योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से रह सकते हैं स्वस्थः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘योग’ भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोड़ने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताते हुए कहा कि योग में मन और चित्त की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश में मुख्य कार्यक्रम परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित किया जायेगा जबकि विभिन्न जनपदों में भी 75 चयनित स्थलों पर योग के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्य स्थल परमार्थ निकेतन ऋषिकेश का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिये।
वर्तमान में प्रदेश में योग व नेचुरोपैथी व सिद्धा चिकित्सा पद्धति के लिये आयुर्वेद निदेशालय को जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा 70 चिकित्सालयों को आयुष हैल्थ एवं वेलनेस केन्द्र के रूप में उच्चीकृत किया गया है। गत वर्ष से आयुष विभाग द्वारा कोविड हैल्प डेस्क की स्थापना कर कोविड व पोस्ट कोविड रोगियों को आयुष सम्बन्धी टेली परामर्श प्रदान किया जा रहा है ।
प्रदेश में आयुष शिक्षण संस्थानों में स्नात्तकोत्तर छात्रों द्वारा विभिन्न शोध कार्य भी संपादित किये जा रहे हैं, जिनको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित किया जाता है। राज्य के विभिन्न आयुष शिक्षण संस्थानों से 166 छात्र शोध पूर्ण कर स्नात्तकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर देश के विभिन्न आयुष शोध संस्थानों / महाविद्यालयों में सेवायें प्रदान कर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का पुनर्गठन करते हुए इसे उत्तराखण्ड आयुष विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। राज्य में योग शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में कार्य कर रहे समस्त केन्द्र, समस्त स्पा एवं मसाज सेन्टर तथा अन्य संस्थानों का राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार निःशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। योग और नेचुरोपैथी के विकास के लिए प्रदेश में राज्य स्तरीय संस्थान की स्थापना की भी योजना है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को सुदृढ किए जाने हेतु निदेशालय, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखण्ड के अंतर्गत एक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।

चाइनीज मांझा कितना खतरनाक है, इस लेख के जरिए जानिए..

यदि आपका बच्चा पतंग उड़ाता है या फिर उड़ाने का शौक रखता है तो जरा सावधान हो जाइये। इस खबर को पूरा विस्तार से पढ़ें।

पतंग उड़ाने के लिए जिस डोर को उपयोग में लाया जाता है, उसे मांझा कहते है और पंतगबाज एक-दूसरे की पतंग को काटने के लिए ऐसे मांझे का उपयोग करते है तो किसी धारदार हथियार से भी ज्यादा तेज हो। ऐसे में वह चाइनीज मांझे का उपयोग करते है, क्या आप जानते हैं कि यह चाइनीज मांझा आपके बच्चे के लिए कितना खतरनाक हो सकता है या इसके क्या गंभीर परिणाम भी सामने आ रहे है, बावजूद जब सरकार की ओर से चाइनीज मांझे को प्रतिबंधित किया गया है।

चाइनीज मांझा को लेकर बीते दो माह में ही तीर्थनगरी में अलग-अलग परिणाम सामने आए हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि यह घटनाक्रम ऐसे लोगों के साथ हुआ है जो पतंग नहीं उड़ाते हैं, अब आप सोच सकते हैं कि जो बच्चे इस चाइनीज मांझे का उपयोग पतंग उड़ाने में करते है, उनके लिए यह कितना खतरनाक होगा। आपके बच्चे की अंगुलियां जरूर कटी-फटी होंगी।

1. बीते रोज प्रतिष्ठित समाजसेवी, पूर्व सभासद व वर्तमान कांग्रेस नेता रवि जैन ने एक पोस्ट अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर की। बताया कि उनका बेटा सार्थक जैन बसंत पंचमी के दिन स्कूटी से सवार होकर उग्रसेन नगर से बाजार की ओर आ रहा था। तभी एक पतंग की डोर उनके बेटे के गले से हल्का स्पर्श करते हुए निकल गई। समय रहते स्कूटी की गति पर भी काबू पा लिया गया। देखा तो हल्के स्पर्श से ही उनके बेटे के गले में गंभीर चोटनुमा निशान बन गया।

2. समाजसेवी रवि जैन ने ही बताया कि किसी व्यक्ति के घर केबल का कनेक्शन स्वयं ही आना बंद हो गया है। केबल ऑपरेटर जब मौके पर गया तो मालूम हुआ कि पतंग का यही चाइनीज मांझा केबल की तार में फंसा हुआ है और चाइनीज मांझे ने उस केबल की तार को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है।

3. उन्हीं के माध्यम से एक जानकारी ओर सामने आई है कि एक बच्चे के होठ से नीचे का हिस्सा भी इसी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से गंभीर चोटनुमा जैसा आकार ले चुका है।

रवि जैन ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिबंध के बावजूद बिक रहे चाइनीज मांझे के विरोध में आवाज उठाने का निर्णय लिया है और उनकी इस पोस्ट को जनता का समर्थन भी मिल रहा है।

यूक्रेन से वापस लौटे उत्तराखंडवासियों को घर तक लाने का खर्च उठाएगी सरकार

यूक्रेन से भारत वापस लौटे उत्तराखण्ड राज्य के भारतीय नागरिकों की सूचना प्रतिदिन उपलब्ध कराये जाने तथा वापस लौटे राज्य के नागरिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचने हेतु ट्रेन, बस एवं टैक्सी के माध्यम से निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।

यूक्रेन से भारत वापस लौटे उत्तराखण्ड राज्य के भारतीय नागरिकों की सूचना प्रतिदिन गृह अनुभाग-8, उत्तराखण्ड शासन की ई–मेल आई०डी०–ukhomesection8@gmail.com के साथ-साथ आधिकारिक रूप से सृजित किये गये व्हाट्सअप ग्रुपों पर प्रेषित किये जाने तथा भारत वापस लौटे राज्य के नागरिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचने के सम्बन्ध में ट्रेन, बस एवं टैक्सी में से जिस माध्यम से भी उनके द्वारा जाने की इच्छा प्रकट की जाय, की निःशुल्क व्यवस्था आपके कार्यालय द्वारा की जायेगी और इस सम्बन्ध में होने वाला व्यय उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वहन किया जायेगा।

तमन्ना त्यागी की सुरक्षित वतन वापसी पर तीर्थनगरी में मना जश्न

यूक्रेन में फंसी तीर्थनगरी की तमन्ना त्यागी के सुरक्षित घर पहुंचने पर तमाम लोगों ने भव्य स्वागत किया। लोगों ने उनके घर जाकर पुष्पगुच्छ भेंट किया और उनको बधाई दी।

बता दें कि एमबीबीएस की छात्रा तमन्ना त्यागी अपने साथियों के साथ यूक्रेन में फंसी थी। तमन्ना यूक्रेन के इवानो फ्रेंकिवस्क कॉलेज में एमबीबीएस के तृतीय वर्ष की छात्रा है। उनके वतन वापसी पर उनके घर पर उनका भव्य स्वागत हुआ।

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने वतन वापसी पर उनका स्वागत कर पुष्पगुच्छ भेंट कर मिष्ठान खिलाकर स्वागत किया। रमोला ने कहा कि वह बड़े खुश हैं कि ऋषिकेश की बिटिया तमन्ना सकुशल अपने वतन आ गई है ऐसे ही हजारों हमारे छात्र अभी यूक्रेन में फंसे हैं उन्हें भी सरकार और तत्परता दिखाकर जल्द से जल्द सकुशल वतन में वापसी करवाएं।

स्वागत करने में बृजपाल राणा, दिनेश रावत, शैलन्द्र भंडारी, प्यारे लाल जुगरान, मनीष मिश्रा सहित कई लोग मौजूद थे।

तिरंगे की मदद से पाकिस्तानी और रोमानिया की बची जान


यूक्रेन में रूस की बमबारी से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जान बचाने की जद्दोजहद चल रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत के तिरंगे झंडे ने न सिर्फ वहां फंसे भारतीय नागरिकों की जान बचाई बल्कि पाकिस्तान (Pakistani Students in Ukraine) और तुर्की के नागरिक भी युद्धग्रस्त देश से बचकर निकलने में कामयाब रहे। यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट शहर पहुंचे भारतीय छात्रों ने जो बताया, वह हर भारतीय को गौरवान्वित कर सकता है। भारतीयों ने बताया कि तिरंगे ने न केवल उन्हें कई चेक पॉइंट्स को सुरक्षित तरीके से पार करने में मदद की बल्कि कुछ पाकिस्तानी और तुर्किश छात्र भी आसानी से निकल लिए।

यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। ऐसे में यूक्रेन से रोमानिया के शहर पहुंचे ये भारतीय छात्र विशेष विमानों से लाए जा रहे हैं। एयर इंडिया, स्पाइस जेट और इंडिगो की उड़ानें लगातार यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारत पहुंच रही हैं।
तिरंगा यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के साथ ही पाकिस्तानी और तुर्की नगारिकों के भी काम आ रहा है। तिरंगे की आड़ में पाकिस्तान और तुर्की के छात्र भी रूस के भीषण हमले की मार झेल रहे यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब हो पाए हैं। यह जानकारी यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट पहुंचे भारतीय छात्रों ने दी। उन्होंने बताया कि तिरंगे का सहारा लेकर उनके साथ-साथ पाकिस्तान और तुर्की छात्र भी यूक्रेन की सीमा से बाहर निकलने में सफल रहे।

बॉर्डर क्रॉस करने के लिए तिरंगे की मदद
दरअसल, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकालने में तिरंगे की मदद ली जा रही है। भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी में सभी भारतीयों से यह अपील की गई थी कि वे अपने साथ तिरंगा लेकर चलें या फिर वाहन के आगे तिरंगा लगाकर समीपवर्ती बॉर्डर तक पहुंचे ताकि उन्हें वहां से वापस भारत लाया जा सके। दूतावास की यह एडवाइजरी भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने में बेहद कारगर रही।
पाकिस्तानी छात्रों ने भी तिरंगे का सहारा लिया

दक्षिणी यूक्रेन के ओडेसा से रोमानिया पहुंचे इन छात्रों ने अपनी पूरी कहानी बयान की। इन्होंने बताया कि तिरंगा बनाने के लिए ये लोग नजदीक की दुकान से कुछ कलर और कपड़ा लेकर आए तिरंगा तैयार किया। इसी तिरंगे के सहारे वे कई चेक प्वॉइंट को पार करते हुए ओडेसा से रोमानिया के मोलोडोवा पहुंचे। इन छात्रों ने बताया कि तिरंगा पाकिस्तानी और तुर्की के छात्रों के लिए भी बड़ा सहारा बना। तिरंगे की मदद से पाकिस्तानी और तुर्की के छात्र भी कई चेक प्वॉइंट को पार करते हुए यूक्रेन से बाहर निकलने में कामयाब रहे।

रूस के हमले में भारत ने अपने होनहार छात्र नवीन कुमार को खो दिया

यूक्रेन पर रूस के हमले के दौरान एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। इस तरह से रूस के हमले ने भारत को भी जख्म दे दिया है। यूक्रेन युद्ध में पहले भारतीय नागरिक के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र का नाम नवीन कुमार (Naveen Kumar) है और वह कर्नाटक के रहने वाले थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर यूक्रेन के खरकीव में आज सुबह हुए भीषण हमले में एक भारतीय स्टूडेंट (Indian Died in Kharkiv) की मौत की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम गहरे दुख के साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि आज सुबह खरकीव में हुई बमबारी में एक भारतीय स्टूडेंट की मौत हो गई। मंत्रालय भारतीय छात्र के परिवार के संपर्क में है।

हम परिवार से अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैंप्रवक्ता ने बताया है कि विदेश मंत्रालय लगातार रूस और यूक्रेन के राजदूतों के साथ संपर्क में है और भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सुरक्षित रास्ता निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई छात्र अब भी खारकीव समेत दूसरे शहरों में फंसे हैं। रूस और यूक्रेन में मौजूद राजदूत भी इसी तरह के प्रयास में जुटे हैं। घरवालों की बढ़ीं धड़कनें टीवी रिपोर्ट में बताया गया है कि आज सुबह बचाव अभियान के दौरान ही भारतीय छात्र रूस के हमले की चपेट में आ गया। जैसे ही यह खबर भारतीय मीडिया में आई यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिवारवालों की धड़कनें बढ़ गईं। लोग अपने बेटे-बेटियों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं।एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खरकीव स्थित गर्वनर हाउस पर सुबह 7 बजे के करीब जब कई छात्र खाने के लिए लाइन में लगे हुए थे, उसी दौरान हमला हुआ और नवीन की मौत हो गई।

खरकीव में सुबह जिस गर्वनर हाउस को रूस की सेना ने उड़ाया, उसी के पास नवीन खड़े थे। नवीन खरकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल के फोर्थ ईयर के छात्र थे। एक फोन उनके पास था, जिसके जरिए उनकी पहचान हुई।आज सुबह ही यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों को जल्द से जल्द राजधानी कीव छोड़ने को कहा था। इसके बाद से ही लगने लगा था कि कीव में हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं और वहां भीषण हमले हो सकते हैं। रूस की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के वीडियो भी सामने आए। भारतीयों में भी टेंशन बढ़ती जा रही थी और दोपहर बाद रूसी हमले में भारतीय छात्र के मारे जाने की दुखद खबर आई।

युद्ध समाप्ति को लेकर भगवान शिव से करें प्रार्थनाः यूक्रेनी राजदूत


महाशिवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। (ukraine ambassador says lord shiva can save from war).एक तरफ देश के तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में रूस के हमलों से बर्बादी की आग बरस रही है। भारत मे यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा का मानना है कि भगवान शिव ही इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर सकते हैं। आप सभी इसके लिए प्रार्थना करें।
यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि ‘आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। भारत मे हर इंसान में शिव का निवास है। शिव ही ऐसे विकट हालात से निकाल सकते हैं। प्लीज आप सभी भगवान शिव से प्रार्थना करें कि इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करें।’
इससे पहले यूक्रेन में फंसे भारतीयों के साथ बॉर्डर पर हो रहे दुर्व्यवहार पर जब पोलिखा से सवाल किया गया यो उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। यूक्रेन के लिए सभी देशों के नागरिक एक समान हैं और सभी भारतीय को सुरक्षित भेजने की कोशिश की जा रही है। जो कुछ घटनाएं सामने आई हैं जिसमें शरणार्थियों के साथ बॉर्डर-गार्ड्स ने बदसूलकी की है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी शरणार्थी अनुशासन का पालन करें। इस सब के लिए रूस जिम्मेदार है। हमारी कोशिश है कि सभी को सुरक्षित निकाला जाए।

उत्तराखंड के 226 लोगों की सूची सरकार ने विदेश मंत्रालय को भेजी

उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे 226 राज्यवासियों की लिस्ट विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है। हालांकि राज्य के विभिन्न जिलों से कुछ और लोगों के भी यूक्रेन में फंसे होने की सूचना आ रही है। लेकिन गृह विभाग प्रमाणित नामों को ही केंद्र सरकार के पास भेज रहा है। यह संख्या बढ़नी तय है।

गृह विभाग ने गुरुवार को हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही सभी डीएम, एसएसपी को भी अपने- अपने जिलों से यूक्रेन में फंसे लोगों की जानकारी लेने को कहा था। इस कारण दिनभर जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर व्यस्त रहे, सर्वाधिक व्यस्तता देहरादून में 112 के मुख्यालय में रही, यहां 83 कॉल दर्ज की गई।

अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऐसे 226 उत्तराखंडवासियों की लिस्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा और भी लोगों ने अपने परिजनों के युद्धग्रस्त देश में फंसे होने की जानकारी दी है।

हेल्पलाइन नंबर
पी रेणुका देवी (नोडल अधिकारी) : 7579278144
प्रमोद कुमार (सहायक नोडल अधिकारी): 9837788889
आपातकालीन नंबर: 112 (टोल फ्री)
उत्तराखंड सदन : 011-26875614-15

स्पीकर ने तीर्थनगरी के युवक से वीडियो कॉल पर वार्ता की, यूक्रेन से वापसी का दिया भरोसा


स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने यूक्रेन की राजधानी कीव में रंगोली रेस्टोरेंट में कार्यरत ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के गौहरीमाफी निवासी हरि सिंह पुंडीर से वीडियो कॉल कर वार्ता की। उन्होंने हरि सिंह पुंडीर को घर वापसी के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

इस मौके पर उन्होंने हरिसिंह पुंडीर से वहां के हालात भी जाने। साथ ही उनकी कुशलक्षेम भी पूछी। कहा कि सरकार प्रत्येक उत्तराखंड वासियों को घर वापसी के लिए हर तरह का प्रयास कर रही है। उन्होंने पुंडीर को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही उनकी उत्तराखंड वापसी होगी। इस दौरान हरि सिंह पुंडीर के पिता राम सिंह पुंडीर, गौहरीमाफी के प्रधान रोहित नौटियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में फसे ऋषिकेश की गंगा नगर निवासी तमन्ना त्यागी एवं मधुर विहार गढ़ी रोड श्यामपुर की निशा ग्रेवाल को अन्य भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन से रोमानिया बॉर्डर तक बस में पहुंचा दिया गया है जल्द ही रोमानिया से भारत के लिए उन्हें एयर लिफ्ट किया जाएगा।

219 भारतीय छात्रों का पहला दल रोमानिया से विमान के जरिए मुंबई के लिए रवाना

युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है। रोमानिया से 219 भारतीय छात्रों को लेकर पहला विमान मुंबईआ के लिए उड़ान भर चुका है। यूक्रेन का एयरस्पेस बंद होने के कारण विदेश मंत्रालय ने रोमानिया, (first flight of 219 indians took off from romania as evacuation from ukraine started) हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया के रास्तों से भारतीयों को एय़रसलिफ्ट करने का प्लान बनाया है। पहली फ्लाइट में अधिकतर छात्र मौजूद हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हजारों भारतीय स्टूडेंट्स और नागरिक अपने सपनों को पूरा करने के लिए यूक्रेन गए थे। लेकिन रूस के हमले की वजह से वो भारी संकट में फंस गए हैं। इस मुश्किल घड़ी में भारत सरकार उनके साथ मजबूती के साथ खड़ी है। फ्लाइट टेकऑफ से पहले रोमानिया में भारत के राजदूत राहुल श्रीवास्तव ने लोगों से कहा कि भारत सरकार उन्हे सकुशल भारत पहुंचाने के लिए दिन रात काम कर रही है। और जब तक हम भारतीय को यूक्रेन से नही निकाल लाते तब तक हमारा मिशन चलता रहेगा।

यूक्रेन का एयरस्पेस बंद होने के कारण रोमानिया, हंगरी, पौलैंड जैसे देशों के रास्ते वापस लाने का प्लान बनाया गया है। कल शाम से ही यूक्रेन में फंसे भारतीय विशेष वाहनों से पोलैंड औऱ रोमानिया बॉर्डर पर जा रहे हैं। यहां विदेश मंत्रालय के अधिकारी कैंप लगाकर मौजूद हैं। यूक्रेन से पोलैंड, रोमानिया आने वालों को विशेष हिदायत है कि वे भारत का झंडा अपने वाहन पर लगाकर रखें।