सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी राहत, शराब की दुकानें होंगी बहाल

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हाईवे पर शराब के ठेके और बार खुल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नौ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर 500 और 220 मीटर दूरी की बाध्यता खत्म कर दी है। देहरादून और नैनीताल की सात तहसीलों को भी इस छूट का लाभ दिया गया है।
शुक्रवार को इसके आदेश मिलने के बाद आबकारी विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की परिस्थितियां भी सिक्किम की तरह हैं। ऐसे में यहां भी उसी आधार पर हाईवे में शराब की दुकानें, ठेके और बार खोलने में दूरी की छूट दी जाए।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि सिक्कम के लिए मार्च में दी गई छूट के आधार पर ही उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में दुकानें या बार खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर और 220 मीटर दूरी की बाध्यता नहीं रहेगी। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है।

इन जिलों में मिलेगी छूट
कोर्ट के इस फैसले से चमोली, चंपावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में अब ठेके खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर या 220 मीटर की दूरी नहीं रखनी पड़ेगी। इससे विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा।

अयोध्या रामजन्म भूमिः देश दुनिया की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकेगी

देश विदेश में अयोध्या का नाम सुनते साथ ही हिन्दूओं की आस्था के प्रतीक श्रीराम की तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है। इस मामले में नया घटनाक्रम यह है कि अब अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों की स्पेशल बेंच तैयार की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव दिया था। ये एक ऐसा विवाद है, जिसकी आंच में भारतीय राजनीति आजादी के बाद से ही झुलसती रही है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी, जिसका मुकदमा आज भी लंबित है।
आपकों बताते चले कि देश की आजादी से पूर्व इस स्थान को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है। एक ओर हिन्दू इसे श्री राम की जन्म स्थली बताकर राम मंदिर का निर्माण करना चाहते है वहीं मुस्लिम इसे बाबरी मस्जिद बताकर अपना पक्ष रख रहे है। दोनों के दावे अब तक कई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गये है। पूर्व में इलाहाबाद कोर्ट ने उक्त स्थान की खुदाई करवाकर जिस पक्ष के अवशेष मिलेंगे, उसका दावा पुख्ता माना जायेगा कहा था। जिस पर खुदाई के दौरान हिन्दूओं से संबधित अवशेष मिले जिस पर कोर्ट ने इस स्थान को हिन्दुओं का माना। मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किये।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव भी दिया। लेकिन कोई ठोस निर्णय सामने नही आ सका। अब फिर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। अब देश दुनिया की नजरें फिर से हिन्दुस्तान की ओर होंगी। सुप्रीम कोर्ट के ट्रायल और फैसले से देश की राजनीति में इसका सीधा असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्यसभा चुनाव में दबेगा नोटा, कांग्रेस में मची खलबली

गुजरात राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अब सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। गुजरात की 3 सीटों पर 8 अगस्त को होने वाले चुनावों में नोटा प्रयोग पर स्टे लगाने की कांग्रेस की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसका मतलब यह है कि राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग नोटा के विकल्प के साथ ही होगी। इससे पहले, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी थी कि अगर नोटा पर स्टे नहीं दिया गया तो विधायकों के वोट दूसरे पक्ष के लोग खरीद लेंगे और उसके कैंडिडेंट्स चुनाव हार जाएंगे।
कांग्रेस ने कहा कि अगर नोटा का ऑप्शन बंद नहीं किया गया तो गुजरात चुनाव में यह भ्रष्टाचार का सबब बन सकता है क्योंकि मुकाबला बेहद कड़ा है। कांग्रेस की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीट पर चार कैंडिडेट्स खड़े हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विधायकों को नोटा का विकल्प देने के मुद्दे पर 18 सितंबर को विस्तृत सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से जुड़ा नोटिफिकेशन काफी पहले 2014 में जारी किया था, ऐसे में कांग्रेस को इसकी खामियां इस वक्त क्यों नजर आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, यह एक संवैधानिक मुद्दा है, जिसपर बहस की जरूरत है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह कांग्रेस की याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब दे।
कोर्ट ने कांग्रेस के वकील से कहा कि जनवरी 2014 में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के बाद से हुए कई राज्यसभा चुनाव हुए, उस वक्त आप कहाँ थे और अब जबकि ये आपके फेवर में नही है तब इसे क्यों चुनौती दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर सुनवाई के लिए तैयार है कि राज्यसभा चुनाव में नोटा का प्रावधान संवैधानिक है या नहीं, लेकिन सवाल ये है कि केवल इसी चुनाव के लिए ही क्यों ? चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नोटा का प्रावधान किया गया है और उसके बाद कई चुनाव हुए जिसमे नोटा का इस्तेमाल भी हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एनडीए सरकार ने इस मामले में रणनीतिक चुप्पी साध रखी है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल को लेकर ईसी की ओर से 24 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन से सरकार का कोई संबंध नहीं है। गुजरात की सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल होने जा रहा है। बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से एकमात्र उम्मीदवार अहमद पटेल हैं। कांग्रेस ने नोटा के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग बिना संवैधानिक संशोधन के राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल नहीं कर सकता। कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर हुए राजनीतिक विवाद पर करारा जवाब दिया। आयोग ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा चुनाव में बैलट पेपर में नोटा के इस्तेमाल करने की पहली घटना नहीं है। आयोग ने आंकड़ों के साथ कहा कि 2014 से लेकर अब तक राज्यसभा के चुनाव 25 बार हुए जिनमें 95 सीटों पर वोटिंग हुई। इन सभी सीटों पर नोटा का इस्तेमाल हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर घोषित हुए नीट के परिणाम


सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा में पंजाब होनहारों ने बाजी मारी है। श्री मुक्तसर साहिब के नवदीप सिंह ने 700 में से 697 अंक लेकर देश में पहला रैंक हासिल किया है। वहीं, हिसार में रहने वाली नितिका गोयल ने देशभर में 8वां रैंक हासिल कर लड़कियों के वर्ग में टॉप किया है। उसने 700 में से 690 अंक हासिल किए हैं। नीतिका मूलरूप से बठिंडा की रहने वाली हैं। इसके अलावा हिसार की अदित‍ि व पूर्वा ने क्रमशः 22वां व 26वां रैंक हासिल किया।
पहला रैंक प्राप्त करने वाले मुक्तसर के ग्रीन एवेन्यु की गली नंबर एक के निवासी नवदीप के पिता गोपाल सिंह गांव चड़ेवान के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं, जबकि उसकी मां सिमरजीत कौर एलआइसी की मुलाजिम हैं। परिवार में माता पिता के अलावा नवदीप का एक छोटा भाई है, जो दसवीं में पढ़ता है। वहीं, नितिका के पिता राकेश गोयल बठिंडा जिला के खेतीबाड़ी विकास अफसर हैं। माता रानी देवी सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज में लेक्चरर हैं।

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टॉप करने की नहीं थी उम्मीद: नवदीप
नवदीप ने इस सफलता का श्रेय माता पिता व अपने शिक्षकों को दिया। उन्होंने बताया कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है, तभी सफलता मिलती है। उनके माता पिता ने बताया कि नवदीप शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहता था। स्थानीय अकाल अकेडमी दसवीं करने वाले नवदीप ने दसवीं में 10 सीजीपीए प्राप्त किए थे, जबकि बारहवीं में उसने मुक्तसर के ही शिवालिक पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 88 फीसद अंक हासिल किए थे। नवदीप ने कहा कि उसे अच्छे रैंक हासिल करने की तो उम्मीद थी, लेकिन पहला रैंक प्राप्त होगा, यह उम्मीद नहीं थी। नीट की परीक्षा की कोचिंग उसने चंडीगढ़ के हेलिक्स इंस्टीट्यूट से ली है। वह अब नई दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल इंस्टीट्यूट में दाखिल लेगा। पिता ने बताया कि नवदीप की फिजिक्स भी बहुत अच्छी है।

चैलेंज ने नीतिका को बनाया टॉपर
नितिका गोयल ने नीट में देशभर में 8वां रैंक प्राप्त कर किया है। मैगनेट इंस्टीट्यूट बठिंडा की छात्रा नितिका ने बताया कि वह इस टेस्ट को चैंलेज मान कर चली थी। इंस्टीट्यूट ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि निकिता अपने भाई से बेहतर परफॉर्म कर सकेगी। उसके भाई निखिल ने नीट में एआइआर-142 प्राप्त किए थे। नितिका ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 8वां रैंक हासिल किया। मैगनेट इंस्टीट्यूट की एमडी पिंकी शिवरावणी ने बताया कि नितिका ने दो साल रेगुलर उनके पास पढ़ाई की और कभी भी कोई टेस्ट मिस नहीं किया। वह हर टेस्ट में प्रथम ही आती थी। नितिका ने बताया कि एक बार दसवीं में वह दिमागी तौर पर बीमार हो गई और उनकी आंखें सूजने लगी। काफी लंबा इलाज चला, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक हो गई। उसी दिन से यह फैसला कर लिया था दिमाग रोग विशेषज्ञ ही बनना है। नितिका एम्स में एआइआर-95 व जेआइपीएमईआर पांडुचेरी में 76वां रैंक प्राप्त कर चुकी है।