बदरीनाथ के भव्य रुप को संवारने की जिम्मेदारी सभी की-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु ने बद्रीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को गुणवत्ता के साथ-साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र ही मैन पावर बढाने के निर्देश दिए। वहीं मुख्य सचिव ने व्यापारियों से मुलाकात की और कहा फिलहाल उनके लिए अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जा रहा है तथा कार्य पूरे होने के बाद स्थायी दुकाने आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्थानीय जनता के सहयोग से आने वाले वर्षाे में बद्रीनाथ का भव्य रूप दुनिया के सामने होगा जिससे यहां के व्यापारियों, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमओ भी डेली बेसिस पर इसकी मानीटरिंग कर रहा है।
उसके बाद मुख्य सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान तथा यात्रा की तैयारियों को लेकर बीआरओ गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें गतिमान कार्यों और यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्य सचिव ने मास्टर प्लान कार्यों में लगे मजदूरों तथा अन्य कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रा व्यवस्था को लेकर भी संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने गोविन्द घाट से पुलना पैदल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए कहा कि 15 दिन बाद फिर इसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
इस दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी, धर्मेश गंगानी, मुख्य अभियन्ता अयाज अहमद, इओ सुनील पुरोहित, कमाण्डर मनीष कपिल, हेमकुण्ड साहिब के प्रबंधक सेवा सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे सेवा शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में स्थाई हेलीपैड के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित की जाय।
सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए लगभग 5 करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। इसकी क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा, उत्तराखंड के राज्य के गठन होने के बाद पहली महत्वपूर्ण रोपवे परियोजना है जिसका निर्माण राज्य पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है। सुरकंडा रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालु कद्दूखाल से मात्र 5 से 10 मिनट में सुगमता पूर्वक साल भर मां सुरकंडा देवी के दर्शन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे परियोजना यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों में विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। टिहरी जनपद में लगभग 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशालकाय झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओं का संचालन किया जा रहा है। इस झील में पर्यटन से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। 2025 में जब हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखंड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा। चारधाम यात्रा में इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर सुविधा मिले, इसके पूरे प्रयास किए गए हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मां सुरकंडा के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक प्रीतम सिंह पंवार, किशोर उपाध्याय, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी टिहरी नमामि बंसल आदि उपस्थित रहे।

केदारनाथ धाम के निरीक्षण के बाद सीएम ने लिया सिद्धपीठ कालीमठ का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद जनपद के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली व चहुंमुखी विकास की कामना की। इससे पूर्व कालीमठ पहुंचने पर जन प्रतिनिधियों सहित स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों व फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।

कालीमठ मंदिर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को गति दी जा रही है तथा उनके द्वारा जो संकल्प लिए गए हैं उन्हीं के अनुसार विकास कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सभी का सहयोग भी जरूरी है तभी वह कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार देश के अंदर आया है। जिसके लिए सभी को नई प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की उनके द्वारा निरंतर जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला श्रृंखला में हर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है तथा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का प्रमुख साधन हैं इससे सभी को लाभ प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई जिनमें शहीद राम सिंह विद्यालय के आने वाले सत्र में उच्चीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कोटमा विद्यालय में स्थाई भवन बनाया जाएगा। चिलौंड सड़क मार्ग की घोषणा की गई। तथा स्यांसूगड़ सड़क मार्ग की घोषणा की। विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में बीएससी की कक्षाओं को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। गौरीकुंड से रामबाड़ा-चौमासी कालीमठ मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनका आंकलन कर उस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने मुख्यमंत्री के उनकी विधान सभा क्षेत्र में आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने आपदा के दंश को झेला है जिसके लिए उन्होंने यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ नगर पंचायत देवप्रकाश सेमवाल, चंडी प्रसाद भट्ट, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बाचस्पति सेमवाल, मंदिर समिति के मठाधीश अब्बल सिंह राणा, प्रधान कालीमठ गजपाल राणा, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रदीप राणा, श्रीनिवास पोस्ती, पंकज भट्ट, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रधान, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

केदारनाथ धाम पहुंच सीएम ने ली पहाड़ी शैली में भवनों के निर्माण कार्यों की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मंदिर परिसर में पहुंच केदारनाथ धाम में हो रहे निर्माण कार्यों एवं आगमी यात्रा संबंधित तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में पूर्ण हो चुके सरस्वती आस्था पथ का निरीक्षण किया। निर्माणाधीन मंदाकिनी आस्था पथ को अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। केदारनाथ परिसर के आस-पास हो रहे पहाड़ी शैली में भवनों के निर्माण कार्यों की जानकारी ली।

मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार घाटी के निर्माण में अहम योगदान दे रहे श्रमिकों का हालचाल जाना एवं उनकी हर समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रमिकों से वार्ता कर निर्माण कार्यों में आ रही समस्याओं को जाना एवं उनके अहम योगदान के लिये धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर के आसपास मुख्य मार्ग में अस्त-व्यस्त पड़े मलबे, निर्माणाधीन सामग्री को हटाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बर्फ पिघलने के साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिए।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा अनुसार प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। साथ ही बरसात के दौरान यात्रियों की सुविधा अनुसार ड्रेनेज सिस्टम को विकसित किया जाएगा। जावलकर ने बताया कि वर्तमान में केदारनाथ धाम के निर्माण हेतु करीब 700 श्रमिक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया केदारघाटी में ब्रह्म कमल वाटर पार्क का निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ ट्रैक की जानकारी लेते हुए यात्रियों की सुविधा अनुसार विभिन्न जगहों पर ठहरने, पानी एवं बरसात के दौरान रैन सेटर के निर्माण कार्यों में गति लाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के किनारे सुरक्षा दीवार के साथ रेलिंग के निर्माण कराए जाने की बात कही। साथ ही उन्होंने वासुकी ताल ट्रैक को विकसित किए जाने से संबंधित जानकारी लेते हुए इसमें शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार घाटी का निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों अनुसार किए जाने की बात कही।

इस दौरान विधायक शैला रानी रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सुविधाजनक चारधाम यात्रा को पुख्ता इंतजाम होः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा के माध्यम से देश-विदेश में अतिथि देवो भवः का संदेश जाना चाहिए। इस बार बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। चार धाम यात्रा की तैयारियां उसी के अनुरूप सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री सचिवालय में चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने यात्रा को श्रद्धालुओं की लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर, सभी आवश्यक सुधार कार्य यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही संबंधित जिलाधिकारियों को भी यात्रा मार्गों पर कार्यों की प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। मार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में तत्काल खोलने के लिए जरूरी मशीनों की व्यवस्था व तैनाती कर ली जाए। जेसीबी मशीनों की ट्रेकिंग के लिए उन्हें जीपीएस से जोड़ा जाए। यात्रा मार्ग से संबंधित सड़कों पर कहीं भी मलबा या कचरा न रहे। कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए। ट्रेफिक प्रबंधन व संचालन के लिए ड्रोन का भी प्रयोग किया जाए। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया जाए। जिस पर यात्रा से संबंधित हर प्रकार की जानकारी हो। इस नम्बर को व्यापक प्रचारित भी किया जाए। इस वर्ष बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के आने की सम्भावना है। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पर्याप्त संख्या में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायवर्जन और वैकल्पक मार्गों की व्यवस्था भी कर ली जाए। जगह-जगह पर साईन बोर्ड भी लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों पर जाने वाले बसों व टैक्सियों की फिटनेस की जांच सुनिश्चित हो। यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नियमो का पालन कराते हुए यात्रियों व श्रद्धालुओं के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार हो। एक बार एंट्री पाइन्ट पर वाहनों की चौकिंग होने के बाद बार-बार चौकिंग कर यात्रियों को परेशान न किया जाए। विभिन्न स्थानों पर क्वालिटी पेयजल के लिए वाटर एटीएम/वाटर मशीन लगाई जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की तैनाती कर ली जाए। एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी हो। यात्रा मार्ग पर रेट लिस्ट के निर्धारण के साथ ही मिलावटखोरी को रोकने के लिए नियमित चौकिंग अभियान चलाया जाए। यात्रा शुरू होने से पूर्व श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री व श्री हेमकुण्ड साहिब में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के साथ ही यात्रा मार्गों पर समुचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। यात्रा मार्ग पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। चार धाम यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व अन्य जरूरी सूचनाओं का प्रचार प्रसार हो। चार धामों के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए।

बैठक में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक शैलारानी रावत, सुरेश सिंह चौहान, संजय डोभाल, दुर्गेश लाल, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य सचिव डा. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, नितेश झा, डा. पंकज कुमार पाण्डेय, शैलेश बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे।

एनएसएस स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का महत्व जाना

राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश के एनएसएस शिविर के छठे दिन की शुरुआत योग से हुई। सुबह स्वयंसेवियों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास किया। उसके बाद स्वयं सेवी परमार्थ निकेतन पहुंचे। जहां परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने सभी स्वयंसेवियों को गंगा स्वच्छता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। इस दौरान स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया।

साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। इस दौरान सात हजार लोगों को स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गंगा स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

मौके पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मेंदोला, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रीति खंडूरी, डॉ. पारूल मिश्रा, अमित रतूड़ी, निजाम आलम, नितेश चमोली, कोमल शर्मा, सृष्टि आर्य, प्रियांशी, अनामिका, अमन, यश गर्ग, प्रीति, भोले शंकर, सपना, आकांक्षा कुमारी, स्वाति बधानी, आस्था, शिक्षा राणाकोटी, अंजलि बिष्ट, संध्या, ज्योति मौर्य, सपना आदि उपस्थित रहे।

पीएसके के वार्षिकोत्सव में श्रद्धालुओं के लिए आयोजित हो रही भागवत कथा

भागवत कथा में पहुंचे कृष्ण कुंज आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष उत्तराखंड पीठाधीश्वर जगद्गुरु कृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य मोक्ष की ओर अग्रसर हो जाता है। इसके श्रवण के साथ ही इसका अनुसरण भी करना चाहिए।

भागवताचार्य रमेश उनियाल ने कहा कि प्रभु का सेवाभाव से भजन और गो सेवा कल्याणकारी है। नारायण भाव के भूखे हैं। नारायण अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य एवं देवताओं को धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। मौके पर तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, आचार्य रमेश उनियाल, अशोक कुमार अरोड़ा, रीता अरोड़ा, प्रदीप अरोड़ा, विनोद घई, प्रमोद बजाज, राजेश भारद्वाज, पार्षद रीना शर्मा, पंडित वेद प्रकाश शर्मा, रश्मी, प्रवीण आदि उपस्थित रहे।

केदारनाथ धाम के कपाट छह मई, बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुलेंगे

विश्वप्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष के लिए शुक्रवार 6 मई प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर वृश्चिक लग्न में खुलेंगे। (Portals of Kedarnath dham to open on 6th May) बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले जाएंगे।

पंचकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शिवरात्रि के पावन अवसर पर संक्षिप्त धार्मिक समारोह आयोजित हुआ। जिसमें श्री केदारधाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित हुई। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर की उपस्थिति में पूजा- अर्चना की गई। पंचाग गणना के पश्चात यात्रा वर्ष 2022 हेतु श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित हुई।

भगवान श्री केदारनाथ जी की पंचमुखी उत्सव डोली 2 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम को प्रस्थान करेगी जबकि 1 मई को भैरवनाथ जी की पूजा की जायेगी।

डोली 2 मई गुप्तकाशी, 3 मई फाटा, 4 मई गौरीकुंड 5 मई को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई शुक्रवार प्रातर 6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के खुले कपाट, अखंड ज्योति के हुए दर्शन


श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को वैदिक मंत्रोचार एवं शास्त्रोक्त विधि-विधान से आज मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिये गये है। ग्रीष्म काल में निरंतर भगवान बदरीविशाल की पूजा- अर्चना होगी।

मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति द्वारा लगभग 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था‌। प्रातः तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे। श्री उद्धव जी भी मुख्य द्वार से अंदर पहुंचे। ठीक प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले इस अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने। रावल द्वारा गर्भगृह में प्रवेशकर मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया तत्पश्चात भगवान के सखा उद्धव जी एवं देवताओं के खजांची श्री कुबेर मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये। डिमरी पंचायत प्रतिधियों द्वारा भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु राजमहल नरेन्द्र नगर से लाये गये तेल कलश( गाडू घड़ा) को गर्भ गृह में समर्पित किया।

इसके साथ ही भगवान को माणा गांव के महिला मंडल द्वारा शीतकाल में कपाट बंद करते समय औढाया गया घृतरू कंबल उतारा गया तथा प्रसाद स्वरूप बांटा गया। भगवान के निर्वाण दर्शन के बाद अभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान बदरीविशाल का श्रृंगार किया गया। इस तरह निर्वाण दर्शन से श्रृंगार दर्शन की प्रक्रिया पूरी होती है। इस संपूर्ण पूजा प्रक्रिया में रावल, डिमरी भीतरी वडुवा, आचार्यों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की भूमिका रही।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रथम महाभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण एवं आरोग्यता की भावना से समर्पित किया गया है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुजनों को बधाई दी है तथा सभी के आरोग्यता की कामना की। कहा कि लोग अपने घरों में रहकर पूजापाठ करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई कहा कि कोरोना की समाप्ति के बाद चारधाम यात्रा पुनः शुरू होगी।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर बधाई दी है कहा कि श्री बदरीनाथ धाम को आध्यात्मिक हब के रूप में विकसित करने हेतु शासन के स्तर पर प्रयास जारी है। कई संस्थाये इसके लिए आगे आ रही है।

गढ़वाल आयुक्त व उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि श्री बदरीनाध धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धामों के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई। कहा अभी यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं है लेकिन स्थितियां सामान्य होने पर यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है।
कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, डिमरी पंचायत पदाधिकारी आशुतोष डिमरी, विनोद डिमरी, तहसील दार चंद्रशेखर वरिष्ठ पुलिस जिला प्रशासन आईटीबीपी, सेना के अधिकारी मौजूद रहे।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर परिसर,बस टर्मिनल तथा स्वागत कार्यालय, आवासों में पर्याप्त सेनिटाईजेशन किया है, कपाट खुलने के दौरान कोविड बचाव मानकों का पालन हुआ मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग हो रहा है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिरों माता लक्ष्मी मंदिर, हनुमान जी, गणेश जी, श्री आदि केदारेश्वर, श्री शंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर माणा तथा पंच बदरी में एक श्री भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी खुल गये है जबकि चारधामों में से श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, श्री गंगोत्री धाम के 15 मई, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुल चुके है। तृतीय केदार तुंगनाथ जी एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट भी 17 मई को खुल गये है। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं जबकि श्री हेमकुंड गुरूद्वारा साहिब तथा लोकपाल श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं है।

श्री केदारनाथ धाम के खुले कपाट, पीएम ने नाम से किया गया रूद्राभिषेक

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण के साथ आज सोमवार मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रातरू पांच बजे खुल गये हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया प्रातरू तीन बजे से शुरू हो गयी थी। रावल भीमाशंकर एवं मुख्य पुजारी बागेश लिंग तथा देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने पूरब द्वार से मंदिर मुख्य प्रांगण में प्रवेश किया।

मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना की मंत्रोचार के पश्चात ठीक पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने स्यंभू शिवलिंग को समाधि से जागृत किया तथा निर्वाण दर्शनों के पश्चात श्रृंगार तथा रूद्राभिषेक पूजाएं की गयी। श्री केदारनाथ धाम में भी प्रथम रूद्राभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से की गयी तथा जनकल्याण की कामना की गयी। कोरोना महामारी को देखते हुए चारधाम यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित है धामों में केवल पूजापाठ संपन्न हो रही है यात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। केदारनाथ के कपाट खुलते समय पूजापाठ से जुड़े चुंनिंदा लोग मौजूद रहे। धाम में मौसम सर्द है मंदिर के कुछ दूरी पर बर्फ मौजूद है। तथा रास्ते में कहीं- कहीं हिमखंड नजर आ रहे है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता ब्यक्त की है तथा भी के आरोग्यता की कामना की है। कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अस्थाई तौर पर यात्रा स्थगित है सभी लोग वर्चुअली दर्शन करें तथा अपने घरों में पूजा-अर्चना करें।

पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी समाप्त होगी तथा शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण की भावना के साथ सभी धामों में प्रथम पूजा संपन्न करवायी जा रही है।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर ऋषिकेश के दानीदाता सौरभ कालड़ा ग्रुप द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग, केदार लिंग, मुख्य पुजारी बागेश लिंग, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, जिलाधिकारी मनुज गोयल, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल मनराल बीकेटीसी पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, एसडीएम रवीन्द्र वर्मा, तहसीलदार जयराम बधाड़ी, धर्माधिकारी आचार्य औंकार शुक्ला, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला एवं प्रदीप सेमवाल, पारेश्वर त्रिवेदी, महावीर तिवारी,मृत्युंजय हीरेमठ, विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया की श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात केदारनाथ मास्टर प्लान कार्यों में अधिक गति आयेगी।

कपाट खुलने के दौरान कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया। मास्क, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कपाट खुलने के लिए एसओपी द्वारा ब्यापक दिशा निर्देश जारी किये हैं। केदारनाथ में जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ तथा स्वास्थ्य विभाग, विद्युत, जल संस्थान की टीम अपना कार्य कर रही हैं।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई प्रातः 4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे है। आज श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी के साथ उद्धव, कुबेर तथा तेलकलश (गाडू घड़ा) श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट आज दोपहर में खुल रहे है जबकि चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट भी आज खुल रहे हैं। द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं। जबकि गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी निश्चित नहीं है।