बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, नम हुई आंखें

(एनएन सर्विस)
परिवार में बेटियां बेटों से कम नही है। वे घरेलू कामों से लेकर समाज के रीति रिवाजों में पुरानी परंपराओं को तोड़ रूढ़ीवादी प्रथाओं को नजर अंदाज कर अपने कर्तव्यों को निभाने आगे आने लगी हैं। मंगलवार को चंद्रेश्वर नगर मुक्ति धाम में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां एक बेटी ने अपनी मां के निधन पर अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की।
मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे आवास विकास निवासी 80 वर्षीय छाया अरोड़ा लंबी बीमारी से जुझते हुए परलोक सिधार गईं। उनके दोनों पुत्रों का निधन पूर्व में ही हो चुका है। ऐसे में उनकी बेटी दीपा सहगल जो शादी के घ्बाद रूड़की रह रही थी। उन्होंने चंद्रेश्वर नगर मुक्तिधाम में हिंदू रीति रिवाज के साथ मां को मुखाग्नि दी। दिवंगत छाया अरोड़ा की पौत्री काजोल अरोड़ा ने बताया कि उनकी दादी को करीब 20 वर्षों से डायबिटीज की बीमारी थी। वर्तमान में वह हार्ट और किडनी की समस्या से भी जूझ रही थी। उनके एक पुत्र की मौत बीमारी के चलते तो दूसरे की सड़क दुर्घटना में हुई थी।

अब कैलाश मानसरोवर यात्रा हुई सुगम, चीन सीमा तक बनी सड़क

अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा एक सप्ताह में की जा सकेगी। चीन सीमा तक सड़क बनने से इस यात्रा में यात्रियों को दिक्कतों का सामना कम होगा। इससे पूर्व इस यात्रा को करने में 21 दिन का समय लगता था। यात्रियों को आधार शिविर धारचूला से लगभग 80 किलोमीटर की यात्रा पैदल ही तय करनी पड़ती थी।

मगर, अब सीमांत तक सड़क बनने से अब कैलाश यात्री दिल्ली से सीधे लिपुलेख पहुंच सकेंगे।  इस सड़क के बनने से अब तक कठिन मानी जाने वाली यात्रा सुगम हो जाएगी। इसके अलावा छोटा कैलाश की यात्रा भी सुगम होगी।

छोटा कैलाश के यात्री गुंजी, कुटी और जौलिंगकांग तक वाहन से पहुंच सकेंगे। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अद्भुत और प्रशंसनीय है कि सीमा सड़क संगठन ने इस कठिन कार्य को पूरा किया।

घट्टाबगढ़-लिपुलेख सड़क के ऑनलाइन उद्घाटन के अवसर पर मौजूद रहे अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद अजय टम्टा ने चीन सीमा के लिए मुनस्यारी से बन रही धापा-बोगड्यार-मिलम मार्ग का मामला भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाया। इस पर उन्होंने कहा कि 2021 मार्च तक इस मार्ग का भी निर्माण पूर्ण हो जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में हिंदू पक्ष के वकील के परासरन को बनाया ट्रस्टी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ट्रस्ट को एक रूपए का दान किया है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव ने सरकार की ओर से यह राशि दी। ट्रस्ट बिना किसी शर्त के दान, अनुदान, चंदा, मदद या योगदान नकद, अचल संपत्ति के तौर पर स्वीकार करेगा।
अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के परासरन को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। परासरन के अलावा इस ट्रस्ट में एक शंकराचार्य समेत पांच सदस्य धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। साथ ही अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को ट्रस्टी बनाया गया है।
बतादें कि 30 साल पहले केंद्र की तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार की अनुमति के बाद 9 नवंबर 1989 को प्रस्तावित राममंदिर की नींव पड़ी थी। शिलान्यास के लिए पहली ईंट विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन संयुक्त सचिव कामेश्वर चौपाल ने रखी थी। चौपाल का नाता बिहार से है और वे दलित समुदाय से आते हैं।
पांच एकड़ जमीन पर बनेगी मस्जिदः योगी सरकार
पीएम के एलान के कुछ देर बाद ही यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक हुई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अयोध्या मुख्यालय से 18 किमी दूर ग्राम धानीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर के पीछे पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। यह जमीन लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर अयोध्या से करीब 22 किमी पहले है।

सीता माता मंदिर निर्माण को बनेगा राज्य स्तरीय ट्रस्ट, सीएम होंगे अध्यक्ष

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में सीतोंस्यू में सीता माता मंदिर बनाये जाने के सबंध में बैठक ली। सीता माता के मन्दिर निर्माण के लिए एक राज्य स्तरीय ट्रस्ट बनाया जायेगा, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर धार्मिक संस्थाओं एवं जन सहयोग से बनाया जाएगा। इस मन्दिर के लिए सीता माता से जुड़े सभी स्थानों की शिला, मिट्टी एवं जल लाया जायेगा साथ ही उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों से कुछ लोगों की कमेटी बनाकर उत्तराखण्ड के मंदिरों की शिला एवं मिट्टी सीता माता मंदिर के लिए लाई जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सीता माता मंदिर के समीप जटायु का मंदिर बनाया जायेगा। यह मंदिर ऐसे स्थान पर बनाया जायेगा, जहां से सीता माता मंदिर के दर्शन भी हों। सीतोंस्यू में जिस स्थान पर सीता माता ने समाधि ली थी, उस स्थान पर प्राचीन स्वरूप को वैसा ही रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग से सीतासैंण तक श्रद्धालुओं के लिए आवागमन हेतु उचित व्यवस्थाएं की जाएंगी।

चारों धामों को श्राइन बोर्ड से जोड़ने पर गाडू घड़ा का होगा विरोध

राज्य सरकार के राज्य के चारों धामों को श्राइन बोर्ड (देवस्थानम अधिनियम) से जोड़ने के फैसले का देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी का विरोध करेगी। तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर गाडू घड़ा यात्रा का पूर्ण रूप से विरोध दर्ज करने का निर्णय लिया है।

रविवार को हरिद्वार रोड स्थित भगवान भवन आश्रम में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत की बैठक आयोजित की गई। बैठक में महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि गाडू घड़ा यात्रा के आयोजन का पंचायत पूर्ण रूप से विरोध करेगी। इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देश के प्रमुख संतों के सानिध्य में अखिल भारतीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संयोजक सुरेश सेमवाल ने बताया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देवस्थानम अधिनियम के विरोध में अखिल भारतीय महापंचायत का आयोजन हरिद्वार में किया जाएगा। इसके अलावा महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल प्रयागराज में देश के चारों पीठों के शंकराचार्य, अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज के अलावा अन्य सभी धार्मिक संगठनों के लोगों से मिलेगा। बैठक में महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, महेश सेमवाल, आलोक सेमवाल, जगमोहन उनियाल, विनोद शुक्ला, उमेश सती, सतेंद्र सेमवाल, डा. बृजेश सती आदि मौजूद रहे।