पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है धामी सरकार का बजट

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अटैची हाथ में उठाए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल धोती-कुर्ता और पहाड़ी टोपी पहनकर सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में सभी का अभिभावदन किया। वित्त मंत्री ने अपराह्न दो बजे बजट अभिभाषण शुरू किया। 56 पेज के बजट अभिभाषण की उन्होंने कुमाऊंनी बोली में शुरुआत की और फूलदेई त्योहार की शुभकामना दीं। बजट का समापन उन्होंने गढ़वाली से किया।

दो घंटे में पेश किया बजट, वित्त मंत्री ने 12 बार पिया पानी
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। दो घंटे में 56 पेज का बजट भाषण पढ़ा। इस दौरान उन्होंने 12 बार पानी पिया। उधर, सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर बजट को सराहा है।
सदन में दो बजे वित्त मंत्री ने बजट भाषण शुरू किया। उन्होंने कुमाऊंनी बोली से भाषण शुरू किया और अंत गढ़वाली में किया। बजट भाषण के दौरान सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर बजट का समर्थन किया। वित्त मंत्री ने 56 पेज का बजट भाषण पूरे जोश के साथ पढ़ा। हालांकि पूरे भाषण में 12 बार पानी का घूंट पिया।

प्रमुख विभागों का बजट
शिक्षा, खेल और युवा कल्याण-10 हजार 459 करोड़
स्वास्थ्य-4हजार 217 करोड़
पेयजल, आवास, नगर विकास-2 हजार 525 करोड़
कृषि-1 हजार 294 करोड़
श्रम एवं रोजगार-552 करोड़
ग्राम्य विकास-3 हजार 272 करोड़
सिंचाई-1 हजार 443 करोड़
ऊर्जा-1 हजार 251 करोड़
लोनिवि-2 हजार 791 करोड़
उद्योग-461 करोड़
परिवहन-453 करोड़
पयर्टन-302 करोड़
पशुपालन-617 करोड़
औद्यानिक विकास-815 करोड़

अपर सचिव स्वास्थ्य ने मौसमी इन्फ्लुएंजा की रोकथाम को लेकर बैठक ली

प्रदेश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जनपद स्तरीय समीक्षा अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से ली गई। बैठक में इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई।
अपर सचिव द्वारा इन्फ्लूएंजा वायरस के मद्देनजर सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिसपर मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा जैसे एच3एन2 इन्फ्लुएंजा, एच1एन1 इन्फ्लुएंजा, इन्फ्लुएंजा बी आदि के बचाव हेतु स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आईसोलेसन सुविधा, बैड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गये हैं।
अपर सचिव ने बताया की राज्य स्तर से जनपदों द्वारा मौसमी इन्फ्लुएंजा के संबंध में किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतरू ही ठीक हो जाते हैं। वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी बल दिया गया।
मौसमी इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के बारे मे जनमानस में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मौसमी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए आम जनमानस में क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित किया जाए।
बैठक के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता जैसे- हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि को आम जनमानस के बीच बढावा दिए जाने पर बल दिया गया।
साथ ही बैठक के दौरान सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव हेतु जुड़ी जानकारियों को समय-समय पर अपने स्तर से मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पुहंचाए जिससे सही सूचना सही समय पर समुदाय तक पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांती न फैले।
वर्चुअल बैठक के दौरान एन.एच.एम. निदेशक डॉ सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आई.डी.एस.पी. डॉ. पकंज कुमार सिंह, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, आई.डी.एस.पी. यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

भागीरथ सम्मान से सम्मानित हुए डॉ धीरेंद्र रांगड़

टिहरी के हेरवाल गांव में आयोजित गांव वापसी संवाद कार्यक्रम में डॉ धीरेंद्र रांगड़ को दर्शन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए ’’भागीरथ सम्मान’’ से सम्मानित किया गया।
आजादी के अमृत काल में उत्तराखंड 2047 को मध्यनजर रखते हुए ग्रीन स्कूल अहमदाबाद द्वारा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती ग्राम हेरवाल गांव, बुमरा धाम में 10 से 12 मार्च को गांव-वापसी संवाद 2023 का त्रिवर्षीय वर्षीय लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों के साथ उत्तराखंड को 2047 तक समावेशी व संतुलित विकास के माध्यम से आर्थिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक रूप से संपन्न राज्य बनाने के लिए चिंतन मनन व संवाद किया।
इस अवसर पर अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी, आध्यात्मिकता, संस्कृति, पर्यावरण, समावेशी विकास, सुशासन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक विविधता, जल संरक्षण, तीर्थाटन, पर्यटन, लोक साहित्य, लोक सुरक्षा, हस्त कला, शिल्प कला, वन संरक्षण व चकबंदी आदि विषयों के विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में आयोजक ग्रीन स्कूल अहमदाबाद के संस्थापक विरेंद्र रावत, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वीरेंद्र रावत, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में शामिल विधायक किशोर उपाध्याय, डॉ मोहन सिंह पंवार, वी एस रावत, मोहन डबराल, विक्रम सिंह नेगी, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, महावीर रवालटा, जयसिंह रावत आदि शामिल हुए। ग्राफिक ऐरा हिल एकेडमी के एन.एस.एस. छात्र-छात्राओं ने स्वयं सेवा का कार्य किया।

दाताराम रियाल बने मंडलीय अध्यक्ष, कर्मचारियों में हर्ष की लहर

गढ़वाल जल संस्थान कर्मचारी संघ के प्रदेश चुनाव में दाताराम रियाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं। बुधवार को गढ़वाल कर्मचारी संघ ऋषिकेश शाखा पहुंचने पर दाताराम रियाल का कर्मचारियों ने स्वागत किया। स्थानीय कर्मचारियों ने गढ़वाल कर्मचारी संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर हर्ष जताया।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित मंडलीय अध्यक्ष दाताराम रियाल ने कर्मचारियों को एकजुट रहकर उनकी समस्याओं का निवारण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर स्वागत करने वालों में शाखा अध्यक्ष विनीत शर्मा, जलकल अभियंता अनिल नेगी, नितिन शर्मा, योगेश शर्मा, अनिल कुमार, सुभाष बिष्ट, राम सिंह, संदीप मैखुरी, जेई पिंकी, सुनील पांडे, सीमा नेगी, जानवी पुरोहित, निधि गुप्ता, प्रमोद हटवाल, आरती रावत आदि मौजूद थे।

क्षैतिज आरक्षण प्रस्ताव को मंजूरी देने पर धामी सरकार का दिया धन्यवाद

राज्य आंदोलनकारियों ने कैबिनेट में क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई। साथ ही सीएम और सब कमेटी का आभार भी जताया। उन्होंने क्षैतिज आरक्षण की स्वीकृति को आंदोलनकारियों की शहादतों और संघर्ष का सम्मान बताया।
मंगलवार को नगर निगम परिसर स्थित इंद्रमणि बडोनी हॉल में आयोजित उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों ने क्षैतिज आरक्षण पर कैबिनेट के फैसले को लेकर बैठक की। उन्होंने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सब कमेटी अध्यक्ष सुबोध उनियाल, सदस्य सौरव बहुगुणा, और चंदनराम दास का धन्यवाद ज्ञापित भी किया। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी मिलना राज्य निर्माण सेनानियों की शहादतों और संघर्षों को सम्मान है। कहा कि यह मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित था। जिससे आंदोलनकारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे।
बैठक में वेदप्रकाश शर्मा, संजय शास्त्री, डीएस गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड, विक्रम भंडारी, सरोज डिमरी, बलवीर सिंह नेगी, बर सिंह बर्त्वाल, गुलाब सिंह रावत, बेताल सिंह धनाई, विशंभर दत्त डोभाल, बृजेश डोभाल, युद्धवीर सिंह चौहान, मुन्नी ध्यानी, प्रेमा नेगी, चेता देवी, यशोदा नेगी, गुड्डी डोभाल, कृष्णा देवी आदि मौजूद थे।

कांग्रेस विधायकों ने मेज तोड़ी और गोले फेंके तो स्पीकर ने किया सभी को निलंबित

उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को निरस्त किए जाने के अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के निर्णय का विरोध करते हुए जमकर हंगामा काटा। इसके कारण विधानसभा की कार्यवाही ​कई बार स्थगित हुई और 15 विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जारी बजट सत्र के दूसरे दिन शून्य काल में जसपुर से कांग्रेस सदस्य आदेश चौहान ने उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन में रखा था जिसे अध्यक्ष ने अदालत में विचाराधीन होने की सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। इस निर्णय से असंतोष जताते हुए कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के सामने पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों के उन्हें रोकने के बावजूद कई सदस्य इस दौरान धक्कामुक्की पर उतर आये जिसके कारण विधानसभा के प्रभारी सचिव हेम चंद्र को अपना आसन छोड़कर उठना पड़ा। इसके बाद भी सदस्य, ​सचिव की मेज पर चढ़कर अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे। चौहान के साथ ही हरिद्वार के पिरान कलियर से कांग्रेस सदस्य फुरकान अहमद भी मेज पर चढ़कर हंगामा करने लगे। उन्होंने विधानसभा की नियमावली की किताब फाड़ कर सदन में कागज भी फेंके।
इस दौरान, अध्यक्ष सदस्यों को शांत रहने और अपनी सीट पर बैठने की अपील करती सुनाई दीं लेकिन जब उनकी बात नहीं सुनी गयी तो उन्होंने हंगामे में शामिल सभी विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संवाददाताओं से बातचीत में खंडूरी ने सदन में सदस्यों के उग्र प्रदर्शन को गलत बताते हुए कहा कि सदन में मेज को तोड़ना और विधानसभा के प्रभारी सचिव को धक्का देना बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उनके निर्णय को लेकर सदस्यों को किसी तरह की समस्या थी तो इसे बातचीत कर सुलझाया जा सकता था लेकिन बातचीत के बजाय सदन के अंदर उग्र प्रदर्शन किया गया जो सही नहीं है। खंडूरी ने कहा, प्रभारी सचिव को धक्का देने, उनकी मेज पर चढ़ने और नियमावली पुस्तिका को फाड़ने के बजाय विधायक अलग से मेरे पास आ सकते थे। इस हंगामे में वरिष्ठ विधायक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्यों का व्यवहार कल भी राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं था और आज भी उन्होंने इसे दोहराया। इस व्यवहार को गलत बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि इसीलिए सभी सदस्यों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया।
तीन बजे के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी निलंबित विधायकों ने सदन नहीं छोड़ा और हंगामा किया जिसकी वजह से कार्यवाही चार बार और स्थगित करनी पड़ी। पांच बार स्थगित होने के बाद शाम पांच बजे सदन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ आरंभ हुई लेकिन विधायक फिर अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे।

डॉ. शैलेन्द्र नए प्रांत प्रचारक और चन्द्रशेखर सह प्रांत प्रचारक

हरियाणा के पानीपत में आज मंगलवार 14 मार्च को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की बैठक हुई, जिसमें उत्तराखंड के नए प्रांत प्रचारक के नाम पर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से डॉक्टर शैलेंद्र सिंह को उत्तराखंड का प्रांत प्रचारक नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पौड़ी के रहने वाले चंद्रशेखर को सह प्रचारक नियुक्त किया गया। वहीं कई बैठक में कई पदाधिकारियों के कार्य क्षेत्र में भी बदलाव किया गया है। डॉक्टर शैलेंद्र सिंह इससे पहले राजधानी देहरादून के प्रचारक के रूप में काम कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में डॉक्टर शैलेंद्र सिंह का बड़ा नाम है।
डॉक्टर शैलेंद्र सिंह मूल रूप से यूपी के प्रयागराज के रहने वाले है। उन्होंने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की से एमटेक किया है। साथ ही पीएचडी भी की है। इससे पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह नागपुर में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के बड़े नेता भैया जी जोशी के पीए भी रह चुके है। उत्तराखंड से पहले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह पर जयपुर में प्रांत प्रचारक पद पर तैनात थे।
बता दें कि बीते साल अक्टूबर से ही उत्तराखंड में आरएसएस प्रांत प्रचारक का पद खाली चल रहा था। प्रांत प्रचारक युद्धवीर को पिछले साल उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक के पद से हटाकर पूर्वी यूपी के सह सेवा प्रमुख बनाया गया था। युद्धवीर पर कथित तौर पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों की बैंकडोर से विधानसभा में भर्ती कराई थी। इस मामले को लेकर एक लिस्ट भी वायरल हुई थी। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं होने से पुलिस जांच में उन्हें क्लिन चिट भी मिल गई थी।

फूलदेई पर्व की सीएम ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फूलदेई पर्व की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। अपने सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से कामना की है कि हमारा यह पर्व सबके जीवन में सुख समृद्धि एवं खुशहाली लाए। उन्होंने कहा कि किसी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे।

सीमांत क्षेत्रों के विकास में कोई कमी नही आने दी जायेगी-धामी

नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में “देश की उत्तरी सीमाओं अवस्थापना विकास” के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ हवाई अडडे को वायु सेना द्वारा विकसित किया जाये। पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का संचालन के फलस्वरूप देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटक आसानी से पिथौरागढ़ पहुच सकते है जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन सृजित होने के साथ ही एयर कनेक्टिविटी आसान होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमांत जनपदों में अवस्थापना विकास यथा रोड़, रेल, दूरसंचार, वायुसेवा के कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। लंबित कार्याे को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करने के लिए सीमांत जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रतिमाह बैठक आयोजित कर न्यूनतम समय में कार्याे को निस्तारित किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार सीमांत जनपदों में लंबित सभी कार्याे को प्राथमिकता पर सम्पादित कर रही है। सीमांत जनपदों में अवस्थापना विकास के कार्यों से प्रदेश में पर्यटन बढ़ने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है। यहां लगभग प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति प्रत्यक्ष/परोक्ष रूप से सेना से जुडें है। मैं स्वंय सैनिक परिवार से हॅू। सेना के प्रति लोगों के दिल में अथाह प्रेम है। सेना के कार्य उत्तराखण्ड राज्य में प्राथमिकता के आधार पर करवाये जायेगें। बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू भी उपस्थित रहे।

सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, अभिभाषण के दौरान हल्ला और नारेबाजी की

विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन आज काफी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले जहां एक ओर विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं सदन के भीतर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायक, अभिभाषण का विरोध करते हुए वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। कुल मिलाकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण को पूरा किया। राज्यपाल ने राज्य की विधानसभा के साल 2023 के पहले सत्र का अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि आज का पूरा कार्यक्रम जो हुआ है वो उनके लिए सौभाग्य का दिन है। साथ ही कहा कि गैरसैंण आने से उनको एक अलग ही खुशी हुई है। राज्यपाल ने कहा कि इस अभिभाषण में राष्ट्र के लिए, प्रदेश के लिए और जनहित के लिए क्या क्या कर रहे हैं उसको समाहित किया गया है।
इस दौरान राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़ते रहे जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, विशेष रूप से महिला सशक्तीकरण और अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
इस संबंध में, राज्यपाल ने राज्य की मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना का जिक्र किया जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदायों की छात्राओं में ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) दर कम करने के उद्देश्य से समुदाय की मेधावी छात्राओं को अधिकतम 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हुनर ​​योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के कौशल विकास पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है।
इसके अलावा, राज्यपाल ने वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन की राशि में वृद्धि, प्राचीन मंदिरों के आसपास पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण, अमृत सरोवर योजना के तहत जल निकायों का निर्माण और अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने जैसे राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया।