प्रधानमंत्री 7 को ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट का करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऋषिकेश का दौरा तकरीबन तय हो गया है, लेकिन वह बाबा केदार के दर्शन करने जाएंगे या नहीं, अभी यह तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय नेताओं के उत्तराखंड आने से हमें ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आएंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का सात अक्तूबर को ऋषिकेश आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। वह ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ करेंगे और वर्चुअल माध्यम से देश भर के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा अभी उनका कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि सरकार के स्तर पर केदारनाथ में तैयारियां हो रही हैं, लेकिन अभी पीएम का बाबा केदार के दर्शन का कोई कार्यक्रम नहीं है।

एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा
जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे पर बने नए टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा। पहले यह माना जा रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी सात अक्तूबर को इस टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे। लेकिन अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे।

उत्तराखंड के हित में जो जरूरी होगा, वह कानून बनाएंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हित में जो भी जरूरी होगा, सरकार वह कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि भू कानून को लेकर कमेटी का गठन कर दिया है। जनसंख्या कानून पर विस्तार से चर्चा हो रही है। जनसांख्यिकीय असंतुलन के मुद्दे पर जांच को लेकर उन्होंने फिर दोहराया कि उत्तराखंडियत को बचाने के लिए यह जरूरी है।

प्रधानमंत्री दो अक्तूबर को करेंगे भट्टा-क्यारकुली गांव के लोगों से संवाद 
प्रधानमंत्री हर घर जल, जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री गांधी जयंती पर मसूरी के भट्टा-क्यारकुली गांव की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से संवाद करेंगे। वर्चुअल संवाद दो अक्तूबर को सुबह 10 से  दोपहर 12 बजे तक चलेगा। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर गांव के लोगों में काफी उत्साह है। गांव में अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं। 

महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों से सीधा संवाद करेंगे। इसमें मसूरी का क्यारकुली गांव का भी चयन किया गया है। देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री वर्चुअल ग्रामीणों से जल जीवन मिशन पर वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंच रहे हैं और कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं।

गुरुवार को नमामि गंगे, जल संस्थान, भारत सरकार के अधिकारी, एनआईसी की टीम गांव पहुंची और तैयारी को अंतिम रूप दिया। कार्यक्रम के लिए गांव के पंचायती चौक पर वाटरप्रूफ टेंट लगाया गया है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री से संवाद  हमारे लिए गर्व की बात है। गांव के लोगों में कार्यक्रम को लेकर बड़ा उत्साह है। गांव में लगे टेंट में एलसीडी आदि उपकरण लग चुके हैं। गुरुवार को जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला, ईई जल संस्थान केसी पैन्यूली, एई टीएस रावत, अभय भंडारी, राकेश रावत आदि ने तैयारियों का जायजा लिया।

सीडीओ नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री के संवाद के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत गांव में हुए कार्यों पर बात करेंगे। क्यारकुली गांव का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय से हुआ है। 

बदरी-केदार धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का खुल्बे ने लिया जायजा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार भास्कर खुल्बे आज अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रातः 8.45 बजे श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। हेलीपैड पर पहुंचने पर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड, जिला पुलिस-प्रशासन ने उनकी अगवानी एवं स्वागत किया। उनके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगलेश घिल्डियाल भी श्री केदारनाथ पहुंचे।
हेलीपैड से वह मंदिर हेतु रवाना हुए उनकी ओर से केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ जी का रूद्राभिषेक पाठ किया तथा देश के खुशहाली की कामना की।
इसके बाद उन्होंने केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों का अवलोकन भी किया तथा पुनर्निर्माण कार्यों हेतु प्रदेश सरकार की सराहना भी की। इस अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, केदार सभा से उमेश‌पोस्ती, देवस्थानम बोर्ड के मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला, प्रदीप सेमवाल आदि मौजूद रहे।
इसके पश्चात करीब सवा 11 बजे श्री बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गये। जोशीमठ से वह सड़क मार्ग से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। श्री बदरीनाथ धाम पहुंच कर भाष्कर खुल्बे ने जिला प्रशासन एवं यात्रा मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी से मास्टर प्लान के कार्यों की समीक्षा की जानकारी ली और देश के सीमांत पर्यटन ग्राम माणा का भी भ्रमण किया। भगवान बदरीविशाल क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण जी महाराज मंदिर, श्री गणेश गुफा, श्री ब्यास गुफा मंदिर, श्री सरस्वती नदी भीम पुल पहुंचकर दर्शन किये।

सीएम का आग्रह-केदारपुरी में फेज-टू के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करे पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने तथा वासुकी ताल क्षेत्र के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को भी नये लोकेशन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण, आस्था चौक पर “ऊँ“ कार की प्रतिमा स्थापित करने, शंकराचार्य समाधि एवं शिव उद्यान के डिजाइन में जन भावनाओं के अनुरूप संशोधन करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारपुरी में फेज-टू के 113.92 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने हेतु प्रधानमंत्री से समय देने का आग्रह किया। इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री द्वारा शीघ्र समय निर्धारण हेतु आश्वासन दिया गया।

प्रधानमंत्री के विजन एवं मार्गदर्शन में हो रहा है केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ में 2013 में आयी आपदा के बाद प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी, एक नयी सुरक्षित एवं सुविधा युक्त धार्मिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में निर्मित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि स्थानीय स्थापत्य कला, नवीन तकनीकी के इस्तेमाल, ठोस अपशिष्ट निस्तारण व्यवस्था के साथ केदारनाथ धाम सुनियोजित आधुनिक संसाधनों से युक्त इको फ्रेंडली टाउन के रूप में विकसित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि बद्रीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिये प्रथम चरण के 245 करोड़ की योजना के कार्यों को शुरू करने के लिये 22 राजकीय भवनों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्णय राज्य की कैबिनेट द्वारा लिया जा चुका है। इससे कार्यों में अब तेजी आ सकेगी।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं जिसमें टेम्पल प्लाजा, एराइवल प्लाजा, मन्दाकिनी एवं सरस्वती नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण, 05 घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी रिवर फ्रंट के कार्य 5 गेस्ट हाउसों का निर्माण, 3 ध्यान गुफाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। आदि शंकराचार्य की गुफा का निर्माण कार्य गतिमान है जबकि, द्वितीय चरण में 113.92 करोड़ के 13 कार्यों पर भी कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।  

केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

श्री केदारनाथ धाम के खुले कपाट, पीएम ने नाम से किया गया रूद्राभिषेक

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण के साथ आज सोमवार मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रातरू पांच बजे खुल गये हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया प्रातरू तीन बजे से शुरू हो गयी थी। रावल भीमाशंकर एवं मुख्य पुजारी बागेश लिंग तथा देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने पूरब द्वार से मंदिर मुख्य प्रांगण में प्रवेश किया।

मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना की मंत्रोचार के पश्चात ठीक पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने स्यंभू शिवलिंग को समाधि से जागृत किया तथा निर्वाण दर्शनों के पश्चात श्रृंगार तथा रूद्राभिषेक पूजाएं की गयी। श्री केदारनाथ धाम में भी प्रथम रूद्राभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से की गयी तथा जनकल्याण की कामना की गयी। कोरोना महामारी को देखते हुए चारधाम यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित है धामों में केवल पूजापाठ संपन्न हो रही है यात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। केदारनाथ के कपाट खुलते समय पूजापाठ से जुड़े चुंनिंदा लोग मौजूद रहे। धाम में मौसम सर्द है मंदिर के कुछ दूरी पर बर्फ मौजूद है। तथा रास्ते में कहीं- कहीं हिमखंड नजर आ रहे है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता ब्यक्त की है तथा भी के आरोग्यता की कामना की है। कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अस्थाई तौर पर यात्रा स्थगित है सभी लोग वर्चुअली दर्शन करें तथा अपने घरों में पूजा-अर्चना करें।

पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी समाप्त होगी तथा शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण की भावना के साथ सभी धामों में प्रथम पूजा संपन्न करवायी जा रही है।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर ऋषिकेश के दानीदाता सौरभ कालड़ा ग्रुप द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, केदार लिंग, मुख्य पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, जिलाधिकारी मनुज गोयल, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल मनराल बीकेटीसी पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, एसडीएम रवीन्द्र वर्मा, तहसीलदार जयराम बधाड़ी, धर्माधिकारी आचार्य औंकार शुक्ला, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला एवं प्रदीप सेमवाल, पारेश्वर त्रिवेदी, महावीर तिवारी,मृत्युंजय हीरेमठ, विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया की श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात केदारनाथ मास्टर प्लान कार्यों में अधिक गति आयेगी।

कपाट खुलने के दौरान कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया। मास्क, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कपाट खुलने के लिए एसओपी द्वारा ब्यापक दिशा निर्देश जारी किये हैं। केदारनाथ में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ तथा स्वास्थ्य विभाग, विद्युत, जल संस्थान की टीम अपना कार्य कर रही हैं।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे है। आज श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी के साथ उद्धव, कुबेर तथा तेलकलश (गाडू घड़ा) श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट आज दोपहर में खुल रहे है जबकि चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट भी आज खुल रहे हैं। द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं। जबकि गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी निश्चित नहीं है।

केदारनाथ में नेपाल भवन को संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में किए जा रहे अवस्थापना स्थापना संबंधी कार्यों की प्रगति का जायजा लेने सचिव संस्कृति, भारत सरकार राघवेंद्र सिंह तथा सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण किया।

सचिव पर्यटन जावलकर ने सचिव, भारत सरकार को केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से रूबरू कराया। कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश कार्यदाई संस्था को दिए गए। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध उद्योगपति सज्जन जिंदल भी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि जिंदल स्टील वक्र्स द्वारा केदारनाथ विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध करवाई गई है जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उद्योगपति जिंदल का विशेष आभार व्यक्त किया गया।

मौके पर अधिकारियों ने नेपाल भवन का भी निरीक्षण किया और स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। सचिव, भारत सरकार की ओर से कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया गया, इसमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित किया जा सके। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण किया गया। जिसमें उनके द्वारा किन्ही चार स्थलों (पडावौं) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया गया।

देवस्थानम बोर्ड को शासन से पूर्ण सहयोग मिल रहाः सचिव पर्यटन

पर्यटन सचिव जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालुगण अब देवस्थान पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा के लिए अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।

30 हजार श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालुओं द्वारा बाबा केदार के दर्शन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इससे स्थानीय होटल एवं रिजॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

अधिष्ठात्री मायादेवी मंदिर में पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े की राज्य के चारधाम व अन्य तीर्थो की यात्रा पर जाने वाली पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया। मौके पर सीएम ने मायादेवी मन्दिर परिसर से अधिष्ठात्री मायादेवी, छड़ी एवं भैरव देवता की पूजा अर्चना, आरती एवं परिक्रमा भी की। यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के पश्चात 12 अक्टूबर को वापस हरिद्वार पहुंचेगी।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस छड़ी यात्रा के शुभारम्भ से उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस यात्रा को आस्था एवं विश्वास से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि इससे समाज में सौहार्दता भी बढ़ेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आम जनमानस इस छड़ी यात्रा के अवसर पर पवित्र छड़ी का पूजन कर पुण्य के भागी बनेंगे। उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत छड़ी यात्रा के संचालन के दौरान आवश्यक एहतियात बरतने की भी अपेक्षा आयोजको से की।

जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि यह पवित्र यात्रा 17 सितम्बर की रात्रि को ऋषिकेश में विश्राम के बाद 18 सितम्बर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामण्डल होते हुये बड़कोट पहुंचेगी। 19 सितम्बर को बड़कोट से जानकी चट्टी होते हुये यमुनोत्री पहुंचेगी तथा उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 20 सितम्बर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी। पवित्र छड़ी यात्रा में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, सचिव महंत महेश पुरी आदि शामिल रहेंगे। जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने कहा कि छड़ी यात्रा प्रारम्भ करके मुख्यमंत्री ने एक बड़ी परम्परा का शुभारम्भ किया है। इससे पूर्व अधिष्ठात्री मायादेवी मन्दिर परिसर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर शहरी विकास, आवास मंत्री मदन कौशिक, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी संजय गुंजयाल, महंत केदार पुरी, सभापति महंत सोहन गिरि, महंत पृथ्वी गिरि, महंत शिवानन्द सरस्वती, सचिव महंत महेश पुरी, शैलेन्द्र गिरि आदि उपस्थित थे।

पीएम मोदी पर आधारित पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा महानगर कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। इस अवसर पर देश में कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान, प्लाज्मा डोनेट एवं अस्पतालों में फल वितरण के कार्य किये जा रहे हैं। यह सप्ताह सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश को समर्पित किया है। उनके जन्म दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जन सहयोग कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के दौरान कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी लोगों का सहयोग किया है। कोविड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका फिजिकल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग है। राज्य में कोविड की टेस्टिंग बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कल राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान राज्य सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।

विस सत्र को लेकर सीएम और स्पीकर ने किया निरीक्षण
23 सितंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर गुरूवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निरीक्षण किया।

कैबिनेट बैठकः केदारनाथ में हेलीपैड का विस्तार, वायुसेना का चिनूक हेलीकाॅप्टर लाएगा भारी भरकम मशीनें

उत्तराखंड में कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इसमें युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए यह निर्णय लिया गया कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों के साथ ही सिविल लोगों को भी नौकरी दी जाएगी। पड़ोसी देशों से सीमा मसले में चीन व नेपाल सीमा से सटे सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क को मजबूत किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए कपंनियों को सरकार एकमुश्त राशि देगी। इसी के साथ ही सरकार केदारनाथ नव निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए यहां हेलीपैड का विस्तार करने जा रही है। इसके बाद यहां वायुसेना का चिनूक हेलीकाॅप्टर आ सकेगा। जो भारी भरकम मशीनों को लाने में सक्षम है।
राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को केदारनाथ हेलीपैड विस्तार की योजना पर मुहर लगाई है। योजना के तहत अभी धाम में मौजूद 40 मीटर चैड़ा और 50 मीटर लंबा हेलीपैड को, 100 मीटर लंबा और 50 मीटर चैड़ा किया जाना है। इसके लिए कुछ भवनों को भी ध्वस्त किया जाएगा, जिससे हेलीपैड के सामने पचास मीटर और खुली जगह उपलब्ध हो पाएगी।

सरकार ने कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया कि उपनल में अब पूर्व सैनिकों के साथ सिविल वालों को भी नौकरी का मौका मिलेगा। मगर, नौकरी पर पूर्व सैनिकों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 को लाने पर मंजूरी हुई है। कोरोनाकाल में विधायकों के वेतन कटौती को लेकर सरकार विधानसभा में विधेयक लाएगी। राजकीय महाविद्यालयों में 257 संविदा-गेस्ट टीचरों की अवधि एक साल तक बढ़ाई गई।

मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सोशल वर्कर्स सेवा नियमावली को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखण्ड नागरिक सुरक्षा क और ख नियमावली में संशोधन किया गया है, कृषि विभाग का शासन स्तर में अनुभाग एक हुआ, पहले चार अनुभाग थे। हरिद्वार स्थित माया देवी व जूना अखाड़ा की ऊंचाई की परमिशन कैबिनेट ने दी ।

सतर्कता विभाग को आरटीआई के नियम से बाहर किया है। प्रदेश में 25 किलोवाट के सौर्य मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है साथ ही स्टाम्प पेपर में 100 प्रतिशत की छूट। देहरादून के मेहर गांव में शहीद के नाम पर बनने वाले पेट्रोल पंप में नियमों में दी गई छूट गई है। पर्यटन को बढावा देने के लिए पर्यटक प्रोत्साहन कूपन योजना को शुरू किया गया, ई-बुकिंग करने वाले पर्यटकों को पर्यटक स्थलों पर 3 दिन रहने पर 1000 रूपए की छूट मिलेगी।

सिंचाई विभाग में निर्माण कार्यों में छोटे ठेकेदारों के लिए रास्ता तलाशने के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। यह समिति नहरों के निर्माण, बाढ़ सुरक्षा, रिवर ट्रेनिंग आदि कामों में टेंडर की वर्तमान शर्तों शिथिलता का अध्ययन करेगी। राज्य के छोटे ठेकेदारों की सुविधा के लिए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे।

देहरादून। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना में स्टांप ड्यूटी पूरी तरह माफ कर दी गई है। इसमें दो लाख रुपये तक सब्सिड़ी मिलेगी और भूउपयोग परिवर्तन की जरूरत नहीं होगी। इस तरह सरकार ने 25 किलोवॉट के सोलर प्लांट के जरिए राज्य के दस हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।

कपाट खोलने की तिथियां बदली, देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का दिया संदेश

श्री बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित की गई है। जिसका धर्माचार्यो और धर्म विशेषज्ञों ने स्वागत किया है। वहीं, केदारनाथ के कपाट खुलने की नई तिथि आज घोषित होगी। धर्म मर्मज्ञों का कहना है कि पहले कभी भी ऐसी परिस्थितियां नहीं आई, जब बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बदलनी पड़ी हो। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने भी राजाज्ञा के अनुसार क्वारंटाइन रहना स्वीकार कर देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का संदेश दिया है। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल कहते हैं कि आपातकाल में राजधर्म ही सब धर्मों में श्रेष्ठ है। ऐसे में बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित किया जाना राजधर्म के पालन के साथ ही धर्मग्रंथों के हिसाब से भी उचित है। कहा कि शीतकाल में भगवान नारायण के धाम में देवपूजा का विधान है। देवताओं की ओर से स्वयं देवर्षि नारद भगवान नारायण की पूजा करते हैं। कपाट खुलने के बाद नर पूजा का विधान है। लेकिन, देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से हर व्यक्ति घरों में ही रह रहा है। ऐसे में हक-हकूकधारी, श्रद्धालु व स्थानीय लोगों के बिना कपाट खोलने से नर पूजा के मायने नहीं रह जाते। कहा कि कई प्रांतों से गुजरकर आए मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी नियमानुसार स्वास्थ्य परीक्षण करा चुके हैं। साथ ही उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का पालन कर क्वारंटाइन को स्वीकार किया। यह अनुकरणीय पहल है।
धर्माधिकारी ने कहा कि टिहरी के राजा को ’’बोलांदा बदरी’’ माना गया है। ऐसे में राजा का निर्णय स्वयं नारायण का निर्णय है और यह प्रजा के हित में भी है। बदरीनाथ पूर्व धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती का कहना है कि संकटकाल के दौरान राजधर्म में ही सारे धर्म लीन हो जाते हैं। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते देश में महाभय का वातावरण है। ऐसे में राजधर्म का पालन कर तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय धर्मसंगत है। कहा कि जनता से ही जनार्दन की शोभा है और वर्तमान परिस्थितियां जनार्दन के दर पर जाने से जनता को रोकती हैं।