जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री ने पतंजलि के साथ की बैठक

उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।

इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी को अर्पित की भावभीनी श्रद्धाजंलि

द्वारकापीठ के व हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन 99 साल की उम्र में निधन पर ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनकी आत्मा की शान्ति हेतु मौन रखा।

पूर्णानंद घाट मुनी की रेती गंगा तट पर महिलाओं द्वारा होने वाली माँ गंगा की आरती द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को समर्पित की। वह आजादी की लड़ाई में भाग लेकर जेल भी गए थे। स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों का डटकर किया था मुकाबला। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।

पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी ने कहा कि अद्भुत व्यक्तित्व, सरल हृदय और प्रभु के श्री चरणों में समर्पित जीवन था द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करे।

द्वारकापीठ के व हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को भावभीनी श्रद्धाजंलि ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।

मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राम रांथी (खोतिला) में आपदा प्रभावितों से भेंट की। साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय और हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में हम सब आपदा प्रभावितो के साथ हैं और राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा आपदा प्रभावितों के लिए रहने, खाने, और कपड़ों की उचित व्यवस्था की जाए, जिसका भुगतान सरकार के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री द्वारा 6 परिवारों को चेक के माध्यम से राहत राशि मुहैया कराई गई। जिसके अंतर्गत आपदा के दौरान मृत महिला के परिवार को चार लाख रुपए की राहत राशि दी गई। इसके अतिरिक्त अन्य आपदा प्रभावितों को शीघ्र ही राहत राशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है तथा शेष बचे आपदा प्रभावित परिवारों को शीघ्र ही राहत राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने धारचूला में काली नदी के किनारे बने तटबंधों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से कहा कि आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने का हर संभव कार्य तत्परता से किया जाना चाहिए। आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार हरसंभव कार्य करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री के साथ धारचूला विधायक हरीश धामी, डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल, ब्लॉक प्रमुख सहित जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, उपजिलाधिकारी नंदन कुमार, उपजिलाधिकारी अनुराग आर्य सहित अन्य विभागाधिकारी उपस्थित रहे।

पुलिस जवानों की ग्रेड पे की समस्या पर सीएम गंभीर, हेड कांस्टेबल और एडिशनल एसआई के लिए निकाली भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पुलिस जवानों की ग्रेड पे की समस्या का एक अच्छा समाधान किया गया है। पुलिस विभाग में कांस्टेबलों के 17500 पद हैं और हेड कांस्टेबल के 3440 पद हैं और एडिशनल एसआई का एक भी पद नहीं है।

पुलिस जवानों को समय से प्रोन्नति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हेड कांस्टेबल रैंक के 1750 नए पद सृजित करने तथा एडिशनल एसआई का नया रैंक सृजित करते हुए 1750 नए पद स्वीकृत करने के आदेश जारी किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका ग्रेड पे 4200 होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा विश्वास है कि इससे जवानों को प्रोन्नति के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे।

संस्कार भारती के कार्यक्रम से ललित कलाओं को मिला संरक्षण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती द्वारा स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तराखण्ड कला दर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, विधायक सविता कपूर, ओजस हिरानी, पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कार भारती के प्रयास राष्ट्रप्रेम, साहित्य कला व पुरातन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित भाव से बढ़ावा देने वाले रहे है। संस्कार भारती की ललित कलाओं के संरक्षण क्षेत्र में भी सबसे बड़े केन्द्र के रूप में पहचान बनी है। इस क्षेत्र के कलाकारों को संगठन से जोड़ कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड कला संस्कृति एवं साहित्य का संगम है, इसके उत्थान के लिये राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये उपयुक्त स्थल की पहचान कर इसके लिये भवन बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में निराशा एवं मायूसी का वातावरण था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को नई पहचान मिली है। हमारे देश की कला, आध्यात्म व योग के साथ ही सांस्कृतिक पहचान भी बनी है। उन्होंने कहा कि पौराणिक कलाकृतियों एवं परम्पराओं के संरक्षण की दिशा में काशी विश्वनाथ कोरडोर का निर्माण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिये एक पतला और संकरा रास्ता हुआ करता था, आज वह दिव्य एवं भव्य रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री के दृढ़ निश्चय से हमारी समृद्ध संस्कृति को पूरा विश्व जानने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 90 के दशक में अयोध्या गये थे तो रामलला के टेन्ट में दर्शन होते थे, आज भव्य राममन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। राममन्दिर के निर्माण से पूरी अयोध्या का महत्व देश व दुनिया में जा रहा है। इससे पूरे विश्व में हमारी कला व संस्कृति को नई पहचान मिलेगी तथा कला संस्कृति एवं आध्यात्म का समन्वय स्थल बनेगा। इसी प्रकार केदारनाथ मन्दिर परिसर के पुनर्निर्माण से लाखो श्रद्धालु वहां की दिव्यता से अविभूत है। बद्रीनाथ मन्दिर का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।

हरिद्वार घटना पर सख्त कार्रवाई, 9 कार्मिकों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में शराब के सेवन से हुई मृत्यु पर आबकारी निरीक्षक सहित आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को निर्देश दिये कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसमें जो भी दोषी या लापरवाह पाया जाए उस पर कठोर कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित करने का आदेश जारी कर दिया है।
आदेश मे कहा गया है कि दिनांक 09.09.2022 को जनपद हरिद्वार के क्षेत्र-3 लक्सर के अन्तर्गत ग्राम फूलगढ़ एवं शिवगढ़ थाना-पथरी में मंदिरा के सेवन से हुई जनहानि होना ज्ञात हुआ। इस सम्बन्ध में अपर आबकारी आयुक्त (ई०आई०बी०) मुख्यालय की प्राथमिक आख्या दिनांक 10.09.2022 में मृत व्यक्तियों द्वारा शराब सेवन की पुष्टि की गयी। उपरोक्त आख्या में क्षेत्र 3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन, हरिद्वार के स्टॉफ की लापरवाही एवं गम्भीर शिथिलता परिलक्षित हुई है। तदकम में क्षेत्र-3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन हरिद्वार में तैनात आबकारी निरीक्षक, उप आबकारी निरीक्षक, प्रधान आबकारी सिपाही एवं आबकारी सिपाहियों को उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 का व 2 में दिये गये प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन का दोषी पाते हुए नौ कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए संयुक्त आबकारी गढ़वाल मण्डल, देहरादून के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है।

पंत ने कुली बेगार प्रथा और जमींदारी उन्मूलन के निर्णायक संघर्ष में निभाई अहम भूमिका-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत के 135 वें जन्मदिन समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पं. गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी एवं कुशल प्रशासक थे। उन्होंने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। देश की आजादी से पूर्व एवं देश की आजादी के बाद भी उन्होंने देश सेवा के लिए जो कार्य किये, वे सभी कार्य हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत का पहाड़ के प्रति विशेष लगाव था। जीवन में तमाम समस्याओं के बावजूद भी वे अपने कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटे। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भारत के गृह मंत्री के महत्वपूर्ण दायित्व उनके पास रहे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐसे महान सपूत से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड युवा राज्य है। 2025 में हम उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना की रजत जयंती मनायेंगे। तब तक उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में हो, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हमें विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत ने देश की आजादी के लिए पूरा जीवन खपाया। उन्होंने पहाड़ के विकास एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। पं. गोविंद बल्लभ पंत जैसे क्रांतिकारी इसी देवभूमि में पैदा हुए। डॉ. निशंक ने कहा कि भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत ने जो रास्ता दिखाया, उससे प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। वे देवभूमि उत्तराखण्ड के गौरव एवं सम्मान हैं। उन्होंने कहा आज देश ज्ञान-विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, मैती आन्दोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, दीप्ति रावत भारद्वाज, श्री राकेश डोभाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से मांगे गए हैं सुझाव, जानिए सरकार की ये खास पहल

उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए नई फिल्म नीति-2022 में सरकार कई प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता देने जा रही है। नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। नीति में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोलियों में बनने वाली फिल्मों पर 40 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम दो करोड़ का अनुदान दिया जाएगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड फिल्म नीति-2022 का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए विभागीय वेबसाइट http://www.uttarainformation.gov.in पर प्रकाशित किया गया।
उक्त प्रस्तावित फिल्म नीति-2022 पर यदि अभी भी कोई व्यक्ति सुझाव देने के इच्छुक हो तो दिनांक 15 सितम्बर, 2022 तक विभागीय Email- ufdc2015@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं। 15 सितम्बर, 2022 तक प्राप्त सुझावों पर विचार करते हुए फिल्म नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कार्यवाही की जायेगी।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य व लोक संस्कृति को विश्व पटल पर लाने के उद्देश्य से देश-विदेश से फिल्म निर्माताओं व निदेशक को शूटिंग के लिए नई नीति में प्रोत्साहन व वित्तीय लाभ देने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार व पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। नीति में फिल्मों को अनुदान, फिल्म पुरस्कार-सम्मान, उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन के अलावा शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तराखण्ड के अधीन गठित उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2022’’ का ड्राफ्ट तैयार कर लोगों के सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 20 जुलाई, 2022 का विभागीय वैबसाईट लिंकः
http:// www.uttarainformation.gov.in/images/download/filmpolicydraft2022.pdf पर अपलोड किया गया था। उक्त के क्रम में फिल्म पॉलिसी को लेकर कतिपय व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सुझाव प्राप्त हुए है।

नीति में ये मिलेंगे लाभ
– पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाघरों व स्टूडियो में उपकरण खरीदने पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख का अनुदान।
– पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल थियेटर वाहन खरीदने पर 15 लाख का अनुदान।
– फिल्म प्रशिक्षण संस्थान के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख का अनुदान।
– स्थानीय बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के दौरान किए गए व्यय पर 40 प्रतिशत अनुदान।
– स्थानीय व हिंदी में सर्वोत्तम फिल्म को 10 लाख का पुरस्कार
– शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिटों को जीएमवीएन व केएमवीएन के रेस्ट हाउस में ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

चारधाम यात्रा में देश ही विदेशों से भी पहुंच रहे श्रद्धालु

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूटता जा रहा है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री सहित यमुनोत्री धामों में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सचिव पर्यटन और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सीईओ सचिन कुर्वे ने उम्मीद जताई है कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बनेगा।
चारधाम में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि सितंबर माह के लिए 5 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रियों के लिए हेली सेवाएं भी दोबारा बहाल हो गई हैं। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रियों की संख्या एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
पर्यटन विभाग देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करता है और उन्हें अधिकतम सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सर्वथा प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वह चार धाम यात्रा पोर्टल पर पंजीकरण करने के उपरांत ही यात्रा आरंभ करें।
गौरतलब है कि खराब मौसम के कारण रोकी गई यात्रा को फिर से शुरू किया गया और केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर से शुरु कर दी गई हैं। चारधाम के साथ ही हेमकुंड साहिब में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जिसमें यमुनोत्री में 394573, गंगोत्री में 506073, केदारनाथ में 1100890, बद्रीनाथ में 1176666 और हेमकुंड साहिब में 169085 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
वहीं, केदारनाथ धाम की यात्रा में इस साल लगातार रिकार्ड बन रहा है। अब तक धाम के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 11 लाख पार कर गई है। यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है। हालांकि अभी इस संख्या के और भी अधिक होने की उम्मीद है। यात्रा के लिए सितम्बर के साथ ही अक्तूबर पूरा महीना शेष है। ऐसे में कपाट बंद होने तक इस बार केदारनाथ दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का नया रिकार्ड बनेगा।

हमारे खिलाड़ियों का भरोसा बन रही नई खेल नीति-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने तथा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन के लिये खेल पुरस्कारों की धनराशि में बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं की खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित कर रही है, युवाओं को आगे बढ़ाना चाहती है, हमारे युवा मनोयोग से खेले और अच्छा प्रदर्शन करें तथा देश व प्रदेश के लिये अधिक से अधिक मैडल प्राप्त करें। इस दिशा में उनकी प्रतिभाओं को निखारने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी नही है।
राज्य में खिलाड़ियों के लिये बेहतर खेल प्रशिक्षकों की भी व्यवस्था की गई है। खिलाडियों के हित में जो भी बेहतर प्रावधान करने जरूरी होंगे वह किये जायेंगे, हम नई खेल नीति लेकर आये हैं। नई खेल नीति में भी प्रावधान किया गया है जिन बच्चों में प्रतिभा व योग्यता है वह आगे आ सके इसके लिये खेल पुरस्कारों में बढ़ोतरी के साथ ही खिलाड़ियों के हित में अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं।