कुंभ मेला2021ः सर्विलांस सिस्टम व एसडीआरएफ के लिए सीएम ने स्वीकृत किए 20 करोड़

कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत सर्विलांस सिस्टम के अधिष्ठान तथा एसडीआरएफ हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 20 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही जनरल टैंटेज कार्य हेतु 11 करोड़ 91 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 4 करोड़ 77 लाख की स्वीकृति प्रदान की, तथा नगर निगम ऋषिकेश में सॉलिड वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य हेतु 2 करोड़ 89 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 1 करोड़ 16 लाख की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत 23 सैक्टरों में प्रस्तावित चिकित्सा व्यवस्थाओं के कार्य हेतु 27 करोड़ 43 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 10 करोड़ 97 लाख की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है।

एमबीबीएस की कक्षाएं आज से एम्स ऋ़षिकेश में शुरू

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में एक जनवरी 2021 (शुक्रवार) से एम्स ऋषिकेश व एम्स विजयपुर (जम्मू) की नए शैक्षणिक सत्र की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की वर्चुअल क्लासेस शुरू हो गई हैं। कोविड19 के मद्देनजर शुरू की गई वर्चुअल क्लास में ऋषिकेश एम्स के 119 व एम्स जम्मू के 35 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाएं विधिवत शुरू हो गई हैं, जिसमें संस्थान के साथ साथ जम्मू एम्स के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। कहा कि हमारी चिकित्सा पद्धति में साइंस के साथ साथ आर्ट भी है। चिकित्सा के विद्यार्थियों को अपने चिकित्सकीय पेशे में सफलता अर्जित करने के लिए विज्ञान के साथ ही कला को भी अनिवार्यरूप से आत्मसात करना होगा, तभी वह मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा दे सकते हैं।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा प्रणाली में प्रत्येक पांच वर्ष के समयांतराल में दवा, उपचार विधि व परीक्षण के तौर तरीकों में बदलाव आ जाता है मगर इसके इस प्रणाली में अपनाई जाने वाली आर्ट में कोई बदलाव नहीं आता। लिहाजा चिकित्सक को पेशेंट के साथ कुशल व्यवहार व बेहतर संबंधों की कला में भी दक्ष होना होगा। उनका कहना है कि भारत में चिकित्सा विज्ञान में मौजूद कला के पक्ष की ओर गौर कम होने लगा है।

कहा कि चिकित्सा के विद्यार्थियों को मरीज के प्रति व्यवहारिक कुशलता के ज्ञान में दक्ष बनाने के लिए आर्ट ऑफ मेडिसिन को साफ्ट स्किल जैसे क्रिएटिव राइटिंग, संगीत, ड्रामा आदि माध्यमों को अपनाया जाएगा, जिसके लिए एम्स संस्थान में प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड हिमेनिटी विभाग स्थापित किया गया है। उन्होंने जोर दिया कि चिकित्सक में अपनी बात मरीज व उसके तीमारदारों तक ठीक से पहुंचाने की दक्षता का होना जरुरी है। साथ ही उसमें सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध व अपने साथियों के साथ अच्छे व्यवहार का ज्ञान होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि एक कुशल चिकित्सक में होलिस्टिक हैल्थ को प्राप्त करने के लिए इमोशनल, सोशल, स्प्रिच्वल, फिजिकल व मेंटल सभी प्रकार के गुणों से परिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर जोर दिया और इसके लिए रेंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।

गौरतलब है कि एम्स विजयपुर (जम्मू) में संस्थान का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जम्मू एम्स में इस वर्ष से 50 सीटों के साथ एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। यह छात्रों का प्रथम बैच है, चूंकि जम्मू का मेंटर इंस्टिट्यूट एम्स ऋषिकेश है, लिहाजा एम्स ऋषिकेश के छात्र छात्राओं के साथ ही एम्स जम्मू की एमबीबीएस की पढ़ाई अपने संस्थान के छात्रों के साथ शुरू की है।

इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, जम्मू एम्स के उप निदेशक कर्नल प्रभात शर्मा, फैकल्टी मेंबर्स डा. मनीषा नैथानी, डा. पूर्वी कुलश्रेष्ठा, फाउंडेशन कोर्स कमेटी की डा. गीता नेगी, डा. हरीश आदि मौजूद थे।

रक्त का दान कर नववर्ष पर दिया रक्तदान करने को प्रेरित

नववर्ष के पहले दिन तीन यूनिट रक्त देकर तीन लोगों की जान बचाई गई। यह सब संभव हो सका रक्तदान प्रेरक रोहित बिजल्वाण की बदौलत।

दरअसल एम्स ऋषिकेश में उधमसिंह नगर निवासी रामप्रताप की बीमारी के चलते सर्जरी होनी थी, सर्जरी से पूर्व उन्हें चिकित्सकों ने एक यूनिट के लिए कहा। इसी तरह अल्मोड़ा निवासी गोपाल को एक यूनिट व मुरादाबाद निवासी मरीज के लिए एक यूनिट रक्त की आवश्यकता थी।

इसी बीच रक्तदान प्रेरक रोहित बिजल्वाण को इसकी जानकारी मिली, तो वह अपने साथियों के साथ एम्स पहुंचे और तीनों की भर्ती मरीजों को रक्त दिलवाया। रोहित ने बताया कि मुरादाबाद निवासी के लिए तीर्थनगरी के अखिलेश, अल्मोड़ा निवासी के लिए दीपांशु और उधमसिंह नगर निवासी के लिए बंसल भाई ने रक्त का दान किया। इस प्रकार तीनों के रक्तदान करने से भर्ती मरीजों को नवजीवन मिल सका।

नववर्ष पर मेयर अनिता ने शहरवासियों के लिए की सुख समृद्धि की कामना

मेयर अनिता ममगाई ने शहर की खुशहाली की मंगल कामना को लेकर नूतन वर्ष के प्रथम दिवस पर मां गंगा में दुग्धाभिषेक किया।

भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मेयर अनिता ममगाईं गंगा तट स्थित त्रिवेणी घाट पहुंची। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उन्होंने देवभूमि ऋषिकेश वासियों की सुख समृद्धि और मंगल कामना को लेकर करोड़ो देशवासियों की आस्था का प्रतीक माने जाने वाली मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया। शहर वासियों को नूतन वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए महापौर ने कहा कि हम 2020 को विदाई देकर वर्ष 2021 में प्रवेश कर रहे हैं। यह ऐसा समय होता है, जब हम अपने अतीत से सीख लेते हुए भविष्य की ओर बढ़ते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण 2020 अत्यंत ही कठिनाई भरा और दुखद वर्ष रहा, लेकिन भारत अतीत की ओर न देखते हुए भविष्य की ओर तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। पिछले साल कोरोनावायरस महामारी ने न केवल हमारे स्वास्थ्य और तर्क शक्ति को बर्बाद किया, बल्कि हमारे जीवन पर भी काफी बुरा प्रभाव छोड़ा। किसी दुःस्वप्न की तरह ही यह हमारे जीवन को आगे भी प्रभावित करता रहेगा। फिर भी, हमें नए साल 2021 में एक बेहतर कल के लिए आशा और दृढ़ता बनाए रखना जारी रखना होगा।

मेयर ममगाई ने कहा कि वर्ष 2021 से लोगों की बहुत आशाएं जुड़ी हैं। मां गंगा और ईश्वर से प्रार्थना है कि नूतन वर्ष हमें महामारी के बाद नई दुनिया को फिर से बसाने और नए सिरे से काम करने का अवसर देगा। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता, पार्षद लक्ष्मी रावत, अनीता रैना, रीना शर्मा, राजेश दिवाकर, वीरेंद्र रमोला, विपिन पंत आदि मौजूद रहे।

नववर्ष के दिन की विशेष सफाई अभियान से शुरूआत

नववर्ष के प्रथम नगर निगम ऋषिकेश ने नगरायुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल के नेतृत्व में विशेष स्वच्छता अभियान से शुरूआत की। अभियान में नगर निगम ऋषिकेश के स्वच्छता एम्बेसडर पंडित रवि शास्त्री, अशोक बेलवाल द्वारा आम जनमानस को गंगा के प्रति स्वच्छता हेतु जागरूक किया गया। साथ ही गंगा में बहने वाले पुष्प माला, फूलों को एकत्र कर कूड़ादान में एकत्र किया गया।
इस मौके पर त्रिवेणी घाट आयुष श्रद्धालुओं को उस पात्र में पुष्प डालने का आग्रह भी किया साथ ही सभी ने जागरूक भी किया। अभियान में एसएनए विनोद लाल, अशोक बेलवाल, ‌सफाई निरीक्षक सचिन सिंह रावत, वीरेंद्र, अभिषेक आदि उपस्थित थे।

नगर भ्रमण कर कांग्रेस नेता राजपाल खरोला ने जानी लोगों की कुशलक्षेम


आज प्रदेश महामंत्री राजपाल खरोला ने अपने सभी कार्यकर्ताओं के साथ नगर क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों, व्यापारियों से मुलाकात की। ऋषिकेश विधानसभा में लोगों से मुलाकात के दौरान उन्होंने नववर्ष की बधाई भी दी। साथ ही नववर्ष 2021 सभी के लिए मंगलमय होने की ईश्वर से कामना भी की।

इस अवसर पर पार्षद मनीष शर्मा, भगवान सिंह, जगत सिंह नेगी, राजेश गोयल, अभिषेक शर्मा, देवेंद्र प्रजापति, भगवान सिंह पवार, एकांत गोयल, सोनू पांडेय, आशु वर्मा, उत्तम दास, राजीव प्रसाद, शकुंतला शर्मा आदि उपस्थित थे।

चाय व नाश्ता से निराश्रितों का सहारा बन रही लायंस क्लब डिवाइन संस्था

प्रत्येक वर्ष की ही तरह लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन ने नववर्ष के आगमन पर माँ गंगा से संपूर्ण देशवासियों के लिए मंगलमय होने की कामना की। इसी के साथ त्रिवेणी घाट पर स्नानार्थियों व निराश्रित लोगों के लिए चाय व नाश्ते की सेवा आरम्भ की।

संस्था के अध्यक्ष महेश किंगर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष यह सेवा सर्दियों में आरंभ की जाती है, जिसकी शुरूआत एक जनवरी से होती है, आज के कार्यक्रम में राज्यमंत्री कृष्ण कुमार सिंघल ने लोगों को चाय व नाश्ता बांटकर मानव सेवा में सहयोग किया। उन्होंने कहा कि लायंस डिवाइन संस्था से समाज के अन्य लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।

इस अवसर पर क्लब के संस्थापक ललित मोहन मिश्र, कोषाध्यक्ष अंकित कालरा, नितिन झिंगन, हेमंत सुनेजा, किशोर मेहता, सजल खुराना, मयूर लाम्बा, मधुसूदन अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने सीएम के लिए आयोजित कराई पूजा

प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके सहयोगी स्टाफ भी चिंतित है। उनके बेहद करीबी माने जाने वाले सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत ने उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए महामृत्युंजय का पूजन और हवन कराया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के कोरोना पाॅजीटिव आने के बाद उनका दून चिकित्सालय से इलाज चल रहा था। उन्हें हल्के बुखार और खांसी के चलते निमोनिया की शिकायत को देखते हुए एतिहातन एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार आ रहा है। उनके सहयोगी स्टाफ में सोशल मीडिया का बेहतर प्रबंध देख रहे सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत उनके स्वास्थ्य को लेकर खासे चिंतित रहे। जब से उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया है तब से नितिन रावत महामृत्युंजय का जाप करवा रहे थे। अब मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य में सुधार आने और जल्द ही एम्स से छुट्टी मिलने की खबर ने सभी को राहत प्रदान की है। नितिन रावत ने महामृत्युंजय का जप पूरा कराने के बाद हवन कर आज पूजन कार्य को सम्पन्न कराया।
बता दें कि नितिन रावत युवा होने के साथ ही मुख्यमंत्री की टीम में बेहद विश्वसनीय माने जाते है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने उनके कार्य की कई बार प्रशंसा कर उनसे कई सहयोगियों को सीख लेने की नसीहत भी दी है। नितिन रावत का कार्य ग्राउंड लेवल का कार्य काना जाता है।

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सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नितिन रावत ने बताया कि पंडित देवेंद्र प्रसाद भट्ट एवं उनके साथियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य को लेकर उनसे मुलाकात की थी। जिसके बाद महामृत्युंजय का पूजन और हवन का कार्यक्रम तय किया गया। जिसके बाद रानीपोखरी भोगपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बागेश्वर महादेव के समक्ष महामृत्युंजय यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री के स्वस्थ व उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए मनोकामना की गई।

वर्ष 2020 उत्तराखंड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिए जाना जाएगाः त्रिवेंद्र सिंह रावत

नववर्ष 2021 की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। कहा कि निश्चित तौर पर आने वाला वर्ष हम सभी के जीवन में नई आशा और ऊर्जा का संचार करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में पूरी मानव सभ्यता कोरोना से संघर्ष करने में लगी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी देशवासियों ने भी कोरोना से जंग लड़ी है। यह लड़ाई अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री जी के सही समय पर लिए गए सही निर्णयों से देश सम्भली हुई स्थिति में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को उत्तराखण्ड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिये जाना जाएगा। राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमने गैरसैण को न केवल ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया बल्कि राजधानी परिक्षेत्र में राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक विकास करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। अगले दस वर्षों में वहां 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन किया गया। यह हमारी सरकार का बहुत बड़ा निर्णय है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रदेश के युवाओं को स्वावलम्बी बनाने में मददगार हो रही है। तीन लाख रूपये तक ब्याजमुक्त ऋण, किसानों के जीवन में खुशहाली लाएगा। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना से हम जंग लड़ रहे हैं। हमने हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया है। अब हर जिले में आईसीयू स्थापित है। हम राज्य में आने के इच्छुक उत्तराखंड के प्रवासी भाईयों को लाए और उनके रोजगार की भी चिंता की है। पर्यटन, उद्योग, कृषि आदि सभी क्षेत्रों को राहत दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गर्वनेंस के लिए ई-गर्वनेंस को बढ़ावा दिया है। ई-कैबिनेट और ई-आफिस का अमल में लाया गया है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़े जाने की शुरूआत की है। ग्रामीण घरों को केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस वर्ष न्यू-ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, डोबरा चांठी पुल, जानकी सेतु, सूर्याधार झील का उद्घाटन किया गया। पिरूल से एनर्जी के काम को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अभी तक 106 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 06 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों के हुआ है। महिलाओं को भूमिधरी हक, राज्य में महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हमने हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले का आयोजन होने जा रहा है। हमने इसकी पूरी तैयारियां की हैं। संत महात्माओं के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य कुम्भ का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को अपने जीवन का मंत्र बनाएं। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने और स्थानीय उत्पादों के प्रयोग का संकल्प लें। प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।

वर्ष 2020 की राज्य सरकार की उपलब्धियाँ

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में साल 2020 में उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। बातें कम, काम ज्यादा की तर्ज पर इस वर्ष राज्य में तेजी से विकास कार्य हुए। एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई लड़ी गई, वहीं राज्य को नई दिशा देने वाले फैसले लिए गए। इस वर्ष जनभावनाओं का सम्मान देखा गया तो वर्षों से लम्बित परियेजनाओं को पूरा होते हुए भी देखा गया। यदि इस वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं पर नजर डालें तो उत्तराखंड में वर्ष 2020 में विकास ने निश्चित रूप से गति पकड़ी है। आइये जानते हैं सरकार की इस साल की उपलब्धियों के बारे में।

गैरसैंण बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण राज्य आंदोलन की मूल भावना थी। गैरसैंण प्रतीक है, समूचे पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का। इसी भावना और सोच के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। इस वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में आयेजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रति मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र की गम्भीरता इसी बात से पता चलती है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गया। उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर किसी मुख्यमंत्री द्वारा गैरसैंण-भराड़ीसैंण में ध्वजारोहण किया गया।
राज्य स्थापना दिवस पर 9 नवम्बर को गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की। साथ ही गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र की कार्ययोजना के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी का गठन किया गया। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है। पेयजल योजना पर काम चल रहा है। गैरसैण में फाईलों को बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता न पड़े, इसके लिए आईटी का उपयोग करते हुए ई-विधानसभा पर काम किया जा रहा है। बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। सड़कों का चैड़ीकरण किया जा रहा है। हैलीपेड बनाया जा रहा है। चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन
राज्य गठन के बाद किया गया सबसे बड़ा साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है, देवस्थानम बोर्ड बनाना। 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’ का गठन किया गया। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। केदारनाथ जी सहित चारधाम की व्यवस्थाओं में जो सुधार किया उसका परिणाम है कि पिछले वर्ष 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर 1 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। बड़े विचार विमर्श के बाद तीर्थ पुरोहितों के हितों को सुरक्षित रखते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। बजट में देवस्थानम बोर्ड के लिए मद भी खोल दी गई है। देवस्थानम बोर्ड का गठन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए किया गया है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही अन्य प्रमुख मंदिरों को भी विकसित करेगा जिससे श्रद्धालु इन मंदिरों के पौराणिक और धार्मिक महत्व से अवगत होंगे और वहां भी दर्शनों के लिए आएंगे।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी देन है ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’। 28 मई को प्रारम्भ की गई यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही है। एम.एस.एम.ई. के तहत ऋण और अनुदान की व्यवस्था है। इसमें विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर ऋण की व्यवस्था है। मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाती है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में आनलाईन आवेदन भी किए जा सकते हैं।
विभिन्न विभागों की स्वरोजगार योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर लाकर युवाओं को अपनी पसंद, दक्षता और उपयोगिता के अनुसार स्वरोजगार प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 से अधिक प्रकार के काम शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा जिलों में जिला योजना का 40 प्रतिशत स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है। कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है। शेष आवेदन प्रक्रिया में हैं।

मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना
अब प्रदेश में सोलर फार्मिंग से भी स्वरोजगार मिलेगा। 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रारम्भ की गई। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं। इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ीबूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भूपरिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है।

किसानों की खुशहाली
इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में बिना ब्याज के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे ऋण की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रूपए कर दिया गया है। अब राज्य के किसान और काश्तकार अपनी जरूरतों के लिए तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के ले सकते हैं। इसी प्रकार स्वयं सहायता समूह पांच रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ ले सकते हैं। पहले यह ऋण की सीमा कम थी। योजना प्रारम्भ होने से अभी तक 4 लाख से अधिक किसानों और 1330 समूहों को 2062 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों का 100 प्रतिशत भुगतान, किया गया है। वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है। इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है। जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा के लिए 94 गांवों में 101 किलोमीटर घेरबाड़ की गयी है। इस काम को और बढ़ाया जा रहा है। कैम्पा के तहत लगभग 10 हजार वनरक्षक तैनात किए जाएंगे।

केवल 1 रूपए में ग्रामीण घरों में पानी का कनेक्शन
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ा जनहितकारी फैसला लिया। ग्रामीण घरों को पीने के पानी का कनेक्शन केवल 1 रूपए में दिया जा रहा है जो कि पहले 1360 रूपए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर को नल से जल के मिशन को प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जल जीवन मिशन के काम को प्राथमिकता से लिया गया है। स्वयं प्रधानमंत्री जी उत्तराखण्ड में ग्रामीण घरों में केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन देने और कोरोना काल में भी हजारों परिवारों को पानी का कनेक्शन देने पर इसकी सराहना की है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में भी गरीब परिवारों को केवल 100 रुपये में पानी का कनेक्शन देने का निर्णय लिया है जो कि पहले 6000 रुपये था।

गुड गर्वनेंस के लिए ई गर्वनेंस
वर्ष 2020 की शुरूआत एक बड़ी पहल के साथ हुई। आठ जनवरी को प्रदेश मंत्रीमण्डल की पहली ई-केबिनेट बैठक हुई। राज्य में ई-आफिस की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-आफिस शुरू किया जा चुका है। 3773 फाईलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई हैं। सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। इसी प्रकार सी.एम.डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ः 205 की-परफोरमेंस इंडिकेटर के आधार पर लगभग सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री जी द्वारा रीयल टाईम मॉनिटरिंग की जा रही है। सी.एम. हैल्पलाईन ‘1905’ में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घण्टे से लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है। सेवा का अधिकार के तहत वर्ष 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी, जिन्हे कि वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है।

हेल्थ सिस्टम को मजबूती और कोरोना से जंग

कोराना काल में राज्य में हेल्थ सिस्टम को काफी मजबूत किया गया है। राज्य में पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में केवल 3 जनपदों में आई0सी0यू0 थे वहीं अब राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित किए जा चुके हैं। अब अन्य उप जिला और बेस अस्पतालों में भी आई.सी.यू बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य के जिला अस्पतालों में आक्सीजन पाईपलाईन की व्यवस्था की जा रही है। अप्रैल माह में ई-संजीवनी ओपीडी की शुरूआत की गई। 03 राजकीय मेडिकल कालेज (देहरादून, श्रीनगर तथा हल्द्वानी) संचालित हैं और 04 (अल्मोड़ा, रुद्रपुर, हरिद्वार तथा पिथौरागढ़) का कार्य गतिमान है। अटल आयुष्मान योजना में लगभग 40 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड और 2 लाख 12 हजार मरीजों को निःशुल्क उपचार, जिन पर 203 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है।

राज्य और जिला स्तर पर कोविड-19 वैक्सीन वितरण और भण्डारण के लिये टास्क फोर्स गठित की गई है। इसका आवश्यक डाटा संकलित किया जा चुका है, अन्य तैयारियां गतिमान हैं। 15 मार्च को राजधानी देहरादून में जब कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया तो सूबे में सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं थी। लेकिन जैसे-जैसे कोरोना का दौर आगे बढ़ा अडिग इरादों के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती की दिशा में कदम आगे बढ़ाने प्रारंभ किए। नतीजा, आज राज्य का स्वास्थ्य विभाग किसी भी तरह की स्थितियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मार्च 2020 में जहां राज्य भर में कुल आईसोलेशन बेड्स की संख्या 1200 ही थी तो वह कई गुना बढ़कर 31505 तक पहुंच गई। जब कोरोना आया तो केवल हल्द्वानी की लैब में ही इसकी जांच की सुविधा थी, लेकिन समय बढ़ने के साथ आज राज्य की 13 सरकारी जबकि 15 प्राइवेट लैबों में कोरोना संक्रमण की जांच का कार्य किया जा रहा है। प्राइवेट लैब में जांच के शुल्क को निर्धारित किया गया है। दिसंबर 2020 में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कुल 710 वेंटिलेटर स्थापित किए जा चुके हैं जबकि मार्च में इनकी संख्या महज 116 थी। इसी तरह आईसीयू बेड से लेकर आक्सीजन सपोर्ट बेडों की संख्या आज कई गुना बढ़ चुकी है। कोविड संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 11 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 27 कोविड हेल्थ सेंटर व 422 कोविड केयर सेंटरों का निर्माण किया है। कोविड काल में 476 डाक्टरों को तैनात किया गया। जांचों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की गई है। प्रति मिलियन सेम्पल की संख्या 143852 है जबकि भारत में यह संख्या 120368 है। उत्तराखण्ड में पॉजिटीवीटी प्रतिशत 5.34 जबकि भारत में 6.25 है।
कोरोना काल में राज्य सरकार ने प्रवासियों सहित प्रदेशवासियों को राहत पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया। 61.94 लाख लाभार्थियों को पांच किलो चावल और एक किलो दाल का निःशुल्क वितरण किया गया। प्रवासियों को निःशुल्क राशन दिया गया। बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन उपलब्घ कराया गया। लॉकडाउन में प्रवासियों को निःशुल्क वापस लाया गया। 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों को कोरोना वारियर्स के रूप में बेतहर कार्य करने हेतु 02-02 हजार रुपये की सम्मान राशि दी गई। मनरेगा में 7 लाख 66 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया गया इनमें 01 लाख से अधिक नये पंजीकृत श्रमिक हैं। पर्यटन, उद्योग, परिवहन, कृषि सहित तमाम क्षेत्रों को रियायतें दी गईं। पर्यटन व्यवसाय में पंजीकृत सवा 2 लाख गाइड, राफ्टर, पोर्टर और परिवहन विभाग में पंजीकृत 25 हजार आटो ई-रिक्शा संचालकों को सहायता राशि प्रदान की गई।

धरातल पर उतरीं महत्वपूर्ण परियोजनाएं
राजनीतिक नेतृत्व की दृढता व इच्छा शक्ति से किस तरह से सालों से अधर में लटके काम समय बद्धता से पूरे किए जा सकते हैं, डोबरा चांठी पुल इसका बड़ा प्रमाण है। आज डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित हो रही है। इसी प्रकार मुनि की रेती, ऋषिकेश में 48 करोड़ की लागत से बने 346 मीटर लम्बे जानकी सेतु को भी लोकार्पित किया जा चुका है।
पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक में भैरवगढ़ी ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना से इलाके के 75 गांवों और तोक को पानी मिलने लगा है। देहरादून में सूर्यधार झील लोकार्पित की जा चुकी है। सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। इससे देहरादून शहर व आसपास के क्षेत्रों की वर्ष 2050 तक की अनुमानित आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस वर्ष ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में भी तेजी आई है। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। है। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं।

वोकल फॉर लोकल का पर्याय बनते रूरल ग्रोथ सेंटर

कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रूरल ग्रोथ सेंटर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस वर्ष इसमें और तेजी से काम किया गया है। अभी तक 106 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 75 ग्रोथ सेंटरों में काम भी शुरू किया जा चुका है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 06 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों के हुआ है। इन ग्रोथ सेंटरों का संचालन स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा इन्हें जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षण, फारवर्ड व बैकवर्ड लिंकेज आदि सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। यूएनडीपी के माध्यम से फार्म और नान-फार्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार की गई हैं। इनकी आनलाईन मार्केटिंग के लिए वेबसाईट बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। लगभग 500 सर्वाधिक पलायन वाले गांवों के स्वयं सहायता समूहों को ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला किया गया है।

महिलाओं को भूमिधरी का हक
राज्य में पति की सम्पति में महिलाओं का सह-अधिकार देने का निर्णय लिया गया ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। महिलाएं अपने नाम पर दर्ज संपत्ति पर स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण ले सकेंगी, वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का अधिकांश कार्य महिलाएं करती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा
चीड़ को राज्य में वनाग्नि का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। हरित ऊर्जा में नवाचारी पहल करते हुए इस वर्ष सौर ऊर्जा और पाईन निडिल से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय काम किया गया। सौर ऊर्जा नीति के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। अभी तक कुल 276 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। जबकि अन्य आवंटित 203 मेगवाट क्षमता की परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है जिसमें 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा ऐसी अनूठी पहल की गई जिससे पिरूल अब अभिशाप नहीं, वरदान बन जाएगा। पाईन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 के अंतर्गत वर्तमान में 06 परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन गतिमान है। उत्तरकाशी में 25 लाख लागत की पिरूल से विद्युत उत्पादन की 25 केवी क्षमता की परियोजना प्रारंभ की। इस योजना से जंगल में लगने वाली आग से होने वाले नुकसान पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो गया है। वन महकमा वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह व मान्यता प्राप्त संस्था, व्यक्ति विशेष आदि के माध्यम से वन क्षेत्र में पिरूल एकत्र करने पर दो रुपये प्रति किलो भुगतान करेगा। प्रदेश के सभी जनपदों में 1-1 ग्राम को ऊर्जा दक्ष ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन किया गया।

क्वालिटी एजुकेशन
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़ने की शुरूआत की गई। राज्य के सभी 106 महाविद्यालयों एवं 05 विश्वविद्यालयों को इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रत्येक ब्लॉक में 2-2 अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में आधुनिक विज्ञान की प्रयोगशालाओं एवं सभी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। सभी अटल उत्कष्ट विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध होगी। इस वर्ष मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों के यूजी (ग्रेजुएशन) और पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन ) के टॉपर को प्रदेश सरकार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। अब तक छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय स्तर पर मेडल देकर पुरस्कृत किया जाता रहा है। लेकिन अब प्रदेश सरकार की ओर से मेधावी छात्र-छात्राओं को हर साल पुरस्कृत किया जाएगा।

धार्मिक आस्था का सम्मान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। इस निर्णय की सभी ने प्रशंसा की

पहाड़ी उत्पादों के लिए आनलाइन शाॅपिंग पोर्टल का राज्यमंत्री ने किया शुभारंभ

अब पहाड़ी उत्पादों को आॅनलाइन बुक 24 घंटे के भीतर प्राप्त कीजिए। जीहां, आज राज्यमंत्री (गन्ना एवं चीनी उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष) भगतराम कोठारी व गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजे नेगी ने शाॅपिग पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाॅटउत्तराखंडशाॅपिंगडाॅटइन का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर राज्यमंत्री भगतराम कोठारी ने कहा ऐसे ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल के माध्यम से हमारे पहाड़ी प्रोडक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा व लोगों को अपने ही घर पर आसानी से सामान उपलब्ध होगा।

इस अवसर पर कंपनी के संस्थापक पी एल भट्ट ने कहा पोर्टल का उद्देश्य जीरो कांटेक्ट डिलीवरी एवं ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से भी कम दाम में 24 घंटे के भीतर प्रोडक्ट उपलब्ध कराना, साथ ही पहाड़ी शॉपिंग के माध्यम से पहाड़ी दाल, झंगोरा, मंडुआ, बुराँश, माल्टा के जूस आदि वस्तुओं से उत्तराखंड की सांस्कृतिक एवं पौष्टिक व्यंजनों को अंतर्राष्ट्रीय पटल उपलब्ध कराकर, सम्पूर्ण विश्व तक इन उत्पादों को ले जाना है।

इस अवसर पर पोर्टल के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवराज कुमार, सह-संस्थापक मयंक भट्ट, गढ़वाल महासभा के प्रदेश महामंत्री उत्तम सिंह असवाल आदि उपस्थित थे।