भाषा में दिए। प्रिंसिपल विमला रावत ने मानसिक रोगों की जागरूकता को बहुत ही आवश्यक कदम बताया। कहा कि अब समय आ गया ही कि मानसिक रोगों को छुपाने की बजाए उचित उपचार किया जाए। मौके पर ट्रस्ट सचिव सैमुएल हर्बर्ट, अनिता पयाल, पूनम, सावित्री थापा, गिडियन सिंह, रमा घपोला आदि उपस्थित रहे।

चिकित्सा के क्षेत्र में एम्स के ट्रामा रथ की पहल कारगर साबित होगीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से एम्स के ट्रामा रथ का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा ट्रामा रथ के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों और अन्य विद्यालयों में जाकर आम लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूक करने एवं प्रशिक्षित करने का अभियान छेड़ा है, यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। चिकित्सा के क्षेत्र में इस तरह की पहल कारगर साबित होंगी।

एसोसिएट प्रो. एम्स ऋषिकेश डॉ. मधुर उनियाल ने कहा कि 11 से 17 अक्टूबर तक ट्रामा सप्ताह के तहत एम्स ऋषिकेश का ट्रामा रथ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अन्य विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं तथा आम जनमानस को चिकित्सा के प्रति तात्कालिक सहायता और आवश्यक इलाज की जानकारी देगा एवं उन्हें प्रशिक्षित करेगा। यह ट्रामा रथ उत्तराखंड के आम जनमानस में ट्रॉमा चिकित्सा के प्रति जन जागरूकता लाकर उन्हें दुर्घटना के दौरान किस प्रकार से फर्स्ट ऐड दिया जाता है और घायल व्यक्ति की जान कैसे बचाई जा सकती है, इसका प्रशिक्षण देगा। सप्ताह भर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत ट्रॉमा रथ अलग अलग दिनों में अलग अलग स्थानों पर एम्स के ट्रॉमा विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।

इस अवसर पर विधायक सुरेश गड़िया, डॉ. अजय कुमार, डॉ. कमलेश बैरवा, डॉ. पी. सी. मीणा, डॉ. दिनेश पंचाल उपस्थित थे।