उत्तराखंड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्यः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, एनटीआरओ के पूर्व प्रमुख आलोेक जोशी, कोस्ट गार्ड के पूर्व महानिदेशक राजेन्द्र जोशी, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित विभिन्न हस्तियों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित ‘रैबार-2‘ कार्यक्रम में शिरकत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार के सफल परिणाम आए हैं। कोस्ट गार्ड का रिक्यूरिंग सेन्टर हमें मिला है। तमाम विकास की योजनाओं में हमें जो समर्थन मिला है उसमें कहीं न कहीं रैबार कार्यक्रम का भी योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कहते हैं कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड बने तो इसका आशय प्रदेश के संतुलित विकास से होता है। हमें उन क्षेत्रों में आगे बढ़ना होगा जिसमें हमारा एकाधिकार हो सकता है। उत्तराखण्ड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्य है। हमने पूरे प्रदेश में आर्गेनिक क्लस्टर तैयार किये है।

पिरूल को हम अभिशाप मानते हैं, वो हमारे लिए वरदान साबित होने वाला है। हम पिरूल से बिजली बनाने के लिए नीति बनाई है। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने के 23 प्रोजेक्ट शीघ्र ही राज्य में शुरू होने वाले हैं, इससे कुछ ही दिनों मंे बिजली बनना आरम्भ हो जायेगा। गैस की अपेक्षा पिरूल की पत्तियों से होने वाली ऊर्जा की लागत काफी कम है, जल्द ही हम पाईन की पत्तियों से फ्यूल बनाने का पहला प्रोजेक्ट लगाने जा रहे है। चीड़ वनों में विनाश का कारण बन रहा था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था, वही चीड़ की पत्तियों से हमे अब ऊर्जा मिलेगी, हजारांे लोगों को रोजगार मिलेगा, यह हमारे विकास का आधार बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार कार्यक्रम के बाद इन्वेस्टर्स समिट के समय हम 10 नई पॉलिसी लेकर आए और 05 पॉलिसी में परिवर्तन किया। परिणामस्वरूप एक वर्ष एक माह में ही प्रदेश में 17,000 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश ऑन ग्राउण्ड हुआ है। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं। सोलर में राज्य में 600 करोड़ रूपये का निवेश हुवा है।

उत्तराखंडवासी जहां भी गया अपना योगदान दियाः योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने रैबार-2 को अपनी भूमि से जोड़ने का एक अभिनव प्रयोग बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के चारधामों के प्रति देश व दुनिया के श्रद्धालु अपनी सच्ची श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का वासी जहां कहीं भी गया है वहां की समृद्धि में अपना योगदान दिया है। देश की सेना सहित अन्य क्षेत्रों में इस प्रदेश ने कई विभूतियां दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड उनकी भी जन्म भूमि है। आज उत्तराखण्ड के हर क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है, फिर भी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना चिन्ता का विषय है। जरा सोचिए आज से 60-70 साल पहले तक जब यहां सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सुविधा व पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता नही थी बावजूद इन तमाम दुष्वारियों के हमारे पूर्वज यहां आकर बसे। वे बिना सुविधाओं के यहां बसे आज की पीढ़ी सुविधाओं के बावजूद अपने गांवो को छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी कहा था कि जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं हो सकता है।

उत्तराखंड के सैनिकों ने हर आतंकवादी घटना का मुहतोड़ जवाब दियाः सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि सन् 1962 से लेकर आज तक विभिन्न युद्धों में और आतंकवादी घटनाओं को नाकाम करने में उत्तराखण्ड के सैनिकों ने जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। रैबार-2 के लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी होती है कि यह प्रदेश काफी तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पहले विनाश के रूप में पहचाने जाने वाले चीड़ की पत्तियों से अब विकास का आधार तैयार किया जा रहा है। कई प्रकार की औषधि हैं जो पहले नष्ट कर दी जाती थी, अब उपयोग में लायी जा रही हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी कार्य किया गया है।

हाल ही मे हमने चीन के साथ लगे पहाड़ी इलाकों में अखरोट और चिंगोले की खेती में सहयोग के साथ टेलिकॉम की सुविधा, सड़क निर्माण एवं एडवांस लैंडिंग एयर फील्ड में भी पहल की है। मुझे यह भी खुशी है कि प्रदेश में जो भी कार्यक्रम होता है उसमें सदा ही भारतीय सैनिकों व माताओं को सम्मानित किया जाता है। उत्तराखण्ड, भारतीय सेना में लगातार बहादुर जवान तैनात करते आया है। उत्तराखण्ड का निवासी, नौजवान, नारियां कभी भी दुशमन व आतंकवाद का सामना करने से पीछे नही हटते, इसके लिए हमें आप सब पर गर्व है। उत्तराखण्ड ने हमारी सेना को कई वीर सपूत दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उत्तराखण्ड के विकास में योगदान की शपथ भी दिलाई। इसके अतिरिक्त वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया।

आखिर क्यों सीएम त्रिवेन्द्र माता मंगला मूर्ति को बताया ममता की मूर्ति, जानिए…

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फाउण्डेशन द्वारा समाज के व्यापक हित में किये जा रहे कार्यों को समाज के लिये वरदान बताया है। देश के साथ ही उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, कृषक कल्याण एवं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने में हंस फाउण्डेशन द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी उन्होंने सराहनीय बताया है।

शनिवार को नई दिल्ली में हंस फाण्डेशन की 10वीं वर्षगाठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माता मंगला के मार्गदर्शन में हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में विजन 2020 पर काम कर रहा है। इसमें बिजली, पानी, सैनिटेशन, एजुकेशन, हेल्थ, रोजगार व महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में फाउंडेशन देश भर में मेडिकल मोबाइल वैन के जरिए उन गावों तक पहुंच रहा है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी कहते थे कि जिस तरह सूर्य समुद्र से जल सोखकर उसे निस्वार्थ भाव से बारिश के रूप में धरती को लौटाता है, उसी तरह मानव को भी निष्काम भाव से जनकल्याण के प्रयास करने चाहिए। यह उक्ति हंस फाउण्डेशन की माता मंगला पर सटीक बैठती है। मुख्यमंत्री ने माता मंगला को ममता की मूर्ति बताते हुए उनके दीर्घायु की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हंस फाउण्डेशन इसी प्रकार जन कल्याण के परोपकारी कार्यों से समाज को दिशा प्रदान करता रहेगा।

सीएम को ट्वीट कर की शिकायत, अगले ही दिन हुआ समाधान

आज के दौर में हर कोई सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग करता नजर आ सकता है और यह आम लोगों से संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभाता है, तो ऐसे में शासन भी इससे अछुता नहीं है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये समस्या का निदान किया है। मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा है। मुख्यमंत्री की अपील पर अल्मोड़ा की जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने भी सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों की समस्याएं सुलझाने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दरअसल अल्मोड़ा के चौखुटिया की रहने वाली अंबुली देवी को पिछले 6 महीन से समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवा पेंशन नहीं मिली। ऐसे में नम्रता कांडपाल नाम की महिला ने ट्वीटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायत लिखी। मुख्यमंत्री ने शिकायत को ट्वीटर पर ही अल्मोड़ा की जिलाधिकारी को फॉरवर्ड करते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। जिस पर डीएम ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। डीएम ने ट्वीटर पर ही शिकायतकर्ता से अंबुली देवी के विवरण उपलब्ध कराने को कहा जिस पर आगे की कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने अगले ही दिन उनकी पेंशन का चेक जारी किया। जिलाधिकारी, अल्मोडा ने मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ता को ट्वीटर पर टैग करते हुए चेक की फोटो एवं विधवा पेंशन की धनराशि जारी किये जाने का आदेश पोस्ट किये। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर इसी प्रकार जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जिन जनपदों में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग प्रारम्भ नहीं किया गया है वे तत्काल इसका उपयोग जन समस्याओं के निस्तारण और महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रसार हेतु करें।